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"कम से कम झूठ बोलना तो सीख लो निकुंज !! मैने तो यह सोच कर बेडरूम का गेट अंदर से लॉक नही किया था कि तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त के बेटे हो मगर तुमने तो मेरे विश्वास की धज्जियाँ उड़ा कर रख दी निकुंज. अब मैं कम्मो को कैसे अपना मूँह दिखा सकूँगी" ड्रामा क्वीन नीमा सिसकी और अपनी दोनो अध-नंगी टाँगो को सोफे के ऊपर रख, घुटनो पर अपना सर झुका कर बैठ जाती है. उसकी नी'स तो आपस में जुड़ी हुई हैं मगर तलवे एक-दूसरे से काफ़ी दूर.
नीमा आंटी की यह नयी पोज़िशन देख, गान्ड फटने के बावजूद निकुंज को अपने लौडे में अविश्वसनीय कठोरता महसूस होती है. छोटी कच्छि नुमा गुलाबी कॅप्री उसकी आंटी के विशाल वा फैले हुए चूतडो की गहरी दरार में घुस कर, लगभग गायब सी हो गयी थी.
"आंटी को मनाना पड़ेगा, वरना बात मोम को पता चल जाएगी और फिर" निकुंज भविश्य के कयास लगाने लगता है "ग़लती क़ुबूल करने मैं ही भलाई है, हो सकता है आंटी मुझे माफ़ कर दें और फिर मैने जान-बुझ कर तो कुच्छ किया नही. वे भी तो इसमे बराबर की हिस्से-दार हैं" ऐसा सोच कर फॉरन निकुंज अपने सोफे से उठ खड़ा हुआ और नीमा के सोफे के ठीक सामने पहुच कर, नीचे फर्श पर बैठ जाता है.
"आइ'आम सॉरी आंटी" वह लो वाय्स में बोला मगर नीमा कोई जवाब नही देती "आंटी !! सुनिए तो सही" उसने दोबारा कहा. फर्श पर बैठे होने के कारण उसका चेहरा आंटी के नग्न सम्तुल्य चूतडो के बेहद करीब था.
एक तरफ निकुंज उसे आवाज़ देता जाता है और दूसरी तरफ रोम-रहित उसकी लंबी मांसल टाँगो का बारीकी से मुआयना भी करता है. द्रश्य की मनमोहकता इतनी प्रबल थी कि उसके काँपते होंठ बरबस आंटी के अविस्मरणीय चूतडो के पाट का रसीला चुंबन लेने को तरस रहे थे.
"आंटी" वह तड़प कर बोला "हां मैने बेडरूम के अंदर झाँका !! मगर आप ही ने तो कहा था, मैं फ्लॅट देख सकता हूँ" शब्दो से सच बयान करने के पश्चात वह अपना हाथ नीमा के झुके दाहिने कंधे पर रख देता है.
"मत छुओ मुझे और मत कहो आंटी" नीमा ने कंधा उचकाया, जैसे वह बहुत क्रोध में हो "मैने फ्लॅट देखने को ज़रूर कहा था लेकिन तुम तो मुझे कपड़े बदलते हुए देखने लगे और अब बेशर्मी से बता भी रहे हो कि तुमने मुझे नेकेड देखा" वह अपना सर घुटनो से उपर उठा कर बोलती है और उसका नाटकीय चेहरा बेहद उदास था.
"आप को रूम का गेट लॉक करना चाहिए था आंटी वरना मुझे कैसे पता चलता, अंदर आप किन हलातो में हो" निकुंज लगातार दलीलें पेश करता जा रहा था मगर नीमा तो जैसे कुच्छ भी सुनने को तैयार नही थी.
"मुझे कामिनी को तुम्हारी जाहिल करतूत बतानी है" वह गर्जि "मैं अभी उसे कॉल करती हूँ" घबराकर निकुंज फॉरन उसके निच्छले नंगे धड़ से बुरी तरह लिपट जाता है.
नीमा आंटी की यह नयी पोज़िशन देख, गान्ड फटने के बावजूद निकुंज को अपने लौडे में अविश्वसनीय कठोरता महसूस होती है. छोटी कच्छि नुमा गुलाबी कॅप्री उसकी आंटी के विशाल वा फैले हुए चूतडो की गहरी दरार में घुस कर, लगभग गायब सी हो गयी थी.
"आंटी को मनाना पड़ेगा, वरना बात मोम को पता चल जाएगी और फिर" निकुंज भविश्य के कयास लगाने लगता है "ग़लती क़ुबूल करने मैं ही भलाई है, हो सकता है आंटी मुझे माफ़ कर दें और फिर मैने जान-बुझ कर तो कुच्छ किया नही. वे भी तो इसमे बराबर की हिस्से-दार हैं" ऐसा सोच कर फॉरन निकुंज अपने सोफे से उठ खड़ा हुआ और नीमा के सोफे के ठीक सामने पहुच कर, नीचे फर्श पर बैठ जाता है.
"आइ'आम सॉरी आंटी" वह लो वाय्स में बोला मगर नीमा कोई जवाब नही देती "आंटी !! सुनिए तो सही" उसने दोबारा कहा. फर्श पर बैठे होने के कारण उसका चेहरा आंटी के नग्न सम्तुल्य चूतडो के बेहद करीब था.
एक तरफ निकुंज उसे आवाज़ देता जाता है और दूसरी तरफ रोम-रहित उसकी लंबी मांसल टाँगो का बारीकी से मुआयना भी करता है. द्रश्य की मनमोहकता इतनी प्रबल थी कि उसके काँपते होंठ बरबस आंटी के अविस्मरणीय चूतडो के पाट का रसीला चुंबन लेने को तरस रहे थे.
"आंटी" वह तड़प कर बोला "हां मैने बेडरूम के अंदर झाँका !! मगर आप ही ने तो कहा था, मैं फ्लॅट देख सकता हूँ" शब्दो से सच बयान करने के पश्चात वह अपना हाथ नीमा के झुके दाहिने कंधे पर रख देता है.
"मत छुओ मुझे और मत कहो आंटी" नीमा ने कंधा उचकाया, जैसे वह बहुत क्रोध में हो "मैने फ्लॅट देखने को ज़रूर कहा था लेकिन तुम तो मुझे कपड़े बदलते हुए देखने लगे और अब बेशर्मी से बता भी रहे हो कि तुमने मुझे नेकेड देखा" वह अपना सर घुटनो से उपर उठा कर बोलती है और उसका नाटकीय चेहरा बेहद उदास था.
"आप को रूम का गेट लॉक करना चाहिए था आंटी वरना मुझे कैसे पता चलता, अंदर आप किन हलातो में हो" निकुंज लगातार दलीलें पेश करता जा रहा था मगर नीमा तो जैसे कुच्छ भी सुनने को तैयार नही थी.
"मुझे कामिनी को तुम्हारी जाहिल करतूत बतानी है" वह गर्जि "मैं अभी उसे कॉल करती हूँ" घबराकर निकुंज फॉरन उसके निच्छले नंगे धड़ से बुरी तरह लिपट जाता है.