• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery बाबा ठाकुर (ब्लू मून क्लब- भाग 2)

कहानी का कथानक (प्लॉट)

  • अच्छा

    Votes: 2 12.5%
  • बहुत बढ़िया

    Votes: 13 81.3%
  • Could ठीक-ठाकbe better

    Votes: 2 12.5%

  • Total voters
    16

naag.champa

Active Member
661
1,794
139
बाबा ठाकुर
BBT-Hindi2-Cover-Ok22.jpg


(ब्लू मून क्लब- भाग 2)
~ चंपा नाग ~
अनुक्रमणिका

अध्याय १ // अध्याय १ // अध्याय ३ // अध्याय ४ // अध्याय ५
अध्याय ६ // अध्याय ७ // अध्याय ८ // अध्याय ९ // अध्याय १०
अध्याय ११ // अध्याय १२ // अध्याय १३ // अध्याय १४ // अध्याय १५
अध्याय १६ // अध्याय १७ // अध्याय १८ // अध्याय १९ // अध्याय २०
अध्याय २१ // अध्याय २२ // अध्याय २३ // अध्याय २४ // अध्याय २५
अध्याय २६ // अध्याय २७ // अध्याय २८ // अध्याय २९ // अध्याय ३०
अध्याय ३१ // अध्याय ३२ (समाप्ति)


प्रिय पाठक मित्रों,

बड़ी उत्साह के साथ और बड़ी खुशी के साथ मैं आपके लिए एक नई कहानी प्रस्तुत करने करने जा रही हूं| इस कहानी को मैंने बहुत ही धैर्य से और बड़े ही विस्तार से लिखा है| आशा है कि यह कहानी आप लोगों को मेरी लिखी हुई बाकी कहानियों की तरह ही पसंद आएगी क्योंकि इस कहानी को लिखने का मेरा सिर्फ एकमात्र ही उद्देश्य है वह है कि अपने पाठक बंधुओं का मनोरंजन करना|

मुझे आप लोगों के सुझाव, टिप्पणियां, कॉमेंट्स और लाइक्स का बेसब्री से इंतजार रहेगा|
PS और अगर अभी तक आप लोगों ने इस कहानी का पहला भाग नहीं पड़ा हो तो जरूर पढ़िएगा| पहले भाग का लिंक नीचे दिया हुआ है
ब्लू मून क्लब (BMC)

~ चंपा नाग ~



यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक घटनाओं पर आधारित है और इसका जीवित और मृत किसी भी शख्स से कोई वास्ता नहीं। इस कहानी में सभी स्थान और पात्र पूरी तरह से काल्पनिक है, अगर किसी की कहानी इससे मिलती है, तो वो बस एक संयोग मात्र है| इस कहानी को लिखने का उद्देश्य सिर्फ पाठकों का मनोरंजन मात्र है|
 
Last edited:

Tiger 786

Well-Known Member
6,215
22,559
173

अध्याय २०


बाबा ठाकुर पंडित एकनाथ को शायद पता था कि ब्लू मून क्लब से मेरे लिए जो दूसरा बैग भेजा गया था उसके अंदर शराब की बोतले भी है और उनका अंदाजा बिल्कुल सही निकला| उन्होंने वह खोल करके जींन (Gin) की एक बोतल निकाली और फिर जल्दी-जल्दी अपनी लुंगी पहनकर रसोई से कांच का गिलास लाने के लिए कमरे से बाहर निकले|

उनके बाहर जाते ही मैंने बैग अंदर झांक कर देखा- बैग के अंदर 'अफ़रोडिसियक' (कामोत्तेजक दवाई) की गोली वाली एक स्ट्रिप भी थी| एक गोली तो मैं खा चुकी थी और ऊपर से नशा भी कर रखा था इसलिए दूसरी गोली की शायद जरूरत नहीं पड़ेगी और उसके साथ दर्द की दवाई एक स्ट्रिप भी थी और उसके साथ कुछ गर्भनिरोधक गोलियां भी|

इन गर्भनिरोधक गोलियों को मेरी कामवाली गोपा मौसी- पेट साफ करने की दवाई कहा करती थी|

मैं मन ही मन मुस्कुरा रही थी- ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा अपनी हॉट गर्ल्स की फायर ब्रिगेड प्रीमियम पार्ट टाइम लवर गर्लस का बहुत ख्याल रखती हैं|

यही सब सोच रही थी कि मुझे बाहर से बाबा ठाकुर की आवाज सुनाई दी, वह आरती से पूछ रहे थे, "क्या हुआ सोई नहीं अभी तक?"

"जी सुसु करने के लिए उठी थी, - इतने में मैंने देखा कि आप कमरे से बाहर आ रहे हैं तो मैं ऊपर चली आई- यह देखने के लिए कि आपको किसी चीज की जरूरत तो नहीं?"

मुझे पक्का यकीन था कि आरती ने चुपके चुपके जरूर मुझे और बाबा ठाकुर को रतिक्रिया में मगन जरूर देख लिया होगा|

"ठीक है नीचे से तो कांच के गिलास लेकर आ" बाबा ठाकुर ने आरती से कहा|

मैं मन ही मन सोच रही थी अगर थोड़ी सी कोल्ड्रिंक मिल जाती है तो बहुत ही अच्छा होता है|

बाबा ठाकुर अपने कमरे में आकर शायद भूल गए थे की आरती गिलास लेकर आते ही होगी इसलिए वह अपनी लूंगी उतारने लगे कि इतने में एक रेलगाड़ी की तरह धड़धड़ती हुई सिर्फ एक साड़ी पहनी हुई आरती दो कांच के गिलास और 2 बोतल पानी लेकर लेकर कमरे में दाखिल हुई| बाबा ठाकुर के बिस्तर पर मुझे बिल्कुल नंगी हालत में देखकर मानो आरती एकदम चौंक उठी| मैं भी जल्दी जल्दी अपने हाथों से अपनी शरमाया ढकने की कोशिश करने लगी क्योंकि मैं भी इस चीज के लिए तैयार नहीं थी|

बाबा ठाकुर में जैसे तैसे मिलूंगी संभाली और फिर बड़े ही गुस्से में आरती से बोल पड़े,"मैंने कहा था ना, मेरे कमरे में जब कोई औरत रहेगी तो बिना दरवाजा खटखटाय इस तरह से कमरे में दाखिल मत होना?"

