Update 75
रीमा ने ड्व्ड, द्वड प्लेयर में डाल दी और प्ले करके रोहित के साथ बिस्तर पर आ कर बैठ गयी.
“अजीब बात है कोई नंबरिंग नही आई और मूवी शुरू हो गयी. पिक्चर क्वालिटी भी कुछ ज़्यादा अछी नही लग रही है. क्या साइको ऐसी ही है…फिर क्यों चर्चा है इसकी इतनी.”
“एक मिनिट…रीमा वो साइको 1960 की बनी हुई थी. इसे देखने से लगता है कि रीसेंट्ली बनी हुई है. तुम्हे ये सड़क कुछ जानी पहचानी सी नही लगती.”
“अरे हां ये सड़क ये मार्केट…देखी हुई सी लगती है.”
मूवी में बस सड़क दिखाई जा रही थी और मार्केट दिखाई जा रही थी. कोई आवाज़ नही आ रही थी. अचानक कॅमरा एक सुनसान सी जगह घूम गया. कॅमरा अब एक लड़की को फॉलो कर रहा था.”
“ओह माइ गॉड….ये तो रागिनी है.”
“रागिनी कौन रागिनी?
“हमारे कॉलेज मैं पढ़ती थी. उसका खून हुआ था साइको के हाथो. तुम्हे तो पता होना चाहिए…कैसे बेख़बर पोलीस वाले हो तुम?”
“ओह हां याद आया, मैं भूल गया था आज दिमाग़ इतना घुमा हुआ है की पूछो मत. कही ये उसके मर्डर की वीडियो तो नही बना रखी साइको ने.”
तभी वीडियो में दिखाया गया कि अचानक किसी ने रागिनी को आकर पीछे से दबोच लिया और उसे कुछ सूँघा दिया. फिर उसे घसीट कर कार की डिकी में डाल दिया.
“ऑम्ग ये तो रागिनी के मर्डर की ही वीडियो है. रोहित बंद करो इसे मैं नही देख सकती.” रीमा ने कहा.
“रीमा मुझे ये देखनी पड़ेगी. प्लीज़ तुम दूसरे कमरे में चली जाओ…जैसे ही ये ख़तम होगी मैं तुम्हे बुला लूँगा.”
“हॉरर मुझे अच्छी लगती है पर ये तो रियल है.”
“मेरी मानो मेरे साथ रहो. इसे देख कर अनॅलिसिस करेंगे, क्या पता साइको के खिलाफ कुछ मिल जाए.”
मूवी में अगला सीन एक घर का था. रागिनी नंगी पड़ी हुई थी फर्श पर और गिड़गिदा रही थी, “प्लीज़ मुझे जाने दो…प्लीज़.”
“हाहाहा….यहाँ से तुम कही नही जा सकती. यहाँ से अब तुम्हारी लाश ही बाहर जाएगी. घबराओ मत तुम्हे ऐसी मौत दूँगा की फकर होगा तुम्हे कि तुम मेरे हाथो मारी गयी.”
मूवी में साइको का चेहरा नही दिख रहा था. पूरा फोकस रागिनी पर ही था.
“दो चाय्स हैं तुम्हारे पास. ये चाकू देख रही हो. इसे अपनी चूत में डाल लो. जिध तरह से लंड लेती हो चूत में उसी तरह से ये चाकू भी डाल लो. अगर तुम चुपचाप चाकू डाल लोगि तो तुम्हे कुछ नही करूँगा. और अगर नही डाला चाकू तुमने तो मैं डाल दूँगा. मेरे डालने से दर्द ज़्यादा होगा. खुद ही डाल लो तो अच्छा है.”
रागिनी फूट-फूट कर रोने लगी और बोली, “प्लीज़ मैं ये नही कर सकती…प्लीज़.”
“रोहित ये साइको तो बहुत ख़तरनाक है.”
“ये घर जहा ये वीडियो बनी है…कहाँ होगा ये घर…कुछ अजीब सा नही है ये कमरा. ऐसे कमरे कौन बनाता है आज कल. बहुत ही पुराना घर लगता है.”
