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Horror प्रायश्चित (Completed)

mashish

BHARAT
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प्रायश्चित

【प्रथम भाग】

"यह क्या कर रहे हो राजन..? और कहां ले आए हो तुम मुझे..? इस निर्जन स्थान पर मुझे बहुत डर लग रहा है..!" कमला ने राजन की निगाह में वासना की लकीरों को देखते हुए कहा।

राजन बोला, " तुम्हें इतिहास से प्रेम है, लेकिन हमारे भारत के इतिहास में प्रेम के बहुत सारे अनोखे किस्से हैं। लेकिन प्रेम के किस्से मशहूर तभी होते हैं जब वे अधूरे हो, उनमें दर्द हो, कुछ अनोखापन हो, कोई सनक हो या अतृप्त प्रेम हो।"

" मुझे कुछ समझ में नहीं आ रही है तुम्हारी बात, कि तुम क्या कहना चाहते हो..?" कमला ने कहा।

"कमला, हम इस ऐतिहासिक अत्यंत पुरानी वीरान हवेली के चारो ओर दूर दूर तक फैली इन बड़ी बड़ी झाड़ियों के बीच इस निर्जन स्थान में अपनी सुहागरात का रिहर्सल करेंगे और अपने इस बेहद हसीन पलों का एक बेहतरीन वीडियो भी बनाएंगे। शादी तो ज़ब होगी तब होगी, पर मोहब्बत का असली आनन्द हमेशा शादी से पहले ही मिलता है, शादी के बाद नहीं..! और इसीलिये मैं तुम्हें यहां लाया हूँ मॉय डियर..!"

"क्या बक रहे हो तुम..? और यह कैसी गंदी बातें बोल रहे हो..? मुझे
ऐतिहासिक इमारतों से लगाव है। सुनसान जगहों से प्रेम है। वीरानियां मुझे अच्छी लगती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तुम इस वीरान स्थान में मेरे अकेलेपन का फायदा उठाओ। तुम ऐसा नहीं कर सकते। हम एक दूसरे को प्यार करते हैं और हमें अपनी मर्यादा कि सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।"

"कमला मुकम्मल प्यार तभी होता है, जब दो जिस्म एक हो जाते हैं। देखो कमला। यहां दूर दूर तक मेरे और तुम्हारे सिवा और कोई नहीं है..! और मौसम भी आज कितना हसीन है। रात्रि का पहला प्रहर..! चारो ओर सन्नाटा .! पंछी अपने घरों में लौटने को हैं। और इस हवेली का गार्ड मुर्गे और शराब की दावत उड़ा कर मदहोशी के आलम में है। इसलिए ये व्यर्थ की बातें छोड़ो और शर्म हया की दीवारों को तोड़कर मेरी बाहों में आओ और मेरे जिस्म में लगी आग को बुझा दो। हमारे प्यार को अमर बना दो।"

" तुम शायद पागल हो गए हो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम क्या कह रहे हो.? और तुम्हें यह भी नहीं मालुम, कि इसका अंजाम क्या होगा..? इसलिए होश में आओ राजन और हमारे इस मुकम्मल प्यार का अपमान ना करो।"

"पागल मैं नहीं बल्कि पागल तू हो गई है। तुझे मालूम भी है कि मुकम्मल प्यार किसे कहते हैं..? मुकम्मल प्यार उसे कहते हैं, जब दो जिस्म एक हो जाते हैं। दो जाने एक हो जाती हैं। और दो दिलों की धड़कनें एक दूजे में समा जाती हैं..!" ये कहते हुए राजन ने कमला को अपनी बाहों में भर लिया और उसके रसीले होठों को चूसने लगा।

"नहीं राजन नहीं..! तुम ऐसा कैसे कर सकते हो..? तुम मुझे प्यार करते हो और मैं भी तुम्हें प्यार करती करती हूं। लेकिन प्यार की भी एक मर्यादा होती है, एक सीमा होती है, लक्ष्मण रेखा होती है। इस रेखा को पार न करो राजन..!"

"तुम्हारा कहना बिल्कुल सही है कमला.! लेकिन हम हमेशा कुछ न कुछ नया करते आए हैं। और इसीलिए आज प्यार की इस लक्ष्मण रेखा को हम दोनों पार करेंगे। आज हमें एक होना है, बिल्कुल नए तरीके से, नए अंदाज में..खुले आसमान के नीचे.. इन जीव जंतु और पशु पक्षियों के सामने जो हमारी इस सुहागरात के गवाह बनेंगे..!"

" नहीं राजन..! यह असंभव है। और गलत भी है। मैं अपनी मम्मी और पापा को क्या जवाब दूंगी। दोस्त रिश्तेदारों और दुनिया से क्या कहूंगी । तुम मेरे प्यार हो राजन। तुम ऐसा नहीं कर सकते..!"

"पागल न बन कमला। मोहब्बत की थ्योरी बहुत पढ़ चुके हैं हम..! लेकिन अब प्रैक्टिकल करना है हमें..! इसलिए व्यर्थ में डर मत और जो हो रहा है, उसे होने दे। और यह तो जानती ही है तू, कि मैं तुझसे बेइंतहा प्यार करता हूं और तुझसे शादी भी करना चाहता हूं, फिर ये दूरी क्यों..? डियर, आज मेरा दिल कर रहा है, कि मैं शादी से पहले ही मोहब्बत का एक प्यारा सा तोहफा तुझको भेंट करूँ।। और एक प्रेमिका अपने प्रेमी के दिए इस तोहफे को भला अस्वीकार कैसे कर सकती है..?" यह कहते हुए राजन ने उसके जिस्म से उसके कपडों को अलग कर दिया।

कमला चींखने को हुई, लेकिन तभी राजन ने उसके मुंह को कस कर दबा दिया और बोला, "देख डियर, अगर तू चीखेगी तो चौकीदार आ जाएगा। और वो भी इस समय शराब के नशे में है। इसलिए वो भी तेरे साथ वही सब कुछ करेगा जो हमने आपस में करना है। लेकिन अगर उसने तेरे जिस्म को हाथ भी लगाया, तो मैं यह बर्दाश्तनही कर पाऊंगा और उसका खून कर दूंगा । इसलिए फैसला अब सिर्फ तेरे हाथ में है, कि तू ये खून खराबा चाहती है, या मेरा मुकम्मल प्यार ..!" यह कहते हुए उसने उसके मुंह से अपना हाथ हटा लिया। और फिर एक भद्दी सी हंसी हंसते हुए बोला, " सो मेरी जान। लेट्स कम एंड कोऑपरेट मी..!"

