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Incest बाली उमर के कच्चे निम्बू।

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Update plzzzzz
 

Hard dude

Tere bin kuch nahi
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अमन को समझ नही आया कि लड़की ने हनीमून ही कहा था या उसको धोखा लगा है,पर जब से कोमल ने बात करनी शुरू की थी वो बस खामोश होकर अपनी बहन के पीछे पीछे चल रहा था।कोमल को चाभी देकर वो लड़की चली गई कोमल ने चाबी से रूम को अनलॉक किया और अमन को अंदर चलने का इशारा किया,अमन जैसे ही अंदर गया उसकी आंखें चौड़ी हो गई उसके दिमाग में रिसेप्शन पर खड़ी लड़की की आवाज़ गूंजने लगी"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"।

अब आगे-

ये कमरा नए शादीशुदा जोड़ो के लिए था जो एक हनीमून सुईट था,चारो तरफ मद्धम रोशनी बिखरी थी,ताज़े फ़ूलो की महक कमरे में चारो और आ रही थी,अमन अंदर बढ़ता जा रहा था बिल्कुल सामने की तरफ एक किंग साइज बेड लगा था जिसपर सफेद चादर बिछी थी और चादर के ऊपर तरह-तरह के ताज़े फ़ूलो से दिल के आकार का एक बड़ा सा डिज़ाइन बना हुआ था जिसके अंदर अंग्रेज़ी वर्णमाला के दो अक्षर लिखे थे A/K कमरे को देख जंहा अमन हतप्रभ था वंही उसकी बड़ी बहन काफी खुश थी क्योंकि उसने रिसेप्शन वाली लड़की से जैसे बोला था उसने बिल्कुल वैसा ही काम किया था।

अमन कभी रूम में चारो तरफ और कभी अपनी दीदी की तरफ देख रहा था पर वो बोल कुछ नही रहा था,कोमल ने आखिर खामोशी को तोड़ा और अपने छोटे भाई की तरफ देख कर बोली।

"क्यों तुमको वो टेस्ट नही करना क्या जो कार में मांग रहे थे
उसके लिए ही तो है ये सब,बोलो करना चाहते हो ना दोबारा उसको टेस्ट।

"अमेज़िंग दीदी यु आर सच आ क्यूटी।ऑफकोर्स वो स्वाद में दोबारा ज़रूर लेना चाहूँगा।

"सच में मेरे भाई को वो स्वाद इतना पसंद आया बताओ ज़रा कैसा था वो।

"कुछ कुछ खट्टा कुछ कसैला सा कुछ चिकना,पर दीदी ये तो बताओ आखिर वो था क्या।

"बता दूँगी पर अभी नही अभी ये बताओ कि तुम्हारे छोटे सिपाही के क्या हालत है।

"कुछ खास नही,देख सकती हो आप दीदी अभी भी पैंट के अंदर से भी साफ नजर आ रहा है।

"अच्छा जी ज़रा इसको बाहर निकालो अभी इसकी अकड़ निकालती हूँ।

"कैसे निकालोगी दीदी इसकी अकड़।

"अपने हाथ से तुमने ही तो बोला था ना हाथ से मसलने पर ये अकड़ना कम कर देगा।

"अकड़ना तो कम कर देगा पर पूरी तरह नही।

"पूरी तरह कैसे खत्म होगी इसकी अकड़ मेरे गन्दू भइय्या,तुम्हारी बड़ी बहन अपने भाई को सुकून देने के लिए कुछ भी कर सकती है।

"कुछ भी।
अमन ने आंखे छोटी करके पूछा।

"हाँ मेरे गन्दू भइय्या कुछ भी।
कोमल ने अपनी गुदाज़ छातियों को तान कर कहा।

"नही नही तुम "कुछ भी" नही कर पाओगी दीदी।कुछ कर सकती हो पर "कुछ भी"शायद नही।

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"ऐसा कौन सा काम है जो तुम्हारी बहन नही कर सकती,तुम्हारे लिए में सब कुछ कर सकती हूं भइय्या बताओ कैसे और क्या करना होगा मुझे इसको ठीक करने के लिए।

"सबसे पहले तो आप मुझे इस बकवास पैंट से आज़ादी दिलवा दो दीदी सच में अकड़ अकड़ कर दर्द करने लगा है ये।
अमन का इशारा अपने खड़े लंड की तरफ था।

कोमल एक अच्छी बहन की तरह अपने भाई की परेशानी को दूर करने के लिए अमन के सामने अपने घुटनों पर बैठ गई और अपने हाथों से उसकी पैंट को खोलने लगी,बेल्ट को खोल कर कोमल ने जीन्स का बटन खोला और चैन को खोलकर वेस्ट की दोनों तरफ अपने अंगूठो को फसा कर पैंट को नीचे खींचने लगी पैंट के नीचे होते ही अमन का मज़बूत खड़ा हुआ लंड सीधा कोमल के माथे से टकराया।

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"उफ्फ्फ माँ.......ये तो मुझे मार रहा है गन्दू भइय्या।
कोमल ने अपने छोटे भइय्या के लंड को जड़ से पकड़ते हुए कहा।
"वैसे तुम लड़के लोग इसको बोलते क्या हो भइय्या।
"दीदी आम तौर पर तो इसको पेनिस कहा जाता है पर कुछ लोग इसको अलग अलग नाम से बुलाते है।
"दीदी को बताओगे और क्या क्या नाम है इसके।
"इसके और नाम बहुत गंदे है दीदी।
"गन्दू भइय्या तुम बताओ फिर तुम्हारी बहन बतायेगी उसको कौन नाम पसंद है इसका।
कोमल अपने भइय्या के लंड की खाल को पीछे खींचती हुई बोली।
"दीदी इसको कुछ लोग लो लो लोड़ा भी बोलते है।
अपने भइय्या के मुख से "लोड़ा"सुनकर कोमल के हाथ अपने भाई के लंड पर कसते चले गए ,अपनी दीदी के कसते हाथ को अमन ने भी साफ महसूस किया।
"अच्छा अमन तुम मेरे भाई हो और ये तुम्हारा लो लो क्या बोला था तुमने।
"लोड़ा"
"हाँ ये तुम्हारा लोड़ा है,तो इसका मतलब हुआ मेरे हाथ में इस वक़्त मेरे भइय्या का लोड़ा है।मेरे भइय्या का लोड़ा।
अपनी कही बात को सोच कर कोमल की चूत में सुरसुरी होने लगी,इधर अपनी बड़ी बहन के मुँह से ऐसी बात सुनकर अमन की भी सिसकारी निकल गई।
"सससस हाँ दीदी ........मेरा ......लोड़ा इस वक़्त......मेरी बड़ी बहन......के हाथ में ......उसके मुँह......के सामने......है।
"अरे हाँ ये तो मैं भूल गई मेरे भइय्या का मोटा लोड़ा इस वक़्त मेरे हाथों में मेरे मुँह के सामने है,सीईईईईई उई मम्मी
ये बताओ इसको और क्या कहते है कोई और नाम बताओ।

"और दीदी कुछ लोग इसको लंड भी कहते है।

"उम्मम लंड ,भइय्या का लंड,और बताओ।
कोमल अपनी मुट्ठी में अपने भाई के लौड़े को भीचती हुई बोली

"सीईईईईई आराम से दीदी हाँ तुम्हारे भइय्या का लंड आआह दीदी ऐसे ही मसलो अपने भइय्या के लंड को,दीदी आपके कोमल हाथो से बहुत मज़ा आ रहा है मेरे लंड को उईई मम्मी आआह।

"पर गन्दू भइय्या तुम तो बोल रहे थे कि ऐसे मसलने से ये शांत हो जायेगा जबकि ये तो और गुस्सा होकर झटके मार रहा है,देखो ज़रा कैसे अपनी दीदी के हाथ में उछल रहा है तुम्हारा ये लोड़ा,तुम्हे अपनी बहन के हाथ पसंद आये गन्दू भइय्या के गन्दू लौड़े।
कोमल अपने भाई के लंड को सीधा करके उसकी तरफ देखती हुई बोली जैसे लौड़े से बात कर रही हो।
अपनी बहन के मुँह से इतनी उत्तेजक बात सुनकर अमन के लंड ने दो बार झटका मारा जैसे बोल रहा हो"हाँ मेरी बड़ी बहना सिर्फ हाथ नही मुझे तो तुम पूरी पसंद हो।

"दीदी ये बोल रहा है इसकी दीदी बहुत प्यारी है और ये गुस्सा इसलिए हो रहा है कि आपने अभी तक अपना वादा पूरा नही किया।

"कौन सा वादा गन्दू भइय्या।

"गंदी दीदी तुमने कहा था न वो चटपटा स्वाद मुझे फिर चखने को मिलेगा अगर हम कही स्टे करेंगे।।

"क्या बोला तुमने फिर से कहो भइय्या।

"दीदी,

"नही उसके पहले।

"गंदी दीदी।

"आआह मेरे भाई कितना प्यारा लगता है तुम्हारे मुँह से ,वैसे तुम तो गन्दू हो में कैसे गंदी हुई।तुम अपनी सगी बड़ी बहन को घुटनों पर बैठा कर उसके चेहरे के सामने अपना इतना लंबा लोड़ा नंगा किये खड़े हो।

"आआह दीदी तुम ऐसे गंदी हुई कि अपने छोटे भइय्या के सामने घुटनो पर बैठ कर उसका नंगा लोड़ा अपने हाथ में पकड़कर उसकी मसाज कर रही हो।तुम सिर्फ गंदी नही रन....

"रुक क्यों गए बोलो क्या बोलना चाह रहे थे।

"कुछ नही दीदी सॉरी।

"नही दीदी की जान सॉरी नही कहो कहदो जो कहना चाहते हो यकीन करो मुझे अच्छा लगेगा।

"दीदी आपने कहा था ना आप अपने भाई के लिए कुछ भी कर सकती है।

"बिल्कुल कुछ भी जो मेरे भाई को अच्छा लगे।

"दीदी बुरा मत मानना पर क्या आप मुझे इस दर्द से सूकून पहुंचा सकती है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लंड फ़ट जायेगा दर्द के कारण।

"ओह भइय्या बताओ कैसे सूकून पायेगा तुम्हारा ये मोटू।
कोमल अमन के लंड को दुलारते हुए बोली।

"आपके होंठों के भीतर है इसका सूकून।
अमन ने आंखे बंद करके एक ही बार में अपनी दीदी को अपने मन की बात कह दी।
कोमल तो कबसे ललचा रही थी अपने भइय्या के मस्त लौड़े को अपने होंठों के भीतर लेने के लिए वो बस सही समय का इंतज़ार कर रही थी जो आ पहुंचा था।
अभी अमन ने अपनी बहन की प्रितिकिर्या देखने के लिए अपनी आंखें खोली भी नही थी कि उसको अपने लौड़े पर गरम हवा का एहसास हुआ अपने लंड को अपनी सगी बहन के मुँह में जाते हुए वो इस अद्भुत नज़ारे को मिस नही करना चाहता था उसने तुरंत अपनी आंखों को खोल कर नीचे बैठी अपनी बड़ी बहन की तरफ देखा।

कोमल घुटनो पर बैठी अपने हाथ से अपने भइय्या के लंड को ऊपर उठकर उसकी जड़ में अपनी नाक घुसेड़े उसकी खुशबू को अपने फेफड़ो में खींच रही थी उसने तीन चार बार अच्छे से अपने छोटे भाई के लंड से उठती महक को अपने फेफड़ो में खींचा और फिर लंड को सीधा पकड़ कर उसके केप को अपने होंठों से लगा लिया कोमल ने अभी अच्छे से अपने होंठो को बंद कर रखा था वो सिर्फ लंड के केप को अपने होंठों पर रगड़ रही थी।अमन के लंड के छेंद से निकलते चिकने पदार्थ से कोमल के होंठों पर लिप्-लॉस लगता चला गया।

