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"साली रंडी अब मैं तुझे कुतिया की तरह चोदुँगा" विजय ने अपनी माँ को उलटा करने के बाद उसके मोटे चूतडों पर थप्पड़ मारते हुए अपना लंड एक ही झटके में पूरा जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया।
"आआह्ह्ह्ह बेटे धीरे मैं तो सारी ज़िंदगी तुम्हारी कुतिया बनकर रहने को तैयार हू" रेखा ने एक ही झटके में विजय का मोटा लंड पीछे से अपनी चूत में घूसने से सिसकते हुए कहा।
"साली कुतिया नखरे तो ऐसे कर रही हो जैसे पहली बार चुदवा रही हो" विजय ने अपनी माँ को वैसे ही बेदरदी से चोदते हुए कहा।
"यआह्ह्ह्ह बेटे कुतिया की चूत में गधे का लंड घुसाओगे तो उसकी गांड तो फटेगी" रेखा ने अपने बेटे की बात सुनकर ज़ोर से सिसकते हुए कहा ।
"साली मुझे गधा कहती हो लगता है तुम्हारी गांड फाड़नी ही पडेगी" अपनी माँ की बात सुनकर विजय का ध्यान पहली बार अपनी माँ की भूरी गांड की तरफ गया। जिसे देखते हुए उसका लंड ज्यादा फूलने लगा।
"बेटे तुम्हें क्या हो गया है तुम्हारा लंड अचानक इतना मोटा कैसे हो गया है" रेखा ने सिसकते हुए कहा
"साली रंडी इतनी गोरी गांड है कभी किसी से मरवाई भी है या ऐसे ही रखा हुआ है" विजय ने अपनी एक ऊँगली को अपने मुँह में डालकर थूक से गीला करते हुए अपनी माँ की गांड के छेद में ज़ोर से घुसाते हुए कहा।।
"उईई साले कुते मेरी चूत से मन नहीं भरा जो अपनी ऊँगली को मेरी गांड में डाल दिया" रेखा ने ज़िंदगी में सिर्फ एक दो बार गांड मरवाई थी अपने पति से । लेकिन उसको बुहत टाइम हो गया था इसीलिए अपने बेटे की ऊँगली के घुसते ही वह दर्द के मारे तडपते हुए बोली ।
"साली रंडी टाइट माल छुपा रखा है और अपनी खुली हुयी चूत मस्त होकर चुदवा रही हो" विजय ने वेसे ही अपनी ऊँगली अपनी माँ की चूत में घुसाए उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा । रेखा की गांड का दर्द कुछ ही देर में ग़ायब हो गया और वह मज़े की एक नयी दुनिया की सैर करते हुए अपने चूतडों को पीछे धकलते हुए अपने बेटे से चुदवाने लगी ।
"साली छिनाल मज़ा आ रहा है न अपने दोनों छेदो को भरा हुआ पाकर" विजय ने अपनी माँ की चूत को चोदते हुए अपनी ऊँगली को भी उसकी गांड में अंदर बाहर करने लगा।
"ओहहहहहह बेटे क्या आज मेरी जान ही ले लोगे क्या इसशहहह बुहत मज़ा आ रहा है ऐसे ही करते रहो" रेखा अपने दोनों छेदों में रगड पाते ही मज़े से सिसकते हुए बोली।
"आआह्ह्ह्ह बेटे धीरे मैं तो सारी ज़िंदगी तुम्हारी कुतिया बनकर रहने को तैयार हू" रेखा ने एक ही झटके में विजय का मोटा लंड पीछे से अपनी चूत में घूसने से सिसकते हुए कहा।
"साली कुतिया नखरे तो ऐसे कर रही हो जैसे पहली बार चुदवा रही हो" विजय ने अपनी माँ को वैसे ही बेदरदी से चोदते हुए कहा।
"यआह्ह्ह्ह बेटे कुतिया की चूत में गधे का लंड घुसाओगे तो उसकी गांड तो फटेगी" रेखा ने अपने बेटे की बात सुनकर ज़ोर से सिसकते हुए कहा ।
"साली मुझे गधा कहती हो लगता है तुम्हारी गांड फाड़नी ही पडेगी" अपनी माँ की बात सुनकर विजय का ध्यान पहली बार अपनी माँ की भूरी गांड की तरफ गया। जिसे देखते हुए उसका लंड ज्यादा फूलने लगा।
"बेटे तुम्हें क्या हो गया है तुम्हारा लंड अचानक इतना मोटा कैसे हो गया है" रेखा ने सिसकते हुए कहा
"साली रंडी इतनी गोरी गांड है कभी किसी से मरवाई भी है या ऐसे ही रखा हुआ है" विजय ने अपनी एक ऊँगली को अपने मुँह में डालकर थूक से गीला करते हुए अपनी माँ की गांड के छेद में ज़ोर से घुसाते हुए कहा।।
"उईई साले कुते मेरी चूत से मन नहीं भरा जो अपनी ऊँगली को मेरी गांड में डाल दिया" रेखा ने ज़िंदगी में सिर्फ एक दो बार गांड मरवाई थी अपने पति से । लेकिन उसको बुहत टाइम हो गया था इसीलिए अपने बेटे की ऊँगली के घुसते ही वह दर्द के मारे तडपते हुए बोली ।
"साली रंडी टाइट माल छुपा रखा है और अपनी खुली हुयी चूत मस्त होकर चुदवा रही हो" विजय ने वेसे ही अपनी ऊँगली अपनी माँ की चूत में घुसाए उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा । रेखा की गांड का दर्द कुछ ही देर में ग़ायब हो गया और वह मज़े की एक नयी दुनिया की सैर करते हुए अपने चूतडों को पीछे धकलते हुए अपने बेटे से चुदवाने लगी ।
"साली छिनाल मज़ा आ रहा है न अपने दोनों छेदो को भरा हुआ पाकर" विजय ने अपनी माँ की चूत को चोदते हुए अपनी ऊँगली को भी उसकी गांड में अंदर बाहर करने लगा।
"ओहहहहहह बेटे क्या आज मेरी जान ही ले लोगे क्या इसशहहह बुहत मज़ा आ रहा है ऐसे ही करते रहो" रेखा अपने दोनों छेदों में रगड पाते ही मज़े से सिसकते हुए बोली।