लेकिन उसकी इतनी गंदी बातों को सुनकर कमला किसी भूखी शेरनी की
भांति उस पर टूट पड़ी और उस पर प्रहार करती हुए उसके सीने में अपने दांत गड़ा दिए, और उसके जिस्म से उसका मांस नोच डाला!


दर्द से बिलबिलाते हुए राजन ने गुस्से में आकर पास में ही रखी एक ईंट उसके सर पर दे मारा, जिसके कारण थोड़ी देर में ही उसका प्राणान्त हो गया..!
nice start & awesome update
 
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भाग ~ 2
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कमला मर चुकी थी। उसके जिस्म की सारी दर्द पीड़ा दूर हो चुकी थी । लेकिन राजन के जिस्म में जो आग लगी हुई थी, उस आग में वो बुरी तरह से जल रहा था। उसके सीने से मांस नुचे होने के कारण उसका बदन भी लहूलुहान था। कुछ देर तक तो उसको कुछ भी समझ में न आया, कि वो क्या करें। लेकिन थोड़ी देर बाद उसने अपनी जेब से शराब की एक बोतल निकाली और अपने घाव को शराब से तरबतर कर दिया और बाकी बची शराब को गटागट पी गया। उसकी आंखें लाल हो गई और कमला जो एक लाश में तब्दील हो चुकी थी, शराब के नशे में उस लाश के संग भी उसने रेप कर डाला। फिर उस पुरानी हवेली के चौकीदार राम सिंह के पास गया, जो अब तक शराब के नशे में मदहोश था।

राजन ने चौकीदार राम सिंह के भी कपड़े उतारे और उसे घसीटते हुए कमला की लाश के ऊपर ले जाकर पटक दिया और अपनी गाड़ी से अपने दोस्त डॉक्टर रोमेश यहां जा पहुंचा।

डॉक्टर रोमेश ने राजन के सीने को लहूलुहान देख कर कहा, "उफ..! इतनी बेरहमी से तुम्हारी छाती को किसने नोचा..?"

"मेरी गर्लफ्रेंड ने यार..! मुझे तो इन लड़कियों का चक्कर समझ में ही नहीं आता, कि जब किसी को प्यार करती है ये, तो अपना तन समर्पित करने में उन्हें एतराज क्यों..? देखो, कितनी बुरी तरह नोच खाया है. !"


"सच कहा तूने। पर यह लड़की तो बहुत ही ज़ालिम और निर्दयी मालूम देती है..! इस तरह की लड़कियों से तो दूर रहना ही अच्छा..!"

"सही बात..! और इसीलिए आज मैंने हमेशा के लिए उससे किनारा कर लिया और अब कभी नहीं उससे मिलूंगा..! क्योंकि जब शादी से पहले ही उसने मेरा यह हाल किया, तो शादी के बाद क्या करती..?"

"बिल्कुल ठीक किया तूने।" राजन के सीने पर पट्टी बांधते हुए डॉक्टर रोमेश ने कहा।

"वैसे उस लड़की का नाम क्या है..? कहां रहती है वो..? और करती क्या है..?"

"नाम न ले उस लड़की का। बेरहम..धोखेबाज..बदचलन..!"

"गुस्सा न हो यार..! मैंने तो इसलिए पूछा तुझसे, कि ऐसी कोई लड़की अगर मुझे मिलती, तो नशे का ऐसा इंजेक्शन देता उसे, कि वो खुद ही बाहों में आ जाती..! और पहले अपना तन समर्पित करती और बाद में मुँहमाँगा धन भी..!"

"ओह..! फिर तो बहुत बड़ी गलती हो गई मुझसे..! अगर पहले मुझे मालुम होता, कि कोई ऐसा इंजेक्शन भी तेरे पास है, तो उसको लेकर पहले तेरे पास ही मैं आता। और इससे मुझ पर कोई फर्क भी नही पड़ने वाला था.! क्योंकि तू भी मेरा दोस्त है। इसलिए मेरी हर चीज पर थोड़ा बहुत तो तेरा भी अधिकार बनता ही है..! बाकी मेरी बात का मतलब तो तू समझ ही गया होगा..!"

"बिल्कुल समझ गया। और बहुत अच्छा लगा तेरी इस बात को सुनकर..!" डॉक्टर ने खुश होकर कहा।

"थैंक्स डॉक्टर। एंड आई प्रॉमिस, कि इस बार जिस लड़की को पटाऊँगा, अगर जरा भी उसने ना नुकुर की, तो सबसे पहले उसको तेरे पास ही लेकर आऊंगा।..!"

"थैंक्स राजन। मैं उस दिन का बेसब्री से इंतजार करूंगा।" डॉक्टर ने कहा।

"श्योर..!" राजन ने कहा, "लेकिन फिलहाल तो मुझे घर जाने की जरा जल्दी है, क्योंकि आज मम्मी पापा सुल्तानपुर गए हैं और मेरी बहन राधा घर पर अकेली है।" ये कहकर और डॉक्टर से इज़ाज़त लेकर वो अपने घर आ गया।
* * * /* * /* * *
उधर चौकीदार राम सिंह जब होश में आया, तो खुद को एक लड़की की लाश के ऊपर देख कर उसके होश उड़ गए..! उसके कुछ समझ में ना आया, कि यह सब कब हुआ और कैसे हुआ..!