"भइय्या देखो ना तुम्हारे इस से क्या निकल रहा है।
कोमल ने लंड के कैप को ऊपर उठाकर अपने भाई को दिखाया।अमन ने लंड के कैप से प्रिकम को अपनी उंगली पर लिया और अपनी दीदी को दिखाते हुए उसे अपने होंठों पर रगड़ लिया और उंगली पर बाकी बचे प्रिकम को अपनी जीभ से चाट लिया।
"आआह दीदी इसका स्वाद तो जाना पहचाना लग रहा है।
"सच में जाना पहचाना कैसे?
"हाँ आपने कार मैं चखाया था कुछ कुछ उसके जैसा पर कैसे आपके पास तो लंड होगा ही नही।फिर?
"अच्छा जी मेरे गन्दू भइय्या मेरे पास लंड नही है पर वो है जो लंड के लिए ही बनी है,मेरे गन्दू भइय्या के लंड के लिए।
"क्या है वो दीदी।
"वही जिसको देखने की कोशिश तुम तब कर रहे थे जब तुम्हारी बहन सुसु कर रही थी गंदे बेशर्म भइय्या।
"क्या है वो दीदी क्या कहते है उसको बताओ ना अपने छोटे भाई को।

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"उनहु, गन्दू भइय्या मुझे नही पता उसको क्या कहते है।
कोमल ने अमन के लंड के कैप को फिरसे अपने होंठों पर रगड़ा पर इस बार उसके होंठ हल्के से खुले थे,अपनी दीदी के कोमल होंठो का दबाव महसूस करते ही अमन की रगों में खून के बहाव में रवानगी आ गई।कोमल ने धीरे से अपनी जीभ निकाली और उसकी नोक को अपने भाई के पी-होल (पेशाब के छिद्र)पर रख दिया जँहा से चिकना सफेद पानी निकल रहा था।
"आआह दीदी.......मेरी......बहन......मेरी......जान।उइईई माँ सीईईईईई........क्या गरम.....जीभ...... है आपकी।
कोमल ने लंड के कैप पर चमकती पानी के बूंद को चाटते हुए कहा।
"जान नही,दीदी तुम्हारी बहन,तुम्हारी सगी बड़ी बहन हूँ मैं।
बोलो कौन हूँ मैं कौन हूँ मैं।
कोमल ने अबकी बार अपने होंठों को गोल किया और अपने प्यारे भइय्या के लंड का टोपा अपने होंठों में भींच लिया।
"उइईई दीदी.....मेरी.....बहन.....मेरी.....सगी....बड़ी......बहन हो तुम.....पर.....मेरी सगी.....बड़ी....बहन.....क्या कर ......रहीं.....है......अपने छोटे सगे .....भाई....के.....साथ।
"अपने भइय्या के गुलुप गुलुप सामने घुटनो पर बैठ कर उम्मम आह भाई का लोला चूस रही है सुडुप सुडुप।
"आआह दीदी पूरा.....मुँह में लो ना अपने छोटे भइय्या का।

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अबकी बार कोमल ने अमन की बात का कोई जवाब नही दिया सिर्फ अपनी आँखों को ऊपर उठाकर अपने भाई की आँखों में देखा और अपने दोनों हाथों को अमन गांड तक पहुंचा कर पूरी तरह अपने मुँह को फैलाया और अपने हाथों से ज़ोर लगाकर अमन को अपनी तरफ खींचने लगी और अपने मुँह को आगे की तरफ धकेलने लगी इंच इंच करके लोड़ा कोमल के मुँह में गायब होने लगा।4 इंच तक लोड़ा आराम से अंदर पहुंच गया पर इसके बाद लंड का टोपा कोमल के हलक पर जाकर अटक गया,कोमल ने अपने हाथों के ज़ोर से अपने भाई की गाँड़ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपनी गर्दन को आगे की तरफ झटका दिया,लंड का टोपा हलक को चीर कर लगभग 1 इंच और अंदर उतर गया अमन को ऐसा जैसे उसका लंड किसी शिकंजे में फ़स गया हो ऐसा नही था कि अमन पहली बार लंड चुसवा रहा था इससे पहले उसकी बुआ कामनी और
बुआ के पार्लर में काम करने वाली कमसिन लडकिया उसका लोड़ा चूस चुकी थी पर किसी के साथ भी उसको इतना मज़ा नही आया था जितना अपनी बड़ी बहन के साथ आ रहा था।ये शायद भाई-बहन के रिश्ते की कामुकता थी।

अमन को एक बार फिरसे अपनी बड़ी बहन के नाखून अपनी गाँड़ में धँसते महसूस हुए कोमल ने एक बार फिरसे अपनी गर्दन को झटका दिया और इस बार का झटका इतना तीर्व था कि एक ही बार में बाकी का 3 इंच लोड़ा भी कोमल के हलक में गायब हो गया।अमन ने देखा कि उसकी दीदी के होंठ उसके अंडों को चूम रहे थे।उसको अपना लोड़ा किसी तप्ती हुई गीली भट्टी में कसा महसूस हुआ पर अगले ही पल अमन को अपनी दीदी के दर्द का एहसास हुआ जब कोमल ने अपनी भीगी आंखों से अपने भाई की तरफ देखा,छोटे भइय्या का पूरा लंबा लोड़ा अपने हलक में फ़साये कोमल अपनी भीगी आंखों से मुस्कुराती हुई अमन की तरफ देख रही थी,वो खामोश थी और मुस्कुरा रही थी पर उसकी आँखों की कोर से टपकते आँसुओ ने अमन को उसकी स्तिथि का आभास करवा दिया था,अमन ने अपनी कमर को पीछे खींचने की कोशिश की ताकि अपनी बहन के ऊपर अपने लौड़े के ज़ुल्म को कम कर सके,पर कोमल ने हाथ के इशारे से उसको रोक दिया,जैसे कहना चाहती हो रुक जाओ भइय्या ये सब में अपनी खुशी से कर रही हूँ।अमन अपनी दीदी का इशारा पा कर रुक गया,कोमल ने कुछ क्षण रुक कर धीमे से अपने मुँह को पीछे किया तो अमन को अपना लंड लगभग 2 इंच बाहर निकला दिखा,कोमल ने कुछ क्षण रुक कर बाहर निकले लंड को वापस अपने हलक तक खींच लिया।अमन को ऐसा प्रतीत हुआ जैसे अभी उसका लोड़ा अपना ज़हर उगल देगा,पर ऐसा हुआ नही क्योंकि कोमल कुछ पलों तक रुक कर अपने हलक को भाई के लिए एडजस्ट करने लगी थी।
कुछ पल रुक रुक कर कोमल ने अपने हलक को भइय्या के लंड का अभ्यस्त कर लिया।अब वो पूरे लंड को बाहर निकाल कर वापस जड़ तक अंदर ले जाने लगी थी।

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अमन लगातार सिसकारियां किलकारियां मार रहा था।

"आआह आआह उइईई दीदी.....जान.......चुसो......उइईई.....आआह......अपने ....भाई.....का.....

अपने भाई को वाक्ये पूरा ना करता देख कोमल ने लंड को मुँह से निकाल कर हाथ से पकड़ कर अपनी नशीली आंखों से अपने भाई की तरफ देखा और बोली।
"भाई का क्या .....अपने भाई का क्या चूसु गन्दू भइय्या।

अपनी दीदी के थूक से भरे लसलसे हलक से लंड के बाहर निकलते ही अमन की वासना जैसे आकाश से धरती पर आ गिरी,उसे किसी भी कीमत पर अपना लंड वापस अपनी बहन के हलक में ठूसना था अपनी दीदी को वापस शुरू करने के लिए वो जल्दी से बोला।

"आआह दीदी अपने ......भइय्या.....का.....लंड......दीदी......भइय्या.....का......लोड़ा......चुसो मेरी......बहन।

"हाँ ऐसा बोल न मेरे गन्दू भइय्या अभी लो देखो कैसे तुम्हारी दीदी पूरा लोड़ा खा जायगी अपने भइय्या का।

कोमल ने एक बार फिरसे अपने भइय्या के झटके मारते लंड को अपने हलक का रास्ता दिखाया,भइय्या के लंड को पूरा हलक में उतार कर कोमल ने अपने हाथ को लंड से हटा कर उसको एक बार फिरसे भइय्या के चूतड़ पर रख लिया और अपनी गर्दन को हिलाकर अमन के लंड को पूरा हलक तक उतारती फिर वापस बाहर निकालती।कुछ ही पलों में कोमल के मुँह में इतना थूक इखट्टा हो गया कि जैसे ही लंड हलक से बाहर आता तो उसपर से थूक नीचे टपकने लगा जो सीधा कोमल की गुदाज़ छातियों के बीच गिर रहा था।मस्ती और मज़े के कारण अमन की जांघो में थरथराहट बढ़ने लगी थी और उसका एक हाथ अब अपनी दीदी के बालों में पहुंच गया था,अपनी बहन के बालों को पीछे से पकड़ कर अब अमन ने अपनी कमर को चलाना शुरू कर दिया था,अमन को अब दीदी के मुंह की जगह चूत दिख रही थी वो अपनी बहन के मुँह को चूत समझ कर लगातार लंबे लंबे झटके मार रहा था,अपने भाई के कंमाण्ड सम्हालने के बाद कोमल को महसूस हुआ कि जैसे लोड़ा हलक में और नीचे तक उतर रहा हो अपने भइय्या के झटकों की तीव्रता को देख कोमल को खयाल आया जब मेरा भाई मेरी चूत में ऐसे झटके मारेगा तो मैं तो मज़े से बेहाल हो जाऊंगी"उफ्फ्फ ऐसे झटके जब चूत में पड़ेंगे तो लंड नाभि तक ठोकर मारेगा उइईई माँ।
मुँह में अंदर बाहर होता भइय्या का लंबा लोड़ा और ऐसे ख्याल मन में आते ही कोमल की चूत ऐसे बहने लगी जैसे किसी ने टोटी खुली छोड़ दी हो,कोमल का एक हाथ सरसराता हुआ अपनी जांघों के बीच पानी बहाती
अपनी चूत पर पहुंच गया

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कोमल ने अपनी चूत के फूले हुए होंठो को पकड़ कर दबाया तो उनमें रुका पानी भलभला कर बाहर निकला और कोमल की हथेली को पूरा भिगों गया अमन की आंखे लगातार अपनी बड़ी बहन को नोटिस कर रही थी जैसे ही कोमल ने अपनी जांघों के बीच से हाथ निकाल कर अपनी हथेली पर जमा रस को देखा अमन की परस्पर चलती कमर रुक गईं कोमल ने लंड का आवागमन बाधित होने का कारण जानने के लिए ऊपर देखा तो अमन ने उसकी हथेली की तरफ इशारा करके अपनी जीभ को बाहर निकाल अपनी गर्दन को ऐसे ऊपर किया जैसे चाटना चाहता हो।अपने भाई की हरकत देख कर कोमल को हंसी आ गई।कोमल ने आधा अंदर घुसा लंड बाहर निकाल कर अपने भाई से कहा।
"क्या कहना चाहते हो।
"दीदी ये वही कार वाला जेल हैं ना,मुझे चाटना है।
"हाँ मेरे गन्दू भइय्या वही जेल है,लो अभी चटाती हूँ।
कोमल अपने घुटनों से खड़ी हो गई और अपने हाथ को अपने भाई के मुँह की तरफ बढ़ाया पर जैसे ही अमन ने अपनी जीभ निकालकर उसको चाटना चाहा कोमल ने अपने हाथ को पीछे खींच लिया।
"पहले अपने लोले का जेल तो चख कर देखो गन्दू भइय्या इसका स्वाद कैसा है।
कोमल ने अपने होंठों को बाहर निकाल कर अपने भाई को उनको चूसने का आमंत्रण दिया।
"ठीक है दीदी जैसा आप चाहो।
अमन ने अपनी दीदी की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने सीने से चिपका लिया,कोमल के गुदाज़ स्तन अमन के चौड़े सीने में दब गए,अमन का दबाव इतनी तेज़ था कि कोमल को उत्तेजना में खड़े निप्पलों में तीर्व दर्द का एहसास हुआ उसके मुंह से "उइईई माँ आराम से गन्दू भइय्या"निकला।अमन पर जैसे अपनी बड़ी बहन की बात का कुछ असर ही नही हुआ उसके सूखे होंठ अपनी दीदी के भीगे होंठो पर पहुंच कर अपना कमाल दिखाने लगे।कुछ ही सेकंड मैं कोमल के होंठो और होंठो के आस पास लगा अपने भाई के लंड का वीर्ये अमन ने चाट चाट कर साफ कर दिया पर अमन लगातार अपनी दीदी के होंठों को ऐसे चूस रहा था जैसे उनमे से शहद टपक रहा हो,आखिर कार कोमल ने अमन के होंठों से अपने होंठों को आज़ाद करवाया और अपने हाथ पर लगा अपनी चूत का पानी अपने भाई के होंठों पर रगड़ दिया अमन ने बड़े चाव से अपनी दीदी की चूत का गाढ़ा पानी चाट लिया और बाद में अपनी जीभ निकाल कर दीदी की उंगलियों के बीच फ़सा पानी भी पूरी तरह चाट कर दीदी के हाथ को साफ कर दिया।अपने भाई की बेताबी देख कोमल ने आगे बढ़ कर अमन के होंठों को चूम लिया पर ये एक छोटा सा चुम्मा था।
अमन को चूत के पानी का स्वाद लग चुका था वो अब ऐसे रुकने वाला नही था उसने अपनी दीदी की आंखों में आंखे डाल कर कहा।
"दीदी ये पानी मुझे सीधा नदी से मुँह लगा कर पीना है।
कोमल समझ गई कि उसका छोटा भइय्या उससे चूत को चाटने की परमिशन मांग रहा है,
अपने भाई की डिमांड सुनकर कोमल की चूत फुदकने लगी।
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उसने भी अपने भाई को निराश नही किया और बोली।
"बिल्कुल पी लेना मेरे गन्दू भइय्या,नदी भी तुम्हारे होंठो से मिलने को बेताब है पर उससे पहले क्या मुझे 15 मिनट मिल सकते है ताकि में अपनी नदी को अपने भइय्या के होंठो से मिलने के लायक बना लूँ।
"ठीक है दीदी में बाहर घूम कर आता हूँ।
अमन ने अपने कपड़ों को ठीक किया और गेट खोल कर बाहर निकल गया कोमल अपने भाई को जाता देखती रही।



