बताउंगी मेरे रूम में आएगा तो।अभी कुछ देर टी वी देख इतने में मुन्नी को और सोनम को सुला दूँ।
अमन समझ गया था कि आज की रात घर में ही रंगीन होगी।अपने ही घर में अपने पापा की बहन आह कच्चा चबा जाऊँगा साली रंडी को।आने वाले पलों को सोचकर अमन का लौड़ा झटके मारने लगा।
अब आगे-
कामनी अपना कामरूप लेकर अमन के पास से अपने कमरे में चली गई।अब सभी लोग अपने अपने कमरो में जा चुके थे सिर्फ अमन ही बरामदे में बैठा टी-वी देख रहा था।
आने वाले पलों को सोच कर बार बार उसका लौड़ा बगावत कर रहा था।
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लगभग घण्टा भर गुज़र गया था पर अभी तक अमन अपनी बुआ का इंतजार कर रहा था।कामनी की तरफ से अभी तक कोई भी सिग्नल नही मिला था।अमन ने सोचा सब के कमरों की लाइट तो बंद गई है।और बुआ के रूम में तो सिर्फ बुआ और सोनम ही है सोनम से तो कोई डर है नही बाकी रही कामनी की बेटी वो तो अभी नासमझ है।
पर अगर सोनम के सामने कुछ किया तो कुछ और हो ना हो उसको पता तो चल ही जाना है।और अगर बुआ को उसके सामने चुदाई करने के लिए मना भी लिया तो सोनम की सभी बातें बुआ को भी बतानी पड़ेगी।
नही अभी इतना खुलना सही नही है।अमन ने कुछ और देर इंतजार करने का फैसला लिया।
कुछ ही देर में कामनी अपने रूम से निकलती हुई सीधी अमन की तरफ बढ़ी।और अमन के बिल्कुल पास आकर धीमी आवाज़ में बोली।
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"अमन मुन्नी तो सो गई पर सोनम को पता नही क्यों नींद नही आ रही जैसे ही लगता है कि सो गई है तभी करवट बदल लेती है।क्या करूँ बताओ।
अमन समझ गया कि सोनम को नींद क्यों नही आ रही।ताज़ा खिलती हुई कली के सामने आज स्कूल से आते समय उसने अपने भाई और अपनी सहेली की रासलीला जो देखी थी।चूत कुलबुला रही होगी बेचारी की इस लिए ही नही सो पा रही होगी।अमन का मन तो किया कि अभी जाकर पहले सोनम की चूत को ही ठंडा कर दूं।
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पर बात फिरसे वो ही थी अभी अमन एक दूसरे के सामने किसी को खोलना नही चाहता था।
"एक काम करो बुआ।
"बोल ना क्या करूँ।
"आज यहीं मेरा मतलब जब सोनम को नींद नही आ रही।
"यंही मतलब पागल तो नही हो गया तू।घर के बीचों बीच खुले बरामदे में किसी भी पल कहीं से कोई भी निकल आयेगा और बुआ को भतीजे के.....
"बुआ को भतीजे के क्या?
"नही नही मुझसे नही होगा ये ऐसे खुले में मुझे तो शर्म से ही मौत आ जायेगी।
"क्या बुआ,अभी तो आप बोल रही थी 1990 में नही जी रहे हम।अब इतनी फट रही है आपकी।
"पागल हुआ है क्या देख नही रहा कितना जोखिम है यहाँ।
"सुनो बुआ जितना जोखिम है ना मज़ा भी उसका दोगुना आयेगा।मम्मी पापा देखो कैसे खुलम खुल्ला।
मम्मी पापा से याद आया उनका प्रोग्राम तो शुरू हो गया होगा।
"बड़ा आया खुलम खुल्ला पहली बात तो तेरे मम्मी पापा पति पत्नी है और दूसरी बात वो भी ऐसे बरामदे में नही करते अपने कमरे में करते है।
आजा चल देखते है।
कामनी और अमन दोनो रागनी के रूम की तरफ बढ़ गए।
"बुआ पहले बरामदे की लाइट बंद करो में अभी आया लाइट होगी तो कोई भी हमे देख सकता है।
अमन कामनी के रूम की तरफ बढ़ गया।
