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Sachi me ye sab nahi aata mujhe, tabhi to sikhane ko bol raha hu,,,,Shukriya Shubham Ji...
Are apko bhala kya sikhaaye...
ap to sb seekhe huye hain
Sachi me ye sab nahi aata mujhe, tabhi to sikhane ko bol raha hu,,,,Shukriya Shubham Ji...
Are apko bhala kya sikhaaye...
ap to sb seekhe huye hain
Ye raajan to saala bahut hi kameena aur haraami type ka nikla. Kamla ki laash ke sath rape kiya. Uske baad chaukidaar ko kamla ki laash ke upar daal kar bhaag gaya. Zaahir hai wo kamla ke khoon me us chaukidaar ko hi fasana chahta tha. Idhar raajan apne ek doctor dost Ramesh ke paas pahucha. Uska dost bhi sala ek number ka haraami. Aise logo ko doctor kaun bana deta hai,,,,भाग ~ 2कमला मर चुकी थी। उसके जिस्म की सारी दर्द पीड़ा दूर हो चुकी थी । लेकिन राजन के जिस्म में जो आग लगी हुई थी, उस आग में वो बुरी तरह से जल रहा था। उसके सीने से मांस नुचे होने के कारण उसका बदन भी लहूलुहान था। कुछ देर तक तो उसको कुछ भी समझ में न आया, कि वो क्या करें। लेकिन थोड़ी देर बाद उसने अपनी जेब से शराब की एक बोतल निकाली और अपने घाव को शराब से तरबतर कर दिया और बाकी बची शराब को गटागट पी गया। उसकी आंखें लाल हो गई और कमला जो एक लाश में तब्दील हो चुकी थी, शराब के नशे में उस लाश के संग भी उसने रेप कर डाला। फिर उस पुरानी हवेली के चौकीदार राम सिंह के पास गया, जो अब तक शराब के नशे में मदहोश था।
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राजन ने चौकीदार राम सिंह के भी कपड़े उतारे और उसे घसीटते हुए कमला की लाश के ऊपर ले जाकर पटक दिया और अपनी गाड़ी से अपने दोस्त डॉक्टर रोमेश यहां जा पहुंचा।
डॉक्टर रोमेश ने राजन के सीने को लहूलुहान देख कर कहा, "उफ..! इतनी बेरहमी से तुम्हारी छाती को किसने नोचा..?"
"मेरी गर्लफ्रेंड ने यार..! मुझे तो इन लड़कियों का चक्कर समझ में ही नहीं आता, कि जब किसी को प्यार करती है ये, तो अपना तन समर्पित करने में उन्हें एतराज क्यों..? देखो, कितनी बुरी तरह नोच खाया है. !"
"सच कहा तूने। पर यह लड़की तो बहुत ही ज़ालिम और निर्दयी मालूम देती है..! इस तरह की लड़कियों से तो दूर रहना ही अच्छा..!"
"सही बात..! और इसीलिए आज मैंने हमेशा के लिए उससे किनारा कर लिया और अब कभी नहीं उससे मिलूंगा..! क्योंकि जब शादी से पहले ही उसने मेरा यह हाल किया, तो शादी के बाद क्या करती..?"
"बिल्कुल ठीक किया तूने।" राजन के सीने पर पट्टी बांधते हुए डॉक्टर रोमेश ने कहा।
"वैसे उस लड़की का नाम क्या है..? कहां रहती है वो..? और करती क्या है..?"
"नाम न ले उस लड़की का। बेरहम..धोखेबाज..बदचलन..!"
"गुस्सा न हो यार..! मैंने तो इसलिए पूछा तुझसे, कि ऐसी कोई लड़की अगर मुझे मिलती, तो नशे का ऐसा इंजेक्शन देता उसे, कि वो खुद ही बाहों में आ जाती..! और पहले अपना तन समर्पित करती और बाद में मुँहमाँगा धन भी..!"