उसने 100 नंबर पर फोन करना चाहा तभी उसने सोचा कि अगर वह पुलिस को फोन करता है, तो कहीं खुद न फंस जाए, क्योंकि जब पुलिस उससे पूछेगी वारदात के बारे में, तो वो क्या जवाब देगा..? कहीं ऐसा न हो, कि पुलिस उस पर ही शक करें और उसे जेल में बंद कर दे..!


उसने चारों ओर देखा , हर तरफ सन्नाटा था। तब उसने उस लड़की की लाश को घसीटते हुए वहीं पास में एक पुराने कुएं तक ले गया और उस लाश को उस कुएं में ढकेल दिया। सदियों पुराने उस कुएं में न पानी था न कोई उधर आता जाता था। इतना काम करके वो वापस आ गया और एक बोतल और चढ़ा कर फिर से टुन्न हो गया..!
nice update
 
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mashish

BHARAT
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भाग ~ 35

यह जिंदगी भी बड़ी अजीब होती है। किसी इंसान के चाहने वाले अनेक होते हैं, फिर भी उसके अंदर एक अधूरापन होता है। जबकि कोई सिर्फ एक से ही संतुष्ट हो जाता है।

भोली एक वैश्या थी। उसके आठ दस ग्राहक फिक्स थे, जिनके साथ वो खुलकर ऐश करती थी। और उसके सभी ग्राहक बहुत अच्छे थे। कोई उसके साथ जबरदस्ती करने वाला और बेरहमी से पेश आने वाला नहीं था। और इसीलिए अपने सभी ग्राहकों से वो संतुष्ट भी थी। लेकिन राजन के प्रति न जाने कैसा खिंचाव था उसके अंदर, कि उसके बिना उसे अपनी जिंदगी में एक अधूरापन का एहसास होता था। यद्यपि राजन ने एक बार भी उसके शरीर को नहीं भोगा था। और जिस दिन उसको रानी और भोली से जिस्मानी रिश्ता कायम करने का खुल कर मौका मिला,उसी दिन अचानक उसको इन कामों से विरक्ति हो गई और अपने पूर्व में किये पापों का प्रायश्चित करने वह शहर चला गया।

वैसे राजन को गए अभी सिर्फ तीन दिन ही हुए थे लेकिन इस तीन दिनों में हीं एक अजीब सा खालीपन सा उसे महसूस हो रहा था।

शाम का समय था। मंद मंद शीतल वायु जिस्म को ठंडक पहुंचाने की बजाय तन की आग को और भी भड़काने का काम कर रही थी। और यही हाल रानी का भी था। वो भोली के साथ झुग्गी के बाहर चट्टान पर सोई हुई थी।

अचानक भोली ने रानी के सीने पर अपना हाथ रखते हुए कहा-" कितनी मस्ती से लेटी हुई है इस वीराने में..! चिंतामुक्त..! जबकि मेरे जिस्म में आग लगी हुई है। अगर इस समय राजन यहां होता, तो मोहब्बत में आज इस कदर तड़पना ना पड़ता..!

तू वेश्या है और अपने जिस्म में लगी आग को किसी से भी बुझा सकती है। पर मुझसे पूछ, कि मेरा क्या हाल है। मुझे मुंबई जाना था। वहां पर बार डांसर बनना चाहती थी। लेकिन अकेले जाने की हिम्मत नहीं थी। राजन मिला तो ऐसा लगा जैसे सहारा मिल गया। और इसीलिए मैंने उसे अपना पति मान लिया जिससे उसकी सुरक्षा में मुंबई जा सकूं। लेकिन मुंबई जाने से पहले यहां आ गई। और यहां की खूबसूरत वादियों में खो गई।

लोग कहते हैं, कि इंसान बुरा क्यों है और क्यों गलत काम करता है। पर यहां तो सारा मामला ही उल्टा है डियर। क्योंकि राजन के अच्छा बनने के कारण ही आज हम दोनों तकलीफ में है। काश वो बुरा ही होता, तो आज हम दोनों कि जिंदगी कितनी रंगीन होती। लेकिन उसकी अच्छाई और सच्चाई ने हम दोनों की जिंदगी बर्बाद कर दी।

" किसी की सच्चाई और अच्छाई कभी किसी की जिंदगी को बर्बाद नहीं करती। हमें भी बुरे रास्ते से अच्छे रास्ते पर आने की प्रेरणा देती है। लेकिन हमें निराश नहीं होना चाहिए। क्योंकि उम्मीद पर ही सारी दुनिया कायम है। राजन ने आने को कहा है तो वो जरूर आएगा। और इस बार जब वह आएगा तो हमारी जिंदगी में बहारें भी आएंगी, फूल भी खिलेंगे और जिनसे जीवन में बेशुमार खुशियां होगी, और ये खुशी बहुत मस्त होगी और पाप रहित होगी।"

"लेकिन यह भी तो सोच, कि वह एक हत्यारा है और उसने जिन दो लड़कियों की हत्या की है, उन्हीं के घर गया है ..। पुलिस भी उसके पीछे पड़ी है। तो क्या ऐसी स्थिति में वह वापस आ सकता है..?"

"उसे हत्यारा मत कह बहन, क्योंकि उसने अपने गलत कर्मों से तौबा कर लिया है। महर्षि बाल्मीकि जो लूट मार कर के अपने घर का खर्चा चलाते थे, क्या उन्हें कोई डकैत कहता है..? नहीं कहता है ना..? तो बहन इसका सीधा सा मतलब यह है, कि ऊपर वाले की निगाह में जब कोई सुधर जाता है, तो हम उसको हत्यारा नहीं कह सकते, क्योंकि प्रायश्चित करने से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं। और यह तो सभी जानते हैं कि महर्षि बाल्मीकि ने बाद में रामायण की रचना की..!