आरती सकपका के बोली, "बाबा ठाकुर मुझे माफ करना मैं तो आपके कमरे में पानी रखना भूल ही गई थी"

आरती के चले जाने के बाद मैंने खुद उठकर बाबा ठाकुर की लूंगी की गांठ खोल कर उनकी लूंगी उतारने में उनकी सहायता की और उसके बाद उनको बिस्तर पर बिठाकर उनके होठों को चूमती हुई मैं बोली, "बाबा ठाकुर, उस बच्ची को माफ कर दीजिएगा... उसे शायद यह सब कुछ नहीं मालूम... लेकिन मैं इतना जरूर कहूंगी आपकी लड़की अब बड़ी हो चुकी है... अगर आपकी आज्ञा हो तो कल सुबह मैं उसको लेकर थोड़ा मार्केट की तरफ जाऊंगी"

"क्यों"

"जी, बाबा ठाकुर; आपके घर एक सयानी लड़की है... उसके लिए कुछ अंतर्वास खरीदने की जरूरत है"

"हे भगवान; अगर तेरी मां (बाबा ठाकुर की बीवी) अगर इस दुनिया में रहती तो यह सब समझ पाती है... मेरे अंदर इतनी समझ कहां जो मैं लड़कियों की बातों को समझ सकूं... खैर जो भी हो कल उसे अपने साथ लेकर तू मार्केट में निकलना, उसके लिए जो चाहिए वह खरीद लेना मैं सारे पैसे तेरे को चुका दूंगा"

"आपको तो लड़कियों वाली बातें जाननी ही होंगी... आखिर मैं भी तो एक लड़की ही हूं" इतने में मैंने बाबा ठाकुर का लिंग अपने हाथों में लेकर अपनी उंगलियों से बड़े ही प्यार से मल रही थी|

---

दो- तीन घूंट जिन (gin) पीने के बाद मैंने नशीली आंखों से बाबा ठाकुर की तरफ देखा और बैग से जेल निकालकर अपने मलद्वार पर लगाने लगी|

मुझे नशा चढ़ चुका था, मेरी जुबान थोड़ी लड़खड़ा रही थी, मैंने बाबा ठाकुर से कहा, “ बाबा ठाकुर, इससे पहले मैं कभी अपनी गांड नहीं मरवाई, लेकिन अब मैं खुद को पूरी तरह से आपके हवाले कर देती हूं... देखिए बाबा ठाकुर मुझे देखिए मैं बिल्कुल नंगी हूं, मेरे बाल भी पूरे खुले हुए हैं लेकिन हां... गांड मरवाने का यह मेरा पहला तजुर्बा होगा इसलिए मुझे मालूम नहीं कि मुझे कितना दर्द होगा लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप अपनी इच्छा पूरी नहीं कर सकते...इसलिए मैं आपसे कहती हूं कि आप मेरे हाथ, पैर और मुंह बांध दें, ताकि मैं चाहकर भी आपको रोक न सकूं…”

मेरी इन बातों को सुनकर बाबा ठाकुर की आंखों में एक अजीब सी चमक से आ गई और उनके चेहरे पर एक अनजानी मुस्कान खिल उठी- यह एक रसभरी कामुकता की मुस्कान थी- उन्होंने मुझसे कहा,"तू तो शहर की रहने वाली एक लड़की है; लेकिन तेरा रूप रंग और तेरे कूल्हे तक लंबे बालों को देखकर कोई भी यह सोचेगा कि तू बिल्कुल एक 'गाइयाँ की माइया' (पैतृक गांव की लड़की) है... पर तू बड़ी सहजता से लगी रहती है... और अपने और तेरी चाल ढाल में एक अजीबसा मादकपन है... मेरे पास जो औरतें या फिर लड़कियां आती हैं... उन्हें काफी समझाना बुझाना पड़ता है... कुछ को तो डराना या फिर डांटना फटकारना भी पड़ता है... लेकिन तुझ जैसी एक अति सुंदर कामधेनु को देखकर मुझे ऐसा लगता है कि तू अपनी मर्जी से ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा के हाथ के नीचे आई है... तो पैसों के लिए या फिर बच्चा पैदा करने के लिए तो मेरे पास आई नहीं... मैं तुझे यहां लाया हूं... और यह बात मैं अच्छी तरह जानता हूं कि तू किसी बड़े और अच्छे खानदान की लड़की है"

मैं मन ही मन सोचने लगी कि बाबा ठाकुर पंडित एकनाथ का कहना बिल्कुल सही है| एक अच्छे खानदान की लड़की हूं और मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है- लेकिन यह किस्मत का खेल है कि मैं ब्लू मून क्लब की लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर तक जा पहुंची और वहां मैरी डिसूजा कि बहलाने और समझाने के बाद मैं उनकी हॉट गर्ल्स की फायर ब्रिगेड की प्रीमियम पार्ट टाइम लवर गर्ल बन गई|

मैंने दोबारा एक नशीली मुस्कान के साथ उनकी तरफ देखा और फिर बोलिए, " मेरा रूप रंग और मेरे बाल आपको अच्छे लगे इस बात की मुझे खुशी है... कल मैं अपने बालों में तेल नहीं लगाऊंगी और अच्छी तरह शैंपू करूंगी ताकि मेरे बाल फूले फूले से होकर रहे... आशा है मेरा यह रूप आपको बहुत अच्छा लगेगा"

"मैं देखूंगा, जरूर देखूंगा... मैं तेरा यह रूप जरूर देखूंगा" फिर वह मेरे सर पर हाथ फेरते हुए बोले, " तू लड़की होकर सिगरेट क्यों पीती है, पीयाली- मैंने तेरे बैग के अंदर एक बहुत ही महंगे सिगरेट का पैकेट भी देखा"

"जी कॉलेज में मैं सिगरेट पिया करती थी, उसके बाद मैंने बड़ी मुश्किल से छोड़ दिया था... अब कभी कबार अपने बॉयफ्रेंड के साथ बैठकर पी लेती हूं"

"और तेरा पति?"