कहानी जारी है।
अपने कीमती सुझाव देते रहे।
 

Premkumar65

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अमन को समझ नही आया कि लड़की ने हनीमून ही कहा था या उसको धोखा लगा है,पर जब से कोमल ने बात करनी शुरू की थी वो बस खामोश होकर अपनी बहन के पीछे पीछे चल रहा था।कोमल को चाभी देकर वो लड़की चली गई कोमल ने चाबी से रूम को अनलॉक किया और अमन को अंदर चलने का इशारा किया,अमन जैसे ही अंदर गया उसकी आंखें चौड़ी हो गई उसके दिमाग में रिसेप्शन पर खड़ी लड़की की आवाज़ गूंजने लगी"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"।

अब आगे-

ये कमरा नए शादीशुदा जोड़ो के लिए था जो एक हनीमून सुईट था,चारो तरफ मद्धम रोशनी बिखरी थी,ताज़े फ़ूलो की महक कमरे में चारो और आ रही थी,अमन अंदर बढ़ता जा रहा था बिल्कुल सामने की तरफ एक किंग साइज बेड लगा था जिसपर सफेद चादर बिछी थी और चादर के ऊपर तरह-तरह के ताज़े फ़ूलो से दिल के आकार का एक बड़ा सा डिज़ाइन बना हुआ था जिसके अंदर अंग्रेज़ी वर्णमाला के दो अक्षर लिखे थे A/K कमरे को देख जंहा अमन हतप्रभ था वंही उसकी बड़ी बहन काफी खुश थी क्योंकि उसने रिसेप्शन वाली लड़की से जैसे बोला था उसने बिल्कुल वैसा ही काम किया था।

अमन कभी रूम में चारो तरफ और कभी अपनी दीदी की तरफ देख रहा था पर वो बोल कुछ नही रहा था,कोमल ने आखिर खामोशी को तोड़ा और अपने छोटे भाई की तरफ देख कर बोली।

"क्यों तुमको वो टेस्ट नही करना क्या जो कार में मांग रहे थे
उसके लिए ही तो है ये सब,बोलो करना चाहते हो ना दोबारा उसको टेस्ट।

"अमेज़िंग दीदी यु आर सच आ क्यूटी।ऑफकोर्स वो स्वाद में दोबारा ज़रूर लेना चाहूँगा।

"सच में मेरे भाई को वो स्वाद इतना पसंद आया बताओ ज़रा कैसा था वो।

"कुछ कुछ खट्टा कुछ कसैला सा कुछ चिकना,पर दीदी ये तो बताओ आखिर वो था क्या।

"बता दूँगी पर अभी नही अभी ये बताओ कि तुम्हारे छोटे सिपाही के क्या हालत है।

"कुछ खास नही,देख सकती हो आप दीदी अभी भी पैंट के अंदर से भी साफ नजर आ रहा है।

"अच्छा जी ज़रा इसको बाहर निकालो अभी इसकी अकड़ निकालती हूँ।

"कैसे निकालोगी दीदी इसकी अकड़।

"अपने हाथ से तुमने ही तो बोला था ना हाथ से मसलने पर ये अकड़ना कम कर देगा।

"अकड़ना तो कम कर देगा पर पूरी तरह नही।

"पूरी तरह कैसे खत्म होगी इसकी अकड़ मेरे गन्दू भइय्या,तुम्हारी बड़ी बहन अपने भाई को सुकून देने के लिए कुछ भी कर सकती है।

"कुछ भी।
अमन ने आंखे छोटी करके पूछा।

"हाँ मेरे गन्दू भइय्या कुछ भी।
कोमल ने अपनी गुदाज़ छातियों को तान कर कहा।

"नही नही तुम "कुछ भी" नही कर पाओगी दीदी।कुछ कर सकती हो पर "कुछ भी"शायद नही।

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"ऐसा कौन सा काम है जो तुम्हारी बहन नही कर सकती,तुम्हारे लिए में सब कुछ कर सकती हूं भइय्या बताओ कैसे और क्या करना होगा मुझे इसको ठीक करने के लिए।

"सबसे पहले तो आप मुझे इस बकवास पैंट से आज़ादी दिलवा दो दीदी सच में अकड़ अकड़ कर दर्द करने लगा है ये।
अमन का इशारा अपने खड़े लंड की तरफ था।

कोमल एक अच्छी बहन की तरह अपने भाई की परेशानी को दूर करने के लिए अमन के सामने अपने घुटनों पर बैठ गई और अपने हाथों से उसकी पैंट को खोलने लगी,बेल्ट को खोल कर कोमल ने जीन्स का बटन खोला और चैन को खोलकर वेस्ट की दोनों तरफ अपने अंगूठो को फसा कर पैंट को नीचे खींचने लगी पैंट के नीचे होते ही अमन का मज़बूत खड़ा हुआ लंड सीधा कोमल के माथे से टकराया।

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"उफ्फ्फ माँ.......ये तो मुझे मार रहा है गन्दू भइय्या।
कोमल ने अपने छोटे भइय्या के लंड को जड़ से पकड़ते हुए कहा।
"वैसे तुम लड़के लोग इसको बोलते क्या हो भइय्या।
"दीदी आम तौर पर तो इसको पेनिस कहा जाता है पर कुछ लोग इसको अलग अलग नाम से बुलाते है।
"दीदी को बताओगे और क्या क्या नाम है इसके।
"इसके और नाम बहुत गंदे है दीदी।
"गन्दू भइय्या तुम बताओ फिर तुम्हारी बहन बतायेगी उसको कौन नाम पसंद है इसका।
कोमल अपने भइय्या के लंड की खाल को पीछे खींचती हुई बोली।
"दीदी इसको कुछ लोग लो लो लोड़ा भी बोलते है।
अपने भइय्या के मुख से "लोड़ा"सुनकर कोमल के हाथ अपने भाई के लंड पर कसते चले गए ,अपनी दीदी के कसते हाथ को अमन ने भी साफ महसूस किया।
"अच्छा अमन तुम मेरे भाई हो और ये तुम्हारा लो लो क्या बोला था तुमने।
"लोड़ा"
"हाँ ये तुम्हारा लोड़ा है,तो इसका मतलब हुआ मेरे हाथ में इस वक़्त मेरे भइय्या का लोड़ा है।मेरे भइय्या का लोड़ा।
अपनी कही बात को सोच कर कोमल की चूत में सुरसुरी होने लगी,इधर अपनी बड़ी बहन के मुँह से ऐसी बात सुनकर अमन की भी सिसकारी निकल गई।
"सससस हाँ दीदी ........मेरा ......लोड़ा इस वक़्त......मेरी बड़ी बहन......के हाथ में ......उसके मुँह......के सामने......है।
"अरे हाँ ये तो मैं भूल गई मेरे भइय्या का मोटा लोड़ा इस वक़्त मेरे हाथों में मेरे मुँह के सामने है,सीईईईईई उई मम्मी
ये बताओ इसको और क्या कहते है कोई और नाम बताओ।

"और दीदी कुछ लोग इसको लंड भी कहते है।

"उम्मम लंड ,भइय्या का लंड,और बताओ।
कोमल अपनी मुट्ठी में अपने भाई के लौड़े को भीचती हुई बोली

"सीईईईईई आराम से दीदी हाँ तुम्हारे भइय्या का लंड आआह दीदी ऐसे ही मसलो अपने भइय्या के लंड को,दीदी आपके कोमल हाथो से बहुत मज़ा आ रहा है मेरे लंड को उईई मम्मी आआह।

"पर गन्दू भइय्या तुम तो बोल रहे थे कि ऐसे मसलने से ये शांत हो जायेगा जबकि ये तो और गुस्सा होकर झटके मार रहा है,देखो ज़रा कैसे अपनी दीदी के हाथ में उछल रहा है तुम्हारा ये लोड़ा,तुम्हे अपनी बहन के हाथ पसंद आये गन्दू भइय्या के गन्दू लौड़े।
कोमल अपने भाई के लंड को सीधा करके उसकी तरफ देखती हुई बोली जैसे लौड़े से बात कर रही हो।
अपनी बहन के मुँह से इतनी उत्तेजक बात सुनकर अमन के लंड ने दो बार झटका मारा जैसे बोल रहा हो"हाँ मेरी बड़ी बहना सिर्फ हाथ नही मुझे तो तुम पूरी पसंद हो।

"दीदी ये बोल रहा है इसकी दीदी बहुत प्यारी है और ये गुस्सा इसलिए हो रहा है कि आपने अभी तक अपना वादा पूरा नही किया।

"कौन सा वादा गन्दू भइय्या।

"गंदी दीदी तुमने कहा था न वो चटपटा स्वाद मुझे फिर चखने को मिलेगा अगर हम कही स्टे करेंगे।।

"क्या बोला तुमने फिर से कहो भइय्या।

"दीदी,

"नही उसके पहले।

"गंदी दीदी।

"आआह मेरे भाई कितना प्यारा लगता है तुम्हारे मुँह से ,वैसे तुम तो गन्दू हो में कैसे गंदी हुई।तुम अपनी सगी बड़ी बहन को घुटनों पर बैठा कर उसके चेहरे के सामने अपना इतना लंबा लोड़ा नंगा किये खड़े हो।

"आआह दीदी तुम ऐसे गंदी हुई कि अपने छोटे भइय्या के सामने घुटनो पर बैठ कर उसका नंगा लोड़ा अपने हाथ में पकड़कर उसकी मसाज कर रही हो।तुम सिर्फ गंदी नही रन....

