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Incest पापी परिवार

Lodon Ka Raja

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पापी परिवार--18

माल के अंदर आने के बाद निकुंज ने उसका हाथ छोड़ दिया ..कुछ देर पहले बीते मंज़र को याद करते हुए दोनो 1स्ट फ्लोर के कॉरिडर मे घूमने लगे

निकुंज का मन बड़ा लालायित था ये जानने के लिए कि आख़िर उसकी बहेन रोई क्यों ..क्या अपने निर्लज्ज भाई की बातों का इतना बुरा मान गयी जो उसका चेहरा आँसुओ से सराबोर हो गया ..कुछ तो ऐसा हुआ है जो निक्की के दिल मे काँटे की तरह चुभा था ..लेकिन क्या ..इसका जवाब तो खुद निक्की ही उसे दे सकती थी ..निकुंज ने अपने चेहरे को निक्की के चेहरे की तरफ मोड़ा ..इस वक़्त भी उसकी बहेन किसी सोच मे डूबी सर नीचे किए भाई के कदमो से ताल मिला कर चुप चाप चल रही थी ..निकुंज कुछ बोलने ही वाला था कि निक्की ने उससे पहले अपना मूँह खोल दिया

" भाई मुझे वॉश रूम जाना है "

इतना बोल कर निक्की वापस मूक बन गयी ..पैंटी और चूत के दरमिया होता चिपचिपा पन उसकी सहन - शक्ति से बाहर जान पड़ा ..ये कुछ देर पहले अपने बाप को दिमाग़ मे बिठा कर वासना स्वरूप चुदाई की ग़लत कल्पना का असर था ..जो काम वश उसकी कछि सामने से पूरी तरह गीली हो गयी थी ..पग - पग ज़मीन पर रखना उसके लिए दूभर था ..वो जानती थी कि कभी ना कभी उसका भाई उसके रोने का कारण अवश्य पूछेगा लेकिन ये बात वो निकुंज को कभी नही बता पाएगी कि सपने मे ही सही उसने डॅड को सोच कर अपनी चूत को रस से स्नान करवाया था

" हां वो सामने टाय्लेट है ..मैं वेट करता हूँ "

टाय्लेट पर कामन लिखा था लेकिन निकुंज के बोलते ही निक्की तेज़ी से दौड़ कर वॉशरूम मे एंटर हो गयी ..उसने गेट अंदर से लॉक किया और अपनी जीन्स का बटन अनलॉक करती हुई कमोड पर बैठ गयी ..घबराते हुए उसने पैंटी की फ्रंट साइड पर अपना कप्कपाता हाथ फेरा ..वाकाई अंदर काफ़ी गीला पन मौजूद था

" ये मैने क्या कर दिया ..मैं बहुत गंदी लड़की हूँ ..क्या कोई बेटी अपने डॅड के बारे मे ..छियियैआइयियीयियी !!!!!!! "

जो आँखें अब तक सूख चुकी थी ..वापस उनमे नमी आने लगी ..चुतडो को थोड़ा सा ऊपर उठा कर उसने पैंटी को नीचे खीच लिया

" गॉड....... "

चूत बिल्कुल पनिया गयी थी ..झान्टे समेट कर उसने अपने कोमल अंग पर नज़र डाली ..उसे आशा नही थी कि सिर्फ़ सोचने मात्र से ही उसका इतना बुरा हाल हो सकता है

" इसे पहने रखना प्राब्लम क्रियेट करेगा ..मेरा हॅंड बॅग भाई के पास है ..चलो धो कर खाली जीन्स पहन लेती हूँ ..घर जा कर चेंज कर लूँगी "

इतना सोच कर उसने जीन्स को अपनी टाँगो से अलग किया और पैंटी उतार कर नीचे फ्लोर पर फेक दी ..प्रेशर पाइप से चूत धोने के बाद उसे काफ़ी रिलॅक्स फील हुआ ..कुछ पल बैठी रह कर उसने चूत सुखाने की कोशिश की ..पर झाटों का फैलाव इतना ज़्यादा था कि वो एरिया अभी 5 - 10 मिनट से पहले कतयि सूख नही पाता

उसने पेपर रोल तलाशा लेकिन नही मिला ..टाय्लेट का कामन उसे होने से शायद ख़तम हो गया था ..थक हार कर नीचे फेकि पैंटी को उठा कर उसने उससे थोड़ा बहुत काम लिया और वापस जीन्स पहेन ने लगी

" अनकंफर्टबल तो है ..पर क्या कर सकते हैं "

जीन्स की निचली सतह पर पानी की बूंदे उभर आई ..मन मार कर निक्की टाय्लेट से बाहर निकल गयी

" अब इससे बुरा और क्या होगा "

उसने बेसिन पर अपने हाथ धोए और वापस कॉरिडर मे पहुच गयी

" चलें भाई "

निक्की को भी महसूस हुआ कि उसने पूरे 5 मिनट से ज़्यादा टाय्लेट मे बिताएँ हैं ..जबकि अमूमन किसी भी लड़की को मूतने मे इतना टाइम नही लगता ..निगाह अपने भाई से ना मिलाते हुए उसने चलना शुरू कर दिया

" रुक मुझे भी जाना है "

निकुंज ने कहा और वॉशरूम की तरफ बढ़ गया ..निम्मी की धड़कने रुक गयी ..आज ऊपरवाला फुल मूड मे उसकी लेने पर तुला था

" हे भगवान ..मेरी पैंटी "

निक्की का सब्र जवाब देने लगा ..एक पल तो आया टॅक्सी पकड़ कर अकेली घर चली जाए ..लेकिन उससे क्या होता ..निकुंज को अंदर जा कर असलियत से रूबरू तो होना ही था

वहीं निकुंज जैसे ही अंदर वाले टाय्लेट मे पहुचा ..पूरे फर्श पर पानी पड़ा था ..निगाह नीचे जाते ही उसे एक पैंटी पड़ी दिखाई दी

" कैसी - कैसी लड़कियाँ है ..यहाँ भी नही मानती "

मूतने के बाद उसने अपने लंड को पॅंट के अंदर किया और ज़िप लगा कर पलटा ही था कि उसके दिमाग़ ने कुछ संकेत किया

" कहीं निक्की ..नही नही मेरी बहेन ऐसी नही है ..वो कभी ऐसी हरकत नही करेगी "

एक पल मे ही उसके दिल ने गवाही दे दी कि निक्की के अंदर इस तरह से नंगी घूमने की हिम्मत नही ..कोई और लड़की होगी जो इतनी बेशर्मी से अपनी पैंटी यहाँ फेक कर चली गयी

कुछ देर बाद वो भी वॉश रूम से बाहर आ गया

कॉरिडर मे निक्की अपने दिल पर हाथ रखे खड़ी थी ..उसके चेहरे की रंगत सफेद और आँखों मे डर सॉफ था

" अब ये बता तुझे क्या शॉपिंग करनी है ? "

निकुंज ने बीती सारी बातें भुला कर पूछा

" भाई बस 2 लोवर ले लूँगी और तो कुछ ख़ास नही खरीदना "

निक्की को उसकी नॉर्मल बात सुन कर लगा की शायद भाई की नज़र पैंटी पर गयी ही ना हो ..उसने काफ़ी सुकून महसूस किया और दोनो स्पोर्ट शॉप पर पहुच गये

" तू पसंद कर ले ..मैं भी एक आध निक्कर देख लेता हूँ "

इतना बोल कर निकुंज में सेक्षन की तरफ बढ़ गया लेकिन उसके दिल मे आज कुछ खरीदने की इक्षा नही हुई ..मन बदल कर वो वापस अपनी बहेन के पास लौट आया ..निक्की के हाथ मे दो लोवर थे जिन्हे वो पॅक करवा रही थी

" इतने जल्दी पसंद कर लिया "

निकुंज को समझ आ गया कि निक्की का मन भी दुखी है तभी उसने 2 मीं मे ही अपनी शॉपिंग ख़तम कर दी ..अगर यहाँ उसकी छोटी बहेन होती तो शायद 2 घंटे भी उसे कम पड़ते

" हां भाई हो गया ..अब घर चलते हैं "

निकुंज ने पे किया और दोनो घर लौट आए ..रास्ते मे उनके बीच कोई बात चीत नही हुई ..खेर सवाल तो हज़ारो थे लेकिन जवाब एक भी नही

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वहीं दीप आज शाम से ही अपने ऑफीस मे था ..कम्मो को फोन कर उसने बता दिया कि आज वो घर नही आ पाएगा ..कम्मो ने तो शुरू से कोई ऑब्जेक्षन नही उठाया था तो अब क्या उठाती

नशे मे चूर और दुखी मन से दीप ऑफीस बेड रूम मे लेट गया ..अभी रात के 9:30 बज रहे थे ..तभी उसका का मोबाइल बजा ..गुस्से मे आ कर उसके मूँह से 2 - 4 गालियाँ निकल गयी लेकिन नंबर. देखते ही वो वापस शांत हो गया

" हां बिहारी ..बोल "

दीप ने लड़खड़ाती ज़ुबान मे बात शुरू की

" क्या साब आप तो हमे भूल ही गये और सुनाए क्या हाल हैं ? "

बिहारी ने रिटर्न मे जवाब दिया

[ बिहारी :-

एक कॉल गर्ल सप्लाइयर ..उमर 50 के पार ..अपने गाओं के आस पास की लड़कियों को नौकरी के बहाने प्रॉस्टिट्यूशन मे उतारते उसे 20 साल से ऊपर हो गये थे

वो दीप का बहुत ख़ास था ..अधिकांश लड़कियाँ इवेंट वालो के यहाँ पार्टी मे लगाई जाती और वेटर ..सर्वर के रूप मे उन्हे देख कर कोई शक़ भी नही कर पाता था ]