"और अब अगर हमारा राजन आता है, तो वो हत्यारा नहीं होगा बल्कि एक नेक इंसान होगा और एक नेक इंसान से प्यार करना हमारी खुशकिस्मती होगी।"

"और सच तो यह है रानी, कि आज उसकी अच्छाई के कारण ही मेरे को उसकी याद आ रही है..! काश! वो आकर मेरे को अपनी बाहों में ले ले।"

"और मेरे को भी।" रानी ने कहा।

'हां यार, हम दोनों बहनें मिलकर उसे प्यार करेंगे।"

"लेकिन समस्या फिर वही आती है, कि हम दोनों उससे शादी कैसे करेंगे..? मुझे तो लगता है कि हमारे कानून में यह व्यवस्था होनी चाहिए, कि अगर दो लड़कियां अपनी मर्जी से किसी एक पुरुष से शादी करना चाहें, तो उन्हें इस शादी की अनुमति मिलनी चाहिए।"

"हमारे यहां राजा महाराजाओं के हरम में कितनी औरतें होती थी। और उन औरतों में कितनी औरतें तो मजबूर भी होती थी। लेकिन राजा उन सभी के साथ ऐश करता था।"

"राजन भी हमारी नजर में राजा है। और हम दोनों मजबूर नहीं है, बल्कि अपनी खुशी से उसको अपनाना चाहते हैं, तो इसमें गलत कुछ भी नहीं है।"

"और इस दुनिया में कितने लोग छुप छुप कर गलत काम करते हैं। लेकिन हम जो कुछ भी करेंगे खुलकर करेंगे। और अगर हम दोनों की अंतरात्मा उसे स्वीकार करती है, तो अपनी नजर में इसमें कोई बुराई नहीं है। हम पहाड़ों पर रहते हैं और हमारा कानून अलग है। हम अपना कानून खुद बनाएंगे।"

"अरे यार, तू ज्यादा सपने न दिखा। क्योंकि उसका नाम लेते ही मेरे दिल की धड़कने तेज हो जाती है।"

"तो कोई बात नहीं! चल आपस में ही थोड़ा प्यार कर लेते हैं। कुछ तो दिल को राहत मिलेगी! क्योंकि आज का मौसम बहुत ही मस्त है।"

अभी उनमें आपस में बातें चल ही रही थी कि अचानक उनकी नजर राजन पर पड़ी।

और राजन ने आते ही उन दोनों का अपने बाहुपाश में ले लिया

और बोला-"अब मैं हमेशा के लिए यहां आ गया हूं।"

"क्योंकि मैं जिनका गुनाहगार था, आज मुझको वहां से माफी मिल गई है। अब मैं हमेशा तुम लोगों के साथ रहूंगा और तुम्हारी हर इच्छाओं तो पूरा करूंगा। क्योंकि अगर मुझे कमला की आत्मा ने माफ कर दिया, कमला के मां बापू ने माफ कर दिया, और सोनी के भाई ने भी माफ कर दिया, तो अब मुझे कानून का कोई डर नहीं है।"

"क्योंकि इंसान के कानून से कहीं ज़्यादा कुदरत के कानून पर मुझे भरोसा है। और मुझे उस कानून पर भरोसा है, जो कानून तुम दोनों मिलकर हमारे लिए बनाओगी। क्योंकि हमको एक अच्छी और नेक जिंदगी तुम दोनों के प्यार ने ही दी है। इसलिये मैं तुम दोनों के आगे नतमस्तक हूं और तुम दोनों को अपने दिल से और अपनी आत्मा से प्यार करता हूं।

इतना कह कर राजन ने उनके हाथ को अपने हाथ में ले लिया.. और कहीं दूर पहाड़ियों की ओट में चला गया , जहां उन तीनों और ईश्वर के अलावा और कोई ना हो..!


(समाप्त)
awesome super story bahut achhi story thi bahut kuch sikha gayi aapki story sach kha hai ki ager sachhe man se mafi mango to uper bala bhi maf kar deta hai
 
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Moon Light

Prime
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Hello dear :hello:

This message is sent on behalf of XF admin team.
You are one of the best writers of XFORUM. And your story is also going very well. So we request you to write a short story for USC.
I hope aapki mehnat aur imagination is contest mein Char Chand laga degi aur XFORUM ke deewano ki list din doguni aur raat chauguni badhati rahegi, aur hum XF ko ek next level tak lekar jaayenge.Even Iss baar winners k liye
Cash Prizes bhi hain jo hum pehli baar leke aae hain so make sure you write a masterpiece.

Jaise ki aap sabhi Jante Hain is baar Hum USC contest chala rahe hain aur Kuch Din pahle hi Humne Rules & Queries Thread ka announce kar diya tha aur ab Ultimate Story Contest ka Entry Thread air kar diya hai jo 25th February 2022, 11:59 PM ko close hoga.

Khair ab main point par aate hain, jaisa ki entry thread aired ho chuka hai isliye aap sabhi readers aur writers se meri personally request hai ki is contest mein aap jarur participate kare aur apni kalpnao ko shabdon ka rasta dikha ke yaha pesh kare ho sakta hai log use pasand kare.
Aur jo readers nahi likhna chahte wo bakiyo ki story padhke review de sakte hai mujhe bahut khushi hogi agar aap is contest mein participate lekar agar Review likhenge.

Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunhara avsar hai isliye aage bade aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Ye ek short story contest hai jisme Minimum 700 words aur maximum 7000 words tak allowed hai itne hi words mein apni story complete karni hogi, Aur ek hi post mein complete karna hai aur Entry Thread mein post karna hai.

