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Incest बाली उमर के कच्चे निम्बू।

Sanju@

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अमन चुपचाप खड़ा अपनी बुआ को एक कमसिन कन्या के जिस्म से खेलता देख रहा था।

अब आगे-

जैसे ही कामनी ने गोरी के निप्पलों को मरोड़ा गोरी के मुख से मस्ती में भरी सिसकारी निकली।
"उईईईई मैडम आराम से।
कामनी को गोरी की बात उसकी आवाज़ से मेल खाती नही लगी।

उसको लगा गोरी शायद ये बोलना चाहती थी'और ज़ोर से मैडम निचोड़ दो मेरे निम्बूओ का रस।

पर उसकी आवाज़ उसके शब्दो का साथ नही दे पा रही थी।

खैर कामनी को जो समझना था वो समझ गई थी।
उसने धीरे धीरे गोरी के निप्पलों की गुंडीयो को मसलना जारी रखा।
और एक हाथ से अमन को पास आने का इशारा किया।
"केसा लग रहा है गोरी देखो कितना मेल जमा रखा है तुमने अपनी छातियों पर।

"उफ्फ्फ मैडम आआह आप निकाल उईईईई दीजिए सारा मेल।
अल्हड़ गोरी की आवाज़ काँपने लगी थी।
अभी तक उसने सिर्फ अपने हाथों से ही अपने जिस्म को छुआ था लेकिन आज उसको अपने शरीर के नाज़ुक अंग पर पराये हाथों का स्पर्श मदहोश कर रहा था।
उसकी कोमल छातियों से उठती हुई तरंगे अब उसकी नाभि से होती हुई उसकी नाज़ुक चूत की तरफ दौड़ रही थी।
उसकी चूत में रेंगती चींटियों का एहसास उसकी खुलती बंद होती जांघो से कामनी को और सामने खड़े अमन को भी हो गया था।

"गोरी क्या तुम्हें पेशाब आ रहा है है बेटी।"कामनी ने अनजान बनते हुए गोरी से पूछा।

"नही तो मैडम अटकते हुए गोरी के मुंह से टूट-फूटे शब्द निकले।

"तो फिर अपनी जांघो को क्यों भींच रही हो।

"वो वो मैडम पता नही वंहा पर बहुत गुदगुदी लग रही है।

"वंहा कँहा गोरी।"कामनी गोरी को खोलने की कोशिश करती हुई बोली।

"वो वो मैडम पेशाब वाली जगह पर।
गोरी हिचकिचाते हुई बोली।

"क्या तुम्हें इसका नाम नही पता गोरी अब तो तुम बड़ी हो गई हो क्या अभी भी बच्चों की तरह बोल रही हो।पेशाब वाली जगह हुन।

कच्चे निम्बूओ पर रेंगते कामनी के हाथ और कानों में शहद घोलती कामनी की मीठी बातों से अल्हड़ गोरी को भी मज़ा आ रहा था।
पर वो कामनी के सामने भोली बनी हुई थी।

"वो मैडम मुझे शर्म आती है उसका नाम गंदा है।

"ओह मेरी प्यारी बच्ची अब बोल भी दो ताकि में तुम्हारी मदद कर सकूं।

"सॉरी मैडम मुझसे नही कहा जायेगा आआह आराम से दबाइये दर्द होता है।
कामनी एक बात तो समझ गई थी अब गोरी मना नही कर रही थी बल्कि आराम से दबाने को बोल रही थी।
मतलब मज़ा उसको भी बराबर आ रहा था।

"मेरी बच्ची जंहा से तुम्हारा पेशाब निकलता है ना।
इसको देसी भाषा में चूत बोलते है।
अब बोलो क्या बोलते है।

अमन सामने खड़ा चुपचाप अपनी बुआ की कमीनी हरकतों को देख रहा था।
कामनी बुआ की हरकतें और सामने नंगी खड़ी अल्हड़ कच्ची जवानी देखकर अमन का लौड़ा गुस्से में लाल होकर सलामी दी रहा था।
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय मनभावन अपडेट है भाई मजा आ गया
 

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सामने खड़ी अल्हड़ नंगी कन्या और अपनी बुआ की कमीनी हरकतों को देख अमन का लंड लाल होकर सलामी दी रहा था।

अब आगे-

कामनी गोरी को फ्री करना चाहती थी इसलिए उसके प्राइवेट पार्ट के बारे मैं खुद उसी को पूछ रही थी मगर गोरी शर्म की वजह से अपना मुंह नही खोल रही थी।
"गोरी बताओ न तुम्हे कँहा खुजली हो रही है।तभी तो मैं तुम्हारी मदद कर पाऊंगी।

"मेडम आप मुझे बेशर्म बना कर ही मानेंगी यंहा मेरी चच चच चूत मैं।"
गोरी ने अपनी चूत को उभार कर दिखाया।

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अब चूत की खुजली गोरी की बर्दाश्त से बाहर हो गई थी वो उसको अपने हाथों से रगड़ देना चाहती थी पर शर्म की वजह से अपनी चूत को हाथ नही लगा रही थी।
और इस बात को कामनी बहुत अच्छे से समझ रही थी।इसलिए वो केवल गोरी की नन्ही चुचियों से खिलवाड़ कर रही थी जिसके कारण उसकी चूत मैं चींटिया चल रही थी ऊपर से आंखे साबुन की वजह से बंद थी।
"आआह मेरी बच्ची की चूत में खुजली हो रही है लाओ में शांत कर देती हूँ तुम्हारी चूत की खुजली।
कामनी ने एक हाथ छाती से हटा कर गोरी की सुलगती चूत पर रखा और चूत के चिकने चीरे को नीचे से ऊपर की तरफ सहलाती चली गई।

"आआह सीईईई उईईईई मैडम हाय ज़ोर से खुजाओ मेरी चूत।

गोरी की मार्मिक अपील को नज़र अंदाज़ करते हुए कामनी ने फिरसे आराम से चूत के चीरे को नीचे से ऊपर की और सहलाया।

"सीईईई मैडम सीईईई प्लीज् ज़ोर से रगड़ो मेरी चूत को।गोरी अपनी गाँड को कामनी के हाथ पर धकेलती हुई चीखी।

कामनी गोरी को जिस स्तिथि में लाना चाहती थी वो आ गई थी।
कामनी ने अमन को पास आने का इशारा किया और गोरी से बोली
"रुको मेरी बच्ची अभी हाथों पर साबुन लगा कर रागड़ती हूँ तुम्हारी चूत को।
बोलती हुई कामनी पीछे हट गई और साबुन उठा कर अमन की तरफ बढ़ा दिया।

अमन इशारा समझते ही साबुन लेकर कमसिन गोरी की तरफ बढ़ा और एक बार फिरसे उसके चेहरे और आंखों मैं साबुन लगा कर अपने हाथों को उसकी गर्दन से होता हुआ कच्ची अम्बियों पर ले आया और एक बार फिरसे जोबन-मर्दन शुरू हुआ पर इस बार कामनी के कोमल हाथों से नही बल्कि अमन के सख्त हाथों से।
अमन ने गोरी के निम्बूओ को ऐसे निचोड़ा की उसकी आहे तेज़ और तेज़ होती चली गई।
"आआह आआह सीईईई मैडम आआह मज़ा आ रहा है आआह सीईईई हाय मैडम दबाओ और ज़ोर से दबाओ मेरी चुंचिया सीईईई।


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गोरी की ज़िंदगी का ये पहला मर्दाना स्पर्श था जो उस बेचारी के साथ धोके से हो रहा था मगर एक बात तो पक्की थी कि गोरी को मज़ा पूरा आ रहा था।
बहुत ही कामुक और उत्तेजना पूर्ण अपडेट है
 

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गोरी की ज़िंदगी का ये पहला मर्दाना स्पर्श था मगर एक बात तो पक्की थी गोरी को मज़ा पूरा आ रहा था।

अब आगे-

गोरी की जाँघे अपनी चूत के इर्द-गिर्द टाइट होने लगी उसे अपनी नन्ही सहेली से कुछ गर्म गर्म बाहर आता है महसूस हुआ उसकी चूत में झटके लगने लगे ये सारा मज़ा गोरी के लिए अविस्मरणीय था चाहे अनजाने में ही सही पर पुरुष का स्पर्श नारी को गीला बहुत गीला कर देता है।

गोरी की जाँघे हर बीतते हुए पल के साथ आपस में भीचती जा रही थी आखिर उसकी चूत की खुजली ने उसे वो करने पर मजबूर किया जो वो शर्म की वजह से नही कर पा रही थी।

उसने पीछे खड़े अमन का एक हाथ अपनी कोमल चूची से हटा कर अपनी चूत पर रख दिया और अमन के हाथ को अपनी चूत पर रगड़ने लगी।

गोरी अपनी चूत को भी अमन की हथेली पर धकेल रही थी बेचारी कामाग्नि में जलती नन्ही कली किसी भी तरह अपनी चूत में काटती चींटियों को रगड़ कर मार देना चाहती थी।
पर ये ज्वाला कम होने की बजाए बढ़ती ही जा रही थी।

अपनी चूत की मस्ती में गाँड हिलाती गोरी के पीछे लगते हर झटके पर अमन का लंबा लौड़ा उसकी गाँड की दरार पर लग रहा था पर इस नवयौवना को इस मस्ती में इसका एहसास भी नही हुआ ।

अमन गोरी की स्तिथि को समझ रहा था इसलिए वो आगे बढ़ कर गोरी की गाँड से चिपक गया और गोरी की चूत पर रखे अपने हाथ को उसने तेज़ चलाना शुरू कर दिया अपनी दो उंगलियों के बीच गोरी के भग्नासे का मर्दन करते हुए अमन की बाकी उंगलियां गोरी की चूत के उभरे हुए होंठो को रगड़ रही थी।

जैसे ही अमन उसकी पीठ से लगा गोरी को अपनी गाँड की दरार में कुछ घुसता हुआ महसूस हुआ पर ये वो वक़्त था जब वो अपनी ज़िंदगी के पहले स्क्वरटिंग ओर्गास्म की तरफ बढ़ रही थी।

इस वक़्त गोरी की आंखे बंद थी और मुँह खोल कर वो लंबी लंबी साँसे ले रही थी।
कुछ सिसकियां कुछ आहें और अमन की बांहों में थरथराता इस नवयौवना का जिस्म

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गोरी का जिस्म ऐसा झटके ले रहा था जैसे उसकी आत्मा उसके शरीर का साथ छोड़ रही हो अमन के दोनों हाथ अपने काम में लगे हुए थे एक हाथ से वो गोरी के निम्बूओ को निचोड़ रहा था और दूसरा हाथ गोरी की चूत रूपी हांडी से माखन निकालने की लगातार कोशिश कर रहा था।
वंही अमन का तीसरा हाथ यानी उसका लंबा लौड़ा कमसिन नवयौवना कि गाँड की दरार में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहा था।
पर उसकी ये कोशिश नाकाम होती लग रही थी क्योंकि गोरी के पुष्ट नितंब जांघो के आपस में मिले होने के कारण भींचे हुए थे।

अपनी गाँड पर लगातार होते हमले ने गोरी को सचेत कर दिया था उसने पीछे अपनी गाँड पर हमला करती चीज़ को पकड़ लिया।
लंबा लौड़ा हाथ में आते ही गोरी ने दूसरे हाथ से अपनी आंखों से साबुन को साफ किया और गर्दन मोड़ कर पीछे देखा।
फिर सामने कामनी को देखते ही चीखने के लिए उसका मुँह खुला पर उसमे से कोई आवाज़ नही निकल पाई क्योंकि कामनी ने गोरी के मुंह पर अपनी हथेली रख दी और बड़े सुकून से उसके कान के पास मुँह करके बोली।
"घबराओ नही बच्ची ये तुम्हारा भाई और मेरा भतीजा है अमन अभी बस अपने शरीर को रिलैक्स होने दो बाद में आराम से बात करते है।"
गोरी कुछ सेकंड तक कामनी की कही बातों का मतलब समझने की कोशिश करती रही।

जब कामनी को लगा कि अब गोरी चीखेगी नही तो उसने अपनी हथेली को धीरे धीरे गोरी के मुंह से हटा लिया।

गोरी को नार्मल होता देख अमन ने फिरसे उसके कच्चे आम को दबाना शुरू कर दिया।
चूत पर रखे हाथ ने फिरसे कमांड सम्हाल कर भग्नासे को दो उंगलियों के बीच दबाकर रगड़ना शुरू कर दिया।
एक मिनट से कम समय में गोरी फिरसे किसी और दुनिया में विचरण करने लगी।

उसकी आंहे ऊंची और ऊंची होती जा रही थी जो ग्राउंड फ्लोर पर खड़ी उसकी बड़ी बहन पूर्वा के कानों तक पहुँच सकती थी।
इसलिए कामनी को कमान सम्हालनी पड़ी वो आगे बढ़ी और गोरी के मतवाले होंठो को अपने होंठो में जकड़ लिया।
इस प्रकार गोरी की सिस्कारियों को कंट्रोल करके कामनी ने अपने हाथों की गोरी के पुष्ट नितंबो की तरफ बढ़ाया तभी उसका हाथ गोरी के हाथ से लगा जिसमे गोरी ने अभी तक अमन के मोटे लौड़े को पकड़ रखा था।
गोरी की भी अपने हाथ में लौड़ा होने का एहसास कामनी का हाथ लगने से हुआ।

