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Erotica बदनसीब फुलवा; एक बेकसूर रण्डी (Completed)

Fulva's friend Kali sold herself in slavery. Suggest a title

  • Sex Slave

    Votes: 7 38.9%
  • मर्जी से गुलाम

    Votes: 6 33.3%
  • Master and his slaves

    Votes: 5 27.8%
  • None of the above

    Votes: 0 0.0%

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Luckyloda

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Bhut hi shandaar update...... kahani 1 naye mod par pahuch gyi hai......



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Lefty69

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फुलवा ने देखा कि दूध का ग्लास अनछुआ पड़ा था। प्रिया का घूंघट उठाया गया था। प्रिया की फैली लिपस्टिक और फूले हुए होंठ बता रहे थे कि यहां तक कोई तकलीफ नहीं हुई थी। प्रिया अपने घुटनों पर सर रखकर सिसक रही थी।


चिराग, “प्रिया!! मां आ गई है!”


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प्रिया और सिसकने लगी तो फुलवा ने चिराग के कंधे पर चाटा मारा।


फुलवा, “बेवकूफ मर्द! एक काम करने को कहा था और वह भी नहीं किया! लौड़े के अलावा कभी कुछ सोचा है? बेचारी बच्ची को पहले डरा दिया और अब मुंह फुलाए खड़े हो! हटो!!”


फुलवा की बात से पति पत्नी चौंक गए। फुलवा ने प्रिया को गले लगाया।


फुलवा, “क्या उसके कीड़े से डर गई?”


प्रिया ने अपने सर को हिलाकर हां कहते हुए, “सब ने कहा कि पहली बार दर्द होता है। मां हर रात रोया करती थी। मैं जानती हूं कि चिराग अच्छा है पर कीड़ा काटेगा!!”


फुलवा, “मेरे बापू ने मुझे जहां बेचा वह आदमी मेरी कुंवारी चूत की नीलामी करता था। एक बार चुधवाने के बाद झिल्ली फट जाती है पर उसे तो पैसे कमाने थे। तो वह अगली सुबह मेरी झिल्ली सील देता।”


प्रिया अपना डर भूल कर, “आप को हर रात दर्द होता?”


फुलवा, “मर्द उसकी का तो पैसा देते! पर उन्हें सिर्फ कुंवारी को चोदना नहीं था, उन्हें कुंवारी को फतह करना था। तो मुझे झड़ने, मज़ा आने के लिए मुझे खास दवा छुपाकर खिलाई जाती। ऐसी दवा जिस से औरत का दर्द गायब हो कर उसका मज़ा कई गुना बढ़ जाए! यह दवा अगर मर्द ले तो उसका लौड़ा कई घंटों तक खड़ा रहेगा!”


प्रिया चुपके से, “आप को पता है उस दवा का नाम?”


फुलवा, “पता है? मैने उसे दूध में मिलाकर, इस गधे को मिलकर पीने को कहा था! पर इसने क्या किया? तुम्हें डरा दिया! (प्रिया के कान में) मर्द!! इन्हें सिर्फ एक काम सूझता और करने को आता है!”


प्रिया हंस पड़ी और फुलवा ने उसे दूध का ग्लास दिया।


फुलवा, “मेरी बात न मानने की सजा के तौर पर यह दूध चिराग को नहीं मिलेगा! अब उसकी बीवी उसे रात भर पुकारेगी और उसे बिना दवा के अपनी बीवी को शांत करना होगा!”


चिराग चौंक गया और डरी हुई प्रिया पुरा दूध गटागट पी गई।


प्रिया गहरी सांस लेकर, “मैं तयार हूं!”


फुलवा, “जल्दबाजी नहीं करते! चिराग, तुम सिर्फ प्रिया के खुले हिस्से छू और चूम सकते हो। कुछ और किया तो याद रखना!”