"ओह..! फिर तो बहुत बड़ी गलती हो गई मुझसे..! अगर पहले मुझे मालुम होता, कि कोई ऐसा इंजेक्शन भी तेरे पास है, तो उसको लेकर पहले तेरे पास ही मैं आता। और इससे मुझ पर कोई फर्क भी नही पड़ने वाला था.! क्योंकि तू भी मेरा दोस्त है। इसलिए मेरी हर चीज पर थोड़ा बहुत तो तेरा भी अधिकार बनता ही है..! बाकी मेरी बात का मतलब तो तू समझ ही गया होगा..!"
Chaukidaar ram singh ke sath to ye hona hi tha. Khair usne bhi khud ko bachane ke liye wahi kiya jo aisi situation me karna chahiye tha. Ab dekhte hain kamla ke marne ke baad raajan ka kya hai,,,,उधर चौकीदार राम सिंह जब होश में आया, तो खुद को एक लड़की की लाश के ऊपर देख कर उसके होश उड़ गए..! उसके कुछ समझ में ना आया, कि यह सब कब हुआ और कैसे हुआ..!
उसने 100 नंबर पर फोन करना चाहा तभी उसने सोचा कि अगर वह पुलिस को फोन करता है, तो कहीं खुद न फंस जाए, क्योंकि जब पुलिस उससे पूछेगी वारदात के बारे में, तो वो क्या जवाब देगा..? कहीं ऐसा न हो, कि पुलिस उस पर ही शक करें और उसे जेल में बंद कर दे..!
उसने चारों ओर देखा , हर तरफ सन्नाटा था। तब उसने उस लड़की की लाश को घसीटते हुए वहीं पास में एक पुराने कुएं तक ले गया और उस लाश को उस कुएं में ढकेल दिया। सदियों पुराने उस कुएं में न पानी था न कोई उधर आता जाता था। इतना काम करके वो वापस आ गया और एक बोतल और चढ़ा कर फिर से टुन्न हो गया..!
Bahut hi badhiya,,,,भाग~3
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राजन डाइनिंग टेबल पर गया और रोटी का पहला कौर कटहल की सब्ज़ी के साथ मुंह में रखने वाला ही था, कि उसे कटहल की सब्जी में खून नजर आया और उसके हाथ से रोटी छूट गई। ये देख कर राधा बोली, "क्या हुआ..? खा क्यों नहीं रहे हैं..? कुछ गले में फंस गया क्या..?"
Raajan beta ab chain se sone ka time gaya, ab to bhootni ke sath maze karne ka time hai,,,"पापा, मुझे बहुत तेज नींद आ रही है। और सिर में भी तेज दर्द है। थोड़ी देर सो लूं।"
ठीक है बेटा तू थोड़ी देर आराम कर ले और हम लोग भी बहुत थके हुए हैं। एक-दो घंटे आराम करने के बाद मैं भोले बाबा के यहां जाऊंगा और पूछूंगा, कि ये क्या चक्कर है। क्योंकि भूत प्रेत के मामले में वो बहुत पहुंचे हुए बाबा है..!!
Ye aaj kal ke launde laundiya bhi na waqt se pahle hi jawaan ho jate hain. Umar 18 aur abhi se suhagraat ki practice,,,,भाग-4
कमला अभी कुछ महीने पहले ही तो अठारह साल की हुई थी | वो अभी इंटर में पढ़ती थी | राजन भी उसी की क्लास में पढ़ता था | राजन और कमला बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे | साथ बैठना साथ पढ़ना और साथ ही लन्च करना | इस बीच वो दोनों कब एक दूसरे को चाहने लगे पता ही नही चला |
Iklauta beta hone ka yahi ek dusparinaam nikalta hai. Agar bachcho ki shuru se achhi parvarish aur unme achhe sanskaar na daale jaye to bachcha bigdega hi. Mata pita ko shuru se hi aisa bana ke rakhna chahiye ki bachcha mata pita se dare aur galat raaste par na jaye. Khair jo hua so hua. Ab to anjaam bhugatne ki baari hai,,,,वैसे तो राजन में सभी अच्छाई थी, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बुरी आदत थी। अगर कोई उसकी बात न मानता तो वो बहुत जल्दी भड़क जाता था और गुस्से में कुछ भी कर सकता था। यह उसकी बचपन से आदत थी। उसके घर में भी लोग उसकी इस आदत से बहुत परेशान थे। खाने-पीने से लेकर खेल खिलौना, जो भी उसे पसंद आ जाए, उसके मां-बाप को उसे दिलवाना पढ़ता था। क्योंकि अगर उसे उसकी पसंद की चीज न मिलती, तो घर में महाभारत मचा देता..!
