अपनी बुआ के गुदाज़ स्तन हाथ में आते ही अमन ने उसके सर् उठाये खड़े निप्पलों को अपनी उंगली और अंगूठे के बीच पकड़ कर खींचना शुरू कर दिया और अपने तपते होंठो को कामनी की कमर पर रखकर चूमने लगा।
अब सीन ये था कि अमन अपनी बुआ के पूरे जिस्म पर कब्ज़ा कर चुका था।उसका लौड़ा बुआ की गाँड़ में ठोकरे मार रहा था,एक हाथ बुआ की चूत को कुरेद रहा था,एक हाथ रुई से ज़्यादा मुलायम और पत्थर से ज़्यादा कठोर स्तनों का मर्दन कर रहा था,और उसके होंठ अपनी बुआ की नमकीन कमर को चूम रहै थे।
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कामनी को अपनी किस्मत पर गुरूर हो रहा था।कुछ दिन पहले तक तो उसकी जवानी सूखे रेगिस्तान के जैसी थी।
और अब अपने भतीजे के साथ वो झमाझम बारिश में भीग रही थी,उसका भतीजा लण्ड भरकर उसकी सूखी पड़ी चूत की ज़मीन को अपने गाढ़े पानी से सींच रहा था।चूत में आई खुश्की खत्म होते ही उसके जिस्म की फुलवारिया फिरसे लहलहाने लगी थी,उसके जिस्म की लहलहाती फुलवारियों के फूल फिरसे खिल कर महकने लगे थे।
अपने बदन के हर कामुक हिस्से पर अपने भतीजे का कब्ज़ा महसूस करके कामनी की आंखे मस्ती में बंद होने लगी उसने अपने आप को पूरी तरह अपने भतीजे के हवाले कर दिया।पर कमरे से आई सिसकारी ने बुआ भतीजे दोनो की तंद्रा भंग कर दी और उनकी आंखें फिरसे कमरे के अंदर देखने लगी।
"उईई मम्मी आराम से साजन दाँत मत गड़ाओ बस अपने होंठों और जीभ से काम लो।और मेरी बात का जवाब तो दो।
रागनी अपनी कमर को आगे पीछे हिला कर अपनी चूत राज के होंठो पर रगड़ती हुई बोली।
![tumblr-36b72e1017fcb1de8c7e639eb4d6101a-72fc8c8d-500 tumblr-36b72e1017fcb1de8c7e639eb4d6101a-72fc8c8d-500](https://i.ibb.co/gM0bNFS/tumblr-36b72e1017fcb1de8c7e639eb4d6101a-72fc8c8d-500.webp)
"जानू तुम्हारी बात मेरी समझ ही नही आई।
राज ने अपने मुँह से चूत को अलग करते हुए कहा और इतना बोलकर वापस अपने मुँह को चूत में घुसा दिया।
"अरे मेरे भोले बालम में उसकी बात कर रही हूँ,जिसने आज मेरी चूत को अपने भईय्या के लिए रसगुल्ला बनाया है,तुम्हारी बहन कामनी ,बताओ क्या कभी उसकी रसमलाई को चख कर देखा है तुमने।
कामनी का नाम लेते ही रागनी ने राज के होंठो को अपनी चूत पर कसते हुए महसूस किया।बस इसी लिए तो करती थी वो ऐसी बाते,ऐसी रंगीन बाते करके कामनी राज के अंदर के जानवर को खाना देती थी ताकि वो जाग जाए और फिर रागनी के बदन को निचोड़ कर रख दे।
पर रागनी की ये रंगीन बात बाहर खड़े बुआ भतीजे को भी रंगती चली गई।कामनी अपने भतीजे को अभी अपनी गाँड़ से दूर रख रही थी,पर अपनी भाभी की मस्ती भरी बात सुनकर उसकी गाँड़ अपने आप ही अमन के लौड़े की तरफ दबने लगी।कामनी के पैर चोड़ें होते चले गए और उसके भतीजे का खड़ा लौड़ा उसकी चिकनी गाँड़ से फिसलते हुए उसकी खुली जांघो के बीच से होते हुए उसकी चूत को रगड़ता चला गया।कामनी ने अपने हाथ से लौड़े को पकड़ कर उसके अग्रभाग को चूत के होंठो पर रगड़ना शुरू कर दिया,कामनी के लौड़ा सम्हालते ही अमन ने उसकी चूतसे अपना हाथ खींच लिया और उस हाथ को भी पहले वाले हाथ की जगह पहुंचा कर अपनी बुआ के दूसरे निप्पल को भी थाम लिया।
मस्ती में डूबी कामनी के कान अपने भाई का जवाब सुनने के लिए तरस रहे थे।
"कामनी की रसमलाई को चखा तो ......हाँ चखा तो है।
राज का ये कन्फेशन रागनी के साथ साथ दोनो बुआ भतीजे को भी गर्म कर गया।पर कामनी को ऐसी कोई घटना याद नही थी।पर अपने पिता की बात सुनते ही अमन को अपनी बुआ को छेड़ने का टॉपिक मिल गया।
"क्या बात है बुआ पहले अपने भाई के साथ और अब उनके बेटे के साथ किस किस को चटवाई है अपनी रसमलाई,कहीं अपने पापा को भी तो नही......
