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Incest बाली उमर के कच्चे निम्बू।

Naik

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अमन को समझ नही आया कि लड़की ने हनीमून ही कहा था या उसको धोखा लगा है,पर जब से कोमल ने बात करनी शुरू की थी वो बस खामोश होकर अपनी बहन के पीछे पीछे चल रहा था।कोमल को चाभी देकर वो लड़की चली गई कोमल ने चाबी से रूम को अनलॉक किया और अमन को अंदर चलने का इशारा किया,अमन जैसे ही अंदर गया उसकी आंखें चौड़ी हो गई उसके दिमाग में रिसेप्शन पर खड़ी लड़की की आवाज़ गूंजने लगी"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"हनीमून की ढेरों शुभकामनाये"।

अब आगे-

ये कमरा नए शादीशुदा जोड़ो के लिए था जो एक हनीमून सुईट था,चारो तरफ मद्धम रोशनी बिखरी थी,ताज़े फ़ूलो की महक कमरे में चारो और आ रही थी,अमन अंदर बढ़ता जा रहा था बिल्कुल सामने की तरफ एक किंग साइज बेड लगा था जिसपर सफेद चादर बिछी थी और चादर के ऊपर तरह-तरह के ताज़े फ़ूलो से दिल के आकार का एक बड़ा सा डिज़ाइन बना हुआ था जिसके अंदर अंग्रेज़ी वर्णमाला के दो अक्षर लिखे थे A/K कमरे को देख जंहा अमन हतप्रभ था वंही उसकी बड़ी बहन काफी खुश थी क्योंकि उसने रिसेप्शन वाली लड़की से जैसे बोला था उसने बिल्कुल वैसा ही काम किया था।

अमन कभी रूम में चारो तरफ और कभी अपनी दीदी की तरफ देख रहा था पर वो बोल कुछ नही रहा था,कोमल ने आखिर खामोशी को तोड़ा और अपने छोटे भाई की तरफ देख कर बोली।

"क्यों तुमको वो टेस्ट नही करना क्या जो कार में मांग रहे थे
उसके लिए ही तो है ये सब,बोलो करना चाहते हो ना दोबारा उसको टेस्ट।

"अमेज़िंग दीदी यु आर सच आ क्यूटी।ऑफकोर्स वो स्वाद में दोबारा ज़रूर लेना चाहूँगा।

"सच में मेरे भाई को वो स्वाद इतना पसंद आया बताओ ज़रा कैसा था वो।

"कुछ कुछ खट्टा कुछ कसैला सा कुछ चिकना,पर दीदी ये तो बताओ आखिर वो था क्या।

"बता दूँगी पर अभी नही अभी ये बताओ कि तुम्हारे छोटे सिपाही के क्या हालत है।

"कुछ खास नही,देख सकती हो आप दीदी अभी भी पैंट के अंदर से भी साफ नजर आ रहा है।

"अच्छा जी ज़रा इसको बाहर निकालो अभी इसकी अकड़ निकालती हूँ।

"कैसे निकालोगी दीदी इसकी अकड़।

"अपने हाथ से तुमने ही तो बोला था ना हाथ से मसलने पर ये अकड़ना कम कर देगा।

"अकड़ना तो कम कर देगा पर पूरी तरह नही।

"पूरी तरह कैसे खत्म होगी इसकी अकड़ मेरे गन्दू भइय्या,तुम्हारी बड़ी बहन अपने भाई को सुकून देने के लिए कुछ भी कर सकती है।

"कुछ भी।
अमन ने आंखे छोटी करके पूछा।

"हाँ मेरे गन्दू भइय्या कुछ भी।
कोमल ने अपनी गुदाज़ छातियों को तान कर कहा।

"नही नही तुम "कुछ भी" नही कर पाओगी दीदी।कुछ कर सकती हो पर "कुछ भी"शायद नही।

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"ऐसा कौन सा काम है जो तुम्हारी बहन नही कर सकती,तुम्हारे लिए में सब कुछ कर सकती हूं भइय्या बताओ कैसे और क्या करना होगा मुझे इसको ठीक करने के लिए।

"सबसे पहले तो आप मुझे इस बकवास पैंट से आज़ादी दिलवा दो दीदी सच में अकड़ अकड़ कर दर्द करने लगा है ये।
अमन का इशारा अपने खड़े लंड की तरफ था।

कोमल एक अच्छी बहन की तरह अपने भाई की परेशानी को दूर करने के लिए अमन के सामने अपने घुटनों पर बैठ गई और अपने हाथों से उसकी पैंट को खोलने लगी,बेल्ट को खोल कर कोमल ने जीन्स का बटन खोला और चैन को खोलकर वेस्ट की दोनों तरफ अपने अंगूठो को फसा कर पैंट को नीचे खींचने लगी पैंट के नीचे होते ही अमन का मज़बूत खड़ा हुआ लंड सीधा कोमल के माथे से टकराया।

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"उफ्फ्फ माँ.......ये तो मुझे मार रहा है गन्दू भइय्या।
कोमल ने अपने छोटे भइय्या के लंड को जड़ से पकड़ते हुए कहा।
"वैसे तुम लड़के लोग इसको बोलते क्या हो भइय्या।
"दीदी आम तौर पर तो इसको पेनिस कहा जाता है पर कुछ लोग इसको अलग अलग नाम से बुलाते है।
"दीदी को बताओगे और क्या क्या नाम है इसके।
"इसके और नाम बहुत गंदे है दीदी।
"गन्दू भइय्या तुम बताओ फिर तुम्हारी बहन बतायेगी उसको कौन नाम पसंद है इसका।
कोमल अपने भइय्या के लंड की खाल को पीछे खींचती हुई बोली।
"दीदी इसको कुछ लोग लो लो लोड़ा भी बोलते है।
अपने भइय्या के मुख से "लोड़ा"सुनकर कोमल के हाथ अपने भाई के लंड पर कसते चले गए ,अपनी दीदी के कसते हाथ को अमन ने भी साफ महसूस किया।
"अच्छा अमन तुम मेरे भाई हो और ये तुम्हारा लो लो क्या बोला था तुमने।
"लोड़ा"
"हाँ ये तुम्हारा लोड़ा है,तो इसका मतलब हुआ मेरे हाथ में इस वक़्त मेरे भइय्या का लोड़ा है।मेरे भइय्या का लोड़ा।
अपनी कही बात को सोच कर कोमल की चूत में सुरसुरी होने लगी,इधर अपनी बड़ी बहन के मुँह से ऐसी बात सुनकर अमन की भी सिसकारी निकल गई।
"सससस हाँ दीदी ........मेरा ......लोड़ा इस वक़्त......मेरी बड़ी बहन......के हाथ में ......उसके मुँह......के सामने......है।
"अरे हाँ ये तो मैं भूल गई मेरे भइय्या का मोटा लोड़ा इस वक़्त मेरे हाथों में मेरे मुँह के सामने है,सीईईईईई उई मम्मी
ये बताओ इसको और क्या कहते है कोई और नाम बताओ।

"और दीदी कुछ लोग इसको लंड भी कहते है।

"उम्मम लंड ,भइय्या का लंड,और बताओ।
कोमल अपनी मुट्ठी में अपने भाई के लौड़े को भीचती हुई बोली

"सीईईईईई आराम से दीदी हाँ तुम्हारे भइय्या का लंड आआह दीदी ऐसे ही मसलो अपने भइय्या के लंड को,दीदी आपके कोमल हाथो से बहुत मज़ा आ रहा है मेरे लंड को उईई मम्मी आआह।

"पर गन्दू भइय्या तुम तो बोल रहे थे कि ऐसे मसलने से ये शांत हो जायेगा जबकि ये तो और गुस्सा होकर झटके मार रहा है,देखो ज़रा कैसे अपनी दीदी के हाथ में उछल रहा है तुम्हारा ये लोड़ा,तुम्हे अपनी बहन के हाथ पसंद आये गन्दू भइय्या के गन्दू लौड़े।
कोमल अपने भाई के लंड को सीधा करके उसकी तरफ देखती हुई बोली जैसे लौड़े से बात कर रही हो।
अपनी बहन के मुँह से इतनी उत्तेजक बात सुनकर अमन के लंड ने दो बार झटका मारा जैसे बोल रहा हो"हाँ मेरी बड़ी बहना सिर्फ हाथ नही मुझे तो तुम पूरी पसंद हो।

"दीदी ये बोल रहा है इसकी दीदी बहुत प्यारी है और ये गुस्सा इसलिए हो रहा है कि आपने अभी तक अपना वादा पूरा नही किया।

"कौन सा वादा गन्दू भइय्या।

"गंदी दीदी तुमने कहा था न वो चटपटा स्वाद मुझे फिर चखने को मिलेगा अगर हम कही स्टे करेंगे।।

"क्या बोला तुमने फिर से कहो भइय्या।

"दीदी,

"नही उसके पहले।

"गंदी दीदी।

"आआह मेरे भाई कितना प्यारा लगता है तुम्हारे मुँह से ,वैसे तुम तो गन्दू हो में कैसे गंदी हुई।तुम अपनी सगी बड़ी बहन को घुटनों पर बैठा कर उसके चेहरे के सामने अपना इतना लंबा लोड़ा नंगा किये खड़े हो।

"आआह दीदी तुम ऐसे गंदी हुई कि अपने छोटे भइय्या के सामने घुटनो पर बैठ कर उसका नंगा लोड़ा अपने हाथ में पकड़कर उसकी मसाज कर रही हो।तुम सिर्फ गंदी नही रन....

"रुक क्यों गए बोलो क्या बोलना चाह रहे थे।

"कुछ नही दीदी सॉरी।

"नही दीदी की जान सॉरी नही कहो कहदो जो कहना चाहते हो यकीन करो मुझे अच्छा लगेगा।

"दीदी आपने कहा था ना आप अपने भाई के लिए कुछ भी कर सकती है।

"बिल्कुल कुछ भी जो मेरे भाई को अच्छा लगे।

"दीदी बुरा मत मानना पर क्या आप मुझे इस दर्द से सूकून पहुंचा सकती है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लंड फ़ट जायेगा दर्द के कारण।

"ओह भइय्या बताओ कैसे सूकून पायेगा तुम्हारा ये मोटू।
कोमल अमन के लंड को दुलारते हुए बोली।

"आपके होंठों के भीतर है इसका सूकून।
अमन ने आंखे बंद करके एक ही बार में अपनी दीदी को अपने मन की बात कह दी।
कोमल तो कबसे ललचा रही थी अपने भइय्या के मस्त लौड़े को अपने होंठों के भीतर लेने के लिए वो बस सही समय का इंतज़ार कर रही थी जो आ पहुंचा था।
अभी अमन ने अपनी बहन की प्रितिकिर्या देखने के लिए अपनी आंखें खोली भी नही थी कि उसको अपने लौड़े पर गरम हवा का एहसास हुआ अपने लंड को अपनी सगी बहन के मुँह में जाते हुए वो इस अद्भुत नज़ारे को मिस नही करना चाहता था उसने तुरंत अपनी आंखों को खोल कर नीचे बैठी अपनी बड़ी बहन की तरफ देखा।