अमन को अपने रूम की तरफ जाता देख कामनी सोचने लगी वँहा क्यों जा रहा है ये।पर वो हुकुम की तामील करने के लिए स्विच की तरफ बढ़ी और बरामदे की लाइट को बंद कर दिया अब बरामदे में अंधेरा था।वो धीरे धीरे अपने भईय्या भाभी के रूम की तरफ बढ़ी बाहर अंधेरा होते ही रागनी के रूम में लगी विंडो से बाहर आती रोशनी ने उसको बता दिया कि आज विंडो पूरी तरह से खुली है।
अगर भाभी और भईय्या का चुदाई का खेल चल रहा होगा तो वो आसानी से अंधेरे में छुपकर पूरी चुदाई का मज़ा ले सकते है।और कुछ ही पलों में कामनी विंडो की खुली खिड़की से अपने भाई भाभी के रूम में देख रही थी।
बिल्कुल सही समय पर आगमन हुआ था कामनी का अंदर के नज़ारे को देखते ही उसके होंठो पर मुस्कान नाचने लगी।
अमन भी धीरे से आकर कामनी के पीछे खड़ा हो गया।
अपने पीछे अमन का जिस्म सटते ही कामनी ने पीछे देखकर पक्का किया कि अमन ही है और फुसफुसा कर बोली।
"बिल्कुल सही वक्त पर याद आया तुझे मम्मी का देख अभी शुरू ही हो रहा है।वैसे तू गया कहाँ था।
"आपकी टेंशन खत्म करने।
अमन अंदर देखता हुआ बोला।अंदर राज अपने बेड पर पूरा नंगा लेटा हुआ था और अपने लंबे मूसल को अपने हाथ से मसल रहा था हो धीरे धीरे लंबा और लंबा होता जा रहा था।
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"हाय अमन देख तेरे पापा का लोला कितना मस्त है कितनी तेज़ी से बड़ा हो रहा है।
"मेरे पापा का ही बोलोगी,आपके भी तो भईय्या है अपने भईय्या का नही बोल सकती।
"बोल तो सकती हूँ पर भईय्या का लोला बोलते हुए शर्म आती है।कामनी बड़ी चाहत से राज का बड़ा होता लौड़ा देखती हुई बोली।
"ओय होय रंडियो को कबसे शर्म आने लगी।अगर अभी आपको अंदर जाने का मौका मिले तो पापा का पूरा लौड़ा जब तक बच्चेदानी तक न घुसा लोगी रुकोगी नही आप।
"आह कमीने रंडी तो मैं हूं पर सिर्फ तेरी तेरे पापा की नही पर अगर तेरे पापा चाहे तो....
"मज़ा आएगा आपको अपने भाई के लौड़े को अपनी चूत में लेकर,यार बुआ मम्मी क्यों नही दिख रही मुझे कहीं मेरी आँखें तो खराब नही हो गई।
"कमीने मुझे भी नही दिख रही पर तेरे पापा का देख पूरा तैयार हो गया।
अमन अपने मतलब का सामान ढूंढ रहा था और कामनी के मतलब का सामान उसकी आँखों के सामने था उसके भाई का लहराता हुआ नाग जो अब पूरी तरह से जाग गया था और अब बस उसको एक लिसलिसे गीले बिल की तलाश थी।
दोनो बाप बेटो की इच्छा जल्दी ही पूरी हो गई।रागनी रूम में बने बाथरूम से स्नान करके अपने दमदमाते हुए गदराए बदन को नाइटी के झीने कपड़ो में लपेटती हुई रूम में दाखिल हुई।
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अपनी माँ का मादकता टपकाता गदराया बदन नाइटी के झीने कपड़े में देखकर अमन का लौड़ा सुलग उठा और बैटा तो बेटा हज़ारो बार अपने हाथों से रागनी को नंगा करके उसको अपने लौड़े के नीचे लेकर चोदने वाले उसके पति का लौड़ा भी उसको देखकर गनगना गया।
रागनी के रूम में आने से सबसे ज़्यादा मज़ा आया कामनी को।एक तो कामनी के रूम में आते ही उसने अपने भाई के लौड़े को खड़ा होने के बाद भी 2 इंच और बढ़ते हुए देखा।और दूसरा अपनी माँ के मादकता टपकाते बदन को देख उसके भतीजे का मूसल उसकी गाँड़ की दरारों को टटोलने लगा।दोनो ही तरफ से कामनी फायदे में थी।
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रूम से आती आवाज़ सुनकर दोनो के कान खड़े हो गए।
"रागनी अब देर ना करो जल्दी से आ जाओ देखो आज तो पहले से ही तैयार है ये।
