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" आआआआआआआईईईईईईईईईईईईई........ "
तन्वी की चीख से पूरा बेडरूम गूंजा और उसके फिसलने से जीत अपने आप ही बेड पर लेट गया
सुपाड़े ने छेद को चीर दिया था और तन्वी दर्द से बेहाल बेड से उठने की कोशिश करने लगी ..तभी उसके बूब्स को पकड़ कर जीत ने पूरी ताक़त से मसलने शुरू कर दिये
" घबरा मत और मुझे किस कर "
जीत ने उसकी चूचियों को दबाते हुये कहा ..तन्वी मूँह से फूक मार रही थी और उसकी आँखों से आँसुओ की धार बहने लगी
" ड ..ड ..ड ..मुझे छोड़ दो ..मैं सह नहीं पाऊँगी..बहुत दर्द हो रहा है "
कांपते हुये तन्वी बिलख पड़ी ..जीत ने अपना चेहरा ऊपर उठाते हुये उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया ..ऐक्चुअली यहाँ हालत जीत की भी खराब थी ..सूपाडा टाइट आस होल मे फस्स चुका था ..पिच्छले 5 सालो से ना तो उसे कोई चूत नसीब हुई थी ना ही गांड़ ..आज नहीं तो कभी नहीं ..ऐसा विचार कर उसने तन्वी को उठने नहीं दिया और उसका दर्द काम करने के उपाए शुरू कर दिये
लगातार बूब्स पर मसलन और किस से तन्वी का माइंड थोड़ी देर के लिये अपने दर्द पर से हट सा गया ..नीचे हाथ ले जा कर वो अपनी चूत का भंगुर छेड़ने लगी
" रिलॅक्स बेटा ..कुछ नहीं होगा तुझे "
जीत ने अपनी बात कहने के लिये उसके होंठो को आज़ाद किया और ज़ोर लगा कर एक और शॉट मारा ..तन्वी इस बार फिर चीखी लेकिन उसकी चीख जीत के मूँह मे घुट कर बाहर नहीं निकल पायी ..लंड आधा छेदके अंदर पहुच गया और जीत ने इसके आगे कोई हलचल नहीं की ..करवट दिला कर उसने तन्वी की एक टांग हवा मे उठा कर जड़ की घाटी को चौड़ा कर दिया ..इस पोज़िशन मे तन्वी को काफी रिलॅक्स मेहसूस हुआ और वो किस मे जीत का साथ देने लगी
काफी देर तक ऐसे ही शांत लेटे रेहने के बाद जीत ने उसे बेड पलटा दिया और खुद उसकी पीठ पर लेट गया ..हल्के दर्द की खुमारी तन्वी के चेहरे पर अभी भी बनी हुई थी
" डॅड बहुत हुआ ..नाउ लीव मी "
तन्वी ने अपना फेस मोड कर कहा और जीत धीरे - धीरे अपनी कमर हिला कर आधे लंड को अंदर बाहर करने लगा
" मैं आगे कुछ नहीं करूंगा ..तू चिंता मत कर "
जीत ने लंड सुपाड़े तक बाहर खेच कर वापस अंदर कर दिया ..तन्वी की आह सिसकियों मे बदलते देख जीत को चैन मिला ..उसके नीचे दबी होने से तन्वी बिल्कुल भी हिल डुल नहीं सकती थी
जीत अपना एक हाथ उसके बूब से हटा कर चूत पर ले आया ..गीला पन मेहसूस कर वो जान गया कि अब उसकी बेटी दर्द से पूरी तरह आज़ाद हो चुकी है और यही वो वक़्त है जब पूरा लंड आस होल मे घुसाया जा सकता था ..हाथ से उसने चूतड़ो को थामते हुये हल्के - हल्के शॉट जारी रखे और मदहोशी की खुमारी से तन्वी की आँखें बंद हो गयी
" बेटा कल हम निकुंज के घर चलेंगे ..तेरे उस चुड़क्कड़ सरूर से भी मिल लेंगे "
माहोल इस तरह से बदल कर जीत ने पूरा लंड छेद से बाहर खीचा और तन्वी को घुटनो पर लाते हुये अपना आखिरी वार कर दिया
" आहहहहहहह्ह..... डॅड प्लीज़ मान जाओ ..मेरी गांड़ फाड़ दी है आप ने "
तन्वी की बात सुन कर जीत मुस्कुरा दिया
" देख क्या कह रही थी नहीं होगा ..पूरा लंड छेद के अंदर है ..बहुत सह लिया तूने अब मज़े ले "
