पापी परिवार--19
एक एक पल दीप के लिए सदियों से बढ़ कर जान पड़ा ..इन 30 मिनट. मे जैसे उसने 10 जनम ले लिए थे ..शराब के 2 घूँट और पी कर वो बाथरूम मे नहाने के लिए एंटर हो गया ..शवर ऑन करते ही याद आया कि उस कुँवारी चूत के आ जाने के बाद साथ मे उसके नहाएगा तो ठीक रहेगा
सोचना ही हुआ और बिहारी के कॉल से उसका सेल बजने लगा
" आ गया ..रुक बाहर आ रहा हूँ "
वाइट वेस्ट और नीचे टवल लपेटे ही वो ऑफीस के मेन गेट पर आ गया ..बाहर की लाइट बुझा कर उसने आजू - बाजू की लोकेशन पर गौर किया और रोड के दूसरी तरफ खड़ी कार को अंदर आने का इशारा कर गेट से थोड़ा पीछे हट गया
बिहारी ने इडिका ऑफीस के अंदर पार्क कर दी
" बेड रूम मे हूँ ..लड़की को ले कर वहीं आ जा "
दीप ने वहाँ से जाते हुए कहा ..कार से बिहारी और लड़की उतर कर बेड रूम की तरफ़ बढ़ गये ..कुछ देर बाद बिहारी लड़की को कुछ समझाइश दे कर अपनी कार से वापस चला गया ..दीप ने पूरे ऑफीस की लाइट ऑफ की और बेडरूम के अंदर आ कर गेट लॉक करने लगा
" किस कॉलेज मे हो ? "
दीप और लड़की दोनो ने अब तक एक दूसरे को नही देखा था ..गेट अच्छे से बंद कर दीप ने उसकी तरफ पलट का पूछा
लड़की की आँखें दीप के चेहरे को देखते ही बड़ी हो गयीं ..खुद ब खुद उसका हाथ अपने खुले मूँह पर पहुच गया और वो बेड से उतर कर 5 कदम पीछे हट गयी
" घबराओ मत ..जानता हूँ मेरी उमर देख कर तुंझे ताज़्ज़ूब हो रहा होगा ..रिलॅक्स हो जाओ कोई भी बात इस कमरे से बाहर नही जाएगी "
दीप बेड पर बैठते हुए बोला ..बॉटल से न्यू पेग बना कर उसने सोडा मिलाया और 2 सीप मार कर लड़की को इशारे से अपने पास बुलाया
" इधर आओ ..क्या नाम है तुम्हारा ? "
दीप के इशारे पर भी लड़की टस से मस ना हुई और इस बार अपने दोनो हाथ चेहरे पर रख कर खड़ी हो गयी
" मैने कहा ना रिलॅक्स हो जाओ ..चलो आओ मेरे पास "
दीप को उसका खूबसूरत चेहरा देखने की लालसा बढ़ गयी थी ..इस वक़्त लड़की ने अपने बदन पर जीन्स और टॉप डाला हुआ था ..मॉर्डन गेट - अप ..अजीब सी आडि टेढ़ी हेर - स्टाइल ..जैसे अक्सर फिल्मी आक्ट्रेस रखे रहती हैं ..पैरो मे हाइ हील सॅंडल ..टाइट जीन्स मे उसकी मांसल जाँघो और चूतडो का आकार बेहद भडकाऊ था ..उसकी चूचियाँ हाथो के नीचे दबी होने से दीप को नज़र नही आ रही थी ..कुल मिला कर आज की रात दीप के लिए बड़ी कातिल थी ..लगभग 3 साल के इंतज़ार के बाद उसे कुँवारा माल चोदने के लिए मिल रहा था
" अच्छा ठीक है पास मत आओ ..पर अपना चेहरा तो देखा सकती हो ना ? "
दीप ने वापस एक स्ट्रॉंग सीप लिया और बेड के स्टॅंड से टिक कर लेट गया ..लंड इस बात से ही अकड़ने लगा कि माल 19 साल का है वो भी वर्जिन ..टवल के नीचे नंगे होने से लंड का उभार भी हल्का हल्का दिखाई देने लगा था ..जब काफ़ी देर तक लड़की ने कोई रिक्षन नही दिया तो दीप गुस्से से भर गया
