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Incest बरसात की रात,,,(Completed)

rohnny4545

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रघु और रामू दोनों घने पेड़ के नीचे छांव में बैठ गए रामू का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि उसके मन में उसकी मां और रघु को लेकर जिस तरह की शंका पनप रही थी ना जाने क्यों रामू को लग रहा था कि उसकी शंका वास्तविक है,,,लेकिन वह रघु के मुंह से सुनना चाहता था और रघु को इस बात में किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं थी,,,क्योंकि यह बात रघु भी अच्छी तरह से जानता था कि अगर मौका मिले तो रामू खुद अपनी मां को चोदने के लिए तैयार हो जाएगा,,,, लेकिन फिर भी वह रामू से बात को गोल-गोल घुमाते हुए बोला,,,।

अब बोल तू क्या जानना चाहता है,,,?

देख रघु तू अच्छी तरह से जानता है कि मैं क्या जानना चाहता हूं ,,तु बात को गोल गोल मत घुमा,,,,

तो वही तो पूछ रहा हूं तो जानना क्या चाहता है,,,,


तेरी और मेरी मां के बीच क्या चल रहा है सच-सच बताना मुझसे कुछ भी छुपाना मत क्योंकि मुझे पूरा यकीन हो गया कि तुम दोनों में जरूर कुछ खिचड़ी पक रही है,,,।
(रामू की बात सुनकर रघु समझ गया था कि रामु से छुपाने जैसा कुछ भी नहीं है बस वह अपनी बातों से मजा लेना चाहता था इसलिए वह बोला)

जैसा तू सोच रहा है वैसा कुछ भी नहीं है,,,,

देख रघु तु मुझे गुस्सा दिला रहा है मैं जैसा सोच रहा हूं वैसा ही है,,,,,


हां जैसा तू सोच रहा है मेरे और तेरी मां के बीच वैसा ही है,,, तेरी मां मुझ से चुदवा चुकी है,,,,।
(रघु के मुंह से इतना सुनते ही रामू का मुंह आश्चर्य से खुला का खुला रह गया उसे शंका तो हो गई थी लेकिन बस वह अपनी बात को, अपनी शंका को निश्चित कर लेना चाहता था,,.)

लेकिन देख रामु इसमें बुरा मानने वाली जैसी कोई बात नहीं है,,,, (यह बात रघु रामू के जले पर,, मलहम लगाते हुए बुला क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि इस तरह की गंदी बातें अपनी मां के बारे में सुनकर भी वह कुछ नहीं बोलेगा बस गुस्सा होने का नाटक करेगा और यही हुआ भी रामू गुस्सा दिखाते हुए बोला,,)

बुरा मानने वाली बात नहीं है,,,, तू मेरी मां को चोदता है और कह रहा है कि इसमें बुरा मानने वाली बात नहीं है,,,तो क्या मैं भी अगर तेरी मां को चोद दूं तो तुझे बुरा नहीं लगेगा,,,


नहीं बिल्कुल नहीं,,,,(रघु को गुस्सा तो बहुत आ रहा था लेकिन वह नहीं चाहता था कि वह गुस्से में रामू के साथ उल्टा सीधा कुछ ऐसा करते हैं कि रामू के घर पर आना जाना बंद हो जाए क्योंकि अभी तो उसकी मां उसके नीचे आई थी अभी तो उसकी दोनों बहने बाकी थी इसलिए अपना मन कठोर करके बोला,,,)
मुझे बिल्कुल भी गुस्सा नहीं आएगा लेकिन क्या तुझे लगता है कि मेरी मां तुझे वह सब करने देगी जो तेरी मां मुझे करने दी,,,, अगर ऐसा होगा तो मेरी तरफ से तुझे पूरी आजादी है,,,

(रघु कि यह बात सुनकर रामु कुछ बोल नहीं पाया क्योंकि रामू अच्छी तरह से जानता था कि रघु जो कुछ भी कह रहा था वह सच था,,, रघु की मां शायद उसकी मां जैसी बिल्कुल भी नहीं थी,,, रघु अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)

देख जो कुछ भी हुआ इसमें ना तो तेरी मां की गलती थी और ना मेरी,,,,

यह सब हुआ कैसे,,,,?(रामू नजरे नीचे छुपाए हुए बोला वह सब कुछ जानना चाहता था,,, और रघु सब कुछ बताने के लिए उत्सुक था,,,,)

तूफान वाली रात में,,,,

तूफान वाली रात में,,,, लेकिन तुम दोनों तो दूसरे के घर में थे वहां पर,,,, कैसे,,,? (रामू आश्चर्य जताते हुए बोला)