I hope you will not disappoint me and participate in this ultimate story contest and write your story.


Apni story post karne ke liye is thread ka use kare ~ Entry Thread
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Rules check karne ke liye is thread ko dekho ~
Rules & Queries Thread
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Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare ~
Review Thread
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Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare ~
Chit Chat Thread
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Aur aapne jo story likhi hai uske words count karne ke liye is tool ka use kare ~ Characters Tool


Prizes

Position​
Benifits​
Winner​
1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)​
1st Runner-Up​
500 Rupees +2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)​
2nd Runner-UP​
5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership​
Best Supporting Reader​
Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership​
Members reporting CnP Stories with Valid Proof​
200 Likes for each report​


______________________________________________________________

:thanks:
On Behalf of Admin Team
Regards - XForum Staff.
 

DesiPriyaRai

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भाग ~5
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राजन के पिता औघड़ बाबा के यंहा जाने के लिए तैयार होते हैं, और वो जैसे ही अपने घर के बाहर वाले दरवाजे के पास जाकर उसे खोलते हैं तो सामने पुलिस को देख कर चौंक जाते हैं |

दरवाजे से झांकते हुए रत्तीलाल ने कहा, " बताइये सर ! मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ ..?"

इंस्पेक्टर ने कहा , " क्या आप राजन के पिता जी हैं ?"

रत्तीमल - " जी ! राजन मेरा ही बेटा है | "

इंस्पेक्टर ने कहा, " राजन कहां है..?"

"जी , उसकी तबीयत बहुत गड़बड़ है। इसलिए वो सो रहा है!"

"उसे बुलाइए।"

" जी आप बैठिये। अभी बुलाता हूं।"

रत्तीलाल अंदर कमरे में गए और उन्होंने राजन से कहा,, " बेटा, पुलिस आई है। और वो तुमसे मिलना चाहती है।"

पुलिस का नाम सुनते ही राजन हक्का-बक्का रह गया.। उसके समझ में नहीं आया कि अब क्या करें। इतना तो वो समझ गया, कि पुलिस को कमला की हत्या किये जाने की खबर लग गई है और उसी के बारे वह पूछने आई है। उसके माथे पर पसीने की बूंदे आ गई। और कुछ समझ में ना आया उसके कि क्या करें..! घर में उसने इस बारे में अब तक किसी को कुछभी न बताया था।

उसने पापा से कहा, "ठीक है, अभी आता हूं।" और यह कह कर वो बाथरूम में चला गया।


रत्तीलाल जी वापस आए और इंस्पेक्टर को बताया, कि अभी बाथरूम में है। थोड़ी देर में आ जाएगा। लेकिन काफी देर तक जब राजन नहीं आया तो इंस्पेक्टर ने कहा, "देखिए, क्या कर रहा है, और क्यों नहीं आया अभी तक..?"

रत्तीलाल जी अंदर गए और उन्होंने बाथरूम में राजन को आवाज दी लेकिन अंदर से कोई जवाब न मिला। कई बार उन्होंने आवाज दी और दरवाजे को भड़भड़ाया। फिर भी जब कोई जवाब न मिला, तब वो भागे भागे बाहर आये आए और उन्होंने इंस्पेक्टर से कहा, "सर, वो बाथरूम में गया था, लेकिन मेरे बार बार आवाज देने पर भी सुन नहीं रहा है। दरवाजा अंदर से बंद है। भड़भड़ाने पर भी कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है। सर, प्लीज़ देखिए, क्या हो गया है उसे..? यह सुनते ही इंस्पेक्टर भाग कर बाथरूम पहुंचा और कई आवाजें देने पर भी जब अंदर से कोई रिस्पांस नहीं मिला तो, उसने सिपाहियों से दरवाजा तोड़ने को कहा। और जब दरवाजा तोड़ा गया, तो राजन वहां नहीं था। बाथरूम के ऊपर रोशनदान की जाली तोड़कर वो भाग गया था। यह देखते ही इंस्पेक्टर एक सिपाही को घर की निगरानी में में छोड़ कर दूसरे सिपाही को अपने साथ लेकर बाथरूम के पिछवाड़े भागा। बाथरूम के पिछवाड़े कच्ची जमीन थी। उस जमीन पर किसी के कूदने के निशान साफ साफ दिख रहे थे, क्योंकि वहां की मिट्टी गीली थी। वो निशान बाहर रोड पर जाकर खत्म हो गए । इंस्पेक्टर ने अपनी जीप एक रास्ते पर दौड़ा दी और पुलिस थाने पर लोकेशन बताते हुए फोन कर दिया कि उस क्षेत्र के आसपास के इलाकों पर और सभी बाइक सवारों पर नज़र रखें और राजन को गिरफ्तार करे। राजन की फोटो भी उन्होंने मोबाइल एप्प से सभी सम्बंधित थाने को और साथ में एस पी को भी भेज दी। और काफी दूर तक अपनी जीप को दौड़ाने पर भी जब राजन का कुछ पता न चला, तो इंस्पेक्टर राकेश वापस राजन के घर आ गया।

सबसे पहले उन्होंने रत्तीलाल से पूछा कि आपका बेटा राजन क्या करता है?

"सर, अभी तो वो इंटर में पड़ता है। लेकिन सर बात क्या हुई..? और क्यो वो बाथरूम की जाली को तोड़कर भाग गया.?"

"सेठ जी, राजन ने एक लड़की की हत्या की है! यह देखिए उस लड़की की फोटो। लड़की का नाम कमला है। और कल रात ये लड़की राजन के साथ ही थी। पुरानी हवेली के खंडहर में। और वहीं पर उसने इस लड़की का मर्डर किया और वहां से भाग गया।"

"नहीं सर, मेरा बेटा ऐसा कैसे कर सकता है.? वो तो बहुत सीधा साधा है और हमेशा सबकी मदद करता है।"

"सही कहा आपने, कि वह बहुत सीधा-साधा है और हमेशा सबकी मदद करता है। और इसलिए लड़कियां उसके जाल में फंस जाती है। और फिर बाद में उनके संग रेप करके उनकी हत्या कर देता है.! अगर वो सीधा साधा और भोला न होता, तो कोई लड़की उसके जाल में क्यों फंसती..?

