Naik
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Bahot behtareen shaandar"बिल्कुल पी लेना मेरे गन्दू भइय्या,नदी भी तुम्हारे होंठो से मिलने को बेताब है पर उससे पहले क्या मुझे 15 मिनट मिल सकते है ताकि में अपनी नदी को अपने भइय्या के होंठो से मिलने के लायक बना लूँ।
"ठीक है दीदी में बाहर घूम कर आता हूँ।
अमन ने अपने कपड़ों को ठीक किया और गेट खोल कर बाहर निकल गया कोमल अपने भाई को जाता देखती रही
अब आगे-
अमन के बाहर जाते ही कोमल ने रूम को लॉक किया और अपने बैग की तरफ भागी अपने बैग में वो शायद कुछ ढूंढने की कोशिश कर रही थी जो उसको मिल नही रहा था बैग को खाली करते करते वो टाइम को भागते देख झुंझलाने लगी,तभी बैग में रखी चीज़ को देख उसकी उसकी आँखों में चमक आ गई,उसने जल्दी से उसको उठाया और बाथरूम की तरफ दौड़ी बाथरूम में पहुंच कर कोमल अपने छोटे भाई के लिए अपने आप को तैयार करने लगी।
इधर अमन होटल से कुछ दूर टहल रहा था तभी उसके फ़ोन पर मैसज ट्यून बोली अमन ने अपना मोबाइल निकाल कर देखा कामनी बुआ का मैसज था उसने उसको खोल कर देखा तो कामनी ने अपने भतीजे को एक फोटो सैंड की थी फ़ोटो को देख अमन की आंखे चमकने लगी।
कामनी ने फिर टेक्स्ट मैसज किया "कैसी लगी फ़ोटो"
अमन "कौन है ये बुआ
कामनी"पहचान तेरा कोई अपना ही है।
कामनी ने एक के बाद एक 4-5 फोटो सेंड किये।
कामनी"अब पहचाना या अभी भी नही।
अमन"आप तो नही हो बुआ फिर कौन हो सकता है बताओ न बुआ कौन है।
कामनी"नही बेटा पहचानना तो तुमको ही पड़ेगा में नही बता सकती इतना बोल सकती हूँ तुम्हारी कोई खास ही है।
चाहो तो कुछ और दिखा सकती हूँ।
अमन"दिखाओ,कोशिश करता हुँ।
कामनी ने कुछ और फोटोज़ सेंड किये।
अमन हर एक फोटो को धयान से देख रहा था पर वो पहचान नही पा रहा था आखिर अमन ने एक फोटो देख कामनी को रिप्लाय किया।
अमन"ओह बुआ क्या सच में।
कामनी"सच में क्या बेटा जानी बताओ।
अमन"ओह बुआ कैसे किया ये बताओ ना।
कामनी"चीटिंग नही चलेगी पहले बताओ कौन है ये।
अमन"सच बुआ मम्मी है ये बताओ न कैसे किया।
कामनी"बहुत चालक हो तुम अमन कैसे पहचाना।
अमन"भूल गई बुआ आपने ही तो दिखाया था मम्मी पापा को चुदाई करते हुए।
कामनी"अच्छा जी इसलिए पहचान गया मेरा प्यारा भतीजा।कैसी लगी मेरी भाभी।
अमन"मम्मी तो मस्त है बुआ ये बताओ आपको ये फोटोज कैसे मिले।
कामनी"बेटा शायद तुम भूल रहे हो तुम्हारी बुआ के पास आकर तो अच्छे अच्छे नंगे हो जाते है,वैक्सिंग कराई है तेरी माँ ने पूरे जिस्म की।शायद बेटी और बेटे के ना होने का फायदा उठाना चाहते है दोनों।
अमन"ठीक कहा बुआ आपके पास आकर तो सिर्फ लडकिया और औरते ही नही में भी नंगा हो गया था है है है।
कामनी"वैसे तेरी माँ पूरी गदरा रही है,एक बार को तो मेरा भी मन किया कि.....