" नही यार ..थोड़ी तबीयत खराब है ..बाद मे बात करता हूँ "

दीप इतना बोल कर कॉल काटने लगा

" चोपड़ा साब मरीज़ के लिए आज स्पेशल डॉक्टर का इंतज़ाम किया है ..मना मत करिएगा "

बिहारी ने उसकी दुखती रग पर हाथ रख कर कहा

" फालतू की बात मत कर ..मेरा मूड नही है "

दीप ने कॉल तो नही काटा लेकिन बेमंन से बात करने लगा

" कच्ची कली है 19 की ..आप कहो तो नथ उतरवा दें "

बिहारी ने हंसते हुए कहा ..वो जानता था कि दीप जैसा रंगीला आदमी लड़की जात को कभी ठुकरा ही नही सकता

" कहाँ की है ? "

एक तो शराब का सुरूर दूसरा 2 दिनो से चूत की कमी ने दीप का फ़ैसला बदल दिया

बिहारी :- " यूपी की है ..मस्त पीस ..देख कर लगता नही किसी मर्द का हाथ लगा होगा "

दीप :- " कितना रेट है ? "

बिहारी :- " कैसी बात करते हो साब ..बस अपनी अगली पार्टी मे मेरे यहाँ से 5 लड़कियाँ लगवा लेना ..खेर पिच्छला उधार भी तो चुकाना है ..दाम आपसे नही लूँगा ..बोलिए कहाँ भिजवा दूं "

दीप :- " कहीं कोई लफडा तो नही है ना ..कोई ज़ोर ज़बरदस्ती "

बिहारी :- " कॉलेज की लड़की है ..मौज मस्ती के लिए पैसा कम पड़ता होगा ..बस चली आई चुदवाने "

दीप :- " ठीक है तू खुद उसे ले कर मेरे ऑफीस मे आ जा ..नाइट स्टे करेगी ना ? "

बिहारी :- " जानता हूँ पूरी रात उसकी बॅंड बज़ाओगे ..वो तैयार है "

दीप :- " कितनी देर मे आ जाएगा ? "

बिहारी :- " 30 मीं मे ..मेरे साथ ही है "

दीप :- " आते हुए कुछ खाने को भी पॅक करवा लाना "

बिहारी :- " जो हुकुम सरकार "

इतना कह कर बिहारी ने कॉल कट कर दिया ..दीप का सारा नशा एक पल मे काफूर हो गया और लंड मुठियाते हुए वो अगला पेग बनाने लगा

" दो दिन हो गये ..तबीयत से चोदुन्गा साली को ..फिर देखते हैं इस तनवी छिनाल का क्या करना है "

दीप उन दोनो के आने का इंतज़ार करने लगा ....
 

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पापी परिवार--19

एक एक पल दीप के लिए सदियों से बढ़ कर जान पड़ा ..इन 30 मिनट. मे जैसे उसने 10 जनम ले लिए थे ..शराब के 2 घूँट और पी कर वो बाथरूम मे नहाने के लिए एंटर हो गया ..शवर ऑन करते ही याद आया कि उस कुँवारी चूत के आ जाने के बाद साथ मे उसके नहाएगा तो ठीक रहेगा

सोचना ही हुआ और बिहारी के कॉल से उसका सेल बजने लगा

" आ गया ..रुक बाहर आ रहा हूँ "

वाइट वेस्ट और नीचे टवल लपेटे ही वो ऑफीस के मेन गेट पर आ गया ..बाहर की लाइट बुझा कर उसने आजू - बाजू की लोकेशन पर गौर किया और रोड के दूसरी तरफ खड़ी कार को अंदर आने का इशारा कर गेट से थोड़ा पीछे हट गया

बिहारी ने इडिका ऑफीस के अंदर पार्क कर दी

" बेड रूम मे हूँ ..लड़की को ले कर वहीं आ जा "

दीप ने वहाँ से जाते हुए कहा ..कार से बिहारी और लड़की उतर कर बेड रूम की तरफ़ बढ़ गये ..कुछ देर बाद बिहारी लड़की को कुछ समझाइश दे कर अपनी कार से वापस चला गया ..दीप ने पूरे ऑफीस की लाइट ऑफ की और बेडरूम के अंदर आ कर गेट लॉक करने लगा

" किस कॉलेज मे हो ? "

दीप और लड़की दोनो ने अब तक एक दूसरे को नही देखा था ..गेट अच्छे से बंद कर दीप ने उसकी तरफ पलट का पूछा

लड़की की आँखें दीप के चेहरे को देखते ही बड़ी हो गयीं ..खुद ब खुद उसका हाथ अपने खुले मूँह पर पहुच गया और वो बेड से उतर कर 5 कदम पीछे हट गयी

" घबराओ मत ..जानता हूँ मेरी उमर देख कर तुंझे ताज़्ज़ूब हो रहा होगा ..रिलॅक्स हो जाओ कोई भी बात इस कमरे से बाहर नही जाएगी "

दीप बेड पर बैठते हुए बोला ..बॉटल से न्यू पेग बना कर उसने सोडा मिलाया और 2 सीप मार कर लड़की को इशारे से अपने पास बुलाया

" इधर आओ ..क्या नाम है तुम्हारा ? "

दीप के इशारे पर भी लड़की टस से मस ना हुई और इस बार अपने दोनो हाथ चेहरे पर रख कर खड़ी हो गयी

" मैने कहा ना रिलॅक्स हो जाओ ..चलो आओ मेरे पास "

दीप को उसका खूबसूरत चेहरा देखने की लालसा बढ़ गयी थी ..इस वक़्त लड़की ने अपने बदन पर जीन्स और टॉप डाला हुआ था ..मॉर्डन गेट - अप ..अजीब सी आडि टेढ़ी हेर - स्टाइल ..जैसे अक्सर फिल्मी आक्ट्रेस रखे रहती हैं ..पैरो मे हाइ हील सॅंडल ..टाइट जीन्स मे उसकी मांसल जाँघो और चूतडो का आकार बेहद भडकाऊ था ..उसकी चूचियाँ हाथो के नीचे दबी होने से दीप को नज़र नही आ रही थी ..कुल मिला कर आज की रात दीप के लिए बड़ी कातिल थी ..लगभग 3 साल के इंतज़ार के बाद उसे कुँवारा माल चोदने के लिए मिल रहा था

" अच्छा ठीक है पास मत आओ ..पर अपना चेहरा तो देखा सकती हो ना ? "

दीप ने वापस एक स्ट्रॉंग सीप लिया और बेड के स्टॅंड से टिक कर लेट गया ..लंड इस बात से ही अकड़ने लगा कि माल 19 साल का है वो भी वर्जिन ..टवल के नीचे नंगे होने से लंड का उभार भी हल्का हल्का दिखाई देने लगा था ..जब काफ़ी देर तक लड़की ने कोई रिक्षन नही दिया तो दीप गुस्से से भर गया

" क्या यहाँ नौटंकी करने आई है ..अरे जब इतनी शरम थी तो चुदने आना ही नही चाहिए था "

इतना बोल कर दीप ने अपना मोबाइल हाथ मे उठा लिया

" किसे फोन कर रहे हैं अंकल ? "

लड़की ने घबरा कर अपने दोनो हाथ चेहरे से हटा लिए ..उसे डर महसूस हुआ कि कहीं दीप ऐसी जगह कॉल ना कर दे जो इस कमरे की बात बाहर चली जाए

" बिहारी को ..तुम्हे ले जाएगा यहाँ से "

दीप नंबर. डाइयल करते हुए बोला

" रुकिये अंकल ..मेरे पैसे अटक जाएँगे "

इतना कह कर लड़की बेड पर आ कर बैठ गयी ..दीप ने ये बात सुनते ही सेल वापस नीचे रख दिया और बड़े गौर से उसका खूबसूरत चेहरा देखने लगा ..लड़की वाकाई सुंदर थी ..नयन नक्श पर्फेक्ट ..हाथ हटने से उसकी कसी चूचियाँ भी दीप ने देखी ..चक्षु - चोदन करने मे तो उसका कोई सांई था ही नही ..अनुमानित फिगर काफ़ी हड्द तक तनवी से मॅच कर रहा था ..सिवाए मेच्यूर चेहरे के

" इधर आओ मेरे पास "

दीप ने अपनी जाँघो पर थपकी दे कहा और इस बार लड़की अपनी सॅंडल उतार कर उसकी तरफ सरकने लगी ..आहिस्ता - आहिस्ता आगे बढ़ती हुए वो बिल्कुल दीप के पास घुटने मोड़ कर बैठ गयी

" क्या नाम है तुम्हारा ? "

दीप ने उसके घबराए झुके चेहरे को थोड़ी से पकड़ कर ऊपर उठाया ..उसका मन किया अभी इन रसीले होंठो को चूसना शुरू कर दे ..लेकिन जल्दबाज़ी का काम शैतान का ..उसने अपने ऊपर कंट्रोल बनाए रखा

" शिवानी "

लड़की ने बेहद लो वाय्स मे जवाब दिया और दीप की आँखों मे देखने लगी ..मासूम चेहरा कजरारी आँखें ..दीप के तो आज मज़े हो गये थे

" बड़ा प्यारा नाम है ..किस कॉलेज मे पढ़ती हो ? "

दीप उसके माथे से उंगली फिराता हुया बूब्स क्लीवेज तक पहुच गया था

" जी वो मत पूछिये "

धड़कने बढ़ते ही लड़की ने अपनी आँखें बंद कर ली और अगले ही पल दीप ने अपने होंठो से उसकी गर्दन के सेंटर पर एक गहरा चुम्मा जड़ दिया ..लड़की का रोम रोम सिहर गया ..हलाकी दीप के मूँह से आती शराब की गंध से उसकी नाक अवरुद्ध हुई लेकिन मस्ती से सराबोर हो वो मचल उठी