"वह मर्चेंट नेवी में काम करते हैं... और मेरी अपेक्षा करते हैं... साल- छह महीने में मुझे अभी घर आते हैं छोटी-छोटी बातों को लेकर मुझसे झगड़ा करते हैं... एक आद बार उन्होंने तो मेरे साथ मारपीट भी की है... उन्होंने मुझे अपने 4 BHK फ्लैट में एक जिंदा गुड़िया की तरह रख रखा है... और वह खुद समंदर में महीनों बिताते रहते हैं"

"मुझे उस हरामजादेका पूरा नाम, जन्म की तारीख और जन्म का समय मुझे एक लाल कलम से लिख कर दे... मैं ऐसा मंत्र जाप करूंगा कि वह बाप बाप बोल कर तेरे पैरों पर आकर गिरेगा... मुझे मेरे गुरुदेव की सौगंध"

मैं भाव हीन होकर कुछ देर तक फर्श की तरफ देखती रही और उसके बाद मैंने कहा, "मुझे नहीं मालूम है आगे क्या करूंगी बाबा ठाकुर... बहुत ही कम उम्र में मेरे मां-बाप ने मेरी शादी करवा दी- वह भी जबरदस्ती| लेकिन अब मैं जो जिंदगी जी रही हूं- पराए मर्दों को थोड़ी संतुष्टि दे करके... वह मुझे अच्छा ही लग रहा है... और वैसे भी आपने तो मुझे एक स्त्री की मर्यादा दी है... आपने मुझसे जितना प्यार किया... और जितनी बार भी मेरे साथ सहवास किया... सच में नहीं है मुझे बहुत ही अच्छा लगा... और मुझे इस बात का गर्व है कि आपके वीर्य से मेरी योनि बिल्कुल लबालब भरी हुई है... बस और मुझे क्या चाहिए? लेकिन फिर भी मुझे अगर आपकी जरूरत पड़ी तो मैं आपको जरूर बताऊंगी"

शायद मेरी बातें बाबा ठाकुर को बहुत अच्छी लगी; वह मुस्कुराते हुए मुझसे बोले, " तू तो सिगरेट पीती है... आज थोड़ा बाबा के प्रसाद का स्वाद भी लेगी?"

"बाबा का प्रसाद? क्या मतलब?"

"मतलब गांजा"

यह सुनकर मैं खिलखिला कर हंस पड़ी, "ठीक है बाबा ठाकुर जैसी आपकी आज्ञा, आपने सही फरमाया मुझे सिगरेट पीने का तजुर्बा है लेकिन आज से पहले मैंने कभी गांजा नहीं चखा"

बाबा ठाकुर पंडित एकनाथ ने झट से उठकर कमरे में रखी अलमारी खोली और वहां से गांजा की चिलम निकाली लेकिन दिक्कत की बात यह थी कि कमरे में रखी माचिस की तीलियां खत्म हो चुकी थी|

मैंने बाबा ठाकुर से कहा आप कमरे में ही बैठी है मैं झट से नीचे रसोई से माचिस लेकर आती हूं| यह कहकर में कमरे से निकल पड़ी और मारे उत्सुकता के मुझे यह ध्यान ही नहीं था कि मैं बिल्कुल नंगी हूं|

कमरे से निकलने के बाद में दो चार कदम सीढ़ी नीचे उतरी ही थी कि मैं आरती को देख कर चौक गई- वह भी मुझे बड़ी अजीब सी निगाहों से देख रही थी|

"हाय दैया; पीयाली दीदी, तुम तो बिल्कुल नंगी हो" आरती फुसफुसाई|

मैं अप्रस्तुति में पड़ गई थी; लेकिन मेरे पास अब करने को कुछ था ही नहीं इसलिए मैं भी फुसफुसाई, "हां तू तो जानती है, मैं बाबा ठाकुर के साथ अपने नारीत्व के धर्म का पालन कर रही हूं... संभोग कर रही हूं उनके साथ... आज सारी रात मुझे उनके साथ नंगी होकर ही बिताना है... पर तूने तो मुझे नंगा देख ही लिया है- और मेरे साथ खुद नंगी होकर सो भी चुकी है... इतना हैरान क्यों हो रही है?"

"पता नहीं क्यों पीयाली दीदी- दोपहर को तो सिर्फ हम और तुम थे... लेकिन इस वक्त बाबा ठाकुर तुमको भोग रहे हैं| मुझे पता नहीं क्यों बड़ा अजीब सा लग रहा है... न जाने क्यों तुम बिल्कुल अलग से लग रही हो... तुम्हारी ठुड्डी पर, गले पर सड़का (वीर्य) लगा हुआ है... और तुम्हारी दो टांगों के बीच में भी चिपचिपा सफेद सफेद सड़के के धब्बे... मैं भगवान से प्रार्थना करूंगी कि तुम्हें जुड़वा बच्चे हो"

"ठीक है- ठीक है| अब जल्दी से मुझे एक माचिस लाकर दे"

आरती के हाथ से माचिस लेकर के मैं वापस बाबा ठाकुर के कमरे की तरफ जाने को लगी कि मैंने पीछे मुड़ कर आरती की तरफ देखा और फिर मैं बोली, "आरती इतनी रात को तूने अपने बाल खोल रखे हैं और सिर्फ एक साड़ी रिपीट कर बिल्कुल अध नंगी हालत में घर में घूम रही है... अगर तेरे सर कोई भूत प्रेत का साया आ गया तो?"

"नहीं पियाली दीदी; हमारे घर भूत प्रेत नहीं आते क्योंकि बाबा ठाकुर एक सिद्ध पुरुष है- भूत प्रेतों से डरते हैं... और मैं जानती हूं कि तुम सारी रात बाबा ठाकुर के कमरे में बिल्कुल नंगी होकर रहोगी... इसलिए मैंने भी ठान ली है मैं भी अपने कमरे में जाकर बिल्कुल नंगी रहूंगी... और अगर मौका मिले तो मैं थोड़ी ताका झांकी करके आप दोनों का खेल भी देखूंगी... ही ही ही ही ही ही ही"

"लेकिन तू सोएगी कब?"

"कल दोपहर को, तुम्हारे साथ बिल्कुल नंगी होकर... ही ही ही ही ही ही"

मैंने हार कर अपना सर हिलाया और बाबा ठाकुर के कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर दिया| मैं जानती थी कि आरती कमरे की खिड़की और दरवाजे में जो छोटे-छोटे छेद हैं उसमें से हम लोगों को जरूर देखेगी... इस लड़की के कच्चे आम पक चुके हैं|

आज की रात इस बड़े से घर में हम सिर्फ तीन लोग थे... और तीनों ही तीनों बिल्कुल नंगे|

क्रमशः
Awesome update
 

naag.champa

Active Member
661
1,794
139

अध्याय ३१



ब्लू मून क्लब पहुंचकर जैसे ही मैं रिसेप्शन में दाखिल हुई; तो अपने डेस्क के पीछे बैठी हुई हुई गोल गोल फ्रेम का चश्मा लगाई हुई हमारी रिसेप्शनिस्ट मुन्नी की बांछें खिल गई| उसने उठ कर आ करके मुझे गले से लगाकर मेरा स्वागत किया|