हां तूफान वाली रात में,,, यह बात सब लोग जानते हैं कि हम दोनों तूफान वाली रात में किसी और के घर में थे लेकिन मैं तुझे हकीकत बताता हूं उस दिन हम दोनों किसी के घर नहीं रुके थे बल्कि वहां से निकलने के बाद तूफानी रात में तूफानी बारिश मैं देखकर एक खंडहर में रुके थे,,,।

क्या,,,,(रामू आश्चर्य जताते हुए बोला,,)

हां खंडहर में,,,,,
(रघु को रामू की मां के बारे में गंदी बातें करने में और वह भी उसके सामने बेहद आनंद प्रद लग रहा था,,,अच्छी तरह से जानता था कि रामू के तन बदन में भी उत्तेजना बढ़ रही होगी उसकी मां के बारे में गंदी बातें सुनकर क्योंकि वह बहुत बार उसकी मां और उसकी बहन के बारे में गंदी बातें कर चुका था लेकिन रामू की तरफ से कभी भी किसी भी तरह से कठोर प्रतिक्रिया नहीं आई थी इसलिए तो रघु की हिम्मत बढ़ती जाती थी,,),,,, रामू ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहता था जैसा कि उस रात हम दोनों के बीच अनजाने में ही हो गया था तेरी मां और मैं पूरी तरह से भीग चुके थे,, अपने आप को बचाने के लिए हम दोनों एक खंडहर में रुक गए हम दोनों के कपड़े पूरी तरह से गीले हो चुके थे,,,,,
भीगने की वजह से हम दोनों को ठंड लग रहा था,,, मैं अपने गीले कपड़े उतार कर उसे सूखने के लिए वही दीवार पर टांग दिया,,,,
(रामू बड़े गौर से रघु की बातें सुन रहा था,,,)

चारों तरफ एकदम अंधेरा था कुछ भी नजर नहीं आ रहा था बस रह-रहकर बिजली की चमक में पूरा खंडहर जगमगा उठ रहा था,,,,,,मेरा पैजामा भी गीला हो चुका था इसलिए मैं उसे भी उतार कर वहीं पास में रख दिया मैं खंडहर के अंदर पूरी तरह से नंगा था एक कोने में खड़ा था मैं नहीं चाहता था कि तेरी मां की नजर मुझ पर पड़े,,,,,, लेकिन शायद किस्मत को यही मंजूर था बिजली की चमक के उजाले में तेरी मां की नजर मुझ पर पड़ गई मैं पूरा नंगा था और ना जाने क्यों उस समय मेरा लंड की पूरी तरह से खड़ा था,,,,,,
(रामू की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी इस बात का एहसास रघु को अच्छी तरह से हो रहा था उसे समझ में आ रहा था कि रामू को उसकी बातें सुनने में मजा आ रहा है इसलिए वह अपनी बातों को और ज्यादा नमक मिर्च लगाकर बोला,,)

मैं अपने आपको तेरी मां की नजरों से एकदम बचाया हुआ था लेकिन तेरी मां ने मुझे एकदम नंगा देख ली थी खास करके शायद तेरी मां की नजर मेरे खड़े लंड पर पड़ गई थी और वह उस तूफानी बारिश में अपने मन को भटकने से रोक नहीं पाई और तुरंत मेरे पास आकर सीधे मेरे खड़े लंड को पकड़ ली,,,

क्या,,,, सच में माने ऐसा किया,,,(रामू आश्चर्य से बोला)

हारे तेरी मां ने बिल्कुल ऐसा ही किया मैं तो सोच भी नहीं सकता था,,,, लेकिन रामू मुझे तेरी मां की यह हरकत अच्छी तो नहीं लगी थी लेकिन ना जाने क्यों मेरे तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी,,,।

कैसी हलचल,,,

पता नहीं मैं बता नहीं सकता अजीब सी हलचल थी वह जिस तरह की हलचल को मैंने कभी भी अपने बदन में महसूस नहीं किया था ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा लंड तेरी मां नहीं बल्कि स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा ने पकड़ रखी हो,,,, मैं तेरी मां को लंड छोड़ने के लिए बोला लेकिन वह नहीं मानी,,,,

क्या बोली उसने,,,(दबे हुए स्वर में लेकिन उत्तेजना भरे शब्दों में रामू यह बात बोला,,)