" अच्छा नही पूछता ..अपनी आँखें तो खोलो "

दीप का कहा मान कर शिवानी ने अपनी आँखें खोली ..लेकिन इस बार उसकी नज़रे दीप के टॉवल मे बने तंबू से चिपक कर रह गयी ..मूँह ऐसे खुल गया जैसे लंड चूसने का अभ्यास कर रही हो

" ज़्यादा मुश्क़िल नही होगी जान ..चाहो तो छु का देख सकती हो "

दीप उसके मुलायम हाथ को पकड़ कर लंड पर रखने लगा ..शिवानी ने थोड़ा ज़ोर लगाया ताकि अपना हाथ छुड़ा सके लेकिन अगले ही पल उसे याद आ गया कि वो यहाँ दीप की रात रंगीन करने आई है ना कि कोई विरोध करने

हाथ का स्पर्श अध - खड़े लंड पर महसूस कर दोनो की हालत पतली हो गयी ..जहाँ दीप उसके कोमल हुस्न को देख कर पागल हुआ जा रहा था वही शिवानी लंड की लंबाई और चौड़ाई का एहसास कर पानी - पानी होने लगी थी
Hind
 

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शवर लेना चाहोगी ..मना मत करना ..मेरा मन है "

दीप ने जैसे फ़ैसला सुना कर कहा ..शिवानी ने हां मे अपनी गर्दन हिलाई और दीप का हाथ उसके टॉप की निचली कीनोर को पकड़ कर ऊपर उठाने लगा ..शिवानी ने खुद - ब - खुद अपने दोनो हाथ हवा मे ऊपर उठा लिए और टॉप उसके बदन से अलग हो गया

वाय्लेट डॉटेड ब्रा मे जकड़ी बड़ी - बड़ी कड़क चूचियो को देख कर दीप के लंड ने ठुमकि मारी और वो अपने दोनो हाथ बूब्स के साइड मे रखते हुए पुर क्लीवेज को अपनी जीभ चाटने लगा

" उफफफफफ्फ़........ उम्म्म्मम अंकल........ "

लड़की ने एक ज़ोरदार अंगड़ाई ली और दीप की बाहों से चिपक गयी

" शरम आ रही है "

दीप उसके चेहरे की तरफ झुकते हुए बोला ..एक बार फिर शराब की बदबू से शिवानी की रूह काँप गयी ..बिना आवाज़ के उसने हां मे अपनी सहमति दी और बूब्स पर हाथ रख उन्हे छुपाने लगी

" ऐसे शरमाने से क्या फ़ायदा ...आज की रात मैं तुम्हे प्यार करूँगा तुम मुझे करना ..ये समझ लो हम एक रात के पति पत्नी हैं "

दीप बेड से नीचे उतरते हुए बोला ..हाथो का सहारा दे कर शिवानी भी नीचे उतर आई ..उसके कंधे थाम दीप उसे बाथ - रूम की तरफ ले जाने लगा

" जीन्स "

शिवानी ने कहा और उसके कहने पर दीप भी रुक गया

" हां अंदर गीला हो जाएगा ..रूको मैं उतार देता हूँ "

शिवानी कुछ और कह पाती तब तक दीप अपने घुटनो पर बैठ चुका था ..बिना बेल्ट की शॉर्ट ज़िप जीन्स के फ्रंट पार्ट से चूत के उभार का अनुमान लगा कर दीप के मूँह मे पानी आ गया ..बिना देर किए उसने बटन अनलॉक किया और सर ऊपर उठा कर शिवानी के रिक्षन को नोट करने लगा

" अंकल मत देखिए मुझे...... "

इसके आगे शिवानी कुछ नही बोल पाई और जीन्स कमर से पकड़ कर दीप ने उसकी जाँघ तक खीच दिया ..वाय्लेट मॅचिंग पैंटी के सामने वाले हिस्से पर पानी का दाग उभर आया था

" शरमाओ मत एंजाय करो "

दीप ने अपना चेहरा पैंटी की तरफ बढ़ाया और चूत से निकले द्रव्य की मादक सुगंध लेने लगा ..केयी बार दीप के मूँह से साँस अंदर - बाहर होने से शिवानी को उस भीगे हिस्से पर गरम और ठंडा मिश्रित एहसास हो रहा था

दीप से रहा नही गया और उसने जीन्स को पूरी तरह उसकी टाँगो से नीचे उतार दिया ..शिवानी ने अपने हाथ से उसके कंधो पर वजन डाला और बारी बारी टाँग उठा कर जीन्स अपने पैरो से अलग कर दी

" मैं तुम्हारी कुँवारी चूत देखना चाहता हूँ ..फिर साथ मे शवर लेंगे "

इतना कह कर दीप ने उसकी टाँगो को छुड़ाया और पैंटी की साइड कीनोर सरका कर चूत का मुआईना करने लगा ..चिपचिपी फूली ..हल्के रोमो से भरी चूत देख कर उसे अपनी बेटी निम्मी की याद आ गयी ..जब दर्द मिटाने के बहाने उसने पवित्र रिश्ते को भी दागदार करने का मंन बना लिया था ..तुरंत ही दीप ने उंगली से चूत की फांको को कुरेदना शुरू कर दिया ..लंबाई उसे लगभग 3½" के बराबर जान पड़ी ..जैसे ही दीप ने अपनी मिड्ल फिंगर अंदर डालनी चाही शिवानी ने टाँगो की जड़ को चिपका लिया और थोड़ा पीछे हट कर खड़ी हो गयी

" क्या हुआ शिवानी ? "

दीप ने उठते हुए पूछा

" अंकल सॉरी "

लड़की के चेहरे पर ग्लानि के भाव देख कर दीप मुस्कुरा दिया

" तुम कुँवारी नही हो ..मेरी नज़र से कुछ नही बचता और शायद यही तुम्हारी परेशानी का कारण भी है ..सही कहा ना मैने ? "

दीप ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने पास खीचा और अगले ही पल किसी फूल की तरह अपनी गोद मे उठा कर बाथ - रूम मे एंटर हो गया

उमर ज़्यादा होने पर भी दीप की ताक़त से इंप्रेस हो कर शिवानी ने अपना झूठ स्वीकार करने का फ़ैसला कर लिया

" जी अंकल मैं वर्जिन नही हूँ ..लेकिन सिर्फ़ एक बार किया था ..खून देख कर घबरा गयी ..फिर हिम्मत नही हुई "

लड़की के मूँह से सच सुन दीप हँसने लगा

" तो बिहारी को झूट बोलने की कोई वजह "

दीप ने उसे शवर के नीचे उतार कर कहा

" पैसे ज़्यादा मिल रहे थे "

शिवानी के मूँह से ये शब्द बेहद धीमे स्वर मे निकले

" अभी कितने दिए उसने ? "

दीप उसका गंभीर चेहरा देख कर पूछा

" 12 हज़ार "

शिवानी ने कहा और दीप के चेहरे पर आया गुस्सा देख कर घबरा गयी ..उसे लगा जैसे दीप उसके झूट बोलने पर नाराज़ हो रहा हो

" मादरचोद ..भड़वा कहीं का ..कल बहेन चोद्ता हूँ उस गन्दू की "

दीप के मूँह से गली सुन कर तो शिवानी की गान्ड और भी ज़्यादा फॅट गयी ..सहम्ते हुए वो दीप से चिपक गयी और बेतहाशा रोने लगी ..दीप को ऐसी आशा तो नही थी लेकिन वो समझ गया कि याहा बात लड़की की अयाशी की नही है

" रो क्यों रही है ..तुझे थोड़ी ना डाट रहा हूँ ..कल मैं 12 के 15 दिल्वाउन्गा ..चिंता मत कर "

दीप ने उसकी पीठ पर हाथ फेर कर उसे दिलासा दी ..लेकिन अपने अंदर भड़की चुदाई की आग वो कतयि कम नही करना चाहता था ..माना लड़की मजबूर है लेकिन अगर बिना चोदे इसे छोड़ दिया तो ..तो अभी क्या मूठ मार के शांत होगा ..ऐसे तो हर किसी की कोई ना कोई प्राब्लम होती है ..अगर उसने शरीफियत का चोला पहना तो चूतो का तो कार्फ्यू ही लग जाएगा

" थॅंक यू अंकल "

शिवानी उसकी बातो से इंप्रेस हो कर बिना इजाज़त के उसकी वेस्ट उतारने लगी ..वेस्ट के बाद उसने उतनी ही तेज़ी से अपनी ब्रा भी उतार कर फ्लोर पर फेक दी

" शवर ऑन कर दूं अंकल "

दीप ने उसके मुस्कुराते चेहरे को देख कर हां मे अपना सर हिलाया और अगले ही पल भर - भर करता ठंडा पानी दोनो के सूखे गरम बदनो को भिगोने लगा

अपना हाथ शिवानी के सर पर ले जा कर दीप ने बालो की पिन निकाल दी जिससे उसके लंबे बाल खुल कर पूरी पीठ पर फैल गये

" लंड चूसना आता है ? "

दीप ने टवल से अपने खड़े लंड को सहला कर कहा ..खेर चुदाई से पहले लंड चुसवाने का शौक तो उसे बचपन से था

" आता नही है पर आप के खातिर चुसुन्गि "

शिवानी की इस अदा पर तो जैसे दीप फिदा ही हो गया ..तुरंत टवल खोल कर उसने फ्लोर पर गिरा दी और लड़की का हाथ अपने खड़े लंड पर रख दिया ..साथ ही अब वो उसकी चूचियों को भी बुरी तरह से मसल रहा था ..लड़की को गरम करने की कला का दीप मास्टर आदमी था

" आऐईयईईईई अंकल धीरे ..दर्द होता है और आप का तो बहुत बड़ा है "

