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शीला की पेंटी तो उसके चूत के पानी से पहले ही गीली हो चुकी थी। मगर अब उस शख्स का हाथ अपनी चूत पर लगते ही शीला का पेटिकोट भी उसके चूत के पानी से गीला होने लगा और उस आदमी का हाथ भी उसकी चूत के पानी से गीला होने लगा ।
चशमु का लंड अपने हाथ पर शीला की चूत का पानी महसूस करके और ज्यादा मोटा और गरम होकर झटके खाने लगा । शीला का हाथ उसके लंड को पकडे हुए आगे पीछे कर रहा था, शीला उस लंड को बिना देखे ही अपने हाथ में लेकर यह जान चुकी थी की उस शख्स का लंड बुहत मोटा और लम्बा है ।
विजय भी सब कुछ देख रहा था जब से उस शख्स का हाथ शीला की चूत की तरफ गया था तब से शीला के हाथ की पकड उसके लंड पर मज़बूत हो गई थी और वह उत्तेजना के मारे बुहत ज़ोर से विजय और उस चश्मू के लन्डों को आगे पीछे कर रही थी ।
विजय भी झरने के क़रीब आ चुका था इसीलिए उसने अपने एक हाथ से शीला की चूचि को पकड लिया । और साड़ी के ऊपर से ही उसे सहलाने लगा । शीला का भी उत्तेजना के मारे बुरा हाल था।उसकी साँसें बुहत ज़ोर से चल रही थी वह किसी भी वक्त झड़ सकती थी इसीलिए उसका हाथ दोनों लन्डों पर बुहत ज़ोर से चल रहा था ।
अचानक उस शख्स के हाथ की रगड शीला की चूत पर तेज़ हो गई और उसका लंड भी ज्यादा कड़क हो गया । शीला समझ गयी की वह झरने वाला है इसीलिए वह जीतनी तेज़ी के साथ उसके लंड को सहला सकती थी सहलाने लगी, विजय का हाथ भी अब शीला की चूचि पर ज़ोर से चलने लगा क्योंकी वह भी झडने वाला था।
शीला ने भी अब मज़े से अपनी आँखें बंद कर ली थी क्योंकी उसके पेटिकोट और पेंटी के गीले होने की वजह से उस चश्मू का हाथ उसे अब सीधा अपनी चूत पर लगता हुआ महसूस हो रहा था।
"आआह्ह्ह मैडम" अचानक पीछे खडे शख्स ने अपना मुँह शीला के कान से सटाकर हलकी आह्ह्ह भरते हुए कहा और उसका हाथ शीला की चूत पर बुहत तेज़ी के साथ चलने लगा । शीला ने महसूस किया की उसके हाथ में कोई गरम चीज़ गिर रही है वह समझ गयी की वह शख्स झड़ चूका है ।
चशमु का लंड अपने हाथ पर शीला की चूत का पानी महसूस करके और ज्यादा मोटा और गरम होकर झटके खाने लगा । शीला का हाथ उसके लंड को पकडे हुए आगे पीछे कर रहा था, शीला उस लंड को बिना देखे ही अपने हाथ में लेकर यह जान चुकी थी की उस शख्स का लंड बुहत मोटा और लम्बा है ।
विजय भी सब कुछ देख रहा था जब से उस शख्स का हाथ शीला की चूत की तरफ गया था तब से शीला के हाथ की पकड उसके लंड पर मज़बूत हो गई थी और वह उत्तेजना के मारे बुहत ज़ोर से विजय और उस चश्मू के लन्डों को आगे पीछे कर रही थी ।
विजय भी झरने के क़रीब आ चुका था इसीलिए उसने अपने एक हाथ से शीला की चूचि को पकड लिया । और साड़ी के ऊपर से ही उसे सहलाने लगा । शीला का भी उत्तेजना के मारे बुरा हाल था।उसकी साँसें बुहत ज़ोर से चल रही थी वह किसी भी वक्त झड़ सकती थी इसीलिए उसका हाथ दोनों लन्डों पर बुहत ज़ोर से चल रहा था ।
अचानक उस शख्स के हाथ की रगड शीला की चूत पर तेज़ हो गई और उसका लंड भी ज्यादा कड़क हो गया । शीला समझ गयी की वह झरने वाला है इसीलिए वह जीतनी तेज़ी के साथ उसके लंड को सहला सकती थी सहलाने लगी, विजय का हाथ भी अब शीला की चूचि पर ज़ोर से चलने लगा क्योंकी वह भी झडने वाला था।
शीला ने भी अब मज़े से अपनी आँखें बंद कर ली थी क्योंकी उसके पेटिकोट और पेंटी के गीले होने की वजह से उस चश्मू का हाथ उसे अब सीधा अपनी चूत पर लगता हुआ महसूस हो रहा था।
"आआह्ह्ह मैडम" अचानक पीछे खडे शख्स ने अपना मुँह शीला के कान से सटाकर हलकी आह्ह्ह भरते हुए कहा और उसका हाथ शीला की चूत पर बुहत तेज़ी के साथ चलने लगा । शीला ने महसूस किया की उसके हाथ में कोई गरम चीज़ गिर रही है वह समझ गयी की वह शख्स झड़ चूका है ।