उसने अपने हाथ से लौड़ा छोड़ने की कोशिश की तभी कामनी का हाथ उसके हाथ के ऊपर आया और उसने गोरी की खुलती मुठ्ठी को वापस अमन के लौड़े पर कस दिया।
और गोरी की मुठ्ठी को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगी अमन के लौड़े से निकलते प्रिकम से गोरी की हथेली भीग गई थी जिसमे अमन का लौड़ा फिसल रहा था।
जब कामनी को गोरी का हाथ चलता हुआ महसूस हुआ तो उसने अपना हाथ हटा अब गोरी अमन के लंड को मुठिया रही थी और अमन गोरी की चूत को तभी गोरी अमन की तरफ पलट गई और अमन के लौड़े को अपनी चूत तक ले जाने का प्रयास करने लगी पर बेचारी अमन से बहुत छोटी होने के कारण कामयाब न हो सकी।
अमन गोरी की चाहत को समझ कर वेस्ट्रन कंमोड पर बैठ गया गोरी तुरंत किसी बंदर के बच्चे की तरह उसके ऊपर चढ़ गई और नीचे हाथ डाल कर अमन के लौड़े को बेस से पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी।

वो अमन के खड़े लौड़े के टोप्ले को अपनी गीली चूत के चीरे पर नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे की और तेज़ी से रगड़ रही थी तभी उसके जिस्म ने झटके लिए और गोरी की गोरी चूत से सीईईईI की आवाज़ के साथ पेशाब की धार निकलकर अमन के लौड़े को भिगोती चली गई जब लंड का टोप्ला पी-होल पर लगता तो पेशाब की धार बंद हो जाती और लंड के नीचे फिसलते ही फिर तेज़ी से निकलने लगती।
गोरी को लगातार स्क्वरटिंग ओर्गास्म आ रहा था उसकी पैरों से ताकत खत्म हो गई थी वो किसी जुड़ी के मरीज की तरह कांप रही थी।
अमन ने उसे अपने सीने से लगा लिया सहारा पाते ही गोरी अमन की छाती से चिपक गई और अपने नन्हे नुकीले निप्पलों से अमन की छाती में छेंद करने की कोशिश करने लगी।
धीरे धीरे अमन को अपने लौड़े पर गिरता गर्म पेशाब बंद होता महसूस हुआ पर जिस्म की अकड़ाहत के साथ अभी भी छोटी छोटी धारे अमन के लौड़े का स्नान करवा रही थी।

अमन की ज़िंदगी का यह सबसे हसीन पल था एक कमसिन कली उसके लौड़े को अपनी नन्ही चूत से रागड़वा कर स्नान करवा रही थी।
होले होले गोरी निढाल हो गई अब उसका सारा भार अमन पर था।

गोरी की गुदाज़ जांघो से निकलकर बाहर झांकता उसका लंड अपनी बुआ को निहार रहा था और कामनी भी अमन के तने हुए लौड़े को निहार रही थी।



दोस्तो अभी के लिए इतना ही बताते रहे कहानी सही चल रही है या नही।
Jaberdast update है
 

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कामनी अमन की आंखों में बड़ी उम्मीदसे देख रही थी।
उसकी नज़र कभी अमन की आंखों में देखती और कभी गोरी की जांघो में झटके खाते लंड पर टिक जाती।

अमन ने गोरी को अपनी मज़बूत भुजाओं में उठाया और बाथरूम से बाहर निकल आया कामनी ने उसका मार्गदर्शन करते हुए उसको सेकंड फ्लोर पर जाती सीढ़ियों की तरफ इशारा किया और उसके आगे चलने लगी।

अमन अपनी बुआ के पीछे पीछे सीढ़ियों की तरफ बढ़ा कामनी के सीढ़ी पर पहला कदम रखते ही अमन के पैर रुक गए और दिल की धड़कने तेज़ी से चलने लगी कामनी धीरे धीरे अपनी चौड़ी गाँड को मटकाती ऊपर चढ़ने लगी उसकी गाँड आज कुछ ज़्यादा ही लचक रही थी।

कुछ सीढ़िया चढ़कर कामनी ने पलट कर देखा जैसा उसने सोचा था बिल्कुल वैसा ही हुआ अमन की नज़र उसकी मोटी मटकती गाँड पर ही चिपकी थी।
उसने धीरे से बोला।
"अमन गोरी पूरी तरह से नंगी है और नीचे पूर्वा भी है पहले ऊपर आजाओ फिर जो देखना है देख लेना।

उसके चेहरे की कातिल मुस्कान अमन के कलेजे को चीरती चली गई अमन धीरे धीरे बुआ के पीछे चलता हुआ सेकंड फ्लोर पर पहुँचा।

कमरे में कदम रखते ही उसने दिल से अपनी बुआ की तारीफ की।
कामनी ने सैकंड फ्लोर को वाकई शानदार तरीके से सजाया हुआ था इसको बैडरूम भी कहा जा सकता था।
रूम के बीचों बीच एक बड़ा सा किंग-साइज बेड था जिसपर शानदार मखमली चादर लगी थी बेड के सामने की तरफ एक सोफा रखा था एक साइड में एक फ्रीज़ रखा था और रूम की लेफ्ट दीवार पर 56"की बड़ी सी lED टीवी लगा था जिसके उल्टी साइड मतलब राइट दीवार पर बैक-व्यू-मिरर लगा था जो पूरी दीवार को कवर कर रहा था।

अमन अभी कमरे का मुआयना ही कर रहा था कामनी ने फ्रीज़ से पानी की बोतल निकालकर अपने मुँह से लगाई और अमन को इशारा किया कि गोरी को बिस्तर पर सुला दे।

अमन ने गोरी को सुलाने के लिए अपने घुटने को बेड पर रखा और घुटना बेड पर रखते ही उसको एहसास हो गया कि गद्दा एक्स्ट्रा कम्फर्ट था उसका पूरा घुटना गद्दे में समा गया खैर उसने गोरी के निढाल जिस्म को बिस्तर पर सुलाया और वापस मुड़ कर कामनी की तरफ देखा।

कामनी बुआ के मुँह से अभी भी पानी की बोतल लगी थी जिसमे से कुछ पानी गिरकर उसकी गुदाज़ छातियों के बीच जा रहा था अमन को जितनी छाती दिख रही थी उतनी पर गिरी पानी की बूंदे उसकी प्यास को भड़का रही थी।

आधी बोतल खाली करके कामनी बुआ ने बोतल को अमन की तरफ बढ़ाया अमन ने हाथ बढ़ा कर तुरंत बोतल को अपने होंठो से लगा लिया और गटागट पूरी बोतल खाली करने लगा।

"ऊपर आते वक्त तुम क्या देख रहे थे अमन।"

"उन्ह उन्ह आआह कु कु कु कुछ भी तो नही बुआ।

कामनी के सीधे सवाल पर अमन को धस्का लग गया।
अमन अपनी खांसी को कंट्रोल करता हुआ बोला।

"अच्छा कुछ नही मुझे लगा तुम मेरी

"मेरी क्या बुआ

"मुझे लगा तुम मेरी गाँड को देख रहे थे।सुनो अमन सच सच बताना में तुम्हे केसी लगती हूँ।

"केसी मतलब' अच्छी लगती हो आप।किसी भतीजे को अपनी बुआ बुरी थोड़े ही लगेगी।

"अच्छा और मेरी वो केसी लगी।

"वो क्या बुआ।

कामनी सोफे पर झुक कर तकियों को सही करती हुई बोली
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"मेरी ये

कामनी की मदमस्त भरी हुई गाँड देखकर अमन का लौड़ा जो अभी झड़ा नही था फिरसे अपना सिर उठाने लगा।

"ये भी ठीक ही है।
अमन के मुंह से घुटकर अल्फाज़ निकले कामनी उसकी तरफ पलट कर उसके लौड़े को देखकर बोली।

"पर ये तो बताने की कोशिश कर रहा है कि इसको बहुत पसंद आई।
कामनी ने अमन के तनाव में आते लंड की तरफ इशारा किया।

"ओह ये तो ऐसे ही।
अमन के मुंह से इतने ही अल्फ़ाज़ निकले थे कि कामनी चलती हुई बिल्कुल अमन के सामने आ खड़ी हुई और उसकी आँखों में देखती हुई बोली।
"अमन क्या तुम्हारी बुआ को तुम्हारा वो प्यार नसीब होगा जो तुम गोरी को कर रहे थे।
वादा करती हूँ कि मैं तुम्हे कभी तन्हा नही होने दूंगी कभी तुम्हे आधे रास्ते में नही छोडूंगी।
और तुम्हारे इस लौड़े के लिए चुतो की लाइन लगा दूंगी।
देखो मेरे जिस्म में सुलगती आग अब मुझे खुद जलाने लगी है।

कामनी ने अमन का हाथों को उठाकर अपनी गुदाज़ छातियों पर रख दिया अमन ने जब अपने हाथों को इस्तेमाल नही किया तो कामनी ने खुद अपनी हथेलियों को अमन के हाथों पर रखकर दबाया।

"देखो अमन फील करो अपनी बुआ के जिस्म की गर्मी को प्लीज् कुछ करो वरना में मर जाऊंगी।

अपनी बुआ के मुँह से ऐसे अल्फ़ाज़ सुनकर अमन के दोनों हाथों ने एक साथ बुआ के दोनों उभारो को दबा दिया।

"आआह मेरे लाल भींच दे इनको ज़ोर से सीईईई।

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कामनी के मुख से खुशी से भरी सिसकारी निकली।

"आआह बुआ कितने मोटे है आपके।

"तेरे लिए ही है मेरे लाल बचपन में जब तेरी माँ तुझे दूध नही पिलाती थी तब इन्ही को चूसता रहता था जबकि तब इनसे दूध भी नही आता था।

"उम्म आ पर क्या अब मुझे इनमें दूध मिल सकता है।
अमन कामनी के गाल पर चूमता हुआ बोला।

"वैसे तो मुन्नी अब काफी बड़ी हो गई है मगर क्या पता तेरी मेहनत रंग ले आये और अगर इनसे दूध नही भी आता फिरभी में तुझसे वादा करती हूँ कि अगर तुझे मेरा दूध इतना पसंद है तो मुझे गर्भवती कर दे।
फिर देखना तेरी बुआ तुझे कभी भी बिना दूध पिलाये नही सोने देगी।
उम्मा कामनी भी अमन के होंठो की चूमती हुई बोली।


काफी रात हो गई है दोस्तो।

जल्दी ही अपडेट को पूरा कर दूंगा।
बुआ के रसीले होंठ अमन के होंठो से छूते ही दोनों के जिस्म में चिंगारियां सी भरने लगी।
अक्सर देखने में आता है कि मर्द औरत के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसता है।
पर यंहा सारा मामला ही उल्टा था यंहा कामनी ने अमन के होंठो को अपने होंठो में भर कर चूसना शुरू कर दिया था।

मगर अमन भी पीछे रहने वालों में से नही था उसको भी पता था कि उसका ज़ोर कहाँ चल सकता है।
अमन ने अपने हाथों मे समाए दोनों खूबसूरत आमो को रगड़ना और दबाना शुरू कर दिया।

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कामनी भी अपने भतीजे की चौड़ी छाती को सहला रही थी और साथ साथ अपने होंठो को अमन के होंठो पर कस रखा था।
धीरे धीरे कामनी का लाल दुप्पट्टा उसके ब्लाउज से सरक रहा था।

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और एक समय आया जब वो दुपट्टा सिमट कर कामनी के हाथों में उसके काले ब्लाउज से झांकता उसकी गोरी छातियों का उभार मानो कोयले की खान में हीरे छुपे होने का आभास करवा रहा था।

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अमन के हाथो ने उन दोनों हीरो को
ऐसे अपने हाथों से कब्ज़ा लिया था मानो अगर उनसे हाथ हटाया तो इनपर किसी और का कब्ज़ा हो जायेगा।

धीरे धीरे दोनों की किस गहरी होती जा रही थी।
अब अमन भी पूरा मौका मार रहा था।उसको जंहा मौका मिलता वो भी बुआ के होंठो को आने होंठो में भर लेता।
अमन से अब दूरी बर्दाश्त नही हो रही थी उसने अपने दोनों हाथों को बुआ की छातियों के साइड से कमर तक पहुँचाया और कामनी की गुदाज़ छातियों को अपने सीने से लगा लिया।
अपनी गद्दर छातियों को अमन के सीने से दबाते ही कामनी को भी सुकून मिल गया।


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पर दोनों तोता मैना की चोंच अभी भी एक दूसरे में गुन्धी पड़ी थी।
बुआ तो 27 सालों से अपनी जवानी की आग को पानी डाल डाल कर बुझाती आ रही थी पर आज अचानक जैसे अमन ने इन शोलो को हवा देदी थी।