लड़की ने अपने हाथ फैला कर कहा तो दीप को ज़ोरो की हसी आ गयी ..अपने कदम बढ़ा कर वो बात सिंक के कीनोर पर बैठ गया

" आजा तुझे लंड चूसना सिखाता हूँ ..सीख लेगी तो तेरा पति तुझसे हमेशा खुश रहेगा ..लड़की के मूँह का कमाल हर मर्द को पसंद होता है "

दीप के कहने पर शिवानी शरमाती हुए उसके सामने अपने घुटनो पर बैठने लगी

" पैंटी उतार कर बैठ बेटी "

दीप के मूँह से जाने कैसे बेटी शब्द निकल गया लेकिन तुरंत ही अपनी ग़लती मान कर उसने बात बदल दी

" मेरा मतलब है शिवानी "

बात पलट कर दीप ने खुद उसकी पैंटी को नीचे खिसका दिया ..बेटी शब्द शायद निम्मी के जहेन से ना जा पाने का नतीज़ा था

" हां अब बैठ जा और जैसा मैं कहु करना ..शुरुआत मे थोड़ा गंदा लगेगा ..कोशिश करेगी तो कामयाब हो जाएगी "
 

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दीप की बात सुन कर वो वापस अपने घुटनो पर बैठ गयी ..सर नीचे झुकाते हुए उसने लंड की एक्सट्रा लेंग्थ पर गौर किया जिसे देख कर शिवानी के मन मे एक ही बात आई ' अदभुत "

" अंकल पहले क्या करू ? "

शिवानी ने अपने होंठ लंड के सुपाडे पर टिकाते हुए पूछा

" पहली बात तो ये की मुझे अंकल बोलना छोड़ और फटाफट चूस इसे "

बार - बार अंकल वर्ड सुन कर दीप खीजने लगा था ..उसे शिवानी के बच्पने पर भी गुस्सा आया ..यहाँ चुदने आई है और लंड चूसना भी नही जानती ..या तो ये लड़की बड़ी शातिर है या मुझे चूतिया बना रही है

" आप की शादी नही हुई क्या ? "

अपनी जीब बाहर निकाल कर शिवानी लंड के टोपे पर गोल - गोल घुमाने लगी ..थी तो वो भी चालू लेकिन दीप की बातों मे खो कर उसे बच्पना सूझ रहा था

कुछ देर टोपे पर अपनी जीभ का खुरदुरा एहसास दे कर वो लंड की टिप से चाट ती हुई टट्टो की तरफ बढ़ने लगी ..एक दम स्लो मोशन से उसने दीप की गांद का छेद सिकुदवा दिया ..टट्टो पर उगे बालो को दाँत मे भीच कर उसने टट्टो मे गुद गुदि पैदा की और बारी बारी दोनो बॉल्स मूँह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया

" आहह........ तू जानती सब है ..नौटंकी कर रही थी ..खेर मैने शादी नही की "

दीप मसताते हुए बोला ..चुसाई की असली शुरूवात तो जड़ से ही शुरू होती है ..इसका मतलब था शिवानी लंड चूसने मे एक्सपर्ट थी

" तो फिर निमिता...... "

सूजे सुपाडे को होंठो मे जाकड़ कर शिवानी ने तेज़ी से उसे चूसना चालू कर दिया ..लंड की जड़ उसके हाथ मे थी जिसे हिला - हिला कर वो सुपाडे की खाल को बंद - खोल रही थी

मज़े मे आ कर भी दीप के होश उड़ चुके थे ..शिवानी के मूँह से अपनी छोटी बेटी निमिता का नाम सुन कर दीप को पसीने आ गये

" क्या कहा तूने ? "

दीप ने उसके मूँह से लंड बाहर खीच कर पूछा

" सॉरी अंकल ..मैं आप की बेटी निमिता की क्लास फेलो हूँ ..लेकिन मुझे सच मे नही पता था कि आप ही मेरे साथ एंजाय करने वाले हैं ..तभी मैने अपना चेहरा छुपाया था और अपने कॉलेज का नाम भी ..लेकिन जब आप ने बिहारी अंकल को कॉल करने की धमकी दी तो मैं घबरा गयी ..पैसो की सख़्त ज़रूरत है तभी यहाँ आई हूँ वरना मैं किसी रंडी मोहल्ले की पैदाइश नही ..अच्छे घर से संबंध रखती हूँ "

शिवानी अब सच मे रोने लगी ..माना उसने एक बार अपने बॉय फ्रेंड के साथ सेक्स किया था ..लेकिन झिल्ली फट ते ही उसने तुरंत लंड को अपनी चूत से बाहर निकाल दिया और तब से ले कर आज तक ब्लोवजोब के ज़रिए अपने प्यार को खुश करती आ रही थी ..घर से भी नियमित खर्चा आता था लेकिन कुछ दिनो से उसे ज़्यादा पैसो की ज़रूरत महसूस होने लगी ..पहला प्यार ..स्टॅंडर्ड के कपड़े ..लिविंग स्टाइल और बस इसी के चलते वो बिहारी के हाथ लग गयी

" शांत हो जा और कमरे मे पहुच ..मैं आता हूँ "

दीप ने उसे बाथ - रूम से बाहर भेजा और अपना सर पकड़ कर बैठ गया ..खड़ा लंड सिकुड कर छुहारा बॅन गया था

" क्या किस्मत हो गयी है मेरी ..हर बार खड़े लंड पर धोखा ..ये सब उस हरामज़ादी तनवी की वजह से हो रहा है ..साली के ग्रेह नक्षत्र ही खराब हैं "

अब दीप को ये चिंता नही रही कि वो आज भी चुदाई से महरूम रह गया ..बस निम्मी तक ये बात ना पहुच जाए वरना अपने ही घर मे इज़्ज़त की धज्जियाँ उड़ते देर नही लगेगी ..निम्मी पागल भी है और दीप से चिढ़ि हुई भी ..बात उसके कान तक पहुचि नही और वो पूरे घर मे कोहराम मचा देगी

" बात करनी पड़ेगी इस लड़की से ..बाद मे मुझे ब्लॅकमेल भी कर सकती है ..साली को डरा कर रखना पड़ेगा ..पैसो के लालच से तो इसके पर निकल आएँगे "

दीप पूरे 15 मीं तक सोचता रहा ..फिर उठा ..शवर बंद किया और बेड - रूम की तरफ बढ़ गया ...
 

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बेड - रूम मे आते ही दीप ने अपने चेहरे पर नाराज़गी के भाव बना लिए ..शिवानी अपने बेग से दूसरे कपड़े निकाल कर पहेन चुकी थी और इस वक़्त उसके हाथो मे नोट की गद्दी थी जिसे गिनते हुए उसका चेहरा खुशी से खिला जा रहा था ..दीप के कमरे मे आते ही उसका चेहरा गंभीर हो गया

" पूरे पैसे हैं ना ? "

दीप ने अपनी आवाज़ मे भारी पन लाते हुए पूछा

" जी पूरे हैं ..क्या मैं अब जा सकती हूँ ..रात हो गयी है मगर मैं टॅक्सी मॅनेज कर लूँगी "

शिवानी ने पैसे वापस अपने बेग मे रखे और बेड से उठ कर खड़ी हो गयी

" कहाँ जाना है बेटी ? "

दीप अपने मुरझाए लंड को पकड़ कर बेड से थोड़ी दूरे रखे सोफे पर बैठा था और इस बार उसने जान कर शिवानी के लिए बेटी शब्द का इस्तेमाल भी किया

" अंकल हॉस्टिल जाउन्गि "

इतना बोल कर शिवानी बेड - रूम के गेट की तरफ चल दी

" अभी कहाँ से ..ज़रा मेरा सेल देना ..मुझे अपने दोस्त इनस्पेक्टर तांबे को फोन करना है "

दीप ने अपने मोबाइल की तरफ इशारा करते हुए कहा ..उसके मूँह से पोलीस वाले का नाम सुन कर शिवानी के बढ़ते कदम रुक गये ..उसने दीप के चेहरे पर नज़र डाली जो इस वक़्त काफ़ी बोखलाया सा दिख रहा था

" ई ..ई ..इनस्पेक्टर ? "

शिवानी ने अपना थूक गले से नीचे उतार कर कहा ..वो एक दम से घबरा सी गयी

" हां वो यहाँ आएगा ..तुम्हारे घर बार के विषय मे पूच्छ - ताच्छ करेगा ..तुम प्रॉस्टिट्यूशन के धंधे मे उतरी हो ना इसीलिए उसे जानकारी देना ज़रूरी है "

दीप ने बड़ी आसानी से अपनी बात पूरी कर दी ..लेकिन शिवानी की गान्ड फट कर धुआ छोड़ने लगी ..उसे समझ आ गया कि उसके मूँह से अपनी बेटी का नाम सुन कर दीप नाराज़ हो गया है और अब वो अपनी बेवकूफी पर पछ्ता रही थी

" नही अंकल ऐसा मत करिए मैं बर्बाद हो जाउन्गि ..आप ये पैसे ले लीजिए मैं कान पकड़ती हूँ आगे से कोई ग़लत काम नही करूँगी "

शिवानी ने जल्दी से बेग खोल कर पैसे निकाले और बेड पर रख कर अपने कान पकड़ लिए ..उसकी पतली हालत देख कर दीप का मन प्रसन्न हो गया ..अब शिवानी काफ़ी हद्द तक उसके काबू मे थी लेकिन नरम पड़ कर दीप का गेम बिगड़ सकता था ..ऐसा सोच कर उसने अपना नाटक जारी रखने का फ़ैसला किया