वैसे मुन्नी से मेरी अच्छी खासी दोस्ती हो गई थी| पर यहां बात कुछ और भी थी अब तो मेरे ऊपर शायद यह एक तरह का सरकारी ठप्पा था कि मैं ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा की सगी बेटी हूं| यह तो सिर्फ कुदरत का करिश्मा था कि हम दोनों अनजान औरतों की शक्लें इतनी मिलती-जुलती थी कि कोई अनजान आदमी अगर हमें साथ-साथ देख ले तो वह पक्की तरह से यह यकीन कर लिया करो कि हम दोनों मां बेटी ही है|

इसलिए इतने दिनों में ब्लू मून क्लब से जुड़े जितने भी लोग थे यहां तक के जो लोग वेंडर थे; उन लोगों में भी यह बात फैल गई थी कि प्याली दास ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा की बेटी है- दोनों के नए नक्श हुबहू एक दूसरे की तरह लगते हैं- मुझे तो यह भी सुनने में आया था कि -Piyali is Merry Dsousz'a daughter from another father (पीयाली, मैरी डिसूजा की ही बेटी है लेकिन उसका बाप कोई और है)

मैं जानती थी कि ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा मेरा इंतजार कर रही होगी- अपनी बेटी का| इसलिए रिसेप्शनिस्ट मुन्नी चूमने के बाद मैं सीधे लिफ्ट की तरफ बढ़ी और तब तक अनवर मियां मेरा सामान उठाए मेरे पीछे पीछे लिफ्ट के अंदर आ गए|

सुनने में आया था कि अनवर मियां किसी जमाने में आर्मी में थे आर्मी से रिटायर होने के बाद उन्होंने ब्लूमून क्लब की सिक्योरिटी का काम संभाला था| और इस बात का मुझे गर्व है मेरी है अहमियत यहां इतनी तो है ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा मेरी सुरक्षा के लिए खुद अनवर मियां को मेरे साथ भेज दिया करते थे|

शहर के बिग सिटी मॉल के बगल में ही यह बहुमंजिला इमारत ब्लू मून क्लब कहलाता था|

ग्राउंड फ्लोर पर चलता था रंग दे बसंती ढाबा| उसके बगल सजाते हुए रास्ते में ही पीछे की तरफ बना हुआ था लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर|

ऊपर के दो -तीन माले पर गेस्ट रूम बने हुए थे| जहां मुझ जैसी लड़कियां अपने ग्राहकों दिल बहलाया करती थी और अपनी यौवन सुधा पीला पीला उनका मनोरंजन किया करती थी| मुझे याद है जब मैं यहां पहली बार आई थी- तो एक ग्राहक बनकर आई थी|

इमारत की छत पर एक रूफटॉप रेस्टोरेंट बना हुआ था और उसके नीचे का माला मैरी डिसूजा- एक आलीशान 4 BHK

उनके घर के अंदर आते ही मैरी डिसूजा ने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे दोनों गालों को चूम चूम कर मेरा स्वागत किया, और फिर मुझे ऊपर से नीचे तक उन्होंने अपनी नजरों से नापा|

और सबसे पहले मुझे एक गिलास पानी पीने को दिया और फिर रम की बोतल निकाल कर एक अच्छा सा बड़ा सा पैक बनाकर उन्होंने मुझे पकड़ाया|

मैं सफ़र से काफी थकी हुई थी- और न जाने क्यों गांव का माहौल, बाबा ठाकुर और खासकर आरती को छोड़ कर आना मेरे मन में एक भावनात्मक डामाडोल पैदा कर रहा था|

इसलिए मैं गटागट एक ही सांस में राम का वह बड़ा सा पेग पी गई और मैंने कहा, "One more please! (कृपया एक और दीजिए)"

ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा ने मुस्कुराते हुए बड़े प्यार से मेरे लिए एक दूसरा पेग बना कर दिया| मैंने उसको धीरे-धीरे खत्म किया| उसके बाद मैरी डिसूजा अपने कमरे की दीवार पर टंगे बड़े से आईने के सामने खड़ा कर दिया और उसके बाद एक-एक करके उन्होंने मेरी साड़ी, पेटिकोट, ब्लाउज, ब्रा और पेंटी उतार कर मुझे आईने के सामने बिल्कुल नंगी करके खड़ा कर दिया और फिर मेरे बदन का वह ऊपर से नीचे तक निरीक्षण करने लगी है और उसके बाद बहुत ही चिंतित होकर वह बोली, "Oh, no! जिस बात का मुझे डर था वही हुआ| तो जैसी कमसिन लड़की को अपनी मुट्ठी में पाकर उस बूढ़े ने तुझे बिल्कुल नोच नोच कर खाया है... तेरी पीठ पर, कमर पर खरोच के निशान... हाथों पर और ब्रेस्ट (स्तनों) पर भी काटने और नोचने के दाग... लाइन को इस तरह से अपने बदन को काटने और खरोचने मत दिया कर... यह मत भूल कि तू एक लड़की है और तेरे यह बाल, चेहरा, स्तन और योनि... यहां तक कि तेरा पूरा बदन बेशकीमती है| और सबसे बड़ी बात यह है कि तू मेरे ब्लू मून क्लब की हॉट गर्ल्स की फायर ब्रिगेड की प्रीमियम पार्ट टाइम लवर गर्लस में से एक है, मैंने तुझसे बहुत सारी उम्मीदें लगा रखी है अभी तो तुझे बहुत खास लोगों के साथ नंगी होकर उनके बिस्तर को कर्म करना है... लोग तेरे चेहरे को देख कर तुझे पसंद करेंगे, तेरे लंबे घने बाल तेरे स्त्रैण सौंदर्य और बढ़ाते हैं और एक बात सदा याद रखना जैसा कि मैंने पहले भी कहा लड़की के चेहरे को देखने के बाद किसी भी आदमी की नजरें उसकी छाती पर ही पड़ती है- वह लोग यह देखना चाहते हैं कि लड़की के मम्मे (स्तन) कितने बड़े बड़े और कितने सुडौल हैं... और उसके बाद - वह कहते क्या है उसे बंगाली में?, हां- तेरा गूद... यानी की योनि ग्राहक चाहे कितना भी बड़ा आदमी क्यों ना हो उसके लिंग को तेरी ही योनि में पनाह लेना होगा--- और बस इससे आगे मुझे कुछ कहने की जरूरत नहीं है... इसलिए मैं तो बार-बार यही कहूंगी तू अपना अच्छी तरह से ख्याल रख... आज इतने दिनों तक हो सके तू अपने शरीर को स्वच्छ, स्वस्थ और अपने आप को सुंदर बना कर रखा कर... ताकि हाई प्रोफाइल क्लाइंटस के सामने मैं तुझे दिखा सकूं और भेज सकूं|

