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Incest बरसात की रात,,,(Completed)

jonny khan

Nawab hai hum .... Mumbaikar
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रघु को इस बात का एहसास हो गया था कि उसके लंड की ठोकर लगी या की नंगी बुर के ऊपर हो रही है इसलिए वह पूरी तरह से मदहोश होने लगा था उसने जानबूझकर और अपनी कमर को हल्के से नीचे की तरफ दबा दिया जिससे इस बार रघु के पजामे के तंबू का घेराव ललिया की मखमली बुरके गुलाबी पत्तियों को हल्का सा खोल कर अंदर की तरफ जाने का प्रयास करने लगी,,

Erotic updates dear ..!!!!
 

Napster

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बहोत ही बढिया और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

rohnny4545

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गांव का मौसम बिल्कुल साफ था आसमान में तारे टिमटिम आ रहे थे चांद अपनी पूरी आभा बिखेरे पूरे गांव में अपनी चांदनी लूटा रहा था जिसकी वजह से गांव का हर एक कौन है इस समय लगभग लगभग एकदम साफ नजर आ रहा था लेकिन जहां पर ललिया खड़ी थी वह पूरा मैदान था लेकिन वह एक छोटे से पेड़ के नीचे खड़ी थी जिसके नीचे खड़ी होकर वह अपने आप को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर रही थी जबकि यह उसकी सबसे बड़ी गलती थी क्योंकि वह नहीं जानती थी कि 2 जोड़ी आंखें उसके हर एक हरकत पर बड़ी बारीकी से नजर रखे हुए हैं,,।
रामू का दिल बड़ी जोरों से धड़क रहा था,,, क्योंकि जिंदगी में पहली बार हुआ अपनी मां की मदमस्त गांड को देखने जा रहा था हालांकि वह भी अपनी मां को नहाते कपड़े बदलते देख चुका था लेकिन संपूर्ण रूप से उसकी मदमस्त नितंबों के भूगोल से वाकिफ नहीं था,,, जो चाह रघु के अंदर थी वही चाह रामू के अंदर भी पनप रही थी रघु तो अपनी मां की मदमस्त गार्ड के भूगोल से पूरी तरह से वाकिफ हो चुका था पहले ही पल भर के लिए ही सही लेकिन उसे अपनी मां की नितंब रूपी चमकते चांद के दर्शन हो चुके थे और अब रामू की बारी थी,,,। रामू कुछ भी बोल नहीं रहा था रघु और रामू दोनों एकदम करीब बैठे हुए थे झाड़ियों के आड़ में जहां से वह लोग रामू की मां के संपूर्ण बदन का दीदार कर रहे थे लेकिन इस बात की भनक 5 मीटर की दूरी पर स्थित ललिया को बिल्कुल भी नहीं हो पा रही थी,,,। वैसे भी ललिया को सोच करने के लिए आने में देर हो चुकी थी क्योंकि खेतों में ही ज्यादा वक्त चला गया था वरना उसके साथ एक दो और थे और होती है खास करके रघु की खुद की मां लेकिन आज वो लोग जल्दी निपट गए थे इसलिए ललिया इधर-उधर चकर पकर देख रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है,,,, उसे भी मैदान पूरी तरह से खाली नजर आ रहा था इसलिए वह भी निश्चिंत हो गई थी,,, रघु धीरे से रामू के कान में बोला,,,।