Shauk to dono ke ek jaise hi the lekin kamla ko bhi raajan ke tarah suhagraat ki practice kar leni chahiye thi. Kam se kam jaan to bach jaati,,,,एक दिन राजन ने उसको पुरानी हवेली के खंडहर में ले जाने की बात कही और चूंकि कमला को भी पुरानी इमारतों और खंडहरों में घूमने का शौक था, इसलिए तुरंत उसने राजन की बात मान ली। कमला ने अपने घर पर फोन से बता दिया कि आज वह थोड़ा देर से आएगी , क्योंकि उसे अपनी एक सहेली से मिलने जाना है। लेकिन इस बात की तो उसने कल्पना भी न की थी, कि राजन उसे खंडहर में ले जाकर उसकी इज्जत लूटना चाहता है ..!
Chalo police ko kamla ki dead body to mil gayi. Ram singh ke dwara police ko ye bhi pata chal gaya ki kamla kiske sath yaha thi. Lagta hai bahut jald raajan police ke shikanje me aane wala hai,,,,पुलिस ने राम सिंह की मदद से कमला की डेड बॉडी को कुएं से बाहर निकाला और कमला के मां-बाप को खबर की।थोड़ी देर में ही कमला के माता पिता पुरानी हवेली आ गए और अपनी बेटी को इस हाल में देखकर बिलख बिलख कर रोने लगे! पुलिस ने राम सिंह को अरेस्ट कर लिया और घटनास्थल का मुआयना कर हर एंगल से वहां की फोटो ली और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
Har cheez ek din zarur hoti hai. Ye jeewan hai aur is jeewan me kuch na kuch hota hi rahta hai rattilal ji. Aap bas ratti bhar ka dhairya rakhiye,,,,राजन के पिताजी भी बड़े परेशान थे, कि ये अचानक उनके बेटे क्या हो गया..! इस तरह की बातें उनके जीवन में पहले कभी न हुई थी..! और भूत प्रेत से वैसे भी उन्हें बहुत डर लगता था। लेकिन अब जो कुछ होना था, वो तो हो चुका था.! और ऐसी स्थिति में वो कर भी क्या सकते थे..!
कोई दो-तीन घंटे आराम करने के बाद जैसे तैसे वो तैयार हुए औघड़ बाबा के यहाँ जाने के लिए। और जैसे ही उन्होंने घर के बाहर गेट का दरवाजा खोला, कि सामने पुलिस को देख कर चौंक गए..!
Ise inspector kisne bana diya.? Raajan ke ghar aaya hai aur uske baap se hi puchhta hai ki kya aap raajan ke pita hain.? Aur raajan ka baap bhi dusra hi jawaab deta ki ji raajan mera hi beta hai. Aree taau inspector ne jo puchha tha usi ka jawaab dena tha na,,,,भाग ~5
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राजन के पिता औघड़ बाबा के यंहा जाने के लिए तैयार होते हैं, और वो जैसे ही अपने घर के बाहर वाले दरवाजे के पास जाकर उसे खोलते हैं तो सामने पुलिस को देख कर चौंक जाते हैं |
दरवाजे से झांकते हुए रत्तीलाल ने कहा, " बताइये सर ! मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ ..?"
इंस्पेक्टर ने कहा , " क्या आप राजन के पिता जी हैं ?"