पर एक बात हमेशा याद रखना मेरी बेटी, पीयाली- हमारे इस ब्लू मून क्लब में हर कोई नारी के देह को भोगने आता है... अगर तेरे बदन पर ऐसे दाग और खरोच के निशान दिखे तो कोई भी क्लाइंट ऐतराज़ कर सकता है... इसलिए खबरदार किसी भी क्लाइंट को अपने शरीर पर ऐसे अत्याचार करने मत देना... खैर जो हुआ सो हुआ मैं अपनी सहेली और सबसे पुरानी कर्मचारी जद्दनबाई से बात करके देखती हूं... उसे कई तरह की देसी दवाइयां और जड़ी बूटियों के बारे में मालूम है... हो सकता है उसके तेल या जड़ी बूटियों के इलाज से तेरे बदन के यह दाग जल्दी ही मिट जाएंगे"

यह कहकर मैरी डिसूजा उसने झुक कर मेरे दो टांगों के बीच के हिस्से को देखा और फिर एक लंबी और गहरी सी सांस छोड़ कर उन्होंने मुझसे कहा, "My God! Did he keep fucking you on your way out too? You still have drops of semen around your vulva... (हे भगवान! क्या वो तुझे घर के बाहर जाते वक्त भी चोदता रहा? तेरी योनि के आसपास अभी भी वीर्य की बूंदें लगी हुई हैं)..."

मेरे सर झुका कर विनम्रता पूर्वक स्वीकृति में सर हिलाते हुए जवाब दिया, "जी हां मम्मी... आपने तो मुझे वहां अनलिमिटेड शॉट (जितनी बार हो सके उतनी बार यौन संगम) के कॉन्ट्रैक्ट पर मुझे बाबा ठाकुर के यहां भेजा था"

यह सुनकर ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा ने अपनी नजरें झुका ली| शायद उन्हें थोड़ा कसूरवार महसूस हो रहा होगा| फिर उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर कर प्यार से छू कर कहा, "अब तू हां कर या ना कर... अब वक्त आ गया है कि मैं तुझे एक copper-t पहना दूं| अगले हफ्ते नर्सिंग होम की दीदी के साथ मेरा एक अपॉइंटमेंट है... टाइम पर चली आना| पिछले हफ्ते बुधवार को मैं जया (ब्लू मून क्लब की एक दूसरी हॉट गर्ल) को भीउनके पास लेकर गई थी| उसे भी मैंने एक copper-t डलवा दी... अच्छा ठीक है अब मैं जद्दनबाई को बुलाती हूं वह तुझे नहला देगी| ले तब तक यह तू रम का पेग खत्म कर"

न जाने क्यों मुझे क्या सुझा, मैंने मैरी डिसूजा से कहा, "मम्मी, जब मैं आपके कहे अनुसार क्लाइंट को अपनी योनि के अंदर वीर्य स्खलन करने दे रही हूं... तो उसके लिए अगर आप मेरी रिटर्न को थोड़ा बढ़ा दे तो अच्छा होगा... क्योंकि कुछ भी हो मैं बिना किसी सुरक्षा के तरह-तरह के लोगों के साथसंभोग कर रही हूं... इसमें थोड़ा बहुत जोखिम दो होता ही होता है"

मैरी डिसूजा ने प्यार से मेरे गालों पर हाथ फिर कर मुझे पुचकारा, "आखिर तेरा दिमाग अब चलने लग गया है... आज मैं तुझे एक सीक्रेट (गुप्त) बात बताती हूं... फ्लाइट के साथ वक्त बिताते वक्त तुझे कई ऐसे मौके मिलेंगे जब तू उनसे और पैसों का डिमांड (माँग) कर सकती है... यह सब कॉन्ट्रैक्ट के बाहर ही होगा"

"क्या?"

"हां", मैरी डिसूजा ने कहा, " और हां अब मैंने सोचा है कि मैं तेरे लिए फुल नाइट की सर्विस शुरू कर दूंगी| फिलहाल मुझे दो और लड़कियां मिल गई है... हमें उनसे फुल नाइट सर्विस करवा रही हूं... तू कुछ दिनों के लिए फिलहाल घर पर आराम कर... पार्ट टाइम लवर गर्ल की हैसियत से यह तेरा पहला तजुर्बा था- इसलिए मैं जानती हूं कि तुझे कुछ दिनों तक आराम की जरूरत है ताकि तू शारीरिक और मानसिक रूप से दोबारा तैयार हो सके| उसके बाद अगले हफ्ते से तू योगा की क्लासेस में आना शुरू कर देना| उस दौरान अगर तेरा मन करें तो दिन के टाइम पर सर्विस देना... मैं अपनी लड़कियों पर कभी दूर नहीं डालती... पर इतना जरूर याद रखना मैं तुझसे सिर्फ क्लाइंट्स को मसाज ही नहीं करवाऊंगी बल्कि पूरे पैकेज के लिए प्रस्तुत करूंगी... लेकिन इतना जरूर है तुझे ज्यादा खटने की जरूरत नहीं है... I want to keep you fresh and tight (मैं तुम्हें तरोताजा, चुस्त-दुरुस्त और एकदम टाइट रखना चाहती हूं)... कम से कम एक या दो महीने बाद किसी वीआईपी विदेशी क्लाइंट के साथ में तुझे फिट करूंगी... they like Indian women with long hair and big boobs and with your beauty that has a modern look with an ethnic touch… I am sure you will fetch a good price for your service (उन्हें लंबे बाल और बड़े-बड़े सुडौल स्तन वाली और पारंपरिक स्पर्श के साथ आधुनिक लुक वाली सुंदर भारतीय लड़कियां पसंद हैं... मुझे यकीन है कि तुझे उनकी सेवा के लिए अच्छी कीमत मिलेगी... क्या करूं मैं तेरे साथ मुझे तेरा भविष्य अपनी आंखों के सामने दिख रहा है... मैं जानती हूं जो भी क्लाइंट तुझे देखेगा वह तेरी योनि के अंदर अपनी छाप छोड़ने के लिए वीर्य स्खलन करने के लिए आ तो रहेगा... हे ईश्वर... अब तो तुझे एक copper-t पहनना ही पड़ेगा... तुझे याद है ना अगले हफ्ते नर्सिंग होम की दीदी के साथ मेरा अपॉइंटमेंट है... तू ठीक टाइम पर यहां चली आना"