अमन"क्या मन किया बुआ।
कामनी"वही जो तेरा मन कर रहा है अभी।बोल तेरा क्या मन कर रहा है अपनी माँ को देख कर।
अमन"पहेलियां ना बुझाओ बुआ बताओ ना आपका क्या मन कर रहा था।
कामनी"बताया तो है जो तेरा मन कर रहा है,बोल क्या तेरा मन नही कर रहा कि अपनी मम्मी के गदराई चुचियों को निचोड़ डाले,उनकी गदराई गाँड़ को मुँह में भर भर कर काटे,और हाय उनकी चूत तो देख देखते ही मुँह में भरने को दिल कर रहा है अमन कसम से डबल रोटी की माफिक फूली हुई चूत है तेरी मम्मी की जब औरत होकर मेरा ऐसा मन कर रहा था तो तेरा तो...सच बोल रही हूँ बेटा तेरे लंड के मज़े आ जायँगे तेरी मम्मी की चूत में घुस कर।
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अमन"ओह बुआ सच बोलती हो आप कसम से मेरा भी ऐसा ही मन कर रहा है।
कामनी"कोमल कहाँ है बेटा।
अमन"बुआ में अभी बाहर आया था होटल के कोमल दीदी रूम में ही है।
कामनी"पगले तूने अनजान जगह पर अपनी बहन को अकेला क्यों छोड़ा हुआ है जा सके पास उसको तेरी ज़रूरत होगी,वैसे तुझको और भी बहुत कुछ दिखाना था पर तु अभी कोमल के पास जा फ्री होकर मुझको मैसज करना ओके।
अमन"ओके बुआ फ्री होकर आपसे बात करता हूँ।
अमन को बुआ से बात करने में टाइम का पता ही नही चला,सही पूछो तो अपनी माँ का गदराया हुआ मदमस्त जिस्म देख कर वो अपनी बहन को भूल ही गया था उसने मोबाइल में टाइम देखा और दौड़ता हुआ होटल की तरफ आने लगा।कुछ ही देर में वो अपने रूम के बाहर खड़ा रिंग बजा रहा था,कोमल अंदर अपने भाई का ही इंतज़ार कर रही थी रिंग की आवाज़ सुनकर उसने अपने भाई को मैसज किया"डोर ओपन है गन्दू भइय्या अंदर आ जाओ"
अपनी दीदी का मैसज देखते ही अमन रूम के अंदर दाखिल होता है,डोर के ठीक सामने किंग साइज बेड पर कोमल बिल्कुल सफेद चादर से अपने जिस्म को ढके लेटी थी अपने भइय्या को देखते ही उसकी आँखों में चमक आ गई,अमन धीरे धीरे बेड की तरफ बढ़ने लगा।तभी उसके कानों से एक आवाज़ टकराई।
"दरवाज़ा तो बंद करदो गन्दू भइय्या।
ये कोमल की आवाज़ थी जो अपने भाई को सम्मोहित अवस्था में अपनी तरफ आता देख रही थी।
अपनी बहन की आवाज़ सुन अमन की तंद्रा भंग हुई वो वापस पलट कर गेट के पास गया और उसको पूरी तरह से बंद कर वापस अपनी दीदी की तरफ पलटा।
"अब ठीक है ना दीदी।
"हाँ गन्दू भइय्या अब हमें कोई नही देख पायेगा।
अमन एक बार फिरसे चादर में लिपटी अपनी बड़ी बहन की तरफ लपका कोमल के बदन के उभार कटाव चादर के बाहर से ही देखे जा सकते अमन जैसा सोच रहा था अगर वैसा ही हुआ तो इस सफेद चादर के अंदर बेशकीमती खज़ाना छुपा था जो कुछ ही पलों में अमन की आंखों के सामने आने वाला था।अमन बेड के पास जा खड़ा हुआ और अपनी दीदी की तरफ देख कर बोला।
"क्या आपकी नदी अपने भाई के होंठो की प्यास बुझाने के लिए तैयार है दीदी।