कोमल घुटनो पर बैठी अपने हाथ से अपने भइय्या के लंड को ऊपर उठकर उसकी जड़ में अपनी नाक घुसेड़े उसकी खुशबू को अपने फेफड़ो में खींच रही थी उसने तीन चार बार अच्छे से अपने छोटे भाई के लंड से उठती महक को अपने फेफड़ो में खींचा और फिर लंड को सीधा पकड़ कर उसके केप को अपने होंठों से लगा लिया कोमल ने अभी अच्छे से अपने होंठो को बंद कर रखा था वो सिर्फ लंड के केप को अपने होंठों पर रगड़ रही थी।अमन के लंड के छेंद से निकलते चिकने पदार्थ से कोमल के होंठों पर लिप्-लॉस लगता चला गया।

"भइय्या देखो ना तुम्हारे इस से क्या निकल रहा है।
कोमल ने लंड के कैप को ऊपर उठाकर अपने भाई को दिखाया।अमन ने लंड के कैप से प्रिकम को अपनी उंगली पर लिया और अपनी दीदी को दिखाते हुए उसे अपने होंठों पर रगड़ लिया और उंगली पर बाकी बचे प्रिकम को अपनी जीभ से चाट लिया।
"आआह दीदी इसका स्वाद तो जाना पहचाना लग रहा है।
"सच में जाना पहचाना कैसे?
"हाँ आपने कार मैं चखाया था कुछ कुछ उसके जैसा पर कैसे आपके पास तो लंड होगा ही नही।फिर?
"अच्छा जी मेरे गन्दू भइय्या मेरे पास लंड नही है पर वो है जो लंड के लिए ही बनी है,मेरे गन्दू भइय्या के लंड के लिए।
"क्या है वो दीदी।
"वही जिसको देखने की कोशिश तुम तब कर रहे थे जब तुम्हारी बहन सुसु कर रही थी गंदे बेशर्म भइय्या।
"क्या है वो दीदी क्या कहते है उसको बताओ ना अपने छोटे भाई को।

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"उनहु, गन्दू भइय्या मुझे नही पता उसको क्या कहते है।
कोमल ने अमन के लंड के कैप को फिरसे अपने होंठों पर रगड़ा पर इस बार उसके होंठ हल्के से खुले थे,अपनी दीदी के कोमल होंठो का दबाव महसूस करते ही अमन की रगों में खून के बहाव में रवानगी आ गई।कोमल ने धीरे से अपनी जीभ निकाली और उसकी नोक को अपने भाई के पी-होल (पेशाब के छिद्र)पर रख दिया जँहा से चिकना सफेद पानी निकल रहा था।
"आआह दीदी.......मेरी......बहन......मेरी......जान।उइईई माँ सीईईईईई........क्या गरम.....जीभ...... है आपकी।
कोमल ने लंड के कैप पर चमकती पानी के बूंद को चाटते हुए कहा।
"जान नही,दीदी तुम्हारी बहन,तुम्हारी सगी बड़ी बहन हूँ मैं।
बोलो कौन हूँ मैं कौन हूँ मैं।
कोमल ने अबकी बार अपने होंठों को गोल किया और अपने प्यारे भइय्या के लंड का टोपा अपने होंठों में भींच लिया।
"उइईई दीदी.....मेरी.....बहन.....मेरी.....सगी....बड़ी......बहन हो तुम.....पर.....मेरी सगी.....बड़ी....बहन.....क्या कर ......रहीं.....है......अपने छोटे सगे .....भाई....के.....साथ।
"अपने भइय्या के गुलुप गुलुप सामने घुटनो पर बैठ कर उम्मम आह भाई का लोला चूस रही है सुडुप सुडुप।
"आआह दीदी पूरा.....मुँह में लो ना अपने छोटे भइय्या का।

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अबकी बार कोमल ने अमन की बात का कोई जवाब नही दिया सिर्फ अपनी आँखों को ऊपर उठाकर अपने भाई की आँखों में देखा और अपने दोनों हाथों को अमन गांड तक पहुंचा कर पूरी तरह अपने मुँह को फैलाया और अपने हाथों से ज़ोर लगाकर अमन को अपनी तरफ खींचने लगी और अपने मुँह को आगे की तरफ धकेलने लगी इंच इंच करके लोड़ा कोमल के मुँह में गायब होने लगा।4 इंच तक लोड़ा आराम से अंदर पहुंच गया पर इसके बाद लंड का टोपा कोमल के हलक पर जाकर अटक गया,कोमल ने अपने हाथों के ज़ोर से अपने भाई की गाँड़ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपनी गर्दन को आगे की तरफ झटका दिया,लंड का टोपा हलक को चीर कर लगभग 1 इंच और अंदर उतर गया अमन को ऐसा जैसे उसका लंड किसी शिकंजे में फ़स गया हो ऐसा नही था कि अमन पहली बार लंड चुसवा रहा था इससे पहले उसकी बुआ कामनी और
बुआ के पार्लर में काम करने वाली कमसिन लडकिया उसका लोड़ा चूस चुकी थी पर किसी के साथ भी उसको इतना मज़ा नही आया था जितना अपनी बड़ी बहन के साथ आ रहा था।ये शायद भाई-बहन के रिश्ते की कामुकता थी।

अमन को एक बार फिरसे अपनी बड़ी बहन के नाखून अपनी गाँड़ में धँसते महसूस हुए कोमल ने एक बार फिरसे अपनी गर्दन को झटका दिया और इस बार का झटका इतना तीर्व था कि एक ही बार में बाकी का 3 इंच लोड़ा भी कोमल के हलक में गायब हो गया।अमन ने देखा कि उसकी दीदी के होंठ उसके अंडों को चूम रहे थे।उसको अपना लोड़ा किसी तप्ती हुई गीली भट्टी में कसा महसूस हुआ पर अगले ही पल अमन को अपनी दीदी के दर्द का एहसास हुआ जब कोमल ने अपनी भीगी आंखों से अपने भाई की तरफ देखा,छोटे भइय्या का पूरा लंबा लोड़ा अपने हलक में फ़साये कोमल अपनी भीगी आंखों से मुस्कुराती हुई अमन की तरफ देख रही थी,वो खामोश थी और मुस्कुरा रही थी पर उसकी आँखों की कोर से टपकते आँसुओ ने अमन को उसकी स्तिथि का आभास करवा दिया था,अमन ने अपनी कमर को पीछे खींचने की कोशिश की ताकि अपनी बहन के ऊपर अपने लौड़े के ज़ुल्म को कम कर सके,पर कोमल ने हाथ के इशारे से उसको रोक दिया,जैसे कहना चाहती हो रुक जाओ भइय्या ये सब में अपनी खुशी से कर रही हूँ।अमन अपनी दीदी का इशारा पा कर रुक गया,कोमल ने कुछ क्षण रुक कर धीमे से अपने मुँह को पीछे किया तो अमन को अपना लंड लगभग 2 इंच बाहर निकला दिखा,कोमल ने कुछ क्षण रुक कर बाहर निकले लंड को वापस अपने हलक तक खींच लिया।अमन को ऐसा प्रतीत हुआ जैसे अभी उसका लोड़ा अपना ज़हर उगल देगा,पर ऐसा हुआ नही क्योंकि कोमल कुछ पलों तक रुक कर अपने हलक को भाई के लिए एडजस्ट करने लगी थी।
कुछ पल रुक रुक कर कोमल ने अपने हलक को भइय्या के लंड का अभ्यस्त कर लिया।अब वो पूरे लंड को बाहर निकाल कर वापस जड़ तक अंदर ले जाने लगी थी।

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अमन लगातार सिसकारियां किलकारियां मार रहा था।

"आआह आआह उइईई दीदी.....जान.......चुसो......उइईई.....आआह......अपने ....भाई.....का.....

अपने भाई को वाक्ये पूरा ना करता देख कोमल ने लंड को मुँह से निकाल कर हाथ से पकड़ कर अपनी नशीली आंखों से अपने भाई की तरफ देखा और बोली।
"भाई का क्या .....अपने भाई का क्या चूसु गन्दू भइय्या।

अपनी दीदी के थूक से भरे लसलसे हलक से लंड के बाहर निकलते ही अमन की वासना जैसे आकाश से धरती पर आ गिरी,उसे किसी भी कीमत पर अपना लंड वापस अपनी बहन के हलक में ठूसना था अपनी दीदी को वापस शुरू करने के लिए वो जल्दी से बोला।

"आआह दीदी अपने ......भइय्या.....का.....लंड......दीदी......भइय्या.....का......लोड़ा......चुसो मेरी......बहन।

"हाँ ऐसा बोल न मेरे गन्दू भइय्या अभी लो देखो कैसे तुम्हारी दीदी पूरा लोड़ा खा जायगी अपने भइय्या का।

कोमल ने एक बार फिरसे अपने भइय्या के झटके मारते लंड को अपने हलक का रास्ता दिखाया,भइय्या के लंड को पूरा हलक में उतार कर कोमल ने अपने हाथ को लंड से हटा कर उसको एक बार फिरसे भइय्या के चूतड़ पर रख लिया और अपनी गर्दन को हिलाकर अमन के लंड को पूरा हलक तक उतारती फिर वापस बाहर निकालती।कुछ ही पलों में कोमल के मुँह में इतना थूक इखट्टा हो गया कि जैसे ही लंड हलक से बाहर आता तो उसपर से थूक नीचे टपकने लगा जो सीधा कोमल की गुदाज़ छातियों के बीच गिर रहा था।मस्ती और मज़े के कारण अमन की जांघो में थरथराहट बढ़ने लगी थी और उसका एक हाथ अब अपनी दीदी के बालों में पहुंच गया था,अपनी बहन के बालों को पीछे से पकड़ कर अब अमन ने अपनी कमर को चलाना शुरू कर दिया था,अमन को अब दीदी के मुंह की जगह चूत दिख रही थी वो अपनी बहन के मुँह को चूत समझ कर लगातार लंबे लंबे झटके मार रहा था,अपने भाई के कंमाण्ड सम्हालने के बाद कोमल को महसूस हुआ कि जैसे लोड़ा हलक में और नीचे तक उतर रहा हो अपने भइय्या के झटकों की तीव्रता को देख कोमल को खयाल आया जब मेरा भाई मेरी चूत में ऐसे झटके मारेगा तो मैं तो मज़े से बेहाल हो जाऊंगी"उफ्फ्फ ऐसे झटके जब चूत में पड़ेंगे तो लंड नाभि तक ठोकर मारेगा उइईई माँ।
मुँह में अंदर बाहर होता भइय्या का लंबा लोड़ा और ऐसे ख्याल मन में आते ही कोमल की चूत ऐसे बहने लगी जैसे किसी ने टोटी खुली छोड़ दी हो,कोमल का एक हाथ सरसराता हुआ अपनी जांघों के बीच पानी बहाती
अपनी चूत पर पहुंच गया