"जी अच्छा मैम" कभी कबार मैं मैरी डिसूजा को 'मैम' कहा करती थी और कभी कबार 'मम्मी'

पता नहीं क्यों मैरी डिसूजा मेरी तरफ काफी देर तक देखती रही और फिर होने मुझसे कहा, "I am not your mistress any more, call me as “Mommy” (मैं अब तेरी मालकिन नहीं हूँ, तू मुझे मुझे "मम्मी" कहकर बुला)- यह तो कुदरत का करिश्मा है कि तेरी और मेरी शकल इतनी मिलती है... शायद इसीलिए कई लोगों ने यहां तक कि जद्दनबाई ने भी एक आध बार मेरे से पूछा था कि क्या सचमुच तू मेरी बेटी है?" फिर उन्होंने शायद बात बदलने की कोशिश की, "मेरे पास जो तो लड़कियां नई-नई आई हुई है... वह शाम को मुझसे मिलने आ रही है मैं उनसे तेरा परिचय करवा दूंगी और हां... and I will pay you 6,40,000 rupees infront of them मैं उनके सामने ही तुझे 6,40,000 रुपए दे दूंगी) और एक बात याद रखना मैंने तुझे अपना स्तनपान करवाया है, और अपनी ही बेटी की तरह तुझे गोद लिया है इसलिए मैं उन लड़कियों को यही कहूंगी कि तू मेरी ही बेटी है... लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमारी समलैंगिकता में इसमें कोई बदलाव आएगा... तुझे मेरे बेडरूम में यहां तक के मेरे पूरे फ्लैट में पहले की तरह है इसी तरह से बिल्कुल नंगी ही रहना होगा और अपने बालों को खुला रखना होगा... पर तू मुझे मम्मी कहकर ही पुकारेगी"

"जी मैम- मेरा मतलब है मम्मी"

मैरी डिसूजा ने दोबारा मुझे प्यार से पुचकारा|

पता नहीं क्यों मैरी डिसूजा की आंखों में आंसू आ गए, उन्होंने मुझसे कहा, "मैं जद्दनबाई को यहां बुलाती हूं| वह तेरे जख्मों को भी देख लेगी और तुझे नहला भी देगी... उस बूढ़े ने तो तुझे बिल्कुल नोच नोच के खाया..."

मैं बाथरूम में जाकर कोमोड में बैठकर पेशाब करने लगी| मैंने देखा कि मेरे मूत्र के साथ बाबा ठाकुर के वीर्य के कुछ अंश भी चिपचिपे तरल पदार्थ की तरह मेरे यौनांग से टपक रहा है... काश चंदन भाई यह देख पाती है जहां तक मुझे मालूम है उसे यह सब देखना बहुत अच्छा लगता है|

इतने में मुझे बाहर से दरवाजा खुलने की आवाज आई और फिर मैरी डिसूजा और जद्दनबाई की बातें मुझे सुनाई देने लग गई| मैंने उसका मन ही मन नाम लिया कि वह हाजिर हो गई थी|

जद्दनबाई ने मौका नहीं गंवाया, उसने झांक कर बाथरूम में देखा और मुझे पेशाब करते देखकर वह मुस्कुराई|

और जब तक मैं बाथरूम सेजबहार आई तब तक उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे और उसने सिर्फ पेटीकोट पहन रखी थी जिससे उसने अपनी छाती से घुटनों तक का हिस्सा ढक रखा था|

बाथरूम से बाहर आते ही जद्दनबाई की नजरें मेरे दो टांगों के बीच के हिस्से में गई और दूर से देखकर ही उसने कहा, " तेरे गूद (यौनांग) के आसपास तो अभी भी क्लाइंट का माल लगा हुआ है... तेरी मम्मी ठीक ही कह रही थी... तेरे जाते-जाते भी वह तुझे चोदने से बाज नहीं आया... लगता है उसने हर बार तेरे अंदर होलसेल रेट में माल (वीर्य) डाला होगा"

मैंने स्वीकृति में अपना सर हिलाया, "जी हां जद्दनबाई, बाबा ठाकुर की वीर्य स्खलन की मात्रा कुछ ज्यादा ही थी... मम्मी ने तो इसीलिए मुझे उनके पास भेजा था"

जद्दनबाई एक बड़ी सी मुस्कान अपने चेहरे पर दान कर मुझे गले से लगा लिया और फिर वह बोली, " जानती हूं-जानती हूं इसमें कोई हर्ज नहीं है... तू एक लड़की है और ऊपर से ब्लू मून क्लब की एक पार्ट टाइम लवर गर्ल... क्लाइंट्स का माल (वीर्य) अपने गूद (यौनांग) मिले ना तो तेरा कर्तव्य है"

यह कहकर जद्दनबाई मुझे बाथरूम में ले गई है और फिर टेलीफोन शावर से मेरा पूरा बदन धोने लगी| मुझे नहलाते-नहलाते उसने कहा, "चलो मुझे इस बात की खुशी है कि तेरी बोहनी भी हो गई... जब से मैंने तुझे पहली बार देखा था तब से मैं यही चाहती थी कि तू भी हमारे क्लब में शामिल हो जा... और भगवान ने मेरी सुन ली| तेरी मालकिन मैरी डिसूजा ने तो अगले 3 महीनों तक सिर्फ तेरी मुझसे मालिश ही करवाई... और तू उनके योगा क्लास में आती रही और यहां जिम में एक्साइज करती रही... मैं बहुत उतावली हो रही थी कि कब मैरी डिसूजा तुझे किसी क्लाइंट के साथ सुलाएंगी... और मैं यही सोच रही थी कि इतने दिन हो गए अब तक ऐसी सुंदर लड़की को चोदने के लिए कोई ग्राहक नहीं मिला क्या?.. लेकिन मुझे क्या मालूम था कि वह तेरे लिए किसी उपयुक्त क्लाइंट का इंतजार कर रही थी| आज मैं बहुत खुश हूं... यही सोच कर कि मैरी डिसूजा की बेटी आखिरकार हरी हो गई... उम्मीद है उसने तुझे अच्छे पैसे दिए होंगे"