चिराग ने प्रिया की दूसरी तरफ से बैठते हुए उसके हाथ को अपने हाथ में लिया। प्रिया की उंगलियों को चूमते हुए चिराग ने प्रिया की हथेली को चाटते हुए चूमा। प्रिया के हाथों से आती मेहंदी की महक उसे किसी भी खुशबू से ज्यादा उत्तेजित कर रही थी।


प्रिया की सांस तेज़ होने लगी और उसकी आह निकल गई।


फुलवा ने चिराग को घूंघट पूरी तरह उतार कर चूमने की इजाजत दी।


चिराग ने प्रिया के सर से घूंघट उठाया और प्रिया शरमा गई। चिराग ने प्रिया के गाल चूमते हुए धीरे से अपने होंठों को प्रिया के होंठों पर लगाया और प्रिया पिघलने लगी। प्रिया को चूमते हुए चिराग के हाथ ने प्रिया के रसीले मम्मे को ब्लाउज के ऊपर से दबाया तो प्रिया कुछ डर गई। प्रिया ने कुछ कहने से पहले चिराग चीख पड़ा।


फुलवा, “जो खुला है वहीं छूना है! कहीं और छू लिया तो तेरे गोटे दुबारा मरोड़ दूंगी!!”


प्रिया को फुलवा की बात गलत लगी पर साथ ही उसे फुलवा के सहारे पर विश्वास हुआ! फुलवा ने चिराग के गोटे छोड़े तो वह दुबारा प्रिया के गालों को चूमने और कानों में उत्तेजक बातें बोल कर चूमने लगा। प्रिया की सांस फूलने लगी और वह अनजाने में चिराग का कुर्ता पकड़ कर उसे अपने पास खींचने लगी।


फुलवा प्रिया के दूसरे कान में, “क्या तुम चिराग का कुर्ता उतारना चाहती हो? (प्रिया ने सर हिलाकर हां कहा) तुम्हारा चिराग के बदन पर हक़ है! जो चाहे कर लो!”


प्रिया की आंखों में डर के साथ कोई नशा मिला हुआ था। प्रिया ने चिराग का कुर्ता उतार दिया तो फुलवा ने प्रिया को चिराग से दूर किया।


फुलवा, “खेल के नियम एक से होते हैं! तुम्हें पूरा दूध मिला है पर तुम्हें अपने आप पर काबू रखते हुए सिर्फ खुले हिस्से पर प्यार करना है!”


प्रिया चिराग की बाहों में लिपट गई और उसे चूमते हुए उसकी गर्दन पर चूमने लगा।


चिराग ने आह भरी तो सबको पता चला कि प्रिया के दांत चिराग के गले पर लग गए थे। फुलवा ने प्रिया को शाबाशी दी और चिराग को नशे में चूर प्रिया को संभालने को कहा। कुछ ही पलों में दोनों भड़के जवान बदन एक दूसरे के लिए तड़प उठे और फुलवा ने चिराग को प्रिया का ब्लाउज खोलने की इजाज़त दी।


प्रिया शरमा गई पर चिराग को ऐसी शरमाती जवानी की आदत नहीं थी। चिराग ने अपनी दुल्हन के खुले कंधे पर चूमते हुए उसकी खुलती पीठ पर अपनी उंगलियों को हल्के से फेरा। प्रिया उत्तेजना वश सिहर उठी और आह भरते हुए चिराग की बाहों में समा गई।


फुलवा प्रिया के कान में, “क्या तुम उसे जीतने दोगी? तुम आहें भरती रही और वह तुम्हें तड़पाए? उसका पजामा उतार दो!”


नशे में धुत दुल्हन ने दूल्हे के पजामे के नाडे को खींचा तो गांठ बैठ गई। नशे की ताकत से दुल्हन ने जोर का झटका दिया और नाड़ा ही टूट गया। चिराग को धक्का देकर बिस्तर में लिटाकर प्रिया ने उसका पजामा उतार दिया। प्रिया बिना कुछ बताए अपने पति की खुली टांगों और जांघों को चूमने लगी। प्रिया ने अपनी मदहोशी में चिराग के कच्छे को छूते हुए उसके फूले हुए अंग को टटोलने की कोशिश की तो फुलवा ने उसका कान पाकड़ कर उसे दूर करते हुए उसे बेड पर लिटा दिया।


फुलवा, “बदन जल रहा है? (प्रिया: हां!!) लहंगे में आग लगी है? (प्रिया: हां!!) चिराग इसका लहंगा उतार!”