वह बोली,,,, नहीं रघु,,, मैंने आज तक अपनी जिंदगी में तेरे जैसा मोटा तगड़ा लंबा लंड नहीं देखी,,,, मेरा मन बहक रहा है रघु,,,, ना जाने क्यों मुझे तेरा लंड अपनी बुर में लेने के लिए तड़प जाग रही है,,,। मैं तेरी मां को रोकता रहा ,,,
नहीं चाची ऐसा बिल्कुल मत करो लेकिन तेरी मां नहीं मानी ,,,। तुझे पता है तेरी मां क्या बोली,,,।


क्या बोली उसने,,,,


तेरी मां बोली की तेरे चाचा मतलब की तेरे पिताजी तेरी मां को खुश नहीं कर पाते मेरे लंड से आधा भी नहीं है तेरे पिताजी का लंड,,, मैं तो यह सुनकर हैरान रह गया जब तेरी मां यह बोली की तेरे पिताजी का पानी बहुत जल्दी निकल जाता है और वह खुश नहीं हो पाती,,,,


क्या ऐसा कहा मा ने,,,,

हारे एक-एक शब्द तेरी मां ने ऐसा ही कहा,,, मैं हैरान था तेरी मां की हरकत तेरी मां की बातें मुझे मदहोश कर रही थी क्योंकि वह मुझसे बातें करते हुए मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दी थी,,,, मैं कब तक अपने आप को रोक पाता,,,

तो तूने क्या किया,,,,
(रामू गहरी सांस लेते हुए बोला रघु उसके हावभाव को देख कर अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसे अपनी मां की गंदी बातें सुनने में बहुत मजा आ रहा था और वह उसके पजामी की तरफ देखने लगा तो वहां पर अच्छा खासा तंबू बन चुका था,,, रघु अपनी बातों को नमक मिर्च लगाकर बोल रहा था,,,)

मैं क्या करता वही किया जो एक मर्द को एक औरत की इस तरह की हरकत पर करना चाहिए मुझे तुझे बताना तो नहीं चाहिए लेकिन तो मेरा दोस्त है इसलिए मैं तुझे सब कुछ बता रहा हूं,,, तेरी मां बहुत खूबसूरत है रामू तेरी मां का कपड़ा तेरी मां की सारी पूरी तरह से पानी में भीग चुकी थी जिसकी वजह से तेरी मां की ब्लाउज से उसकी निप्पल एकदम तनी हुई नजर आ रही थी तेरी मां की बड़ी बड़ी चूची देख कर मुझ से रहा नहीं गया और मैं अपना दोनों हाथ आगे बढ़ाकर ब्लाउज के ऊपर से तेरी मा की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया,,,,


तो वह क्या बोली,,,

वह क्या बोलती उसे तो शायद यही सब चाहिए था वही तो मदहोश होने लगी और अपने हाथों से अपनी ब्लाउज के बटन खोल कर अपना ब्लाउज उतारकर वही नीचे फेंक दी,, यार रामू तेरी मां की नंगी चूचियां देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैं तेरी मां की चूची को दबाता हुआ उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,जोर जोर से दबाता हुआ मैं तेरी मां की चूची पी रहा था और तेरी मां जोर जोर से चिल्ला चिल्ला कर मजे ले रही थी,,,

कैसे चला रही थी क्या कह रही थी,,,,

ओहहहहह,,, रघु और जोर से दबा और जोर से दबा दबा कर मेरी चूची पी इसका पूरा दूध नीचोड़ डाल,,,,

फिर क्या हुआ रघु,,,,?

फिर क्या हुआ तेरी मां खुद अपने हाथ से अपनी साड़ी उतार कर नीचे फेंक दी और देखते ही देखते अपनी पेटिकोट की डोरी खोल कर उसे भी नीचे जमीन पर गिरा दी और फिर तेरी मां मेरी आंखों के सामने एकदम नंगी हो गई उस खंडहर में मैं और तेरी मां एकदम नंगी,,,,,,
सच कहूं रामू मैं तो एकदम मस्त हो गई इससे पहले मैंने कभी इतनी करीब से किसी औरत को नंगी नहीं देखा था तेरी मां को उस दिन नंगी देखने के बाद पता चला कि तेरी मां बहुत खूबसूरत है उसकी बड़ी बड़ी गांड मेरे होश उड़ा रही थी,,, वो खुद मेरे दोनों हाथों को पकड़कर अपने पीछे की तरफ ले जाकर अपनी गांड पर रख दी और उसे जोर जोर से दबाने के लिए बोली,,,,