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कोमल ने अपनी चूत के फूले हुए होंठो को पकड़ कर दबाया तो उनमें रुका पानी भलभला कर बाहर निकला और कोमल की हथेली को पूरा भिगों गया अमन की आंखे लगातार अपनी बड़ी बहन को नोटिस कर रही थी जैसे ही कोमल ने अपनी जांघों के बीच से हाथ निकाल कर अपनी हथेली पर जमा रस को देखा अमन की परस्पर चलती कमर रुक गईं कोमल ने लंड का आवागमन बाधित होने का कारण जानने के लिए ऊपर देखा तो अमन ने उसकी हथेली की तरफ इशारा करके अपनी जीभ को बाहर निकाल अपनी गर्दन को ऐसे ऊपर किया जैसे चाटना चाहता हो।अपने भाई की हरकत देख कर कोमल को हंसी आ गई।कोमल ने आधा अंदर घुसा लंड बाहर निकाल कर अपने भाई से कहा।
"क्या कहना चाहते हो।
"दीदी ये वही कार वाला जेल हैं ना,मुझे चाटना है।
"हाँ मेरे गन्दू भइय्या वही जेल है,लो अभी चटाती हूँ।
कोमल अपने घुटनों से खड़ी हो गई और अपने हाथ को अपने भाई के मुँह की तरफ बढ़ाया पर जैसे ही अमन ने अपनी जीभ निकालकर उसको चाटना चाहा कोमल ने अपने हाथ को पीछे खींच लिया।
"पहले अपने लोले का जेल तो चख कर देखो गन्दू भइय्या इसका स्वाद कैसा है।
कोमल ने अपने होंठों को बाहर निकाल कर अपने भाई को उनको चूसने का आमंत्रण दिया।
"ठीक है दीदी जैसा आप चाहो।
अमन ने अपनी दीदी की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने सीने से चिपका लिया,कोमल के गुदाज़ स्तन अमन के चौड़े सीने में दब गए,अमन का दबाव इतनी तेज़ था कि कोमल को उत्तेजना में खड़े निप्पलों में तीर्व दर्द का एहसास हुआ उसके मुंह से "उइईई माँ आराम से गन्दू भइय्या"निकला।अमन पर जैसे अपनी बड़ी बहन की बात का कुछ असर ही नही हुआ उसके सूखे होंठ अपनी दीदी के भीगे होंठो पर पहुंच कर अपना कमाल दिखाने लगे।कुछ ही सेकंड मैं कोमल के होंठो और होंठो के आस पास लगा अपने भाई के लंड का वीर्ये अमन ने चाट चाट कर साफ कर दिया पर अमन लगातार अपनी दीदी के होंठों को ऐसे चूस रहा था जैसे उनमे से शहद टपक रहा हो,आखिर कार कोमल ने अमन के होंठों से अपने होंठों को आज़ाद करवाया और अपने हाथ पर लगा अपनी चूत का पानी अपने भाई के होंठों पर रगड़ दिया अमन ने बड़े चाव से अपनी दीदी की चूत का गाढ़ा पानी चाट लिया और बाद में अपनी जीभ निकाल कर दीदी की उंगलियों के बीच फ़सा पानी भी पूरी तरह चाट कर दीदी के हाथ को साफ कर दिया।अपने भाई की बेताबी देख कोमल ने आगे बढ़ कर अमन के होंठों को चूम लिया पर ये एक छोटा सा चुम्मा था।
अमन को चूत के पानी का स्वाद लग चुका था वो अब ऐसे रुकने वाला नही था उसने अपनी दीदी की आंखों में आंखे डाल कर कहा।
"दीदी ये पानी मुझे सीधा नदी से मुँह लगा कर पीना है।
कोमल समझ गई कि उसका छोटा भइय्या उससे चूत को चाटने की परमिशन मांग रहा है,
अपने भाई की डिमांड सुनकर कोमल की चूत फुदकने लगी।
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उसने भी अपने भाई को निराश नही किया और बोली।
"बिल्कुल पी लेना मेरे गन्दू भइय्या,नदी भी तुम्हारे होंठो से मिलने को बेताब है पर उससे पहले क्या मुझे 15 मिनट मिल सकते है ताकि में अपनी नदी को अपने भइय्या के होंठो से मिलने के लायक बना लूँ।
"ठीक है दीदी में बाहर घूम कर आता हूँ।
अमन ने अपने कपड़ों को ठीक किया और गेट खोल कर बाहर निकल गया कोमल अपने भाई को जाता देखती रही।



कहानी जारी है।
अपने कीमती सुझाव देते रहे।
Bahot zabardast
Kamukta se bharpoor
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"बिल्कुल पी लेना मेरे गन्दू भइय्या,नदी भी तुम्हारे होंठो से मिलने को बेताब है पर उससे पहले क्या मुझे 15 मिनट मिल सकते है ताकि में अपनी नदी को अपने भइय्या के होंठो से मिलने के लायक बना लूँ।
"ठीक है दीदी में बाहर घूम कर आता हूँ।
अमन ने अपने कपड़ों को ठीक किया और गेट खोल कर बाहर निकल गया कोमल अपने भाई को जाता देखती रही


अब आगे-

अमन के बाहर जाते ही कोमल ने रूम को लॉक किया और अपने बैग की तरफ भागी अपने बैग में वो शायद कुछ ढूंढने की कोशिश कर रही थी जो उसको मिल नही रहा था बैग को खाली करते करते वो टाइम को भागते देख झुंझलाने लगी,तभी बैग में रखी चीज़ को देख उसकी उसकी आँखों में चमक आ गई,उसने जल्दी से उसको उठाया और बाथरूम की तरफ दौड़ी बाथरूम में पहुंच कर कोमल अपने छोटे भाई के लिए अपने आप को तैयार करने लगी।

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इधर अमन होटल से कुछ दूर टहल रहा था तभी उसके फ़ोन पर मैसज ट्यून बोली अमन ने अपना मोबाइल निकाल कर देखा कामनी बुआ का मैसज था उसने उसको खोल कर देखा तो कामनी ने अपने भतीजे को एक फोटो सैंड की थी फ़ोटो को देख अमन की आंखे चमकने लगी।

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कामनी ने फिर टेक्स्ट मैसज किया "कैसी लगी फ़ोटो"
अमन "कौन है ये बुआ
कामनी"पहचान तेरा कोई अपना ही है।
कामनी ने एक के बाद एक 4-5 फोटो सेंड किये।

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कामनी"अब पहचाना या अभी भी नही।
अमन"आप तो नही हो बुआ फिर कौन हो सकता है बताओ न बुआ कौन है।

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कामनी"नही बेटा पहचानना तो तुमको ही पड़ेगा में नही बता सकती इतना बोल सकती हूँ तुम्हारी कोई खास ही है।
चाहो तो कुछ और दिखा सकती हूँ।
अमन"दिखाओ,कोशिश करता हुँ।
कामनी ने कुछ और फोटोज़ सेंड किये।

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अमन हर एक फोटो को धयान से देख रहा था पर वो पहचान नही पा रहा था आखिर अमन ने एक फोटो देख कामनी को रिप्लाय किया।
अमन"ओह बुआ क्या सच में।
कामनी"सच में क्या बेटा जानी बताओ।
अमन"ओह बुआ कैसे किया ये बताओ ना।
कामनी"चीटिंग नही चलेगी पहले बताओ कौन है ये।
अमन"सच बुआ मम्मी है ये बताओ न कैसे किया।
कामनी"बहुत चालक हो तुम अमन कैसे पहचाना।
अमन"भूल गई बुआ आपने ही तो दिखाया था मम्मी पापा को चुदाई करते हुए।

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कामनी"अच्छा जी इसलिए पहचान गया मेरा प्यारा भतीजा।कैसी लगी मेरी भाभी।
अमन"मम्मी तो मस्त है बुआ ये बताओ आपको ये फोटोज कैसे मिले।
कामनी"बेटा शायद तुम भूल रहे हो तुम्हारी बुआ के पास आकर तो अच्छे अच्छे नंगे हो जाते है,वैक्सिंग कराई है तेरी माँ ने पूरे जिस्म की।शायद बेटी और बेटे के ना होने का फायदा उठाना चाहते है दोनों।
अमन"ठीक कहा बुआ आपके पास आकर तो सिर्फ लडकिया और औरते ही नही में भी नंगा हो गया था है है है।
कामनी"वैसे तेरी माँ पूरी गदरा रही है,एक बार को तो मेरा भी मन किया कि.....
अमन"क्या मन किया बुआ।
कामनी"वही जो तेरा मन कर रहा है अभी।बोल तेरा क्या मन कर रहा है अपनी माँ को देख कर।
अमन"पहेलियां ना बुझाओ बुआ बताओ ना आपका क्या मन कर रहा था।
कामनी"बताया तो है जो तेरा मन कर रहा है,बोल क्या तेरा मन नही कर रहा कि अपनी मम्मी के गदराई चुचियों को निचोड़ डाले,उनकी गदराई गाँड़ को मुँह में भर भर कर काटे,और हाय उनकी चूत तो देख देखते ही मुँह में भरने को दिल कर रहा है अमन कसम से डबल रोटी की माफिक फूली हुई चूत है तेरी मम्मी की जब औरत होकर मेरा ऐसा मन कर रहा था तो तेरा तो...सच बोल रही हूँ बेटा तेरे लंड के मज़े आ जायँगे तेरी मम्मी की चूत में घुस कर।

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अमन"ओह बुआ सच बोलती हो आप कसम से मेरा भी ऐसा ही मन कर रहा है।
कामनी"कोमल कहाँ है बेटा।
अमन"बुआ में अभी बाहर आया था होटल के कोमल दीदी रूम में ही है।
कामनी"पगले तूने अनजान जगह पर अपनी बहन को अकेला क्यों छोड़ा हुआ है जा सके पास उसको तेरी ज़रूरत होगी,वैसे तुझको और भी बहुत कुछ दिखाना था पर तु अभी कोमल के पास जा फ्री होकर मुझको मैसज करना ओके।
अमन"ओके बुआ फ्री होकर आपसे बात करता हूँ।
अमन को बुआ से बात करने में टाइम का पता ही नही चला,सही पूछो तो अपनी माँ का गदराया हुआ मदमस्त जिस्म देख कर वो अपनी बहन को भूल ही गया था उसने मोबाइल में टाइम देखा और दौड़ता हुआ होटल की तरफ आने लगा।कुछ ही देर में वो अपने रूम के बाहर खड़ा रिंग बजा रहा था,कोमल अंदर अपने भाई का ही इंतज़ार कर रही थी रिंग की आवाज़ सुनकर उसने अपने भाई को मैसज किया"डोर ओपन है गन्दू भइय्या अंदर आ जाओ"
अपनी दीदी का मैसज देखते ही अमन रूम के अंदर दाखिल होता है,डोर के ठीक सामने किंग साइज बेड पर कोमल बिल्कुल सफेद चादर से अपने जिस्म को ढके लेटी थी अपने भइय्या को देखते ही उसकी आँखों में चमक आ गई,अमन धीरे धीरे बेड की तरफ बढ़ने लगा।तभी उसके कानों से एक आवाज़ टकराई।
"दरवाज़ा तो बंद करदो गन्दू भइय्या।
ये कोमल की आवाज़ थी जो अपने भाई को सम्मोहित अवस्था में अपनी तरफ आता देख रही थी।
अपनी बहन की आवाज़ सुन अमन की तंद्रा भंग हुई वो वापस पलट कर गेट के पास गया और उसको पूरी तरह से बंद कर वापस अपनी दीदी की तरफ पलटा।
"अब ठीक है ना दीदी।
"हाँ गन्दू भइय्या अब हमें कोई नही देख पायेगा।
अमन एक बार फिरसे चादर में लिपटी अपनी बड़ी बहन की तरफ लपका कोमल के बदन के उभार कटाव चादर के बाहर से ही देखे जा सकते अमन जैसा सोच रहा था अगर वैसा ही हुआ तो इस सफेद चादर के अंदर बेशकीमती खज़ाना छुपा था जो कुछ ही पलों में अमन की आंखों के सामने आने वाला था।अमन बेड के पास जा खड़ा हुआ और अपनी दीदी की तरफ देख कर बोला।
"क्या आपकी नदी अपने भाई के होंठो की प्यास बुझाने के लिए तैयार है दीदी।
"बिल्कुल तैयार है भइय्या आपने ही देर लगा दी ये तो कब से अपने भइय्या का इंतज़ार कर रही है।
"ठीक है फिर देखते है।
अमन ने अपनी दीदी के पैरों के पास से चादर को पकड़ा और धीरे धीरे उसको अपनी तरफ खींचने लगा चादर धीरे धीरे कोमल के चिकने बदन से नीचे की तरफ फिसलने लगी कुछ ही पलों में चादर ने कोमल के गुदाज़ वक्षो से नीचे की तरफ से ऊपर का सफर तय किया और चोटियों से एक बार फिर नीचे की तरफ आने लगी कोमल के गुलाबी निप्पल से चादर के फिसलते ही अमन के सामने अपनी बड़ी बहन के मदमस्त उभार थे जो एकदम कसे हुए सुडौल थे जिनपर चने की बराबर गुलाबी निप्पल शोभायमान कोमल के गोरे गुदाज़ सुडौल स्तन देख अमन की आंखों ऐसे चमकी जैसे कोई बेशकीमती खज़ाना देख लिया हो।