" अरे तेरे मा - बाप को भी तो पता चलना चाहिए कि अब उनकी बेटी को ज़्यादा पैसो की ज़रूरत पड़ने लगी है और इसके लिए वो रंडी तक बनने को तैयार है ..मैने सही कहा ना बेटी "

दीप सोफे से उठ कर बेड की तरफ बढ़ गया ..सेल उठा कर उसने झूठा नंबर. डाइयल किया ही था की शिवानी के रोने की आवाज़ उसके कानो तक पहुच गयी

" माफ़ कर दो अंकल ..वो मर जाएँगे ..अगर आप इस लिए मुझसे नाराज़ हैं कि मैं नामिता की क्लास मेट हूँ तो मैं वादा करती हूँ उसे कभी कुछ नही बताउन्गि ..आप कहें तो मैं बिना पैसो के ही आप के साथ सेक्स करूँगी ..पर प्लीज़ ऐसा ज़ुलूम मत कीजिए "

शिवानी रोते हुए लड़खड़ाते कदमो से दीप की तरफ चलने लगी ..उसके पास पहुच कर वो तुरंत अपने घुटनो पर बैठी और झटके से उसका पूरा मुरझाया लंड एक बार मे ही अपने गले से नीचे उतार लिया ..उसकी सिसकियाँ हिचक़ियों मे बदल गयी और बहती आँखों की परवाह ना करते हुए उसने तेज़ी से लंड चूसना शुरू कर दिया ..दीप के मज़े की तो कोई सीमा ही नही रही

" आहह........ शिवानी छोड़ इसे और पहले उस अलमारी से मेरा डिजिटल कॅमरा निकाल कर ला "

दीप ने उसका सर पकड़ कर लंड मूँह से बाहर निकाला और वापस सोफे पर आ कर बैठ गया

" कॅमरा !!!!!!!! "

शिवानी को चक्कर आने लगे ..वो खुद को कोसने लगी कि क्यों पैसो के लालच मे आ कर वो इस बुरी मुसीबत मे फस गई ..वो अभी तक अपने घुटनो पर बैठे रोए जा रही थी

" हां कॅमरा ..मुझे भी तो अपना फ्यूचर सेव करना है ..चल अब ये रोने की नौटंकी ख़तम कर और जैसा कहता हूँ वैसा कर "

मोबाइल के कीपॅड की लाइट जलते ही शिवानी दौड़ कर अलमारी के पास पहुचि और कॅमरा ढूँढने लगी ..अब ग़लत करम किया है तो नुकसान तो झेलना ही पड़ेगा

[ इवेंट मेनेजमेंट फर्म होने की वजह से दीप अक्सर पार्टियों मे रेकॉर्डिंग वगेरा करता रहता था ..ताकि भविश्य के न्यू क्लाइंट'स को इंप्रेस करने के लिए स्नॅप्स दिखा सके ..और तभी एक पर्सनल कॅमरा 24 अवर्स उसके ऑफीस मे रखा रहता था ]

" दराज़ खोल उसमे है "

दीप के कहने पर शिवानी ने दराज़ खोल कर कॅमरा बाहर निकाल लिया ..लेकिन वो दीप के करीब आने की हिम्मत नही जुटा सकी

" अंकल मैने प्रॉमिस तो किया है ..प्लीज़ ऐसा मत करिए ..मेरी लाइफ स्पायिल हो जाएगी "

शिवानी को लगा जैसे अब वो बेहोशी के काफ़ी नज़दीक है ..फिर भी उसने खुद को नीचे गिरने से बचाए रखा था

" इधर ला इसे और बैठ जा मेरे सामने ज़मीन पर "

दीप गरजा और डर के मारे शिवानी तुरंत उसके करीब आ गयी ..इस वक़्त उसने ब्लॅक स्कर्ट और येल्लो टॉप पहेन लिया था जो वो सुबह वापसी की चेंजिंग के लिए बेग मे साथ रख कर लाई थी

" सुना नही तूने या लगाऊ फोन अपने इनस्पेक्टर दोस्त को "

दीप ने उसे हड़काया और कॅमरा ऑन करने लगा ..शिवानी ज़मीन पर उसकी टाँगो के पास बैठ गयी

" चल अब जब मैं कॅमरा तेरे ऊपर फोकस करू तो अपनी फुल डीटेल्स ..जैसे परिवार वालो का नाम ..अपना नाम ..शहर ..यहाँ मुंबई मे क्यों आई है ..कौन सा कॉलेज वगेरा - वगेरा सारी जानकारी बताना और हां अपने ये आँसू पोछ ले ..मुस्कुरा कर पूरा इंट्रोडक्षन देना "

इतना कह कर दीप उसके रेडी होने का इंतज़ार करने लगा ..टॉप से अपने आँसू पोछ कर शिवानी ने फेस को स्माइलिंग बनाया लेकिन कोई भी शक़्स उसे देख कर कह सकता था कि थोड़ी देर पहले वो जम कर रोई होगी

" चल बोलना शुरू कर "

दीप ने कमेरे का सारा फोकस शिवानी के चेहरे पर कर दिया

" मैं शिवानी सहाए ..उमर 19 साल ..शहर आगरा से यहाँ मुंबई ..फ्रॅंक विन इन्स्टिट्यूट से एर होस्टेस्स का कोर्स करने आई हूँ ..मेरे पिता हीरा चन्द सहाए पेशे से गूव्ट. टीचर हैं और माताजी. शुषमा सहाए हाउस वाइफ ..तीन भाइयों मे मैं अकेली लड़की हूँ "

इतना बुलवा कर दीप ने कॅमरा पॉज़ कर दिया

" जी अंकल मैने कह दिया जैसा आपने बोला था ..अब तो आप मुझसे नाराज़ नही हैं ना "

शिवानी ने ऐसा इसलिए कहा कि शायद उसका मासूम रोता चेहरा देख कर दीप को उस पर रहम आ जाए ..लेकिन दीप किसी गहरी सोच मे डूबा हुआ था ..अचानक से उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान तैरने लगी ..उसकी हँसी देख कर शिवानी को लगा जैसे आज वो यहाँ से ज़िंदा वापस नही जा पाएगी ..अगर दीप ने उस पर और ज़्यादा ज़ुलूम ढाए तो ज़रूर उसके प्राण इस बंद कमरे मे निकल जाएँगे

" चल अब आगे बोलना ..मैं अपनी मज़री से यहाँ मुंबई मे प्रॉस्टिट्यूट बनी हूँ ..पैसो के खातिर अब तक मैने 15 मर्दो से चुदवाया है और आज मैं मेरी 16वी चुदाई आप के लिए रेकॉर्ड करवा रही हूँ ..आशा है आप सब को पसंद आएगी ..चल फटाफट बोल और फिर मेरा लंड चूसना शुरू कर देना और हां अपनी तरफ से भी कोई मिर्च मसाला डालना "

इतना कह कर दीप ने वापस कॅमरा उसके चेहरे पर फोकस कर दिया ..पर शिवानी अपना सर झुकाए बैठी रही ..ये काम तो बहुत जलालत भरा था ..कैसे वो कमेरे के सामने अपनी लाइव चुदाई रेकॉर्ड करवा सकती थी

" सुना नही तूने ..लगाऊ फोन ..चल इस बार लगा ही देता हूँ ..बाकी पोलीस के डंडे तुझसे सब उगलवा देंगे "

दीप ने मोबाइल उठाया और नंबर. डाइयल कर झुटि मूटि आक्टिंग करने लगा ..शिवानी समझ गयी अब उसे भगवान ही नही बचा सकते ..दीप की बात मान ने के अलावा उसके पास कोई और चारा नही बचा

" मैं बोलती हूँ अंकल आप कॉल काटिए "
 

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शिवानी के कहने पर दीप ने कॉल कट किया और वापस कॅमरा हाथ मे पकड़ लिया ..अंगूठे के इशारे को समझ कर शिवानी ने बोलना शुरू किया

" मैं अपनी मर्ज़ी से प्रॉस्टिट्यूट बनी हूँ ..पैसे ले कर अब तक मैने 15 मर्दो से अपनी चुदाई करवाई है और मैं चाहती हूँ की मेरी 16वी चुदाई का लाइव टेलएकास्ट आप सब देखें और जो ना देख पाए हों वो रेकॉर्डेड देख सकते हैं ..आशा है आप सब को पसंद आएगी ..मुझे लंड चूसना पसंद है साथ ही मैं अपनी गान्ड भी मरवाती हूँ "

इतना बोल कर शिवानी अपने घुटनो पर आ गयी और दीप के मुरझाए लंड को खड़ा करने के लिए हाथो से हिलाना शुरू कर दिया ..दीप कॅमरा फोकस शिवानी के चेहरे पर सेट करते हुए अपने दूसरे हाथ से उसका सर लंड पर दबाने लगा

" उफफफफफफ्फ़....... शिवानी क्या रंडी की तरह चूस्ति है लंड तू ..चूस छिनाल और पी जा इसका सारा रस "

जान कर दीप ने ऐसी बात कही और शिवानी से लंड चुसवाने का लुफ्त उठाने लगा

झुके चेहरे पर इस वक़्त मुस्कुराहट ही मुस्कुराहट भरी थी ..शिवानी मे ना जाने इतनी हिम्मत कैसे आ गयी जो उसने जी जान से लंड चुसाई शुरू कर दी ..टट्टो पर हल्के नाखूनो की खुरचन देते हुए वो सुपाडे पर अपने होंठो का ' ओ ' शेप बना कर लंड चूस रही थी

दीप ने अपनी दोनो टांगे शिवानी के कंधो पर रख ली जिससे रेकॉर्डिंग बिल्कुल क्लियर आ सके ..लड़की का खिला चेहरा दीप बड़ी हैरत भरी निगाहो से देख रहा था ..अचानक लंड मूँह से बाहर निकाल कर शिवानी ने उसे अपनी आँख मारी और जीभ को टोपे के छेद पर मचलाने लगी