तो तूने क्या किया,,,,


मेरी जगह अगर कोई और होता तो वही करता जो मैं उस समय कर रहा था तेरी मां की बड़ी बड़ी और गोरी गोरी गांड को जोर जोर से दबाने लगा,,,तेरी मां मदहोश होने का की मस्त होने लगी उसके मुख से अजीब अजीब सी आवाजें निकलने लगी उन आवाज को सुनकर मुझे एहसास हो रहा था कि तेरी मां को बहुत मजा आ रहा है,,,,


क्या सच में मेरी मां को मजा आ रहा था,,,,।

हां तेरी मां को बहुत मजा आ रहा था तभी तो वह मेरा लंड पकड़ कर,, अपनी दोनों टांगे फैलाकर उसे अपनी बुर पर रगड़ रहीं थी,,,,।

क्या मां इतनी गंदी है,,,,

नहीं रे तेरी मां बहुत मस्त है,,,, तेरी मां ने ही तो मुझे चोदना सिखाया,,,, वरना मुझे कहां चोदना आता था कैसे चोदा जाता है,,,,।

कैसे बताई तुझे मेरी मा ने,,,,


बहुत अच्छे से बताएं,,,,पहले तो तेरी मां मुझे अच्छी तरह से अपनी बुर के दर्शन कराई,,यह बात तुझे भी अच्छी तरह से मालूम है कि हम दोनों मिलकर दूर से ही औरतों की बुर के दर्शन कर पाए हैं चाहे वह किसी की भी हो तेरी मां की भी तो बुर देखकर उस दिन हम दोनों ने एक साथ अपना पानी निकाले थे,,,,लेकिन रामू नजदीक से देखने पर पता चलता है कि औरत की दोनों टांगों के बीच कितनी खूबसूरत जगह बनी हुई है जिसमें स्वर्ग का सुख मिलता है,,, मैं तो तेरी मां की दोनों टांगों के बीच की उस रसीली बुर को देखकर एकदम मस्त हो गया मुझे तो समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या करना है कि तभी तेरी मां अपना दोनों हाथ से मेरे बाल को पकड़कर मेरा मुंह अपनी दोनों टांगों के बीच डाल दी,,,

क्या ऐसा की मा ने,,,

हां पहले तो मुझे समझ में नहीं आया कि तेरी मां ने ऐसा क्यों की लेकिन तभी जो बात उन्होंने बोली उसे सुनकर मेरे लंड की हालत खराब हो गई,,,


क्या बोली मा ने,,

चाट रघु,,,,,,, अपना मुंह लगाकर मेरी बुर चाट,,,

मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि तेरी मां क्या कह रही है,,,,लेकिन इतना कहने के साथ ही वह अपनी बुर को मेरे चेहरे पर गोल गोल घुमाने लगी,,,, और मुझे चाटने के लिए बोली,,,,,


फफफ,, फिर,,,,,


फिर क्या था मैं अपनी जीभ बाहर निकाल कर तेरी मां की बुर को चाटना शुरू कर दिया,,,,

कककक,, क्या सच में तूने ऐसा किया कैसा लग रहा था तुझे,,,


पहले तो बड़ा अजीब सा स्वाद लगा लेकिन धीरे-धीरे मजा आने लगा फिर तो तेरी मां की बुर चाटने में इतना मैं जा रहा हूं ताकि जैसे रस मलाई चाट रहा हूं,,,
(रामू मैं तो सोने लगा था उत्तेजित होने लगा था उत्तेजना के मारे उसका गला सूखने लगा था जिसे वह बार-बार अपने थूक से गीला कर रहा था उसे अपनी मां की इस तरह की गंदी बातें सुनने में इतना अत्यधिक मजा आ रहा था कि इतना मजा उसे कभी नहीं आया था)

फिर क्या हुआ रघु,,,।

फिर क्या ,,, जो,,, में,,, तेरी मां के साथ किया वही तेरी मां ने भी मेरे साथ किया,,,

क्या की मा ने,,,


तेरी मां की मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी,,,

क्या,,,?(रामू एकदम से चौक ते हुए बोला)

हां मैं जो कुछ भी कह रहा हूं एकदम सच कह रहा हूं तेरी माफी मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी और इतना चुसी के एकदम मस्त हो गया,,, बहुत मजा आया रामू,,,हम दोनों यह बात भी भूल गए कि हम दोनों तूफानी बारिश में तूफानी रात में खंडहर में हैं बस एक दूसरे से मजा लेते रहे,,