राज अपने खड़े लौड़े को अपनी पत्नी को दिखा कर बोला।
"आ रही हूँ बाबा बाल तो सुखाने दो।
"मेरी जान बाल तो फिरसे गीले हो जाने है बस अब देर ना करो जल्दी से अपने जिस्म को इन मनहूस कपड़ो से रिहा कर दो।
"ठीक है आती हूँ कपड़े तो निकाल दूँ नही तो फिर बोलोगे कपड़ो में मज़ा नही आता।
रागनी अपने पति के जैसी आवाज़ बना कर बोली।
"तो गलत क्या कहता हूँ तुम्हारे जैसी हुस्न की मल्लिका को अगर पूरा नंगा करके न चोदा तो ये हुस्न की तौहीन होगी।
"बस बस आप तो ऐसे ही मख्खन लगाते है।
रागनी अपने कपड़ो को धीरे धीरे अपने जिस्म से अलग करती हुई बोली।
"मेरी जान मख्खन में नही लगाता वो तो तेरी चूत से अपने आप निकलने लगता है में तो बस मख्खन चाटता हूँ।
"बाते बनानी आती है आपको।
रागनी अपने जिस्म से कपड़ो को अलग करती हुई बोली।
"सिर्फ बाते नही मुझे घोड़ी और कुतिया भी बनाना आता है जानू अभी देखना दिखाता हूँ।
बाहर खड़े दोनो बुआ भतीजा कमरे में चलती जुगलबंदी को कान लगा कर सुन रहे थे और आंखे खोले बुआ अपने भाई का टनटना रहा मस्त मूसल देख रही थी तो भतीजा अपनी माँ के मदभरे बदन को कपड़ो से अलग होता हुआ देख रहा था।
रागनी ने धीरे धीरे अपने मादक बदन से अपनी नाइटी को खोल दिया नाइटी के बंध खुलते ही रेशमी कपड़े की नाइटी उसके चिकने जिस्म से फिसलती चली गई अमन ने अभी आंखे भी नही झपकी थी कि उसके सामने उसकी माँ की नाइटी पैरों में पड़ी थी अमन ने धीरे धीरे अपनी माँ के पैरों से ऊपर देखना शुरू किया।
नंगें पाँव बिल्कुल मख्खन की तरह चिकने थे उनपर बालो का नामो-निशान तक नही था धीरे धीरे अमन की आंखे अपनी माँ की सुडौल जांघों तक जा पहुँची केले के तने जैसी सुडौल जाँघे देख अमन के साथ साथ राज की भी लार टपकने लगी।
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"उफ्फ बुआ कितनी खूबसूरत है माँ।
अमन ने अपने आप को बुआ के जिस्म से चिपकाते हुए कहा।
"ये सिर्फ तेरी माँ के जिस्म का नही मेरा भी कमाल है आज ही तेरी माँ की वैक्सिनग की है।पूरे जिस्म से अनचाहे बाल हटाएँ है।
"हाय बुआ आपके हाथों ने तो कमाल कर दिया।चलो घर की ब्यूटीशियन होने का कुछ तो फायदा हुआ।
"अभी तो देखता जा अपनी माँ को पैंटी निकालने दे आज उसकी लाल परी को देखना कितनी सुंदर लग रही है।आज तो मेरे भईय्या रगड़ रगड़ कर चोदेगें तेरी माँ को।
"और उनका बेटा उनकी बहन को,है ना बुआ।
अमन अपनी माँ की पैंटी में कसी गाँड़ को देख कर अपने लौड़े को अपनी बुआ की गाँड़ की दरार में पेलता हुआ बोला।
"हाँ मेरे लाल ज़रूर चोदना आज तेरे लिए तेरी बुआ ने भी अपनी चूत को बिल्कुल चिकना किया था देख।
कामनी ने अमन का हाथ पकड़ कर अपनी पजामी में घुसा कर अपनी चिकनी चूत पर रख दिया।
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"हाय मेरी रंडी बुआ कितनी चिकनी हो गई आपकी चूत।
अमन अपने हाथ को पूरी चूत पर घुमाता हुआ बोला।
"मेरे लाल तेरे लौड़े के लिए चिकना किया है अपनी चूत को और सही सही बताऊँ तो तेरी माँ की चूत को वैक्स करते हुए भी में सोच रही थी।
"क्या सोच रही थी बुआ।
"रागनी की चूत को वैक्स करते समय में सोच रही थी कि जब तू अपनी मम्मी की चूत को देखेगा तो उसको चोदने का तेरा इरादा और भी पक्का हो जायेगा।
"सच बुआ क्या इतनी प्यारी लग रही थी मम्मी की गुलाबो।