"चुप कर कमीने, भईय्या झूठ बोल रहे है मुझे ऐसी कोई बात याद नही है।मेरी रसमलाई का रसपान किया तो बोहोतो ने है पर जितना मुझे याद है उनमें भईय्या तो नही थे।
"चलो वो भी अभी पता चल जायेगा,मम्मी ज़रूर मालूम करेगी पापा से।
अमन अपने हाथों से कामनी के चौसा आम निचोड़ते हुए बोला।अभी उसकी बात पूरी भी नही हुई थी कि एक बार फिरसे कमरे में रागनी की खनकती हुई आवाज़ गूंजी।
"आह सोनम के पापा अपनी जीभ को अंदर तक डालो।
उईई सीईईई सीईईई ऐसे ही मेरे चोदू बालम पूरी जीभ घुसा कर बिल्कुल वैसे जैसे अपनी बहनिया की भोंसड़ी को चूसा था।बताओ ना कब और कैसे चूसा था अपनी रंडी बहन की भोंसड़ी को।
अपनी माँ की बात सुनकर अमन ने अपनी बुआ की गर्दन को चाटते हुए कहा।
"देखो बुआ में ना कहता था मम्मी ज़रूर पूछेगी।
"रंडियो की तरह अपनी भोसड़ी को फैलाए मेरे भाई के मुँह पर बैठी है और मुझे रंडी बोल रही है तेरी माँ,अभी देखना मेरे भईय्या कैसे इस रंडी की चीखें निकलवाते है।
दोनो चुदक्कड़ जोड़ो के मन में अपनों के लिए कोई भी शिकवा शिकायत नही था बस इन अंतरंग पलों को और भी रंगीन करने के लिए वो ऐसी अमर्यादित भाषा का उपयोग कर रहे थे।
"सब कुछ अभी मालूम करेगी साली रंडी देख नही रही मेरा लौड़ा फटने को तैयार है चल जल्दी से इसे अपने थूक से चिकना कर और ये अपनी ब्रा क्या अपने गांडू भाई से खुलवायगी।
राज कामनी के पैरों के बीच से निकलकर अपनी पत्नी के सामने खड़ा हो गया और उसके सिर को पकड़कर नीचे की तरफ झुकाने लगा।रागनी आज्ञाकारी पत्नी की तरह अपने पति के पैरों में बैठती चली गई।पर बैठते हुए राज के लौड़े को और सख्त बनाती चली गई।अपनी बात से।
"तो क्या हुआ जब मेरे पति अपनी छिनाल बहन की चूत को अपनी जीभ से चाट कर मज़ा ले सकते है तो मेरा भाई अगर मेरी ब्रा उतार कर अपनी दीदी के दूध पी लेगा तो कौनसी आफत आ जायेगी।
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अमन बाहर खड़ा अपनी माँ की बात सुनकर उसको दिल ही दिल नमन कर रहा था,पापा के नहले पर दहला मारा था उसकी माँ ने।
"क्यों बुआ बात तो सही बोली माँ ने।
"तेरी माँ का जोर चले तो मायके और ससुराल के सारे लोड़ो को अपनी चूत का रास्ता दिखा दे।देख नही रहा रंडी कैसे मेरे भाई से ज़ुबान लड़ा रही है।
"चूत तो आपकी भी अपने भईय्या का लौड़ा देखकर नदी की तरह बह रही है बुआ,बुरा ना मानना पर परिवार के सभी मर्दो को अपने ऊपर चढ़वाने को तो आप भी तत्पर है।
"क्या करूँ मेरे भतीजे ने मुझे भी रंडी बना दिया ना।अब रंडी का काम एक लौड़े से नही चलता है ना।देख अब तेरी माँ का हलक फटेगा।
कामनी दांत निपोरती हुई अमन को कमरे में चल रही रासलीला दिखाती है।