मैंने स्वीकृति में अपना सर हिलाया| जद्दनबाई मुझे नहलाते हुए बोलिए, "तेरी मालकिन तू अब तुझे दूसरे ग्राहकों के साथ पूरी की पूरी रात के लिए फिट करने वाली है... और मेरा काम होगा कि हर सुबह तुझे नहला धुला कर एकदम तरोताजा बना दूं| उन्होंने तो दो या तीन और लड़कियों को भी अपने हाथ के नीचे शामिल कर लिया है... लेकिन मेरा पूरा का पूरा ध्यान तेरे ऊपर ही रहेगा... एक बात कहूं बुरा ना मानना... हालांकि मैं भी एक औरत हूं लेकिन मुझे तू जैसी लड़कियों को मूतते हुए देखना अच्छा लगता है"

पता नहीं क्यों मुझे इस बात की खुशी हुई कि जद्दनबाई भी हमारी तरह उभयलिंगी (bisexual) है|

फिर जद्दनबाई ने मेरे से एक अजीब सा सवाल किया, " अच्छा एक बात बता पीयाली, तेरी नजर में कोई अगर कम उम्र की बच्ची कुमारी लड़की है तो बता; हम उसे भी अपने हाथ के नीचे शामिल कर लेंगे... वह भी हमारा एहसान मानेगीकि जैसे पड़े पड़े वह अपनी जवानी को यूंही नहीं सुखा रही है... हमारी मालकिन मैरी डिसूजा यह निश्चित जरूर कर देंगी कि वह जी भर के चुद सके और उसको उसके अच्छे पैसे भी मिले"

न जाने क्यों मुझे आरती की याद आई| लेकिन मैं जानती थी उसे जगत समाज के इस पहलू के बारे में शायद कुछ भी मालूम नहीं था और ना ही उसे मेरी असलियत के बारे में कुछ पता था| इसलिए अपने ध्यान से मैंने उसको निकाल दिया|

लेकिन सच बात तो यह थी कि अगर मैं उसे यहां ब्लू मून क्लब में ले आती तो कुछ ही दिनों के अंदर मैरी डिसूजा उसे मंजा मार कर बिल्कुल तैयार कर देगी|

और वह भी एक ब्लू मून क्लब की हॉट गर्ल्स की फायर ब्रिगेड की एक जबरदस्त प्रीमियम पार्ट टाइम लवर गर्ल बन जाएगी|

क्रमशः
 

naag.champa

Active Member
661
1,794
139

अध्याय ३२ (समाप्ति)


इसलिए अगले ही पल मैंने सोचा की आरती कोई इन सब चीजों से फिलहाल दूर रखना ही अच्छा होगा|

शाम को जब मेरी नींद खुली है तब भी मेरे अंदर काफी थकावट से भरी हुई थी|

मैरी डिसूजा ने मुझसे कहा, "चल अब उठ जा पीयाली, मेरी नई लड़कियां थोड़ी देर में आती ही होंगी... उनमें से एक बिल्कुल वर्जिन है... इसलिए मैं सोच रही थी कि उसको अच्छे खासे रेट में किसी मोटे आसामी के पास भेजूंगी... इसके लिए मुझे उससे बात करनी पड़ेगी और मैं चाहती हूं कि तू भी मेरे साथ रहे"

"जी मम्मी" यह कहकर मैं आंख रगड़ते हुए एक बड़ी सी जम्हाई लेकर उठ कर बैठ गई|

***

जब तक मैं तैयार होकर ग्राउंड फ्लोर पर बने ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा की ऑफिस में पहुंची तो मैंने देखा कि वह दोनों नई नवेली लड़कियां पहले से ही उनके साथ वहां मौजूद थी| दोनों की ही लंबे लंबे बाल थे, उनके वक्ष स्थलों का साइज भी अच्छा खासा था और फिगर भी अच्छा| दोनों किसी विदेशी कंपनी के कॉल सेंटर में काम किया करती थी| कुछ ही दिनों में यहां टूरिस्ट सीजन शुरू होने वाला है... कुछ दिनों के बाद ही हमारे शहर में विदेशी पर्यटकों की भीड़ लगने लगेगी| आशा है हमारी आमदनी अच्छी होगी खासकर तब जब उनमें से एक लड़की बिल्कुल वर्जिन (कुंवारी) है|

मैंने मन ही मन मैरी डिसूजा की तारीफ की उनकी चॉइस अच्छी है| उन्होंने देख सुनकर ही लड़कियों को अपने हाथ के नीचे लिया है शायद इसीलिए मार्केट में उनका इतना नाम है|

मैं बिल्कुल एक आधुनिक बंगालन घरेलू औरत की तरह सज धज कर ऑफिस में आई थी| शायद इसीलिए मुझे थोड़ी देर हो गई| पहले की तरह मैंने घटा और खुला ब्लाउज पहन रखा था| जिसकी वजह से मेरे स्तनों के बीच की दरार काफी हद तक दिख रही थी और पीठ का हिस्सा भी काफी खुला हुआ था| दोनों के दोनों लड़कियां जैसे कि मानो मंत्रमुग्ध सी हो गई|

हां, मैं सचमुच सुंदर थी और उन्होंने भी यही सोचा कि हो ना हो मैं ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा की ही बेटी हूं|

मैंने उन दोनों की तरफ देख कर, 'Hi" किया| उन्होंने भी मुझे उसका जवाब दिया|

मैरी डिसूजा मेरा परिचय उन लड़कियों के साथ करवाया| उन्होंने कहा, "हां यही है मेरी बेटी, पीयाली... यह भी हमारे क्लब की मेंबर हैं... और सर्विस भी देती है..."

मैंने देखा की मैरी डिसूजा का लैपटॉप चालू है, उन्होंने कीबोर्ड पर अपनी उंगलियां चलाएं और उसके बाद ही मेरे मोबाइल फोन का एसएमएस टोन बज उठा| मैंने मोबाइल निकाल कर देखा मैरी डिसूजा ने पैसे ट्रांसफर कर दिए थे- पूरे के पूरे ₹6,40, 000...