चिराग बड़ा कामिना था! उसने प्रिया की खुली नाभी को चूमते हुए उसे तड़पाते हुए उसका नाड़ा अपने दांतों में पकड़कर धीरे धीरे खींचा। नाड़ा खुला तो प्रिया ने खुद अपनी कमर उठाकर अपने लहंगे को उतारने की सहूलियत दी।


सफेद bridal lingerie में वासना में जलती जवानी किसी भी मर्द को पागल कर दे। चिराग तो उसका पति था! चिराग अपनी पत्नी की खुली टांगों को फैलाकर चूमते हुए टांगों के जोड़ में भीगी हुई सफेद lace की पट्टी को सूंघता उत्तेजना से फटने की कगार पर था।


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उत्तेजना से पगलाती हुई प्रिया ने अपने पति को ऊपर खींचने की कोशिश करते हुए उसका बनियान खींच लिया। चिराग ने अपना बनियान प्रिया को दे दिया जो उसने तुरंत एक ओर फेंक दिया।


फुलवा, “चिराग! अपनी बीवी के मम्मे देखना चाहेगा?”


चिराग प्रिया को चूमते हुए ऊपर बढ़ा और प्रिया शरमा गई। प्रिया चिराग की बाहों में समा गई और चिराग ने चुपके से अपनी बीवी के ब्रा का हुक खोला। अपनी बीवी के कानों में उसकी तारीफ करते हुए चिराग ने चुपके से उसकी ब्रा को निकाल कर फेंक दिया।


चिराग के सीने के खुर्तरे बालों पर प्रिया की उभरी उत्तेजित लाल चूचीयां छू कर रगड़ गईं और प्रिया की आह निकल गई। चिराग बड़ा कमिना था! उसने अपनी बीवी की नंगी चूचियों को अपने सीने के बालों से हर सांस के साथ रगड़ते हुए चिढ़ाया।


धीरे धीरे नीचे सरकते हुए चिराग ने अपनी बीवी की खिलती जवानी को प्यार से देखा। उसकी बीवी की जवानी को देखता वह पहला मर्द था। चिराग के अंदर से जानवर दहाड़ा की वही इस कमसिन जवानी का इकलौता मर्द होगा!


चिराग ने अपनी दुल्हन की चुचियों को चूमने के बजाय पहले उसके हर सांस के साथ उछलते मम्मों को हल्के से दबाते हुए चूमा और बड़े धीरज के साथ उन्हें प्यार किया। जब प्रिया बेसब्री में अपने पैर मारने लगी तब जाकर चिराग ने प्रिया की रसीली लाल बेरियों को अपनी जीभ से चाट कर चूमते हुए चूसना शुरू किया।


फुलवा का बदन अपने बेटे की करामात देखते हुए जल रहा था और उसके मन में अतीत का एक चेहरा उसके साथ यही प्यार करना याद दिला रहा था।


प्रिया तड़पकर, “चिराग!! करो!! करो!!”


फुलवा, “क्या करो?”


प्रिया सिसक उठी, “कुछ भी!! यह आग सही नहीं जाती!!”


फुलवा, “तो इसके इलाज चिराग ने अब भी छुपाया हुआ है! जाओ, उसे खींच कर बाहर निकालो!”


प्रिया ने चिराग को बेड पर लिटा कर उसके कच्छे को उतार दिया। चिराग का 7 इंच लम्बा 3इंच मोटा कीड़ा सर उठाकर खड़ा हो गया। प्रिया ने मर्द का कीड़ा इतने करीब से पहली बार देखा था।


फुलवा प्रिया के कान में फुसफुसाकर, “उसे प्यार से सहलाओ! अगर दोस्ती हो गई तो काटेगा नही!”


प्रिया ने डरते हुए चिराग के लौड़े को एक उंगली से किसी अनजान कुत्ते को सहलाने जैसे सहलाया। प्रिया की कांपती उंगलियों के सहलाने से चिराग तड़प उठा। चिराग ने अपनी आह दबाई पर कीड़ा चौंक उठा।


फुलवा ने प्रिया का हाथ पकड़ कर उसके हाथ में अपने बेटे का लौड़ा थमा दिया। प्रिया अपनी हथेली में भरे इस गरम धड़कते हुए अंग को छू कर महसूस करने लगी। फुलवा ने अपने हाथ में प्रिया का हाथ पकड़ कर अपने बेटे का लौड़ा हिलाया तो चिराग ने दर्द भरी आह भरते हुए प्रिया को पुकारा।