कमरे में रागनी ने राज के लण्ड को अपने हाथों में पकड़ लिया था और उसको धीरे धीरे जड़ से मुख तक मसल रही थी अपने पति की कमज़ोरी रागनी को बहुत अच्छे से मालूम थी,इसलिए वो बार बार परिवार की किसी भी महिला या लड़की को अपनी बातों के बीच खींच लेती थी।
और घर की किसी बाला का ज़िक्र करते ही वो राज के लण्ड में नई शक्ति और ऊर्जा का संचार बढ़ा देती थी।
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"जानू क्या मेरी रंडी नन्द ने आपका चूसा भी है।या सिर्फ आपने ही उसके भोसड़े को अपनी जीभ से सुख प्रदान किया है।
रागनी ने अपनी जीभ को लण्ड की बेस से लिंगमुंड तक चाटना शुरू कर दिया।
""सससस आआह हाँ मेरा लौड़ा चूसा है मेरी बहन ने।
राज के हाथ रागनी के सिर के पीछे पहुंच गए और उसने रागनी के जूड़े को पकड़ कर पीछे खींचते हुए कहा।
"देखना चाहती है कैसे चूसा था मेरी बहन ने मेरा लौड़ा।
रागनी का सिर स्वीकिर्ति की मुद्रा में हिला।
राज ने रागनी के हाथों को अपने लंबे मूसल से अलग किया और रागनी का मुँह खुलवाया।जैसे ही रागनी के होंठ गोल हुए राज ने अपने लौड़े के अग्र-भाग को उसके गोल होते होंठो के बीच फसाया और इससे पहले की कोई समझ पाता कि क्या होने वाला है।
राज ने रागनी के बालों को पकड़ कर ज़ोरदार शॉट लगाया।
एक ही करारे शॉट में राज का आधे से अधिक लण्ड रागनी के हलक को चीरता हुआ अंदर।
राज का लंबा लौड़ा रागनी के हलक को किसी ककड़ी की तरह चीरता हुआ आधे से अधिक अंदर जा चुका था।रागनी को जब तक समझ आता कि उसके साथ हुआ क्या है राज ने एक बार फिर अपने लौड़े को थोड़ा सा बाहर की और खींचा और एक और करारा शॉट अबकी बार राज के आंड रागनी की ठोडी से जा लगे।
रागनी की आंखे बाहर को उबल पड़ी।आज ज़िन्दगी में पहली बार उसको ये एहसास हुआ कि राज को ज़्यादा उत्तेजित करना कितना खतरनाक हो सकता है।
राज कुछ सेकंड तक अपने बित्तेभर के लण्ड को अपनी पत्नी के गले में घुसाए रहा जब रागनी की सांस बंद होने लगी तो उसके नाखून राज की जांघों में घुसने लगे तब राज ने उसके बालो को छोड़कर अपने लंबे लण्ड को उसके गले से बाहर खींचा।
लौड़ा रागनी के थूक में बुरी तरह भीग गया था पूरा बाहर आते ही रागनी की लार और थूक लण्ड से नीचे टपकने लगा।
रागनी के हलक से लण्ड के साथ साथ बाहर आई खाँसी लंबे लंबे सांस लेकर वो अपने फेफड़ो तक ऑक्सीज़न पहुचाने लगी पर खाँसी ने उसकी हालत खराब कर दी।
बाहर खड़े अमन और कामनी अपनी सांसे रोके राज का वहशी रूप देख रहे थे।अपने भाई का यह रूप देखकर कामनी के तो हाथ पैर ठंडे पड़ गए।
"उन्ह उन्ह उन्ह मुझे मारने का इरादा था क्या।
रागनी सांसे सम्हालती बोली।
"वो तुमने कामनी का ज़िक्र किया तो.....