“हां रोहित ऐसे घर तो गाँव में देखे थे कभी. अब ऐसी कन्स्ट्रक्षन कोई नही करवाता.”
अचानक मूवी रुक जाती है.
“ये क्या हुआ…इतनी ही है क्या ये.” रोहित ने कहा.
“अच्छा है जो इतनी ही है….आगे उसका मर्डर ही किया होगा उसने.”
“मुझे लग रहा था कि शायद साइको की शकल देखने को मिलेगी…पर ये तो यही रुक गयी.”
बहुत ट्राइ करते हैं वो दोनो मूवी को आगे बढ़ाने की मगर मूवी आगे नही बढ़ती. वो वही तक थी.
“ये द्वड तुम्हे कहा मिली रोहित.” रीमा ने पूछा.
“ये मुझे विजय के घर पर मिली. विजय को गोली मारी थी मैने. वही साइको लग रहा था मुझे. पर अब बात और भी उलझ गयी है. इस ड्व्ड का मतलब है कि विजय असली साइको से मिला हुआ था.” रोहित रीमा को अपने घर पर घटी सारी बात बताता है.
“ये भी तो हो सकता है कि उसे ये द्वड कही मिली हो और इस से प्रेरित हो कर उसने भी साइको जैसा करने की सोची हो. वो कॉपीकॅट भी हो सकता है.”
“कॉपीकॅट तो वो था ही. इसमे कोई शक नही मुझे. बस ये पता लगाना है कि क्या वो साइको से मिला हुआ था. इस ड्व्ड का विजय के घर से मिलना काफ़ी सारे सवाल खड़े करता है. जिनका जवाब मुझे ढूँढना होगा. मुझे जाना होगा रीमा…सॉरी…आज तुम्हे कोई सुख नही दे पाया.”
“अच्छा ही है मैं बच गयी. वरना आज जाने क्या हाल करते मेरा.”
“कब तक बचोगी…आज वैसे भी मूड ठीक नही था. अब ये द्वड देख कर दिमाग़ और ज़्यादा उलझ गया है.
ऐसी हालत में संभोग में परवेश मूर्खता है. धैर्या से फिर कभी आनंद लेंगे हम…और आपकी खूब रेल बनाएँगे”
“बना लीजिएगा हमें इंतेज़ार रहेगा.” रीमा ने मुस्कुराते हुए कहा.
“आपकी इन्ही बातों से बहक जाता हूँ मैं. ट्रेन में भी आपने मुझे बहका दिया था इन अदाओ से.”
“ट्रेन में ऐसा कुछ नही किया था मैने..वो सब आपका किया धरा था.”
“चलिए कोई बात नही मेरा किया धरा ही सही…मज़ा तो खूब मिला था ना आपको.”
“हां वो तो मिला था…तभी तो तरसते हैं आपके लिए.” रीमा ने नज़रे झुका कर कहा.
“उफ्फ क्या शर्मा रही हैं आप. मिलूँगा जल्दी ही आपसे. आज वो बात नही बन पाएगी…जिसकी आपको चाहत है. दिमाग़ बहुत सारी बातों से घिरा हुआ है.”
“मैं समझ सकती हूँ…आप जाओ अभी फिर मिलेंगे आराम से.” रीमा ने कहा.
“कूल…वी विल मीट सून आंड विल मेक ए ब्लास्ट.”
“अब ये ब्लास्ट क्या है रेल से ज़्यादा ख़तरनाक है क्या …”
“हां कुछ ऐसा ही समझ लो..”
रोहित ड्व्ड लेकर बाहर आ गया और वापिस विजय के घर की तरफ चल दिया, “क्या पता ऐसी और भी ड्व्ड हो विजय के पास…देखता हूँ जाकर.”
रास्ते में रोहित को एक सुनसान सड़क पर एक कार खड़ी मिली. उसमे हलचल हो रही थी. रोहित ने अपनी जीप रोकी और कार के शीसे का दरवाजा खड़काया.
“क्या है…क्या दिक्कत है.” एक लड़का शीसा खोल कर बोला.