अभी देखना तेरी मां कैसे अपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी बड़ी बड़ी गांड दिखाती है,,, तेरा लंड खड़ा ना हो जाए तो मेरा नाम बदल देना,,,,( रघु की बात सुनकर रामू बोल कुछ नहीं रहा था बस उसे थोड़ा बहुत बनावटी गुस्सा दिखाते हुए देख ले रहा था और जो कुछ भी रघु कह रहा था उसमें सच्चाई भी काफी थी क्योंकि अभी तो उसकी मां ने अपनी साड़ी को कमर तक उठाई भी नहीं थी और रामू के पजामे में हलचल होना शुरु हो गया था,,,। रघु की खुद की हालत खराब थी,,, क्योंकि उसने भी ब्लाउज में जागते हुए उसके दोनों कबूतरों को लगभग लगभग देखी लिया था और उसकी नंगी चिकनी टांगो को देखकर वैसे भी वह मस्त हो चुका था और जिस तरह से शाम ढलने के बाद उसकी मदद के बहाने एक तरह से उसके बदन से खेला था और उसकी नंगी बुर पर अपने पेंट में बने तंबू को धंसाया था वह सब रघु को पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर ले जा रहे थे,,,,, उसके पजामे में भी पूरी तरह से हलचल होना शुरू हो गया था,,, रामू और रघु दोनों अपनी नजरों को ललिया के ऊपर स्थिर किए हुए थे दोनों का दिल जोरों से धड़क रहा था और उस समय उस खाली मैदान में उन दोनों के दिल की धड़कन ही सुनाई दे रही थी बाकी चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था,,,।

ललिया पूरी तरह से तैयार थी अपनी साड़ी को कमर तक उठाकर सोच के लिए बैठने के लिए,,, वह अपने दोनों हाथों से अपनी साड़ी को पकड़ ली थी और यह देखते ही रघु फिर से रामू के कान में फुसफुसाते हुए बोला,,,

देख देख देख रामु,,,,, अब उठेगा पर्दा और दिखेगा अद्भुत नजारा,,, तो खुद अपनी आंखों से अपनी मां की मदमस्त गोरी गोरी गांड देखेगा,,,,

ललिया चारों तरफ खड़ी होकर देखते हुए धीरे-धीरे अपनी साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगी जैसे जैसे वह साड़ी को ऊपर की तरफ उठा रही थी वैसे वैसे रघु के साथ-साथ रामू के दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी,,,, पर देखते ही देखते ललिया अपनी साड़ी को अपनी कमर तक उठा दी,,, जैसे ही ललिया की साड़ी कमर तक आई वैसे ही रामू और रघु दोनों को अद्भुत खूबसूरत मादकता से भरी हुई बड़ी बड़ी गांड नजर आने लगी और गांड को देखते ही रघु के मुंह से वाह निकल गया गया,,,,। रामू तो पागलों की तरह अपनी मां की गांड को देखता ही रह गया,,,, पजामे में उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था,,,। तीन-चार सेकंड रामू की मां खड़ी होकर अपनी मदमस्त गांड का प्रदर्शन करती रही और उसके बाद सोच करने के लिए नीचे बैठ गई,,,,, और उसके बैठते ही कुछ ही देर बाद ललिया की बुर में से सीटी की आवाज आने लगी वह मुत रही थी,,,, और उसकी बुर में से निकल रही सीटी की आवाज रामू और रघु दोनों के कानों में साफ सुनाई दे रही थी,,,। उस आवाज को सुनते ही रघु पूरी तरह से मस्त हो गया रामू की भी यही हालत थी,,,, ललिया को शायद बहुत जोरो की पिशाब लगी हुई थी तभी उसकी बुर में सीटी की आवाज कुछ ज्यादा ही जोर से निकल रही थी,,,,,, रघु रामू के कान में बोला,,,।

देख रामू तेरी मां तेरी आंखों के सामने मुत रही हैं,,,।

( अपनी मां को नंगी गांड दिखाते हुए और पेशाब करते हुए देखा कर रामू पूरी तरह से मस्त हो जा रहा था और इस तरह की रघु के मुंह से अपनी मां के लिए गंदी बातें सुनकर उसकी उत्तेजना का पारा और ज्यादा बढ़ता जा रहा था,,, रघु एकदम उत्तेजित हुआ जा रहा था उसे यह नजारा बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वह धीरे से अपने पर जाने को सरका कर वह भी उसी तरह से बैठ गया,,। रामू की नजर जब उसके ऊपर पड़ी तो वह दंग रह गया रामू उसके खड़े लंड को देख रहा था जिसे धीरे-धीरे रघु अपने हाथों से हिला रहा था,,, रघु की अपने हाथों से अपने लंड को हिलाते हुए रामू से बोला,,,।)