"यह कैसी बातें कर रहे हैं सर..? मेरा बेटा किसी लड़की के संग ऐसी गंदी हरकत कैसे कर सकता है..? यह नामुमकिन है सर। आपको कोई गलतफहमी हुई है..!"

"मुझे गलतफहमी हुई है तो बताइए, कि पुलिस का नाम सुनते ही वह बाथरूम के रास्ते भाग क्यों गया..? अगर उसने कोई गुनाह न किया होता, तो उसे मेरे पास आना चाहिए था। मेरी बातों का जवाब देना चाहिए था। लेकिन वो भाग गया। इससे प्रमाणित होता है, कि उसी ने कमला की हत्या की है..!"

"क्या कहा, कमला की हत्या..?" अचानक कमला का नाम सुनते ही राधा भाग कर आई और बोली, "हां पापा, वो यही तो कह रहा था मुझसे, कि उसने कमला को मार दिया है। उसकी जान ले ली है। लेकिन वो यहां कैसे
आई और क्या कर रही है यहाँ..?"

यह क्या कह रही हैं आप.? क्या कमला यहां आई थी..?"

"नहीं, लेकिन वो मुझको ही कमला कहकर बुला रहा था। वो मुझसे कह रहा था, कि मैंने तो तुझे मार दिया था। फिर तू यहां कैसे आ गई..? कुछ इसी तरह की बहकी बहकी बातें वो कर रहा था। और फिर उसने खाना भी नहीं खाया और बेहोश हो गया। तब मैंने पापा को सूचना दी। और रात में ही पापा मम्मी सुल्तानपुर से वापस आ गए। सुबह जब उसकी तबीयत कुछ ठीक हुई, तब उसे नींद आ गई। इंस्पेक्टर साहब, उसकी बहकी बहकी बातें सुनकर हमने सोचा, कि जरूर कोई भूत प्रेत का मामला है। और इसीलिए पापा औघड़ बाबा के यहां जाने को थे, कि तभी आप आ गए।"

तब इंस्पेक्टर ने कहा, "लगता है यह राजन बहुत ही चालाक है और भूत प्रेत की बात कह कर आप लोगों को बहका रहा है। लेकिन कमला की हत्या उसने ही की है। अभी तक जितने भी प्रमाण मुझको मिले हैं, वो सभी उसके विरुद्ध है। मैं अभी तो जा रहा हूं, लेकिन राजन के बारे में कोई भी खबर मिले, या कोई फोन उसका आए या कुछ भी उसका सुराग मिले, तो आप तुरंत हमें खबर कीजिएगा। अन्यथा हम आपको भी अरेस्ट करने पर मजबूर हो जाएंगे।" ये कहकर इंस्पेक्टर चला गया।
Rajan ne bhag kr sabit kr diya ki vahi katil he, aur uski Ben ne bhi bol diya
 

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प्रायश्चित

【प्रथम भाग】

"यह क्या कर रहे हो राजन..? और कहां ले आए हो तुम मुझे..? इस निर्जन स्थान पर मुझे बहुत डर लग रहा है..!" कमला ने राजन की निगाह में वासना की लकीरों को देखते हुए कहा।

राजन बोला, " तुम्हें इतिहास से प्रेम है, लेकिन हमारे भारत के इतिहास में प्रेम के बहुत सारे अनोखे किस्से हैं। लेकिन प्रेम के किस्से मशहूर तभी होते हैं जब वे अधूरे हो, उनमें दर्द हो, कुछ अनोखापन हो, कोई सनक हो या अतृप्त प्रेम हो।"

" मुझे कुछ समझ में नहीं आ रही है तुम्हारी बात, कि तुम क्या कहना चाहते हो..?" कमला ने कहा।

"कमला, हम इस ऐतिहासिक अत्यंत पुरानी वीरान हवेली के चारो ओर दूर दूर तक फैली इन बड़ी बड़ी झाड़ियों के बीच इस निर्जन स्थान में अपनी सुहागरात का रिहर्सल करेंगे और अपने इस बेहद हसीन पलों का एक बेहतरीन वीडियो भी बनाएंगे। शादी तो ज़ब होगी तब होगी, पर मोहब्बत का असली आनन्द हमेशा शादी से पहले ही मिलता है, शादी के बाद नहीं..! और इसीलिये मैं तुम्हें यहां लाया हूँ मॉय डियर..!"

"क्या बक रहे हो तुम..? और यह कैसी गंदी बातें बोल रहे हो..? मुझे
ऐतिहासिक इमारतों से लगाव है। सुनसान जगहों से प्रेम है। वीरानियां मुझे अच्छी लगती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तुम इस वीरान स्थान में मेरे अकेलेपन का फायदा उठाओ। तुम ऐसा नहीं कर सकते। हम एक दूसरे को प्यार करते हैं और हमें अपनी मर्यादा कि सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।"

"कमला मुकम्मल प्यार तभी होता है, जब दो जिस्म एक हो जाते हैं। देखो कमला। यहां दूर दूर तक मेरे और तुम्हारे सिवा और कोई नहीं है..! और मौसम भी आज कितना हसीन है। रात्रि का पहला प्रहर..! चारो ओर सन्नाटा .! पंछी अपने घरों में लौटने को हैं। और इस हवेली का गार्ड मुर्गे और शराब की दावत उड़ा कर मदहोशी के आलम में है। इसलिए ये व्यर्थ की बातें छोड़ो और शर्म हया की दीवारों को तोड़कर मेरी बाहों में आओ और मेरे जिस्म में लगी आग को बुझा दो। हमारे प्यार को अमर बना दो।"