रत्तीमल - " जी ! राजन मेरा ही बेटा है | "
Raajan ne apne baap ko hi nahi balki police ko bhi topi pahna diya. Bathroom ka bahana kar ke faraar ho gaya wo lekin ab bhaag kar jaayega kaha. Kanoon ka sab kuch bahut lamba hota hai,,,,पुलिस का नाम सुनते ही राजन हक्का-बक्का रह गया.। उसके समझ में नहीं आया कि अब क्या करें। इतना तो वो समझ गया, कि पुलिस को कमला की हत्या किये जाने की खबर लग गई है और उसी के बारे वह पूछने आई है। उसके माथे पर पसीने की बूंदे आ गई। और कुछ समझ में ना आया उसके कि क्या करें..! घर में उसने इस बारे में अब तक किसी को कुछभी न बताया था।
उसने पापा से कहा, "ठीक है, अभी आता हूं।" और यह कह कर वो बाथरूम में चला गया।
Ishwar aisi bahan kisi bhai ko na de. Isne to police ke saamne hi sab kuch khul kar bata diya. Raajan ko baahar kisi dushman ki kya zarurat hai jab uske ghar me hi uski bahan dushman ban ke baithi hai,,,,"क्या कहा, कमला की हत्या..?" अचानक कमला का नाम सुनते ही राधा भाग कर आई और बोली, "हां पापा, वो यही तो कह रहा था मुझसे, कि उसने कमला को मार दिया है। उसकी जान ले ली है। लेकिन वो यहां कैसे
आई और क्या कर रही है यहाँ..?"
यह क्या कह रही हैं आप.? क्या कमला यहां आई थी..?"
Ye inspector to pramaado ke milne ki baat aise kah raha hai jaise isne raajan ke khilaaf sare pramaad dharti ke neeche pataal se nikaale hain. Khair raajan to nikal liya hai abhi, ab dekhte hain kab tak ye police se bach kar rahta hai,,,,तब इंस्पेक्टर ने कहा, "लगता है यह राजन बहुत ही चालाक है और भूत प्रेत की बात कह कर आप लोगों को बहका रहा है। लेकिन कमला की हत्या उसने ही की है। अभी तक जितने भी प्रमाण मुझको मिले हैं, वो सभी उसके विरुद्ध है। मैं अभी तो जा रहा हूं, लेकिन राजन के बारे में कोई भी खबर मिले, या कोई फोन उसका आए या कुछ भी उसका सुराग मिले, तो आप तुरंत हमें खबर कीजिएगा। अन्यथा हम आपको भी अरेस्ट करने पर मजबूर हो जाएंगे।" ये कहकर इंस्पेक्टर चला गया।
Bahut badhiya,,,,भाग ~6डॉक्टर रोमेश अपनी क्लीनिक में मरीजों को देख रहे थे, तभी इंस्पेक्टर राकेश ने उनकी क्लीनिक में प्रवेश किया। रमेश ने उन्हें बैठने को कहा और अपने मरीज को देखते हुए बोला, "नमस्कार इंस्पेक्टर साहब, कैसे आना हुआ..?"
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इस्पेक्टर ने कहा, "आप मरीज को देख ले, फिर बात करते हैं।"
रोमेश ने कहा, "ठीक है।"
Doctor beta bach gaya tu. Raajan ke bare me sach sach bata kar achha kiya. Waise sab kuch jaan kar socha to usne bhi hoga ki achha hua ki raajan ne usse is sabke pahle ye nahi kaha tha ki jo mera hai wo tera bhi to hai. Aise me doctor ki bhi cuteness laal hone ka number aa jata,,,,"ओह नो..! इतनी बड़ा क्राइम, और उसने मुझे बताया भी नहीं..! अगर मुझे मालूम होता, तो मैं उसी समय आपको फोन कर उसी समय उसे आपकी सुपुर्दगी में दे देता..! इंस्पेक्टर साहब, मोहब्बत और प्यार अपनी जगह है, लेकिन यह खून खराबा बिल्कुल सही नहीं है..! यह प्यार में अंधापन बहुत गलत है। मोहब्बत प्यार में एक दूसरे का राजी होना बहुत जरूरी होता है। वैसे इस समय कहां है..?"