रामू तू मेरा दोस्त है इसलिए वरना इसी समय तेरी मां की दूर में अपना यह लंड डालकर उसकी चुदाई कर देता,,।
( रघु के मुंह से इस तरह की बात सुनकर रामू पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था उसका भी मन कर रहा था अपना लंड बाहर निकालकर हीलाने के लिए,,, रघु रामू की हालत को अच्छी तरह से समझ रहा था क्योंकि वह भी इस तरह के हालात से गुजर चुका था इसलिए वह रामू से बोला,,,)

तू भी बाहर निकाल ले अपनी मां की गांड को देखते हुए हिलाने में बहुत मजा आएगा,,,,।
( रामू तो जैसे इसी पर का इंतजार कर रहा था वह भी धीरे से अपने पजामे को नीचे सरका कर अपने खड़े लंड को हिलाना शुरू कर दिया,,,, रघु रामू को उकसा ते हुए धीरे से उसके कान में बोला,,,।)

रामू तेरा भी मन कर रहा है ना तेरी मां की बड़ी-बड़ी गांड को देखकर उसकी बुर में लंड डालने के लिए,,,,( रघु की बातें रामू को अंदर तक जला रहे थे कामाग्नि में वह पूरी तरह से तड़प रहा था भले ही उसकी मां के लिए रघु बेहद गंदे शब्दों का उपयोग कर रहा था लेकिन रामू को इसमें बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,)
रामू मेरा तो बहुत मन कर रहा है तेरी मां को चोदने के लिए जब से तेरी मां की गोल गोल गांड देखा हूं तब से मेरी हालत खराब हो गई है,,,,आहहहहह क्या मस्त गांड है तेरी मां की,,,

( रघु हर तरह से आनंद ले रहा था एक बेटे के लिए कोई भी अगर इस तरह की गंदी बातें करता है तो साधारण तौर पर हर बेटा गुस्से में आ जाता है और उसकी मां के प्रति गंदे शब्दों का प्रयोग करने वालों से झगड़ा कर लेता है लेकिन यहां पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं था यहां तो रघु कि हर गंदी बातें रामू को अच्छी लग रही थी रामू खुद प्यासी आंखों से अपनी मां की गांड देख रहा था उसकी मां उसकी आंखों के सामने सोच करने के लिए बैठी हुई थी,,,। रामू और रघु दोनों अपनी मस्ती में थे और इन सब से अनजान ललिया 5 मीटर की दूरी पर बैठकर सोच कर रही थी उसे क्या मालूम था कि उसके पीठ पीछे उसकी सबसे अच्छी सहेली का तरीका बेटा और उसका खुद का बेटा उसकी नंगी गांड को देखकर अपना लंड हिला रहे हैं,,,। रघु रामू को और ज्यादा उकसाने के लिए बेहद गंदे शब्दों का प्रयोग करते हुए बोला,,।)