"बिल्कुल तैयार है भइय्या आपने ही देर लगा दी ये तो कब से अपने भइय्या का इंतज़ार कर रही है।
"ठीक है फिर देखते है।
अमन ने अपनी दीदी के पैरों के पास से चादर को पकड़ा और धीरे धीरे उसको अपनी तरफ खींचने लगा चादर धीरे धीरे कोमल के चिकने बदन से नीचे की तरफ फिसलने लगी कुछ ही पलों में चादर ने कोमल के गुदाज़ वक्षो से नीचे की तरफ से ऊपर का सफर तय किया और चोटियों से एक बार फिर नीचे की तरफ आने लगी कोमल के गुलाबी निप्पल से चादर के फिसलते ही अमन के सामने अपनी बड़ी बहन के मदमस्त उभार थे जो एकदम कसे हुए सुडौल थे जिनपर चने की बराबर गुलाबी निप्पल शोभायमान कोमल के गोरे गुदाज़ सुडौल स्तन देख अमन की आंखों ऐसे चमकी जैसे कोई बेशकीमती खज़ाना देख लिया हो।
चादर धीरे धीरे कोमल के पेट को नंगा करती जा रही थी आखिर चादर नाभि तक आ पहुंची अमन की आंखे लगातार अपनी बहन के नंगे होते जिस्म पर घूम रही थी कुछ ही पलों में चादर ने कोमल की नाभि का साथ छोड़ दिया हल्के से उभरे पेट में कोमल की गहरी नाभि गज़ब का आकर्षण समेटे थी अपनी दीदी की नाभि को देख अमन के माइंड ने कहा छोटी मोटी लुल्ली तो दीदी की नाभि को भी चोद कर शांत हो सकती है,अपने माइंड में आई बात पर अमन को खुद ही हँसी आ गई।अपनी आंखें अपनी दीदी की नाभि पर जमाये अमन धीरे धीरे चादर को अपनी तरफ खींच रहा था,कोमल का वस्ति-प्रदेश शुरू होने पर चादर एक बार फिरसे ऊपर चढ़ने लगी कोमल की उभरी चूत चादर के अंदर से भी अपना उभार दिखा रही थी,चादर के चूत तक आने तक तो कोमल खामोश लेटी अपने भाई की आंखों में खुशी देख रही थी पर जैसे ही चादर चूत के उभार पर आकर रुकी कोमल को अत्यधिक शर्म आनी लगी इससे ज़्यादा वो और अपने आप को अपने छोटे भइय्या के सामने नंगा होते नही देख सकती थी उसने अपनी आंखें बंद करली और अपने हाथ को अपनी आंखों पर रख लिया अपनी दीदी को शर्माता देख अमन ने चुटकी ली।
"क्या हुआ दीदी अपनी नदी के दर्शन सिर्फ भइय्या को ही करवाओगी आप नही करोगी।
कोमल हिचकते हुए बोली।
"जिसके लिए तैयार की है वो देखे और बताए उसको कैसी लगी हमारी तो देखी दिखाई है।
"पर दीदी जब मैं इसको देखु तो मैं चाहता हु की मेरी बड़ी बहन मुझको देखे अच्छा लगेगा मुझे बाकी आप जैसा चाहो।
"मेरे गन्दू भइय्या में अभी इतनी बेशर्म नही की तुम मेरी उसको देखो और में तुमको।
"मेरी उसको"किसको"दीदी इसको क्या बोलती हो आप।
"गन्दू भइय्या मुझको शर्म आती है मुझसे नही बोला जायेगा।
"बोलो न दीदी मैंने भी तो आपको अपने टूल के नाम बताए थे अब आपकी बारी।
"इसके भी तुम्हारे लोले की तरह कई नाम है गन्दू भइय्या।
वैसे हमारे यहाँ इसको बू बू बुर बोलते है।
"बुर....दीदी....की.....बुर और क्या बोलते है दीदी इसको।
"गन्दू भइय्या अपनी दीदी को पूरा बेशर्म बना कर छोड़ना ।
"छोडूंगा नही अपनी दीदी को चो....
