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दादाजी कंचन के उपर लेटे हुए थे और अपना लंड और आगे धकेलने की कोशिश कर रहे थे, पर कंचन की गांड इतनी टाइट थी कि उनका लंड अभी भी सिर्फ़ 8 इंच तक ही अंदर गया था. ज़ोर लगाके दादाजी का सारा शरीर पसीने से गीला हो गया था.कंचन भी पसीने से लतपथ हो गयी थी.
दादाजी ने अब अपना लंड लगभग पूरा बाहर निकाल के फिर से ढेर सारा क्रीम कंचन की गांड और अपने लंड पर लगा दिया और फिर से पूरे ज़ोर से धक्का मारा. इस बार उनका लंड फिर से 8 इंच कंचन की गान्ड में घुस गया.
कंचन चिल्ला चिल्ला कर अपने दादाजी के नीचे छटपटा रही थी. दादाजी को कंचन की हालत देख और मज़ा आ रहा था. उसका लंड अभी सिर्फ़ 8 इंच तक ही कंचन की गान्ड में घुसा था. दादाजी ने अब अपना लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया. दादाजी अपना लंड लगभग पूरा बाहर निकालते और फिर 8 इंच तक अंदर घुसेड देते. कंचन की गान्ड का छेद इतना टाइट था कि हर बार जब दादाजी अपना लंड बाहर लेते तो छेद फिर से सिकुड जाता और दादाजी को अपना लंड अंदर घुसेड़ने में ज़ोर लगाना पड़ता.कंचन की टाइट गान्ड से दादाजी को मज़ा आ रहा था. कुछ देर दादाजी ने कंचन की गान्ड को ऐसे ही 8 इंच तक चोदा पर अब उनसे सबर नही हो रहा था.
उन्होंने अब एक तगड़ा धक्का लगा के अपना पूरा 9 इंच का मोटा लंड कंचन की गान्ड में घुसेड दिया. ‘आआआआहह… आआआआआअहह.’
दादाजी ने अपना पूरा लंड कंचन की गान्ड के अंदर घुसा के रखा और ज़ोर से उसके बाल पकड़ के खीच दिए. फिर धीरे धीरे उन्होंने कंचन की गान्ड की चुदाई शुरू की. पूरा 9 इंच का गरम लौडा अब अंदर-बाहर होने लगा. हरेक बार जब वो अपना लंड अंदर धकेलते कंचन पूरा बदन आगे की ओर सरकने लगता और दादाजी कंचन के बाल खीच उसे सरकने से रोक लेते. इतनी टाइट गान्ड को चोद के दादाजी को बहुत मज़ा आ रहा था और वो बहुत उत्तेजित हो गये थे.
कुछ देर की गांड चुदाई में अब कंचन को धीरे धीरे मज़ा आने लगा।अब कंचन भी अपनी गांड उठाकर अपने दादा से जोर-जोर से चुदवा रही थी उसके दादा जी अपना लंड को कंचन के गांड में जड़ तक पेल रहे थे।
दादाजी ने अब अपना लंड लगभग पूरा बाहर निकाल के फिर से ढेर सारा क्रीम कंचन की गांड और अपने लंड पर लगा दिया और फिर से पूरे ज़ोर से धक्का मारा. इस बार उनका लंड फिर से 8 इंच कंचन की गान्ड में घुस गया.
कंचन चिल्ला चिल्ला कर अपने दादाजी के नीचे छटपटा रही थी. दादाजी को कंचन की हालत देख और मज़ा आ रहा था. उसका लंड अभी सिर्फ़ 8 इंच तक ही कंचन की गान्ड में घुसा था. दादाजी ने अब अपना लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया. दादाजी अपना लंड लगभग पूरा बाहर निकालते और फिर 8 इंच तक अंदर घुसेड देते. कंचन की गान्ड का छेद इतना टाइट था कि हर बार जब दादाजी अपना लंड बाहर लेते तो छेद फिर से सिकुड जाता और दादाजी को अपना लंड अंदर घुसेड़ने में ज़ोर लगाना पड़ता.कंचन की टाइट गान्ड से दादाजी को मज़ा आ रहा था. कुछ देर दादाजी ने कंचन की गान्ड को ऐसे ही 8 इंच तक चोदा पर अब उनसे सबर नही हो रहा था.
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दादाजी ने अपना पूरा लंड कंचन की गान्ड के अंदर घुसा के रखा और ज़ोर से उसके बाल पकड़ के खीच दिए. फिर धीरे धीरे उन्होंने कंचन की गान्ड की चुदाई शुरू की. पूरा 9 इंच का गरम लौडा अब अंदर-बाहर होने लगा. हरेक बार जब वो अपना लंड अंदर धकेलते कंचन पूरा बदन आगे की ओर सरकने लगता और दादाजी कंचन के बाल खीच उसे सरकने से रोक लेते. इतनी टाइट गान्ड को चोद के दादाजी को बहुत मज़ा आ रहा था और वो बहुत उत्तेजित हो गये थे.
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