कसम से रामू अगर तेरी मां एक रात के लिए मुझे मिल जाए ना तो तेरी मां की बुर में अपना मोटा लंड डालकर उसकी बुर का भोसड़ा बना दुं,,,आहहहहह भगवान ने कमाल का जिस्म दिया है तेरी मां को,,,,( ऐसा कहते हुए रघु जोर-जोर से अपने लंड को मुठिया रहा था,,, और रामू भी यही कर रहा था,,,, पति अपनी मां की गांड को देखकर जोर जोर से हिला रहा था,,,। )
आहहहहहहह,,,, रामू बहुत मजा आ रहा है काश तेरी मां अपनी दोनों टांगे फैलाकर मुझे चोदने देती तो बहुत मजा आ जाता,,,,,
( अपनी मां की मदमस्त कांड और रघु की गंदी बातें सुनकर रामू काफी उत्तेजित हो गया था और वह ज्यादा देर तक ठहर नहीं पाया और अपने लंड को हिलाते हुए पानी छोड़ दिया,,, लेकिन रघु अभी भी बरकरार था वह लगातार अपनी प्यारी आंखो से ललिया को सोच करता हुआ देख रहा था जो कि अब सोच कर के पानी में लाए डिब्बे से अपनी गांड धो रही थी और यह देख कर रघु और ज्यादा उत्तेजित होने लगा,,,, क्योंकि वह चाहता था कि ललिया की गोरी गोरी गांड देखते हुए उसका पानी निकले और वो जिस तरह से गांड धो रही थी वह वहां से चली जाने वाली थी इसलिए रघु जोर-जोर से अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया,,,, ललिया सोच करके खड़ी हो गई थी लेकिन अभी भी वह अपनी साड़ी को कमर तक उठाए खड़ी थी,,, शायद वहां नितंबों के लगे पानी की बूंदों को नीचे गिर जाने देना चाहती थी इसलिए अपनी बड़ी बड़ी गांड को हम से हिला कर पानी की बूंदों को नीचे गिराने लगी,,, और उसकी यह हरकत पर उसकी बड़ी बड़ी गांड पानी भरे गुब्बारों की तरह हवा में लहरा रहे थे और यह देखकर रघु के सब्र का बांध टूट पड़ा उसके डंडे से भी पानी का फव्वारा छूटने लगा,,,। रामू ऊसके लंड से निकलते हुए पानी को देख कर हैरान हो गया था,,,, क्योंकि उसके लंड से कुछ ज्यादा ही पानी निकल रहा था,,,,। देखते ही देखते राम और रघु दोनों की आंखों के सामने से ललिया वापस घर की तरफ चली गई,,,
दोनों झाड़ियों में से तेरे से खड़े हुए और रघु अपना पैजामा ऊपर करते हुए बोला,,,,।

यार मजा आ गया तेरी मां ने तो क्या मस्त नजारा दिखा दिया,,,,आहहहहहहह,,,,,

( रामू भी अपने पजामे को ऊपर करता हुआ बोला,,,।)


यार रघु तुझे कसम है मेरी दोस्ती की यहां जो कुछ भी हुआ यह बात तु किसी को मत बताना,,,,


पागल हो गया है तू भला मैं यह बात दूसरों को क्यों बताऊंगा यह बात तेरे और मेरे बीच रहेगी और आगे से भी इस तरह का नजारा तेरी मां के द्वारा देखने को मिलेगा,,, और हम दोनों तेरी मां की नंगी गांड को देखकर इसी तरह से मजा लेंगे,,, तुझे कोई एतराज तो नहीं है ना,,,
( रघु की बातें सुनकर रामू बोला कुछ नहीं बस शर्मिंदा होते हुए हां में सिर हिला दिया,,, क्योंकि इस तरह का नजारा देख कर उसे भी काफी आनंद आया था,,।)

कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए एक दिन शालू की मुलाकात फिर से बिरजू से हो गई,,,। शालू खेतों पर अपनी मां को खाना देने जा रही थी और रास्ते में बिरजू मिल गया था,,,। बिरजू को आंखों के सामने देखते ही शालू एकदम खुश हो गई,,, और सवालों की झड़ी बरसाते हुए बिरजू से बोली,,।

बिरजू कहां चले गए थे तुम,,, उस दिन के बाद से तो तुम कहीं नजर ही नहीं आए ना मुझसे मिलने की एक भी बार भी कोशिश कीए,,,।


क्या करूं शालू शाम को घर गया तो पता चला कि मामा की तबीयत खराब हो गई है इसलिए मा को लेकर मामा के घर जाना पड़ा,,, आज सुबह ही वापस आया हूं,,।

अब कैसी तबीयत है मामा की,,,

अब तो बिल्कुल ठीक है,,,( दोनों एक पेड़ के नीचे खड़े होकर बातें कर रहे थे,,।)

वैसे बिरजू उस दिन तो हालत खराब हो गई थी अगर थोड़ी देर और वहां रूकती तो पकड़ी जाती है वैसे वह था कौन,,,?( शालू सवालिया अंदाज में बिरजू की तरफ देखते हुए बोली,,, शालू की यह बात सुनकर बिरजू के होठों पर मुस्कुराहट आ गई थी वह मुस्कुरा रहा था और उसे मुस्कुराता हुआ देखकर शालू बोली,,,।)

तुम मुस्कुरा क्यों रहे हो क्या बात है,,,?