पर अमन एक कड़क जवान गबरू था जिसका लौड़ा एक गर्म चूत की मांग कर रहा था।
लंड को फर्क नही पड़ता है कि चूत किसकी है।
ये लंड और चूत का रिश्ता भी अजीब है ये दोनों ही अंग ना विज्ञान समझते है ना सामाजिक मर्यादाओं को मानते है।


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बहरहाल दोनों बुआ भतीजा किसी प्रेमी युगल की तरह एक दूसरे को चूमते जा रहे थे।
दोनों की ही साँसे अब भारी होने लगी थी।आखिर दोनों पंछियों ने अपनी साँसे दुरुस्त करने के लिए अपनी चोंचों को अलग किया।
कामनी अमन की बाहों से निकलकर फ्रीज़ की तरफ बढ़ी और एक पानी की बोतल निकालकर अपने होंठो को भिगोने लगी।
अमन का सानिध्य पाकर उसको पांच मिनट में ही दोबारा प्यास ने आ घेरा था।
अभी थोड़ी देर पहले कमरे में आते ही उसने पानी पिया था पर अमन के होंठो से होंठ हटते ही उसे अपना गला फिरसे खुश्क होता महसूस हुआ।


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उसके जिस्म

का सारा पानी कुछ तो अमन ने उसके होंठो से खींच लिया था और बाकी उसकी चूत किसी खराब नलके की तरह टप टप बरस रही थी।
आज ज़िंदगी में पहली बार कामनी को अपनी चूत इतनी गीली महसूस हो रही थी।



दोस्तो आज कीपैड पर लिख कुछ रहा हूँ और टाइप कुछ हो रहा है।

माफ करना दोस्तो अपडेट को जल्दी ही पूरा करूंगा।
जबरदस्त अपडेट है
 

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आज ज़िंदगी में पहली बार कामनी को अपनी चूत इतनी गीली महसूस हो रही थी।


अब आगे-

कामनी फिरसे आधी बोतल पानी अपने गले से नीचे उतार गई आज उसको पानी की ज़्यादा ज़रूरत पड़ने वाली थी क्योंकि उसकी नीचे वाली टूटी आज लगातार पानी टपका रही थी।

"बुआ क्या बात है आज आपको प्यास कुछ ज़्यादा नही लग रही?"
अमन ने प्रश्नवाचक नज़रों से कामनी की तरफ देखा।
कामनी ने अमन की बात का कुछ जवाब नही दिया सीधा उसके सामने गई और एक झटके में अपनी शलवार को पकड़ कर नीचे कर दिया।


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"इसको देख तेरे इस लंबे लौड़े को देखकर ये कितना पानी बहा रही है।
अचानक से क़ारून का खजाना सामने आने पर अमन की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई।
वो बस मुँह खोले अकस्मात सामने आई अपनी बुआ की चिकनी चूत की खूबसूरती में खो गया।

कामनी की गद्देदार चूत के सुजे हुए होंठ बता रहे थे कि उनमें अमन के लिए काफी सारा मख्खन भरा हुआ है।

गोरी की नाज़ुक चूत के सामने कामनी की भरी हुई चूत एक अलग ही छटा बिखेर रही थी।
बिल्कुल जैसे उबले हुए अंडे में ब्लेड से एक चीरा लगा दिया हो।


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दोनों भरे हुए भारी नितंबो के बीच एक प्यारी से फुली हुई गुलाबी चूत और मात्र 1.5 इंच के फासले पर मोटे चूतड़ों के बीच सुरमई सा गुदा द्वार जिसकी गहराई तो काफी लगती थी पर ये गहरी नदी दो पहाड़ो के बीच भिंची हुई थी।
जिसमे लंड रूपी तैराक का घुसना काफी मुश्किल नज़र आता था।

"ओ हेल्लो अमन कहा खो गए।

कामनी ने चुटकी बजा कर अपने भतीजे का ध्यान भंग किया जो पहली बार में ही अपनी बुआ की चूत में इतनी गहराई में उतर गया था कि कामनी को उसे वापस लाना पड़ा।

"आआह बुआ कितनी प्यारी है ये क्या मैं इसे छू सकता हुँ।"
अमन के दिल की बात लबो पर आ गई।
"बिल्कुल छू सकते हो बेटा पर पहले तुम चाहो तो इनमें से दूध निकालने का प्रयास कर सकते हो।"


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कामनी का इशारा अपनी गुदाज़ छातियों की तरफ था।
अंधे क्या मांगे दो नैन अमन अपने होंठो पर जीभ फेरता हुआ अपनी बुआ की तरफ बढ़ा।


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"बुआ अपने इन खूबसूरत अनारो को इन कपड़ो से आज़ाद करदो देखो कितने परेशान है ये खुली हवा में सांस लेना चाहते है।"

"बिल्कुल मेरे प्यारे भतीजे आज से तेरी बुआ की हर चीज़ पर तुम्हारा सबसे पहला हक़ होगा।
कामनी अपनी ब्रा को अपने स्तनों से नीचे करती हुई बोली।


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ब्रा के नीचे होते ही कामनी के भारी उभार उछलते हुए खुली हवा में सांस लेने लगे 36 डीडी के वो मस्ताने उभार ऐसे तने हुए थे मानो हिमालय की ऊंची चोटियां पूरे गर्व के साथ खड़ी हो।
और उनके बीच में मूंगफली के समान तने हुए निप्पल मानो अमन को दावत दी रहे थे कि आओ हमें चूस कर देखो शायद तुम्हारे लिए दूध बचा हुआ हो


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अपनी बुआ का मखमली जिस्म देखकर अमन के मुँह से लार टपकने लगी अब उसे बुआ के गर्म जिस्म से दूर रहना मुश्किल लग रहा था।

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उसके लौड़े ने रौद्र रूप धारण कर लिया था जो कामनी जीन्स के अंदर से भी साफ देख पा रही थी वैसे तो कामनी ने इसे अपनी नंगी आंखों से नंगा भी देख लिया था मगर इस टाइम जीन्स के अंदर मानो ये और भी लंबा और मोटा लग रहा था।
अमन ने सीधा अपनी बुआ के एक चुचे को अपने हाथ से पकड़ा और अपने मुँह को खोल कर सीधा उसको अपने मुँह में भर लिया।


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अपनी छाती अमन के मुँह में जाते ही कामनी के चेहरे पर मुस्कान आ गई उसके हाथ अपने आप ही अमन के सर के पीछे चले गए और उसने कसके अपने भतीजे के मुँह में अपना निप्पल ठूस दिया।

"आआह सीईईई आराम से मेरे बच्चे सब कुछ तेरा ही है बचपन की तरह कंही दांत ना मार देना उईईईई माँ सीईईई।

अमन के होंठो की सर्विस शुरू होते ही कामनी के मुख से किलकारियाँ फूटने लगी।

"देखना बुआ इनके भारीपन से एहसास हो रहा है जैसे इनमें मेरे लिए अभी भी काफी दूध भरा है।

अमन ने अपना आईडिया लगाया।

"मेरे बच्चे अब तो शायद ही इनसे तुझे दूध मिले



दोस्तो अगला अपडेट जल्दी ही।
Nice update
 

Sanju@

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मेरे बच्चे अब तो 'शायद'ही तुझे इनमें दूध मिले।

पर तुम कोशिश कर सकते हो।

कामनी अपने भतीजे के सामने अपने उरोज़ परोसती हुई बोली।

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कामनी के उरोज़ पहाड़ की चोटियों की तरह शान से अपने चूचीले निप्पल ताने खड़े थे।

"बुआ ये कोशिश तो मैं ज़रूर करूंगा।
अमन कामनी की गदराई छातियों को अपने हाथों से दबाता हुआ बोला।

"आआह अमन अपना मुँह खोलो।
कामनी किलकारियाँ मारती हुए चीखी।

अमन ने झट से अपना मुँह खोल दिया कामनी ने अपना एक भारी उरोज़ अमन के मुँह में ठूस दिया
"चूसो अमन आआह सीईईई आआह हाय मेरे लाल
पी लो अपनी बुआ का दूध।
आआह आराम से बच्चे

29-1
कामनी का ब्रॉउन निप्पल मुँह में जाते ही अमन ने उसपर दाँत गड़ा दिए।

"उईईईई अमन आराम से मेरी जान काटो मत सीईईई हाँ ऐसे ही आराम से चूसो मेरे दूध।

अमन अपने हाथों से कामनी का दूसरा दूध भी लगातार दबाता जा रहा था

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थोड़ी देर में कामनी ने अपना निप्पल अमन के दांतों से खींच कर उसके मुँह में दूसरा निप्पल ठूस दिया।

"लो मेरे लाल अब इसको चूसो आआह काट क्यों रहे हो अगर दूध आना होगा तो चूसने से ही आ जायेगा।"

25-1

अमन अति-उत्साहित होकर बार बार कामनी के उरोज़ो में दाँत गाड़ रहा था काफी अरसे के बाद पुरुष सांन्ध्य पाकर कामनी के तन की ज्वाला भड़क उठी थी उसकी सिसकारियां तेज़ और तेज़ होती जा रही थी।
जिसके कारण पास में लेटी गोरी की चेतना वापस आ रही थी।

26-2
अमन बेदर्दी से उसके स्तनों को निचोड़ रहा था कभी अपने होंठो से पंप करता और कभी निप्पलों को अपने दाँतो में दबाकर खींचता।

568

अब कामनी को भी अमन के दाँतो द्वारा कििया जा रहा
टॉर्चर भी मज़ा दे रहा था जिसका आभास अमन को भी हो गया था अपनी बुआ के मुख से निकलती आहों से।

"आआह मेरे शेर काट ज़ोर से खा जा अपनी बुआ के निप्पल आआह सीईईई आआह सीईईई आआह
मेरे शेर खींच ज़ोर से आआह हाय मेरे लाल।


24-2
अमन पूरी शिद्दत से अपनी बुआ को खुश करने में जी जान से लगा हुआ था।

कामनी की आहों से गोरी की चेतना लौट आई थी उसके आंखे धीरे धीरे खुलती जा रही थी।
चरमसुख पाने के बाद उसके मन में हज़ारों सवाल थे जो वो कामनी से पूछना चाहती थी।
पर जैसे ही उसकी आंखें खुली सामने का नज़ारा देख उसको समझते देर ना लगी कि उसके साथ जो भी हुआ था उसमें कामनी की मर्ज़ी भी शामिल थी
पर मज़ा तो उसने भी पूरा लिया था।
इसी प्रकार की उथल पुथल के बीच वो सामने चल रहा बुआ भतीजे का रास भी देखती जा रही थी।

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गोरी का चिकना बदन ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में और भी चिकना लग रहा था।
गोरी अपने सामने चलती बुआ भतीजे की रासलीला देख सब समझ गई थी उसके दिमाग में चलते सवालों का जवाब उसको मिल गया था।
गोरी के कानों में कामनी की मदहोशी में डूबी किलकारियाँ गूंजी।

"ऊऊह अमन मेरे शेर अपनी बुआ पर रहम कर देख अब मुझसे चूत की गर्मी बर्दाश्त नही हो रही है।
अब असली खेल का टाइम हो गया है।
देख तो कैसे जीन्स में टाइट कर रखा है मेरे दीवाने को ला में इसे आज़ाद करती हूं।

कामनी अमन के लौड़े पर हाथ फेरती हुई बोली।

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"बुआ इसको तुम आज़ाद तो करलो लेकिन एक बात समझ लो पहले में आपको बहुत सारा प्यार करना चाहता हूँ।
आपके पूरे जिस्म को अपनी जीभ और होंठो से चाटना चाहता हूँ।उसके बाद ही मेरा छोटा दोस्त तुम्हारे अंदर जायेगा।

"आआह अमन अपनी बुआ पर इतना सितम ना कर बेटा बस एक बार इसे मेरे अंदर डाल कर मेरी चूत को राहत देदे फिर जैसे तू बोलेगा तेरी बुआ बिल्कुल वैसे ही करेगी।
देख मेरी गुलाबो कितनी परेशान है।

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कामनी ने अपनी टांगों को फैलाकर अमन को अपनी गदराई चूत का नज़ारा दिखाया।

अमन की आंखे अपनी ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत नज़ारा देख रही थी जिसमे उसकी सगी बुआ यानी उसके बाप की सगी बहन उसके सामने अपने पैरों को फैलाये अमन से अपनी खूबसूरत चूत को चोदने का आग्रह कर रही थी।

कामनी की पावरोटी की तरह फूली हुई चूत को देखकर अमन के साथ साथ गोरी के मुँह में भी पानी भर गया।

"आआह बुआ प्लीज् मेरे ऊपर इतना ज़ुल्म ना करो इतनी हसीन चूत को बिना प्यार किये कैसे चोद दूँ।
अमन के ये वाक्ये कामनी के लिए गर्व की बात होते पर इस वक़्त उसकी चूत एक मोटे लंड की डिमांड कर रही थी जो उसकी आँखों के ठीक सामने लहरा रहा था मगर फिर भी उससे काफी दूर था।
अमन के होंठ कामनी की चूत पर झुकते चले गए।
अमन ने अपनी जीभ निकालकर कामनी की चूत पर उभरी ओस की बूंदों
गोरी अपने सामने चलती बुआ भतीजे की रासलीला देख सब समझ गई थी उसके दिमाग में चलते सवालों का जवाब उसको मिल गया था।