प्रिया को अचानक एक अनोखी ताकत का एहसास हुआ और वह खुद से चिराग का लौड़ा हिलाने लगी। फुलवा के कहने पर प्रिया ने कीड़े के मुंह को पहले चूमा और फिर चाटते हुए चूसकर तसल्ली कर ली की कीड़े के कोई दांत नहीं हैं। प्रिया को यह तसल्ली करते हुए बड़ा मज़ा आ रहा था क्योंकि चिराग उसकी हर हरकत पर तड़पकर उसे पुकारता।


चिराग फट कर प्रिया को अपना पानी पिलाने से बस आधे मिनट की दूरी पर था जब फुलवा ने प्रिया को रुक ने का आदेश दे कर बेड पर लेटने को कहा। चिराग ने विरोध किया तो फुलवा ने उसे चुनाव करने का मौका दिया।


“तू अपना पानी उड़ा या फिर इसका पानी पी जा!! क्या करेगा?”
 

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Hope you like it

Slowly going for Priya's defloration as she is very scared.

Should it hurt or should it be painless?
 

Lefty69

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Thank you Luckyloda vickyrock akash.12 for your continued support and encouragement
 
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Superb Update 😊🙌🙌
 

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Wah kya seen bna kr pesh kia hai aap ne kamal ka hai aik nuber update
 

Lefty69

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चिराग के लबों पर शिकारी वाली मुस्कान छा गई। चिराग ने प्रिया को पीठ पर लिटाते हुए उसके मम्मों को चूमते हुए नीचे सरक कर प्रिया की लगभग पारदर्शी भीगी हुई पैंटी को चूमते हुए उसकी कमर में से उतारना शुरू किया।


प्रिया की आंखों में डर की छटा आने लगी तो फुलवा ने अपना गाउन उड़ाकर प्रिया को अपने खुले सीने से लगाया। प्रिया ने सिसकते हुए अपनी मां की बाहों में समाकर उसे कस कर पकड़ा पर प्रिया के बदन ने उसकी कमर को ऊपर उठा कर चिराग को उसकी मन मर्जी करने दी।


चिराग ने प्रिया के पैरों को फैला कर ऊपर उठाया और प्रिया ने फुलवा को कस कर पकड़ा।


प्रिया, “मां!!…” कर चौंक गई जब चिराग ने उसकी डबरा बनाती जवानी के ऊपरी घास के हिस्से को चूमा।


महिला मंडल ने मिलकर तय किया था कि प्रिया की अनछुई जवानी के लिए चिराग ने सराहनीय संयम दिखाया था तो उसे अनछुआ पाना चिराग का हक़ बनता था। प्रिया के मना करने और शरमाने के बाद भी उसकी निचली झाड़ी को छांट कर महीन रेशमी घास बनाया गया था।


चिराग अब पागल सांड की तरह उसी घास को चूमता चाटता प्रिया को पागल कर रहा था। जब प्रिया को लगा की उस से और सहा नहीं जायेगा और इस दर्द से कीड़े का काटना बेहतर होगा तब चिराग नीचे सरका। प्रिया की चीख निकल गई जब चिराग की जीभ के छूने भर से प्रिया की चूत के ऊपर के दाने में बिजली दौड़ गई। प्रिया का बदन अकड़ा और उसकी चूत में से पानी बाहर निकल आया।


चिराग ने अपनी मां को देखा पर उसने अपने सर को हिलाकर मना किया। चिराग ने अपनी दुल्हन की कुंवारी चूत की पंखुड़ियों को चाट कर चूमने लगा और प्रिया पागलों की तरह अपना सिर हिलाकर रोने लगी। चिराग से अब रहा नहीं जा रहा था पर वह अपनी मां के इशारे के लिए रुका हुआ था।


चिराग ने अपने दाएं अंगूठे से प्रिया की जवानी के फूले गुलाबी मोती को सहलाते हुए अपनी जीभ से चाटते हुए अपनी दुल्हन की कामाग्नि के स्त्रोत को सहलाना शुरू किया। प्रिया की चीखें चरम पर पहुंची जब चिराग की जीभ ने उसकी जवानी के परदे को चाटा।