“यहाँ सुनसान में क्या कर रहे हो. रात भी हो चुकी है. क्या तुम्हे साइको का डर नही.”
“तुम्हे क्या लेना देना…दफ़ा हो जाओ.”
“बड़े बाप की औलाद लगता है. पोलीस की वर्दी का कोई डर नही इसे.” रोहित ने मन में सोचा.
रोहित ने अंदर झाँक कर देखा तो पाया कि एक लड़की बैठी सूबक रही है. वो अपनी आँखो से आँसू पोंछ रही थी.
“कौन है ये लड़की…और ये रो क्यों रही है.”
“तेरी बहन है ये…तेरी बहन चोद रहा हूँ मैं. चल अब दफ़ा हो जा यहाँ से.”
“अच्छा ऐसी बात है क्या…बहना चलो बाहर आ जाओ” रोहित ने कहा.
रोहित ने ये बोला ही था कि उस लड़के ने बंदूक निकाल कर रोहित पर तान दी.
“एक बार समझ नही आता तुझे…चल निकल यहाँ से.”
अगले ही पल रोहित वो बंदूक छीन कर वापिस उस लड़के पर तान दी. “इन खिलोनो से खेलना ख़तरनाक है मुन्ना. चल चुपचाप बाहर निकल वरना तेरा भेजा उड़ा दूँगा अभी.”
“रूको…रूको निकलता हूँ… तुम जानते नही मुझे की मैं कौन हूँ. मैं गौरव मेहरा का भाई हूँ. पूरा डेप्ट खरीद सकता हूँ तुम्हारा.”
“गौरव मेहरा… इंट्रेस्टिंग. जल्द मुलाकात होगी तुमसे मुन्ना. चल अब ये कार यही छ्चोड़ और पैदल निकल यहाँ से.”
“देख लूँगा तुम्हे मैं.” वो लड़का चलते हुए बोला.
“अबे सुन तेरे भाई के पास ब्लॅक स्कॉर्पियो है क्या?”
“हां है क्यों…”
“मुझे रेंट पर लेनी थी. कल आउन्गा तुम्हारे घर. सोच लेना अच्छी कमाई हो जाएगी तुम लोगो की ..”
“मेरे भैया के आगे बोलते ना ये तो अभी लाश गिरी होती तुम्हारी यहाँ.”
“लाश तो तेरी भी गिर सकती है चुपचाप निकल ले यहाँ से.”
वो लड़का भाग गया वहाँ से कार छ्चोड़ कर.
“आओं बाहर…अब चिंता की कोई बात नही है.”
लड़की डरते-डरते बाहर आती है.
“क्या नाम है तुम्हारा ?”
“सुमन..”
“चलो आओ तुम्हे घर छ्चोड़ देता हूँ.”
“मैं हॉस्टिल में रहती हूँ. कॉलेज छ्चोड़ दीजिए मुझे.”
“हां-हां छ्चोड़ दूँगा बैठो तो सही”
समान चुपचाप जीप में बैठ गयी.
“क्यों आई थी इसके साथ जब पता है की ऐसे लड़के अच्छा बर्ताव नही करते.”
“कुछ दिनो से ही ये बदल गया. पहले तो ऐसा नही था.”
“समझा कर उसे अब दूसरी लड़की मिल गयी होगी.”
“पता है मुझे. तभी नही आना चाहती थी उसके साथ. ज़बरदस्ती बंदूक दिखा कर लाया मुझे वो.”
“ह्म्म… कंप्लेंट लिखवा दे उसकी…अभी जैल में डाल दूँगा साले को.”
“छ्चोड़िए…बदनामी मेरी ही होगी और उसका कुछ नही बिगड़ेगा.”
“संभोग किया आपने उसके साथ..?”
“एक्सक्यूस मी…”
“छ्चोड़िए वैसे ही पूछ रहा था.”
“जी हां किया है…”
“ऐसे लोगो के साथ आपको इन लोगो से संभाल कर रहना चाहिए. ये अमीर बाप के बिगड़ैल लड़के भावनाओ को नही समझते. बस शोसन करते हैं. सब ऐसे नही होते मगर अधिकतर ऐसे ही होते हैं …”
रीमा ने ड्व्ड, द्वड प्लेयर में डाल दी और प्ले करके रोहित के साथ बिस्तर पर आ कर बैठ गयी.