"रुक क्यों गए बोलो क्या बोलना चाह रहे थे।

"कुछ नही दीदी सॉरी।

"नही दीदी की जान सॉरी नही कहो कहदो जो कहना चाहते हो यकीन करो मुझे अच्छा लगेगा।

"दीदी आपने कहा था ना आप अपने भाई के लिए कुछ भी कर सकती है।

"बिल्कुल कुछ भी जो मेरे भाई को अच्छा लगे।

"दीदी बुरा मत मानना पर क्या आप मुझे इस दर्द से सूकून पहुंचा सकती है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लंड फ़ट जायेगा दर्द के कारण।

"ओह भइय्या बताओ कैसे सूकून पायेगा तुम्हारा ये मोटू।
कोमल अमन के लंड को दुलारते हुए बोली।

"आपके होंठों के भीतर है इसका सूकून।
अमन ने आंखे बंद करके एक ही बार में अपनी दीदी को अपने मन की बात कह दी।
कोमल तो कबसे ललचा रही थी अपने भइय्या के मस्त लौड़े को अपने होंठों के भीतर लेने के लिए वो बस सही समय का इंतज़ार कर रही थी जो आ पहुंचा था।
अभी अमन ने अपनी बहन की प्रितिकिर्या देखने के लिए अपनी आंखें खोली भी नही थी कि उसको अपने लौड़े पर गरम हवा का एहसास हुआ अपने लंड को अपनी सगी बहन के मुँह में जाते हुए वो इस अद्भुत नज़ारे को मिस नही करना चाहता था उसने तुरंत अपनी आंखों को खोल कर नीचे बैठी अपनी बड़ी बहन की तरफ देखा।

कोमल घुटनो पर बैठी अपने हाथ से अपने भइय्या के लंड को ऊपर उठकर उसकी जड़ में अपनी नाक घुसेड़े उसकी खुशबू को अपने फेफड़ो में खींच रही थी उसने तीन चार बार अच्छे से अपने छोटे भाई के लंड से उठती महक को अपने फेफड़ो में खींचा और फिर लंड को सीधा पकड़ कर उसके केप को अपने होंठों से लगा लिया कोमल ने अभी अच्छे से अपने होंठो को बंद कर रखा था वो सिर्फ लंड के केप को अपने होंठों पर रगड़ रही थी।अमन के लंड के छेंद से निकलते चिकने पदार्थ से कोमल के होंठों पर लिप्-लॉस लगता चला गया।

"भइय्या देखो ना तुम्हारे इस से क्या निकल रहा है।
कोमल ने लंड के कैप को ऊपर उठाकर अपने भाई को दिखाया।अमन ने लंड के कैप से प्रिकम को अपनी उंगली पर लिया और अपनी दीदी को दिखाते हुए उसे अपने होंठों पर रगड़ लिया और उंगली पर बाकी बचे प्रिकम को अपनी जीभ से चाट लिया।
"आआह दीदी इसका स्वाद तो जाना पहचाना लग रहा है।
"सच में जाना पहचाना कैसे?
"हाँ आपने कार मैं चखाया था कुछ कुछ उसके जैसा पर कैसे आपके पास तो लंड होगा ही नही।फिर?
"अच्छा जी मेरे गन्दू भइय्या मेरे पास लंड नही है पर वो है जो लंड के लिए ही बनी है,मेरे गन्दू भइय्या के लंड के लिए।
"क्या है वो दीदी।
"वही जिसको देखने की कोशिश तुम तब कर रहे थे जब तुम्हारी बहन सुसु कर रही थी गंदे बेशर्म भइय्या।
"क्या है वो दीदी क्या कहते है उसको बताओ ना अपने छोटे भाई को।

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"उनहु, गन्दू भइय्या मुझे नही पता उसको क्या कहते है।
कोमल ने अमन के लंड के कैप को फिरसे अपने होंठों पर रगड़ा पर इस बार उसके होंठ हल्के से खुले थे,अपनी दीदी के कोमल होंठो का दबाव महसूस करते ही अमन की रगों में खून के बहाव में रवानगी आ गई।कोमल ने धीरे से अपनी जीभ निकाली और उसकी नोक को अपने भाई के पी-होल (पेशाब के छिद्र)पर रख दिया जँहा से चिकना सफेद पानी निकल रहा था।
"आआह दीदी.......मेरी......बहन......मेरी......जान।उइईई माँ सीईईईईई........क्या गरम.....जीभ...... है आपकी।
कोमल ने लंड के कैप पर चमकती पानी के बूंद को चाटते हुए कहा।
"जान नही,दीदी तुम्हारी बहन,तुम्हारी सगी बड़ी बहन हूँ मैं।
बोलो कौन हूँ मैं कौन हूँ मैं।
कोमल ने अबकी बार अपने होंठों को गोल किया और अपने प्यारे भइय्या के लंड का टोपा अपने होंठों में भींच लिया।
"उइईई दीदी.....मेरी.....बहन.....मेरी.....सगी....बड़ी......बहन हो तुम.....पर.....मेरी सगी.....बड़ी....बहन.....क्या कर ......रहीं.....है......अपने छोटे सगे .....भाई....के.....साथ।
"अपने भइय्या के गुलुप गुलुप सामने घुटनो पर बैठ कर उम्मम आह भाई का लोला चूस रही है सुडुप सुडुप।
"आआह दीदी पूरा.....मुँह में लो ना अपने छोटे भइय्या का।

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अबकी बार कोमल ने अमन की बात का कोई जवाब नही दिया सिर्फ अपनी आँखों को ऊपर उठाकर अपने भाई की आँखों में देखा और अपने दोनों हाथों को अमन गांड तक पहुंचा कर पूरी तरह अपने मुँह को फैलाया और अपने हाथों से ज़ोर लगाकर अमन को अपनी तरफ खींचने लगी और अपने मुँह को आगे की तरफ धकेलने लगी इंच इंच करके लोड़ा कोमल के मुँह में गायब होने लगा।4 इंच तक लोड़ा आराम से अंदर पहुंच गया पर इसके बाद लंड का टोपा कोमल के हलक पर जाकर अटक गया,कोमल ने अपने हाथों के ज़ोर से अपने भाई की गाँड़ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपनी गर्दन को आगे की तरफ झटका दिया,लंड का टोपा हलक को चीर कर लगभग 1 इंच और अंदर उतर गया अमन को ऐसा जैसे उसका लंड किसी शिकंजे में फ़स गया हो ऐसा नही था कि अमन पहली बार लंड चुसवा रहा था इससे पहले उसकी बुआ कामनी और
बुआ के पार्लर में काम करने वाली कमसिन लडकिया उसका लोड़ा चूस चुकी थी पर किसी के साथ भी उसको इतना मज़ा नही आया था जितना अपनी बड़ी बहन के साथ आ रहा था।ये शायद भाई-बहन के रिश्ते की कामुकता थी।

अमन को एक बार फिरसे अपनी बड़ी बहन के नाखून अपनी गाँड़ में धँसते महसूस हुए कोमल ने एक बार फिरसे अपनी गर्दन को झटका दिया और इस बार का झटका इतना तीर्व था कि एक ही बार में बाकी का 3 इंच लोड़ा भी कोमल के हलक में गायब हो गया।अमन ने देखा कि उसकी दीदी के होंठ उसके अंडों को चूम रहे थे।उसको अपना लोड़ा किसी तप्ती हुई गीली भट्टी में कसा महसूस हुआ पर अगले ही पल अमन को अपनी दीदी के दर्द का एहसास हुआ जब कोमल ने अपनी भीगी आंखों से अपने भाई की तरफ देखा,छोटे भइय्या का पूरा लंबा लोड़ा अपने हलक में फ़साये कोमल अपनी भीगी आंखों से मुस्कुराती हुई अमन की तरफ देख रही थी,वो खामोश थी और मुस्कुरा रही थी पर उसकी आँखों की कोर से टपकते आँसुओ ने अमन को उसकी स्तिथि का आभास करवा दिया था,अमन ने अपनी कमर को पीछे खींचने की कोशिश की ताकि अपनी बहन के ऊपर अपने लौड़े के ज़ुल्म को कम कर सके,पर कोमल ने हाथ के इशारे से उसको रोक दिया,जैसे कहना चाहती हो रुक जाओ भइय्या ये सब में अपनी खुशी से कर रही हूँ।अमन अपनी दीदी का इशारा पा कर रुक गया,कोमल ने कुछ क्षण रुक कर धीमे से अपने मुँह को पीछे किया तो अमन को अपना लंड लगभग 2 इंच बाहर निकला दिखा,कोमल ने कुछ क्षण रुक कर बाहर निकले लंड को वापस अपने हलक तक खींच लिया।अमन को ऐसा प्रतीत हुआ जैसे अभी उसका लोड़ा अपना ज़हर उगल देगा,पर ऐसा हुआ नही क्योंकि कोमल कुछ पलों तक रुक कर अपने हलक को भाई के लिए एडजस्ट करने लगी थी।
कुछ पल रुक रुक कर कोमल ने अपने हलक को भइय्या के लंड का अभ्यस्त कर लिया।अब वो पूरे लंड को बाहर निकाल कर वापस जड़ तक अंदर ले जाने लगी थी।

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अमन लगातार सिसकारियां किलकारियां मार रहा था।

"आआह आआह उइईई दीदी.....जान.......चुसो......उइईई.....आआह......अपने ....भाई.....का.....

अपने भाई को वाक्ये पूरा ना करता देख कोमल ने लंड को मुँह से निकाल कर हाथ से पकड़ कर अपनी नशीली आंखों से अपने भाई की तरफ देखा और बोली।
"भाई का क्या .....अपने भाई का क्या चूसु गन्दू भइय्या।

अपनी दीदी के थूक से भरे लसलसे हलक से लंड के बाहर निकलते ही अमन की वासना जैसे आकाश से धरती पर आ गिरी,उसे किसी भी कीमत पर अपना लंड वापस अपनी बहन के हलक में ठूसना था अपनी दीदी को वापस शुरू करने के लिए वो जल्दी से बोला।

"आआह दीदी अपने ......भइय्या.....का.....लंड......दीदी......भइय्या.....का......लोड़ा......चुसो मेरी......बहन।

"हाँ ऐसा बोल न मेरे गन्दू भइय्या अभी लो देखो कैसे तुम्हारी दीदी पूरा लोड़ा खा जायगी अपने भइय्या का।

कोमल ने एक बार फिरसे अपने भइय्या के झटके मारते लंड को अपने हलक का रास्ता दिखाया,भइय्या के लंड को पूरा हलक में उतार कर कोमल ने अपने हाथ को लंड से हटा कर उसको एक बार फिरसे भइय्या के चूतड़ पर रख लिया और अपनी गर्दन को हिलाकर अमन के लंड को पूरा हलक तक उतारती फिर वापस बाहर निकालती।कुछ ही पलों में कोमल के मुँह में इतना थूक इखट्टा हो गया कि जैसे ही लंड हलक से बाहर आता तो उसपर से थूक नीचे टपकने लगा जो सीधा कोमल की गुदाज़ छातियों के बीच गिर रहा था।मस्ती और मज़े के कारण अमन की जांघो में थरथराहट बढ़ने लगी थी और उसका एक हाथ अब अपनी दीदी के बालों में पहुंच गया था,अपनी बहन के बालों को पीछे से पकड़ कर अब अमन ने अपनी कमर को चलाना शुरू कर दिया था,अमन को अब दीदी के मुंह की जगह चूत दिख रही थी वो अपनी बहन के मुँह को चूत समझ कर लगातार लंबे लंबे झटके मार रहा था,अपने भाई के कंमाण्ड सम्हालने के बाद कोमल को महसूस हुआ कि जैसे लोड़ा हलक में और नीचे तक उतर रहा हो अपने भइय्या के झटकों की तीव्रता को देख कोमल को खयाल आया जब मेरा भाई मेरी चूत में ऐसे झटके मारेगा तो मैं तो मज़े से बेहाल हो जाऊंगी"उफ्फ्फ ऐसे झटके जब चूत में पड़ेंगे तो लंड नाभि तक ठोकर मारेगा उइईई माँ।
मुँह में अंदर बाहर होता भइय्या का लंबा लोड़ा और ऐसे ख्याल मन में आते ही कोमल की चूत ऐसे बहने लगी जैसे किसी ने टोटी खुली छोड़ दी हो,कोमल का एक हाथ सरसराता हुआ अपनी जांघों के बीच पानी बहाती
अपनी चूत पर पहुंच गया