गोरी के कानों में कामनी की मदहोशी में डूबी किलकारियाँ गूंजी।



"ऊऊह अमन मेरे शेर अपनी बुआ पर रहम कर देख अब मुझसे चूत की गर्मी बर्दाश्त नही हो रही है।

अब असली खेल का टाइम हो गया है।

देख तो कैसे जीन्स में टाइट कर रखा है मेरे दीवाने को ला में इसे आज़ाद करती हूं।



कामनी अमन के लौड़े पर हाथ फेरती हुई बोली।



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"बुआ इसको तुम आज़ाद तो करलो लेकिन एक बात समझ लो पहले में आपको बहुत सारा प्यार करना चाहता हूँ।

आपके पूरे जिस्म को अपनी जीभ और होंठो से चाटना चाहता हूँ।उसके बाद ही मेरा छोटा दोस्त तुम्हारे अंदर जायेगा।



"आआह अमन अपनी बुआ पर इतना सितम ना कर बेटा बस एक बार इसे मेरे अंदर डाल कर मेरी चूत को राहत देदे फिर जैसे तू बोलेगा तेरी बुआ बिल्कुल वैसे ही करेगी।

देख मेरी गुलाबो कितनी परेशान है।



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कामनी ने अपनी टांगों को फैलाकर अमन को अपनी गदराई चूत का नज़ारा दिखाया।



अमन की आंखे अपनी ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत नज़ारा देख रही थी जिसमे उसकी सगी बुआ यानी उसके बाप की सगी बहन उसके सामने अपने पैरों को फैलाये अमन से अपनी खूबसूरत चूत को चोदने का आग्रह कर रही थी।



कामनी की पावरोटी की तरह फूली हुई चूत को देखकर अमन के साथ साथ गोरी के मुँह में भी पानी भर गया।



"आआह बुआ प्लीज् मेरे ऊपर इतना ज़ुल्म ना करो इतनी हसीन चूत को बिना प्यार किये कैसे चोद दूँ।

अमन के ये वाक्ये कामनी के लिए गर्व की बात होते पर इस वक़्त उसकी चूत एक मोटे लंड की डिमांड कर रही थी जो उसकी आँखों के ठीक सामने लहरा रहा था मगर फिर भी उससे काफी दूर था।

अमन के होंठ कामनी की चूत पर झुकते चले गए।

अमन ने अपनी जीभ निकालकर कामनी की चूत पर उभरी ओस की बूंदों को चाट लिया।



"आआह मत तड़पा अमन प्लीज् चोद दे मेरी चूत को उईईईई आआह सीईईई।



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"अमन भैय्या मेडम को क्यों तड़पा रहे हो

कर दो ना उनकी चाहत पूरी।



गोरी की आवाज़ सुनकर दोनों ने गोरी की तरफ देखा।



"ओ मेरी जान उठ गई तुम।अमन गोरी की तरफ देखता हुआ बोला।



"ओह 'जान' मैडम तो मुझे आपकी छोटी बहन बना रही थी।और आप जान बना रहे हो।

पहले तय करलो बहन बनाना है या जान।

गोरी नखरे के साथ बोली।



"ठीक है गोरी मेरा वादा है में तुझे इसकी बहन ही बनाऊंगी पर तु पहले अपने भाई से बोल की मेरी चूत को चौदे।

कामनी भी बीच में बोलती है।



"ठीक है मैडम भाई को मनाने की कोशिश करती हूँ।

गोरी अपनी मदमस्त कच्ची जवानी लेकर अमन की तरफ बढ़ी।



और अमन के खड़े लौड़े को पकड़ कर उसकी खाल को पीछे की तरफ खींचा।

अमन के लंड का शिखर-मुंड अनावृत्त होता चला गया और साथ ही लिंग-मुंड पर एक बूँद प्रिकम छलक आया।



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जिसको गोरी ने अपनी उंगली से उठा लिया और अपनी उंगली को नाक के पास लेकर एक गहरी सांस खींची।

अमन के प्रिकम की महक उसकी सांसों के साथ गोरी के जिस्म में समाती चली गई।



"आआह कितनी प्यारी खुशबू है।



गोरी ने अपनी जीभ बाहर निकाली और अपनी उंगली को अपनी जीभ की तरफ बढ़ाने लगी।



"नही गोरी इसपर सबसे पहला हक़ मेरा है।

कामनी वॉर्निंग भरे अंदाज़ में चीखी।



"क्या सच मैडम आप पहली बार।

गोरी अपनी बात बीच में ही काटती हुई बोली।



"तू सही समझी गोरी प्लीज् पहले में।

कामनी गोरी की तरफ रिक्वेस्ट भरी नजरों से देखती हुई बोली।



गोरी ने अपनी उंगली को कामनी के होंठो की तरफ बढ़ा दिया।

अमन खामोश खड़ा दोनों का वार्तालाप सुन रहा था।

कामनी की ख्वाहिश देख कर अमन को अपनी बुआ पर बड़ा प्यार आया।



गोरी की उंगली को कामनी ने पूरा चूस लिया।

और फिरसे अमन की तरफ देखकर बोली

"प्लीज् अमन कुछ करो मेरी चूत जल रही है।



"मेरी जान कामनी तैयार हो जाओ अपने भतीजे के लौड़े के लिए।

अमन कामनी को और नही तड़पाना चाहता था उसने अपने दिल की इच्छा को दबा दिया।

अब तो बुआ उसकी ही है जब चाहे जितना चाहे उन्हें प्यार कर सकता है।

"ये ले मेरे लाल फाड़ दे मेरी चूत कामनी ने अपनी चूत के द्वार अपने भतीजे के लिए खोल दिये थे।



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कामनी की गोरी गदराई चूत को देख अमन के लौड़े ने झटका खाया।

"बुआ देखो देखो मेरा लंड आपकी चूत को प्रणाम कर रहा है।



"अब बाते बाद में बनाना पहले इसको अंदर डाल कामनी अपनी उंगलियों से अपनी चूत को खोलकर अमन को दिखाती है।



अमन समझ गया था कि अब देर करना सही ना होगा वो आगे बढ़ा और दोनों हाथों से कामनी की जांघो को पकड़ कर अपनी कमर को एडजस्ट किया और आगे की तरफ धक्का लगाया।

लंड फिसलता हुआ कामनी की चूत के दाने को रगड़ता चला गया।



"आआह आराम से अमन देख कर डालो

कामनी ने एक हाथ नीचे निकालकर लिंगमुंड को अपने छेंद पर लगाया।

"चलो अब धक्का मारो कामनी गुर्राई।

अमन ने धड़ाक से अपनी कमर को चूत की तरफ दबाया।

"आआह रुको।

कामनी इतना ही बोल पाई।

अमन के द्वारा ज़ोरदार धक्के से अमन का एक चौथाई लंड चूत को ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर घुस गया।

अभी कामनी कुछ और कहने वाली थी कि अमन ने अपनी कमर को पीछे किया और फिरसे एक तगड़ा झटका दिया।

"आआह उईईईई माँ कमीने रुकने को आआह बोला उईईईई था।आआह ओ माँ चीर दी मेरी चूत।

अब हिलना भी मत



563

"ओह सॉरी बुआ मुझे लगा आपको मज़ा आ रहा है।



"बुआ के बच्चे रुक तुझे तो मैं अभी बताऊंगी।



चुदाई के बीच छिड़ी ये तीखी नोक-जोख सुनकर पास खड़ी गोरी मुस्कुरा रही थी।



"ऐसे क्या दाँत दिखा रही है जब ये इतना मोटा तेरी चूत में जायगा तब देखूंगी कितने दाँत दिखते है।

कामनी झेंपती हुई बोली।



"भइय्या मैडम को प्यार करो देखना अभी 2 मिनट में दर्द खत्म हो जायेगा।



"तुझे बड़ा पता है।

अमन गोरी की कच्ची कलियों को देखता हुआ बोला।



"बस पता है यकीन ना आये तो करके देखलो।



अमन ने अपने हाथों को कामनी की छातियों पर रखकर दबाया।



"ज़ोर से दबाओ ना।सामने खड़ी गोरी बोली।



अमन ने जोर से दबाया।कामनी के मुंह से दर्द भरी आआह निकली।



"आआह आराम से मेरे लाल।



अमन कामनी के ऊपर झुक गया और कामनी के खड़े चूचक को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा।



कुछ ही देर में कामनी के मुख से दर्द की जगह मस्ती भरी आहों ने लेली।

और उसके मुख पर छाए दर्द के बादल भी छंट गए जिनकी जगह अब सुकून भरे चेहरे ने लेली



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"चलो बेटा चुदाई स्टार्ट करो आराम आराम से।

कामनी अमन की आंखों में देखती हुई बोली।



बुआ की बात सुनकर अमन ने अपने लौड़े को चूत से बाहर की तरफ खींचा।

पर्याप्त मात्रा में लुब्रिकेंट निकलने से लंड चूत से फिसलता हुआ बाहर की तरफ आने लगा।

मुंड तक लंड निकालकर अमन ने अपनी कमर को फिरसे नीचे की तरफ धकेला।



"आआह ऐसे ही मेरे लाल।कितना मोटा है तुम्हारा अब आराम से धक्के लगाओ।

कामनी अपने पैरों को कैंची बनाकर अमन की गाँड पर बांधती हुई बोली।



इस तरह से वो अमन के धक्कों को कंट्रोल कर सकती थी अपने पैरों की कैंची से वो अमन को अपने लंड को ज़्यादा बाहर नही निकलने दे रही थी।



उसको पता था कि लौंडा अनाड़ी है जितना ज्यादा लंड बाहर निकालेगा उतना ही गहरा धक्का मारेगा।



अमन को जितनी जगह मिल रही थी वो आराम से अपने लंड को बुआ की चूत में अंदर बाहर कर रहा था।

बाहर निकालने पर तो कामनी अपने पैरों को कस लेती पर अंदर तो वो ज़्यादा दबा ही सकता था बस अमन वो ही कर रहा था।

वो जितना हो सकता लंड को बाहर खींचता और वापस अंदर की तरफ गहरा झटका मारता।



कुछ ही मिनट की मेहनत में कामनी की चूत ने पूरे लंड को चूत में जगह देदी।

अब कामनी ने अपने पैरों को खोल दिया और चुदाई के मज़े लेने लगी।



गोरी अब सोफे पर बैठी लाइव सेक्स देख रही थी
बहुत ही कामुक और उत्तेजना पूर्ण अपडेट है कामिनी अपने भतीजे से चूद गई
 

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आज कॉलेज में रिया का मन परेशान था।अपने जासूसी नेचर की वजह से उसके दिमाग में सुबह से ही अमन के रूम से बरामद पेन ड्राइव घूम रही थी।
वो जल्द से जल्द उसपर लिखे कोड को अनलॉक करना चाहती थी।
"विरजिन"का मतलब तो उसकी समझ में आता था।
पर दूसरी पैन ड्राइव पर लिखा"1/२उसकी परेशानी का सबब था।

हालांकि अपने जासूसी दिमाग से वो सुबह से उसका मतलब समझने की कोशिश कर रही थी पर इस कोड के आगे पीछे कुछ ना लिखा होने के कारण समझ नही पा रही थी।

उसने जैसे तैसे 4 लेक्चर अटैंड किये और घर की तरफ निकल पड़ी घर जाकर वो इस पहेली को सुलझा लेने वाली थी।पैन ड्राइव के कंप्यूटर में लगते ही उसकी पहेली सुलझने वाली थी।

कुछ ही देर में वो अपने घर के गेट पर खड़ी डोर-बेल बजा रही थी।
"आ रही हूँ थोड़ा सब्र करो।
रागनी की आवाज़ कानों में पड़ने पर रिया ने बेल के बटन से हाथ हटाया।

रागनी गेट खोल कर साइड में हो गई।

"क्या हुआ बेटा आज इतनी जल्दी।
आशंकित स्वर में रागनी ने पूछा।

"कुछ नही मां आज थोड़ा बुखार फील हो रहा है।
अपनी माँ को जवाब देते हुए रिया अपने कमरे की तरफ बढ़ गई।
उसे पैन ड्राइव चेक करने की जल्दी थी।
कमरे में जाते ही रिया ने पैन ड्राइव को अपने लैपटॉप के यु अस बी स्लॉट के हवाले किया।
उसने पहले विरजिन लिखी पैन ड्राइव चेक करनी शुरू की।

पैन ड्राइव में काफी सारे फोल्डर थे उसमे से रिया ने एक फोल्डर को ओपन किया।
इसमें 4 मूवीज़ थी।
रिया ने सबसे पहली वाली को प्ले किया।
मूवी के शुरू में एक कमसिन कन्या दिखाई देती है जो सोफे पर बैठी थी।और सामने एक तगड़ा नोजवान उससे सवाल जवाब कर रहा था।
रिया को इंग्लिश समझने में कोई परेशानी नही थी।
मूवी में होती बात की रिया आसानी से समझ रही थी।
जिसमे नोजवान लड़की से उसकी उम्र फिगर और सेक्स के बारे में मालूमात कर रहा था।
धीरे धीरे उस लड़की ने अपने कपड़े निकालने शुरू किया कुछ ही देर में लड़की पूरी तरह से निर्वस्त्र हो गई।
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उस कमसिन कन्या का गोरा बदन देख रिया के जिस्म में भी हलचल होने लगी।
हालांकि रिया इस सब से अनजान भी नही थी पर अपनी आंखों से पहली बार ही इस तरह की मूवी देख रही थी।