“अजीब बात है कोई नंबरिंग नही आई और मूवी शुरू हो गयी. पिक्चर क्वालिटी भी कुछ ज़्यादा अछी नही लग रही है. क्या साइको ऐसी ही है…फिर क्यों चर्चा है इसकी इतनी.”
“एक मिनिट…रीमा वो साइको 1960 की बनी हुई थी. इसे देखने से लगता है कि रीसेंट्ली बनी हुई है. तुम्हे ये सड़क कुछ जानी पहचानी सी नही लगती.”
“अरे हां ये सड़क ये मार्केट…देखी हुई सी लगती है.”
मूवी में बस सड़क दिखाई जा रही थी और मार्केट दिखाई जा रही थी. कोई आवाज़ नही आ रही थी. अचानक कॅमरा एक सुनसान सी जगह घूम गया. कॅमरा अब एक लड़की को फॉलो कर रहा था.”
“ओह माइ गॉड….ये तो रागिनी है.”
“रागिनी कौन रागिनी?
“हमारे कॉलेज मैं पढ़ती थी. उसका खून हुआ था साइको के हाथो. तुम्हे तो पता होना चाहिए…कैसे बेख़बर पोलीस वाले हो तुम?”
“ओह हां याद आया, मैं भूल गया था आज दिमाग़ इतना घुमा हुआ है की पूछो मत. कही ये उसके मर्डर की वीडियो तो नही बना रखी साइको ने.”
तभी वीडियो में दिखाया गया कि अचानक किसी ने रागिनी को आकर पीछे से दबोच लिया और उसे कुछ सूँघा दिया. फिर उसे घसीट कर कार की डिकी में डाल दिया.
“ऑम्ग ये तो रागिनी के मर्डर की ही वीडियो है. रोहित बंद करो इसे मैं नही देख सकती.” रीमा ने कहा.
“रीमा मुझे ये देखनी पड़ेगी. प्लीज़ तुम दूसरे कमरे में चली जाओ…जैसे ही ये ख़तम होगी मैं तुम्हे बुला लूँगा.”
“हॉरर मुझे अच्छी लगती है पर ये तो रियल है.”
“मेरी मानो मेरे साथ रहो. इसे देख कर अनॅलिसिस करेंगे, क्या पता साइको के खिलाफ कुछ मिल जाए.”
मूवी में अगला सीन एक घर का था. रागिनी नंगी पड़ी हुई थी फर्श पर और गिड़गिदा रही थी, “प्लीज़ मुझे जाने दो…प्लीज़.”
“हाहाहा….यहाँ से तुम कही नही जा सकती. यहाँ से अब तुम्हारी लाश ही बाहर जाएगी. घबराओ मत तुम्हे ऐसी मौत दूँगा की फकर होगा तुम्हे कि तुम मेरे हाथो मारी गयी.”
मूवी में साइको का चेहरा नही दिख रहा था. पूरा फोकस रागिनी पर ही था.
“दो चाय्स हैं तुम्हारे पास. ये चाकू देख रही हो. इसे अपनी चूत में डाल लो. जिध तरह से लंड लेती हो चूत में उसी तरह से ये चाकू भी डाल लो. अगर तुम चुपचाप चाकू डाल लोगि तो तुम्हे कुछ नही करूँगा. और अगर नही डाला चाकू तुमने तो मैं डाल दूँगा. मेरे डालने से दर्द ज़्यादा होगा. खुद ही डाल लो तो अच्छा है.”
रागिनी फूट-फूट कर रोने लगी और बोली, “प्लीज़ मैं ये नही कर सकती…प्लीज़.”
“रोहित ये साइको तो बहुत ख़तरनाक है.”
“ये घर जहा ये वीडियो बनी है…कहाँ होगा ये घर…कुछ अजीब सा नही है ये कमरा. ऐसे कमरे कौन बनाता है आज कल. बहुत ही पुराना घर लगता है.”