Inspector ne sahi socha hai. Raajan jaisa aadmi ab aise to kahi baithega nahi. Yakeenan use rupaye paise ki zarurat padegi. Dekhte hain aage kya hai,,,,फिर उसने सोचा, कि राजन के पास पैसे रुपए तो है नहीं, इसलिये कहीं न कहीं तो वो जाएगा ही और किसी न किसी से तो वो मदद मांगेगा ही। और ये भी हो सकता है अपने घर पर ही वो फोन करें..! तो आगे की कार्यवाही भी अब इसी पर निर्भर करेगी..! वैसे बिना पैसे रुपए के कब तक वो छुपता रहेगा..? राजन के एटीएम कार्ड का नंबर और कुछ अन्य डिटेल इंस्पेक्टर ने फोन से पता कर लिया था और इंतजार कर रहा था, किसी के फोन का. ! किसी नये सुराग के पता चलने का..!
Bahut hi badhiya update,,,,भाग ~7
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"अरे यार, वो कमला से मेरा झगड़ा हो गया। इस समय ज़रा जल्दी में हूँ।सारी बातें बाद में बताऊंगा..!"
"ओके, तू मेरी स्कूटी पर बैठ और चल मेरे घर..! फिर वही इत्मीनान से बातें करेंगे..!"
"Ok," राजन ने कहा और सोनी की स्कूटी पर बैठ गया और 15 मिनट में ही उसके घर आ गया।
घर आकर सोनी ने पूछा, "बोल, क्या लेगा..? चाय, काफी या दारू..?"
"मैं बहुत थका हुआ और परेशान हूं इस समय। तू कुछ भी ला दे..!"
"ठीक है। मैं दारू की बोतल और नमकीन लाती हूँ।"
Musibat me to gadhe ko bhi baap banana padta hai. Wahi haal raajan ka hai. Jis Soni ko wo hamesha ignore karta tha aaj wahi Soni use bahut achhi lag rahi thi aur kamla bhootni, jo ki ab sach me bhootni hi thi. Khair Soni bhi raajan ke liye taras hi rahi thi is liye sunahra avsar na gawaate huye wo raajan ko le kar bedroom me aa gayi,,,,"ओह। कितना फर्क होता है एक जिंदा जिस्म और एक मुर्दा जिस्म में..! वो बिल्कुल मुर्दा थी और ठंडी थी, जबकि तू जिंदा है, और कितनी हॉट है..! एकदम तरोताजा माल ..!" यह कहते हुए राजन ने सोनी के गालों पर चुंबन की झड़ी लगा दी।
"वो मुर्दा थी, पर मैं जिंदा हूं..! वाह..! क्या बात कही है दोस्त..! आज तो तूने मेरा दिल खुश कर दिया..! जिस कमला को मैं फूटी आंख भी न भाती थी, और तू भी उसके आगे हमेशा मेरी अनादर ही करता था, आज मेरे सामने उसको भूतनी कहा..उसको मुर्दा कहा.. और मुझे जिंदा कहा..तरोताजा माल.. कहा। थैंक्स फ्रेंड। कितने दिनों से मैं तेरे प्यार को तरस रही थी..और तू हमेशा मेरे को इग्नोर करता था..लेकिन आज पहली बार तूने मेरी खुलकर तारीफ की है..! चल इसी बात पर बेडरूम में चलते हैं। क्योंकि आज मैं तेरे को इतना प्यार दूंगी, कि आगे से तू कभी उस भूतनी का नाम भी न लेगा..!" सोनी ने खुश होकर कहा और राजन को अपनी बाहों का सहारा देकर अपने बेडरूम में ले आई और पलंग पर औंधे मुंह उसे लिटा दिया।
Ye kamla ko bhootni kahne ka hi parinaam tha shayad warna pyar ke rang me aisa bhang na padta. Soni ke chehre me raajan ko kamla nazar aayi to wo baukhla gaya aur fir bina ek pal bhi gawaye Soni ko kamla samajh kar hathaude se maar dala. Raajan ke haatho Soni bhi dher ho gayi. Ab to iska anjaam khuda hi Jane,,,,आज पहली बार यह करिश्मा हुआ, जब उसने कमला को भूतनी कहा जबकि उसकी तारीफ की। और वह भी ऐसे समय में जबकि वह घर पर अकेली थी और उसे एक साथी की तलब थी। राजन की बाहों में आज उसे बहुत सुकून मिल रहा था और राजन बहुत प्यार से अपनी बाहों में लेकर उसके गालों को सहला रहा था और उसके बालों से खेल रहा था। तभी अचानक राजन चींख पड़ा~"कमला तू..? तू यहाँ भी आ गई..!"