"क्या बोला तुमने गन्दू बोलो बोलो।
"बोलूंगा सब बोलूंगा पहले आप बोलो बुर को और क्या बोलते है।
"पक्का बोलोगे ना दीदी को सुनना है तुमहारे मुँह से, कुछ लोग इसको चु चु चूत भी बोलते है.....ससस गन्दू भइय्या।
"चूत सससस ये नाम ज़्यादा प्यारा है, दीदी की चूत आआह मेरी.....दीदी.....की.....चूत।
"आपको क्या पसंद है दीदी।
"भइय्या का लंड,मेरे भइय्या का लोला।
"अरे वो नही दीदी बुर या चूत इनमे से क्या पसंद है।
"जो मेरे भइय्या को पसंद है"चूत"।दीदी की चूत भइय्या के लिए।
"उफ्फ्फ दीदी मेरी दीदी की चूत मेरे लिए और आपके भइय्या का लोला आपके लिए दीदी।
अपनी बहन को बातो में लगाकर अमन ने कबका दीदी की चूत को नंगा कर दिया था उसकी आंखें लगातार अपनी बहन की उभरी हुई बिना बालों वाली चिकनी चूत पर जमी थी।
कोमल की मस्तानी बिल्कुल चिकनी चूत उभर कर पाव की तरह फूली हुई थी उसकी बीच का चीरा उसको दो भागों में विभक्त कर रहा था पर दोनों होंठ आपस में इस कदर चिपके थे मानो कभी जुदा ना होना चाहते हो ,कोमल अपने भइय्या की आंखों की चमक को देख समझ गई कि उसके भइय्या ने उसकी गुलाबी मस्तानी चूत के दीदार कर लिए है अब उसका अपनी आंखों को बंद करने का कोई मतलब नही था उसने गर्दन उठाकर अपनी चूत की तरफ देखा वो ऊपर से नीचे तक पूरी तरह नंगी हो गई थी,वो भी अपने भाई के सामने अपने सगे भइय्या के सामने।
अपने भाई को अपनी चूत को यूं घूरते देख कोमल धीमे स्वर में बोली।
"कैसी लगी दीदी की ....
"दीदी की क्या ?
"वही जिसको तुम घूर रहे हो गन्दू भइय्या।
"शानदार,ज़बरदस्त,ज़िंदाबाद बहुत ही प्यारी है मेरी दीदी की चूत इसको देखते ही मुँह में भरने का दिल कर रहा है।
"और क्या करने का मन कर रहा है गन्दू भइय्या।
"दीदी की चूत को सूंघने का प्यार करने का चूसने का चाटने का और इसके चीरे के बीच अपनी जीभ डालने का।
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"पक्का सिर्फ जीभ गन्दू भइय्या।
"हाँ दीदी पहले जीभ और फिर।
"फिर क्या?