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चादर धीरे धीरे कोमल के पेट को नंगा करती जा रही थी आखिर चादर नाभि तक आ पहुंची अमन की आंखे लगातार अपनी बहन के नंगे होते जिस्म पर घूम रही थी कुछ ही पलों में चादर ने कोमल की नाभि का साथ छोड़ दिया हल्के से उभरे पेट में कोमल की गहरी नाभि गज़ब का आकर्षण समेटे थी अपनी दीदी की नाभि को देख अमन के माइंड ने कहा छोटी मोटी लुल्ली तो दीदी की नाभि को भी चोद कर शांत हो सकती है,अपने माइंड में आई बात पर अमन को खुद ही हँसी आ गई।अपनी आंखें अपनी दीदी की नाभि पर जमाये अमन धीरे धीरे चादर को अपनी तरफ खींच रहा था,कोमल का वस्ति-प्रदेश शुरू होने पर चादर एक बार फिरसे ऊपर चढ़ने लगी कोमल की उभरी चूत चादर के अंदर से भी अपना उभार दिखा रही थी,चादर के चूत तक आने तक तो कोमल खामोश लेटी अपने भाई की आंखों में खुशी देख रही थी पर जैसे ही चादर चूत के उभार पर आकर रुकी कोमल को अत्यधिक शर्म आनी लगी इससे ज़्यादा वो और अपने आप को अपने छोटे भइय्या के सामने नंगा होते नही देख सकती थी उसने अपनी आंखें बंद करली और अपने हाथ को अपनी आंखों पर रख लिया अपनी दीदी को शर्माता देख अमन ने चुटकी ली।
"क्या हुआ दीदी अपनी नदी के दर्शन सिर्फ भइय्या को ही करवाओगी आप नही करोगी।
कोमल हिचकते हुए बोली।
"जिसके लिए तैयार की है वो देखे और बताए उसको कैसी लगी हमारी तो देखी दिखाई है।
"पर दीदी जब मैं इसको देखु तो मैं चाहता हु की मेरी बड़ी बहन मुझको देखे अच्छा लगेगा मुझे बाकी आप जैसा चाहो।
"मेरे गन्दू भइय्या में अभी इतनी बेशर्म नही की तुम मेरी उसको देखो और में तुमको।
"मेरी उसको"किसको"दीदी इसको क्या बोलती हो आप।
"गन्दू भइय्या मुझको शर्म आती है मुझसे नही बोला जायेगा।
"बोलो न दीदी मैंने भी तो आपको अपने टूल के नाम बताए थे अब आपकी बारी।
"इसके भी तुम्हारे लोले की तरह कई नाम है गन्दू भइय्या।
वैसे हमारे यहाँ इसको बू बू बुर बोलते है।
"बुर....दीदी....की.....बुर और क्या बोलते है दीदी इसको।
"गन्दू भइय्या अपनी दीदी को पूरा बेशर्म बना कर छोड़ना ।
"छोडूंगा नही अपनी दीदी को चो....
"क्या बोला तुमने गन्दू बोलो बोलो।
"बोलूंगा सब बोलूंगा पहले आप बोलो बुर को और क्या बोलते है।
"पक्का बोलोगे ना दीदी को सुनना है तुमहारे मुँह से, कुछ लोग इसको चु चु चूत भी बोलते है.....ससस गन्दू भइय्या।
"चूत सससस ये नाम ज़्यादा प्यारा है, दीदी की चूत आआह मेरी.....दीदी.....की.....चूत।
"आपको क्या पसंद है दीदी।
"भइय्या का लंड,मेरे भइय्या का लोला।
"अरे वो नही दीदी बुर या चूत इनमे से क्या पसंद है।
"जो मेरे भइय्या को पसंद है"चूत"।दीदी की चूत भइय्या के लिए।
"उफ्फ्फ दीदी मेरी दीदी की चूत मेरे लिए और आपके भइय्या का लोला आपके लिए दीदी।
अपनी बहन को बातो में लगाकर अमन ने कबका दीदी की चूत को नंगा कर दिया था उसकी आंखें लगातार अपनी बहन की उभरी हुई बिना बालों वाली चिकनी चूत पर जमी थी।

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कोमल की मस्तानी बिल्कुल चिकनी चूत उभर कर पाव की तरह फूली हुई थी उसकी बीच का चीरा उसको दो भागों में विभक्त कर रहा था पर दोनों होंठ आपस में इस कदर चिपके थे मानो कभी जुदा ना होना चाहते हो ,कोमल अपने भइय्या की आंखों की चमक को देख समझ गई कि उसके भइय्या ने उसकी गुलाबी मस्तानी चूत के दीदार कर लिए है अब उसका अपनी आंखों को बंद करने का कोई मतलब नही था उसने गर्दन उठाकर अपनी चूत की तरफ देखा वो ऊपर से नीचे तक पूरी तरह नंगी हो गई थी,वो भी अपने भाई के सामने अपने सगे भइय्या के सामने।
अपने भाई को अपनी चूत को यूं घूरते देख कोमल धीमे स्वर में बोली।
"कैसी लगी दीदी की ....

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"दीदी की क्या ?
"वही जिसको तुम घूर रहे हो गन्दू भइय्या।
"शानदार,ज़बरदस्त,ज़िंदाबाद बहुत ही प्यारी है मेरी दीदी की चूत इसको देखते ही मुँह में भरने का दिल कर रहा है।
"और क्या करने का मन कर रहा है गन्दू भइय्या।
"दीदी की चूत को सूंघने का प्यार करने का चूसने का चाटने का और इसके चीरे के बीच अपनी जीभ डालने का।

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"पक्का सिर्फ जीभ गन्दू भइय्या।
"हाँ दीदी पहले जीभ और फिर।
"फिर क्या?
"फिर आपके भइय्या का लोला दीदी,बोलो लोगी न भइय्या का लोला अपनी चूत में।
"पर मैंने सुना है दर्द होता है।
"में अपनी दीदी को बिल्कुल दर्द नही होने दूँगा,पहली बार हल्का सा दर्द हो सकता है फिर उसके बाद मज़ा ही मज़ा है जानू दीदी।
"अपने भइय्या की खुशी के लिए में सारे दर्द बर्दाश्त कर लुंगी,पर देखो न तुम्हारा कितना लंबा और मोटा है और मेरी कितनी सी है कैसे जायेगा अंदर।
"जायेगा दीदी पूरा जायेगा बस देखती जाओ।
"ठीक है भइय्या आराम से करना,और मेरे साथ क्या करने का मन है मेरे भइय्या का।
"अपनी दीदी को बहुत सारा प्यार।
"दीदी के जिस्म में क्या पसंद आया मेरे गन्दू भइय्या को।
"आगे से तो सब कुछ लाजवाब है दीदी पीछे से देख कर बताऊंगा।
"ओह गन्दू भइय्या पीछे से क्या देखना चाहते हो सब कुछ तो आगे है।
कोमल समझ गई थी कि उसका भाई पीछे से उसकी गाँड़ देखना चाहता है पर अपने भाई को तड़पाने के लिए वो ऐसा बोली।
"ओह दीदी सबसे कातिल चीज़ तो पीछे ही है।
"क्या है पीछे गन्दू भइय्या।
"मेरी दीदी की गाँ गाँ ।
"बोलो ना गन्दू भइय्या दीदी को अच्छा लगेगा।
"आपकी मस्तानी गाँड़ दीदी उफ्फ्फ कितनी भारी है आपकी गाँड़।
"तुमको कैसे पता भारी है भइय्या क्या तुम अपनी बहन की गाँड़ को छुप कर देखते हो।
"छुप कर देखने की ज़रूरत नही है दीदी ये इतनी बाहर को निकली हुई है कि आसानी से दिखाई देती है।
"अभी तक तो मेरे भइय्या ने कपड़ो में देखी है लो आज बिना कपड़ों के देखो।
कोमल बेड से खड़ी हो गई,उसके उठने से उसके मोटे चुचो में हल्की सी लचक आई पर फिर भी वो पहाड़ की चोटियों के समान खड़े थे,अपने भाई को अपनी छातियों को घूरता देख कोमल शर्म से पलट गई,पर ये नज़ारा अमन के लिए और भी जानलेवा था अब वो गदराई गाँड़ अमन के सामने थी जिसको देखते ही अमन का दिल किया कि दोनों चूतड़ को फैलाकर अपना मुँह बीच में घुसेड़ दे और अपनी जीभ को अपनी बहन की गाँड़ के छेंद तक पहुंचा कर चाटे।
"कैसी लगी मेरे गन्दू भइय्या को दीदी की गाँड।

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कोमल को पता था कि उसका भाई उसकी गांड को ही ताड़ रहा होगा।
"बहुत ही प्यारी है दीदी गोल मटोल गहरी बहुत गहरी आआह इसमे डूब जाने को मन करता है,उफ्फ्फ दीदी मुझसे सब्र नही होता।
अमन अपनी अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने दोनों हाथों से अपनी दीदी के दोनों गोल गुम्बदों को पकड़ लिया।
अपनी गांड पर अपने भइय्या के हाथों की गर्मी पाकर कोमल का जिस्म लरज गया और उसके मुँह से एक लंबी सिसकारी बरामद हुई।
"उइईई सीईईईईई गन्दू......भइय्या,रुक.....जाओ।
"माफ करना दीदी पर इस प्यारी गांड को चूमे बग़ैर में नही रुक सकता।
अमन ने अपने पंजो को अपनी बहन की गाँड पर जैसे ही कसा कोमल की मदमस्त मुलायम गाँड में उसके भाई की उंगलियां धंसती चली गई,अमन को ऐसा लगा जैसे उसने रुई के फाओ को पकड़ लिया हो उसके होंठ इन मुलायम चूतड़ों से मिलने से अपने आप को नही रोक पाये,ये पहला मौका था जब कोमल के किसी प्राइवेट पार्ट पर उसके भइय्या के होंठ पहुंचे थे।अमन ने अपने पूरा खोल कर अपनी बहन के दाहिने चूतड़ के माँस को दाँतो में भींच लिया और अपने पंजो का दबाव अपने मुँह के मुताबिक बढ़ा दिया।अपने छोटे भइय्या के मुँह के प्रहार को कोमल का नाज़ुक बदन झेल नही पा रहा था अपनी गाँड में गढ़ते अपने भइय्या के दाँत से कोमल के पैर थरथराने लगे।