कामनी अपने भतीजे को उकसा रही थी क्योंकि उसको पता था जितना अमन के जज़्बात को हवा मिलेगी अमन उतनी ही ज़ोर से उसकी चूत में अपना मूसल ठोकेगा।
बस और क्या चाहिए था कामनी को।एक अदद तांनाया हुआ लौड़ा जो उसकी चूत में बच्चेदानी तक घुस कर उसको जन्नत की सैर पर ले जाये।और वो लौड़ा उसके अपने भतीजे का था जिसको वो धीरे धीरे अपनी बातों और हरकतों से पत्थर का बनाती जा रही थी।
बड़ो की एक कहावत है।
औरत को ना ताज चाहिए ना तखत।
बस लण्ड चाहिए सखत।
"बुआ देखो माँ की अदाएं।
अमन कमरे के अंदर देखता हुआ बोला।
कमरे में रागनी अपने पति को आगे को झुक कर अपनी गुदाज़ छातियों को दिखा रही थी पर शायद वो नही जानती थी कि उसकी ये अदाएं दो-धारी तलवार का काम कर रही थी।अपने पति को अपने उभार दिखाने के लिए रागनी के झुकते ही उसकी गदराई गाँड़ और बाहर को निकलकर उसके बेटे के सामने आ गई।आह जाने अनजाने में ही सही पर रागनी अपने पति के साथ साथ अपने बेटे का भी पूरा मनोरंजन कर रही थी।
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"आह बुआ कितनी बड़ी है माँ की गाँड़।
अपनी माँ की गाँड़ को देखते हुए अमन की उंगलियां कामनी के भग्नासे को मसल रही थी और उसका लॉन्च को तैयार मिसाईल कामनी की गाँड़ के अंतरिक्ष क्षेत्र में पजामी के कपड़े के साथ घुसने की कोशिश कर रहा था।कामनी को जैसे ही चूतड़ों को चीर कर अमन के लण्ड को अपने गुदा द्वार पर ठोकर मारता महसूस हुआ उसने अपनी गाँड़ को ज़ोर से भींच लिया जैसे कहना चाहती हो।
अभी ये क्षेत्र प्रितिबन्धित है प्रवेश की अनुमति नही।
चूतड़ों का दबाव लौड़े पर पड़ा तो अमन की सिसकी फुट पड़ी।
"उईई बुआ ढीला छोड़ो ना अपनी गाँड़ को।
"हाँ ताकि तू पजामी को साथ लेकर अंदर घुस जाए।अभी वँहा नही,सही वक्त आने दे में खुद अपनी गाँड़ को तेरे सामने परोस दूंगी फिर करलेना अपनी मर्ज़ी।अभी तू बस इसके मज़े इतने ही ले सकता है।
"ओके प्यारी बुआ पर पजामी को तो नीचे करो अंदर नही करूँगा पर अपने चूतड़ों पर तो रगड़ने दो,देखो ना तुम्हारी गाँड़ का गुदाज़पन देखकर कितना मोटा हो गया है।
"बस बस मुझे पता है तेरा लौड़ा मेरी गाँड़ की वजह से नही तेरी माँ की गाँड़ देखकर हिलोरे मार रहा है,जल्दी देख तेरी मम्मी पैंटी निकाल रही है।
रागनी ने धीमे धीमे अपनी चूत से चिपकी पैंटी को नीचे खिसकाना शुरू किया उसकी गदराई गाँड़ धीमे धीमे नंगी होती जा रही थी और विंडो में खड़े उसके बेटे की आंखों की चमक बढ़ती जा रही थी।कुछ ही देर में पैंटी भी नाइटी की तरह ज़मीन चाट रही थी और रागनी की दमदमाती गोरी गदराई गाँड़ अमन की आंखों के सामने थी।
अब सीन ये था कि बेटे की आंखे अपनी माँ की गाँड़ पर चिपकी थी और लौड़ा बुआ की गाँड़ की दरार में ठोकरे मार रहा था।
और उसके बाप के सामने उसकी माँ की ताज़ा ताज़ा वैक्स हुई चिकनी चूत जो कामनी की जादूगरी से और भी खिल उठी थी।अपनी पत्नी की खूबसूरत चूत देख कर राज का मन खिल उठा।
"हाय मेरी रानी आज तो तेरी चूत कहर ढा रही है क्या किया है इसपर।इसको तो सफेद रसगुल्ले की तरह पूरा मुँह में भरकर चूसने को मन कर रहा है।
राज अपनी पत्नी की चिकनी रसमलाई देख कर अपने होंठो पर जीभ फेरता है।
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"ये रसगुल्ला आपकी बहन ने बनाया है,खा कर देखिए अपनी बहन को दुआ देंगे आप।