फुलवा अपनी बेटी के बालों को सहला कर उसे अपनी चूची खिला रही थी। प्रिया की सिसकती चीखें फुलवा के भरे हुए मम्मे में गूंज कर फुलवा की एक महीने से भूखी चूत को गीला कर रही थीं।


प्रिया बेचारी उत्तेजना के नशे में धुत होकर तड़पती रही। प्रिया की कोरी गर्मी ने उसे ऐसे जलाया की जल्द ही उसका झड़ना तेज और जल्द होने लगा। जैसे प्रिया के स्खलन की तीव्रता बढ़ी वैसे ही उन के बीच का अंतराल कम होते गया।


आखिर में वह समय भी आ ही गया जब प्रिया के मुंह से अपनी मां की चूची फिसल गई और वह तड़पती अकड़ती बेसुध होकर लगातार झड़ने लगी। प्रिया की चूत में से यौन रसों का फव्वारा फूट पड़ा जिस में चिराग बड़ी मुश्किल से बच पाया।


फुलवा ने अपना सर हिलाकर हां कहा और चिराग ने अपना फौलादी औजार आगे बढ़ाया। चिराग के फूले हुए सुपाड़े ने उसकी दुल्हन की यौन पंखुड़ियों को फैलाया और अपने लिए जगह बनाई। प्रिया की चूत में आधा सुपाड़ा समा गया और वह एक मासूम आह भरते हुए बेसुध पड़ी रही।


फुलवा ने इशारे से चिराग को दौड़ लगाने से रोका और उसे प्रिया के ऊपर आने को कहा। चिराग ने अपने सुपाड़े से प्रिया की झिल्ली को सहलाते हुए अपने बदन से प्रिया की कमसिन जवानी को ढक दिया। चिराग के बदन की गर्मी महसूस कर बेसुध प्रिया मासूमियत में हल्के से मुस्कुराई। चिराग ने अपना वजन अपनी कोहनियों पर रखते हुए अपनी प्यारी दुल्हन का चेहरा अपने हाथों में लिया।


चिराग ने अपनी कमर उठाई और अपने सुपाड़े को लगभग बाहर निकाल लिया तो प्रिया ने बेहोशी में अपनी कमर उठाई। चिराग ने मुस्कराकर अपनी कमर को पूरा जोर लगा कर नीचे दबाया।


प्रिया चीख पड़ी, “मां!!…”


प्रिया ने अपने पति का मुस्कुराता चेहरा देखा। प्रिया की सबसे खास जगह से निकला तेज दर्द लहरों की तरह धीरे धीरे उतरने भी लगा था। प्रिया ने अपना मुंह अपने प्रेमी के गले और कंधे के जोड़ में छुपाया और अपनी दाहिनी हथेली से मां का हाथ कस कर पकड़ा।


चिराग बिना हिले प्रिया की कोरी जवानी को अपने प्रेमी से पहचान बनाने दे रहा था। चिराग को प्रिया की कमर उठने का एहसास हुआ तो उसने प्रिया के चेहरे को अपने गले में से बाहर निकालते हुए उसकी आंखों में देखा।


चिराग प्यार से, “अब दर्द कम हो गया?”


प्रिया मासूमियत से, “हो गया?”


चिराग हंसकर, “नहीं मेरी जान! अभी तो मज़ा शुरू हुआ है! अगर तुम्हारा दर्द कम हो गया हो तो हम मज़ा कर सकते हैं!”


प्रिया ने मुड़कर फुलवा को देखते हुए, “कीड़ा काटेगा!!…”


फुलवा हंसकर, “नहीं मेरी बच्ची!! कीड़ा तो तुम्हारा दोस्त है! और उसके तो दांत भी नहीं है! अब बस सोचो की तुम चिराग से कितना प्यार करती हो और उसे कितना खुश करना चाहती हो।”


प्रिया चिराग की आंखों में देख कर, “मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं! मैं आ…”


चिराग ने अपनी कमर पीछे ली और प्रिया की आह निकलने पर भी सुपाड़े तक बाहर निकल कर ही रुका।


चिराग, “मेरी आंखों में देखो जानू!! क्या मैं तुम्हें चोट पहुंचाऊंगा?”


