अब तो चैत्र शुरू हो गया...Phagun ka mahina, bahar phagaun ke gaane aur phagunahat ka mahual aur andar devar bhabhi, bas isi ko capture karne ki koshish thi , aapko accha laga, thanks so much
अब तो चैत्र शुरू हो गया...Phagun ka mahina, bahar phagaun ke gaane aur phagunahat ka mahual aur andar devar bhabhi, bas isi ko capture karne ki koshish thi , aapko accha laga, thanks so much
क्योंकि रिश्ता हीं हक़ वाला है...एक अच्छे पॉपुलर लेखिका से जिसकी मैं खुद फैन हूँ , तारीफ़ सुन के कौन नहीं खुश होगा
और जीजा साली वाली बात आपने एकदम सही कही, जीजा का साली पर पहला हक होता है।
और पूरे दिन... रस के सागर में डुबकी लगाते रहेंगे...Guddi ne din ki shuruaat hi acchi kar di, Thanks.
और वो शरारतें और भी अच्छी लगने लगती हैं...साली जितनी चुलबुली, शोख, तंग करने वाली हो, ख़ास तौर से छोटी टीनेजर साली, उतनी अच्छी।
अभी तो नई नवेली घोड़ी की सवारी करनी है...एकदम अब तो चंदा भाभी से खूंटे की अच्छी दोस्ती हो गयी है। नाप जोख लिया रात में, घोड़े पर सवारी भी कर ली, दौड़ा कर देख भी लिया, और एक किशोरी चढ़ते जोबन वाली किशोरी और प्रौढ़ा में तो यही फर्क है, प्रौढ़ा सीधे मुद्दे पे आ जाती है, फिर वो खुश भी हो गयी, आनंद बाबू ने जो पढ़ाया था वो बात मानी भी, बस अब झिझक है तो वो भी आज ' होली बिफोर होली ' में दूर हो जाएगी।
और रीत बंपर बोनस...Saali vo bhi Gunja aisi Teenager saali aur upar se Guddi ka saath, sasural bina saali ke nahi acchi hoti aur saali vo jo tang kare chhede aur double meaaning dilaogues ka maja le to fir kahna hi kya . Guddi Salary hai to Gunja Bonus.
होली का अपना किस्सा सुनाकर...Aur Chanda Bhabhi ne bhi Saali -jija ke rishte pe apni moohar laga di aur ye bol bhi diya ki main Jija saali ke bich nahi aane vaali. Ab Holi ho aur ek surprise packet men class 9th vaali chhedne vaali saali mil jaaye to kaisa lagega
बेचारे छुपाते फिर रहे हैं...Baithana chahaiye bhi nahi. Anaand Babu ki bhi yahi haalt hai sasuraal men.
aapke comments ekdm parfect hote hain. likhne ki mehnat vasool
और होली में उस गुंजा ने भी ऐसी की तैसी फेर दी थी....आपने हर भाग के अपडेट का नाम देकर उसके बारे में कमेंट लिखा है।
आप ऐसे लब्धप्रतिष्ठित समीक्षक के दो शब्द पाने के लिए हर लेखक, लेखिका बेचैन रहती है , आपके प्रशंसा के शब्द, गुणवत्ता के मापदंड सरीखे हैं उस पर भी आपने समय निकाल कर न सिर्फ एक बहुत ही लम्बा अपडेट पूरा पढ़ा, और उसके हर भाग के बारे में अलग अलग कमेंट देकर उसे समेकित किया, इसके लिए धन्यवाद के कोई भी शब्द कम होंगे।
गूंजा की जो आपने तारीफ़ की एकदम मन खुश हो गया, नदिया के पार में भी गूंजा साली ही है, हाँ दीदी के देवर से उसके नैना चार होते हैं। और वह चुलबुली शोख और छेड़खानी करने वाली है, कुछ कुछ इस कहानी की गूंजा की तरह और चित्र भी पात्रनुसार होना जो आपने लिखा वह आपकी पारखी नजर दिखाता है। आनंद थोड़े से अंतर्मुखी, झिझक वाले है और गूंजा उन्हें उकसाती है, छेड़ती है।
इरोटिका लेखन के बारे में आपने जो कहा मैं सिर्फ यही कह सकती हूँ की आप ऐसे रससिद्ध रसज्ञ पाठक और हों, उनकी बिरादरी बढे,
मुझे और इस सूत्र को आप ऐसे पाठक समीक्षक मिले इसके लिए मैं कृतार्थ हूँ,
बार बार आभार।
आनंद के रंगों से सराबोर....स्वागत है आपका इस सूत्र पर
यहाँ पर एक आपको एक अलग सा अहसास होगा, बस यही गुजारिश कर सकती हूँ कहानी का आनंद लीजिये, अभी कुछ भाग ही पोस्ट हुए हैं और हर पार्ट पर अपनी टिप्पणी दे की कैसा लगा।
मुझे विश्वास है की आप को अच्छा लगेगा।
सूत्र से जुड़ने के धन्यवाद।