अब लड़की चारो तरफ घूम कर अपना शरीर सामने बैठे लड़के को दिखा रही थी।कभी अपनी नंन्ही चुचियों को उभार कर दिखाती तो कभी अपनी गाँड बाहर निकाल कर दिखाती।

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जैसे जैसे मूवी आगे बढ़ रही थी।ठीक उसी लय के साथ रिया की धड़कने और साँसे चल रही थी।

अपना जिस्म की नुमाइश लड़के के सामने करने के बाद लड़की धीरे धीरे सोफे पर बैठे लड़के की तरफ गई और जाकर उसकी गोद में बैठ गई।
लड़की अभी नई उम्र की थी उसको देखकर ही लग रहा था जैसे वो पहली बार ये एक्सपीरियंस कर रही हो।
लड़के ने उसे गोद में बिठाकर अपने होंठो को उसकी तरफ बढ़ाया और कुछ ही देर में दोनों एक गहरे चुम्बन में डूब गए।

तभी कैमरामैन ने कैमरे को लड़की की चूत की तरफ घुमाया।
उसकी साफ सुथरी चूत एकदम क्लीन थी जैसे आज ही चुदने के लिए उसको साफ किया गया हो चूत की दोनों पुट्टीया आपस में मिली हुई थी जैसे आज तक उसके अंदर एक उंगली भी ना गई हो।
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इतनी क्लीन चूत को देखकर रिया का दिल और चूत भी मचल गई उसके मन में हसरत होने लगी कि काश वो भी इतनी प्यारी चूत को छू कर देख पाती।
मगर अफसोस ये संभव नही था।
पर ये हसरत वो अपनी चूत को छूकर तो पूरी कर ही सकती थी जैसी चूत फ़िल्म वाली लड़की की थी ऐसी तो नही मगर किसी तरह से उससे कम भी नही थी रिया की छोटी सहेली।
फ़िल्म देखते देखते कब उसके हाथ अपने नन्हे अनारो पर चले गए उसको खुद पता नही चला।
अपने नाखूनों से वो अपने निप्पलों को खरोंच रही थी।और बिना पलके झपकाए लैपटॉप की स्क्रीन में चलती फ़िल्म को देखती जा रही थी।
अब फ़िल्म वाली लड़की को का जिस्म पूरी तरह से लड़के की बांहों में झूल रहा था उसके हाथ धीरे धीरे लड़की की शहद-कुप्पी रूपी स्तनों को दबा रहे थे।
और लैपटॉप से लड़की की उत्तेजित आवाज़ भी तेज आने लगी थी।

रिया भी अपने हाथों से अपने स्तनों को मसल रही थी।उसे आज अपने स्तनों को दबाने में अभूतपूर्व सुखद अनुभूति हो रही थी।उसको एहसास हो रहा था जैसे उसके निप्पल भाले की नोक की तरह तन गए हो वो जितना उनको दबाने की कोशिश करती वो उतना ही उभरते जा रहे थे।
अब उसको अपने जिस्म पर कपड़े भारी महसूस हो रहे थे उसका दिल कर रहा था कि इन कपड़ो से जितनी जल्दी आज़ाद हो जाये उतना अच्छा है।
मन में ये खयाल आते ही वो कूद कर बिस्तर से नीचे उतर गई और अपनी पजामी के इलास्टिक में दो उंगलियां फाँस कर उसको नीचे करती चली गई।
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जैसे जैसे पजामी नीचे आ रही थी उसकी दिलकश हसीन बिना बालों वाली गोरी चूत सामने आती जा रही थी।
पजामी निकालते वक़्त उसकी नज़र अपनी छोटी सहेली पर ही टिकी थी।
बालों रहित गोरी चूत को देखकर वो अपनी चूत की तुलना फ़िल्म वाली लड़की की चूत से करने लगी।
अभी पजामी घुटनो से नीचे भी नही आई थी कि उसे किसी के कदमो की आहट अपनी तरफ बढ़ती हुई सुनाई दी।
जिस गति से उसकी पजामी नीचे हुई थी उसकी दुगनी गति से वो वापस ऊपर चढ़ गई।
उसने जल्दी से लैपटॉप में चलती फ़िल्म को पॉज़ किया और उसे मिनीमाइज कर दिया।
तभी हाथ में ट्रे लिए रागनी उसके रूम के दरवाजे पर नज़र आई।
"लो बेटी ये गर्म चाय पियो और कुछ देर आराम करलो और हाँ ये गोली भी खा लेना जल्दी ही तुमको बेहतर महसूस होगा।अब बुखार कैसा है तुम्हारा।"
रागनी अपनी बेटी के माथे पर हाथ रखती हुई बोली।

"कुछ नही है माँ बस मुझे आराम की ज़रूरत है।

"अरे तुमको तो वाकई बहुत तेज़ बुखार है में अभी अमन को बुलाती हूँ वो तुमको डॉक्टर के पास ले जायेगा।"
रागनी चिंतित स्वर में बोली।
अब बेचारी रागनी को कौन बताए ये बुखार डॉक्टर से नही ठीक होगा।
बल्कि उसकी बेटी को अब एक लंबे लंड की ज़रूरत है।एक ऐसा लंड जो उसकी छोटी सहेली को रगड़ कर मस्त कर दे और अपना गर्म पानी उसकी गर्म गुफा में डाल दे।उसके बाद ही ये बुखार उतर सकता है।
अमन का नाम सुनते ही रिया को सारा प्लान चौपट होता महसूस हुआ।
"अरे नही माँ उसकी जरूरत नही है।आपने चाय बना दी है और में गोली भी खा लेती हूँ।शाम को सोकर उठूंगी तो ठीक हो जाऊंगी आप भैया को परेशान नही करो।"
रिया को ज़िंदगी में पहली बार अपनी माँ का साथ भी अच्छा नही लग रहा था वो चाहती थी कि रागनी जल्दी से कमरे से चली जाए।

"ओके बेटा चलो फिर तुम ये दवाई खा लेना पर पहले ये चाय और बिस्किट खा लेना।में चलती हूँ।

रागनी के कमरे से निकलते ही रिया ने अपने कमरे का गेट बंद कर लिया।
अब उसने चेन की सांस ली अब उसको परेशान करने वाला कोई नही था।

वो वापस लैपटॉप की तरफ बढ़ी और फ़िल्म को फिरसे शुरू किया।

फ़िल्म में अब धीरे धीरे लड़का अपने कपड़े निकाल रहा था।
कुछ ही देर में लड़के के शरीर पर अंडरवियर को छोड़कर कोई भी कपड़ा नही था।
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अंडरवेअर के अंदर से भी उसका तना हुआ लंड अपना पूरा आकार प्रदर्शित कर रहा था।
उधर फ़िल्म वाली लड़की की सिसकारी निकली और इधर रिया की आंखों के सामने ये नज़ारा आते ही उसके मुख से भी लंबी आआह निकली।

उसका हाथ अपने आप अपनी पजामी के इलास्टिक पर पहुंच गया और पजामी ने कब उसकी गोरी जांघो का साथ छोड़ दिया उसको खुद भी पता नही चला।

धीरे धीरे उसके सारे कपड़े उसके बदन का साथ छोड़ते जा रहे थे और एक समय ऐसा आया जब रिया पूरी तरह नंगी खड़ी थी उसके नज़रे अब भी लगातार लैपटॉप की स्क्रीन से चिपकी हुई थी।

फ़िल्म में लड़के ने लड़की को इशारा किया वो उसकी तरफ बढ़ी और उसके अंडरवियर को धीरे धीरे नीचे कर दिया लड़के का लंबा लौड़ा झटके के साथ बाहर आ गया अब लड़की और अपनी रिया भी उसके लौड़े को ऐसे देख रही थी जैसे आठवें अजूबे को देख रही हो।

4k अल्ट्रा एच्-डी में चलती फ़िल्म में लौड़े की फूली हुई सारी नसे भी दिख रही थी।

रिया लड़की की चूत की तुलना उस लंड से करने लगी और इस नतीजे पर पहुंची की इतना बड़ा लौड़ा इस लड़की की छोटी सी चूत में किसी भी तरह नही जा पायेगा।

फिर यही तुलना वो अपनी चूत से करने लगी इस तरह की बात दिमाग में आते ही उसकी चूत में चींटिया रेंगने लगी।लेकिन नतीजा फिर भी वही था।
रिया की कलाई से भी मोटा वो लौड़ा तो शायद उसके मुंह में भी ना जा पाए तो फिर चूत में तो शायद ही जायेगा।

वो लहराता हुआ मोटा सांप घुटनो पर बैठी लड़की के चेहरे के ठीक सामने झूल रहा था।

लड़के ने उसको अपने हाथ से पकड़ा और बोला।
"डू यु लाइक इट बेबी।"
लड़की ने सहमति में अपना सिर हिलाया।
"डू यु वांट टू लिक इट बेबी"
लड़की ने अपने हाथों से उसके नाग को थाम लिया और अपने होंठो को उसके मुंड पर चिपका दिया।

इस किर्या से एक आआह लड़के के मुख से बरामद हुई और रिया की भी सीटी बज गई।
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लड़की ने अपनी जीभ से पूरे लंड को चाटना शुरू कर दिया।वो अंडों से लेकर लिंगमुंड तक अपनी जीभ से चाट रही थी।

फ़िल्म की प्रितिकिर्या रिया पर भी सकारात्मक थी।
उसको अपने निप्पल अकड़ते हुए और अपनी छोटी सहेली भीगती हुई महसूस हो रही थी।उसके हाथ धीरे धीरे अपने स्तनों से खिलवाड़ कर रहे थे।
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वो कभी अपने हाथों से अपने स्तनों को दबा रही थी और कभी अपने चूचक को खींच रही थी।तभी फ़िल्म में चलते सीन को देखकर उसके हाथ अपने चुचको पर कसते चले गए।

लड़की ने अपने होंठो को खोल कर लिंगमुंड को अपने होंठो में कैद कर लिया था।

रिया की आंखे फेल गई उसकी ये कला देखकर लड़की के गालों के चीरे को देखकर पता चल रहा था कि उसने अपना मुँह ज़बरदस्ती फैलाया हुआ है मगर फिर भी वो तन्मयता से लंड को अंदर और अंदर लेती जा रही थी।
आधे से ज़्यादा लंड उसके मुख के भीतर घुस चुका था और लड़की की आंखे बाहर निकली हुई थी।
कुछ ही सेकंड में उसने अपने मुँह से लंड को बाहर उगल दिया लंड के बाहर आते ही लड़की खांसने लगी लंड से लड़की का थूक टपक रहा था।

रिया उसकी हिम्मत को सलाम कर रही थी अपने आप को संयत करने के बाद लड़की अपने थूक में चमकते हुए लौड़े को अपने दोनों हाथों से मसलने लगी।
ऐसा प्रतीत होता था जैसे वो थूक को पूरे लंड पर पेंट कर रही हो।उसने फिर से हिम्मत की और सामने झूलते लंड को फिरसे अपने होंठों के हवाले कर दिया।
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अबकी बार लड़की ने दोनों हाथों से लड़के की जांघो को पकड़ रखा था और लड़का अपनी कमर को ऐसे हिला रहा था जैसे वो लड़की के मुंह को चोद रहा हो।
इस बार थूक में चिकना हुआ लौड़ा आसानी से लड़की के मुँह में अंदर बाहर हो रहा था।

कहते है ना प्रेक्टिस मेक परफैक्ट बस उसका जीता जागता उदाहरण था रिया की आंखों के सामने।

लड़की को लॉलीपॉप की तरह लौड़ा चूसते देख रिया का एक हाथ फिसलकर अपनी जांघो के बीच पहुंच चुका था और वो अपने नाखून से अपने भग्नासे को खरोंच रही थी भग्नासे पर रगड़ लगते ही रिया का शरीर झनझना गया।

वो कहते है ना परिस्तिथियों के अनुसार शरीर अपने आप को ढाल लेता है वैसे ही रिया के साथ हो रहा था उसकी चूत ने अपने होंठो को ऐसे खोल लिया था जैसे फ़िल्म में लंड को चिकना रिया को चोदने के लिए किया जा रहा हो।
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जैसे अभी ये लड़की चिकने लौड़े को अपने हाथों से पकड़ कर रिया की चूत पर रखने वाली हो।
रिया लगातार अपनी चूत का मर्दन अपनी उंगलियों से करती जा रही थी।