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"सीईईईईई उइईई मम्मी......भइय्या.....आराम......से।
अपनी दीदी की सीत्कार सुनकर अमन ने अपने दाँतो का दबाव माँस पर से कम कर दिया और धीरे धीरे अपने दाँतो को गाँड से हटा लिया।अपने चेहरे को पीछे करके अमन ने दीदी की गाँड को देखा।गोरी गाँड़ पर अमन के दाँतो के निशान बिल्कुल सुर्ख हो गए थे।
"उफ्फ्फ कितनी मुलायम है दीदी आपकी गाँड।
अमन ने अपने द्वारा बनाये निशान पर अपनी जीभ रख दी और उसपर धीमे धीमे जीभ चलाने लगा जैसे अपने द्वारा दिये ज़ख्म पर मरहम लगा रहा हो।
कोमल अपने भाई के प्यार की दीवानी होती जा रही थी,उसको अमन का दिया दर्द भी भा रहा था और उसके द्वारा उस दर्द का इलाज भी भा रहा था।काफी देर तक निशान पर अपनी जीभ से मरहम लगाने के बाद अमन ने अपनी बहन से पूछा।
"अब कैसा लग रहा है दीदी।
"काफी सुकून है गन्दू भइय्या तुमने तो काट ही लिया दीदी की गाँड को।
"उफ्फ्फ दीदी मेरा बस चले तो पूरी गांड को खा जाऊ।
"तो रोका किसने है गन्दू भइय्या खा जाओ।
"पक्का खा जाऊ फिर ना कहना।
"खा लेना गन्दू भइय्या मेरा सब कुछ तुम्हारा है पर गाँड से पहले कुछ और भी है जो तुम्हारे होंठो और हाथो का इंतज़ार कर रहे है।
अमन अपनी बहन की बात सुनकर खड़ा हो गया और अपनी दीदी का चेहरा अपनी तरफ घूमा कर बोला।
"तुम देखना दीदी तुम्हारा भईया तुम्हारे जिस्म के हर हिस्से को अपने होंठो से चूस जायेगा।
"मुझको यकीन है भइय्या पर अभी तो आपकी बहन के इन मैं काफी दर्द हो रहा है क्या इनका इलाज नही करोगे तुम।

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कोमल ने अपनी गुदाज़ छातियों को तान कर कहा।
"क्यों नही दीदी आपका छोटा भाई इनका भी इलाज करेगा पर पहले ये बताओ इनको क्या कहते है।
"गन्दू भइय्या इनको ब्रेस्ट कहते है।
"नही दीदी ये अपनी डॉक्टरों वाली लैंगुएज अपने पास रखो अपने भइय्या को देसी भाषा में बताओ इनको क्या कहते है।
"ओहो मेरे भाई को फील नही आ रही अंग्रेज़ी में अपनी दीदी को पूरा गंदा बना कर छोड़ोगे।
"छोडूंगा नही दीदी करेक्ट योर स्पेलिंग चो....।
"हूऊऊऊ गंदे भइय्या कोई अपनी बड़ी बहन से ऐसे बात करता है भला।
"अगर किसी की बहन मेरी बहन के जैसी माल हो और वो अपनी बहन से ऐसी बात ना करे तो मैं कहूंगा वो बेवकूफ है।
"क्या मेरा छोटा भाई सच में अपनी बड़ी दीदी को चो...चाहता है।छी छी मुझसे तो बोला भी नही जायेगा।
"क्या मेरी बहन नही चाहती?
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कहानी जारी है दोस्तो आपके कीमती सुझाव प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।
 

Nisha1224

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तो चलो दोस्तो कहानी शुरू करते है।

"आआह आआह ज़ोर से और ज़ोर से करो सीईईई सीईईई आआह हाँ ऐसे ही अंदर तक झटके मारो आआह।

रागनी राज के नीचे पड़ी अपनी चूत को राज के लंबे लंड से कुचलवाती हुई किलकारिया मार रही थी।

"आआह मेरी रानी आज तो मूड में है ले ले और अंदर ले मेरी राँड आज तो काफी गीली हो रही है।

"जब 15 दिन बाद आआह सीईईई चोदोगे आआह तो ऐसे ही गीली चूत मिलेगी।हाय क्या लंड है आपका साजन।

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राज ने रागनी की दोनों जांघो को विपरीत दिशा में फैला रखा था और अपने घुटनों पर बैठकर अपने मिसाइल को रागनी की फुली हुई चूत में डालकर दनादन रॉकेट दाग रहा था।

रागनी के मुख से निकलती सिसकारियां और उसके गोल खुले हुए होंठ दर्शा रहे थे कि वो इस समय कितने मज़े में है।

"आआह राज रगड़ दो मेरी चूत की दीवारों को अपने मूसल से आआह हाय हाय सीईईई ऐसे ही गहरे गहरे धक्के मारो रआआआज।


रागनी के मुँह से निकलती ये किलकारियाँ कमरे के बाहर खिड़की में खड़ी नवयौवना के जिस्म में भी तरंगों का संचार बढ़ा रही थी।
वो अंदर खेले जा रहे खेल को देखकर अपने कच्चे नींबुओं से खेल रही थी।
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"बिल्कुल पी लेना मेरे गन्दू भइय्या,नदी भी तुम्हारे होंठो से मिलने को बेताब है पर उससे पहले क्या मुझे 15 मिनट मिल सकते है ताकि में अपनी नदी को अपने भइय्या के होंठो से मिलने के लायक बना लूँ।
"ठीक है दीदी में बाहर घूम कर आता हूँ।
अमन ने अपने कपड़ों को ठीक किया और गेट खोल कर बाहर निकल गया कोमल अपने भाई को जाता देखती रही


अब आगे-

अमन के बाहर जाते ही कोमल ने रूम को लॉक किया और अपने बैग की तरफ भागी अपने बैग में वो शायद कुछ ढूंढने की कोशिश कर रही थी जो उसको मिल नही रहा था बैग को खाली करते करते वो टाइम को भागते देख झुंझलाने लगी,तभी बैग में रखी चीज़ को देख उसकी उसकी आँखों में चमक आ गई,उसने जल्दी से उसको उठाया और बाथरूम की तरफ दौड़ी बाथरूम में पहुंच कर कोमल अपने छोटे भाई के लिए अपने आप को तैयार करने लगी।

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इधर अमन होटल से कुछ दूर टहल रहा था तभी उसके फ़ोन पर मैसज ट्यून बोली अमन ने अपना मोबाइल निकाल कर देखा कामनी बुआ का मैसज था उसने उसको खोल कर देखा तो कामनी ने अपने भतीजे को एक फोटो सैंड की थी फ़ोटो को देख अमन की आंखे चमकने लगी।

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कामनी ने फिर टेक्स्ट मैसज किया "कैसी लगी फ़ोटो"
अमन "कौन है ये बुआ
कामनी"पहचान तेरा कोई अपना ही है।
कामनी ने एक के बाद एक 4-5 फोटो सेंड किये।

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कामनी"अब पहचाना या अभी भी नही।
अमन"आप तो नही हो बुआ फिर कौन हो सकता है बताओ न बुआ कौन है।

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कामनी"नही बेटा पहचानना तो तुमको ही पड़ेगा में नही बता सकती इतना बोल सकती हूँ तुम्हारी कोई खास ही है।
चाहो तो कुछ और दिखा सकती हूँ।
अमन"दिखाओ,कोशिश करता हुँ।
कामनी ने कुछ और फोटोज़ सेंड किये।

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अमन हर एक फोटो को धयान से देख रहा था पर वो पहचान नही पा रहा था आखिर अमन ने एक फोटो देख कामनी को रिप्लाय किया।
अमन"ओह बुआ क्या सच में।
कामनी"सच में क्या बेटा जानी बताओ।
अमन"ओह बुआ कैसे किया ये बताओ ना।
कामनी"चीटिंग नही चलेगी पहले बताओ कौन है ये।
अमन"सच बुआ मम्मी है ये बताओ न कैसे किया।
कामनी"बहुत चालक हो तुम अमन कैसे पहचाना।
अमन"भूल गई बुआ आपने ही तो दिखाया था मम्मी पापा को चुदाई करते हुए।

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कामनी"अच्छा जी इसलिए पहचान गया मेरा प्यारा भतीजा।कैसी लगी मेरी भाभी।
अमन"मम्मी तो मस्त है बुआ ये बताओ आपको ये फोटोज कैसे मिले।
कामनी"बेटा शायद तुम भूल रहे हो तुम्हारी बुआ के पास आकर तो अच्छे अच्छे नंगे हो जाते है,वैक्सिंग कराई है तेरी माँ ने पूरे जिस्म की।शायद बेटी और बेटे के ना होने का फायदा उठाना चाहते है दोनों।
अमन"ठीक कहा बुआ आपके पास आकर तो सिर्फ लडकिया और औरते ही नही में भी नंगा हो गया था है है है।
कामनी"वैसे तेरी माँ पूरी गदरा रही है,एक बार को तो मेरा भी मन किया कि.....
अमन"क्या मन किया बुआ।
कामनी"वही जो तेरा मन कर रहा है अभी।बोल तेरा क्या मन कर रहा है अपनी माँ को देख कर।
अमन"पहेलियां ना बुझाओ बुआ बताओ ना आपका क्या मन कर रहा था।
कामनी"बताया तो है जो तेरा मन कर रहा है,बोल क्या तेरा मन नही कर रहा कि अपनी मम्मी के गदराई चुचियों को निचोड़ डाले,उनकी गदराई गाँड़ को मुँह में भर भर कर काटे,और हाय उनकी चूत तो देख देखते ही मुँह में भरने को दिल कर रहा है अमन कसम से डबल रोटी की माफिक फूली हुई चूत है तेरी मम्मी की जब औरत होकर मेरा ऐसा मन कर रहा था तो तेरा तो...सच बोल रही हूँ बेटा तेरे लंड के मज़े आ जायँगे तेरी मम्मी की चूत में घुस कर।

