gangleader
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बहुत ही मस्त और लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गयाUpdate 08
मां के मुंह ने उनकी उंगली को डाला हुआ देख मुझे बड़ा अजीब लग रहा था.. मेने मां का ऐसा रूप पहली बार जो देखा था....
मां भी दूसरे ही पल थोड़ी असहज हो गई की सामने उसका बेटा है... मां को अचानक ही अपने नंगे पन की याद आई और वो और शर्म सार हो उठी...मां मेरे साथ मस्ती में जैसे हमारे रिश्ते को जैसे अनदेखा कर रही थी...बो कुछ देर चुप रही और फिर से बड़ी सी मुस्कान के साथ अपने पैरो को खोल मेरी और देख बड़े प्यार से बोली..."बेटा आजा अपनी मां के उपर चढ़ जा.. ये अवसर बार नही आएगा.. अपनी मां की कोख में वापस प्रवेश करने का सुख एक ही बार मिलेगा...कोई कसर न छोड़ना...आज अपनी मां से जो पूछना है पूछ कल तेरी लुगाई के आगे घुटने नही टेकना है बेटा..."
"मां आप का मेरी तरह लिंग क्यों नही है" मेरी बदानी से भरे प्रश्न को सुन मां जोर जोर से हंसने लगी...और बड़ी ही सालिंता से मेरे लिंग की और ईसरा कर बोली "इस की दो वहज है..एक तो बच्चे के लिए..जब एक औरत की बच्चेदानी उसकी योनि की हगराई में होती है जगा जब एक मर्द अपना वीर्य छोड़ देता है मर्द के वीर्य के अंदर बहोट बारीक बारीक करोड़ों बीज होते है जिस में से कोई एक ही औरत की बच्चेदानी को भेद पाता है और वो औरत के बीज से मिल एक नई जीवन को इस दुनिया में लाता है..9 महीने तक वो बीज धीरे धीरे बड़ा होता है और 9 महीने बाद वो इसी छोटी सी दिख रही योनि से मां को सारी दुनिया का दर्द देके बाहर आता है...जैसे कभी तू आया था मेरे लाल.. सोज इतनी चोटी जगा से तू बाहर आया होगा तब तेरी मां को कितना दर्द हुआ होगा..." मां की आखें नम हो गईं थी...
में के उपर होकर उनकी आखों में देखने लगा और उनको कस के अपनी बाहों में भर उनके रोने लगा.. इसी दौरान मेरा लिंग मां की काम आग की बट्टी में तप रही योनि को दीवार पे रगड़ रहा था..मां की हल्की सी सिसकारी निकलने लगी...में अब पूरी तरह मां के उपर अपना पूरा वजन डाल उन्हें अपनी बाहों में कस रहा था..मां नंगे बदन की गरमी से में और अपना होस खो ही चुका था...
की तभी मां के मुलायम हाथ मेरे लिंग को पकड़ लेते है..मेरी तेज सिसकारी निकल गई इस स्पर्श से...मां ने एक पल न गवाया और लिंग की उनकी योनि के छेद के उपर रख हक्का सा ऊपर हो गई और में कुछ समझ पाता उस से पहले ही मां की योनि को चीरता हुआ मेरा मोटा काला लिंग मां की योनि की गहराई मे उतर गया और मुझे वो अनुभव हुआ जो में सब्दो में कभी बया नही कर सकता...
मेरे लिंग की पतली चमड़ी मां की योनि की दीवार से घुसने से मुझ बेहत दर्द हुआ और में अपने जीवन में सब से तेज आवाज में चिल्ला उठा...ये दर्द भी ऐसा था कि क्या कहुं..मेरी प्यारी मां की बाहों में मरने को भी तैयार था उसी की योनि मे मुझे दर्द मिल रहा था... मां मुझे चूम के शांत कर रही थी.."बेटा हो गया हो गया मेरे लाल अब तू सिर्फ दर्द देगा अपनी मां को" और जब मेरा दर्द कम हुआ मेने अपनी आखें खोली तो मां का दर्द से भरा चहरा देख में हैरान हो गया कि मां को दर्द से तड़प रही थी..उनकी आखों से जैसे आशु की नदी निकल रही थी...
अब मुझे अपने लिंग पर मां की योनि का दबाव महसूस होने लगा में जैसे स्वर्ग में पहुंच गया.....मेरे मुंह से बस निकाला.."आह मां..मां..मां.. हिलना नही मां आह कितना गर्म है मां "
Shaandar jabardast super hot updateUpdate 08
मां के मुंह ने उनकी उंगली को डाला हुआ देख मुझे बड़ा अजीब लग रहा था.. मेने मां का ऐसा रूप पहली बार जो देखा था....