" तुम शायद पागल हो गए हो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम क्या कह रहे हो.? और तुम्हें यह भी नहीं मालुम, कि इसका अंजाम क्या होगा..? इसलिए होश में आओ राजन और हमारे इस मुकम्मल प्यार का अपमान ना करो।"

"पागल मैं नहीं बल्कि पागल तू हो गई है। तुझे मालूम भी है कि मुकम्मल प्यार किसे कहते हैं..? मुकम्मल प्यार उसे कहते हैं, जब दो जिस्म एक हो जाते हैं। दो जाने एक हो जाती हैं। और दो दिलों की धड़कनें एक दूजे में समा जाती हैं..!" ये कहते हुए राजन ने कमला को अपनी बाहों में भर लिया और उसके रसीले होठों को चूसने लगा।

"नहीं राजन नहीं..! तुम ऐसा कैसे कर सकते हो..? तुम मुझे प्यार करते हो और मैं भी तुम्हें प्यार करती करती हूं। लेकिन प्यार की भी एक मर्यादा होती है, एक सीमा होती है, लक्ष्मण रेखा होती है। इस रेखा को पार न करो राजन..!"

"तुम्हारा कहना बिल्कुल सही है कमला.! लेकिन हम हमेशा कुछ न कुछ नया करते आए हैं। और इसीलिए आज प्यार की इस लक्ष्मण रेखा को हम दोनों पार करेंगे। आज हमें एक होना है, बिल्कुल नए तरीके से, नए अंदाज में..खुले आसमान के नीचे.. इन जीव जंतु और पशु पक्षियों के सामने जो हमारी इस सुहागरात के गवाह बनेंगे..!"

" नहीं राजन..! यह असंभव है। और गलत भी है। मैं अपनी मम्मी और पापा को क्या जवाब दूंगी। दोस्त रिश्तेदारों और दुनिया से क्या कहूंगी । तुम मेरे प्यार हो राजन। तुम ऐसा नहीं कर सकते..!"

"पागल न बन कमला। मोहब्बत की थ्योरी बहुत पढ़ चुके हैं हम..! लेकिन अब प्रैक्टिकल करना है हमें..! इसलिए व्यर्थ में डर मत और जो हो रहा है, उसे होने दे। और यह तो जानती ही है तू, कि मैं तुझसे बेइंतहा प्यार करता हूं और तुझसे शादी भी करना चाहता हूं, फिर ये दूरी क्यों..? डियर, आज मेरा दिल कर रहा है, कि मैं शादी से पहले ही मोहब्बत का एक प्यारा सा तोहफा तुझको भेंट करूँ।। और एक प्रेमिका अपने प्रेमी के दिए इस तोहफे को भला अस्वीकार कैसे कर सकती है..?" यह कहते हुए राजन ने उसके जिस्म से उसके कपडों को अलग कर दिया।

कमला चींखने को हुई, लेकिन तभी राजन ने उसके मुंह को कस कर दबा दिया और बोला, "देख डियर, अगर तू चीखेगी तो चौकीदार आ जाएगा। और वो भी इस समय शराब के नशे में है। इसलिए वो भी तेरे साथ वही सब कुछ करेगा जो हमने आपस में करना है। लेकिन अगर उसने तेरे जिस्म को हाथ भी लगाया, तो मैं यह बर्दाश्तनही कर पाऊंगा और उसका खून कर दूंगा । इसलिए फैसला अब सिर्फ तेरे हाथ में है, कि तू ये खून खराबा चाहती है, या मेरा मुकम्मल प्यार ..!" यह कहते हुए उसने उसके मुंह से अपना हाथ हटा लिया। और फिर एक भद्दी सी हंसी हंसते हुए बोला, " सो मेरी जान। लेट्स कम एंड कोऑपरेट मी..!"

लेकिन उसकी इतनी गंदी बातों को सुनकर कमला किसी भूखी शेरनी की
भांति उस पर टूट पड़ी और उस पर प्रहार करती हुए उसके सीने में अपने दांत गड़ा दिए, और उसके जिस्म से उसका मांस नोच डाला!


दर्द से बिलबिलाते हुए राजन ने गुस्से में आकर पास में ही रखी एक ईंट उसके सर पर दे मारा, जिसके कारण थोड़ी देर में ही उसका प्राणान्त हो गया..!
Amezing Chandni. Me 8 se padhna start karungi. Story complete he to sirf 1 ya 2 days lagenge padhne me.
 

Shetan

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भाग~3
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राजन जब अपने घर पहुंचा उस समय रात के 12:00 बज चुके थे। राधा ने उसे देखते ही पूछा, "इतनी देर कैसे हो गई आज..? और मैं कितनी देर से तुम्हें फोन लगा रही हूं, और तुमने फोन भी नहीं उठाया..! ..क्यों..?"

"त..त..तुम..? तुम यहाँ कैसे आई..? त..त..त...तुमको तो मैंने मार दिया था..! त..त..तुम ज़िंदा कैसे हो..?"

"ये क्या कह रहे हो भइया तुम..? और किसकी बात तुम कर रहे हो ..?और किस को तुमने मार दिया..?"

"वो..वो..कमला..! हां.. हां..वो..मैं कमला की बात कर रहा हूँ..!"

"पर ये कमला कौन है..? मैं तो इस नाम की किसी भी लड़की को नहीं जानती..! ये किस तरह की बहकी बहकी बातें कर रहे हो तुम..?"

"तुम राधा नहीं.. तुम..तुम..कमला हो..??"