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अमन"ओह बुआ सच बोलती हो आप कसम से मेरा भी ऐसा ही मन कर रहा है।
कामनी"कोमल कहाँ है बेटा।
अमन"बुआ में अभी बाहर आया था होटल के कोमल दीदी रूम में ही है।
कामनी"पगले तूने अनजान जगह पर अपनी बहन को अकेला क्यों छोड़ा हुआ है जा सके पास उसको तेरी ज़रूरत होगी,वैसे तुझको और भी बहुत कुछ दिखाना था पर तु अभी कोमल के पास जा फ्री होकर मुझको मैसज करना ओके।
अमन"ओके बुआ फ्री होकर आपसे बात करता हूँ।
अमन को बुआ से बात करने में टाइम का पता ही नही चला,सही पूछो तो अपनी माँ का गदराया हुआ मदमस्त जिस्म देख कर वो अपनी बहन को भूल ही गया था उसने मोबाइल में टाइम देखा और दौड़ता हुआ होटल की तरफ आने लगा।कुछ ही देर में वो अपने रूम के बाहर खड़ा रिंग बजा रहा था,कोमल अंदर अपने भाई का ही इंतज़ार कर रही थी रिंग की आवाज़ सुनकर उसने अपने भाई को मैसज किया"डोर ओपन है गन्दू भइय्या अंदर आ जाओ"
अपनी दीदी का मैसज देखते ही अमन रूम के अंदर दाखिल होता है,डोर के ठीक सामने किंग साइज बेड पर कोमल बिल्कुल सफेद चादर से अपने जिस्म को ढके लेटी थी अपने भइय्या को देखते ही उसकी आँखों में चमक आ गई,अमन धीरे धीरे बेड की तरफ बढ़ने लगा।तभी उसके कानों से एक आवाज़ टकराई।
"दरवाज़ा तो बंद करदो गन्दू भइय्या।
ये कोमल की आवाज़ थी जो अपने भाई को सम्मोहित अवस्था में अपनी तरफ आता देख रही थी।
अपनी बहन की आवाज़ सुन अमन की तंद्रा भंग हुई वो वापस पलट कर गेट के पास गया और उसको पूरी तरह से बंद कर वापस अपनी दीदी की तरफ पलटा।
"अब ठीक है ना दीदी।
"हाँ गन्दू भइय्या अब हमें कोई नही देख पायेगा।
अमन एक बार फिरसे चादर में लिपटी अपनी बड़ी बहन की तरफ लपका कोमल के बदन के उभार कटाव चादर के बाहर से ही देखे जा सकते अमन जैसा सोच रहा था अगर वैसा ही हुआ तो इस सफेद चादर के अंदर बेशकीमती खज़ाना छुपा था जो कुछ ही पलों में अमन की आंखों के सामने आने वाला था।अमन बेड के पास जा खड़ा हुआ और अपनी दीदी की तरफ देख कर बोला।
"क्या आपकी नदी अपने भाई के होंठो की प्यास बुझाने के लिए तैयार है दीदी।
"बिल्कुल तैयार है भइय्या आपने ही देर लगा दी ये तो कब से अपने भइय्या का इंतज़ार कर रही है।
"ठीक है फिर देखते है।
अमन ने अपनी दीदी के पैरों के पास से चादर को पकड़ा और धीरे धीरे उसको अपनी तरफ खींचने लगा चादर धीरे धीरे कोमल के चिकने बदन से नीचे की तरफ फिसलने लगी कुछ ही पलों में चादर ने कोमल के गुदाज़ वक्षो से नीचे की तरफ से ऊपर का सफर तय किया और चोटियों से एक बार फिर नीचे की तरफ आने लगी कोमल के गुलाबी निप्पल से चादर के फिसलते ही अमन के सामने अपनी बड़ी बहन के मदमस्त उभार थे जो एकदम कसे हुए सुडौल थे जिनपर चने की बराबर गुलाबी निप्पल शोभायमान कोमल के गोरे गुदाज़ सुडौल स्तन देख अमन की आंखों ऐसे चमकी जैसे कोई बेशकीमती खज़ाना देख लिया हो।

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चादर धीरे धीरे कोमल के पेट को नंगा करती जा रही थी आखिर चादर नाभि तक आ पहुंची अमन की आंखे लगातार अपनी बहन के नंगे होते जिस्म पर घूम रही थी कुछ ही पलों में चादर ने कोमल की नाभि का साथ छोड़ दिया हल्के से उभरे पेट में कोमल की गहरी नाभि गज़ब का आकर्षण समेटे थी अपनी दीदी की नाभि को देख अमन के माइंड ने कहा छोटी मोटी लुल्ली तो दीदी की नाभि को भी चोद कर शांत हो सकती है,अपने माइंड में आई बात पर अमन को खुद ही हँसी आ गई।अपनी आंखें अपनी दीदी की नाभि पर जमाये अमन धीरे धीरे चादर को अपनी तरफ खींच रहा था,कोमल का वस्ति-प्रदेश शुरू होने पर चादर एक बार फिरसे ऊपर चढ़ने लगी कोमल की उभरी चूत चादर के अंदर से भी अपना उभार दिखा रही थी,चादर के चूत तक आने तक तो कोमल खामोश लेटी अपने भाई की आंखों में खुशी देख रही थी पर जैसे ही चादर चूत के उभार पर आकर रुकी कोमल को अत्यधिक शर्म आनी लगी इससे ज़्यादा वो और अपने आप को अपने छोटे भइय्या के सामने नंगा होते नही देख सकती थी उसने अपनी आंखें बंद करली और अपने हाथ को अपनी आंखों पर रख लिया अपनी दीदी को शर्माता देख अमन ने चुटकी ली।
"क्या हुआ दीदी अपनी नदी के दर्शन सिर्फ भइय्या को ही करवाओगी आप नही करोगी।
कोमल हिचकते हुए बोली।
"जिसके लिए तैयार की है वो देखे और बताए उसको कैसी लगी हमारी तो देखी दिखाई है।
"पर दीदी जब मैं इसको देखु तो मैं चाहता हु की मेरी बड़ी बहन मुझको देखे अच्छा लगेगा मुझे बाकी आप जैसा चाहो।
"मेरे गन्दू भइय्या में अभी इतनी बेशर्म नही की तुम मेरी उसको देखो और में तुमको।
"मेरी उसको"किसको"दीदी इसको क्या बोलती हो आप।
"गन्दू भइय्या मुझको शर्म आती है मुझसे नही बोला जायेगा।
"बोलो न दीदी मैंने भी तो आपको अपने टूल के नाम बताए थे अब आपकी बारी।
"इसके भी तुम्हारे लोले की तरह कई नाम है गन्दू भइय्या।
वैसे हमारे यहाँ इसको बू बू बुर बोलते है।
"बुर....दीदी....की.....बुर और क्या बोलते है दीदी इसको।
"गन्दू भइय्या अपनी दीदी को पूरा बेशर्म बना कर छोड़ना ।
"छोडूंगा नही अपनी दीदी को चो....
"क्या बोला तुमने गन्दू बोलो बोलो।
"बोलूंगा सब बोलूंगा पहले आप बोलो बुर को और क्या बोलते है।
"पक्का बोलोगे ना दीदी को सुनना है तुमहारे मुँह से, कुछ लोग इसको चु चु चूत भी बोलते है.....ससस गन्दू भइय्या।
"चूत सससस ये नाम ज़्यादा प्यारा है, दीदी की चूत आआह मेरी.....दीदी.....की.....चूत।
"आपको क्या पसंद है दीदी।
"भइय्या का लंड,मेरे भइय्या का लोला।
"अरे वो नही दीदी बुर या चूत इनमे से क्या पसंद है।
"जो मेरे भइय्या को पसंद है"चूत"।दीदी की चूत भइय्या के लिए।
"उफ्फ्फ दीदी मेरी दीदी की चूत मेरे लिए और आपके भइय्या का लोला आपके लिए दीदी।
अपनी बहन को बातो में लगाकर अमन ने कबका दीदी की चूत को नंगा कर दिया था उसकी आंखें लगातार अपनी बहन की उभरी हुई बिना बालों वाली चिकनी चूत पर जमी थी।

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कोमल की मस्तानी बिल्कुल चिकनी चूत उभर कर पाव की तरह फूली हुई थी उसकी बीच का चीरा उसको दो भागों में विभक्त कर रहा था पर दोनों होंठ आपस में इस कदर चिपके थे मानो कभी जुदा ना होना चाहते हो ,कोमल अपने भइय्या की आंखों की चमक को देख समझ गई कि उसके भइय्या ने उसकी गुलाबी मस्तानी चूत के दीदार कर लिए है अब उसका अपनी आंखों को बंद करने का कोई मतलब नही था उसने गर्दन उठाकर अपनी चूत की तरफ देखा वो ऊपर से नीचे तक पूरी तरह नंगी हो गई थी,वो भी अपने भाई के सामने अपने सगे भइय्या के सामने।
अपने भाई को अपनी चूत को यूं घूरते देख कोमल धीमे स्वर में बोली।
"कैसी लगी दीदी की ....

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"दीदी की क्या ?
"वही जिसको तुम घूर रहे हो गन्दू भइय्या।
"शानदार,ज़बरदस्त,ज़िंदाबाद बहुत ही प्यारी है मेरी दीदी की चूत इसको देखते ही मुँह में भरने का दिल कर रहा है।
"और क्या करने का मन कर रहा है गन्दू भइय्या।
"दीदी की चूत को सूंघने का प्यार करने का चूसने का चाटने का और इसके चीरे के बीच अपनी जीभ डालने का।

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"पक्का सिर्फ जीभ गन्दू भइय्या।
"हाँ दीदी पहले जीभ और फिर।
"फिर क्या?
"फिर आपके भइय्या का लोला दीदी,बोलो लोगी न भइय्या का लोला अपनी चूत में।
"पर मैंने सुना है दर्द होता है।
"में अपनी दीदी को बिल्कुल दर्द नही होने दूँगा,पहली बार हल्का सा दर्द हो सकता है फिर उसके बाद मज़ा ही मज़ा है जानू दीदी।
"अपने भइय्या की खुशी के लिए में सारे दर्द बर्दाश्त कर लुंगी,पर देखो न तुम्हारा कितना लंबा और मोटा है और मेरी कितनी सी है कैसे जायेगा अंदर।
"जायेगा दीदी पूरा जायेगा बस देखती जाओ।
"ठीक है भइय्या आराम से करना,और मेरे साथ क्या करने का मन है मेरे भइय्या का।
"अपनी दीदी को बहुत सारा प्यार।
"दीदी के जिस्म में क्या पसंद आया मेरे गन्दू भइय्या को।
"आगे से तो सब कुछ लाजवाब है दीदी पीछे से देख कर बताऊंगा।
"ओह गन्दू भइय्या पीछे से क्या देखना चाहते हो सब कुछ तो आगे है।
कोमल समझ गई थी कि उसका भाई पीछे से उसकी गाँड़ देखना चाहता है पर अपने भाई को तड़पाने के लिए वो ऐसा बोली।
"ओह दीदी सबसे कातिल चीज़ तो पीछे ही है।
"क्या है पीछे गन्दू भइय्या।
"मेरी दीदी की गाँ गाँ ।
"बोलो ना गन्दू भइय्या दीदी को अच्छा लगेगा।
"आपकी मस्तानी गाँड़ दीदी उफ्फ्फ कितनी भारी है आपकी गाँड़।
"तुमको कैसे पता भारी है भइय्या क्या तुम अपनी बहन की गाँड़ को छुप कर देखते हो।
"छुप कर देखने की ज़रूरत नही है दीदी ये इतनी बाहर को निकली हुई है कि आसानी से दिखाई देती है।
"अभी तक तो मेरे भइय्या ने कपड़ो में देखी है लो आज बिना कपड़ों के देखो।
कोमल बेड से खड़ी हो गई,उसके उठने से उसके मोटे चुचो में हल्की सी लचक आई पर फिर भी वो पहाड़ की चोटियों के समान खड़े थे,अपने भाई को अपनी छातियों को घूरता देख कोमल शर्म से पलट गई,पर ये नज़ारा अमन के लिए और भी जानलेवा था अब वो गदराई गाँड़ अमन के सामने थी जिसको देखते ही अमन का दिल किया कि दोनों चूतड़ को फैलाकर अपना मुँह बीच में घुसेड़ दे और अपनी जीभ को अपनी बहन की गाँड़ के छेंद तक पहुंचा कर चाटे।
"कैसी लगी मेरे गन्दू भइय्या को दीदी की गाँड।