फिर क्या हुआ,,,

फिर क्या था तेरी मां जमीन पर लेट गई और अपनी दोनों टांगे फैलाकर मुझे अपनी बुर दिखाने लगी,,, वह सब कुछ जानती थी इसलिए मुझे बोलने लगी कि मुझे अपना लंड उसकी पूरी में डालना है और अपनी कमर हिलाना है बस इतना ही करना है,,,, और मैं जैसा जैसा वह बताती गई मैं वैसा वैसा करता गया,,, यह बात तेरी मां ने ही मुझे बताया कि मेरा लंड को ज्यादा ही मोटा है इसलिए तो जब मैं तेरी मां की बुर में डाला तो तेरी मां जोर जोर से चिल्लाने लगी लेकिन निकालने के लिए नहीं बोली उसे मजा आ रहा था और जैसा कि तेरी मां ने मुझे पता ही थी वैसा ही में अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया,,, मैं तेरी मां को चोद रहा था और मस्त हो रही थी चारों तरफ तूफानी बारिश चालू थी तेज हवा का झोंका हम दोनों को हिला दे रहा था लेकिन ना में हटा ना तेरी मां,,,, रामू पहली बार मुझे पता चला की चुदाई किसे कहते हैं यह तेरी मां की ही देन थी जो मुझे स्वर्ग का सुख दी,,,,ऊस तूफानी रात में मैं तेरी मां की तीन बार चुदाई किया और तेरी माई के मस्त हो गई लेकिन रामू तीनों बार तेरी मां ने ही पहल की चुदवाने के लिए,,,,
(इतना कहकर वह रामू की तरफ गौर से देखने लगा रामू एक दम मस्त हो चुका था उसके पजामे में उसका तंबू पूरी तरह से तन गया था,,,,, रघु अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)

रामू बुरा मत मानना आज मैं तेरे घर तुझे बुलाने नहीं बल्कि तेरी मां को पेलने के लिए आया था उस रात के बाद में तो तेरी मां का दीवाना हो गया बार-बार मेरा लंड तेरी मां को याद करके खड़ा हो जाता है जैसा कि देख अभी एकदम खड़ा है,,,,(अपने पजामे की तरफ इशारा करते हुए बोला रामू भी उसके पजामे की तरफ देखने लगा जो कि एक तंबू की शक्ल में आ चुका था,,)/और तेरा भी तो खड़ा हो गया तेरी मां की बात सुनकर,,,, देख रामु जो कुछ भी हुआ वह भूल जा,,,यह बात मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि अपनी मां की इस तरह की बातें सुनकर तेरा मन भी तेरी मां को चोदने के लिए करता होगा तभी तो तेरा लंड खड़ा हो गया है,,,(इतना सुनते ही रामू पहचाने के ऊपर अपना दोनों हाथ रखकर अपने तंबू को छिपाने लगा) मुझसे छुपाने की जरूरत नहीं है रामू हम दोनों बचपन के दोस्त हैं और एक दूसरे का राज अच्छी तरह से जानते हैं,,, अच्छा एक बात बता अगर किसी भी तरह से मैं जुगाड़ कर दो और तुझे तेरी मां को चोदने का मौका मिल जाए तो क्या तू अपनी मां को चोदेगा कि नहीं,,,,
(रखो कि यह बात सुनकर रामू खामोश ना को कुछ बोल नहीं पा रहा था उसको मन तो हां कहने के लिए कह रहा था लेकिन वह शर्मा रहा था कुछ देर तक वह खामोश रहा तो रघु ही बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)

देख रामु शर्मा मत मैं सब कुछ जानता हूं,,,, मैं तेरी मन की बात को अच्छी तरह से समझ सकता हूं तेरी मां की नंगी गांड को देखकर तू अपना लंड कआ पानी निकाला था मैदान में याद है कि नहीं,,,,
(रामू रघु की तरफ देखकर खामोश ही रहा,,,)

देख रामुमैं तेरे लिए जुगाड़ बनाना चाहता हूं ताकि तू अपनी मां को चोद सकें,, अगर नहीं चोदना है तो रहने दे मैं जा रहा हूं,,,

चोदना है,,,,(रामू एकदम दबे स्वर में बोला)

यह हुई ना बात,,, अब जो कुछ भी हुआ उसे भूल जा समझा मैं तेरे लिए जुगाड़ बना लूंगा,,,, जैसा मैं कहूं वैसा ही करना देखना हम दोनों मिलकर तेरी मां को चोदेंगे,,,, बस अब मुस्कुराती दे,,,
(इस बार रामू के चेहरे पर मुस्कान आ गए और रघु उसका हाथ पकड़कर उसे उठाते हुए खेत की तरफ चला गया)
 
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