• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica फागुन के दिन चार

motaalund

Well-Known Member
8,892
20,307
173
Waise trailer ke sath ek choti si film to ho hi skti thi sandhya bhabhi ke sath. Pata to sabko hai hi or dubey bhabhi ne to khudh pakad ke nishana lgaya
संध्या भाभी ससुराल से वापस आईं हैं..
तो छोटी सी फ़िल्म तो और आग भड़का देगी..
फुल लेंग्थ मूवी की जरूरत है...
 

motaalund

Well-Known Member
8,892
20,307
173
बहुत बहुत आभार

बहुत ख़ुशी होती है आप ऐसे पुराने रससिद्ध और नियमित पाठको को कहानी पर देख कर

और इस अपडेट के बाद पहला कमेंट आपका ही, भीषण गर्मी के बाद आषाढ़ की पहली बूँद की तरह, और जो कुछ कहा आपने उसके लिए भी धन्यवाद, इस गुजारिश के साथ की इस कहानी के साथ बने रहें, जबतक कोई हुंकारी भरने वाला न हो कहानी सुनाने का मजा नहीं आता।
सही बात.. समय समय दर्शन देते रहें...
 

motaalund

Well-Known Member
8,892
20,307
173
बहुत बहुत धन्यवाद और आप भी इस बधाई के असली हकदार हैं । आपने ही आगे की पोस्टों को देखते हुए रीत के रूप में बदलाव की बात कही थी और सिर्फ रीत ही नहीं, गुड्डी, संध्या भाभी, गुड्डी की मम्मी और गुड्डी को बहनों के रोल में भी बिना कथानक को बदले हुए और प्रवाह को रोके रफ़ूगीरी करनी पड़ी है और आप ऐसे रसज्ञ पाठक उसे समझ भी रहे हैं और पसंद भी कर रहे हैं

आभार
सचमुच ये परिवर्धन .. प्रशंसनीय है....
 

motaalund

Well-Known Member
8,892
20,307
173
बहुत बहुत आभार कहानी पर पधारने के लिए

आप ऐसे सशक्त लेखक पढ़ें और पढ़ कर कमेंट दें इससे अच्छा कहानी का क्या सौभाग्य हो सकता है।

वेसिलीन, वो भी बड़ी शीशी
इंतजामात पूरे हैं...
 

motaalund

Well-Known Member
8,892
20,307
173
एकदम सही बिंदु को पकड़ा आपने,

छोटे शहरों का रोमांस, और वो रोमांस, आई लव यू बोलने वाला, फ़िल्मी गाना गाने वाला या प्रेम पत्र वाला नहीं होता बल्कि हक जमाने वाला ही होता है, और वहां देह सबंध उद्देश्य नहीं होता, हाँ हो जाता है सहज ढंग से तो अलग बात है, लेकिन साथ साथ रहना, चुप चाप देखना, कभी मौका पाके हाथ पकड़ लेना, और बिना बोले ही बहुत कुछ कह देना और लिखने वाले के लिए यही चैलेन्ज है की इन रिश्तो को जिसे कोई नाम भी नहीं दे सकते कैसे कलमबद्ध करें

कहत, नटत, रीझत, खिझत, मिलत, खिलत, लजियात।

भरे भवन मैं करत हैं, नैननु ही सब बात॥

तो बिन बोले ही इन सब चेष्टाओं के जरिये बात कहना ही लेखक के लिए चुनौती भी है और आनंद भी

और आप ऐसे सहृदय पाठक मिल जाए तो ये आनंद सौ गुना हो जाता है।
कहत, नटत, रीझत, खिझत, मिलत, खिलत, लजियात।

भरे भवन मैं करत हैं, नैननु ही सब बात॥

ऐसे कमेंट्स आपकी विभिन्न विषयों में रूचि को प्रदर्शित करते हैं..
साथ हीं उचित अवसर पर उन्हें पेश करना भी आपकी बुद्धिमता इंगित करती है...
 

motaalund

Well-Known Member
8,892
20,307
173
गुड्डी उदार हृदय तो है ही और वो सब पे जताना भी चाहती है , ऑनर्स प्राइड, नेबर्स एनवी

और सबसे बड़ी बात उसे अपने ऊपर भी विश्वास है और आनंद पर भी, पुनि जहाज को पंछी पुनि जहाज पर आवे।

अगर रिश्ते विश्वास पर टिके होते हैं तो कभी कभार वाले कैजुअल सेक्स संबंध उसमे दरार नहीं डाल सकते,

और आप की आशंका सही है , चंदा भाभी के साथ क्या होगा ये आप आगे के अपडेट्स में पढ़ेंगे
एक इंग्लिश की पत्रिका का कहना है कि..
"अगर आपके पास अच्छी चीज है तो उसे गर्व से दिखाते हैं...
तो अच्छा शरीर भी क्यूँ नहीं.."
और यहाँ तो गर्व से कहने वाली संध्या भाभी वाले से भी दो इंच बड़ा है...
तो संध्या भाभी भी कह उठती हैं... कि किस्मत वाली होगी...
 

motaalund

Well-Known Member
8,892
20,307
173
मैं निशब्द हूँ।

कभी लगता है, कमेंट्स नहीं आते, व्यूज भी नहीं तो मैं सबका समय क्यों व्यर्थ कर रही हूँ , और संशय के इस झंझावात के बीच, लिखूं, न लिखूं पोस्ट करूँ न करूँ, इस उहापोह के बीच संजीवनी की तरह आपकी समीक्षा आ जाती है और प्यासे चातक सी हालत होती है मेरी।

फिर लगता है ऐसे एक कमेंट हजार के बराबर हैं और कुछ लोग तो हैं जो इन पोस्टों को पढ़ के आनन्दित हो रहे हैं। ऐसे रसज्ञ, मर्मज्ञ, सिद्धहस्त लेखक अगर समय निकाल के आ रहे हैं तो मुझे सोचने की जरूरत नहीं है , अगला भाग पोस्ट कर देना चाहिए।

आप के शब्दों के लिए कोई भी आभार कम होगा। आपने जो टिप्पणी की एकदम सारगर्भित ढंग से कहानी का खाका खींच दिया।

आभार धन्यवाद
सचमुच इनके कमेंट्स विस्तृत और टू द प्वायंट होते हैं...
 

motaalund

Well-Known Member
8,892
20,307
173
एकदम सही कहा आपने, ठीक से ट्रेलर भी नहीं चला अभी तो अगर पूरी फिल्म चलेगी तो शायद उठने लायक नहीं रहेंगी, लेकिन चाहती संध्या भाभी भी यही हैं, उठने लायक न रहें
शायद मन की मुराद पूरी हो जाए....
 

motaalund

Well-Known Member
8,892
20,307
173
कोई बात नहीं, जल्दी ही मैं अगला पार्ट भी पोस्ट कर दूंगी तो,.... दोनों के साथ ही, ....मैं इन्तजार करुँगी।

उनके आने की बंधी थी, आस जब तक हमनशीं,
सुबह हो जाती थी अक्सर जानिबे - दर देखते।
:DD::DD:
 
Top