जीत ने चूत को अपनी मुट्ठी मे कसा और ताबड़ तोड़ धक्के देने लगा ..पनियाई उभरी कुंवारी चूत से रस की फुहार निकल रही थी ..तन्वी का दर्द वाकई मज़े मे बदल गया और वो खुद भी अपनी गांड़ को हर झटके के साथ पीछे धकेलने लगती ..ताकि लंड की चोट उसे जड़ तक महसूस हो सके
" डॅड थोड़ा तेज़ करो ना ..आइ मीन अब दर्द नहीं हो रहा "
तन्वी का चेहरा खिल उठा ..उसकी गांड़ मे खुजली मचने लगी और जीत ने हॅसते हुये धक्को की स्पीड बढ़ा दी ..लेकिन कुछ देर बाद वो बिल्कुल शांत हो गया
" मेरी एक शर्त है ..पूरी होगी तभी आगे स्ट्रोक मारूँगा "
जीत ने अपनी बात कही
" मैं आप की हर शर्त मानूँगी लेकिन अभी मत रुको "
तन्वी सीत्कार करने लगी ..उसकी ऐसी हालत देख जीत फिर मुस्कुराया और वापस धक्के देना शुरू कर दिये
10 - 12 गेहरे धक्के देने के बाद जीत को एहसास हो गया कि वो अब झाड़ने वाला है ..चूत की फांके कुरेदने से तन्वी भी अपने दूसरे ऑर्गॅज़म के नज़दीक थी
" डॅड मैं गयी "
तन्वी ने अपनी गांड़ पूरी ताक़त से पीच्छे धकेली और उसकी चूत से गरम फव्वारा छूटने लगा ..जीत का कंट्रोल भी खतम हो गया और अट लास्ट उसके वीर्य ने तन्वी का आस होल भर दिया ..जीत ने तुरंत लंड बाहर खीचा और उसकी पीठ पर अपना बाकी का लावा छोड़ने लगा
" अहहहहहह्ह........ "
दोनो की आहें भी ताल से ताल मिला रही थी ..लंड छेद से बाहर निकालते ही उसके अंदर भरा स्पर्म तन्वी की चूत की लकीर को भिगोता हुआ बेड शीट पर टपकने लगा
तन्वी अपनी टांगे सीधी कर बेड पर लेट गयी और उसके ऊपर जीत भी ढेर हो गया
तन्वी की चीख से पूरा बेडरूम गूंजा और उसके फिसलने से जीत अपने आप ही बेड पर लेट गया
सुपाड़े ने छेद को चीर दिया था और तन्वी दर्द से बेहाल बेड से उठने की कोशिश करने लगी ..तभी उसके बूब्स को पकड़ कर जीत ने पूरी ताक़त से मसलने शुरू कर दिये
" घबरा मत और मुझे किस कर "
जीत ने उसकी चूचियों को दबाते हुये कहा ..तन्वी मूँह से फूक मार रही थी और उसकी आँखों से आँसुओ की धार बहने लगी
" ड ..ड ..ड ..मुझे छोड़ दो ..मैं सह नहीं पाऊँगी..बहुत दर्द हो रहा है "
कांपते हुये तन्वी बिलख पड़ी ..जीत ने अपना चेहरा ऊपर उठाते हुये उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया ..ऐक्चुअली यहाँ हालत जीत की भी खराब थी ..सूपाडा टाइट आस होल मे फस्स चुका था ..पिच्छले 5 सालो से ना तो उसे कोई चूत नसीब हुई थी ना ही गांड़ ..आज नहीं तो कभी नहीं ..ऐसा विचार कर उसने तन्वी को उठने नहीं दिया और उसका दर्द काम करने के उपाए शुरू कर दिये
लगातार बूब्स पर मसलन और किस से तन्वी का माइंड थोड़ी देर के लिये अपने दर्द पर से हट सा गया ..नीचे हाथ ले जा कर वो अपनी चूत का भंगुर छेड़ने लगी
" रिलॅक्स बेटा ..कुछ नहीं होगा तुझे "
जीत ने अपनी बात कहने के लिये उसके होंठो को आज़ाद किया और ज़ोर लगा कर एक और शॉट मारा ..तन्वी इस बार फिर चीखी लेकिन उसकी चीख जीत के मूँह मे घुट कर बाहर नहीं निकल पायी ..लंड आधा छेदके अंदर पहुच गया और जीत ने इसके आगे कोई हलचल नहीं की ..करवट दिला कर उसने तन्वी की एक टांग हवा मे उठा कर जड़ की घाटी को चौड़ा कर दिया ..इस पोज़िशन मे तन्वी को काफी रिलॅक्स मेहसूस हुआ और वो किस मे जीत का साथ देने लगी