“हां रोहित ऐसे घर तो गाँव में देखे थे कभी. अब ऐसी कन्स्ट्रक्षन कोई नही करवाता.”
अचानक मूवी रुक जाती है.
“ये क्या हुआ…इतनी ही है क्या ये.” रोहित ने कहा.
“अच्छा है जो इतनी ही है….आगे उसका मर्डर ही किया होगा उसने.”
“मुझे लग रहा था कि शायद साइको की शकल देखने को मिलेगी…पर ये तो यही रुक गयी.”
बहुत ट्राइ करते हैं वो दोनो मूवी को आगे बढ़ाने की मगर मूवी आगे नही बढ़ती. वो वही तक थी.
“ये द्वड तुम्हे कहा मिली रोहित.” रीमा ने पूछा.
“ये मुझे विजय के घर पर मिली. विजय को गोली मारी थी मैने. वही साइको लग रहा था मुझे. पर अब बात और भी उलझ गयी है. इस ड्व्ड का मतलब है कि विजय असली साइको से मिला हुआ था.” रोहित रीमा को अपने घर पर घटी सारी बात बताता है.
“ये भी तो हो सकता है कि उसे ये द्वड कही मिली हो और इस से प्रेरित हो कर उसने भी साइको जैसा करने की सोची हो. वो कॉपीकॅट भी हो सकता है.”
“कॉपीकॅट तो वो था ही. इसमे कोई शक नही मुझे. बस ये पता लगाना है कि क्या वो साइको से मिला हुआ था. इस ड्व्ड का विजय के घर से मिलना काफ़ी सारे सवाल खड़े करता है. जिनका जवाब मुझे ढूँढना होगा. मुझे जाना होगा रीमा…सॉरी…आज तुम्हे कोई सुख नही दे पाया.”
“अच्छा ही है मैं बच गयी. वरना आज जाने क्या हाल करते मेरा.”
“कब तक बचोगी…आज वैसे भी मूड ठीक नही था. अब ये द्वड देख कर दिमाग़ और ज़्यादा उलझ गया है.
ऐसी हालत में संभोग में परवेश मूर्खता है. धैर्या से फिर कभी आनंद लेंगे हम…और आपकी खूब रेल बनाएँगे”
“बना लीजिएगा हमें इंतेज़ार रहेगा.” रीमा ने मुस्कुराते हुए कहा.
“आपकी इन्ही बातों से बहक जाता हूँ मैं. ट्रेन में भी आपने मुझे बहका दिया था इन अदाओ से.”
“ट्रेन में ऐसा कुछ नही किया था मैने..वो सब आपका किया धरा था.”
“चलिए कोई बात नही मेरा किया धरा ही सही…मज़ा तो खूब मिला था ना आपको.”
“हां वो तो मिला था…तभी तो तरसते हैं आपके लिए.” रीमा ने नज़रे झुका कर कहा.
“उफ्फ क्या शर्मा रही हैं आप. मिलूँगा जल्दी ही आपसे. आज वो बात नही बन पाएगी…जिसकी आपको चाहत है. दिमाग़ बहुत सारी बातों से घिरा हुआ है.”
“मैं समझ सकती हूँ…आप जाओ अभी फिर मिलेंगे आराम से.” रीमा ने कहा.
“कूल…वी विल मीट सून आंड विल मेक ए ब्लास्ट.”
“अब ये ब्लास्ट क्या है रेल से ज़्यादा ख़तरनाक है क्या …”
“हां कुछ ऐसा ही समझ लो..”
रोहित ड्व्ड लेकर बाहर आ गया और वापिस विजय के घर की तरफ चल दिया, “क्या पता ऐसी और भी ड्व्ड हो विजय के पास…देखता हूँ जाकर.”
रास्ते में रोहित को एक सुनसान सड़क पर एक कार खड़ी मिली. उसमे हलचल हो रही थी. रोहित ने अपनी जीप रोकी और कार के शीसे का दरवाजा खड़काया.
“क्या है…क्या दिक्कत है.” एक लड़का शीसा खोल कर बोला.
“यहाँ सुनसान में क्या कर रहे हो. रात भी हो चुकी है. क्या तुम्हे साइको का डर नही.”