दीप मस्ती मे आहें लिए जा रहा था ..ऐसा मौका उसकी लाइफ मे पहली बार आया था जो उसे इतना घ्रानित कार्य करना पड़ा

काफ़ी मात्रा मे थूक सुपाडे पर उडेल कर शिवानी ने अपनी जीभ से पूरा लॉडा भिगो दिया और लंड की जड़ पर लटके दोनो अंडकोष एक साथ अपने छोटे से मूँह मे भरने की कोशिश करने लगी ..वक़्त दर वक़्त उसकी मेहनत रंग लाई और कुछ ही पलो बाद दोनो टटटे उसके मूँह के अंदर चले गये ..जीब की लपलपाहट से उसका सलाइवा बह कर थोड़ी ( चिन ) से नीचे टपकने लगा ..पूरी तरह टट्टो की चटाई कर वो वापस जीभ फिराती हुई सुपाडे पर पहुच गयी ..टोपे पर गोलाकार कयि दफ़ा जीभ घुमा कर लंड को हल्के हल्के हाथो से स्ट्रोक करने लगी

" मज़ा आ रहा है ना जान ? "

शिवानी ने दीप की आँखों मे देख कर पूछा और बिना उसका जवाब सुने ..सूजे ..छोटे आलू बराबर सुपाडे को होंठो के बीच फसा लिया ..धीरे धीरे आधा लंड उसके मूँह के अंदर उतर चुका था

" उमल्लप्प्प्प....... "

शिवानी के मूँह से निकलने वाली शन्तुस्तिपुर्वक लंड चुसाई की अति कामुक और सुड़कने की आवाज़ें बहुत ज़यादा ऊँची हो गयी और पूरे

बेडरूम मैं गूंजने लगी ..ऊत्तेजनापुर्वक अपने सर को ऊपर नीच्चे करते हुए उसने दीप के विकराल लंड को अपने छोटे से मूँह से चोदना शुरू कर दिया

" आहह........ बेटी ..उंमग्घह....... "

दीप की आ सुन कर शिवानी का चेहरा लाल हो गया और हू जितनी कठोरता से उस

के लंड को चूस सकती थी चूसने लगी ..काम रस से भरा लौन्ड शिवानी के मूँह मे होने के कारण उसके गाल तेज़ी से फूलते और सिकुड़ते जा रहे थे

वहीं उसकी उंगलियाँ लंड की जड़ पर कसी थी ..ताकि प्रचंडता के साथ सूपड़ा चूस्ते हुए वो लंड को हिलाती भी रहे

दीप पूरी तरह से पागल हो गया ..उसके शरीर की अकड़न अब ज़्यादा दूर नही रही ..अपना सर ऊपर उठा कर वो तेज़ी से हाँफने लगा ..शिवानी की आँखों मे तैरते आँसू ये गवाही दे रहे थे कि बेचारी कितनी तकलीफ़ मे है ..लेकिन मज़ाल वो एक पल को भी रुकी ..लगभग हर झटका लंड के टोपे को उसके गले से टरका देता ..बुरी तरह चोक हो कर वो थोड़ा रुकती और वापस उसी तेज़ी से लंड और अंदर तक लीलने लगती

दीप ने अपने एक हाथ से उसके सर को थामा और चीखते हुए गांद हिला कर धक्के देने लगा

" मैं आ रहा हूँ शिवणीीईईईई उफफफफफफफफफ्फ़ ..........आहह ...... "

दीप ने ताक़त लगा कर अपना पूरा लंड उसके गले मे फसा दिया ..शिवानी के हाथ उसकी जाँघ से चिपक गये और अपने नाखूनो से जाँघ को नोचने लगी ..दीप का कंट्रोल ख़तम हो गया और उसके अंडकोषो मे भरा वीर्य तेज़ी से सुपाडे से होता हुआ शिवानी के गले को गीला करने लगा ..गलाल - गलाल की आवाज़ दीप को सॉफ सुनाई देने लगी ..इतनी तकलीफ़ सहने के बाद भी शिवानी ने लंड को मुठियाना नही छोड़ा और साथ ही रस की अधिकता होने से वीर्य गटाकने की गति अवरुद्ध हो गयी ..स्पर्म बह कर उसके होंठो की कीनोर से बाहर आने लगा ..लंड ने लगभग 30 सेक तक स्खलन किया ..रस पीते - पीते शिवानी का गला और पेट तर हो गये

दीप शांत हो कर सोफे पर धराशायी हो गया लेकिन शिवानी ने लंड चूसना बंद नही किया ..जब तक पूरी तरह से उसने नमीं वीर्य की आख़िरी बूँद नही चाट ही लंड मूँह से बाहर नही आने दिया ..दीप के चेहरे पर नज़र डाल जब वो पूरी तरह सन्तुस्त हो गयी तब लंड ढीला पड़ कर अपने आप ही उसके मूँह से बाहर निकल आया

कॅमरा अब उसके हाथ से छूट कर सोफे पर गिर गया ..दीप ने दो पल गहरी साँस ली और उसे ऑफ कर कवर मे डाल लिया ..शिवानी ज्यों की त्यों ज़मीन पर बैठी रही और जब दीप ने उसके ऊपर गौर किया तो तरस खाते हुए उसके कंधे पर अपने हाथ की थपकी देने लगा

" डोंट टच मी ..यू रास्कल ..अब बेच देना इसकी सीडी बना कर और भर लेना अपना और अपने परिवार का पेट ..मैं मरने से नही डरती बस अपने मा - बाप की इज़्ज़त खोने का डर है "

शिवानी अपना चेहरा घुटनो पर रख कर रोने लगी ..दीप का सारा नशा अब काफूर था ..उसके अंतर्मंन ने उसे कचोटा कि ये सब उसने बिल्कुल ग़लत किया है
 

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" मैं माफी चाहूँगा ..लेकिन मुझे तुम्हारी बातों का भरोसा नही ..कल को यदि ये बात मेरी बेटी को पता चल गयी ..मेरा तो पूरा घर ही उजड़ जाएगा ..बेफिकर रहो इस स्नॅप का मिसयूज़ नही होगा "

दीप ने वापस उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा ..शिवानी उसकी बात सुन कर बौखला गयी

" बर्बाद !!!!!!! ..दीप बाबू आपने मुझे रंडी कहा था ना ..अब सच सुनो ..रंडी मैं नही तुम्हारी बेटी नामिता है ..जा के पूछो उससे ..क्यों मेरे प्यार को अपने नन्ग्पन से अपनी तरफ खीच लिया ..पूच्छना किस तरह मेरे प्यार के लंड से चुदने को मचल रही है "

शिवानी ने आग उगलते हुए चिल्लाया ..नतीजा दीप से ये बात बर्दास्त नही हुई और पूरी ताक़त लगा कर उसने एक थप्पड़ शिवानी के गाल पर जड़ दिया

मर्दाने हाथ का करारा तमाचा शिवानी सह नही पाई और वहीं ज़मीन पर पस्त हो कर लेट गयी ..कुछ देर तक एक ज़िंदा लाश बनी रहने के बाद उसने फिर से अपना मूँह खोला

" थप्पड़ मार कर बड़ा मर्द बनते हो ..दूसरो की बेटी छिनाल और अपनी बेटी सती - सावित्री ..दीप बाबू पूरे 5 साल से मैं और अशोक एक दूसरे से प्यार करते आए हैं ..साथ जीने मरने की कसमे खाई ..मेरे मुंबई आने की वजह भी अशोक ही है ..लेकिन अब मेरा प्यार मुझसे बेवफ़ाई करने लगा है ..वजह है तुम्हारी भोली - भाली बेटी ..बहुत पैसा है आप के पास ..महँगे कपड़े ..गाड़ी घोड़े ..लेकिन सॉफ दिल नही ..अशोक दिन पर दिन मुझसे दूर होता गया ..नामिता के हुस्न का जादू उसके सर चढ़ कर बोलने लगा ..मैं महँगे कपड़े नही खरीद सकती ..पार्टियों मे जाने के लिए पैसा नही है ..तभी सोचा एक बार अपने जिस्म का सौदा करने के बाद कुछ पैसे मिल जाएँगे तो मैं भी सज सवर कर अपने रूठे प्यार को वापस मना पाउन्गि ..ये बात नामिता को सोचनी चाहिए थी कि अशोक मेरी जान है ..ना तो उसने खुद कभी उससे से प्यार किया और मुझे भी बीच मजधार मे लटका कर इस ट्राइंगल से अलग हो गयी ..बात अब यहाँ तक पहुच गयी है कि बुरी ना हो कर भी मैं अशोक के लिए मर चुकी हूँ ..वाह री दौलत ..बाबूजी सच कहते हैं ..' जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरो के घर पर पत्थर नही उच्छालते ' "

शिवानी के आँसू बहने का सिलसिला ना तो थमा ना ही रुक सकता था ..वो आज दिल खोल कर रोना चाहती थी ताकि भविश्य के लिए उसकी आँखें सूख कर लोहा हो जाएँ ..कभी ना पिघल पाएँ

वहीं दीप निराश ..दुखी ..मूक बना शिवानी के कहे एक - एक शब्द पर विचार कर रहा था ..दिल मे आया वो भी जी भर कर रो ले ..लाचार लड़की के पैरो मे गिर कर अपने गुनाह की माफी माँगे ..अपनी नाक रगडे ..जाने क्यों उसके वहशी पन की हद्द दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी ..क्या वो इतना पापी हो गया है की ऊपर वाले का तनिक भी डर उसके मन मे नही रहा ..एक अबला नारी की आह ले कर अब कैसे जिएगा वो

