ye to aane wala samay hi batayega rekha rani ji.गजब अपडेट, इतनी दमदार चुदायी हुई दोनों तरफ, फ्यूचर प्लानिंग भी हुई लेकिन एक झटके में लोडे लग गए अमन के, बुआ की चूत तो गयी ही अब कच्चे निम्बू भी दूर हो गए कहि सच मे घर से जाना पड़े और जब कभी आये तो निम्बू पक कर मौसमी ना बनी पाए
Amazing updateअंदर के नजारे पर नज़र पड़ते ही अमन की रगों में बहते लहू ने रवानगी पकड़ ली।
अब आगे-
अमन ने बाथरूम का दरवाजा खोल दिया था दरवाज़ा नया लगा था तो बिना आवाज़ किये खुलता चला गया अंदर एक कमसिन कच्ची कली अपने कोमल जिस्म पर साबुन लगा रही थी अमन की किस्मत अच्छी थी कि उसकी आँखों पर भी साबुन लगा था जिसके कारण उसने ज़ोर से अपनी आंखें बंद कर रखी थी।
तन्हाई में अपने जिस्म में चलती नई तरंगों के एहसास को महसूस करती हुई वो अपने कच्चे निम्बूओ पर साबुन मल रही थी उसकी उंगलियों ने चने बराबर निप्पलों को टारगेट किया हुआ था जो शायद ठंडे पानी या जिस्म की गर्मी की वजह से तने हुए खड़े थे।
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अमन आंखे फाड़े उस खूबसूरत कन्या के जिस्म को निहार रहा था।
लड़की जवानी के जोश से जलती हुई अपने खड़े निप्पलों को अपनी उंगली और अंगूठे में भींच कर मरोड़ रही थी।
उसके मुंह से निकलती गाने की आवाज़ धीरे धीरे सिस्कारियों में बदलती जा रही थी।
अमन की आंखे अब ऊपर से सरकती हुई उसके वस्तिप्रदेश की तरफ जा रही थी।
उसकी चूत के आपस में चिपके हुए होंठो को देखकर ही अमन ने अंदाज़ लगा लिया कि अभी तक उस कमसिन चूत में उंगली भी नही गई होगी।
लड़की की चूत के होंठ थोड़े फुले हुए थे जिसकी वजह से चूत का उभार ऐसा प्रतीत होता था जैसे उबले हुए अंडे में हल्का सा चीरा लगा दिया हो
इस नज़ारे को देख अमन के लौड़े ने पेंट से बाहर आने के लिए बगावत कर दी।
काफी टालने पर भी लंड ने मानने से इनकार कर दिया शायद इस हसीन चूत को वो भी देखना चाहता था।
अमन ने अपनी पैंट को नीचे सरका कर अपने लंड को भी इस हसीन चूत के दीदार करवा दिए।
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अमन का खड़ा लौड़ा अब अमन के हाथ में खेल रहा था।
तभी अमन को अपने पीछे किसी के खड़े होने का एहसास हुआ।
उसने पीछे मुड़ कर देखा पीछे कोई और नही उसकी बुआ कामनी खड़ी थी जो कभी अमन के लौड़े को और कभी सामने नंगी खड़ी लड़की की चूत को देख रही थी।
अमन ने जैसे ही कुछ बोलने के लिए अपने होंठो को खोला कामनी बुआ ने उसके होंठो पर उंगली रखकर उसको खामोश रहने का इशारा किया।
और आगे बढ़कर उसके कान में बोली"ये पूर्वा की छोटी बहन है अगर मज़े लेना चाहते हो तो खामोश रहना।"
अमन को कुछ समझ नही आया पर वो बुआ की बात मान कर खामोश रहा।
कामनी थोड़ी ऊंची आवाज में बोली "गोरी बेटा कैसे नहा रही हो देखो तुम्हारे जिस्म पर कितना मेल चढ़ा है।
कामनी की आवाज़ सुनकर गोरी ने एक हाथ अपनी छाती पर और एक हाथ अपनी चूत पर रख लिया।
और बोली "सॉरी मैडम बस मेरा नहाना हो गया।"
कामनी ने उत्तर दिया"सॉरी की बच्ची मुझसे क्या छुपा रही हो जो चीज़ तुम्हारे पास है वो मेरे पास भी है मेने ये कहा है कि अपने जिस्म पर सही से साबुन रगड़ो देखो कितना मेल चढ़ा रखा है।
रुको में साबुन लगाती हु।"
"अरे नही मैडम में लगा लुंगी।
गोरी शर्माते हुए बोली
"मैडम की बच्ची रोज़ 2-2 घंटे नहाती हो फिर भी नहाना नही आया चुप-चाप खड़ी रहो आज तुम्हे मैं नहलाऊंगी।
गोरी अपनी चूत और कच्चे निम्बूओ को ढके चुपचाप खड़ी रही।
कामनी ने अपने हाथों पर बहुत सारा साबुन मला और सबसे पहले गोरी के चेहरे पर लगा दिया ताकि वो आंखे ना खोल सके।
गोरी की दोनों आंखों मैं अच्छे से साबुन लगाकर कामनी ने साबुन अपने हाथ में लिया और गोरी से बोली"चलो गोरी अब शर्माना छोड़ो और अपने हाथ हटाओ।"
गोरी ने शर्माते हुए अपने हाथों को अपनी चूत और नुकीले निप्पलों से हटा दिया।
गोरी का दमकता जिस्म देखकर एक बार तो कामनी के मुंह में भी पानी आ गया उसका दिल किया कि गोरी के कच्चे निम्बूओ को अभी मुँह में भरकर उनका खट्टा रस निचोड़ लें।
पर अपने भतीजे के सामने उसने अपने आप को कंट्रोल किया।
उसको पता था कि चाहे वो इन निम्बूओ को मुंह में ना भर पाए पर अपने हाथों से रगड़ तो सकती है।
कामनी ने वही किया।
अपने हाथ को गोरी की गर्दन से साबुन लगाती हुई उसकी हथेलियां अब गोरी के अनारो पर साबुन रगड़ रही थी।
अपने खड़े निप्पलों पर किसी और के हाथों का स्पर्श पाकर कमसिन गोरी के जिस्म में बिजली की तरंगें दौड़ने लगी ।
अमन चुपचाप खड़ा अपनी बुआ को एक कमसिन कन्या के जिस्म से खेलता देख रहा था।