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अपडेट 59
रेखा अपने ससुर के लंड को चूमने के बाद अपनी जीभ निकालकर उसके गुलाबी सुपाडे को चाटने लगी । रेखा कुछ देर तक अपने ससुर के लंड के सुपाडे को चाटने के बाद अपनी जीभ से अपने ससुर के पूरे लंड को ऊपर से नीचे तक चाटने लगी।
"आह्ह्ह्ह कौन । अरे बेटी तुम कब आयी?" अनिल अपने लंड में हरकत होने पर अपनी आँखें मलकर उठते हुए बोला।
"बाबुजी में अभी आई हूँ अब आपकी तबीयत कैसी है" रेखा ने अपनी जीभ को अपने ससुर के लंड से हटाकर सीधा होते हुए कहा ।
रेखा की जीभ के चाटने से अनिल का लंड बिलकुल साफ़ होकर चमका रहा था।
"बेटी अब कुछ बेहतर महसूस कर रहा हू" अनिल ने रेखा को बाज़ू से खीचते हुए अपने ऊपर गिराते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह क्या हुआ बापु" रेखा सीधा अपने ससुर के ऊपर गिर गयी और उसकी चुचियां सीधा अनिल के सीने में दब गयी जिस वजह से उसने सिसकते हुए कहा।
"बेटी मुझे तेरा दूध पिए हुए बुहत दिन हो गये हैं। देखो कितना कमज़ोर हो गया हू" अनिल ने अपनी बहु की साड़ी का पल्लु हटाते हुए कहा और उसके ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी बहु की चुचियों के उभारों को चाटने लगा।
"आह्ह्ह्ह बापु आप इनका दूध पिएँ और जल्दी से ठीक हो जायें" रेखा ने अपने ब्लाउज को खोलकर ब्रा को अपनी चुचियों से नीचे करते हुए कहा ।
"बेटी तुम मेरा कितना ख्याल करती हो" अनिल ने यह कहते हुए अपनी बहु की एक चूचि को पकडकर अपने मूह में डाल दिया और उसे बुहत ज़ोर से चूसने लगा। रेखा का पूरा जिस्म अपने ससुर के मूह में अपनी चूचि के जाने से सिहरने लगा और उत्तेजना के मारे रेखा ने गरम होते हुए अपने हाथों से अपने पेटिकोट को अपने जिस्म से हटाकर अपनी पेंटी को भी नीचे सरका दिया।
रेखा की चूत से उत्तेजना के मारे पानी टपक रहा था।
"आहहहह बापु एक मींनट" रेखा ने अपनी चूचि को अपने ससुर के मूह से निकालकर अपनी टांगों को फ़ैलाकर अपने ससुर के खडे लंड पर बैठ गयी । अनिल का लंड उसकी बहु की चूत में सरकता हुआ पूरा घुस गया ।
"आह्ह्ह्ह बाबू जी" रेखा अपने ससुर का पूरा लंड घुसते ही ज़ोर से सिसकते हुए उसके ऊपर झुक गयी। अनिल अपनी बहु की चूत में अपना लंड घुसते ही उत्तेजित होते हुए रेखा के चुचियों को एक एक करके बुहत ज़ोर से चूसने लगा और अपने चूतडो को उछालकर अपनी बहु को चोदने लगा।
रेखा अपने ससुर के लंड को चूमने के बाद अपनी जीभ निकालकर उसके गुलाबी सुपाडे को चाटने लगी । रेखा कुछ देर तक अपने ससुर के लंड के सुपाडे को चाटने के बाद अपनी जीभ से अपने ससुर के पूरे लंड को ऊपर से नीचे तक चाटने लगी।
"आह्ह्ह्ह कौन । अरे बेटी तुम कब आयी?" अनिल अपने लंड में हरकत होने पर अपनी आँखें मलकर उठते हुए बोला।
"बाबुजी में अभी आई हूँ अब आपकी तबीयत कैसी है" रेखा ने अपनी जीभ को अपने ससुर के लंड से हटाकर सीधा होते हुए कहा ।
रेखा की जीभ के चाटने से अनिल का लंड बिलकुल साफ़ होकर चमका रहा था।
"बेटी अब कुछ बेहतर महसूस कर रहा हू" अनिल ने रेखा को बाज़ू से खीचते हुए अपने ऊपर गिराते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह क्या हुआ बापु" रेखा सीधा अपने ससुर के ऊपर गिर गयी और उसकी चुचियां सीधा अनिल के सीने में दब गयी जिस वजह से उसने सिसकते हुए कहा।
"बेटी मुझे तेरा दूध पिए हुए बुहत दिन हो गये हैं। देखो कितना कमज़ोर हो गया हू" अनिल ने अपनी बहु की साड़ी का पल्लु हटाते हुए कहा और उसके ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी बहु की चुचियों के उभारों को चाटने लगा।
"आह्ह्ह्ह बापु आप इनका दूध पिएँ और जल्दी से ठीक हो जायें" रेखा ने अपने ब्लाउज को खोलकर ब्रा को अपनी चुचियों से नीचे करते हुए कहा ।
"बेटी तुम मेरा कितना ख्याल करती हो" अनिल ने यह कहते हुए अपनी बहु की एक चूचि को पकडकर अपने मूह में डाल दिया और उसे बुहत ज़ोर से चूसने लगा। रेखा का पूरा जिस्म अपने ससुर के मूह में अपनी चूचि के जाने से सिहरने लगा और उत्तेजना के मारे रेखा ने गरम होते हुए अपने हाथों से अपने पेटिकोट को अपने जिस्म से हटाकर अपनी पेंटी को भी नीचे सरका दिया।
रेखा की चूत से उत्तेजना के मारे पानी टपक रहा था।
"आहहहह बापु एक मींनट" रेखा ने अपनी चूचि को अपने ससुर के मूह से निकालकर अपनी टांगों को फ़ैलाकर अपने ससुर के खडे लंड पर बैठ गयी । अनिल का लंड उसकी बहु की चूत में सरकता हुआ पूरा घुस गया ।
"आह्ह्ह्ह बाबू जी" रेखा अपने ससुर का पूरा लंड घुसते ही ज़ोर से सिसकते हुए उसके ऊपर झुक गयी। अनिल अपनी बहु की चूत में अपना लंड घुसते ही उत्तेजित होते हुए रेखा के चुचियों को एक एक करके बुहत ज़ोर से चूसने लगा और अपने चूतडो को उछालकर अपनी बहु को चोदने लगा।