काफी देर तक ऐसे ही शांत लेटे रेहने के बाद जीत ने उसे बेड पलटा दिया और खुद उसकी पीठ पर लेट गया ..हल्के दर्द की खुमारी तन्वी के चेहरे पर अभी भी बनी हुई थी
" डॅड बहुत हुआ ..नाउ लीव मी "
तन्वी ने अपना फेस मोड कर कहा और जीत धीरे - धीरे अपनी कमर हिला कर आधे लंड को अंदर बाहर करने लगा
" मैं आगे कुछ नहीं करूंगा ..तू चिंता मत कर "
जीत ने लंड सुपाड़े तक बाहर खेच कर वापस अंदर कर दिया ..तन्वी की आह सिसकियों मे बदलते देख जीत को चैन मिला ..उसके नीचे दबी होने से तन्वी बिल्कुल भी हिल डुल नहीं सकती थी
जीत अपना एक हाथ उसके बूब से हटा कर चूत पर ले आया ..गीला पन मेहसूस कर वो जान गया कि अब उसकी बेटी दर्द से पूरी तरह आज़ाद हो चुकी है और यही वो वक़्त है जब पूरा लंड आस होल मे घुसाया जा सकता था ..हाथ से उसने चूतड़ो को थामते हुये हल्के - हल्के शॉट जारी रखे और मदहोशी की खुमारी से तन्वी की आँखें बंद हो गयी
" बेटा कल हम निकुंज के घर चलेंगे ..तेरे उस चुड़क्कड़ सरूर से भी मिल लेंगे "
माहोल इस तरह से बदल कर जीत ने पूरा लंड छेद से बाहर खीचा और तन्वी को घुटनो पर लाते हुये अपना आखिरी वार कर दिया
" आहहहहहहह्ह..... डॅड प्लीज़ मान जाओ ..मेरी गांड़ फाड़ दी है आप ने "
तन्वी की बात सुन कर जीत मुस्कुरा दिया
" देख क्या कह रही थी नहीं होगा ..पूरा लंड छेद के अंदर है ..बहुत सह लिया तूने अब मज़े ले "
जीत ने चूत को अपनी मुट्ठी मे कसा और ताबड़ तोड़ धक्के देने लगा ..पनियाई उभरी कुंवारी चूत से रस की फुहार निकल रही थी ..तन्वी का दर्द वाकई मज़े मे बदल गया और वो खुद भी अपनी गांड़ को हर झटके के साथ पीछे धकेलने लगती ..ताकि लंड की चोट उसे जड़ तक महसूस हो सके
" डॅड थोड़ा तेज़ करो ना ..आइ मीन अब दर्द नहीं हो रहा "
तन्वी का चेहरा खिल उठा ..उसकी गांड़ मे खुजली मचने लगी और जीत ने हॅसते हुये धक्को की स्पीड बढ़ा दी ..लेकिन कुछ देर बाद वो बिल्कुल शांत हो गया
" मेरी एक शर्त है ..पूरी होगी तभी आगे स्ट्रोक मारूँगा "
जीत ने अपनी बात कही
" मैं आप की हर शर्त मानूँगी लेकिन अभी मत रुको "
तन्वी सीत्कार करने लगी ..उसकी ऐसी हालत देख जीत फिर मुस्कुराया और वापस धक्के देना शुरू कर दिये
10 - 12 गेहरे धक्के देने के बाद जीत को एहसास हो गया कि वो अब झाड़ने वाला है ..चूत की फांके कुरेदने से तन्वी भी अपने दूसरे ऑर्गॅज़म के नज़दीक थी
" डॅड मैं गयी "
तन्वी ने अपनी गांड़ पूरी ताक़त से पीच्छे धकेली और उसकी चूत से गरम फव्वारा छूटने लगा ..जीत का कंट्रोल भी खतम हो गया और अट लास्ट उसके वीर्य ने तन्वी का आस होल भर दिया ..जीत ने तुरंत लंड बाहर खीचा और उसकी पीठ पर अपना बाकी का लावा छोड़ने लगा
" अहहहहहह्ह........ "
दोनो की आहें भी ताल से ताल मिला रही थी ..लंड छेद से बाहर निकालते ही उसके अंदर भरा स्पर्म तन्वी की चूत की लकीर को भिगोता हुआ बेड शीट पर टपकने लगा
तन्वी अपनी टांगे सीधी कर बेड पर लेट गयी और उसके ऊपर जीत भी ढेर हो गया