• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica फागुन के दिन चार

komaalrani

Well-Known Member
22,129
57,324
259
फागुन के दिन चार भाग २७

मैं, गुड्डी और होटल

is on Page 325, please do read, enjoy, like and comment.
 
Last edited:

Mass

Well-Known Member
9,032
18,695
189
I am flattered, speechless.

probably there is a typo about the names, It is Ananad, but as they say, what is in the name?

You have not only read the story in detail, absorbed it, enjoyed it but shared the joy with the author. and coming from a discerning reader and authour makes it doubly important. thanks so much.
Yes, you are right. I was pointed out about the name error which I corrected yesterday :)

Thanks a lot for your lovely comments. Always a pleasure to hear from you. Thanks again.

komaalrani
 

komaalrani

Well-Known Member
22,129
57,324
259
Woww kya mast chhedkhani ho rahi hai Salhaj ke sath
Saali vo bhi Gunja aisi Teenager saali aur upar se Guddi ka saath, sasural bina saali ke nahi acchi hoti aur saali vo jo tang kare chhede aur double meaaning dilaogues ka maja le to fir kahna hi kya . Guddi Salary hai to Gunja Bonus.
 

komaalrani

Well-Known Member
22,129
57,324
259
Ufff kya masti ho rahi hai. Gajab ka update Komal ji.
Aur Chanda Bhabhi ne bhi Saali -jija ke rishte pe apni moohar laga di aur ye bol bhi diya ki main Jija saali ke bich nahi aane vaali. Ab Holi ho aur ek surprise packet men class 9th vaali chhedne vaali saali mil jaaye to kaisa lagega
 

komaalrani

Well-Known Member
22,129
57,324
259
Gajab ka narration hai aapka. Baithne ka naam hi nahin leta.
Baithana chahaiye bhi nahi. Anaand Babu ki bhi yahi haalt hai sasuraal men.

aapke comments ekdm parfect hote hain. likhne ki mehnat vasool


Thanks Thank You GIF by bluesbear
 

Aslam Miya

Kaamya wala...Tempo Driver
233
466
64
ahhhhhhhhhh.....................................

khudha ka noor hai aaapki lekhni mein komal maim saab...

apun ka sach mein khadha ho gaya....

ab hogayi na behenchod aafat.....

kidhar dalega ab apun apna jaake......he..he..he..
 

komaalrani

Well-Known Member
22,129
57,324
259

komaalrani

Well-Known Member
22,129
57,324
259
Komal ji you are just too good to appreciate. Your description of events is so fabulous it gives a feeling as if i am present among the characters. Hats off to you.
I am lucky to have readers like you who appreciate and enjoy erotica.
 

komaalrani

Well-Known Member
22,129
57,324
259
भाग - सेवन

* गुड्डी और गुड माॅनिंग -

जिस तरह से गुड्डी ने आनंद साहब को माॅनिंग विश किया उससे भला किस मर्द का माॅनिंग ' वाह वाह ' न बन जाए !
लेकिन इस माॅनिंग विश के बाद जिस तरह से आनंद साहब का दंतमंजन के बहाने उनका बंटाधार हुआ वह उस माॅनिंग विश पर काफी भारी पड़ गया ।
बंदर छाप काला दंतमंजन और उनके पुरे चेहरे का रंग - रोगन ।
वैसे भी आनंद साहब को इसमे कुछ बुरा लगने वाली बात भी नही थी। आखिर होली का त्योहार है और साथ मे खेलने वाली कमसिन खुबसूरत हाॅट कलियां जो है ।

* गुंजा -

यह नाम पहली बार मैने " नदिया के पार " फिल्म मे सुना था । साधना सिंह जी गुंजा का किरदार निभा रही थी ।
नाम सुंदर है इसमे कोई संदेह नही लेकिन इस नाम के साथ जिस लड़की की तस्वीर आपने इस अपडेट मे डाल रखा है , वह और भी सुंदर व हसीन है ।
नो डाऊट इस स्टोरी के हर किरदार का तस्वीर माशाल्लाह है ।
होली के अवसर पर जहां हम अखबारों मे नेता - अभिनेता और गणमान्य व्यक्तियों के नाम के साथ उनका टाइटिल या उपनाम अक्सर पढ़ते आए हैं वहीं स्कूल कालेज मे भी इस तरह का उपनाम अक्सर स्टूडेंट्स अपने टीचर्स को , अपने फ्रैंड को भी देते हैं जो कि बहुत ही फनी नाम होता है ।
गुड्डी का उपनाम दर्शाता है कि उसका फिगर कितना परफेक्ट और उत्तेजक है ।


* गरम ब्रेड रोल -

इस रोल को खाकर आनंद साहब का क्या हाल हुआ होगा वह अच्छी तरह से समझा जा सकता है । एक ब्रेड रोल के भीतर चार से भी अधिक हरी मिर्च , माई गाॅड ।
फजीहत अगर यहीं तक होती तब भी कुछ ठीक ठाक था
लेकिन इसके बाद गुझिया के अंदर रंग और गुलाल !
खैर आनंद साहब , बुरा न मानो होली है । :D

* साली की शरारत -

साली की शरारत मौखिक थी लेकिन साली की मां ने तो अपने पुत्री गुंजा और गुड्डी के मौजूदगी मे उनके नजरों से छुपाकर आनंद भाई साहब के साथ प्रेक्टिकल शरारतें कर दी ।
काफी डेयरिंग एक्ट था । सेक्सुअल मजाक करना एक अलग चीज है लेकिन सेक्सुअल एक्ट करना और वह भी अपने फैमिली के इर्द-गिर्द रहते हुए बिल्कुल ही अलग चीज है ।
चंदा भाभी , तुसी सच मे ग्रेट हो ।