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कोमल ने अपनी चूत के फूले हुए होंठो को पकड़ कर दबाया तो उनमें रुका पानी भलभला कर बाहर निकला और कोमल की हथेली को पूरा भिगों गया अमन की आंखे लगातार अपनी बड़ी बहन को नोटिस कर रही थी जैसे ही कोमल ने अपनी जांघों के बीच से हाथ निकाल कर अपनी हथेली पर जमा रस को देखा अमन की परस्पर चलती कमर रुक गईं कोमल ने लंड का आवागमन बाधित होने का कारण जानने के लिए ऊपर देखा तो अमन ने उसकी हथेली की तरफ इशारा करके अपनी जीभ को बाहर निकाल अपनी गर्दन को ऐसे ऊपर किया जैसे चाटना चाहता हो।अपने भाई की हरकत देख कर कोमल को हंसी आ गई।कोमल ने आधा अंदर घुसा लंड बाहर निकाल कर अपने भाई से कहा।
"क्या कहना चाहते हो।
"दीदी ये वही कार वाला जेल हैं ना,मुझे चाटना है।
"हाँ मेरे गन्दू भइय्या वही जेल है,लो अभी चटाती हूँ।
कोमल अपने घुटनों से खड़ी हो गई और अपने हाथ को अपने भाई के मुँह की तरफ बढ़ाया पर जैसे ही अमन ने अपनी जीभ निकालकर उसको चाटना चाहा कोमल ने अपने हाथ को पीछे खींच लिया।
"पहले अपने लोले का जेल तो चख कर देखो गन्दू भइय्या इसका स्वाद कैसा है।
कोमल ने अपने होंठों को बाहर निकाल कर अपने भाई को उनको चूसने का आमंत्रण दिया।
"ठीक है दीदी जैसा आप चाहो।
अमन ने अपनी दीदी की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने सीने से चिपका लिया,कोमल के गुदाज़ स्तन अमन के चौड़े सीने में दब गए,अमन का दबाव इतनी तेज़ था कि कोमल को उत्तेजना में खड़े निप्पलों में तीर्व दर्द का एहसास हुआ उसके मुंह से "उइईई माँ आराम से गन्दू भइय्या"निकला।अमन पर जैसे अपनी बड़ी बहन की बात का कुछ असर ही नही हुआ उसके सूखे होंठ अपनी दीदी के भीगे होंठो पर पहुंच कर अपना कमाल दिखाने लगे।कुछ ही सेकंड मैं कोमल के होंठो और होंठो के आस पास लगा अपने भाई के लंड का वीर्ये अमन ने चाट चाट कर साफ कर दिया पर अमन लगातार अपनी दीदी के होंठों को ऐसे चूस रहा था जैसे उनमे से शहद टपक रहा हो,आखिर कार कोमल ने अमन के होंठों से अपने होंठों को आज़ाद करवाया और अपने हाथ पर लगा अपनी चूत का पानी अपने भाई के होंठों पर रगड़ दिया अमन ने बड़े चाव से अपनी दीदी की चूत का गाढ़ा पानी चाट लिया और बाद में अपनी जीभ निकाल कर दीदी की उंगलियों के बीच फ़सा पानी भी पूरी तरह चाट कर दीदी के हाथ को साफ कर दिया।अपने भाई की बेताबी देख कोमल ने आगे बढ़ कर अमन के होंठों को चूम लिया पर ये एक छोटा सा चुम्मा था।
अमन को चूत के पानी का स्वाद लग चुका था वो अब ऐसे रुकने वाला नही था उसने अपनी दीदी की आंखों में आंखे डाल कर कहा।
"दीदी ये पानी मुझे सीधा नदी से मुँह लगा कर पीना है।
कोमल समझ गई कि उसका छोटा भइय्या उससे चूत को चाटने की परमिशन मांग रहा है,
अपने भाई की डिमांड सुनकर कोमल की चूत फुदकने लगी।
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उसने भी अपने भाई को निराश नही किया और बोली।
"बिल्कुल पी लेना मेरे गन्दू भइय्या,नदी भी तुम्हारे होंठो से मिलने को बेताब है पर उससे पहले क्या मुझे 15 मिनट मिल सकते है ताकि में अपनी नदी को अपने भइय्या के होंठो से मिलने के लायक बना लूँ।
"ठीक है दीदी में बाहर घूम कर आता हूँ।
अमन ने अपने कपड़ों को ठीक किया और गेट खोल कर बाहर निकल गया कोमल अपने भाई को जाता देखती रही।



कहानी जारी है।
अपने कीमती सुझाव देते रहे।
Wonderful. The bro Sis fire is on and going on the right track......!
 

Sanjay dutt

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अमन को समझ नही आया कि लड़की ने हनीमून ही कहा था या उसको धोखा लगा है,पर जब से कोमल ने बात करनी शुरू की थी वो बस खामोश होकर अपनी बहन के पीछे पीछे चल रहा था।कोमल को चाभी देकर वो लड़की चली गई कोमल ने चाबी से रूम को अनलॉक किया और अमन को अंदर चलने का इशारा किया,अमन जैसे ही अंदर गया उसकी आंखें चौड़ी हो गई उसके दिमाग में रिसेप्शन पर खड़ी लड़की की आवाज़ गूंजने लगी"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"।

अब आगे-

ये कमरा नए शादीशुदा जोड़ो के लिए था जो एक हनीमून सुईट था,चारो तरफ मद्धम रोशनी बिखरी थी,ताज़े फ़ूलो की महक कमरे में चारो और आ रही थी,अमन अंदर बढ़ता जा रहा था बिल्कुल सामने की तरफ एक किंग साइज बेड लगा था जिसपर सफेद चादर बिछी थी और चादर के ऊपर तरह-तरह के ताज़े फ़ूलो से दिल के आकार का एक बड़ा सा डिज़ाइन बना हुआ था जिसके अंदर अंग्रेज़ी वर्णमाला के दो अक्षर लिखे थे A/K कमरे को देख जंहा अमन हतप्रभ था वंही उसकी बड़ी बहन काफी खुश थी क्योंकि उसने रिसेप्शन वाली लड़की से जैसे बोला था उसने बिल्कुल वैसा ही काम किया था।

अमन कभी रूम में चारो तरफ और कभी अपनी दीदी की तरफ देख रहा था पर वो बोल कुछ नही रहा था,कोमल ने आखिर खामोशी को तोड़ा और अपने छोटे भाई की तरफ देख कर बोली।

"क्यों तुमको वो टेस्ट नही करना क्या जो कार में मांग रहे थे
उसके लिए ही तो है ये सब,बोलो करना चाहते हो ना दोबारा उसको टेस्ट।

"अमेज़िंग दीदी यु आर सच आ क्यूटी।ऑफकोर्स वो स्वाद में दोबारा ज़रूर लेना चाहूँगा।

"सच में मेरे भाई को वो स्वाद इतना पसंद आया बताओ ज़रा कैसा था वो।

"कुछ कुछ खट्टा कुछ कसैला सा कुछ चिकना,पर दीदी ये तो बताओ आखिर वो था क्या।

"बता दूँगी पर अभी नही अभी ये बताओ कि तुम्हारे छोटे सिपाही के क्या हालत है।

"कुछ खास नही,देख सकती हो आप दीदी अभी भी पैंट के अंदर से भी साफ नजर आ रहा है।

"अच्छा जी ज़रा इसको बाहर निकालो अभी इसकी अकड़ निकालती हूँ।

"कैसे निकालोगी दीदी इसकी अकड़।

"अपने हाथ से तुमने ही तो बोला था ना हाथ से मसलने पर ये अकड़ना कम कर देगा।

"अकड़ना तो कम कर देगा पर पूरी तरह नही।

"पूरी तरह कैसे खत्म होगी इसकी अकड़ मेरे गन्दू भइय्या,तुम्हारी बड़ी बहन अपने भाई को सुकून देने के लिए कुछ भी कर सकती है।

"कुछ भी।
अमन ने आंखे छोटी करके पूछा।

"हाँ मेरे गन्दू भइय्या कुछ भी।
कोमल ने अपनी गुदाज़ छातियों को तान कर कहा।

"नही नही तुम "कुछ भी" नही कर पाओगी दीदी।कुछ कर सकती हो पर "कुछ भी"शायद नही।

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"ऐसा कौन सा काम है जो तुम्हारी बहन नही कर सकती,तुम्हारे लिए में सब कुछ कर सकती हूं भइय्या बताओ कैसे और क्या करना होगा मुझे इसको ठीक करने के लिए।

"सबसे पहले तो आप मुझे इस बकवास पैंट से आज़ादी दिलवा दो दीदी सच में अकड़ अकड़ कर दर्द करने लगा है ये।
अमन का इशारा अपने खड़े लंड की तरफ था।

कोमल एक अच्छी बहन की तरह अपने भाई की परेशानी को दूर करने के लिए अमन के सामने अपने घुटनों पर बैठ गई और अपने हाथों से उसकी पैंट को खोलने लगी,बेल्ट को खोल कर कोमल ने जीन्स का बटन खोला और चैन को खोलकर वेस्ट की दोनों तरफ अपने अंगूठो को फसा कर पैंट को नीचे खींचने लगी पैंट के नीचे होते ही अमन का मज़बूत खड़ा हुआ लंड सीधा कोमल के माथे से टकराया।

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"उफ्फ्फ माँ.......ये तो मुझे मार रहा है गन्दू भइय्या।
कोमल ने अपने छोटे भइय्या के लंड को जड़ से पकड़ते हुए कहा।
"वैसे तुम लड़के लोग इसको बोलते क्या हो भइय्या।
"दीदी आम तौर पर तो इसको पेनिस कहा जाता है पर कुछ लोग इसको अलग अलग नाम से बुलाते है।
"दीदी को बताओगे और क्या क्या नाम है इसके।
"इसके और नाम बहुत गंदे है दीदी।
"गन्दू भइय्या तुम बताओ फिर तुम्हारी बहन बतायेगी उसको कौन नाम पसंद है इसका।
कोमल अपने भइय्या के लंड की खाल को पीछे खींचती हुई बोली।
"दीदी इसको कुछ लोग लो लो लोड़ा भी बोलते है।
अपने भइय्या के मुख से "लोड़ा"सुनकर कोमल के हाथ अपने भाई के लंड पर कसते चले गए ,अपनी दीदी के कसते हाथ को अमन ने भी साफ महसूस किया।
"अच्छा अमन तुम मेरे भाई हो और ये तुम्हारा लो लो क्या बोला था तुमने।
"लोड़ा"
"हाँ ये तुम्हारा लोड़ा है,तो इसका मतलब हुआ मेरे हाथ में इस वक़्त मेरे भइय्या का लोड़ा है।मेरे भइय्या का लोड़ा।
अपनी कही बात को सोच कर कोमल की चूत में सुरसुरी होने लगी,इधर अपनी बड़ी बहन के मुँह से ऐसी बात सुनकर अमन की भी सिसकारी निकल गई।
"सससस हाँ दीदी ........मेरा ......लोड़ा इस वक़्त......मेरी बड़ी बहन......के हाथ में ......उसके मुँह......के सामने......है।
"अरे हाँ ये तो मैं भूल गई मेरे भइय्या का मोटा लोड़ा इस वक़्त मेरे हाथों में मेरे मुँह के सामने है,सीईईईईई उई मम्मी
ये बताओ इसको और क्या कहते है कोई और नाम बताओ।

"और दीदी कुछ लोग इसको लंड भी कहते है।

"उम्मम लंड ,भइय्या का लंड,और बताओ।
कोमल अपनी मुट्ठी में अपने भाई के लौड़े को भीचती हुई बोली

"सीईईईईई आराम से दीदी हाँ तुम्हारे भइय्या का लंड आआह दीदी ऐसे ही मसलो अपने भइय्या के लंड को,दीदी आपके कोमल हाथो से बहुत मज़ा आ रहा है मेरे लंड को उईई मम्मी आआह।

"पर गन्दू भइय्या तुम तो बोल रहे थे कि ऐसे मसलने से ये शांत हो जायेगा जबकि ये तो और गुस्सा होकर झटके मार रहा है,देखो ज़रा कैसे अपनी दीदी के हाथ में उछल रहा है तुम्हारा ये लोड़ा,तुम्हे अपनी बहन के हाथ पसंद आये गन्दू भइय्या के गन्दू लौड़े।
कोमल अपने भाई के लंड को सीधा करके उसकी तरफ देखती हुई बोली जैसे लौड़े से बात कर रही हो।
अपनी बहन के मुँह से इतनी उत्तेजक बात सुनकर अमन के लंड ने दो बार झटका मारा जैसे बोल रहा हो"हाँ मेरी बड़ी बहना सिर्फ हाथ नही मुझे तो तुम पूरी पसंद हो।

"दीदी ये बोल रहा है इसकी दीदी बहुत प्यारी है और ये गुस्सा इसलिए हो रहा है कि आपने अभी तक अपना वादा पूरा नही किया।

"कौन सा वादा गन्दू भइय्या।

"गंदी दीदी तुमने कहा था न वो चटपटा स्वाद मुझे फिर चखने को मिलेगा अगर हम कही स्टे करेंगे।।

"क्या बोला तुमने फिर से कहो भइय्या।

"दीदी,

"नही उसके पहले।

"गंदी दीदी।

"आआह मेरे भाई कितना प्यारा लगता है तुम्हारे मुँह से ,वैसे तुम तो गन्दू हो में कैसे गंदी हुई।तुम अपनी सगी बड़ी बहन को घुटनों पर बैठा कर उसके चेहरे के सामने अपना इतना लंबा लोड़ा नंगा किये खड़े हो।

"आआह दीदी तुम ऐसे गंदी हुई कि अपने छोटे भइय्या के सामने घुटनो पर बैठ कर उसका नंगा लोड़ा अपने हाथ में पकड़कर उसकी मसाज कर रही हो।तुम सिर्फ गंदी नही रन....

