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फागुन के दिन चार भाग २७
मैं, गुड्डी और होटल
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एकदम फगुनहट है बनारस है , ससुराल है कच्ची अमिया वाली साली है , सलहज हैं उसके बाद भी शिकार न कर पाएं तो गड़बड़ है , इसलिए तो साफ़ साफ बता दिया चंदा भाभी, ने एक प्यासे की प्यास बुझाने से न कुंआ झुराता है न पनिहारिन की गगरी खाली होती है।क्या उदहारण देकर समझाया है... चंदा भाभी ने...
साथ में शरम-झिझक दूर करने के तरीके...
और नई कच्ची कलियों को कैसे पटाना और पेश आना है...
अब तो आनंद बाबू खुद हीं शिकार पर निकलेंगे...
एकदम अब जागने का मौका आ गया है, वैसे भी जिस तरह से ट्रेन से गुड्डी की मम्मी, छुटकी के सामने खुल के बोल रही थीं , आनंद बाबू की रगड़ाई कर रही थीं उससे भी उन्हें कुछ तो अंदाजा गुड्डी की छोटी बहनों के बारे में लग ही गया होगा। और अब तो चंदा भाभी ने दैहिक परीक्षण कर के सारे सेकंडरी सेक्सुअल कैरेक्टर्स दोनों छोटी बहनों के गिनवा दिए , वो भी पिछली होली के तो अब तक तो विकास की दर कुछ तेज हुयी ही होगी।क्या हाल-चाल बखान किया है..
मंझली का पिछली होली में...
जागो आनंद बाबू जागो...
लड़के जिस अंग को सबसे पहले देखते है और लड़कियां जिसे सबसे पहले दिखाती हैं बात वहां से शुरू हुयी है और सबसे ज्यादा छुपने छुपाने वाली जगह तक पहुंचेगी।तारीफ किस लड़की को अच्छी नहीं लगती...
अब तो तारीफ करने का ट्रेनिंग चूचि से शुरू हुआ है...
फिर धीरे-धीरे मामला बेड तक जाएगा...
लड़के जिस अंग को सबसे पहले देखते है और लड़कियां जिसे सबसे पहले दिखाती हैं बात वहां से शुरू हुयी है और सबसे ज्यादा छुपने छुपाने वाली जगह तक पहुंचेगी।तारीफ किस लड़की को अच्छी नहीं लगती...
अब तो तारीफ करने का ट्रेनिंग चूचि से शुरू हुआ है...
फिर धीरे-धीरे मामला बेड तक जाएगा...
एकदम लेकिन सिर्फ तलवार बाँध के चलने से कुछ नहीं होता जब तक तलवार बाजी न आये।जंगबहादुर जबरदस्त हैं...
तभी तो जंग में हर तरह के दांव पेंच लगा के भाभी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा पाएंगे....
आनंद बाबू की झिझक तोड़ने के लिए और उन्हें अच्छे बच्चे की इमेज तोड़कर बाहर निकालने के लिए इन शब्दों को न सिर्फ सुनने की हिचक दूर होनी जरूरी है बल्कि बौलने की भीये गारियां भी ट्रेनिंग का हिस्सा थीं....
चंदा भाभी के मुख सुख से शुरुआत करने के दो अंतर्निहित कारण थे।चंदा भाभी के मुख का सुख तो मिला..
लेकिन अभी भी आनंद बाबू के मुख की शुद्धि बाकी है...
बहुत बहुत धन्यवाद, आप कहानी के साथ बने हुए हैं।१०० पृष्ठ पूर्ण करने के कीर्तिमान की बधाई.
Thanks so much for the compliments.Great Writing