मां भी दूसरे ही पल थोड़ी असहज हो गई की सामने उसका बेटा है... मां को अचानक ही अपने नंगे पन की याद आई और वो और शर्म सार हो उठी...मां मेरे साथ मस्ती में जैसे हमारे रिश्ते को जैसे अनदेखा कर रही थी...बो कुछ देर चुप रही और फिर से बड़ी सी मुस्कान के साथ अपने पैरो को खोल मेरी और देख बड़े प्यार से बोली..."बेटा आजा अपनी मां के उपर चढ़ जा.. ये अवसर बार नही आएगा.. अपनी मां की कोख में वापस प्रवेश करने का सुख एक ही बार मिलेगा...कोई कसर न छोड़ना...आज अपनी मां से जो पूछना है पूछ कल तेरी लुगाई के आगे घुटने नही टेकना है बेटा..."
"मां आप का मेरी तरह लिंग क्यों नही है" मेरी बदानी से भरे प्रश्न को सुन मां जोर जोर से हंसने लगी...और बड़ी ही सालिंता से मेरे लिंग की और ईसरा कर बोली "इस की दो वहज है..एक तो बच्चे के लिए..जब एक औरत की बच्चेदानी उसकी योनि की हगराई में होती है जगा जब एक मर्द अपना वीर्य छोड़ देता है मर्द के वीर्य के अंदर बहोट बारीक बारीक करोड़ों बीज होते है जिस में से कोई एक ही औरत की बच्चेदानी को भेद पाता है और वो औरत के बीज से मिल एक नई जीवन को इस दुनिया में लाता है..9 महीने तक वो बीज धीरे धीरे बड़ा होता है और 9 महीने बाद वो इसी छोटी सी दिख रही योनि से मां को सारी दुनिया का दर्द देके बाहर आता है...जैसे कभी तू आया था मेरे लाल.. सोज इतनी चोटी जगा से तू बाहर आया होगा तब तेरी मां को कितना दर्द हुआ होगा..." मां की आखें नम हो गईं थी...
में के उपर होकर उनकी आखों में देखने लगा और उनको कस के अपनी बाहों में भर उनके रोने लगा.. इसी दौरान मेरा लिंग मां की काम आग की बट्टी में तप रही योनि को दीवार पे रगड़ रहा था..मां की हल्की सी सिसकारी निकलने लगी...में अब पूरी तरह मां के उपर अपना पूरा वजन डाल उन्हें अपनी बाहों में कस रहा था..मां नंगे बदन की गरमी से में और अपना होस खो ही चुका था...
की तभी मां के मुलायम हाथ मेरे लिंग को पकड़ लेते है..मेरी तेज सिसकारी निकल गई इस स्पर्श से...मां ने एक पल न गवाया और लिंग की उनकी योनि के छेद के उपर रख हक्का सा ऊपर हो गई और में कुछ समझ पाता उस से पहले ही मां की योनि को चीरता हुआ मेरा मोटा काला लिंग मां की योनि की गहराई मे उतर गया और मुझे वो अनुभव हुआ जो में सब्दो में कभी बया नही कर सकता...
मेरे लिंग की पतली चमड़ी मां की योनि की दीवार से घुसने से मुझ बेहत दर्द हुआ और में अपने जीवन में सब से तेज आवाज में चिल्ला उठा...ये दर्द भी ऐसा था कि क्या कहुं..मेरी प्यारी मां की बाहों में मरने को भी तैयार था उसी की योनि मे मुझे दर्द मिल रहा था... मां मुझे चूम के शांत कर रही थी.."बेटा हो गया हो गया मेरे लाल अब तू सिर्फ दर्द देगा अपनी मां को" और जब मेरा दर्द कम हुआ मेने अपनी आखें खोली तो मां का दर्द से भरा चहरा देख में हैरान हो गया कि मां को दर्द से तड़प रही थी..उनकी आखों से जैसे आशु की नदी निकल रही थी...
अब मुझे अपने लिंग पर मां की योनि का दबाव महसूस होने लगा में जैसे स्वर्ग में पहुंच गया.....मेरे मुंह से बस निकाला.."आह मां..मां..मां.. हिलना नही मां आह कितना गर्म है मां "
Maa ki chut ka rass pan karne dete toh bete ko
Son's Dream