शालू अच्छा ही हुआ था कि तुम समय रहते हो वहां से निकल गई थी,,,।

ऐसा क्यों,,,?


क्योंकि वह दूसरा कोई नहीं बल्कि तुम्हारा भाई ही था थोड़ी देर और तुम्हारा रूकती तो तुम्हारा भाई भी तुम्हारे नंगे बदन को तुम्हारी नंगी गांड को देख लेता,,,,।
( बिरजू की बात सुनते ही सालु के तन बदन में घबराहट की लहर दौड़ गई,,,, वह हैरान होते हुए अपने दांतो तले उंगली दबा ली क्योंकि वाकई में बहुत बड़ी मुसीबत से बच गई थी अगर सच में उसका भाई उसे उस अवस्था में देख लेता तो गजब हो जाता,,,।)


बाप रे तब तो बाल-बाल बच गई,,, वरना मेरी मां मार-मार कर मेरी खाल उधेड़ लेती,,,।

वैसे शालू तुम्हारा भाई रघु तुम्हें पानी में से निकल कर भागते हुए देख लिया था तुम्हारी नंगी गांड दंगे जिसमें को देखकर यह वह मेरे पास आया था और मुझसे पूछ भी रहा था कि आंखीर यह सब माजरा क्या है,,,।

क्या तुम्हारे कहने का मतलब है कि मेरे भाई ने मेरे नंगे बदन को देख लिया था यह तो मेरे लिए शर्म से डूब मरने वाली बात है बिरजू यह सब तुम्हारी वजह से हुआ ना तुम जिद करते ना मैं अपने कपड़े उतार कर तालाब में जाती,,,।
( सालु बिरजू से नाराज होते हुए दूसरी तरफ मुंह फेर कर खड़ी हो गई,,,)

अरे नाराज क्यों होती हो,,,?

नाराज ना होऊ तो क्या होऊ तुम्हारी वजह से मेरे बारे में मेरे मन के बदन को देख लिया जो कि ऐसा कभी होने वाला नहीं था,,,


अरे तो उसे थोड़ी पता है कि तालाब में से जिस लड़की को नंगी निकल कर भागते हुए देखा था वह उसकी बहन है,,,।
वह पूछ रहा था और मैं उसे बोल दिया कि पास के गांव की लड़की है,,,

वह मान गया,,?( शालू आश्चर्य होते हुए बोली,,।)

अरे मानेगा कैसे नहीं उसने तुम्हारा चेहरा थोड़ी देखा था हां यह बात और है कि अगर तुम्हें पहले वह नंगी देखा होगा तो पहचान लेगा,,,,( बिरजू की बात सुनते हैं शालू अपने दोनों हाथों को कमर पर रखकर गुस्से से उसे देखने लगी,,,।)

अरे गुस्सा क्यों होती हो मैं तो मजाक कर रहा हूं,,,।
( बिरजू की बात सुनकर निश्चिंत होकर वह बिना कुछ बोले वहां से जाने लगी तो बिरजू उसे पीछे से आवाज देता हुआ बोला,,,।)

कल इसी समय मिलना आम की बगिया में,,,
( बिरजू की बात सुनकर सानू एक पल के लिए पीछे की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी,,, लेकिन रुकी नहीं और ना ही एक शब्द बोली तो बिरजू ही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,।) मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा,,,।
( इतना सुनकर शालू लगभग भागते हुए खेतों की तरफ जाने लगे वह काफी खुश थी और बीरजु भी काफी प्रसन्न नजर आ रहा था,,।)
 
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