उधर फ़िल्म में अब लड़के ने लड़की को उठाकर कुछ देर थूक में भीगे लड़की के होंठो को चूसा और फिर आराम से उसको बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर झुक कर उसके नन्हे चूचक को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा।
तने हुए चुचको पर गर्म जीभ लगते ही लड़की सिसकियां लेने लगी उसके मुँह से निकलती आंहे और सिसकारियां रिया के कानों में शहद घोल रही थी रिया उस लड़की की जगह पर अपने आप को लेटा हुआ महसूस कर रही थी।
आहिस्ता आहिस्ता लड़का उसके स्तनों से नीचे की तरफ बढ़ रहा था और अब उसकी आँखों के सामने दुनिया की सबसे खूबसूरत आकृति थी।डबल रोटी के जैसे फूले हुए होंठो के बीच की वो गहरी खाई जिसमे दुनिया का हर मर्द डूबना चाहता है।
लड़के ने पहले दिल भर कर उस गुलाबी कुंवारी चूत को देखा और फिर उसपर अपने होंठो को सजा दिया।
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"ओ माय गॉड सक माय पुसी लाइक देट।।
बस इतने ही शब्द निकले लड़की के मुँह से और उसकी कमर कमान की तरह उठती चली गई।
इस वक़्त लड़की के चेहरे पर बिखरी खुशी देखते ही बनती थी।
इधर रिया के हाथ ने स्पीड पकड़ ली थी।
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रिया को अपनी चूत में कुछ उबलता हुआ महसूस हो रहा था जो बाहर आने के लिए बेताब था।
वो अपनी चूत को ऐसे रगड़ रही थी जैसे अभी इसको रगड़ रगड़ कर इसमें से जिन निकाल देगी।

इधर फ़िल्म में लड़के ने चूत को पूरा अपने थूक से भिगो दिया था उसने अपना चेहरा ऊपर उठाया और लड़की से पूछा।
"डिअर आर यु रेड्डी।"
लड़की ने जवाब में सिर्फ अपनी गर्दन को सहमति में हिलाया।
फ़िल्म में चलती वार्तालाप सुनकर रिया के दिल की धड़कने धौकनी कि तरह चलने लगी आगे क्या होने वाला है।
लड़का लड़की की खुली हुई जांघो के बीच खुद को एडजस्ट करता है पर्याप्त मात्रा में चिकनाई होने के बाद भी लड़की अपने हाथ पर थूक निकाल कर उसको अपनी चूत पर लगाती है।

लड़का उसकी चूत पर अपना लंबा लौड़ा रखता है और उसका केप चूत पर नीचे से ऊपर की तरफ रगड़ने लगता है।
रिया आंखे फाड़े स्क्रीन की तरफ देख रही थी सामने चलता मंज़र देख कर अपनी चूत पर फिसलता उसका हाथ भी रुक गया था और आंखे बाहर आने को तैयार थी।
इतनी छोटी सी चूत में इतना मोटा लौड़ा घुसना उसके हिसाब से इम्पॉसिबल था।
मगर फ़िल्म के पात्रों की मंशा तो शायद यही थी।

लड़के ने अपने लौड़े को बिल्कुल छेंद पर लगाया और एक बार लड़की की आंखों में देखा।
"फ़क मी"
इतना ही बोल पाई थी लड़की की अगले ही पल उसके मुँह से एक लंबी दर्द भरी चीख बरामद हुई।

लड़की की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिलते ही लड़के ने अपनी कमर को चूत की दिशा में धकेल दिया था जिसका परिणाम ये हुआ कि लौड़ा चूत को ककड़ी की तरह चीरता हुआ आधा चूत में घुस गया।
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रिया ने उस लड़की के चेहरे पर सारे ज़माने का दर्द देखा।
इस वक्त रिया को उस लड़के पर इतना गुस्सा आया कि शायद ही उसे अपनी ज़िंदगी में किसी पर इतना गुस्सा आया हो।
चूत में लौड़ा डलवाये लड़की से ज़्यादा इस टाइम रिया ये चाहती थी कि वो जल्दी से उसकी चूत से लौड़े को बाहर निकाल ले।
पर लड़का आराम से आधा लौड़ा चूत में घुसाए लड़की के सुकून से होने का वैट कर रहा था।वो उसकी जांघो पर प्यार से हाथ फेर रहा था।
"रिलेक्स बेबी वी हैव डन।
और उसको दिलासा दे रहा था कभी प्यार से उसके चुचको को मरोड़ता तो कभी निप्पलों को खींचता।

धीरे धीरे लड़की नार्मल होती जा रही थी और कुछ ही देर में लड़की के मुख से कुछ बोल बरामद हुए।
"ओके बेबी नाउ आई फील बेटर फ़क मी बेबी।
लड़की के ये शब्द सुनकर जैसे रिया को झटका लगा।
अभी कुछ मिनट पहले ये लड़की दुनिया भर के दर्द से गुज़र रही थी और ये फिरसे उसी दर्द को झेलने की हामी भर रही थी।

लड़की की चूत में फसा हुआ लड़के का मोटा लौड़ा थोड़ा ढीला हो गया था उसने लड़की की आंखों में देखते हुए अपनी कमर को थोड़ा पीछे किया कैप तक लंड को बाहर निकालकर उसने वापस उसे अंदर की तरफ पुश किया फिर वो बार बार यही किर्या दोहराने लगा।कुछ ही देर की चुदाई से लड़के का लौड़ा फिर से सख्त हो गया।
लड़की की चूत से भी लौड़े की रगड़ से अब पर्याप्त मात्रा में लुब्रिकेंट निकल रहा था जो इस चुदाई को आसान बना रहा था।

रिया के देखते देखते ही अब लड़की भी अपनी कमर उठा कर लड़के का साथ दे रही थी और उसे तेज़ चोदने का अनुरोध कर रही थी धीरे धीरे लंड चूत में अपनी जगह बनाता जा रहा था।
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रिया अपनी आंखें फाड़े देख रही थी अब वो छोटी सी चूत पूरे लौड़े को अपने अंदर जगह दे रही थी।
और लड़की को अब दर्द की जगह मज़ा आ रहा था।
ये मज़े की ही इंतहा थी कि लड़की अब लड़के को गहरे धक्के लगाने की उकसा रही थी।
जैसे ही लड़का अंदर की तरफ धक्का लगाता लड़की भी अपनी चूत को लंड की तरफ धकेलती।
चूत और लंड के मिलान से लड़की की चूत के होंठो पर काफी ज्यादा क्रीम इखट्टा हो गई थी।

तभी लड़के ने चूत से लंड को बाहर निकाल लिया।
लड़की अजीब नज़रों से उसकी तरफ देखने लगी।
लड़के ने उसको कुतिया बनने को कहा लड़की ने तुरंत उसकी आज्ञा का पालन किया और बिस्तर पर कुतिया की तरह झुक गई।

अब लड़का उसके पीछे आया और उसकी कमर पर हाथ लगाकर उसकी कमर को नीचे की तरफ दबाया।
कमर के नीचे दबते ही लड़की की गाँड पूरी तरह से बाहर निकल आई।
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और साथ ही उसकी चूत के सुजे हुए होंठ भी दिखने लगे वाकई लड़की की चूत में कुछ तो बात थी कि रिया के मुंह में भी उसको देखकर पानी आ रहा था।
अब रिया चुदाई के दूसरे चेप्टर से परिचित होने वाली थी।
लड़के ने नीचे झुक कर अपनी जीभ को उसकी नाज़ुक चूत पर नीचे से ऊपर की तरफ चाट लिया फिर दुबारा उसने ऐसे ही किया इस बार उसकी जीभ गांड के छल्ले को भी चाट गई।
गाँड के छल्ले पर जीभ की नोक लगते ही लड़की के साथ रिया के मुंह से भी सिसकी निकली।
उसकी समझ में नही आ रहा था कि कोई गाँड को भी चाट सकता है।पर यंहा तो सबकुछ उसकी आँखों के सामने हो रहा था।
कुछ देर तक लड़का लड़की की चूत और गाँड को चाटता रहा फिर उसने अपने लौड़े को चूत के होंठो पर लगाया और एक करारा झटका दिया लंड के अंदर घुसते हि चूत के होंठ खुलते चले गए।

लड़के ने अपने हाथों से गाँड को पकड़ा और फिर चूत में लंड का आवागमन निर्बाध रूप से होने लगा
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इतनी बेदर्दी से चूत को चुदता हुआ देखकर रिया का हाथ अपनी चूत को पर फिसलता जा रहा था।
ऐसा लगता था जैसे रिया की चूत की टंकी खराब हो गई थी उससे लगातार पानी टपक रहा था।
उसके अंदर का लावा उबलने लगा था।
इधर फ़िल्म में लड़का अपना मुँह ऊपर उठाएं लगातार लड़की को चोदता जा रहा था उसकी स्पीड को देखकर उसके चरम पर पहुंचने का अंदाज़ा हो रहा था।
कुछ और तेज़ झटके मारकर लड़के ने अपने लौड़े को चूत से बाहर खींच कर अपने हाथ से पकड़ लिया इतनी देर में लड़की भी पलट कर बैठ गई और लंड के सामने अपना मुँह खोल दिया।
रिया की समझ नही आ रहा था कि ये क्या करने वाले है।पर कुछ ही पलों में उसकी आंखें चौड़ी होती चली गई।
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लड़के के लंड से निकलने वाला वीर्ये लड़की बड़े चाव से चाटती जा रही थी।
इतना कामुकता भरा दृश्ये रिया की चूत भी बर्दाश्त ना कर पाई और भलभला कर झड़ती चली गई रिया ने पूरी ताकत से अपनी चूत को अपनी मुट्ठी में कस लिया था रह रह कर उसका जिस्म झटके खा रहा था।
वो जैसे बैठी थी वैसे ही पीछे को लुढ़कती चली गई।
Nice update
 

Sanju@

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कुछ ही मिनट की मेहनत में कामनी की चूत ने अपने
भतीजे के पूरे लौड़े को अपने अंदर जगह देदी।
अब कामनी की जाँघे खुलती चली गई और अमन को अपनी बुआ को चोदने के लिए जगह मिलती चली गई।

अब आगे-

यंहा से आगे की राहे कामनी के लिए आसान हो जानी थी।
वैसे तो कामनी के पति ने भी उसको काफी चोदा था पर एक तो उसके पति का लौड़ा अमन के सामने आधा था दूसरा पति की मौत के बाद कामनी ने अपनी चूत में उंगली तक नही जाने दी थी इस लिए उसकी चूत वापस टाइट हो गई थी।
इस लिए कामनी को अपने भतीजे को अपनी चूत में जगह देने में टाइम लग रहा था।

पर वो अच्छी तरह जानती थी कि एक बार लंड ने अपनी जगह बना ली तो फिर मज़े ही मज़े है।
और वो वक़्त आ गया था जिसका कामनी को इंतज़ार था अपने भतीजे के लंबे लौड़े को कामनी की चूत पूरा निगल गई थी।
अब अमन का ट्रक रूपी लौड़ा कामनी की चिकनी सड़क पर सरपट दौड़ना था।

अमन ने अपनी कमर को आगे पीछे करके अपनी बुआ को चोदना शुरू कर दिया था।

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कामनी की डबल रोटी की तरह फुली हुई चूत में अब अमन का लौड़ा फ़स फ़स कर अंदर बाहर हो रहा था।
अपनी चूत को अपने भतीजे के लंड से भरा हुआ महसूस करके कामनी निहाल हो गई थी।
सोफे पर बैठी गोरी कामनी के चेहरे पर आई लालिमा को देख उसके मज़े का अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रही थी।
पर नादान ये नही जानती थी इस सुख का अंदाज़ा तो तभी होता है जब अपनी ख़ुद की चूत में एक मोटा लंबा लौड़ा घुसा हो और बेरहमी से अंदर बाहर होकर चूत का मर्दन कर रहा हो।
पर कमसिन कली के लिए अपने सामने होते मर्द-औरत के इस असीम सुख वाले मिलन की साक्षी बनना भी किस्मत की बात थी।

अमन बड़ी लगन से अपनी बुआ की चूत को चौद रहा था कामनी से अब अपनी खुशी को छिपाना मुश्किल था।

जैसे ही अमन ने अपने लौड़े को टोप्ले तक बाहर खींच कर अंदर की तरफ एक करारा झटका दिया
कामनी की खुशी एक लंबी आआह के साथ उसके मुँह से निकली।

आआह अमन उईईईई आआह ऐसे ही ज़ोर से उईईईई चोदो मुझे आआह सीईईई मेरे ला लाल।

अपनी बुआ के मुख से निकलती ये सिस्कारिया अमन के शरीर में बह रहे लहू को गरम करती जा रही थी।
उसका लौड़ा अपनी कठोरता बढ़ाता जा रहा था और अपने रास्ते को लंबा और लंबा करता जा रहा था।
जब अमन अपने लौड़े को बुआ की चूत में अंदर की तरफ दबाता तो कामनी की चूत के होंठ भी लंड के साथ अंदर की तरफ दबते और जब अमन उसको बाहर की तरफ खींचता तो चूत के अंदर का गुलाबी हिस्सा भी बाहर की तरफ खींचता।

इस दृश्य से पता चलता था कि कामनी की चूत ने किस तरह अपने भतीजे के लौड़े को अपने आलिंगन में कस रखा था।