"तो क्या,अपनी बहन की ठरक मुझपर निकाल दी।अरे अगर अपनी बहन के लिए इतनी ठरक है तो जाओ ये ठरक उसकी ही चूत पर निकालो ना,वैसे भी उसकी चूत कितने सालों से सूखी पड़ी है,अपने भईय्या के लौड़े का पानी मिलेगा तो फिरसे हरी हो जायेगी।
"देख अमन कितनी बड़ी रंडी है तेरी माँ अभी भी भाई को भड़का रही है,मुझे तो लगता है आंखे बाहर निकालकर बस नाटक ही कर रही थी अंदर ही अंदर भईय्या के लौड़े से मज़ा ले रही होगी।
"अरे चुप करो बुआ देखो मम्मी पापा का लण्ड फिरसे मुँह में ले रही है।
कामनी ने अंदर देखा तो उसको पक्का लगने लगा कि रागनी सच में इस खेल की बड़ी खिलाड़ी है।
कमरे में रागनी ने अपने पति के लण्ड को बेस से पकड़ कर फिरसे अपने होंठों कैद कर लिया था और उसपर लगा अपना लार और थूक लण्ड पर रगड़ रही थी।
"मेरे साजन जितना तुमने ज़बरदस्ती घुसाया था इतना तो मैं प्यार से भी ले सकती हूँ।
धीरे धीरे रागनी पूरे लौड़े को चिकना करते हुए अपने गले में उतार रही थी और कुछ ही पलों में राज के आंड फिरसे रागनी की ठोडी से चिपके थे।और इस बार रागनी ने ये सब बहुत प्यार से किया था।राज के लंबे लण्ड को अपने गले में उतार कर रागनी ने अपने पति की आंखों में झांका और अपने हाथ के अंगूठे को खड़ा करके उसको थंबस-अप का इशारा किया।
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इतनी वहशियाना हरकत करने के बाद भी रागनी का प्यार देख राज के दिल में उसके लिए प्यार उमड़ आया।उसने अपने लण्ड को रागनी के हलक से बाहर खींचा और उसको कंधो से पकड़ कर खड़ा किया और अपने होंठो में अपनी पत्नी के होंठों को कस लिया।
रागनी के होंठों पर लगा अपने लौड़े का रस रागनी का लार और थूक सब चाट गया राज।
ये चुम्बन चुदाई की तैयारी वाला चुम्बन नही था बल्कि ये सच्चे प्यार वाला चुम्बन था।ये चुम्बन लण्ड और चूत को तृप्त करने वाला नही अपितु दिल की आवाज़ पर दिल से दिल को जोड़ने वाला चुम्बन था।
कुछ ही देर में दोनों को सांस लेने में परेशानी हुई तब इनकी चोंचों ने लड़ना बंद किया।
इस प्रेमालाप को बाहर खड़े बुआ भतीजे ने देखा तो उनकी आंखों मैं नमी तैर गई।
"अमन तेरी माँ सुशील होने के साथ साथ सुंदर और बहुत समझदार है,बेटा भईय्या की हरकत के बाद मुझे लगा था कि अब इन दोनों में लड़ाई होगी पर तेरी माँ,हाय मेरी किस्मत अच्छी है कि मुझे ऐसी भाभी मिली।
कामनी तो रागनी की समझदारी देख उसकी कायल हो गई।
इस वक़्त बुआ भतीजा और पति पत्नी दोनों ही जोड़े जिस्म की आग से बहुत दूर प्रेम के स्वर्ग में विचरण कर रहे थे।
जँहा न हवस थी ना तृष्णा ना भोग ना लालसा बस एक ही चीज़ थी,प्रेम प्रेम और अथाह प्रेम।
प्रेम के स्वर्ग से रागनी ने सबको फिरसे धरती के नरक में ला पटका।
"साजन देखो ना मेरी चूत क्या बोल रही है।
रागनी ने राज के लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ते हुए कहा।
