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कंचन ने भी अब कोई विरोध नहीं किया और शावर के पानी से अपने पिता के साथ नहाने लगी । मुकेश ने नहाते हुए साबुन उठा लिया और अपनी बेटी की पीठ पर मलने लगा, मुकेश साबुन को कंचन के चिकने पीठ पर मलते हुए नीचे होते हुए उसके दोनों चूतडों तक आ गया और अपनी बेटी के दोनों नर्म चूतडों पर साबुन को मलते हुए उन्हें अपने दुसरे हाथ से दबाने लगा ।
"आआह्ह्ह पिता जी क्या कर रहे हो । बस साबुन लगा लिया ना" कंचन ने सिसकते हुए कहा।
"बेटी थोडा झुक जाओ तुम्हारा हाथ इधर नहीं पुहंच पाता। इसीलिए यहाँ पर थोड़ी गंदगी है मैं इसे साफ़ कर देता हुँ" मुकेश ने अपनी ऊँगली को कंचन के गांड के बीच फिराते हुए कहा ।
"ओहहहहह पिता जी" कंचन ने थोडा झुकते हुए सिसककर कहा । मुकेश अब साबुन को अपनी बेटी के गांड के छेद से नीचे ले जाकर उसकी चूत तक मलने लगा। मुकेश के ऐसा करने से कंचन के मुँह से ज़ोर की सिसकियाँ निकल रही थी । मुकेश थोडी देर तक अपनी बेटी के चूतडों को सही तरीके से साफ़ करने के बाद उठकर खडा हो गया ।
मुकेश अब साबुन को अपनी बेटी की दोनों बड़ी बड़ी गोरी चुचियों पर मलने लगा । मुकेश साबुन को अपनी बेटी की चुचियों पर मलते हुए उन्हें अपने हाथ से भी दबा रहा था।
"आजहहहह पिता जी क्या कर रहें हैं आप" मुकेश के ऐसा करने से कंचन के मुँह से बुहत ज़ोर की सिस्कियाँ निकल रही थी, मुकेश अब साबुन को कंचन के चिकने गोरे पेट पर मलते हुए नीचे ले जाने लगा ।
मुकेश का हाथ अब उसकी बेटी की चूत की हलकी झाँटों तक आ गया था । कंचन ने मज़े के मारे अपनी आँखें बंद कर दी थी । वह अपने पिता की हरक़तों से बुहत ज्यादा गरम हो चुकी थी, मुकेश अब साबुन को अपनी बेटी की चूत पर मल रहा था और कंचन मज़े से सिसक रही थी ।
मुकेश ने कुछ देर तक अपनी बेटी की चूत को साबुन से साफ़ करने के बाद साबुन को नीचे रख दिया और कंचन की चूत को गौर से देखते हुए अपने होंठो को उसकी चूत पर रख दिया।
"ओहहहहहह पिताजी क्या कर दिया आपने" अपने पिता के होंठो को अचानक अपनी चूत पर महसूस करते ही कंचन ने ज़ोर से सिसकते हुए कहा ।
"आआह्ह्ह पिता जी क्या कर रहे हो । बस साबुन लगा लिया ना" कंचन ने सिसकते हुए कहा।
"बेटी थोडा झुक जाओ तुम्हारा हाथ इधर नहीं पुहंच पाता। इसीलिए यहाँ पर थोड़ी गंदगी है मैं इसे साफ़ कर देता हुँ" मुकेश ने अपनी ऊँगली को कंचन के गांड के बीच फिराते हुए कहा ।
"ओहहहहह पिता जी" कंचन ने थोडा झुकते हुए सिसककर कहा । मुकेश अब साबुन को अपनी बेटी के गांड के छेद से नीचे ले जाकर उसकी चूत तक मलने लगा। मुकेश के ऐसा करने से कंचन के मुँह से ज़ोर की सिसकियाँ निकल रही थी । मुकेश थोडी देर तक अपनी बेटी के चूतडों को सही तरीके से साफ़ करने के बाद उठकर खडा हो गया ।
मुकेश अब साबुन को अपनी बेटी की दोनों बड़ी बड़ी गोरी चुचियों पर मलने लगा । मुकेश साबुन को अपनी बेटी की चुचियों पर मलते हुए उन्हें अपने हाथ से भी दबा रहा था।
"आजहहहह पिता जी क्या कर रहें हैं आप" मुकेश के ऐसा करने से कंचन के मुँह से बुहत ज़ोर की सिस्कियाँ निकल रही थी, मुकेश अब साबुन को कंचन के चिकने गोरे पेट पर मलते हुए नीचे ले जाने लगा ।
मुकेश का हाथ अब उसकी बेटी की चूत की हलकी झाँटों तक आ गया था । कंचन ने मज़े के मारे अपनी आँखें बंद कर दी थी । वह अपने पिता की हरक़तों से बुहत ज्यादा गरम हो चुकी थी, मुकेश अब साबुन को अपनी बेटी की चूत पर मल रहा था और कंचन मज़े से सिसक रही थी ।
मुकेश ने कुछ देर तक अपनी बेटी की चूत को साबुन से साफ़ करने के बाद साबुन को नीचे रख दिया और कंचन की चूत को गौर से देखते हुए अपने होंठो को उसकी चूत पर रख दिया।
"ओहहहहहह पिताजी क्या कर दिया आपने" अपने पिता के होंठो को अचानक अपनी चूत पर महसूस करते ही कंचन ने ज़ोर से सिसकते हुए कहा ।