लगातार धक्के लगाते अमन का लौड़ा पुक की आवाज़ के साथ कामनी की चूत से बाहर आ गया और जैसे ही अमन ने अपनी कमर को आगे की तरफ दबाया चूत के होंठो पर फैली क्रीम पर लौड़ा फिसलता हुआ कामनी के भग्नासे को रगड़ता चला गया।
अमन ने अपनी कमर को रोक कर कामनी की आंखों में देखा उसे अपनी बुआ की आंखों में चूत से लौड़ा बाहर निकलने की नाराज़गी साफ दिखाई देती थी और उससे भी ज़्यादा लौड़े को वापस चूत में डाल देने के लिए आग्रह पर अमन अपनी कमर को बिना हिलाय अपने लौड़े को ऐसे ही चूत के ऊपर रखे अभी भी कामनी की आंखों में देख रहा था।

वो देखना चाहता था कि उसकी बुआ कुछ बोलती है या नही।
अपनी चूत का खालीपन ज़्यादा देर बर्दाश्त नही कर पाई कामनी और गिड़गिड़ाती हुई अपने भतीजे से लौड़े को वापस चूत के अंदर करने के लिए आग्रह करने लगी।

"आआह अमन मेरे बेटे बुआ अब और बर्दाश्त नही कर सकती प्लीज् इसको वापस अंदर कर दे।

"क्या अंदर करदूँ बुआ

अमन मस्ती के मूड में आ गया था।
वो कामनी को थोड़ा और परेशान करना चाहता था।

"अपना वो अंदर कर दे बेटा क्यों परेशान कर रहा है।

"ऐसे नही मेरी प्यारी बुआ पहले बताओ क्या अंदर कर दु।
जब तक बोलोगी नही मुझे कैसे पता चलेगा।"

"बदमाश तू ऐसे नही मानेगा ना।

"बिल्कुल नही बुआ।

"अपनी बुआ को भी अपने जैसा गंदा बनाना चाहता है बदमाश।
अपना वो वो ल ल लंड अंदर कर दे।"

"हाय मेरी प्यारी बुआ कँहा अंदर करना है।

"बदमाश मेरी चु चु चूत में अपना लौड़ा भर दो।
अब खुश चलो अब देर मत करो मेरे से और सबर नही होता।

अपनी बुआ की पुकार को अमन नज़रंदाज़ ना कर सका उसने अपने लौड़े को पीछे खींचा और टोप्ले को छेंद का अंदाज़ा होते ही अमन का लौड़ा कामनी की गदराई गीली चूत को खोलता हुआ पूरा अंदर।

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"सीईईई मेरे लाल आआह चीर दिया मेरी चूत को तेरे मोटे लंड ने आआह आआह रगड़ कर चोद मेरी चूत को।
कामनी की चूत ने अपने आप को अपने ही पानी में पूरा भिगो लिया था अब अमन का लौड़ा अपनी बुआ की चूत में ऐसे घुस रहा था जैसे मख्खन में छुरी।

"आआह आआह चोद चोद मेरे लाल चोद मेरी चूत आआह अमन अपनी बुआ को गाली दे बेटा आआह मेरा होने वाला है आआह सीईईई ऊईईई माँ।

कामनी को अपनी चूत में फुलझड़ीया छूटती महसूस हो रही थी अपने भतीजे के लंबे लौड़े के मर्दन के सामने काफी जल्दी हार मान गई कामनी। उसकी कमर कमान की तरह उठती चली गई कामनी ने अपने पैरों की कैची को अमन की कमर के गिर्द बांध कर अपनी तरफ ज़ोर लगाया झड़ते हुए वो अमन के पूरे लौड़े से अपनी चूत को भर लेना चाहती थी।

अपनी बुआ की हरकतों को देखकर
अमन की समझ में आ गया था कि उसको क्या करना है।

वो कामनी बुआ की चूत में गहरे धक्के लगाने लगा बस कामनी भी ये ही तो चाहती थी अब हर धक्के में अमन का लौड़ा सीधा कामनी बुआ के गर्भाशय पर चोट कर रहा था।

अमन के झटकों में कामनी की चूत से फच फच की आवाज़ आने लगी।
आखिर कामनी ने लौड़े कक चूत की गहराई में उतारकर उसको अपनी चूत के पानी से भिगोने लगी।
जब कामनी झड़ रही थी उसकी चूत में संकुचन होने लगा लगता था जैसे उसकी चूत लौड़े से भी अपना पानी बहाने का आग्रह कर रही थी।

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अमन ने अपनी बुआ के उन्नत उरोज़ो को दबाते हुए फिरसे अपने लौड़े से अपनी बुआ की चूत का चोदन शुरू कर दिया।

चूत का पानी निकल जाने के कारण अब अमन का मोटा मिसाइल बड़े आराम से चूत में अंदर बाहर हो रहा था।

पर अब कामनी से अपनी चूत में होती गुदगुदी बर्दाश्त करना मुश्किल था।

"अमन मेरे लाल थोड़ी देर रुक जा मर जायगी तेरी बुआ आआह सीईईई माँ आआह बचा लो मुझे।

पर अमन इस वक़्त पीक पर था उसका लौड़ा लोहे की तरह सख्त हुआ पड़ा था।

सोफे पर बेठी गोरी से कामनी की हालत देखी नही गई वो अपनी जगह से खड़ी होकर चुदाई करते बुआ भतीजे की तरफ बढ़ी और पास जाकर अमन के लौड़े को पकड़ कर कामनी की चूत से बाहर निकाल कर अपने होंठो के हवाले कर दिया।

अमन ने आंव देखा ना तांव जैसे ही लिंगमुंड गोरी के होंठो में गया अमन ने करारा झटका मारा लौड़ा गोरी के मुँह को चीरता हुआ आधे से ज़्यादा अंदर चला गया।

गोरी की आंखे बाहर को उबल पड़ी उसको अमन से ऐसा करने की बिल्कुल भी अपेक्षा ना थी पर बेचारी कमसिन कन्या कामनी को बचाने के चक्कर में अपना मुँह फड़वा बैठी।
उसके फैले होंठो के दोनों कोनो से हल्का खून छलकने लगा पर अमन को बिल्कुल तरस ना आया उसने पीछे से गोरी के बालों को पकड़ा और एक के बाद एक गहरे धक्के लगाने लगा 4 ही झटकों मैं लौड़ा गोरी के गले तक उतर गया अब गोरी की हालत और भी खराब होने लगी।

कामनी ने जैसे ही अपने भतीजे के अंदर आये जानवर को देखा वो एकदम दौड़कर उसके पास पहुंची और अमन को धक्का मारकर बिस्तर पर गिरा दिया।
अमन को जब तक सम्हलने का मौका मिलता वो बिस्तर पर पड़ा था।

लौड़े के मुँह से बाहर निकलते ही गोरी खांसने लगी उसके मुँह से लार और खून टपक रहा था।एओ लंबी लंबी सांस ले रही थी।

कामनी उसकी कमर को थपकने लगी।
"कुछ नही हुआ गोरी शांत हो जाओ बस बस बच्ची कामनी ने मेज़ पर रखा गुलाबजल उठाकर उसके होंठो के साइड में लगाया।
खून छलकना अब बंद हो गया था पर गोरी को अपना मुँह चीरा हुआ महसूस हो रहा था।
उसकी आँखों से आँसू टपकने लगे।
कामनी ने उसे गले से लगा लिया।
"बस बस मेरी बच्ची कुछ नही हुआ खामोश हो जाओ।
और तुम जानवर बन गए हो कुछ पता भी है क्या कर रहे हो गोरी की जान भी जा सकती थी।

होश आने पर अमन को अपने किये पर बहुत पछतावा हो रहा था उसकी खुद समझ नही आ रहा था कि उसको आखिर हुआ क्या था।
उसको ऐसा महसूस हो रहा था जैसे कोई शक्ति उसका शरीर छोड़ गई हो।
पर शांत रहने वाला ये लड़का इतना उग्र कैसे हो गया था इसका कामनी को भी अचंभा हो रहा था।

पर अमन के पास अपनी सफाई के लिए कहने को कुछ नही था वो खुद अपने आप को मुजरिम समझ रहा था।उसको पता था कि अभी थोड़ी देर पहले वो किसी खूंखार जानवर की तरह व्यवहार कर रहा था।
उसके इस व्यवहार से एक कच्ची कली को अपने पहले ओरल सेक्स में काफी चोट आई थी।

अमन बिस्तर से उठा और खड़ा होकर गोरी की तरफ देखने लगा।गोरी अभी भी सुबक रही थी।
अमन की आंखों से आँसू टपकने लगे और उसने गोरी के आगे माफी वाले अंदाज़ में अपने हाथ जोड़ लिए।

"गोरी मु मु मुझे माफ़ करदो पता नही मुझे क्या हो गया था सब मेरी गलती है तुम जो भी सज़ा दोगी मुझे कुबूल है।

गोरी ने अमन की तरफ देखा और अभी कुछ देर पहले पागल कुत्ते की तरह उसको भमोड़ने वाला इंसान इस वक़्त इतना मासूम और शर्मिंदा था जैसे उस जैसे इंसान से ये कुकर्म हो ही नही सकता।

गोरी की नज़र जैसे ही उसकी आँखों में देखकर नीचे की तरफ आई उसके चेहरे के हाव भाव बदल गए उसने कामनी का ध्यान उस तरफ दिलाया।
सामने का नज़ारा देख कामनी का मुँह भी खुल गया।


सामने खड़े अमन के झूलते हुए लंड से खून टपक रहा था और और उसका लिंग जगह जगह से छिल गया था शायद जब वो अपने लौड़े को जानवर की तरह गोरी के मुँह में ठूस रहा था तब गोरी के दांतों से लंड छिल गया था।

"अमन मेरे लाल ये क्या हुआ।

पर अमन तो जैसे इस दुनिया में ही नही था वो लगातार गोरी से माफी मांग रहा था और रो रहा था।
कामनी ने गोरी की तरफ देखा पर गोरी की आंखों में उसे अमन के लिए नफरत नज़र आई।

"देखो गोरी ये कुछ और ही मामला लगता है मुझे उसने सिर्फ तुमको नही बल्कि अपने आप को भी तकलीफ दी है और देखो किस तरह तुमसे माफी मांग रहा है जैसे उसे अपनी गलती का एहसास हो प्लीज् बच्ची उसको माफ करदो।
इसके बारे में हम आराम से बात करेंगे फिलहाल इसके अंग की ड्रेसिंग करनी ज़रूरी है।

"ठीक है मैडम आप की वजह से में माफ कर रही हूँ।

गोरी को भी मामला कुछ और ही लग रहा था।

कामनी ने गोरी को बिस्तर पर बैठाया और अमन गुलाब जल से तोलिये को भिगो कर अमन के लिंग को साफ करने लगी।

अपने लिंग पर तोलिये का कपड़ा लगने से अमन को दर्द होने लगा।
लिंग को पूरा साफ करके कामनी ने पूरे लिंग पर कोल्ड क्रीम लगा दी।

अमन अब भी गोरी की तरफ देख रहा था और आंखों आंखों में उससे माफी मांग रहा था।

तीनो लोग अब कपड़े पहन चुके थे।

कामनी ने गोरी को फिरसे नहलाया और उसको आराम करने को बोलकर अमन के साथ नीचे पार्लर में जाने लगी।

पर अमन से चला नही जा रहा था उसके लिंग में काफी दर्द हो रहा था जैसे तैसे दोनों अपनी कार में आ गए।
रास्ते में कामनी ने कार को मेडिकल स्टोर के सामने रुकवाया और कुछ दवाइया लेकर कार घर की तरफ दौड़ने लगी।
Bahut hi behtarin update hai
 

Sanju@

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चलो दोस्तो थोड़ा कोमल को भी देख लेते है वो क्या कर रही है।

अपनी दोस्त सुनीता के घर ना जाकर कोमल हमेशा की तरह बस स्टॉप पर खड़ी बस का इंतज़ार कर रही थी।
पर उसके दिमाग में सुनीता की बाते घूम रही थी सुनीता उसे कुछ बताना चाहती थी पर अमन के बारे में बोलकर उसने फालतू का झगड़ा कर लिया।
पर कोमल को अब लग रहा था अमन कोई बच्चा नही है उसे भी अपनी ज़िंदगी जीने का हक है वो अच्छे बुरे की समझ रखता है तो उसे अमन के बारे में इतना नही सोचना चाहिए।
पर पता नही सुनीता जैसी लूस करेक्टर लड़की के मुंह से उसे अपने भाई का नाम लेना भी बुरा लगता था।उसे समझ नही आता था कि वो अमन के लिए ज़रूरत से ज़्यादा पोसेसिव क्यों हो जाती थी।
उनके बीच कुछ भी तो नही था एक भाई बहन के अलावा।
पर फिर सोचती की शायद उम्र में अमन से बड़ी होने के कारण वो उसकी ज़्यादा केअर करती है।
इस लड़ाई के चक्कर में सुनीता बता नही पाई आखिर क्या थी ऐसी बात जो उसकी ज़ुबान तक तो आ गई थी पर अभी वो शायद वो बताने के लिए कम्फर्ट नही थी।

