- 6,186
- 48,556
- 219
कॉंटॅक्ट सटीक होने से निकुंज नर्वस हो गया ..लेकिन मर्द को दर्द नही होता ..ये सोच कर उसने खुद को मजबूत किया और तनवी की आँखों मे देखता रहा
" मुझे पॉर्न देख कर मास्टरबेट करना पसंद है ..खाना बनाना नही आता लेकिन खाना आता है आंड हां ..छोड़ो आज के लिए इतना ही काफ़ी है "
तनवी ने जवाब दिया और निकुंज की गान्ड धुआ ले गयी ..उसे थास्का आया और ज़ोरो से ख़ासने लगा ..तनवी समझ गयी कि तीर निशाने पर लगा है
" लीजिए पानी पी लीजिए "
तनवी ने उसके हाथ मे ग्लास देते हुए कहा ..निकुंज की नज़रें नीचे झुक कर टेबल पर बिछे डिज़ाइन क्लॉत पर जम गयी
वहीं अपने बेटे की इस हालत से दीप की भी गान्ड फट गयी उसे लगा जैसे तनवी ने निकुंज को बता दिया हो कि उसने ' बेटे के बाप का लंड चूसा था '
" भगवान ये तू क्या पंगे कर रहा है ..बख़्श दे मेरे परिवार को ..सारी सज़ा मैं भुगतने को तैयार हूँ "
दीप ऊपरवाले से दुआ करने लगा
काफ़ी देर तक जब निकुंज शांत रहा तो तनवी खिल - खिला कर हंस दी
" आइ'म किडिंग ..होप यू डोंट माइंड "
निकुंज को तो काटो खून नही ..वो कभी पानी के ग्लास मे होती हलचल देखता और कभी शैतानी से भरा तनवी का चेहरा
" इट्स ओके ..बट तुम्हारा अंदाज़ बड़ा स्ट्रेंज है "
वो इतना ही बोल पाया कि तनवी ने उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया
" निकुंज मैं तुमसे शादी करने को तैयार हूँ लेकिन ज़रूरी नही तुम्हारी भी हां हो ..बट ये लाइफ सिर्फ़ एक बार मिलती है तो क्यों ना इसे खुल कर जिया जाए ..तुम समझ रहे होगे मैं किसी स्लट टाइप की औरत की तरह बातें करती हूँ ..लेकिन मानो या ना मानो मैं हर वक़्त दूसरो को खुश देखना चाहती हूँ ..भले मुझे तकलीफ़ मे रहना पड़े पर मेरे साथ जुड़े लोग सुकून भरी नींद सोएँ "
इतना बोल कर तनवी ने सॅड सा फेस बना लिया ..निकुंज ने उसके झुके चेहरे को उसकी चिन से पकड़ कर अपने हाथ से ऊपर उठाया और मुस्कुरा कर अपने दिल की बात कह दी
" मुझे तुम मंज़ूर हो ..चाहे जीत अंकल की मर्ज़ी हो या ना हो ..उठा कर ले जाउन्गा घर से "
तनवी ऐसे अपनी नज़रें चुराने लगी जैसे शरमाहट की गंगा उसके चेहरे से ही बह कर निकली हो
वहीं दीप उठा और दूसरे गेट से रेस्टोरेंट के बाहर निकल गया सिर्फ़ एक शब्द के साथ ' सत्यानाश ' ....
क्रमशः...........................
" मुझे पॉर्न देख कर मास्टरबेट करना पसंद है ..खाना बनाना नही आता लेकिन खाना आता है आंड हां ..छोड़ो आज के लिए इतना ही काफ़ी है "
तनवी ने जवाब दिया और निकुंज की गान्ड धुआ ले गयी ..उसे थास्का आया और ज़ोरो से ख़ासने लगा ..तनवी समझ गयी कि तीर निशाने पर लगा है
" लीजिए पानी पी लीजिए "
तनवी ने उसके हाथ मे ग्लास देते हुए कहा ..निकुंज की नज़रें नीचे झुक कर टेबल पर बिछे डिज़ाइन क्लॉत पर जम गयी
वहीं अपने बेटे की इस हालत से दीप की भी गान्ड फट गयी उसे लगा जैसे तनवी ने निकुंज को बता दिया हो कि उसने ' बेटे के बाप का लंड चूसा था '
" भगवान ये तू क्या पंगे कर रहा है ..बख़्श दे मेरे परिवार को ..सारी सज़ा मैं भुगतने को तैयार हूँ "
दीप ऊपरवाले से दुआ करने लगा
काफ़ी देर तक जब निकुंज शांत रहा तो तनवी खिल - खिला कर हंस दी
" आइ'म किडिंग ..होप यू डोंट माइंड "
निकुंज को तो काटो खून नही ..वो कभी पानी के ग्लास मे होती हलचल देखता और कभी शैतानी से भरा तनवी का चेहरा
" इट्स ओके ..बट तुम्हारा अंदाज़ बड़ा स्ट्रेंज है "
वो इतना ही बोल पाया कि तनवी ने उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया
" निकुंज मैं तुमसे शादी करने को तैयार हूँ लेकिन ज़रूरी नही तुम्हारी भी हां हो ..बट ये लाइफ सिर्फ़ एक बार मिलती है तो क्यों ना इसे खुल कर जिया जाए ..तुम समझ रहे होगे मैं किसी स्लट टाइप की औरत की तरह बातें करती हूँ ..लेकिन मानो या ना मानो मैं हर वक़्त दूसरो को खुश देखना चाहती हूँ ..भले मुझे तकलीफ़ मे रहना पड़े पर मेरे साथ जुड़े लोग सुकून भरी नींद सोएँ "
इतना बोल कर तनवी ने सॅड सा फेस बना लिया ..निकुंज ने उसके झुके चेहरे को उसकी चिन से पकड़ कर अपने हाथ से ऊपर उठाया और मुस्कुरा कर अपने दिल की बात कह दी
" मुझे तुम मंज़ूर हो ..चाहे जीत अंकल की मर्ज़ी हो या ना हो ..उठा कर ले जाउन्गा घर से "
तनवी ऐसे अपनी नज़रें चुराने लगी जैसे शरमाहट की गंगा उसके चेहरे से ही बह कर निकली हो
वहीं दीप उठा और दूसरे गेट से रेस्टोरेंट के बाहर निकल गया सिर्फ़ एक शब्द के साथ ' सत्यानाश ' ....
क्रमशः...........................