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कोमल को पता था कि उसका भाई उसकी गांड को ही ताड़ रहा होगा।
"बहुत ही प्यारी है दीदी गोल मटोल गहरी बहुत गहरी आआह इसमे डूब जाने को मन करता है,उफ्फ्फ दीदी मुझसे सब्र नही होता।
अमन अपनी अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने दोनों हाथों से अपनी दीदी के दोनों गोल गुम्बदों को पकड़ लिया।
अपनी गांड पर अपने भइय्या के हाथों की गर्मी पाकर कोमल का जिस्म लरज गया और उसके मुँह से एक लंबी सिसकारी बरामद हुई।
"उइईई सीईईईईई गन्दू......भइय्या,रुक.....जाओ।
"माफ करना दीदी पर इस प्यारी गांड को चूमे बग़ैर में नही रुक सकता।
अमन ने अपने पंजो को अपनी बहन की गाँड पर जैसे ही कसा कोमल की मदमस्त मुलायम गाँड में उसके भाई की उंगलियां धंसती चली गई,अमन को ऐसा लगा जैसे उसने रुई के फाओ को पकड़ लिया हो उसके होंठ इन मुलायम चूतड़ों से मिलने से अपने आप को नही रोक पाये,ये पहला मौका था जब कोमल के किसी प्राइवेट पार्ट पर उसके भइय्या के होंठ पहुंचे थे।अमन ने अपने पूरा खोल कर अपनी बहन के दाहिने चूतड़ के माँस को दाँतो में भींच लिया और अपने पंजो का दबाव अपने मुँह के मुताबिक बढ़ा दिया।अपने छोटे भइय्या के मुँह के प्रहार को कोमल का नाज़ुक बदन झेल नही पा रहा था अपनी गाँड में गढ़ते अपने भइय्या के दाँत से कोमल के पैर थरथराने लगे।

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"सीईईईईई उइईई मम्मी......भइय्या.....आराम......से।
अपनी दीदी की सीत्कार सुनकर अमन ने अपने दाँतो का दबाव माँस पर से कम कर दिया और धीरे धीरे अपने दाँतो को गाँड से हटा लिया।अपने चेहरे को पीछे करके अमन ने दीदी की गाँड को देखा।गोरी गाँड़ पर अमन के दाँतो के निशान बिल्कुल सुर्ख हो गए थे।
"उफ्फ्फ कितनी मुलायम है दीदी आपकी गाँड।
अमन ने अपने द्वारा बनाये निशान पर अपनी जीभ रख दी और उसपर धीमे धीमे जीभ चलाने लगा जैसे अपने द्वारा दिये ज़ख्म पर मरहम लगा रहा हो।
कोमल अपने भाई के प्यार की दीवानी होती जा रही थी,उसको अमन का दिया दर्द भी भा रहा था और उसके द्वारा उस दर्द का इलाज भी भा रहा था।काफी देर तक निशान पर अपनी जीभ से मरहम लगाने के बाद अमन ने अपनी बहन से पूछा।
"अब कैसा लग रहा है दीदी।
"काफी सुकून है गन्दू भइय्या तुमने तो काट ही लिया दीदी की गाँड को।
"उफ्फ्फ दीदी मेरा बस चले तो पूरी गांड को खा जाऊ।
"तो रोका किसने है गन्दू भइय्या खा जाओ।
"पक्का खा जाऊ फिर ना कहना।
"खा लेना गन्दू भइय्या मेरा सब कुछ तुम्हारा है पर गाँड से पहले कुछ और भी है जो तुम्हारे होंठो और हाथो का इंतज़ार कर रहे है।
अमन अपनी बहन की बात सुनकर खड़ा हो गया और अपनी दीदी का चेहरा अपनी तरफ घूमा कर बोला।
"तुम देखना दीदी तुम्हारा भईया तुम्हारे जिस्म के हर हिस्से को अपने होंठो से चूस जायेगा।
"मुझको यकीन है भइय्या पर अभी तो आपकी बहन के इन मैं काफी दर्द हो रहा है क्या इनका इलाज नही करोगे तुम।

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कोमल ने अपनी गुदाज़ छातियों को तान कर कहा।
"क्यों नही दीदी आपका छोटा भाई इनका भी इलाज करेगा पर पहले ये बताओ इनको क्या कहते है।
"गन्दू भइय्या इनको ब्रेस्ट कहते है।
"नही दीदी ये अपनी डॉक्टरों वाली लैंगुएज अपने पास रखो अपने भइय्या को देसी भाषा में बताओ इनको क्या कहते है।
"ओहो मेरे भाई को फील नही आ रही अंग्रेज़ी में अपनी दीदी को पूरा गंदा बना कर छोड़ोगे।
"छोडूंगा नही दीदी करेक्ट योर स्पेलिंग चो....।
"हूऊऊऊ गंदे भइय्या कोई अपनी बड़ी बहन से ऐसे बात करता है भला।
"अगर किसी की बहन मेरी बहन के जैसी माल हो और वो अपनी बहन से ऐसी बात ना करे तो मैं कहूंगा वो बेवकूफ है।
"क्या मेरा छोटा भाई सच में अपनी बड़ी दीदी को चो...चाहता है।छी छी मुझसे तो बोला भी नही जायेगा।
"क्या मेरी बहन नही चाहती?
????????????????????



कहानी जारी है दोस्तो आपके कीमती सुझाव प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।
Sexy update. Very creative way of seducing younger brother.
 
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Naik

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"बिल्कुल पी लेना मेरे गन्दू भइय्या,नदी भी तुम्हारे होंठो से मिलने को बेताब है पर उससे पहले क्या मुझे 15 मिनट मिल सकते है ताकि में अपनी नदी को अपने भइय्या के होंठो से मिलने के लायक बना लूँ।
"ठीक है दीदी में बाहर घूम कर आता हूँ।
अमन ने अपने कपड़ों को ठीक किया और गेट खोल कर बाहर निकल गया कोमल अपने भाई को जाता देखती रही


अब आगे-

अमन के बाहर जाते ही कोमल ने रूम को लॉक किया और अपने बैग की तरफ भागी अपने बैग में वो शायद कुछ ढूंढने की कोशिश कर रही थी जो उसको मिल नही रहा था बैग को खाली करते करते वो टाइम को भागते देख झुंझलाने लगी,तभी बैग में रखी चीज़ को देख उसकी उसकी आँखों में चमक आ गई,उसने जल्दी से उसको उठाया और बाथरूम की तरफ दौड़ी बाथरूम में पहुंच कर कोमल अपने छोटे भाई के लिए अपने आप को तैयार करने लगी।

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इधर अमन होटल से कुछ दूर टहल रहा था तभी उसके फ़ोन पर मैसज ट्यून बोली अमन ने अपना मोबाइल निकाल कर देखा कामनी बुआ का मैसज था उसने उसको खोल कर देखा तो कामनी ने अपने भतीजे को एक फोटो सैंड की थी फ़ोटो को देख अमन की आंखे चमकने लगी।

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कामनी ने फिर टेक्स्ट मैसज किया "कैसी लगी फ़ोटो"
अमन "कौन है ये बुआ
कामनी"पहचान तेरा कोई अपना ही है।
कामनी ने एक के बाद एक 4-5 फोटो सेंड किये।

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कामनी"अब पहचाना या अभी भी नही।
अमन"आप तो नही हो बुआ फिर कौन हो सकता है बताओ न बुआ कौन है।

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कामनी"नही बेटा पहचानना तो तुमको ही पड़ेगा में नही बता सकती इतना बोल सकती हूँ तुम्हारी कोई खास ही है।
चाहो तो कुछ और दिखा सकती हूँ।
अमन"दिखाओ,कोशिश करता हुँ।
कामनी ने कुछ और फोटोज़ सेंड किये।

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अमन हर एक फोटो को धयान से देख रहा था पर वो पहचान नही पा रहा था आखिर अमन ने एक फोटो देख कामनी को रिप्लाय किया।
अमन"ओह बुआ क्या सच में।
कामनी"सच में क्या बेटा जानी बताओ।
अमन"ओह बुआ कैसे किया ये बताओ ना।
कामनी"चीटिंग नही चलेगी पहले बताओ कौन है ये।
अमन"सच बुआ मम्मी है ये बताओ न कैसे किया।
कामनी"बहुत चालक हो तुम अमन कैसे पहचाना।
अमन"भूल गई बुआ आपने ही तो दिखाया था मम्मी पापा को चुदाई करते हुए।

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कामनी"अच्छा जी इसलिए पहचान गया मेरा प्यारा भतीजा।कैसी लगी मेरी भाभी।
अमन"मम्मी तो मस्त है बुआ ये बताओ आपको ये फोटोज कैसे मिले।
कामनी"बेटा शायद तुम भूल रहे हो तुम्हारी बुआ के पास आकर तो अच्छे अच्छे नंगे हो जाते है,वैक्सिंग कराई है तेरी माँ ने पूरे जिस्म की।शायद बेटी और बेटे के ना होने का फायदा उठाना चाहते है दोनों।
अमन"ठीक कहा बुआ आपके पास आकर तो सिर्फ लडकिया और औरते ही नही में भी नंगा हो गया था है है है।
कामनी"वैसे तेरी माँ पूरी गदरा रही है,एक बार को तो मेरा भी मन किया कि.....
अमन"क्या मन किया बुआ।
कामनी"वही जो तेरा मन कर रहा है अभी।बोल तेरा क्या मन कर रहा है अपनी माँ को देख कर।
अमन"पहेलियां ना बुझाओ बुआ बताओ ना आपका क्या मन कर रहा था।
कामनी"बताया तो है जो तेरा मन कर रहा है,बोल क्या तेरा मन नही कर रहा कि अपनी मम्मी के गदराई चुचियों को निचोड़ डाले,उनकी गदराई गाँड़ को मुँह में भर भर कर काटे,और हाय उनकी चूत तो देख देखते ही मुँह में भरने को दिल कर रहा है अमन कसम से डबल रोटी की माफिक फूली हुई चूत है तेरी मम्मी की जब औरत होकर मेरा ऐसा मन कर रहा था तो तेरा तो...सच बोल रही हूँ बेटा तेरे लंड के मज़े आ जायँगे तेरी मम्मी की चूत में घुस कर।