अचानक से दीप ने कॅमरा उठाया और पूरी शक्ति के साथ दीवार पर दे मारा ..कवर के अंदर सुरक्षित होने के बावजूद भी वो टुकड़े - टुकड़े मे परिवर्तित हो गया

शिवानी ने अपना चेहरा कमेरे की तरफ घुमाया और ज़मीन पर लेटते हुए अचेत हो गयी

कुछ देर तक दीप उसके बेहोश मुख को निहारता रहा ..आज पहली बार किसी ने उसे उसकी औकात से रूबरू करवाया था ..दीप ने अपनी नम आँखें पोन्छि और ज़मीन से शिवानी को उठा कर बेड पर लिटा दिया ..सारी रात उसका सर अपनी गोद मे रखे हुए वो जागता रहा

--------------------------

सुबह 5 बजे शिवानी के बदन मे हुए कंपन से दीप ने भी अपनी आँखें खोली ..खुद को दीप की गोद मे सोता देख शिवानी बिना किसी देरी के उठी और अपना बेग समेत कर बेड रूम का दरवाज़ा अनलॉक करने लगी

" 5 मीं रूको मैं तुम्हे हॉस्टिल ड्रॉप कर दूँगा "

इतना कह कर दीप ने अपने कपड़े पहने और कार स्टार्ट कर शिवानी के हॉस्टिल से 100 मीटर की दूरी पर रोक दी

" तुम्हारी शादी की ज़िम्मेदारी अब मेरी है ..ये लो 20 हज़ार रुपये ..आइन्दा किसी भी चीज़ की ज़रूरत पड़े तो ये मेरा कार्ड है "

दीप ने उसे अपने गले से चिपका कर कहा ..पश्चाताप के आँसू बह जाने से उसका दिल अब काफ़ी नरम पड़ चुका था

" पैसे मुझे नही चाहिए और ना ही अब मैं अशोक से शादी करूँगी ..वो इंसान ही क्या जो बदल जाए "

इतना कह कर शिवानी कार से उतरने लगी ..दीप के हज़ार बार मनाने पर भी उसने पैसे नही क़ुबूल किए

जब तक वो अपने हॉस्टिल नही पहुच गयी दीप वहीं रुका रहा ..एक आख़िरी बार पलट कर शिवानी ने उसकी कार की तरफ देखा और हॉस्टिल के अंदर चली गयी

" आअह ले कर मैने अच्छा नही किया जाने इसके परिणाम कितने भीषण होंगे "

दीप ने कार अपने घर की तरफ मोड़ दी ..ऐसा घर जो अब उसके मालिक का नही रहा था .
 