फिर भी मैरी डिसूजा ने अपना लैपटॉप घुमाकर उसकी स्क्रीन को मेरी तरफ किया ताकि वह दोनों नई लड़कियां भी उनके स्क्रीन को देख सकें और फिर वह बोली, "यह देख मैंने तुझे पैसे ट्रांसफर कर दिए हैं"

मैरी डिसूजा किसी को भी आश्वासित करने की कला में बहुत ही माहिर थी... खासकर कम उम्र की लड़कियों को|

***

अनवर मियां की गाड़ी में बैठकर मैं अब घर की तरफ रवाना हो रही थी| पिछले 7 दिनों तक में एक गांव की घरेलू ग्रहणी बनकर रह रही थी| शायद इसीलिए मुझे अपने मोबाइल फोन से अपने ईमेल में लॉगिन करने में थोड़ी परेशानी हुई|

ईमेल खुलते ही मुझे टॉम के लिखे हुए अपने बॉयफ्रेंड कई सारे ईमेल दिखे... सारे के सारे ईमेल प्यार और मोहब्बत भरी बातों से भरी हुई थी... लेकिन उनमें से आखरी मेल पढ़कर मेरी आंखों में आंसू आ गए| उसमें लिखा हुआ था कि वह 2 महीने के लिए अपने व्यापार के सिलसिले में देश के बाहर जा रहा है|

इन सात दिनों में उसने एक बार भी मुझे फोन नहीं किया था क्योंकि वह जानता था कि मैं बाबा ठाकुर के घर 'कॉल' पर हूं|

मैंने भी उसके हर एक ई-मेल का जवाब ना देकर सिर्फ एक ही ईमेल लिखा... जिसमें मुझसे जितना हो सके उतना ही प्यार मैंने उस ईमेल पर भर दिया|

देखते ही देखते मेरा घर आ गया... और अपने घर को देखते ही न जाने क्यों मुझे ऐसा लगने लगा किन सात दिनों में मैंने बहुत ही ज्यादा मेहनत की थी जिसकी वजह से अभी भी मेरा मन और शरीर काफी थका हुआ था... मैंने सोचा कि कुछ दिनों तक मैं बिल्कुल कुछ भी नहीं करूंगी... सिर्फ आराम ही आ रहा हूं उसके बाद देखती हूं कि मेरे भाग्य में क्या लिखा हुआ है?

Bmk2-h-end.jpg

*** समाप्त ***
 

naag.champa

Active Member
661
1,794
139
प्रिया पाठक बंधुगण,

मैं इस कहानी को यहीं समाप्त कर रही हूं| मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आपको पसंद आई होगी| मुझे आप लोगों के सुझाव, टिप्पणियां, कॉमेंट्स और लाइक्स का बेसब्री से इंतजार रहेगा|

अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो; तो कृपया अपने मित्रों को भी इस कहानी के बारे में बताइएगा और अगर इस कहानी के जरिए मैं उनका भी मनोरंजन कर पाती हूं तो मुझे इस बात की खुशी होगी|

मैं और भी कहानी लिखी हैं- अंग्रेजी, बांग्ला और हिंदी भाषा में|

मेरी लिखी बाकी कहानियों को पढ़ने के लिए आप मेरे पेज पर जा सकते हैं और साथ ही मैं अपनी हिंदी में लिखी हुई कहानियों की लिस्ट नीचे शेयर कर रही हूं|



My page:- https://xforum.live/threads/hi-i-am-champa-nag.13747/

Hindi stories

 

manu@84

Well-Known Member
8,549
11,974
174
Don't love & Cry, Just fuck & Fly.
किरदार कहानी के साथ ही खतम हो तो बेहतर वरना, पढ़ने वाले पर बोझ लगने लगते है, पियाली जो कि पेशे से एक वेश्या थी उसकी कामुक् गाथा का अंत इससे बेहतर नही हो सकता था। मुझ जैसे लोग केवल इसीलिए वेश्याओं से बचे रहते है, क्योकि मुझे उस गली की रीति नीति नही मालूम.....! मैं तलाश रहा हूँ, एक "चरित्रहीन" औरत !! पर मै हैरान हूँ...वो मुझे आज तक मिली नहीं, ऐसा भी नहीं है कि, मैंने उसे सही से तलाशा नहीं,
मैं गया था...मैं उन तमाम औरतों के पास भी गया, जो देह को ले कर बाजार सजाती थीं, जो क्लबों मे अर्धनग्न हो नाचती गाती थीं, जो रोज वासना के नये नये किरदार निभाती थीं, पति से आँखें चुरा गैर मर्द की बाँहों मे प्रेम ढूँढ़ती थीं, मैंने वो तमाम औरतें देखी !! पर मैं हैरान था, उनमें कहीं भी वो चरित्रहीन औरत नहीं थी, पर वहाँ हर औरत के पीछे.... एक पुरुष जरूर छिपा था
कायर, कामुक, वासना की कीचड़ में, सर से पाँव तक सना..!! शायद यही था...."वो",
जिसने सब से पहले औरत को "चरित्रहीन" कहा !! क्यों कि अकेले औरत ही चरित्रहीन नहीं होती...........!!!!!

naag.champa
आपकी नई कामुक् गाथा के इंतजार में आपका एक तुच्छ पाठक.......!
धन्यवाद......!
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
3,459
13,561
159
प्रिया पाठक बंधुगण,

मैं इस कहानी को यहीं समाप्त कर रही हूं| मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आपको पसंद आई होगी| मुझे आप लोगों के सुझाव, टिप्पणियां, कॉमेंट्स और लाइक्स का बेसब्री से इंतजार रहेगा|

अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो; तो कृपया अपने मित्रों को भी इस कहानी के बारे में बताइएगा और अगर इस कहानी के जरिए मैं उनका भी मनोरंजन कर पाती हूं तो मुझे इस बात की खुशी होगी|

मैं और भी कहानी लिखी हैं- अंग्रेजी, बांग्ला और हिंदी भाषा में|

मेरी लिखी बाकी कहानियों को पढ़ने के लिए आप मेरे पेज पर जा सकते हैं और साथ ही मैं अपनी हिंदी में लिखी हुई कहानियों की लिस्ट नीचे शेयर कर रही हूं|



My page:- https://xforum.live/threads/hi-i-am-champa-nag.13747/

Hindi stories



Priy naag.champa Ji,

Aaj aapki ye kriti ek hi baar me puri padh dali.....................erotica ko kya khub tarike se likha he aapne...................ek ladki ki fantasy kya kya ho sakti he aur usase kya kya karwa sakti he............iska bahut hi shandar chitran kiya he aapne.................

Kalam ki jadugar he aap......................

Keep writing
 

naag.champa

Active Member
661
1,794
139
Priy naag.champa Ji,

Aaj aapki ye kriti ek hi baar me puri padh dali.....................erotica ko kya khub tarike se likha he aapne...................ek ladki ki fantasy kya kya ho sakti he aur usase kya kya karwa sakti he............iska bahut hi shandar chitran kiya he aapne.................

Kalam ki jadugar he aap......................

Keep writing
Thank you ❤🧡💛💚💙
 

naag.champa

Active Member
661
1,794
139
Congrats on completing the story!

It was a great story......waiting for its next part or your new story.
It was great to know that you liked my story. I would cordially invite you to please read my other stories; while I work on a new one
 
Top