"यह क्या कह रहा है..? और क्या बक रहा है तू..?" सोनी अचानक राजन के इस रूप को देख कर सकते में आ गई...! तभी राजन चिल्लाया "लगता है, अभी तू पूरी तरह से मरी नहीं है..! लेकिन मै तुझे जिंदा नहीं छोडूंगा।" और इसके पहले कि सोनी कुछ समझ पाती, कि अचानक वहीं समीप रखें एक हथौड़े को राजन ने उठाया और अपनी पूरी ताकत से उसके सिर पर प्रहार कर दिया। राजन के इस भयंकर प्रहार को सोनी झेल न सकी और वहीं पर ढेर हो गई..!
Bahut hi badhiya,,,,भाग ~8
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राजन ने सोनी को कमला समझकर उस पर प्राण घातक प्रहार किया था और थोड़ी ही देर में उसके प्राण पखेरू उड़ गए थे..! /
सोनी पर प्रहार करते समय उसने उसे कमला कहकर पुकारा था। और मरने के बाद उसकी रूह सीधे कमला से मिली। सोनी ने उससे पूछा "तू यहां कैसे..?"
कमला ने कहा, मेरे साथ राजन ने धोखा किया। वो कल मुझे पुरानी हवेली के खंडहर ले गया था। वो मेरी इज्जत लेना चाहता था। मेरे जिस्म से खेलना चाहता था। और जब मैंने प्रतिरोध किया तो उसने मेरी जान ले ली..!"
Is raajan me aisi kaun si achhi baat thi ki uske sath suhagraat manane ke liye ye Soni marne ke baad bhi mari ja rahi hai,,,,"तो ठीक है। मैं कुछ समय के लिए तेरे को ज़िंदा कर देती हूं, क्योंकि तेरा शरीर अभी सही सलामत है। मेरे पास इतनी ताकत है, कि मैं राजन के आसपास के लोगों को भी अपने कंट्रोल में कर सकती हैं। और इसीलिए राजन को भयभीत करने के लिए कुछ समय के लिए मैंने तेरे चेहरे पर अपना मुखौटा लगा लिया था..! और इसी बीच उसने तुझ पर हमला बोल दिया। सोनी, मैं उसको माफ़ नहीं कर सकती और मैं उसे तड़पा तड़पा कर मारूँगी। लेकिन तेरी खुशी के लिए एक दिन के लिए मैं उसे तुझको सौंप रही हूं। अब तू जा अपने शरीर में और जिस तरह भी तेरी आत्मा को संतुष्टि मिले, वही कर। लेकिन सिर्फ सुबह तक का ही तेरे पास समय होगा होगा और उसके बाद राजन सिर्फ मेरा होगा। और हां मरने से पूर्व तुझे इस बात का सबूत देना होगा, कि तेरी हत्या राजन ने ही की है। अगर तुझे मेरी यह शर्त मंजूर है तो मैं अभी तेरी आत्मा को वापस तेरे शरीर में भेज देती हूं..! बोल क्या फैसला है तेरा..?
"मुझे मंजूर है। अपनी मौत से पूर्व मैं अपने राजन के साथ सुहागरात मनाना चाहती हूँ, बस यही मेरी आखिरी ख्वाहिश है। फिर मैं तृप्त हो जाऊंगी और मेरी आत्मा को मुक्ति मिल जाएगी..!"
"Ok, गुड बाय। अब से ठीक एक मिनट बाद तेरी आत्मा तेरे जिस्म में होगी..!" ये कह कर कमला की सूक्ष्म देह अंतरिक्ष मे विलीन हो गई..!