"रुक क्यों गए बोलो क्या बोलना चाह रहे थे।

"कुछ नही दीदी सॉरी।

"नही दीदी की जान सॉरी नही कहो कहदो जो कहना चाहते हो यकीन करो मुझे अच्छा लगेगा।

"दीदी आपने कहा था ना आप अपने भाई के लिए कुछ भी कर सकती है।

"बिल्कुल कुछ भी जो मेरे भाई को अच्छा लगे।

"दीदी बुरा मत मानना पर क्या आप मुझे इस दर्द से सूकून पहुंचा सकती है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लंड फ़ट जायेगा दर्द के कारण।

"ओह भइय्या बताओ कैसे सूकून पायेगा तुम्हारा ये मोटू।
कोमल अमन के लंड को दुलारते हुए बोली।

"आपके होंठों के भीतर है इसका सूकून।
अमन ने आंखे बंद करके एक ही बार में अपनी दीदी को अपने मन की बात कह दी।
कोमल तो कबसे ललचा रही थी अपने भइय्या के मस्त लौड़े को अपने होंठों के भीतर लेने के लिए वो बस सही समय का इंतज़ार कर रही थी जो आ पहुंचा था।
अभी अमन ने अपनी बहन की प्रितिकिर्या देखने के लिए अपनी आंखें खोली भी नही थी कि उसको अपने लौड़े पर गरम हवा का एहसास हुआ अपने लंड को अपनी सगी बहन के मुँह में जाते हुए वो इस अद्भुत नज़ारे को मिस नही करना चाहता था उसने तुरंत अपनी आंखों को खोल कर नीचे बैठी अपनी बड़ी बहन की तरफ देखा।

कोमल घुटनो पर बैठी अपने हाथ से अपने भइय्या के लंड को ऊपर उठकर उसकी जड़ में अपनी नाक घुसेड़े उसकी खुशबू को अपने फेफड़ो में खींच रही थी उसने तीन चार बार अच्छे से अपने छोटे भाई के लंड से उठती महक को अपने फेफड़ो में खींचा और फिर लंड को सीधा पकड़ कर उसके केप को अपने होंठों से लगा लिया कोमल ने अभी अच्छे से अपने होंठो को बंद कर रखा था वो सिर्फ लंड के केप को अपने होंठों पर रगड़ रही थी।अमन के लंड के छेंद से निकलते चिकने पदार्थ से कोमल के होंठों पर लिप्-लॉस लगता चला गया।

"भइय्या देखो ना तुम्हारे इस से क्या निकल रहा है।
कोमल ने लंड के कैप को ऊपर उठाकर अपने भाई को दिखाया।अमन ने लंड के कैप से प्रिकम को अपनी उंगली पर लिया और अपनी दीदी को दिखाते हुए उसे अपने होंठों पर रगड़ लिया और उंगली पर बाकी बचे प्रिकम को अपनी जीभ से चाट लिया।
"आआह दीदी इसका स्वाद तो जाना पहचाना लग रहा है।
"सच में जाना पहचाना कैसे?
"हाँ आपने कार मैं चखाया था कुछ कुछ उसके जैसा पर कैसे आपके पास तो लंड होगा ही नही।फिर?
"अच्छा जी मेरे गन्दू भइय्या मेरे पास लंड नही है पर वो है जो लंड के लिए ही बनी है,मेरे गन्दू भइय्या के लंड के लिए।
"क्या है वो दीदी।
"वही जिसको देखने की कोशिश तुम तब कर रहे थे जब तुम्हारी बहन सुसु कर रही थी गंदे बेशर्म भइय्या।
"क्या है वो दीदी क्या कहते है उसको बताओ ना अपने छोटे भाई को।

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"उनहु, गन्दू भइय्या मुझे नही पता उसको क्या कहते है।
कोमल ने अमन के लंड के कैप को फिरसे अपने होंठों पर रगड़ा पर इस बार उसके होंठ हल्के से खुले थे,अपनी दीदी के कोमल होंठो का दबाव महसूस करते ही अमन की रगों में खून के बहाव में रवानगी आ गई।कोमल ने धीरे से अपनी जीभ निकाली और उसकी नोक को अपने भाई के पी-होल (पेशाब के छिद्र)पर रख दिया जँहा से चिकना सफेद पानी निकल रहा था।
"आआह दीदी.......मेरी......बहन......मेरी......जान।उइईई माँ सीईईईईई........क्या गरम.....जीभ...... है आपकी।
कोमल ने लंड के कैप पर चमकती पानी के बूंद को चाटते हुए कहा।
"जान नही,दीदी तुम्हारी बहन,तुम्हारी सगी बड़ी बहन हूँ मैं।
बोलो कौन हूँ मैं कौन हूँ मैं।
कोमल ने अबकी बार अपने होंठों को गोल किया और अपने प्यारे भइय्या के लंड का टोपा अपने होंठों में भींच लिया।
"उइईई दीदी.....मेरी.....बहन.....मेरी.....सगी....बड़ी......बहन हो तुम.....पर.....मेरी सगी.....बड़ी....बहन.....क्या कर ......रहीं.....है......अपने छोटे सगे .....भाई....के.....साथ।
"अपने भइय्या के गुलुप गुलुप सामने घुटनो पर बैठ कर उम्मम आह भाई का लोला चूस रही है सुडुप सुडुप।
"आआह दीदी पूरा.....मुँह में लो ना अपने छोटे भइय्या का।

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अबकी बार कोमल ने अमन की बात का कोई जवाब नही दिया सिर्फ अपनी आँखों को ऊपर उठाकर अपने भाई की आँखों में देखा और अपने दोनों हाथों को अमन गांड तक पहुंचा कर पूरी तरह अपने मुँह को फैलाया और अपने हाथों से ज़ोर लगाकर अमन को अपनी तरफ खींचने लगी और अपने मुँह को आगे की तरफ धकेलने लगी इंच इंच करके लोड़ा कोमल के मुँह में गायब होने लगा।4 इंच तक लोड़ा आराम से अंदर पहुंच गया पर इसके बाद लंड का टोपा कोमल के हलक पर जाकर अटक गया,कोमल ने अपने हाथों के ज़ोर से अपने भाई की गाँड़ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपनी गर्दन को आगे की तरफ झटका दिया,लंड का टोपा हलक को चीर कर लगभग 1 इंच और अंदर उतर गया अमन को ऐसा जैसे उसका लंड किसी शिकंजे में फ़स गया हो ऐसा नही था कि अमन पहली बार लंड चुसवा रहा था इससे पहले उसकी बुआ कामनी और
बुआ के पार्लर में काम करने वाली कमसिन लडकिया उसका लोड़ा चूस चुकी थी पर किसी के साथ भी उसको इतना मज़ा नही आया था जितना अपनी बड़ी बहन के साथ आ रहा था।ये शायद भाई-बहन के रिश्ते की कामुकता थी।

अमन को एक बार फिरसे अपनी बड़ी बहन के नाखून अपनी गाँड़ में धँसते महसूस हुए कोमल ने एक बार फिरसे अपनी गर्दन को झटका दिया और इस बार का झटका इतना तीर्व था कि एक ही बार में बाकी का 3 इंच लोड़ा भी कोमल के हलक में गायब हो गया।अमन ने देखा कि उसकी दीदी के होंठ उसके अंडों को चूम रहे थे।उसको अपना लोड़ा किसी तप्ती हुई गीली भट्टी में कसा महसूस हुआ पर अगले ही पल अमन को अपनी दीदी के दर्द का एहसास हुआ जब कोमल ने अपनी भीगी आंखों से अपने भाई की तरफ देखा,छोटे भइय्या का पूरा लंबा लोड़ा अपने हलक में फ़साये कोमल अपनी भीगी आंखों से मुस्कुराती हुई अमन की तरफ देख रही थी,वो खामोश थी और मुस्कुरा रही थी पर उसकी आँखों की कोर से टपकते आँसुओ ने अमन को उसकी स्तिथि का आभास करवा दिया था,अमन ने अपनी कमर को पीछे खींचने की कोशिश की ताकि अपनी बहन के ऊपर अपने लौड़े के ज़ुल्म को कम कर सके,पर कोमल ने हाथ के इशारे से उसको रोक दिया,जैसे कहना चाहती हो रुक जाओ भइय्या ये सब में अपनी खुशी से कर रही हूँ।अमन अपनी दीदी का इशारा पा कर रुक गया,कोमल ने कुछ क्षण रुक कर धीमे से अपने मुँह को पीछे किया तो अमन को अपना लंड लगभग 2 इंच बाहर निकला दिखा,कोमल ने कुछ क्षण रुक कर बाहर निकले लंड को वापस अपने हलक तक खींच लिया।अमन को ऐसा प्रतीत हुआ जैसे अभी उसका लोड़ा अपना ज़हर उगल देगा,पर ऐसा हुआ नही क्योंकि कोमल कुछ पलों तक रुक कर अपने हलक को भाई के लिए एडजस्ट करने लगी थी।
कुछ पल रुक रुक कर कोमल ने अपने हलक को भइय्या के लंड का अभ्यस्त कर लिया।अब वो पूरे लंड को बाहर निकाल कर वापस जड़ तक अंदर ले जाने लगी थी।

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अमन लगातार सिसकारियां किलकारियां मार रहा था।

"आआह आआह उइईई दीदी.....जान.......चुसो......उइईई.....आआह......अपने ....भाई.....का.....

अपने भाई को वाक्ये पूरा ना करता देख कोमल ने लंड को मुँह से निकाल कर हाथ से पकड़ कर अपनी नशीली आंखों से अपने भाई की तरफ देखा और बोली।
"भाई का क्या .....अपने भाई का क्या चूसु गन्दू भइय्या।

अपनी दीदी के थूक से भरे लसलसे हलक से लंड के बाहर निकलते ही अमन की वासना जैसे आकाश से धरती पर आ गिरी,उसे किसी भी कीमत पर अपना लंड वापस अपनी बहन के हलक में ठूसना था अपनी दीदी को वापस शुरू करने के लिए वो जल्दी से बोला।

"आआह दीदी अपने ......भइय्या.....का.....लंड......दीदी......भइय्या.....का......लोड़ा......चुसो मेरी......बहन।

"हाँ ऐसा बोल न मेरे गन्दू भइय्या अभी लो देखो कैसे तुम्हारी दीदी पूरा लोड़ा खा जायगी अपने भइय्या का।

कोमल ने एक बार फिरसे अपने भइय्या के झटके मारते लंड को अपने हलक का रास्ता दिखाया,भइय्या के लंड को पूरा हलक में उतार कर कोमल ने अपने हाथ को लंड से हटा कर उसको एक बार फिरसे भइय्या के चूतड़ पर रख लिया और अपनी गर्दन को हिलाकर अमन के लंड को पूरा हलक तक उतारती फिर वापस बाहर निकालती।कुछ ही पलों में कोमल के मुँह में इतना थूक इखट्टा हो गया कि जैसे ही लंड हलक से बाहर आता तो उसपर से थूक नीचे टपकने लगा जो सीधा कोमल की गुदाज़ छातियों के बीच गिर रहा था।मस्ती और मज़े के कारण अमन की जांघो में थरथराहट बढ़ने लगी थी और उसका एक हाथ अब अपनी दीदी के बालों में पहुंच गया था,अपनी बहन के बालों को पीछे से पकड़ कर अब अमन ने अपनी कमर को चलाना शुरू कर दिया था,अमन को अब दीदी के मुंह की जगह चूत दिख रही थी वो अपनी बहन के मुँह को चूत समझ कर लगातार लंबे लंबे झटके मार रहा था,अपने भाई के कंमाण्ड सम्हालने के बाद कोमल को महसूस हुआ कि जैसे लोड़ा हलक में और नीचे तक उतर रहा हो अपने भइय्या के झटकों की तीव्रता को देख कोमल को खयाल आया जब मेरा भाई मेरी चूत में ऐसे झटके मारेगा तो मैं तो मज़े से बेहाल हो जाऊंगी"उफ्फ्फ ऐसे झटके जब चूत में पड़ेंगे तो लंड नाभि तक ठोकर मारेगा उइईई माँ।
मुँह में अंदर बाहर होता भइय्या का लंबा लोड़ा और ऐसे ख्याल मन में आते ही कोमल की चूत ऐसे बहने लगी जैसे किसी ने टोटी खुली छोड़ दी हो,कोमल का एक हाथ सरसराता हुआ अपनी जांघों के बीच पानी बहाती
अपनी चूत पर पहुंच गया