क्या इस लिए सुनीता उसको अपने साथ अपने घर ले जाना चाहती थी?
"हाँ शायद" पर अब तो उसने उसके साथ जाने से मना कर दिया था और सुनीता अब शायद घर के लिए निकल भी गई थी।

तभी दूर से कोमल को बस आती दिखी उसने अपने दिमाग में चल रहे सवाल जवाब को निकाला और बस के करीब आने का इंतज़ार करने लगी।

हमेशा की तरह स्टॉप पर खड़ी सभी सवारियों ने आगे बढ़ना शुरू कर दिया क्योंकि अपने गंतव्य की तरफ हर कोई जल्दी पहुँचना चाहता था इस लिए सब पहले बस में चढ़ जाना चाहते थे।
कुछ लोग तो इस नियत से रॉड तक आ जाते थे कि उनको सीट मिल जायेगी जबकि कई बार ऐसा होता था कि सभी सीटों पर पहले से लोग बैठे होते थे।

पर अपनी कोमल की सोच इन सब से अलग थी।
बस में लोगो के बीच फ़स कर खड़े खड़े सफर करना उसके सबसे पसंदीदा कामो से एक था इस लिए वो जंहा खड़ी थी आराम से खड़ी रही तभी बस सीधी स्टॉप पर आकर रुकी और धक्का मुक्की करके लोग उसमे चढ़ने उतरने लगे तभी कोमल भी इस भीड़ मैं घुस गई और बस में चढ़ने की कोशिश करने लगी।

चारो तरफ से उसका गदराया शरीर लोगो के बीच भींचा हुआ था तभी कोमल ने हाथ बढ़ाकर गेट पर लगा हैंडल थाम लिया तभी उसको महसूस हुआ कि किसी के दोनों हाथों ने उसकी मदमस्त गाँड को सहारा दिया है और ये हाथ सिर्फ ऊपर चढ़ने में मदद के लिए नही थे बल्कि दोनों चूतड़ों को कस कर भींचे हुए थे।
कोई देखता तो ऐसा लगता के कोमल को बस में चढ़ाने के लिए उसकी मदद की जा रही है पर ये उपकार करने वाला जो भी था वो कोमल की मस्तानी गाँड को मस्ती से नाप रहा था अब उसका हाथ सीधा गाँड की दरार का नाप लेने की कोशिश कर रहा था।

तभी आगे से लोग ऊपर खिसके और कोमल को ऊपर चढ़ने की जगह मिल गई पर ऊपर चढ़ते ही उसने गर्दन घूमा कर अपने ऊपर मेहरबानी करने वाले इंसान को देख लिया।
हल्की बढ़ी शेव में एक औसत उम्र का आदमी था पर उसके चेहरे पर जगह जगह कट के निशान थे जिनको देखकर उसके गुंडा या मवाली होने का शक होता था उसने ऊपर जिस्म पर ऊपर सफेद शर्ट और नीचे लोवर पहना हुआ था लोवर का सामने का हिस्सा काफी फूला हुआ था जिससे एहसास होता था कि इस इंसान के पास हथियार के नाम पर हैंड-गन नही ऎ-के-47 है।
कोमल के पीछे वो अपने गंदे दाँत दिखाता हुआ बस में अंदर की तरफ बढ़ने लगा पर उसने कोमल से आगे जाने की कोशिश नही की।

फिर थोड़ी देर तक लोग बस में चढ़ते रहे और कुछ ही देर बाद बस में एक सुई रखने की भी जगह नही बची।
वो खूंखार सा दिखने वाला इंसान बिल्कुल कोमल के पीछे चिपका हुआ था।
हां जगह ना होने के कारण वो बिल्कुल कोमल से चिपक कर खड़ा था।
आज कोमल का पहली बार दिल घबरा रहा था।
आज तक उसको बस में मस्ती करने वाले सिर्फ नई उम्र के लड़के ही मिलते थे कभी कभी बढ़ी उम्र के भी आदमी उसकी नाप झोंक कर लेते थे।
पर आज उसके पीछे जो इंसान खड़ा था वो कोई आम इंसान नही था।
धीरे धीरे बस ने स्पीड पकड़नी शुरू की हल्के हल्के झटकों के साथ बस बार बार ब्रेक लगाती हुई आगे बढ़ने लगी जैसे ही ब्रेक लगता कोमल को अपनी गाँड पर भारी हथोड़े की जैसी चोट का एहसास होता।
कुछ ही दूरी तय करने पर कोमल को ये एहसास तो हो गया था कि पीछे खड़े इंसान के पास कोई आम हथियार नही है अब तक बस में धक्के खाते हुए उसने जितने भी लोड़ो को अपनी गाँड पर फील किया था वो सब इसके सामने बच्चे लग रहे थे।
अपनी गाँड पर इतने मज़बूत हथियार को फील करके कोमल को ठरक चढ़ने लगी।
उसके दिमाग में कुछ दिन पहले हुआ हादसा घूमने लगा जब एक स्कूल के लड़के ने भीड़ का फायदा उठाकर अपनी पेंट की चैन से लौड़ा बाहर निकालकर कोमल के हाथ में पकड़ा दिया था।
और अगले स्टॉप आने तक उसने कोमल के हाथ को अपने लौड़े की क्रीम से पूरा भिगो दिया था।
कोमल आज भी अपनी गाँड में चुभते इस खतरनाक हथियार को अपने हाथों में फील करना चाहती थी।
वो देखना चाहती थी कि क्या सभी लंड एक समान होते है या आज जो भारी सी चीज उसकी गाँड की दरार को कुरेद रही है वो उनसब से अलग है जो आज तक उसने महसूस किए है।

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जैसे ही पीछे खड़े आदमी ने अपनी कमर को थोड़ा आगे खिसकाया कोमल की ठरक ने भी उसे अपने चूतड़ पीछे दबाने की मजबूर कर दिया।
अब गाँड और लंड के बीच सिर्फ दो बारीक से कपड़े ही बचे थे।
नही तो लौड़ा कोमल की गाँड की दरार में घुस चुका होता।
हालांकि दोनों ही जानते थे कि बिना कपड़ों को हटाए लौड़े का गाँड में घुसना लगभग असंभव ही था पर अपनी अपनी ठरक के आगे मजबूर होकर दोनों ही कोशिश बराबर कर रहे थे।

तभी कोमल के दिमाग में बत्ती जली उसने अपने हाथ को ऐसे पीछे किया कि लोगो को लगे कि उसके पिछवाड़े में खारिश आई है और उसे खुजाना है।
वो अपने हाथ को सीधा अपने पिछवाड़े की दरार में ले गई।
कोमल के हाथ को पीछे आता देख कर पीछे खड़ा इंसान शायद थोड़ा डर गया और उसने अपनी कमर को पीछे करके लौड़े को गाँड से दूर कर लिया।
कोमल ने अपनी उंगलियों को अपनी गाँड की दरार में डाला और खुजलाने लगी।
पीछे खड़ा हुआ शख्स सब देख तो रहा था पर उसकी हिम्मत ना हुई आगे बढ़ने की आखिर जब वो आगे नही हुआ तो कोमल को ही पीछे होना पड़ा।
अपनी गाँड को थोड़ा सा पीछे करते ही उसे अपने हाथ पर पीछे की तरफ एक सख्त सी चीज लगने का एहसास हुआ।
अपनी गाँड की दरार से हाथ निकालकर कोमल ने अपने हाथ से सीधा उस खतरनाक सी चीज़ को पकड़ लिया।
लड़का एकदम घबरा गया कि शायद अब आगे खड़ी लड़की चीख चीख कर सबको बता देगी की वो उसके साथ बदतमीज़ी कर रहा है।
और फिर उसकी आँखों ने एक छोटा सा सपना देखा कि बस में खड़ा हर इंसान उसको घूर रहा है और कुछ ही देर में उसपर थप्पड़ और लातों की बारिश सी हो गई।
पर उसका सपना जल्दी ही टूट गया जब आगे खड़ी लड़की ने उसके लौड़े को टटोलना शुरू किया।
उसके मुरझाते हुए लौड़े में फिरसे हवा भरने लगी10 सेकंड भी नही बीते होंगे कि वो फिरसे अपने विकराल रूप में आ गया कोमल अपने हाथ से उसकी पूरी नाप जोख ले रही थी।कुछ ही सेकंड में कोमल को एहसास हो गया कि उसके हाथ में आज छोटी मोटी नुंनी नही बल्कि लौड़ा कहलाने लायक एक मजबूत चीज़ थी।
आज तक नापे हुए सारे लौड़े उसको इसके सामने नुंनी लग रहे थे।
कोमल उसको जड़ से मुंड तक पूरा नाप रही थी
उसे यकीन नही हो रहा था कि उसके हाथ में जो चीज़ है वो पुरुष जननांग ही है।
कोमल ने अपने चेहरे को उठाकर पीछे खड़े लड़के को पास आने का इशारा किया।
कोमल का इशारा समझ कर वो अपने चेहरे को कोमल के चेहरे के करीब लाया।
कोमल बड़े धीमे से उसके कान में फुसफुसाई।

"बाहर निकालो।"
हाँ बस इतना ही बोल पाई कोमल।

जवाब में लड़के ने भी कोमल की तरह उसके कान में सरगोशी की।
"स्टॉप आने वाला है वो निकलने के बाद।
कोमल फिरसे आगे की तरफ देखने लगी पर हाथ उसका अभी भी लौड़े को पकड़े था जैसे बैलेंस बनाने के लिए लोग बसों में खड़े पाइप को पकड़ लेते है ठीक वैसे ही कोमल ने पीछे खड़ा पाइप पकड़ कर बैलेंस बना रखा था।
कोमल के कोमल हाथों का स्पर्श पाकर लड़के का लंड और भी लंबा और मोटा होता जा रहा था।

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कोमल के चेहरे को आगे करते ही लड़के ने अपने हाथ को कोमल की गाँड की दरार पर रख दिया और ऐसे खुजाने लगा जैसे कोमल अभी थोड़ी देर पहले खुजला रही थी।
अपनी गाँड की दरार में अनजान व्यक्ति की उंगलियां लगते ही कोमल के हाथों में समाय हथियार ने झटका लिया जिसे कोमल ने भी महसूस किया।
उसने अपनी कमर को थोड़ा फोल्ड करके अपनी गाँड को और फैला लिया ताकि पीछे खड़े लड़के को कोई परेशानी ना हो और उसकी उंगलियां गाँड के छल्ले तक आसानी से जा सके।
और ऐसा ही हुआ जैसे ही लड़के ने कोमल को कम्फर्ट होते देखा उसने अपने हाथ को जांघो के बीच से निकालते हुए आगे करके सीधा चूत पर रख दिया अब कोमल की गदराई चूत उसकी मुठ्ठी में थी।
कोमल को उसके सख्त हाथ से चूत को पकड़वा कर इतना मज़ा आया कि वो बस की जगह कंही अकेले में होती तो एक लंबी किलकारी मारती मगर यंहा उसको अपनी किलकारियो को अपने हलक में ही घोटना पड़ा।
अभी लड़के का हाथ चूत पर आया ही था कि बस में ब्रेक लगने शुरू हो गए उसने अपने हाथ को वापस खींच लिया पर कोमल अब भी लौड़ा छोड़ने को तैयार न थी।जब उसके पास की सीट से एक महिला खड़ी हुई तब जाकर उसने लंड से हाथ हटाया।
तभी पास खड़ा लड़का बोल पड़ा।
" बैठ जाओ दीदी।"
कोमल का बिल्कुल भी बैठने का मन नही था।
"नही भाई साब आप बैठ जाइये।
तभी पास बैठे अंकल बोल उठे।
"अरे बैठ जाओ बेटी खड़े खड़े थक जाओगी।"
कोमल को गुस्सा आ रहा था पर वो फालतू में अपने उपर किसी की शक नही करवाना चाहती थी।
इसलिए लड़के को घूरते हुए बैठ गई।
उसके दिल के अरमान एक ही सेकंड में आंसुओ में बह गए कितना ज़बरदस्त पौरुष अंग उसके हाथ में आने वाला था कुछ ही मिनट में मगर सब गुड़-गोबर हो गया "कमीना कंही का खुद नही बैठ सकता था"
ऐसी ही तमाम गालियां अपने मन में लड़के को देती हुई कोमल बैठ गई।

तभी बस में पीछे तीखी नोक जोख सुनाई दी।

"भाई साहब में अपने लिए थोड़ी ही बोल रहा हूं।पत्नी प्रग्नेंट है इसलिए बोल रहा हूँ।

"भाई फिर इसको बस में लेकर ही क्यों आये अपनी गाड़ी से आ जाते।

पीछे होती मच मच से कोमल सारा माजरा समझ गई वो अपनी सीट से खड़ी होकर बोली।

"दीदी ओ दीदी यंहा आ जाओ सीट खाली है।

प्रेग्नेंट लड़की धीरे धीरे आगे आई और कोमल का धन्यवाद करती हुई सीट पर बैठ गई।

एक तीर से दो शिकार कर लिए अपनी हीरोइन ने।




अगला अपडेट आपकी प्रितिकिर्या के बाद।
Fabulous Mind Blowing Updated... 🔥
 

Rajm1990

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