Aughad baba ne to rattilal ko ratti bhar bhi ummid nahi di,,,,भाग - 13
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जय हो बाबा रत्तीलाल ने सिर झुका कर औघड़ बाबा को दंडवत प्रणाम किया।
बाबा ने हाथ उठाकर रत्तीलाल को आशीर्वाद दिया और बोले-"तुम्हारे बेटे ने एक कुंवारी कन्या का खून किया है। इस समय वो यहां से मुंबई जाने वाली एक मालगाड़ी के डिब्बे में है। यह है तुम्हारे पहले प्रश्न का उत्तर है।।
तुम्हारे बेटे को मैं अपने मंत्र की शक्ति से कल वापस ला सकता हूं, लेकिन उसका घर लौटना खुद उसके लिए भी खतरनाक है और तुम्हारे परिवार लिए भी..! क्योंकि पुलिस उसके पीछे पड़ी है और उसे हर लड़की में अचानक कमला नजर आने लगती है, जो अतृप्त आत्मा है और जिसका तेरे बेटे ने खून किया है।
और तुम्हारे बेटे ने सिर्फ कमला ही नहीं, बल्कि एक और लड़की सोनी का भी खून कर दिया है। क्योंकि सोनी के चेहरे में भी उसे कमला नजर आई और इसीलिए उसने सोनी को कमला समझ कर उस पर प्रहार कर दिया और उसकी जान ले ली।
अगर वह घर लौट के आया,तो राधा को भी कमला समझकर उसके प्राण ले सकता है। यह है तेरे दूसरे प्रश्न का उत्तर
जिस दिन वो सच्चे मन से अपने गुनाहों से तौबा कर लेगा और किसी की जान बचाने में अपनी जान दे देगा उस दिन उस अतृप्त आत्मा कमला से उसको मुक्ति मिलेगी। ये है तेरे तीसरे प्रश्न का उत्तर..!
बाबा द्वारा अपने सभी प्रश्नों के उत्तर सुनकर रत्तीलाल निराश हो गया। विशेष रूप से तीसरे प्रश्न का उत्तर सुनकर, जो उसके बेटे की मौत का फरमान था-"जिस दिन वो सच्चे मन से अपने गुनाहों से तौबा कर लेगा और किसी की जान बचाने में अपनी जान दे देगा, उस दिन उस अतृप्त आत्मा कमला से उसको मुक्ति मिलेगी..!"
दूसरे प्रश्न का उत्तर भी बहुत खतरनाक था, जिसमें उन्होंने बताया, कि अगर राजन घर वापस आता है, तो उसकी बहन की जान को खतरा है..! क्योंकि अपनी बहन के चेहरे में अगर उसको कमला दिख गई, तो वो उसकी भी जान ले सकता है..!
रत्तीलाल अपना सर पकड़ कर बैठ गया। फिर थोड़ी देर बाद उसने औघड़ बाबा से एक प्रश्न और पूछा-" अब मुझे क्या करना चाहिए..?"
औघड़ बाबा ने कुछ देर के लिए अपनी आंखें बंद कर ली और ध्यान में चले गए..! फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने अपनी आंखें खोली और उन्होंने इस प्रश्न का उत्तर दिया-" भूल जाओ अपने बेटे को..! और ईश्वर से प्रार्थना करो, कि ईश्वर तुम्हारे बेटे को सद्बुद्धि दे और उस मृत आत्मा से तुम्हारे बेटे को मुक्ति दे। और हां, अब उस मृत आत्मा को, मतलब कमला को कभी डायन ना कहना, बल्कि उसे पवित्र आत्मा कहना, क्योंकि अगर उसके अंदर दुष्टता आई है, तो उसका कारण भी तुम्हारा बेटा ही है।
क्योंकि अगर तुम्हारा बेटा सही होता, तो आज वह दुष्ट आत्मा जिंदा होती और तेरे घर की बहू भी हो सकती थी..! क्योंकि तेरा बेटा उसे प्यार करता था, लेकिन उसने अपने प्यार के साथ धोखा किया और सब कुछ सत्यानाशकर दिया..! उस जैसी भली लड़की की जान लेकर..! उसकी मासूमियत को रौंदकर ..! और उसकी उसकी बेदर्दी से हत्या कर..! अब इन चारों प्रश्न के उत्तर का चार हज़ार रुपये मुंशी बाबा के अकाउंट में जमा करा कर फिर अपने घर जा..।" बाबा ने कहा
रतीलाल बाबा को दंडवत प्रणाम कर बाहर आया, काउंटर पर रुपए 4000 जमा किए, और अपने घर वापस आ गया।
घर आते ही जब उसकी पत्नी ने राजेंद्र के बारे में सवाल किया, तो रत्तीलाल ने कहा, "सब कुछ खत्म हो गया..! और अपना जवान बेटा अपने हाथ से निकल गया।
मैं सोचता था कि शायद मेरा बेटा ही सही है, और यह कमला डायन ने ही मेरे बेटे को बर्बाद किया है। उसकी मासूमियत का शिकार किया है। पहले जिंदा मेरे बेटे को सताती थी, और अब मर कर भी उसने मेरे बेटे की और हम सब की नींद हराम कर दी है..!