"बताओ मेरी जान क्या कह रही है।
"बोल रही है अगर मेरी नंद की चूत से फुरसत मिल गई हो तो थोड़ा सा मुझको भी चोद लो।
रागनी ने लण्ड को अपने भग्नासे पर रगड़ते हुए कहा।
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कामनी की बात सुनकर तीनो के चेहरे फिरसे खिल उठे और उनके होंठो पर मुस्कान नाचने लगी।
राज ने रागनी को बिस्तर पर लेटा दिया,अपनी कमर के बिस्तर पर लगते ही कामनी ने अपने पैरो को आधा फोल्ड किया और उनको पूरी तरह फैला दिया अब कामनी की गुलाबी चिरेया राज के सामने खुली पड़ी थी साथ ही साथ अब अपने बेटे की आँखों के सामने थी अमन अपनी जन्म दायनी के भोग-स्थान की खूबसूरती में खो गया।
पहले तो रागनी की चूत प्रकीर्तिक सुंदर ऊपर से एक तरफ जँहा कामनी ने उसपर कलाकारी दिखाई थी वंही उसके पति ने उसको अपने मुँह में लेकर ऐसे चूस डाला कि वो सूज कर बड़ा पाव बन गई और अब वो उस जवान बच्चे के लौड़े पर जुल्म कर रही थी जो कभी इसी चूत से दुनिया में आया था।हाय रे संजोग।
राज ने एक बार फिरसे अपनी पत्नी की खुली पड़ी चूत की तरफ अपने होंठों को बढ़ाया तो रागनी ने उसे रोक दिया।
"साजन अब चूसने का टाइम नही चोदने का है अब मुझे आपका ये फंनफनाता लौड़ा अपने भीतर चाहिए।
"जानेमन चूत को थोड़ा सा गीला तो करदूँ।
अपने पति की बात सुनकर रागनी कुछ बोली नही बस धीरे से मुस्कुराई और अपनी उँगलियों से अपनी चूत की पत्तीयों को पकड़ कर हल्का सा खोला।अंदर से चूत अपने ही चिकने पानी से भरी पड़ी थी बस बाहर से होंठो के चिपके होने के कारण उसका पैमाना छलक नही रहा था।
![20220809-145130 20220809-145130](https://i.ibb.co/DCwfwsX/20220809-145130.jpg)
"देख अमन एक दिन आएगा जब तेरी माँ तेरे लौड़े को अपनी चूत में लेने के लिए ऐसे ही खोल कर दिखायेगी।
कामनी ने अपने भतीजे के लण्ड में भड़कते शोलो को हवा दी।
"हाँ बुआ ऐसा दिन ज़रूर आएगा,पर तक आपके भतीजे का लौड़ा आपकी चूत के सेवा करेगा।
"तो क्या तू अपनी माँ को चोदने के बाद मुझे भूल जायेगा।
कामनी के मन में उथल-पुथल चलने लगी।
"ऐसा नही होगा बुआ आपने ही तो मुझे मर्द बनाया है।अगर मेरे जीवन में हज़ार चूत भी आयेगी आपका स्थान सबसे अलग होगा।
"बस ऐसा ही होना चाहिए मेरे लाल चूतो की तो मैं तेरे लिए लाइन लगा दूँगी,पर बस मेरी चूत को ना भूल जाना,अब इसके लिए बस तेरे लौड़े का सहारा है।
"ऐसा नही है बुआ अगर आप मेरे लिए और चूत का प्रबंध करोगी तो मेरा वादा है पापा के साथ साथ आपको और भी काफी लण्ड आपकी चूत की सेवा के लिए मिलेंगे।
"नही नही तौबा मेरे लिए तो बस तेरा ही काफी है,भईय्या की बात अलग है पर और कोई छीछी।
"तो मतलब पापा के लण्ड से आपको कोई ऐतराज नही।
साली रंडी अपने भईय्या के लण्ड पर चढ़ना चाहती है।
"चल चल मुझसे ऐसी गंदी बाते ना कर,देख भईय्या तैयारी कर रहे है,बोल मेरे लिए एक काम करेगा।
