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नीलम रसोई के फर्श पर ही दीवार का सहारा लेकर बैठ गयी… वो अपने ससुर के सामने नहीं जाना चाहती थी, बेचारी थक चुकी थी, कब उसकी आँख लग गयी, उसे पता ही चला।
वो लगभग एक घण्टे तक सोती रही और ऑफिस बॉय ने जब डोरबेल बजाई तो उसकी आँख खुली। नीलम बड़ी मुश्किल से दीवार का सहारा लेकर खड़ी हो सकी किसी तरह उसने टिफिन उठाया और दरवाजा खोल के उसको टिफिन दे दिया और दरवाजा बंद कर दरवाजे के सहारा लेकर ही खड़ी हो गयी क्योंकि चल पाने की शक्ति अब उसमें नही थी।
“नहीं…” अचानक अपने सामने महेश को देखकर वो चिल्लाई… और जैसे हिरण शिकार होने से पहले पूरी ताकत लगा कर शेर से दूर भागता है वो भी भागने लगी।
महेश उसके पीछे भागा… वो लॉबी में सोफ़े के दाईं तरफ होती महेश बायीं तरफ से उसका रास्ता रोक लेता.
“बहू क्यों डर रही है… चल आ मेरे पास!” महेश उसे बहलाने के लिए कहता।
वो बाईं तरफ होती तो दिनेश दाईं तरफ से सामने आ जाता…नीलम छत की सीढ़ियों की तरफ भागी, वो लॉबी के उत्तरी कोने से ऊपर जाती थीं… महेश उसके पीछे भागा… उसने अपने शिकार को पकड़ने के हाथ आगे किया. नीलम तो बच गई पर उसकी मैक्सी महेश के हाथ में आ गयी और फट गयी. वो नंगी ही सीढ़ियों की और भागी और सीढ़ियों पे चढ़ने में कामयाब हो गयी।
महेश सीढ़ियों के नीचे आते हुए- बहू नंगी ही छत पे जाओगी क्या?
नीलम अपने नंगे बदन को देखते हुए- पिताजी, प्लीज आज और मत करो, मैं और सहन नहीं कर पाऊँगी।
महेश- पहले तो शायद तुझे छोड़ देता पर अब जितना भगाया है तूने उसका हर्जाना तो भरना ही होगा न? अब तू नीचे आएगी या मैं ऊपर आऊँ पर अगर मैं ऊपर आया तो…
नीलम(नीचे उतरते हुए वो जानती थी इनके इलावा उसके पास कोई चारा नहीं है)- सॉरी पिताजी आपका लन्ड देख कर डर गई थी मैं प्लीज जाने दो न मुझे।
महेश(नीलम को पकड़ते हुए)- तुझे मजा नहीं आया क्या बेटी। बोल?
नीलम- नहीं पिताजी, आपने आज मेरे साथ जोर आजमाइश की है.
महेश नीलम की चूत में उंगली घुसाते हुए बोला- तू भी तो लन्ड लेना चाहती थी मेरा।
नीलम को उंगली का अंदर बाहर होना अच्छा लग रहा था पर वो खुद को रोक रही थी वह बोली- यह झूठ है।
महेश ने उसे सीढ़ियों की ग्रिल के सहारे झुका लिया और अपना लन्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा- अगर झूठ है तो तू मेरे लन्ड को देख कर उंगली क्यों कर रही थी?
नीलम- नही… आह… आह… ओह… माँ… प्लीज पिताजी रुक जाओ।मेरी चूत में दर्द हो रहा है।
महेश- झूठ मत बोल बेटी… तेरी आवाज़ बता रही है कि तुझे अभी भी लन्ड चाहिए… तू चाहे न कहे पर तेरी ये चाहत मैं पूरी करूँगा।
उसने नीलम की चूत पर लन्ड रगड़ते हुए कहा और एक जोरदार झटके से अपना लन्ड बहु की चूत में पेल दिया।
वो लगभग एक घण्टे तक सोती रही और ऑफिस बॉय ने जब डोरबेल बजाई तो उसकी आँख खुली। नीलम बड़ी मुश्किल से दीवार का सहारा लेकर खड़ी हो सकी किसी तरह उसने टिफिन उठाया और दरवाजा खोल के उसको टिफिन दे दिया और दरवाजा बंद कर दरवाजे के सहारा लेकर ही खड़ी हो गयी क्योंकि चल पाने की शक्ति अब उसमें नही थी।
“नहीं…” अचानक अपने सामने महेश को देखकर वो चिल्लाई… और जैसे हिरण शिकार होने से पहले पूरी ताकत लगा कर शेर से दूर भागता है वो भी भागने लगी।
महेश उसके पीछे भागा… वो लॉबी में सोफ़े के दाईं तरफ होती महेश बायीं तरफ से उसका रास्ता रोक लेता.
“बहू क्यों डर रही है… चल आ मेरे पास!” महेश उसे बहलाने के लिए कहता।
वो बाईं तरफ होती तो दिनेश दाईं तरफ से सामने आ जाता…नीलम छत की सीढ़ियों की तरफ भागी, वो लॉबी के उत्तरी कोने से ऊपर जाती थीं… महेश उसके पीछे भागा… उसने अपने शिकार को पकड़ने के हाथ आगे किया. नीलम तो बच गई पर उसकी मैक्सी महेश के हाथ में आ गयी और फट गयी. वो नंगी ही सीढ़ियों की और भागी और सीढ़ियों पे चढ़ने में कामयाब हो गयी।
महेश सीढ़ियों के नीचे आते हुए- बहू नंगी ही छत पे जाओगी क्या?
नीलम अपने नंगे बदन को देखते हुए- पिताजी, प्लीज आज और मत करो, मैं और सहन नहीं कर पाऊँगी।
महेश- पहले तो शायद तुझे छोड़ देता पर अब जितना भगाया है तूने उसका हर्जाना तो भरना ही होगा न? अब तू नीचे आएगी या मैं ऊपर आऊँ पर अगर मैं ऊपर आया तो…
नीलम(नीचे उतरते हुए वो जानती थी इनके इलावा उसके पास कोई चारा नहीं है)- सॉरी पिताजी आपका लन्ड देख कर डर गई थी मैं प्लीज जाने दो न मुझे।
महेश(नीलम को पकड़ते हुए)- तुझे मजा नहीं आया क्या बेटी। बोल?
नीलम- नहीं पिताजी, आपने आज मेरे साथ जोर आजमाइश की है.
महेश नीलम की चूत में उंगली घुसाते हुए बोला- तू भी तो लन्ड लेना चाहती थी मेरा।
नीलम को उंगली का अंदर बाहर होना अच्छा लग रहा था पर वो खुद को रोक रही थी वह बोली- यह झूठ है।
महेश ने उसे सीढ़ियों की ग्रिल के सहारे झुका लिया और अपना लन्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा- अगर झूठ है तो तू मेरे लन्ड को देख कर उंगली क्यों कर रही थी?
नीलम- नही… आह… आह… ओह… माँ… प्लीज पिताजी रुक जाओ।मेरी चूत में दर्द हो रहा है।
महेश- झूठ मत बोल बेटी… तेरी आवाज़ बता रही है कि तुझे अभी भी लन्ड चाहिए… तू चाहे न कहे पर तेरी ये चाहत मैं पूरी करूँगा।
उसने नीलम की चूत पर लन्ड रगड़ते हुए कहा और एक जोरदार झटके से अपना लन्ड बहु की चूत में पेल दिया।