“तुम्हे क्या लेना देना…दफ़ा हो जाओ.”
“बड़े बाप की औलाद लगता है. पोलीस की वर्दी का कोई डर नही इसे.” रोहित ने मन में सोचा.
रोहित ने अंदर झाँक कर देखा तो पाया कि एक लड़की बैठी सूबक रही है. वो अपनी आँखो से आँसू पोंछ रही थी.
“कौन है ये लड़की…और ये रो क्यों रही है.”
“तेरी बहन है ये…तेरी बहन चोद रहा हूँ मैं. चल अब दफ़ा हो जा यहाँ से.”
“अच्छा ऐसी बात है क्या…बहना चलो बाहर आ जाओ” रोहित ने कहा.
रोहित ने ये बोला ही था कि उस लड़के ने बंदूक निकाल कर रोहित पर तान दी.
“एक बार समझ नही आता तुझे…चल निकल यहाँ से.”
अगले ही पल रोहित वो बंदूक छीन कर वापिस उस लड़के पर तान दी. “इन खिलोनो से खेलना ख़तरनाक है मुन्ना. चल चुपचाप बाहर निकल वरना तेरा भेजा उड़ा दूँगा अभी.”
“रूको…रूको निकलता हूँ… तुम जानते नही मुझे की मैं कौन हूँ. मैं गौरव मेहरा का भाई हूँ. पूरा डेप्ट खरीद सकता हूँ तुम्हारा.”
“गौरव मेहरा… इंट्रेस्टिंग. जल्द मुलाकात होगी तुमसे मुन्ना. चल अब ये कार यही छ्चोड़ और पैदल निकल यहाँ से.”
“देख लूँगा तुम्हे मैं.” वो लड़का चलते हुए बोला.
“अबे सुन तेरे भाई के पास ब्लॅक स्कॉर्पियो है क्या?”
“हां है क्यों…”
“मुझे रेंट पर लेनी थी. कल आउन्गा तुम्हारे घर. सोच लेना अच्छी कमाई हो जाएगी तुम लोगो की ..”
“मेरे भैया के आगे बोलते ना ये तो अभी लाश गिरी होती तुम्हारी यहाँ.”
“लाश तो तेरी भी गिर सकती है चुपचाप निकल ले यहाँ से.”
वो लड़का भाग गया वहाँ से कार छ्चोड़ कर.
“आओं बाहर…अब चिंता की कोई बात नही है.”
लड़की डरते-डरते बाहर आती है.
“क्या नाम है तुम्हारा ?”
“सुमन..”
“चलो आओ तुम्हे घर छ्चोड़ देता हूँ.”
“मैं हॉस्टिल में रहती हूँ. कॉलेज छ्चोड़ दीजिए मुझे.”
“हां-हां छ्चोड़ दूँगा बैठो तो सही”
समान चुपचाप जीप में बैठ गयी.
“क्यों आई थी इसके साथ जब पता है की ऐसे लड़के अच्छा बर्ताव नही करते.”
“कुछ दिनो से ही ये बदल गया. पहले तो ऐसा नही था.”
“समझा कर उसे अब दूसरी लड़की मिल गयी होगी.”
“पता है मुझे. तभी नही आना चाहती थी उसके साथ. ज़बरदस्ती बंदूक दिखा कर लाया मुझे वो.”
“ह्म्म… कंप्लेंट लिखवा दे उसकी…अभी जैल में डाल दूँगा साले को.”
“छ्चोड़िए…बदनामी मेरी ही होगी और उसका कुछ नही बिगड़ेगा.”
“संभोग किया आपने उसके साथ..?”
“एक्सक्यूस मी…”
“छ्चोड़िए वैसे ही पूछ रहा था.”
“जी हां किया है…”
“ऐसे लोगो के साथ आपको इन लोगो से संभाल कर रहना चाहिए. ये अमीर बाप के बिगड़ैल लड़के भावनाओ को नही समझते. बस शोसन करते हैं. सब ऐसे नही होते मगर अधिकतर ऐसे ही होते हैं …”