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Incest : पुर्व पवन : (incest, romance, fantasy)

कहानी आपको केसी लग रही है।।


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    102
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snidgha12

Active Member
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2,693
144
कुंठित मानसिकता से ग्रस्त पाठकों के कमेंट से निराश नहों और अपने मन में निर्धारित कि हुआ कथा को लिखें और पुर्ण करें

धन्यवाद
 

Kumar Abhi

Member
231
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63
इस कहानी को सोचते समय इतना कुछ आगे का नहीं सोचा था। लेकिन समय के साथ साथ यह सोच और गहराई में चली जाती रही।


मुझे यह अच्छी तरह मालुम है, इरोटिक स्टोरी में इत्नी पेचीदगियाँ नहीं होती। वह बस सिम्पल और हॉट और कुइक रेस्पोंस होती हैं। सभी पाठकों तक पहुँचाने के लिए मैं ने जहाँ तक हो सके इसे आसान और सहज बनाने की कोशिश की है। लेकिन अगर इसके बावजूद पाठक इसे पसंद ना करे फिर मैं समझूँगा इरोटिक स्टोरी में अभी तक उस लेवल के पाठक बन नहीं पायें जो ऐसी कहानी को सराहा दें सके।


अभी तक इस स्टोरी को बस पवन कुमार की जमींदारी प्राप्त करने तक सीमित रखने का विचार किया है। लेकिन कहानी में कहीं कहीं आगे भविश्य में क्या हुआ है, इसकी झलकियां इसी लिए दिखाई जा रही है, ताकी पाठकों को आगे आनेवाले पार्ट के बारे में भी उत्सुकता बनी रहे। उस पार्ट का नामकरण भी मैं ने सोच लिया है, नाम होगा, "पवनपुत्र सूर्यदेव"।

डेव कुमार का परिचय जान लिया। सुर्य कुमार भी पवन कुमार का एक पुत्र है। उसकी भी एक प्रेम कहानी है। उन दोनों के ऊपर दूसरा पार्ट आधारित होगा।


और रही बात बिग अपडेट की, तो उस बारे में सभी पाठकों को बताना चाहूँगा। मैं ने इस से पहले बड़े बड़े अपडेट दिए हैं। ना तो पाठकों की तरफ से कोई बधाई देता है और ना ही इस मेहनत को सराहना देता है। इस लिए यही सोचा है, की हफ्ते में दो बार अपडेट दिया करूँगा। दूसरे स्टोरी की तरह। इससे पाठक भी खुश और मैं भी। और मैं चाहता हूँ कि पाठक मेरी कहानी को मन और ध्यान लगाकर पढ़े। इसी लिये यह निर्णय है। उम्मीद है पाठकवर्ग भी मेरा समर्थन करेंगे।


धन्यवाद।
Bhai jaise aap ko theek lage ye story outstanding hai hafte mai do ya do se adhik bhi aap update de to badiya rhega baaki aapki margi
 

Ashuk2705

Member
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इस कहानी को सोचते समय इतना कुछ आगे का नहीं सोचा था। लेकिन समय के साथ साथ यह सोच और गहराई में चली जाती रही।


मुझे यह अच्छी तरह मालुम है, इरोटिक स्टोरी में इत्नी पेचीदगियाँ नहीं होती। वह बस सिम्पल और हॉट और कुइक रेस्पोंस होती हैं। सभी पाठकों तक पहुँचाने के लिए मैं ने जहाँ तक हो सके इसे आसान और सहज बनाने की कोशिश की है। लेकिन अगर इसके बावजूद पाठक इसे पसंद ना करे फिर मैं समझूँगा इरोटिक स्टोरी में अभी तक उस लेवल के पाठक बन नहीं पायें जो ऐसी कहानी को सराहा दें सके।


अभी तक इस स्टोरी को बस पवन कुमार की जमींदारी प्राप्त करने तक सीमित रखने का विचार किया है। लेकिन कहानी में कहीं कहीं आगे भविश्य में क्या हुआ है, इसकी झलकियां इसी लिए दिखाई जा रही है, ताकी पाठकों को आगे आनेवाले पार्ट के बारे में भी उत्सुकता बनी रहे। उस पार्ट का नामकरण भी मैं ने सोच लिया है, नाम होगा, "पवनपुत्र सूर्यदेव"।

डेव कुमार का परिचय जान लिया। सुर्य कुमार भी पवन कुमार का एक पुत्र है। उसकी भी एक प्रेम कहानी है। उन दोनों के ऊपर दूसरा पार्ट आधारित होगा।


और रही बात बिग अपडेट की, तो उस बारे में सभी पाठकों को बताना चाहूँगा। मैं ने इस से पहले बड़े बड़े अपडेट दिए हैं। ना तो पाठकों की तरफ से कोई बधाई देता है और ना ही इस मेहनत को सराहना देता है। इस लिए यही सोचा है, की हफ्ते में दो बार अपडेट दिया करूँगा। दूसरे स्टोरी की तरह। इससे पाठक भी खुश और मैं भी। और मैं चाहता हूँ कि पाठक मेरी कहानी को मन और ध्यान लगाकर पढ़े। इसी लिये यह निर्णय है। उम्मीद है पाठकवर्ग भी मेरा समर्थन करेंगे।


धन्यवाद।
Jabardast update finally pawn jana us ka pita kon hai
 
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