"ज़रूर करूँगा बुआ।
अमन अंदर देखता हुआ बोला।
"जब भईय्या अपना भाभी की चूत में घुसाए बस सैम-टाइम तू भी अपना मेरे अंदर।
अमन समझ गया उसकी बुआ के मन-मस्तिक्ष में क्या चल रहा था।
"ओय होय मेरी राँड़ भतीजे का लौड़ा चूत में लेते हुए अपने भईय्या को इमैजिन करेगीं।
"चुप ना, बोल करेगा ना।देख भईय्या चढ़ गए तेरी माँ पर।
अमन ने अपने लण्ड को पकड़ कर अपनी बुआ की चूत पर लगाया बुआ की कमर को थोड़ा नीचे की तरफ झुकाया तो कामनी ने अपनी गाँड़ को पूरा पीछे की तरफ निकाल दिया।अमन ने लौड़े को चूत के छेंद पर सेट किया और बुआ की गाँड़ के दोनों पाट पकड़ कर फैला दिए अब लण्ड और चूत के बीच में कोई बाधा नही थी फिर अंदर अपने माँ बाप को देखने लगा,कामनी की आंखे भी अंदर के नज़ारे पर जमी थी।
रागनी ने वैसे ही अपनी चूत की पुट्टीयों को अपनी उंगलियों से खोल रखा था राज ने रागनी पर झुकते हुए अपने लंबे लौड़े को पकड़ कर उसके मुंड को रागनी की खुली पुट्टीयों के बीच रखा और रागनी पर झुकते हुए अपनी कमर को नीचे की तरफ दबा कर करारा शॉट लगाया,पहले से प्रकिर्तिक लुब्रिकेंट से भीगी हुई चूत को खोलता हुआ राज का पत्थर के समान कड़क लौड़ा आधे से ज़्यादा सफर पहले ही शॉट में तय कर गया।
![0008 0008](https://i.ibb.co/4Jyjfh2/0008.gif)
अपने भईय्या का लौड़ा भाभी की चूत में जाता देख कामनी ने अमन का हाथ दबाया।अपनी बुआ की तरफ से हरी झंडी मिलते ही अमन ने भी अपने हाथो में बुआ के बड़े गोल चूतड़ पकड़े और अपने लौड़े को चूत में पेल दिया।
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एक साथ दो चीखे निकली एक रागनी के मुख से और दूसरी कामनी के मुख से।बुआ के चीखते ही अमन की गाँड़ हवा हो गई।सेकंड के 100वे हिस्से में उसके दिमाग में सब कुछ किसी पिकचर की तरह घूम गया,कामनी के चीखते ही रागनी और राज ने खिड़की की तरफ देखा और बाहर खड़े दोनो बुआ भतीजे को देख कर गुस्से में लाल हो गए,रागनी ने अपने पास पड़ी चादर से अपने आप को छुपा लिया,राज गुस्से में बाहर आया और अपनी बहन को अपने बेटे के साथ नंगे देख कर उसका चेहरा गुस्से में तमतमा गया उसने दोनो को खूब मारा और अमन को उसी वक़्त घर छोड़ने को कहा।राज ने अमन से सारे रिश्ते नाते ओन स्पॉट खत्म कर
दिए एक ही पल में अमन का सबकुछ लुट गया था उसकी जिंदगी पूरी तरह डिस्ट्रॉय हो चुकी थी।
राज उसको सुलगती आंखों से देख रहा था उसने एक बार अपने नंगे बदन को अपने बेटे की हवस भरी आंखों से बचाये बैठी माँ की तरफ देखा।अपनी माँ की आंखों मैं उसे ममता भरा प्यार नज़र आया,रागनी जैसे आंखों ही आंखों में उससे सवाल कर रही थी कि आखिर क्यों किया उसने ऐसा पर अमन के पास कोई जवाब ना था,पास में खड़ी कामनी उसकी बुआ लगातार रोये जा रही थी और अमन के हाथ को पकड़ कर उसको जाने से रोकना चाह रही थी।
पर..........