मगर आज पता लगा कि सारी गलती मेरे बेटे की है। और उस कमला की कोई गलती नहीं थी। वो मासूम थी और उसकी मासूमियत का बेरहमी से कत्ल कर दिया मेरे बेटे ने..! इसलिए उसको अब सजा तो मिलनी हीं है..!
और उसको कमला की आत्मा तब तक नहीं छोड़ेगी, जब तक कि वह सुधर नहीं जाता। उसके अंदर बदलाव नहीं आता। उसके अंदर किसी के प्रति दया की भावना नहीं आती। और जब तक वह किसी की जान बचाने में अपनी जान को कुर्बान नहीं कर देता..! मेरा सब कुछ खत्म हो गया..!इस लड़के ने अपनी जिंदगी भी बर्बाद की और मेरे बिजनेस और मेरे भविष्य को भी अंधकारमय कर दिया और इस पूरे परिवार के मुख पर कालिख पोत दी..!
Bahut hi badhiya,,,,भाग ~14थका हारा राजन मालगाड़ी के डिब्बे में कब सो गया, उसे पता ही न लगा। उसकी आंख जब खुली तो वो एक खूबसूरत लड़की की बाहों में था। उस लड़की को अपने से दूर करते हुए उसने उस लड़की से पूछा-" अब तू कौन है और तू यहां कैसे आई..?"
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"यही सवाल मैं भी तेरे से पूछ सकती हूँ, कि तू कौन है और तू यहां कैसे आया..?"
UA content,,,,"तू बुद्धू है। तुझे इस देश का कानून नहीं पता। अभी मेरी उम्र पूरी अट्ठारह नहीं हुई है। इसलिए अगर पकड़ा भी गया, तो मैं सुधार गृह चला जाऊंगा और वहां भी ऐश से रहूंगा और छह महीने बाद ही छूट जाऊंगा।"
"अरे हाँ यार, इस बात पर तो मेरा ध्यान ही नहीं गया कि मेरी उम्र भी अभी अट्ठारह पूरी नहीं हुई है। मैं भी अभी सत्रह साल की ही हूं । इसलिए मुझको भी छह महीने या एक साल की ही सजा होगी..! मैंने तो सोचा था, कि मैं अगर पकड़ी गई, तो लंबे से जाऊंगी, लेकिन अच्छा हुआ जो तूने मेरे को बता दिया, कि नाबालिगों को लंबी सजा नहीं होती..! वैसे तूने उस लड़की का मर्डर क्यों किया..?"
Kam umar me miya biwi ban gaye dono. Raajan ko bhi bina koi hath pair chalaye ladki mil gayi. Chorni ne use baaho me bhar liya hai magar zara samhal ke raajan pyare....chorni ke chehre par kahi kamla na dikhne lage,,,,"ठीक है, यह ले...!" इतना कह कर राजा ने अपनी रानी के मांग में सिंदूर भर दिया। रानी ने कहा-"अब तेरा मुझ पर पूरा अधिकार है और तेरा मुझपर..! अब तू कुछ भी कर मेरे साथ, मैं तेरे को रोकूंगी नहीं, क्योंकि आज से तू ही मेरा बाबू है। मेरा जानी है। मेरा राजा है। और मेरा सब कुछ है।" यह कहते हुए उसने राजा को अपनी बाहों में ले लिया।