यह सुनते ही राधा खिलखिला कर हंस पड़ी फिर बोली, "भइया, तुम्हारी मजाक करने की आदत अब तक नहीं गई..! भला मैं कमला कैसे हो सकती हूं..? कहीं ऐसा तो नहीं, कि तूने मेरा नाम राधा से बदलकर कमला रख दिया..?"

"मैं..मैं..भला ऐसा क्यों करूंगा..?"

"तो फिर बार-बार मुझको कमला क्यों कह रहे हो..?"

"इसलिए कि तू कमला ही है। यह देख शीशे में अपना मुंह..!" सामने मेज़ पर रखा एक शीशा उसे देते हुए राजन ने कहा।

"क्यों..? क्या खराबी है मेरे चेहरे में..? ठीक-ठाक तो हूं..!" राधा ने शीशे में अपना चेहरा देखते हुए कहा।

"इसका मतलब सिर्फ मुझको ही राधा के चेहरे में कमला का चेहरा दिख रहा है..! कहीं ये मेरा भ्रम तो नहीं है..? दारू के नशे का तो असर नहीं है..?" फिर कई बार अपनी आंखें मींच मींच कर उसने देखा, लेकिन हर बार उसको राधा के जिस्म में कमला ही नजर आई।

उसकी बुद्धि कुछ काम नहीं कर रही थी और इस समय बहुत डरा हुआ था वो।

तभी राधा ने उससे कहा, "तुम बैठो, मैं अभी तुम्हारे लिए खाना लगाती हूं। आज मैंने तुम्हारे पसंद की कटहल की सब्जी बनाई है।"और यह कहकर वो रसोई घर में चली गई।

राजन ने सोचा, "पर यह कैसे मुमकिन है कि मुझे राधा के जिस्म में कमला नजर आ रही है, वो कमला जिसका मैंने खून कर दिया है!"

"आ जाओ डाइनिंग टेबल पर। मैंने खाना लगा दिया है।" राधा ने खाना परोसते हुए कहा।

राजन डाइनिंग टेबल पर गया और रोटी का पहला कौर कटहल की सब्ज़ी के साथ मुंह में रखने वाला ही था, कि उसे कटहल की सब्जी में खून नजर आया और उसके हाथ से रोटी छूट गई। ये देख कर राधा बोली, "क्या हुआ..? खा क्यों नहीं रहे हैं..? कुछ गले में फंस गया क्या..?"

लेकिन राजन ने जब राधा को देखा, तो इस समय बड़ा विभत्स रूप था उसका। उसके जिस्म में उसे कमला का भयानक रूप दिखा।

खून से सना चेहरा, उसके पंजों से नुची हुई उसकी छाती, खून से तर उसकी लाल लाल आंखें और रक्त से सने उसके फटे चिथड़े कपड़े ..!

कमला के इस भयानक रूप को देखते ही उसके मुंह से एक चींख निकली और वो बेहोश होकर ज़मीन पर गिर गया और तड़पने लगा. !

राजन को जब होश आया, वो अपनी बेड पर था। उस समय सुबह के चार बज चुके थे। अपने मम्मी पापा को सामने देखकर वो हैरान रह गया। उसने अपने मम्मी पापा से कहा, "आप लोग कब आए..?"

"बेटा रात में राधा ने फोन किया, कि तुम्हारी तबीयत बहुत ज़्यादा खराब है, इस खबर को सुनते ही हम दोनों वापस आ गए। बेटा अब कैसी तबीयत है तुम्हारी..?"

राजन ने देखा, राधा उसके सामने खड़ी थी। उसने बार-बार अपनी आंखें मल कर देखा। राधा ही थी। लेकिन रात में तो राधा के चेहरे पर कमला का चेहरा था। बेहद खौफनाक और डरावना ..! और वो कटहल की सब्जी में खून की तरी..? उसका माथा घूम गया और वो अपना सर पकड़ कर बैठ गया।

"क्या हुआ बेटा..!" पिताजी ने उसे सहारा देते हुए पूछा।

"बहुत तेज मेरा सर घूम रहा है। शायद रात मैंने कोई बहुत ही खौफनाक सपना देखा है। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि मुझे क्या हो गया है। कल रात राधा ने जब मुझे खाना दिया, तब सब्जी की तरी में मुझे खून नजर आया और राधा की शक्ल में मैंने एक राक्षसी को देखा और मैं बेहोश हो गया। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है, कि मुझे क्या हो गया है? और क्यों ऐसा हो रहा है मेरे साथ..?"

"फिर तो तुझे किसी बाबा को दिखाना पड़ेगा..! क्योंकि ये भूत-प्रेत का मामला लगता है। मैं आज ही औघड़ बाबा से बात करूंगा।"

"सही कहा पापा आपने।" राधा ने कहा। "कल मेरे को देखकर भी बहकी बहकी बातें कर रहा था और मुझे कमला कहकर बुला रहा था और बार-बार मेरे से कह रहा था कि तुम राधा नहीं हो बल्कि कमला हो। और यह भी कह रहा था, कि मैंने तो तुम्हें मार दिया था। फिर तुम यहां कैसे आई..!"

"फिर तो पक्का पक्का ये भूत प्रेत का ही मामला है। और अब तो औघड़ बाबा ही इसके बारे में कुछ बता पाएंगे । बस ऊपर वाले से यही दुआ है, कि मेरा बेटा जल्दी ठीक हो जाए।"

"पापा, मुझे बहुत तेज नींद आ रही है। और सिर में भी तेज दर्द है। थोड़ी देर सो लूं।"

ठीक है बेटा तू थोड़ी देर आराम कर ले और हम लोग भी बहुत थके हुए हैं। एक-दो घंटे आराम करने के बाद मैं भोले बाबा के यहां जाऊंगा और पूछूंगा, कि ये क्या चक्कर है। क्योंकि भूत प्रेत के मामले में वो बहुत पहुंचे हुए बाबा है..!!
Amezing. Maza aa gaya. Superb..
 
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