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" तन्वी आइस क्रीम के साथ आइस क्यूब्स भी लेते आना "
जीत ने तन्वी को आवाज़ दे कर कहा ..टेबल पर रखी विस्की की बोत्तेल से एक हार्ड पेग बन चुका था
" नो डॅड ..ड्रिंक नॉट अलाऔड ..वैसे भी आप पी कर बहक जाते हो "
तन्वी जीत के कहे अनुसार आइस क्यूब्स भी साथ मे ले कर आई थी ..लेकिन उसके हाथ मे शराब का ग्लास देख कर घबरा गयी
" कुछ नहीं होगा ..स्माल - स्माल दो पेग पियूंगा ..आजा बैठ इधर "
जीत आइस क्यूब्स से अपना ग्लास फुल करते हुये बोला ..साथ ही उसने अपने लंड को वापस पिच्छली पोज़िशन मे लिटा लिया ताकि तन्वी उसकी गोद मे बैठ सके
" दो स्माल पेग ..याद है ना 14थ फ़रवरी को क्या किया था आप ने "
तन्वी उसकी गोद मे ना बैठ कर सोफे के दूसरी साइड बैठ गयी
" उस दिन ..ह्म्म्म्म्म उस दिन तो मैने प्यार का इज़हार किया था अपनी बेटी से "
जीत ने पेग का पेहला स्ट्रॉंग सिप ले कर कहा ..शराब से मूँह का टेस्ट बिगड़ा तो उसने चखने के रूप ने तन्वी की गर्दन चाट ली
" जरा हाथ तो ऊपर कर मुझे और नमकीन चाहिये है "
जीत के कहने पर तन्वी ने अपना राइट हॅंड ऊपर उठा लिया ..उसके चिकने आर्म्पाइट्स देख जीत ने उसे जीभ से चाटना शुरू कर दिया ..तन्वी को गुदगुदी होने लगी और वो मसताती हुई जीत की पकड़ से दूर होने की कोशिश करती है ..लेकिन जीत पेग को तबले पर रख कर अपने दोनो हाथो से उसके बूब्स पकड़ लेता है जिससे से तन्वी की आ निकल गयी
" औच्छ्हपहह्ह....... यू आर सो वाइल्ड ..डॅड आप का वो प्यार मैं आज तक याद करती हूँ ..उस दिन आप ने 1 घंटे तक मेरा माउत फक किया था ..वो भी मेरे हाथ पैर बाँध कर ..पता डॅड उसके बाद पूरे 2 वीक मैं ठीक से खाना नहीं खा पायी थी ..ऐसा लगता था जैसे मेरे गले की नसें फॅट गयी हों "
तन्वी ने उसकी चेस्ट के बालो को नोच कर कहा ..जीत ने तुरंत बूब्स से हाथ हटाये और उसे अपने ऊपर खीच लिया
" तुझे मज़ा नहीं आया था क्या ..4 बार लंड का जूस पिया फिर भी नौटंकी करती है "
जीत की गोद मे आते ही दोनो के होंठ आपस मे जुड़ गये ..शराब की गंध मेहसूस कर तन्वी ने अपने होंठ नहीं खोले फिर भी जीत बुरी तरह उसके लिप्स चूसे जा रहा था ..जैसे ही जीत ने अपने दाँतो मे तन्वी का निचला होठ फसाया ..मजबूरन तन्वी को अपने होंठ खोलने पड़े और जीत की जीभ उसके मूँह के अंदर घूमने लगी ..दोनो के मूँह का सलाइवा मिक्स होने लगा ..तन्वी ने मन मार कर रेज़िस्ट करना बंद कर दिया और जीत के होंठो के अंदर अपनी जीभ डाल दी ..शायद अब वो शराब की गंध की आदि होने लगी थी ..जीत काफी पॅशनेट हो कर पूरे 5 मिनिट तक उसके होंठो का रस पान करता रहा
" ह्म्म्मम्म्म्म....... तेरे अंग - अंग का टेस्ट नशीला है ..निकुंज के तो मज़े होने वाले हैं "
जीत ने उसका राइट गाल चाट ते हुये कहा ..किस टूटने के बाद तन्वी की सांसे थोड़ी नॉर्मल होने लगी
" आप का मन करे तो मुझे कच्चा चबा जाओ ..छोड़ो मुझे कुछ नहीं करना "
तन्वी ने अपना झूटा घुस्सा दिखाया और जीत हंसते हुये वापस उसे किस करने लगा
" डॅड खाना ऑर्डर कर दो ..भूख लगी है "
घड़ी ने 10 बजाये और इसका फायदा उठाते हुये तन्वी सोफे से नीचे उतर गयी
" अच्छा मेरी बेटू को भूख लगी है ..जा फोन कर के अपनी पसंद का डिन्नर मंगवा ले ..जब तक मैं ड्रिंक से फ्री हो जाता हूँ "
जीत अपना पेग पी कर बोला और तन्वी होटेल फोन करने लगी ..कॉंटिनेंटल उसकी पेहली पसंद था ..ढेर सारी डिशस ऑर्डर करने के बाद तन्वी की नज़र टेबल पर रखे आइस - क्रीम पॅकेट पर पड़ी
" डॅड ये तो मेल्ट होने लगी "
पॅकेट खोल कर तन्वी ने अपनी उंगली से उसका ज़ायका लिया
" तेरा फेवोवरिट फ्लेवर बटर स्कॉच है ना ..मुझे भी तो खिला "
जीत के केहने पर तन्वी ने नाइफ से आइस क्रीम की स्लाइस काट ली
" लो डॅड टेस्ट करो "
तन्वी इस वक़्त टेबल और सोफे के बीच मे खड़ी थी ..उसकी बॅक टेबल की तरफ और चेहरा जीत की तरफ घूमा हुआ था
जीत सोफे से उठा गया ..झटके से उसने तन्वी को पकड़ कर ऊपर हवा मे उठा लिया और उसके हाथो से आइस क्रीम खाने लगा ..तन्वी ने अपनी टांगे जीत की कमर मे लपेट ली
" सो रोमॅंटिक "
तन्वी को बोलते देर नहीं हुई और जीत ने उसे टेबल पर रखी आइस क्रीम के ऊपर बिठा दिया
" उईईईईईईईईईईईईईई डॅड "
चूतड़ो पर ठंडा एहसाह पड़ते ही तन्वी के मूँह से आह निकल गयी और जीत हॅसते हुये वापस सोफे पर बैठ गया
" ये क्या किया आप ने ..जब आइस क्रीम खानी नहीं थी तो बिगाड़ी क्यों और मुझे भी गंदा कर दिया "
तन्वी उच्छलती हुई टेबल से नीचे उतर गयी ..उसकी पूरा पिच्छवाड़ा आइस क्रीम से भिड़ चुका था
" सॉरी ..सॉरी ..इधर आ मैं साफ कर देता हूँ "
जीत ने उसे सोफे पर ऐसी पोज़िशन मे बिठाया जिस से उसका पिछवाडा थोड़ा ऊपर को उठ जाये ..तन्वी अपने घुटने के सहारे सोफे पर बैठ गयी
" टांगे चौड़ी कर ले ..मैं सॉफ कर देता हूँ "
जीत ने देखा चूत से लेकर आस होल पूरा आइस क्रीम से भीगा हुआ है ..देर ना करते हुये उसने आस चिक चाटने शुरू कर दिये
" ह्म्म्ममम्म्म्म........ अब टेस्ट आ रहा है "
जीत हॅसते हुये बोला तो तन्वी की भी हॅसी च्छूट गयी
" अच्छा तो ये चाल थी आप की ..डॅड आप बहुत गंदे हो बट आइ रियली लव यू "
तन्वी ने अपने हाथो से गांड़ की दरार खोल दी ..उसे भी अब मज़ा आने लगा था ..इस तरह के अलग एक्सपेरिमेंट की उन्हे सख्त ज़रूरत थी क्यों कि ओरल करते - करते दोनो ऊब चुके थे
पूरे चिक चाट कर सॉफ करने के बाद जीत की जीभ ने क्रॅक का रुख किया ..दरार के टॉप से नीचे को जीभ फिराता हुआ जीत गांड़ के छेद पर पहुचा ..भूरा वर्जिन छेद..अब तक आइस क्रीम भी पिघल कर पानी बन चुकी थी
जीत ने जीभ को राउंड मे घुमाते हुये छेद को चाटना शुरू कर दिया
" आहहहहहहह्ह डॅड मज़ा आ रहा है ..थोड़ा आइस क्रीम और लगाओ ना वहां पर "
तन्वी को उस ठंडक का मज़ा दोबारा चाहिये था ..बड़ी स्ट्रेंज सी फीलिंग झेली थी उसने ..गरम नाज़ुक अंगो पर ठंडा - ठंडा एहसास
" चल ठीक है थोड़ी ताक़त लगा कर छेद को खोलने की कोशिश कर मैं पिघली आइस क्रीम अंदर भर कर चूसूंगा "
जीत टेबल से पॅकेट उठा कर छेद पर आइस क्रीम की बूंदे टपकाने लगा ..तन् ने वी जितनी ताक़त लगा सकती थी लगाई ..हल्का सा छेद ओपन हुआ और आइस क्रीम उसके अंदर जाने लगी
हर बूंद के छेद से टच होते ही तन्वी के बदन मे सुरसुरी चढ़ जाती और उसकी हिम्मत जवाब देने लगती ..कभी मस्ती से बेहाल हो कर वो छेद को सिकोड़ती तो कभी दम लगा कर खोल देती
काफी मेहनत के बाद पूरा आस होल आइस क्रीम से लबालब भर गया
" अब रेडी हो जा और कंट्रोल करना "
जीत ने इतना बोल कर पॅकेट टेबल पर रखा और छेद से अपने होंठ चिपका कर उसे चूसने लगा ..होंठो के ज़रिये पिघली आइस क्रीम का रस उसके गले से नीचे उतरने लगा और बीच - बीच मे वो अपनी नोकदार जीभ की ठोकर छेद पर देने लगा
वहीं तन्वी के हाथ अब सोफे की शीट उधेड़ रहे थे ..उसकी आँखें बंद और वो अपने होंठ दाँतो से चबाने लगी ..इतना मीठा दर्द उसने लाइफ मे पेहली बार मेहसूस किया था ..हर सेक्केान्ड उसकी चीख निकल जाती और इससे जीत और भी तेज़ी से छेद चाट छेड़ता..तन्वी के पूरे बदन मे चीटियाँ रेंगने लगी ..उसे कांटे से चुभ रहे थे ..आखिर कर उससे कंट्रोल नहीं हुआ और वो दर्द से बेहाल हो गयी
" उफ्फफ्फ्फ्फ्फ़ डॅड थोड़ा रुक जाओ ..नहीं तो मेरी जान निकल जायेगी "
तन्वी के बोलने पर जीत ने अपने होंठ गांड़ के छेद से अलग किये और अगले ही पल उसकी जीभ चूत की फांको को चाटने लगी ..जिससे तन्वी की हालत सुधरने की वजाये और भी ज्यादा बिगड़ गयी
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
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जीत ने चूत के लिप्स को उंगलियो से अलग किया और जीभ गेहराई मे उतार दी ..चूतरस और आइस क्रीम का मिक्स स्वाद उसे बहुत पसंद आ रहा था ..फ़ाको के अंदर जीभ की मचलाहट और ऊपर होंठो के चूसने का कड़कपन तन्वी से बर्दास्त नहीं हुआ और ..उसने बिना किसी अग्रिम चेतावनी के अपना ऑर्गॅज़म कर दिया
" ह्म्म्मम्म्म्म............आहहहहहहहह्ह........... "
लपर लपर की आवाज़े पूरे हॉल मे सॉफ सुनाई दे रही थी ..रस बहते देर नहीं हुई और मौका ताड़ते हुये जीत ने अपना अंगूठा आस होल से चिपका दिया
" हिलना डुलना मत "
जीत छेद पर अंगूठे का हल्का सा प्रेशर डाला और बिना किसी रुकावट के आधा अंगूठा छेद के अंदर पहुच गया
तन्वी के चेहरे पर दर्द का तो कोई भाव नहीं आया लेकिन उसे मेहसूस हुआ जैसे गांड़ का छेद थोड़ा फैल गया हो और कोई चीज़ अंदर फस गयी है
" दर्द तो नहीं है ना ..मैं अंगूठा और अंदर डाल रहा हूँ "
इस बार जीत ने थोड़ा ज्यादा प्रेशर डाला और पूरा अंगूठा अंदर समा गया ..तन्वी की चीख तो नहीं निकली लेकिन मदहोशी से भरी आह ज़रूर निकल गयी ..जीत अंगूठे को राउंड देते हुये घुमाने लगा साथ ही वो कोशिश कर रहा था कि अंगूठे की जगह अपनी दूसरी उंगलियों का प्रयोग कर पाये
" तन्वी एक बार और आइस क्रीम यूज़ करता हूँ ..छेद काफी मुलायम हो जायेगा "
जीत ने अंगूठे को बाहर निकाल कर बची आइस क्रीम छेद मे भर दी
" डॅड फिंगर से पता नहीं चलता ..जब आप लंड डालोगे तब देखना ज़रूर मेरी गांड़ फॅट जायेगी "
तन्वी के दिल मे अब भी डर का वास था ..रह रह कर वो घबरा रही थी कि आज के बाद वो कयी दिनो तक ठीक से बैठ भी नहीं पायेगी
" चिंता मत कर ..मैं आराम से करूंगा "
जीत मे अपनी दो फिंगर छेद मे एंटर कर दी और धीरे - धीरे उंगलियों से छेद चौड़ाने लगा ..तन्वी को मज़ा भी आ रहा था और उसकी फट भी रही थी
काफी देर तक 2 उंगलियों से छेद की चुडाई कर जीत ने मन बना लिया कि अब ज्यादा देर करना ठीक नहीं ..अभी तन्वी मदहोश है ..हो सकता है बाद मे मना कर दे
" चल उठ ..बेड रूम मे चलते हैं ..अभी तो डिन्नर की डेलिवरी आने मे वक़्त लगेगा "
तन्वी को गोद मे उठा कर जीत बेडरूम की तरफ चल पड़ा ..कमरे मे पहुच कर जीत बेड पर अपनी टांगे लटका कर बैठ गया और तन्वी उसकी गोद से नीचे उतर कर फ्लोर पर खड़ी हो गयी
" ले थोड़ा इसे भी गीला कर दे ..ताकि चिकनाई बरकरार रहे "
जीत के समझाने से तन्वी अपने घुटनो पर बैठी और ज्यादा सा थूक बना कर उसने लंड पर उड़ेल दिया ..सुपाड़े से जीभ घुमाती हुई वो पूरे लंड पर अपना थूक फैलाने लगी ..लंड निगलने मे तो उसका कोई सानी था नहीं
" चूसने के बाद और चिकना हो जायेगा ना "
तन्वी ने रुवासी भरते हुये कहा ..घबराहट मे उसकी साँसे फूलने लगी थी और दिल की धड़कने जीत सुन रहा था
" दर्द होगा तो निकाल लूंगा ..भरोसा कर अपने डॅड पर "
जीत ने उसके बालो पर हाथ फेरते हुये कहा ..वो भी जानता था कि बेटी को दर्द देना उसके बस मे नहीं है ..तन्वी ने पेहली ही बार मे लगभग आधा लंड मूँह मे भर लिया और चूसने लगी ..मूँह के अंदर उसकी जीभ सुपाड़े पर रेंग रही थी ..जितना थूक उसके मूँह मे आता वो लंड को नेहलाती जाती ..चिकनाई का शायद उसने यही अर्थ लगाया था ..जब लंड मे काफी कड़क पन आ गया तब जीत ने उसे तन्वी के मूँह से बाहर खीच लिया ..लंड थूक से पूरी तरह भीगा था

" बस अब ठीक है ..मैं कुछ नहीं करूंगा ..तू खुद इस पर बैठेगी और अपने हिसाब से जितना अंदर ले सकती है ले लेना ..अब तो खुश है ना ? "
जीत ने उसे पलटा कर कहा ..अब उसकी बॅक जीत के फेस की तरफ हो गयी
" ठीक है ..लेकिन कंट्रोल आप को करना होगा "
तन्वी ने अपनी बेकाबू सांसो को रोका और लंड क़ी नोक पर गांड़ का छेद टिकाने लगी
" डॅड प्लीज़ "
जीत ने हाथो से उसका पेट पकड़ा और तन्वी लंड पर बैठने लगी ..उसका एक हाथ नीचे लंड को मुट्ठी बना कर जकड़े हुये था ..ताकि चाह कर भी जीत अपनी तरफ से झटका ना मार सके
तन्वी के बैठते ही सूपाडा अंदर घुसने लगा और च्छेद बुरी तरह् से फैल गया ..अचानक से तन्वी का पैर स्लीप हुआ और वो पूरे वजन के साथ लंड पर बैठती चली गयी
 
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