प्रिया, “नहीं!!!…

ई!!…
ई!!…
आ!!…
आह!!…”


प्रिया की उंगलियों ने चिराग की पीठ में गड़ते हुए अपने प्रेमी पर कब्जा किया। जख्मी हो कर चिराग को दोहरा एहसास हो रहा था। कच्ची जवानी में चूसा जाता लौड़ा और पीठ में घुसते तेज़ नाखून!


चिराग ने अपनी दुल्हन को अपनी पत्नी बनाने में वक्त जाया करना ठीक नहीं समझा और लंबे तेज़ झटके देते हुए अपनी प्रेमिका को लूटने लगा। प्रिया चिराग के लौड़े से अपनी खुफिया जगह में से बनते और उठते दर्द जैसे अनोखे एहसास को समझ नहीं पा रही थी।


प्रिया ने कल सोच रखा था कि अगर उसे दर्द हुआ तो ही वह रोएगी पर बाकी सबने कहा वैसे मजा आया तो मजे ले कर हंसेगी! प्रिया को पटा ही नहीं चल रहा था कि अगर उसे मजा आ रहा था तो वह रो क्यों रही थी। प्रिया की आंखों में से आंसू बह रहे थे और वह चिराग को अपने घुटने उठाकर, नाखून गड़ाकर अपने ऊपर खींचते हुए रो कर चूमने की कोशिश कर रही थी।


चिराग इस कुंवारी लड़की के चेहरे से दुल्हन का श्रृंगार उतर कर मादक जवानी को अपनाती पत्नी का रूप धारण कर लेना देखते हुए समझ रहा था की लोग कुंवारियों के लिए जंग क्यों लड़ा करते थे। यह जवानी उसकी थी, सिर्फ उसकी! अगर कोई इसे चिराग ने लेना तो दूर बांटने के बारे में भी सोचता तो चिराग उसे… चिराग के अंदर से दहाड़ता जानवर जोर से गुर्राया और उसके लिए यही सही जवाब था।


चिराग उत्तेजना से झड़ने से एक सांस की दूरी पर था जब उसने अपने लौड़े को अपनी दुल्हन की कोख की ओर पेल दिया था। पर अब अपनी पत्नी के बदलते रूप देखते हुए चिराग को नई ताकत मिल गई थी। चिराग अपने पूरे लौड़े को जड़ से सुपाड़े तक घुमाता अपनी बीवी की पहली आहें चख रहा था। प्रिया अब भी उत्तेजना से चूर दर्द भुलाकर रोते और चीखते हुए झड़ने लगी।


चिराग का लौड़ा गरम रसों से भिगो कर निचोड़ लिया गया। चिराग के संयम का बांध टूटा और वह जानवर की तरह गुर्राते हुए अपनी पत्नी से लिपटकर उसकी कोख में अपने गरम बीज बोने लगा।


कुछ पल में दोनों जैसे कई जिंदगियां एक साथ जी गए।


चिराग, “प्रिया, तुम ठीक हो ना?”


प्रिया चुपके से चिराग के कान में, “फिर से?…”


चिराग मुस्कुराकर अपनी पत्नी को चूमते हुए, “मैंने तो बॉटल में से जिन्न निकाल दिया!”


प्रिया ने शर्माकर चिराग के गले में अपना मुंह छुपाया और गुस्से में वहां हल्के से काट लिया।


चिराग गुर्राकर, “मुझे काटेगी!! रुक तुझे अपने कीड़े से कटवाता हूं!”


कीड़ा प्रिया को अंदर से काटने लगा और प्रिया ने अपनी टांगों को उठाकर अपनी एड़ियों से चिराग की कमर को कस कर पकड़ा। चिराग और प्रिया की जवानी की लड़ाई से चुपके से दूर होते हुए फुलवा कमरे में से बाहर निकल गई।


फुलवा का बदन जवानी की आग में जल रहा था पर उसकी आंखों में खुशी के आंसू थे। आज वह सिर्फ अपने बेटे के लिए नहीं बल्कि अपनी बेटी के लिए भी मां थी। सिर्फ मां!!


फुलवा वहीं सोफे पर लेट कर रोने लगी। आज वह सही मायनों में अपनी पुरानी जिंदगी से आज़ाद हो गई थी।
 
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Lefty69

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Wah kya seen bna kr pesh kia hai aap ne kamal ka hai aik nuber update
Thank you for your kind appreciation.

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