"फिर आपके भइय्या का लोला दीदी,बोलो लोगी न भइय्या का लोला अपनी चूत में।
"पर मैंने सुना है दर्द होता है।
"में अपनी दीदी को बिल्कुल दर्द नही होने दूँगा,पहली बार हल्का सा दर्द हो सकता है फिर उसके बाद मज़ा ही मज़ा है जानू दीदी।
"अपने भइय्या की खुशी के लिए में सारे दर्द बर्दाश्त कर लुंगी,पर देखो न तुम्हारा कितना लंबा और मोटा है और मेरी कितनी सी है कैसे जायेगा अंदर।
"जायेगा दीदी पूरा जायेगा बस देखती जाओ।
"ठीक है भइय्या आराम से करना,और मेरे साथ क्या करने का मन है मेरे भइय्या का।
"अपनी दीदी को बहुत सारा प्यार।
"दीदी के जिस्म में क्या पसंद आया मेरे गन्दू भइय्या को।
"आगे से तो सब कुछ लाजवाब है दीदी पीछे से देख कर बताऊंगा।
"ओह गन्दू भइय्या पीछे से क्या देखना चाहते हो सब कुछ तो आगे है।
कोमल समझ गई थी कि उसका भाई पीछे से उसकी गाँड़ देखना चाहता है पर अपने भाई को तड़पाने के लिए वो ऐसा बोली।
"ओह दीदी सबसे कातिल चीज़ तो पीछे ही है।
"क्या है पीछे गन्दू भइय्या।
"मेरी दीदी की गाँ गाँ ।
"बोलो ना गन्दू भइय्या दीदी को अच्छा लगेगा।
"आपकी मस्तानी गाँड़ दीदी उफ्फ्फ कितनी भारी है आपकी गाँड़।
"तुमको कैसे पता भारी है भइय्या क्या तुम अपनी बहन की गाँड़ को छुप कर देखते हो।
"छुप कर देखने की ज़रूरत नही है दीदी ये इतनी बाहर को निकली हुई है कि आसानी से दिखाई देती है।
"अभी तक तो मेरे भइय्या ने कपड़ो में देखी है लो आज बिना कपड़ों के देखो।
कोमल बेड से खड़ी हो गई,उसके उठने से उसके मोटे चुचो में हल्की सी लचक आई पर फिर भी वो पहाड़ की चोटियों के समान खड़े थे,अपने भाई को अपनी छातियों को घूरता देख कोमल शर्म से पलट गई,पर ये नज़ारा अमन के लिए और भी जानलेवा था अब वो गदराई गाँड़ अमन के सामने थी जिसको देखते ही अमन का दिल किया कि दोनों चूतड़ को फैलाकर अपना मुँह बीच में घुसेड़ दे और अपनी जीभ को अपनी बहन की गाँड़ के छेंद तक पहुंचा कर चाटे।
"कैसी लगी मेरे गन्दू भइय्या को दीदी की गाँड।
कोमल को पता था कि उसका भाई उसकी गांड को ही ताड़ रहा होगा।
"बहुत ही प्यारी है दीदी गोल मटोल गहरी बहुत गहरी आआह इसमे डूब जाने को मन करता है,उफ्फ्फ दीदी मुझसे सब्र नही होता।
अमन अपनी अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने दोनों हाथों से अपनी दीदी के दोनों गोल गुम्बदों को पकड़ लिया।
अपनी गांड पर अपने भइय्या के हाथों की गर्मी पाकर कोमल का जिस्म लरज गया और उसके मुँह से एक लंबी सिसकारी बरामद हुई।
"उइईई सीईईईईई गन्दू......भइय्या,रुक.....जाओ।
"माफ करना दीदी पर इस प्यारी गांड को चूमे बग़ैर में नही रुक सकता।