"अरे तो चखाओ ना देखु मेरी बहन ने कितना रस भरा है इसमें।
कामनी को और अमन को नही पता था कि ये दोनों पति पत्नी बिस्तर पर कितने बिंदास होते है।बिस्तर पर ये दोनों वो हर बात कर लेते थे जो सभ्य-समाज में अस्वीकार्ये थी।
पर शायद आज दोनो बुआ भतीजे के सामने अपने माँ बाप और भईय्या भाभी का एक नया रूप आने वाला था।
कामनी तो इस अवस्था में अपनी भाभी के मुँह से अपना नाम सुनते ही गरम होने लगी थी।
"ये रसगुल्ला तो आपका ही है इसको तो आप चख क्या पूरा खा जाओ पर ये बताओ कि क्या कभी आपने इस रसगुल्ले को बनाने वाली की रसमलाई को भी चखा है।
कामनी अपने रसगुल्ले को सीधा लेटे हुए राज के मुंह पर रखती हुई बोली।
"में कुछ समझा नही।
राज अपनी पत्नी की चूत को अपने मुँह में भरता हुआ बोला
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राज भले ही कुछ ना समझा हो पर बाहर खड़े बुआ भतीजा दोनो समझ गए थे कि रागनी का इशारा कामनी की तरफ है।अपनी भाभी की बात सुनते ही बाहर खड़ी कामनी की चूत में चींटिया रेंगने लगी जिसे अमन हल्के हाथ से मसल रहा था।भाभी के मुँह से निकले वाक्य को समझते ही कामनी का हाथ अपनी चूत को मसलते अमन के हाथ पर आ गया और उसने अमन के हाथ को अपनी चूत पर ज़ोर से दबाया अपनी माँ के शब्दों का अर्थ समझ कर अमन के कान के साथ साथ उसका लौड़ा भी झन्ना गया।अमन ने अपने दूसरे हाथ से अपनी बुआ की पजामी को नीचे करना शुरू कर दिया।
![Tumblr-l-2777732136593 Tumblr-l-2777732136593](https://i.ibb.co/X7hR9DY/Tumblr-l-2777732136593.jpg)
"उईई माँ अमन सोनम अभी जाग रही होगी अगर वो आ गई तो।
कामनी ने अपने भतीजे को रोकने की कोशिश बिल्कुल नही की थी वो तो बस अपने मन की शंका उसको बतला रही थी।
"अगर वो जाग भी रही होगी तो भी यँहा नही आ पायगी मेरी मीठी बुआ।
अमन पीछे से कामनी की गर्दन चाटता हुआ बोला।
"अगर आ गई तो मुश्किल हो जायेगी।
कामनी फिर आशंकित स्वर में बोली।
"नही आ पायगी बुआ याद है लाइट बंद करने से पहले में आपके रूम की तरफ गया था।
अमन कामनी की पजामी को घुटनों तक ले आया था।पजामी को नीचे करके अमन ने अपनी पैंट को भी खोल कर नीचे कर दिया अब वो फिरसे कामनी के पीछे चिपक गया और अपने नंगे खड़े लोले को फिरसे बुआ की नंगी गाँड़ की दरार में धकेल दिया।
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"आह आराम से अमन बस बाहर ही रगड़ना अंदर जाने की कोशिश मत करना।
हाँ गया तो था पर तु वँहा गया क्यों था।अमन के अपनी गुदाज़ गाँड़ से चिपकते ही कामनी ने फिरसे उसके हाथ को पकड़ कर अपनी रसभरी पर रख दिया।
"आपके रूम को मैंने बाहर से लॉक कर दिया था बुआ,अब अगर सोनम बाहर आना भी चाहेगी तो भी नही आ पायगी बुआ।
अमन ने एक हाथ से कामनी की चूत की फांको को फैलाकर अपनी बीच वाली उंगली से उसके खड़े हुए भग्नासे को छेड़ना शुरू किया और दूसरे हाथ से उसकी टी-शर्ट को पकड़ कर ऊपर कर दिया।अपने भतीजे की मंशा समझ कर बाकी काम कामनी ने टी-शर्ट को अपने हाथों को ऊपर उठाकर अपने जिस्म से अलग कर के अपनी ब्रा को अपनी गर्दन तक चढ़ा कर, कर दिया।
और अपने भतीजे का दूसरा हाथ पकड़ कर अपने मोटे स्तन को उसके हाथ में थमा दिया।
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बाकी का अपडेट जल्दी ही।