* छोटी साली , गुंजा और बरमूडा -

गुंजा ने छोटी साली के रूप मे सच मे कमाल कर दिया । इनकी बातें , इनकी हरकतें , इनकी शरारतें , इनका डेयरिंग नेचर सबकुछ कमाल का था ।

* हवा मिठाई -

इस अपडेट मे आपने एक जगह लिखा है - " कहते हैं न कि मर्द की जात कमीनी होती है , लालची , एकदम सही कहते हैं ।"
इसी से सम्बंधित एक फिलॉसफी है -
बीवी तो बीवी है । वह तो हसबैंड को हमेशा हासिल है । उससे जिन्सी रिश्तेदारी कायम करके आपको उस फतह का एहसास नही होता जो आपको पड़ोस की औरत का मान मर्दन करके , यहां तक कि घर मे आने वाली धोबिन या बर्तन मांजने वाली तक से हमबिस्तर होकर होता है ।
घर की मलाई छोड़कर भी वह नुक्कड की जूठन चाटने जरूर जाएगा । दो टके की छिनाल औरत के सामने वह बिछ बिछ जाएगा लेकिन घर मे मौजूद अपनी सर्वगुण सम्पन्न बीवी से वह यूं बेजार होकर दिखाएगा जैसे उसे फांसी लग रही हो ।

* गुड्डी और गुंजा -

वह कोई साधु - संत या महात्मा या बैरागी ही होगा जो इन दो खुबसूरत नमकीन बालाओं के हुस्न के आकर्षण से स्वयं को बचाकर रख सकता है ।
अगर गुड्डी जैसी पत्नी हो , गुंजा जैसी साली हो और चंदा जैसी सास हो तो फिर यही कहा जा सकता है -
" सासु तीरथ , ससुरा तीरथ , तीरथ साला साली है ।
दुनिया के सब तीरथ छोड़ो , चारो धाम घरवाली है । "

इरोटिका कैसे लिखा जाता है , यह कोई भी शख्स इस अपडेट को पढ़कर जान सकता है , सीख सकता है । इसीलिए मै बार-बार कहते आया हूं कि कोमल जी , आप इरोटिका लेखन की मल्लिका हो ।
गुंजा और आनंद का अंतरंग सीन्स क्या ही लाजवाब सीन्स था ।

आउटस्टैंडिंग एंड जगमग जगमग अपडेट ।
आपने हर भाग के अपडेट का नाम देकर उसके बारे में कमेंट लिखा है।

आप ऐसे लब्धप्रतिष्ठित समीक्षक के दो शब्द पाने के लिए हर लेखक, लेखिका बेचैन रहती है , आपके प्रशंसा के शब्द, गुणवत्ता के मापदंड सरीखे हैं उस पर भी आपने समय निकाल कर न सिर्फ एक बहुत ही लम्बा अपडेट पूरा पढ़ा, और उसके हर भाग के बारे में अलग अलग कमेंट देकर उसे समेकित किया, इसके लिए धन्यवाद के कोई भी शब्द कम होंगे।

गूंजा की जो आपने तारीफ़ की एकदम मन खुश हो गया, नदिया के पार में भी गूंजा साली ही है, हाँ दीदी के देवर से उसके नैना चार होते हैं। और वह चुलबुली शोख और छेड़खानी करने वाली है, कुछ कुछ इस कहानी की गूंजा की तरह और चित्र भी पात्रनुसार होना जो आपने लिखा वह आपकी पारखी नजर दिखाता है। आनंद थोड़े से अंतर्मुखी, झिझक वाले है और गूंजा उन्हें उकसाती है, छेड़ती है।

इरोटिका लेखन के बारे में आपने जो कहा मैं सिर्फ यही कह सकती हूँ की आप ऐसे रससिद्ध रसज्ञ पाठक और हों, उनकी बिरादरी बढे,

मुझे और इस सूत्र को आप ऐसे पाठक समीक्षक मिले इसके लिए मैं कृतार्थ हूँ,

बार बार आभार।
 

komaalrani

Well-Known Member
22,129
57,324
259
अत्यंत कामुक आरम्भ. कैसी मनेगी होली?
स्वागत है आपका इस सूत्र पर

यहाँ पर एक आपको एक अलग सा अहसास होगा, बस यही गुजारिश कर सकती हूँ कहानी का आनंद लीजिये, अभी कुछ भाग ही पोस्ट हुए हैं और हर पार्ट पर अपनी टिप्पणी दे की कैसा लगा।

मुझे विश्वास है की आप को अच्छा लगेगा।

सूत्र से जुड़ने के धन्यवाद।
 

komaalrani

Well-Known Member
22,129
57,324
259
क्या द्विअर्थी संवाद हैं. आग दोनों ओर लगी है. लगाने वाली कोर्नेटो खिला गयी.
बहुत बहुत आभार, कैशोर्य के बिन बोले रोमांस की कुछ कुछ झलक यहाँ पर दिखती है। आप को अच्छा लगा, बहुत बहुत धन्यवाद, पहले पेज पर ही इंडेक्स है। मार्च के कारण आप शायद व्यस्त रहे होंगे, पर अब समय निकाल कर अब तक पोस्ट किये गए अपडेट पढ़ कर उन पर अपनी टिप्पणी कर दें तो आप हर अपडेट के साथ रह कर आनंद उठाएंगे।

मैं कोशिश करुँगी की हर सप्ताह एक अपडेट दूँ।
 
Top