अमन ने अपने पंजो को अपनी बहन की गाँड पर जैसे ही कसा कोमल की मदमस्त मुलायम गाँड में उसके भाई की उंगलियां धंसती चली गई,अमन को ऐसा लगा जैसे उसने रुई के फाओ को पकड़ लिया हो उसके होंठ इन मुलायम चूतड़ों से मिलने से अपने आप को नही रोक पाये,ये पहला मौका था जब कोमल के किसी प्राइवेट पार्ट पर उसके भइय्या के होंठ पहुंचे थे।अमन ने अपने पूरा खोल कर अपनी बहन के दाहिने चूतड़ के माँस को दाँतो में भींच लिया और अपने पंजो का दबाव अपने मुँह के मुताबिक बढ़ा दिया।अपने छोटे भइय्या के मुँह के प्रहार को कोमल का नाज़ुक बदन झेल नही पा रहा था अपनी गाँड में गढ़ते अपने भइय्या के दाँत से कोमल के पैर थरथराने लगे।
"सीईईईईई उइईई मम्मी......भइय्या.....आराम......से।
अपनी दीदी की सीत्कार सुनकर अमन ने अपने दाँतो का दबाव माँस पर से कम कर दिया और धीरे धीरे अपने दाँतो को गाँड से हटा लिया।अपने चेहरे को पीछे करके अमन ने दीदी की गाँड को देखा।गोरी गाँड़ पर अमन के दाँतो के निशान बिल्कुल सुर्ख हो गए थे।
"उफ्फ्फ कितनी मुलायम है दीदी आपकी गाँड।
अमन ने अपने द्वारा बनाये निशान पर अपनी जीभ रख दी और उसपर धीमे धीमे जीभ चलाने लगा जैसे अपने द्वारा दिये ज़ख्म पर मरहम लगा रहा हो।
कोमल अपने भाई के प्यार की दीवानी होती जा रही थी,उसको अमन का दिया दर्द भी भा रहा था और उसके द्वारा उस दर्द का इलाज भी भा रहा था।काफी देर तक निशान पर अपनी जीभ से मरहम लगाने के बाद अमन ने अपनी बहन से पूछा।
"अब कैसा लग रहा है दीदी।
"काफी सुकून है गन्दू भइय्या तुमने तो काट ही लिया दीदी की गाँड को।
"उफ्फ्फ दीदी मेरा बस चले तो पूरी गांड को खा जाऊ।
"तो रोका किसने है गन्दू भइय्या खा जाओ।
"पक्का खा जाऊ फिर ना कहना।
"खा लेना गन्दू भइय्या मेरा सब कुछ तुम्हारा है पर गाँड से पहले कुछ और भी है जो तुम्हारे होंठो और हाथो का इंतज़ार कर रहे है।
अमन अपनी बहन की बात सुनकर खड़ा हो गया और अपनी दीदी का चेहरा अपनी तरफ घूमा कर बोला।
"तुम देखना दीदी तुम्हारा भईया तुम्हारे जिस्म के हर हिस्से को अपने होंठो से चूस जायेगा।
"मुझको यकीन है भइय्या पर अभी तो आपकी बहन के इन मैं काफी दर्द हो रहा है क्या इनका इलाज नही करोगे तुम।
कोमल ने अपनी गुदाज़ छातियों को तान कर कहा।
"क्यों नही दीदी आपका छोटा भाई इनका भी इलाज करेगा पर पहले ये बताओ इनको क्या कहते है।
"गन्दू भइय्या इनको ब्रेस्ट कहते है।
"नही दीदी ये अपनी डॉक्टरों वाली लैंगुएज अपने पास रखो अपने भइय्या को देसी भाषा में बताओ इनको क्या कहते है।
"ओहो मेरे भाई को फील नही आ रही अंग्रेज़ी में अपनी दीदी को पूरा गंदा बना कर छोड़ोगे।
"छोडूंगा नही दीदी करेक्ट योर स्पेलिंग चो....।
"हूऊऊऊ गंदे भइय्या कोई अपनी बड़ी बहन से ऐसे बात करता है भला।
"अगर किसी की बहन मेरी बहन के जैसी माल हो और वो अपनी बहन से ऐसी बात ना करे तो मैं कहूंगा वो बेवकूफ है।
"क्या मेरा छोटा भाई सच में अपनी बड़ी दीदी को चो...चाहता है।छी छी मुझसे तो बोला भी नही जायेगा।
"क्या मेरी बहन नही चाहती?
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कहानी जारी है दोस्तो आपके कीमती सुझाव प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।
Garma garam update