और बिगड़ी आदतों को सुधारने वाली...आनंद बाबू भी तो यही चाहते हैं, गुड्डी उनके पूरे जिंदगी की आर्गनाइजर बन जाए, सुबह शाम रात हर दम और गुड्डी को भी मालूम है की उसके बिना आनंद बाबू एकदम आनंद नहीं ले सकते
और बिगड़ी आदतों को सुधारने वाली...आनंद बाबू भी तो यही चाहते हैं, गुड्डी उनके पूरे जिंदगी की आर्गनाइजर बन जाए, सुबह शाम रात हर दम और गुड्डी को भी मालूम है की उसके बिना आनंद बाबू एकदम आनंद नहीं ले सकते
बल्कि लालू की तरह कपड़ा फाड़ होली..बचना चाहिए भी नहीं
आखिर परोसने लायक माल जो ठहरी....भोज भात में सब बनारस वाले बुलाये जाएंगे और पारसी जाएंगी गुड्डी की होने वाली ननद
अब तो चैलेंज कबूल करके...रीत सिर्फ अपनी नहीं सब बनारस वालियों की ओर से दावतनामा दे रही है और चैलेन्ज भी जिसमे गुंजा और संध्या भाभी भी शामिल हैं
बल्कि गाजे बाजे के साथ....इस गुलामी के लिए ही तो लोग जान देने को तैयार रहते हैं
सब लाज शरम पिछवाड़े में...होली हो बनारस हो तब भी शर्म लाज बची रह जाए
आज सब की झिझक जायेगी चाहे गुड्डी हो या गुड्डी का यार
कोई जड़ी-बूटी... कोई ताबीज... कोई मंत्र... कोई औषधि... शिलाजीत... या सांडे का तेल....मतलब आनंद बाबू को चार बार,
रात में गुड्डी का बंद दरवाजा खोलने के लिए भी ताकत बचा के रखनी पड़ेगी और वो नौवे में पढ़नी वाली गुंजा भी तो आ रही होगी, छोटी साली का तो पहला हक़ होता है।
अभी तो समय कम है..होली आफ्टर होली तो और जबरदस्त होगी,
गुड्डी की मम्मी और गुड्डी की दोनों छोटी बहने, गुड्डी की सहेली जो उससे एक क्लास आगे है , श्वेता, चार चार नए किरदार आ जाएंगे रगड़ने मजा लेने के लिए
और फिर आनंद बाबू के साथ उनकी ममेरी बहन भी आएगी, रंजीता, ग्यारहवीं में पढ़ने वाली, और अभी तो सिर्फ तीन चार घंटे का समय है, उन्हें शॉपिंग भी करनी है अपने मायके भी जाना है
उस बार तो तीन दिन के लिए वो पूरी तरह आएंगे फिर आराम से, तस्सलीबख्श मरम्मत होगी उनकी गारंटी के साथ।
रेप नहीं गैंग रेप होगा उनके साथ ,
दरवाजा मत खटकाओ राजा...अरे गुंजा भी तो है, जस्ट टीन जवानी के दरवाजे की सांकल खटकाती,
दर्जा नौ वाली।
कच्ची अमिया।
रॉकी के रॉक हार्ड लिंग को कब नसीब होगा...और रॉकी भी