" क्या यहाँ नौटंकी करने आई है ..अरे जब इतनी शरम थी तो चुदने आना ही नही चाहिए था "
इतना बोल कर दीप ने अपना मोबाइल हाथ मे उठा लिया
" किसे फोन कर रहे हैं अंकल ? "
लड़की ने घबरा कर अपने दोनो हाथ चेहरे से हटा लिए ..उसे डर महसूस हुआ कि कहीं दीप ऐसी जगह कॉल ना कर दे जो इस कमरे की बात बाहर चली जाए
" बिहारी को ..तुम्हे ले जाएगा यहाँ से "
दीप नंबर. डाइयल करते हुए बोला
" रुकिये अंकल ..मेरे पैसे अटक जाएँगे "
इतना कह कर लड़की बेड पर आ कर बैठ गयी ..दीप ने ये बात सुनते ही सेल वापस नीचे रख दिया और बड़े गौर से उसका खूबसूरत चेहरा देखने लगा ..लड़की वाकाई सुंदर थी ..नयन नक्श पर्फेक्ट ..हाथ हटने से उसकी कसी चूचियाँ भी दीप ने देखी ..चक्षु - चोदन करने मे तो उसका कोई सांई था ही नही ..अनुमानित फिगर काफ़ी हड्द तक तनवी से मॅच कर रहा था ..सिवाए मेच्यूर चेहरे के
" इधर आओ मेरे पास "
दीप ने अपनी जाँघो पर थपकी दे कहा और इस बार लड़की अपनी सॅंडल उतार कर उसकी तरफ सरकने लगी ..आहिस्ता - आहिस्ता आगे बढ़ती हुए वो बिल्कुल दीप के पास घुटने मोड़ कर बैठ गयी
" क्या नाम है तुम्हारा ? "
दीप ने उसके घबराए झुके चेहरे को थोड़ी से पकड़ कर ऊपर उठाया ..उसका मन किया अभी इन रसीले होंठो को चूसना शुरू कर दे ..लेकिन जल्दबाज़ी का काम शैतान का ..उसने अपने ऊपर कंट्रोल बनाए रखा
" शिवानी "
लड़की ने बेहद लो वाय्स मे जवाब दिया और दीप की आँखों मे देखने लगी ..मासूम चेहरा कजरारी आँखें ..दीप के तो आज मज़े हो गये थे
" बड़ा प्यारा नाम है ..किस कॉलेज मे पढ़ती हो ? "
दीप उसके माथे से उंगली फिराता हुया बूब्स क्लीवेज तक पहुच गया था
" जी वो मत पूछिये "
धड़कने बढ़ते ही लड़की ने अपनी आँखें बंद कर ली और अगले ही पल दीप ने अपने होंठो से उसकी गर्दन के सेंटर पर एक गहरा चुम्मा जड़ दिया ..लड़की का रोम रोम सिहर गया ..हलाकी दीप के मूँह से आती शराब की गंध से उसकी नाक अवरुद्ध हुई लेकिन मस्ती से सराबोर हो वो मचल उठी
" अच्छा नही पूछता ..अपनी आँखें तो खोलो "
दीप का कहा मान कर शिवानी ने अपनी आँखें खोली ..लेकिन इस बार उसकी नज़रे दीप के टॉवल मे बने तंबू से चिपक कर रह गयी ..मूँह ऐसे खुल गया जैसे लंड चूसने का अभ्यास कर रही हो
" ज़्यादा मुश्क़िल नही होगी जान ..चाहो तो छु का देख सकती हो "
दीप उसके मुलायम हाथ को पकड़ कर लंड पर रखने लगा ..शिवानी ने थोड़ा ज़ोर लगाया ताकि अपना हाथ छुड़ा सके लेकिन अगले ही पल उसे याद आ गया कि वो यहाँ दीप की रात रंगीन करने आई है ना कि कोई विरोध करने
हाथ का स्पर्श अध - खड़े लंड पर महसूस कर दोनो की हालत पतली हो गयी ..जहाँ दीप उसके कोमल हुस्न को देख कर पागल हुआ जा रहा था वही शिवानी लंड की लंबाई और चौड़ाई का एहसास कर पानी - पानी होने लगी थी
Hind