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कोमल ने अपनी चूत के फूले हुए होंठो को पकड़ कर दबाया तो उनमें रुका पानी भलभला कर बाहर निकला और कोमल की हथेली को पूरा भिगों गया अमन की आंखे लगातार अपनी बड़ी बहन को नोटिस कर रही थी जैसे ही कोमल ने अपनी जांघों के बीच से हाथ निकाल कर अपनी हथेली पर जमा रस को देखा अमन की परस्पर चलती कमर रुक गईं कोमल ने लंड का आवागमन बाधित होने का कारण जानने के लिए ऊपर देखा तो अमन ने उसकी हथेली की तरफ इशारा करके अपनी जीभ को बाहर निकाल अपनी गर्दन को ऐसे ऊपर किया जैसे चाटना चाहता हो।अपने भाई की हरकत देख कर कोमल को हंसी आ गई।कोमल ने आधा अंदर घुसा लंड बाहर निकाल कर अपने भाई से कहा।
"क्या कहना चाहते हो।
"दीदी ये वही कार वाला जेल हैं ना,मुझे चाटना है।
"हाँ मेरे गन्दू भइय्या वही जेल है,लो अभी चटाती हूँ।
कोमल अपने घुटनों से खड़ी हो गई और अपने हाथ को अपने भाई के मुँह की तरफ बढ़ाया पर जैसे ही अमन ने अपनी जीभ निकालकर उसको चाटना चाहा कोमल ने अपने हाथ को पीछे खींच लिया।
"पहले अपने लोले का जेल तो चख कर देखो गन्दू भइय्या इसका स्वाद कैसा है।
कोमल ने अपने होंठों को बाहर निकाल कर अपने भाई को उनको चूसने का आमंत्रण दिया।
"ठीक है दीदी जैसा आप चाहो।
अमन ने अपनी दीदी की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने सीने से चिपका लिया,कोमल के गुदाज़ स्तन अमन के चौड़े सीने में दब गए,अमन का दबाव इतनी तेज़ था कि कोमल को उत्तेजना में खड़े निप्पलों में तीर्व दर्द का एहसास हुआ उसके मुंह से "उइईई माँ आराम से गन्दू भइय्या"निकला।अमन पर जैसे अपनी बड़ी बहन की बात का कुछ असर ही नही हुआ उसके सूखे होंठ अपनी दीदी के भीगे होंठो पर पहुंच कर अपना कमाल दिखाने लगे।कुछ ही सेकंड मैं कोमल के होंठो और होंठो के आस पास लगा अपने भाई के लंड का वीर्ये अमन ने चाट चाट कर साफ कर दिया पर अमन लगातार अपनी दीदी के होंठों को ऐसे चूस रहा था जैसे उनमे से शहद टपक रहा हो,आखिर कार कोमल ने अमन के होंठों से अपने होंठों को आज़ाद करवाया और अपने हाथ पर लगा अपनी चूत का पानी अपने भाई के होंठों पर रगड़ दिया अमन ने बड़े चाव से अपनी दीदी की चूत का गाढ़ा पानी चाट लिया और बाद में अपनी जीभ निकाल कर दीदी की उंगलियों के बीच फ़सा पानी भी पूरी तरह चाट कर दीदी के हाथ को साफ कर दिया।अपने भाई की बेताबी देख कोमल ने आगे बढ़ कर अमन के होंठों को चूम लिया पर ये एक छोटा सा चुम्मा था।
अमन को चूत के पानी का स्वाद लग चुका था वो अब ऐसे रुकने वाला नही था उसने अपनी दीदी की आंखों में आंखे डाल कर कहा।
"दीदी ये पानी मुझे सीधा नदी से मुँह लगा कर पीना है।
कोमल समझ गई कि उसका छोटा भइय्या उससे चूत को चाटने की परमिशन मांग रहा है,
अपने भाई की डिमांड सुनकर कोमल की चूत फुदकने लगी।
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उसने भी अपने भाई को निराश नही किया और बोली।
"बिल्कुल पी लेना मेरे गन्दू भइय्या,नदी भी तुम्हारे होंठो से मिलने को बेताब है पर उससे पहले क्या मुझे 15 मिनट मिल सकते है ताकि में अपनी नदी को अपने भइय्या के होंठो से मिलने के लायक बना लूँ।
"ठीक है दीदी में बाहर घूम कर आता हूँ।
अमन ने अपने कपड़ों को ठीक किया और गेट खोल कर बाहर निकल गया कोमल अपने भाई को जाता देखती रही।



कहानी जारी है।
अपने कीमती सुझाव देते रहे।
Shandar ,Jabarzast, jindabad
 
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अबकी बार क़ौमल ने अपने भाई को निराश नही किया अपनी गाँड़ को पीछे धकेल कर क़ौमल सही स्थिति में कुछ देर रुकी,और यही वो समय था जब अमन ने अपनी दीदी की गाँड़ के छिद्र से ठीक एक इंच नीचे उसकी फूली हुई चूत के दीदार किये,क़ौमल के झुकने के कारण उसकी चूत के गुलाबी होंठ हल्के से खुल कर अंदर गुलाबी रंग की दुनिया होने का संकेत दे रहे थे।अमन अपनी दीदी की इस गुलाबी दुनिया में ऐसा खोया की उसको पता ही नही चला कि क़ौमल कब से उसके हाथ में खड़े लौड़े को देख रही थी।
"हेलो ओ हेलो जल्दी से सुसु करलो चलना नही क्या।
क़ौमल ने अपने छोटे भाई के लण्ड पर उभर आई नसों को देखते हुए कहा।
"हैं हाँ चलते है।
अमन जैसे नींद से जागा और अपनी बहन के पीछे पीछे चलने लगा उसको ये भी ध्यान ना रहा कि उसका लंबा लौड़ा पैंट की खुली चैन से बाहर ही झूल रहा था।

अब आगे-

अमन अपनी बहन की मटकती हुई गांड को देखते हुए उसके पीछे पीछे चला जा रहा था,उसको इतना भी ध्यान न था कि उसका अजगर खुली हवा में पैंट से बाहर लटक रहा है,उसका दिमाग तो जैसे अभी कुछ ही पल पहले देखी अपनी दीदी की गुलाबी चूत और मतवाली मदमस्त नंगी गांड में ही अटक गया था और अभी भी उसको अपने आगे आगे चलती अपनी दीदी की बलखाती गांड नंगी ही नज़र आ रही थी,

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कोमल को मालूम था कि उसके पीछे आते उसके भाई की आंखे क्या देख रही होगी इसलिए उसकी गांड की थिरकन भी आवश्यकता से अधिक बढ़ी हुई थी,कुछ ही पलों मे दोनों भाई बहन अपनी कार तक पहुंच गए,कोमल ने मुड़कर अपने भाई की तरफ देखा ना चाहते हुए भी उसकी आंखें अपने भाई के चेहरे से फिसलती हुई उसकी जांघो के बीच पहुंच ही गई,और सामने का नज़ारा देख इस बार वो अपने आप को खिलखिलाने से नही रोक पाई।

"ये देखो इन साहब को इतनी गर्मी लगी है कि खुले रोड पर अपनी बंदूक को नंगा किये घूम रहे है,वो भी अपनी बड़ी बहन के सामने।
कोमल ने खिलखिला कर कहा।

अपनी बहन की आंखों का इशारा समझ कर अमन को अपनी बेवकूफी का एहसास हुआ,अपनी जांघो के बीच देखते ही वो खिसयानी हँसी हंसता हुआ अपने अर्ध-मूर्छित लौड़े को अपनी पैंट की खुली चैन से अंदर डालने की कोशिश करने लगा पर आधा खड़ा लोड़ा इतनी आसानी से कँहा अंदर जा सकता था,ऊपर से अमन के हाथ में भींच भींच कर वो अंदर तो नही गया अपितु और गुर्राने लगा,कुछ ही पलों में कोमल और अमन को एहसास हो गया कि इस अवस्था में ये दैत्य सिर्फ चैन के रास्ते तो अपना मुँह छुपाने में कामयाब न हो पायेगा।

अमन ने खिसियाकर मुस्कुराते हुए अपनी दीदी की तरफ देखा,जैसे पूछना चाहता हो अब क्या करूँ।
कोमल की आंखे तो लगातार अपने छोटे भाई के मोटे बैंगन पर जमी हुई थी,उसका दिल किया कि अपने भाई के लंबे लौड़े को पकड़ने का उसको अपने हाथ से छू कर देखने का उसकी सख्ती को महसूस करने का उसके पास सुनहरा अवसर है,वो अभी अपने भाई की मदद करके उसके दैत्याकार लौड़े को उसकी पैंट के भीतर कर दे,पर उसका दिमाग कह रहा था कि पैंट के भीतर जाते ही वो उसकी आँखों से ओझल हो जायेगा,और फिर पता नही वो अपने छोटे भाई के हसीन लंड के दीदार कब कर पायेगी।

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अमन के लंड को छूने का लालच फिलहाल उसने छोड़ दिया और गंभीर आवाज़ में अपने भाई से बोली।

"अमन मुझे यंहा डर लग रहा है रोड बिल्कुल सून-सान है
ये अभी अंदर जाने के मूंड में नही है इसको बाद में छुपा लेना पहले यंहा से चलते है,और वैसे भी ये मुझसे छुपा नही है बचपन में इसे मैंने कितनी ही बार देखा है।

"ठीक कहा दीदी चलते है वैसे भी ये अभी अंदर नही जाना चाहता।
अमन ने फिरसे अपने लंड को दबाते हुए कहा।

अमन ड्राइविंग सीट पर बैठते हुए कोमल को आगे ही बैठने का इशारा करता है,कोमल भला ये गोल्डन चांस कँहा छोड़ने वाली थी वो भी अपने भाई की बराबर वाली सीट पर बैठ गई,अपनी सीट पर बैठते हुए कोमल ने अपने भाई की जांघो के बीच देखा,अमन का लंड इस वक्त सीधा ऊपर की तरफ तन कर खड़ा था जैसे कार की छत में छेंद करना चाहता हो।
अपने छोटे भाई के मस्ताने लंड को इस तरह खड़ा देख कर कोमल का मन किया के अपनी गदराई गांड को कार की सीट पर रखने से अच्छा है के वो उसको अपने भाई के खड़े लंड पर रख दे,पर अभी ऐसा संभव ना था फिलहाल उसने सिर्फ उसको देखते रहना ही उचित समझा।

धीरे धीरे कार की स्पीड बढ़ती चली जा रही थी अंधेरी सुनसान सड़क पर कुछ ही पलों में कार हवा से बात करने लगी थी कोमल की नज़रे लगातार अपने छोटे भाई के खड़े मिसाईल पर जमी हुई थी जिसका एहसास अमन को भी था,अमन का लंड ये सोच कर लगातार झटके मार रहा था कि उसकी दीदी की आंखे उसको देख रही है,वंही कोमल को अपनी आपस में रगड़ती जांघो के बीच कुछ ही देर में गीलापन महसूस होने लगा जिस छोटे भाई को उसने खिलाया था जिसके साथ नंगी नहाई थी जिसकी नुंनी को हज़ारो बार देखा था,पता नही उम्र बढ़ने के बाद उसके भाई के उस अंग में उसकी इतनी दिलचस्पी क्यों बढ़ गई थी।

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ऐसा नही था कि कोमल कोटूम्भिक व्यभिचारिनी थी कोटूम्भिक व्यभिचार का ख़याल तक नही आया था कभी उसके मन में पर ये शायद अमन से उसकी बेपनाह मोहोब्बत का नतीजा था कि वो सामी के सामने अपनी जाँघे फैलाये पड़ी थी पर आखरी समय में जब सामी उसकी गुलाबो को चीरने ही वाला था तब उसके मन में अपने छोटे भाई के लिए प्यार ने ही उसको रोक दिया था।
कोमल ये सुखद एहसास अपने भाई से प्राप्त करना चाहती थी जिसके साथ उसका बचपन गुज़रा था जिसके साथ वो बड़ी हुई थी जिससे उसको प्यार था।

कोमल की आंखे लगातार अपने भाई के फंफनाते नाग पर जमी हुई थी उसको अपनी चूत में चीटियां काटती हुई महसूस हो रही थी उसकी छोटी सहेली से लगातार चिकना पानी रिस रहा था जो अब उसकी जांघों तक आ पहुंचा था।
कोमल का हाथ बार बार अपनी जांघों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था पर वो अपने भाई के सामने शर्मिंदा नही होना चाहती थी,वैसे तो अमन अपना पूरा का पूरा नागराज बाहर निकाले बैठा था अगर कोमल अपनी छोटी सहेली के थोड़े हाल चाल पूछ भी लेती तो उसपर कोई फर्क नही पड़ने वाला था।

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अंधेरे रास्ते में कभी कभी सामने की तरफ से गाड़ी आती तो उसकी रोशनी में अमन का लोड़ा कोमल को झटके मारता हुआ दिखता अभी अभी एक कार ने अमन की कार को क्रोस किया तो कोमल ने देखा कि अमन का हाथ अपने लौड़े पर कसा हुआ है और अमन उसको अपनी मुट्ठी में लेकर आगे पीछे कर रहा है।कोमल से अपने भाई की परेशानी देखी न गई।उसने हिम्मत करके पूछ ही लिया।

"क्या हुआ मेरे भाई इसको।
कोमल का इशारा अपने भाई के लंड की तरफ था।

"कुक कुछ नही दीदी कब से खड़ा है दर्द करने लगा है,पर बैठ ही नही रहा।

"तो ऐसे मसलने से बैठ जायेगा क्या?
कोमल मेडिकल की स्टूडेंट थी उसको सब कुछ मालूम था पर वो अपने भाई से बात बात में खुलना चाहती थी,और अपने भाई को भी खोलना चाहती थी,क्योंकि अमन अभी झिझक रहा था।

"शायद बैठ जाये दीदी, कोशिश करने में क्या बुराई है।

"बुरा न मानो तो ये कोशिश में कर लेती हूँ,तुम ड्राइविंग पर ध्यान दो।
कोमल ने धीरे से अपने मन की बात बोलदी।अब गेंद अमन के पाले में थी।अपनी दीदी की बात सुनते ही अमन के मन में लड्डू फूटने लगे,कोमल के कोमल हाथ लगने से पहले ही उसको अपनी बहन के मुलायम हाथो का एहसास अपने गुस्साए लंड पर होने लगा।

"अरे नही दीदी इसमे बुरा मानने की क्या बात है,मुझे अच्छा लगेगा।।

कोमल ने धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने भाई के गियर-शाफ़्ट जैसे मोटे सुपाड़े पर रख दिया और अपनी हथेली से ढक कर उसको ऐसे पकड़ लिया जैसे गियर को पकड़ते है अपनी सगी बहन के हाथ की कोमलता को अपने लंड पर महसूस करते ही अमन के शरीर की सारी नसे तन गई और एक्सीलेटर पर रखा उसका पैर सीधा होकर दबता चला गया जिसके कारण गाड़ी की स्पीड बढ़ती चली गई।
गाड़ी की स्पीड बढ़ने से कोमल को लगा जैसे उसने गाड़ी को टॉप गियर लगा दिया है।उसने लंड को ऐसे ही पकड़ते हुए उसको अमन के पेट की तरफ खींचा जैसे वो कार को टॉप गियर से चौथे गियर में ले जा रही हो,अमन अपनी दीदी के स्टाइल से समझ गया कि वो क्या चाहती है,उसने एक्सीलेटर से पैर का दबाव कम किया तो कार की स्पीड कम होने लगी।कोमल ने लंड के कैप को मुठ्ठी में भींच कर फिरसे राइट करके ऊपर की तरफ खींच दिया अमन के पैर का दबाव फिरसे एक्सीलेटर पर बढ़ने लगा और कार तेज़ चलने लगी।कोमल के चेहरे पर मुस्कान बिखर गई उसने अपने हाथ से लंड छोड़ दिया लंड झटके के साथ फिरसे वापस अपनी जगह आ गया।अबकी बार उसने उसको लंबाई की तरफ से अपनी मुट्ठी में कैद कर लिया और उसकी लंबाई और मोटाई का अंदाज़ा लगाने लगी।धीरे धीरे कोमल ने अपने भाई के मिसाइल को ऊपर से नीचे तक आगे से पीछे तक महसूस किया ये उसकी जिंदगी का दूसरा लंड था जिसको वो इतने पास से अपने हाथों में पकड़ कर फील कर रही थी।

कोमल के हाथों ने लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे करना शुरू किया तो अमन की कमर अपने आप रिलेक्स की मुद्रा में सीट पर पसरती चली गई और उसकी पलके भारी होनी शुरू हो गई कोमल की आंखे बराबर लंड पर जमी हुई थी वो लगातार सूखे हाथो से लंड को रगड़ रही थी अपनी छोटी मुनिया का ख्याल आते ही उसने लंड से हाथ हटाया और अपने हाथ को सीधा अपनी लेगिंग के अंदर डाल दिया चूत पूरी तरह पानी पानी हुई पड़ी थी अपने हाथ से कोमल ने अपनी चूत को रगड़ कर पूरा भिगो लिया और हाथ को लेगिंग से वापस बाहर निकाल कर उस भीगे हाथ से अपने भइय्या के खड़े लौड़े को पकड़ लिया।

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चूत के चिकने पानी से भीगे हाथ में लंड पकड़ कर जैसे ही कोमल ने अपने हाथ को ऊपर से नीचे की तरफ खींचा चिकने पानी के कारण लंड भिंच कर फिसलता चला गया
पर कोमल की इस कार्ये ने अमन को सिस्कारने पर मजबूर कर दिया।

"उफ़्फ़फ़फ़ दीदी आआह सससस।

"क्या हुआ भइय्या।
कोमल ने अनजान बनते हुए मासूम सा चेहरा बना कर पूछा।

"ओह दीदी ये लुब्रिकेंट कहा से आया आपके हाथ पर,सससस ऐसे ही करो।

अपने छोटे भाई का सवाल सुनकर कोमल शरमा गई,उसकी समझ नही आ रहा था कि अपने भाई को कैसे बोले कि उसके लंड पर जो लुब्रिकेंट उसकी बहन ने लगाया है वो उसकी बहन की चूत से निकला चिकना पानी है।

"ये एक खास तरह का लुब्रिकेंट है भइय्या जिसको चाटने के लिए लड़के तरसते है।
बस इतना ही बोल पाई कोमल।पर अमन अब बड़ा हो चुका था वो कोई छोटा बच्चा नही था जो समझ ना पाता,पल भर में अमन समझ गया कि ये चिकनी चीज़ क्या थी,उसके हाथ अपने लंड पर पहुंचे और अपने लंड पर लगे पानी से उसने अपनी उंगली को भिगोया और उसको अपने होंठों के बीच लेकर चूस लिया।

"आआह दीदी ये तो सच में बहुत टेस्टी है पर ये है क्या?और क्या ये मुझको और मिल सकता है।

"बस इतना समझ लो ये तुम्हारी दीदी का कीमती जूस है मेरे भइय्या।
कोमल अपने भइय्या के लंड को खींचती हुई बोली।

"दीदी का जूस मतलब में समझ नही पाया।
अमन अनजान बनता है।

"समझ जाओगे मेरे भइय्या जान।

"पर आपने बताया नही दीदी।

"क्या

"क्या ये मुझे और मिल सकता है।

"क्यों चाहिए मेरे गन्दू भइय्या।

"दीदी इसकी स्मेल और इसका टेस्ट बहुत प्यारा है।आआह आराम से दीदी देखो आपका हाथ फिरसे सूख गया।

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कार मैं बाहर से आती लगातार ठंडी हवा ने कोमल के हाथ को सुखा कर दिया था जिसके कारण अमन के लंड पर उसके हाथ की रगड़ लग रही थी,मुठ्ठी की प्रिकिर्या को जारी रखने के लिए कोमल को फिरसे चिकनाई की आवश्यकता थी जो उसकी जांघो के बीच पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थी।

"कोई बात नही मेरे प्यारे छोटू गन्दू भइय्या दीदी फिरसे इसको चिकना कर देगी और अगर तुमको फिरसे इसको टेस्ट करना है तो कोई अच्छी सी जगह देख कर गाड़ी रोक लो इतनी रात को इतना लंबा सफर करना ठीक नही है।

अमन समझ रहा था कि उसकी बहन का इशारा किस तरफ है उसने रॉड के दोनों तरफ अपनी आंखें दौड़ानी शुरू कर दी।कुछ ही देर में उसको एक बड़ा सा होटल दिख गया जिसको देख उसने गाड़ी को धीमा करना शुरू कर दिया और कुछ ही देर में गाड़ी पार्किंग में खड़ी थी पर अमन के साथ अभी भी प्रॉब्लम जस की तस बनी हुई थी उसका लंबा लंड अभी भी पैंट के बाहर लटक रहा था।
अपने छोटे भाई को परेशान देख कोमल से रहा न गया वो अपने भाई के सामने जाकर घुटनो पर बैठ गई और उसके लंड को पकड़ कर उसके पेट से लगा दिया और अंडर वियर को ऊपर चढ़ा कर धीरे धीरे उसकी पैंट को ऊपर चढ़ा दिया।पैंट को ऊपर चढ़ाते हुए कोमल कुछ बड़बड़ा रही थी।

"छोटू बस कुछ देर और इंतज़ार करो फिर दीदी तुमको पूरी तरह रिलैक्स कर देगी।

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कोमल बहुत धीमी आवाज़ में ये सब बड़बड़ा रही थी पर अमन के कान भी काफी तेज़ काम कर रहे थे अपनी दीदी के मुख से निकली इस धीमी आवाज़ को अमन ने सुन लिया पर बोला कुछ नही।पैंट ऊपर चढ़ने के पश्चात दोनों भाई बहन रिसेप्शन की तरफ बढ़ गए।
अमन ने रिसेप्शन पर खड़ी खूबसूरत लड़की से बात कर रात भर के लिए रूम लिया लड़की ने रूम की चाबी अमन को देते हुए रास्ता दिखाया।पर कोमल ने लड़की को अकेले में बुला कर उससे कुछ बात की,अमन दूर खड़ा समझने की कोशिश कर रहा था कि आखिर उसकी बहन आखिर करना क्या चाहती है।कुछ देर दोनों में बात हुई और फिर लड़की वापस आकर एक दूसरी चाबी अमन को पकड़ा कर कोमल की तरफ देखती हुई मुस्कुरा कर बोलती है।

"मैडम आप कुछ देर 34 में ठहरिये रूम तैयार होते ही हम आपको कन्फर्म कर देंगे।तब तक मैं आपके लिए खाना भेजती हूँ।धन्येवाद।

अमन को कुछ समझ नही आ रहा था पर वो कुछ बोला नही बस दोनों के बीच होती बात को सुनता रहा और खामोश खड़ा देखता रहा।चाबी लेकर कोमल रूम की तरफ बढ़ गई साथ में अमन भी उसके पीछे पीछे चल दिया कुछ ही देर में दोनों एक रूम में थे।अभी वो रूम में आये ही थे कि पीछे से वेटर खाना सर्व कर गया,दोनों भाई बहन ने मिलकर खाना खाया,खाना खत्म करके दोनों भाई बहन अपने हाथ धो रहे थे कि रिसेप्शन वाली लड़की अपने हाथ में एक और चाबी लेकर उनके गेट पर खड़ी बेल बजा रही थी।गेट खोलने पर वो लड़की रास्ता दिखाने लगी और आगे आगे चलने लगी,कोमल और अमन चुपचाप उसके पीछे चलने लगे।एक कमरे के सामने वो लड़की रुकी और चाबी कोमल के हाथ में देती हुई बोली।
"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये मैडम आपका रूम आपके कहे अनुसार बिल्कुल तैयार है,शुभ रात्रि।

अमन को समझ नही आया कि लड़की ने हनीमून ही कहा था या उसको धोखा लगा है,पर जब से कोमल ने बात करनी शुरू की थी वो बस खामोश होकर अपनी बहन के पीछे पीछे चल रहा था।कोमल को चाभी देकर वो लड़की चली गई कोमल ने चाबी से रूम को अनलॉक किया और अमन को अंदर चलने का इशारा किया,अमन जैसे ही अंदर गया उसकी आंखें चौड़ी हो गई उसके दिमाग में रिसेप्शन पर खड़ी लड़की की आवाज़ गूंजने लगी"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"।
Badhiya shaandar
Happy honeymoon ❤️❤️❤️
 
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