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अमन"ओह बुआ सच बोलती हो आप कसम से मेरा भी ऐसा ही मन कर रहा है।
कामनी"कोमल कहाँ है बेटा।
अमन"बुआ में अभी बाहर आया था होटल के कोमल दीदी रूम में ही है।
कामनी"पगले तूने अनजान जगह पर अपनी बहन को अकेला क्यों छोड़ा हुआ है जा सके पास उसको तेरी ज़रूरत होगी,वैसे तुझको और भी बहुत कुछ दिखाना था पर तु अभी कोमल के पास जा फ्री होकर मुझको मैसज करना ओके।
अमन"ओके बुआ फ्री होकर आपसे बात करता हूँ।
अमन को बुआ से बात करने में टाइम का पता ही नही चला,सही पूछो तो अपनी माँ का गदराया हुआ मदमस्त जिस्म देख कर वो अपनी बहन को भूल ही गया था उसने मोबाइल में टाइम देखा और दौड़ता हुआ होटल की तरफ आने लगा।कुछ ही देर में वो अपने रूम के बाहर खड़ा रिंग बजा रहा था,कोमल अंदर अपने भाई का ही इंतज़ार कर रही थी रिंग की आवाज़ सुनकर उसने अपने भाई को मैसज किया"डोर ओपन है गन्दू भइय्या अंदर आ जाओ"
अपनी दीदी का मैसज देखते ही अमन रूम के अंदर दाखिल होता है,डोर के ठीक सामने किंग साइज बेड पर कोमल बिल्कुल सफेद चादर से अपने जिस्म को ढके लेटी थी अपने भइय्या को देखते ही उसकी आँखों में चमक आ गई,अमन धीरे धीरे बेड की तरफ बढ़ने लगा।तभी उसके कानों से एक आवाज़ टकराई।
"दरवाज़ा तो बंद करदो गन्दू भइय्या।
ये कोमल की आवाज़ थी जो अपने भाई को सम्मोहित अवस्था में अपनी तरफ आता देख रही थी।
अपनी बहन की आवाज़ सुन अमन की तंद्रा भंग हुई वो वापस पलट कर गेट के पास गया और उसको पूरी तरह से बंद कर वापस अपनी दीदी की तरफ पलटा।
"अब ठीक है ना दीदी।
"हाँ गन्दू भइय्या अब हमें कोई नही देख पायेगा।
अमन एक बार फिरसे चादर में लिपटी अपनी बड़ी बहन की तरफ लपका कोमल के बदन के उभार कटाव चादर के बाहर से ही देखे जा सकते अमन जैसा सोच रहा था अगर वैसा ही हुआ तो इस सफेद चादर के अंदर बेशकीमती खज़ाना छुपा था जो कुछ ही पलों में अमन की आंखों के सामने आने वाला था।अमन बेड के पास जा खड़ा हुआ और अपनी दीदी की तरफ देख कर बोला।
"क्या आपकी नदी अपने भाई के होंठो की प्यास बुझाने के लिए तैयार है दीदी।
"बिल्कुल तैयार है भइय्या आपने ही देर लगा दी ये तो कब से अपने भइय्या का इंतज़ार कर रही है।
"ठीक है फिर देखते है।
अमन ने अपनी दीदी के पैरों के पास से चादर को पकड़ा और धीरे धीरे उसको अपनी तरफ खींचने लगा चादर धीरे धीरे कोमल के चिकने बदन से नीचे की तरफ फिसलने लगी कुछ ही पलों में चादर ने कोमल के गुदाज़ वक्षो से नीचे की तरफ से ऊपर का सफर तय किया और चोटियों से एक बार फिर नीचे की तरफ आने लगी कोमल के गुलाबी निप्पल से चादर के फिसलते ही अमन के सामने अपनी बड़ी बहन के मदमस्त उभार थे जो एकदम कसे हुए सुडौल थे जिनपर चने की बराबर गुलाबी निप्पल शोभायमान कोमल के गोरे गुदाज़ सुडौल स्तन देख अमन की आंखों ऐसे चमकी जैसे कोई बेशकीमती खज़ाना देख लिया हो।

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चादर धीरे धीरे कोमल के पेट को नंगा करती जा रही थी आखिर चादर नाभि तक आ पहुंची अमन की आंखे लगातार अपनी बहन के नंगे होते जिस्म पर घूम रही थी कुछ ही पलों में चादर ने कोमल की नाभि का साथ छोड़ दिया हल्के से उभरे पेट में कोमल की गहरी नाभि गज़ब का आकर्षण समेटे थी अपनी दीदी की नाभि को देख अमन के माइंड ने कहा छोटी मोटी लुल्ली तो दीदी की नाभि को भी चोद कर शांत हो सकती है,अपने माइंड में आई बात पर अमन को खुद ही हँसी आ गई।अपनी आंखें अपनी दीदी की नाभि पर जमाये अमन धीरे धीरे चादर को अपनी तरफ खींच रहा था,कोमल का वस्ति-प्रदेश शुरू होने पर चादर एक बार फिरसे ऊपर चढ़ने लगी कोमल की उभरी चूत चादर के अंदर से भी अपना उभार दिखा रही थी,चादर के चूत तक आने तक तो कोमल खामोश लेटी अपने भाई की आंखों में खुशी देख रही थी पर जैसे ही चादर चूत के उभार पर आकर रुकी कोमल को अत्यधिक शर्म आनी लगी इससे ज़्यादा वो और अपने आप को अपने छोटे भइय्या के सामने नंगा होते नही देख सकती थी उसने अपनी आंखें बंद करली और अपने हाथ को अपनी आंखों पर रख लिया अपनी दीदी को शर्माता देख अमन ने चुटकी ली।
"क्या हुआ दीदी अपनी नदी के दर्शन सिर्फ भइय्या को ही करवाओगी आप नही करोगी।
कोमल हिचकते हुए बोली।
"जिसके लिए तैयार की है वो देखे और बताए उसको कैसी लगी हमारी तो देखी दिखाई है।
"पर दीदी जब मैं इसको देखु तो मैं चाहता हु की मेरी बड़ी बहन मुझको देखे अच्छा लगेगा मुझे बाकी आप जैसा चाहो।
"मेरे गन्दू भइय्या में अभी इतनी बेशर्म नही की तुम मेरी उसको देखो और में तुमको।
"मेरी उसको"किसको"दीदी इसको क्या बोलती हो आप।
"गन्दू भइय्या मुझको शर्म आती है मुझसे नही बोला जायेगा।
"बोलो न दीदी मैंने भी तो आपको अपने टूल के नाम बताए थे अब आपकी बारी।
"इसके भी तुम्हारे लोले की तरह कई नाम है गन्दू भइय्या।
वैसे हमारे यहाँ इसको बू बू बुर बोलते है।
"बुर....दीदी....की.....बुर और क्या बोलते है दीदी इसको।
"गन्दू भइय्या अपनी दीदी को पूरा बेशर्म बना कर छोड़ना ।
"छोडूंगा नही अपनी दीदी को चो....
"क्या बोला तुमने गन्दू बोलो बोलो।
"बोलूंगा सब बोलूंगा पहले आप बोलो बुर को और क्या बोलते है।
"पक्का बोलोगे ना दीदी को सुनना है तुमहारे मुँह से, कुछ लोग इसको चु चु चूत भी बोलते है.....ससस गन्दू भइय्या।
"चूत सससस ये नाम ज़्यादा प्यारा है, दीदी की चूत आआह मेरी.....दीदी.....की.....चूत।
"आपको क्या पसंद है दीदी।
"भइय्या का लंड,मेरे भइय्या का लोला।
"अरे वो नही दीदी बुर या चूत इनमे से क्या पसंद है।
"जो मेरे भइय्या को पसंद है"चूत"।दीदी की चूत भइय्या के लिए।
"उफ्फ्फ दीदी मेरी दीदी की चूत मेरे लिए और आपके भइय्या का लोला आपके लिए दीदी।
अपनी बहन को बातो में लगाकर अमन ने कबका दीदी की चूत को नंगा कर दिया था उसकी आंखें लगातार अपनी बहन की उभरी हुई बिना बालों वाली चिकनी चूत पर जमी थी।

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कोमल की मस्तानी बिल्कुल चिकनी चूत उभर कर पाव की तरह फूली हुई थी उसकी बीच का चीरा उसको दो भागों में विभक्त कर रहा था पर दोनों होंठ आपस में इस कदर चिपके थे मानो कभी जुदा ना होना चाहते हो ,कोमल अपने भइय्या की आंखों की चमक को देख समझ गई कि उसके भइय्या ने उसकी गुलाबी मस्तानी चूत के दीदार कर लिए है अब उसका अपनी आंखों को बंद करने का कोई मतलब नही था उसने गर्दन उठाकर अपनी चूत की तरफ देखा वो ऊपर से नीचे तक पूरी तरह नंगी हो गई थी,वो भी अपने भाई के सामने अपने सगे भइय्या के सामने।
अपने भाई को अपनी चूत को यूं घूरते देख कोमल धीमे स्वर में बोली।
"कैसी लगी दीदी की ....

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"दीदी की क्या ?
"वही जिसको तुम घूर रहे हो गन्दू भइय्या।
"शानदार,ज़बरदस्त,ज़िंदाबाद बहुत ही प्यारी है मेरी दीदी की चूत इसको देखते ही मुँह में भरने का दिल कर रहा है।
"और क्या करने का मन कर रहा है गन्दू भइय्या।
"दीदी की चूत को सूंघने का प्यार करने का चूसने का चाटने का और इसके चीरे के बीच अपनी जीभ डालने का।

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"पक्का सिर्फ जीभ गन्दू भइय्या।
"हाँ दीदी पहले जीभ और फिर।
"फिर क्या?
"फिर आपके भइय्या का लोला दीदी,बोलो लोगी न भइय्या का लोला अपनी चूत में।
"पर मैंने सुना है दर्द होता है।
"में अपनी दीदी को बिल्कुल दर्द नही होने दूँगा,पहली बार हल्का सा दर्द हो सकता है फिर उसके बाद मज़ा ही मज़ा है जानू दीदी।
"अपने भइय्या की खुशी के लिए में सारे दर्द बर्दाश्त कर लुंगी,पर देखो न तुम्हारा कितना लंबा और मोटा है और मेरी कितनी सी है कैसे जायेगा अंदर।
"जायेगा दीदी पूरा जायेगा बस देखती जाओ।
"ठीक है भइय्या आराम से करना,और मेरे साथ क्या करने का मन है मेरे भइय्या का।
"अपनी दीदी को बहुत सारा प्यार।
"दीदी के जिस्म में क्या पसंद आया मेरे गन्दू भइय्या को।
"आगे से तो सब कुछ लाजवाब है दीदी पीछे से देख कर बताऊंगा।
"ओह गन्दू भइय्या पीछे से क्या देखना चाहते हो सब कुछ तो आगे है।
कोमल समझ गई थी कि उसका भाई पीछे से उसकी गाँड़ देखना चाहता है पर अपने भाई को तड़पाने के लिए वो ऐसा बोली।
"ओह दीदी सबसे कातिल चीज़ तो पीछे ही है।
"क्या है पीछे गन्दू भइय्या।
"मेरी दीदी की गाँ गाँ ।
"बोलो ना गन्दू भइय्या दीदी को अच्छा लगेगा।
"आपकी मस्तानी गाँड़ दीदी उफ्फ्फ कितनी भारी है आपकी गाँड़।
"तुमको कैसे पता भारी है भइय्या क्या तुम अपनी बहन की गाँड़ को छुप कर देखते हो।
"छुप कर देखने की ज़रूरत नही है दीदी ये इतनी बाहर को निकली हुई है कि आसानी से दिखाई देती है।
"अभी तक तो मेरे भइय्या ने कपड़ो में देखी है लो आज बिना कपड़ों के देखो।
कोमल बेड से खड़ी हो गई,उसके उठने से उसके मोटे चुचो में हल्की सी लचक आई पर फिर भी वो पहाड़ की चोटियों के समान खड़े थे,अपने भाई को अपनी छातियों को घूरता देख कोमल शर्म से पलट गई,पर ये नज़ारा अमन के लिए और भी जानलेवा था अब वो गदराई गाँड़ अमन के सामने थी जिसको देखते ही अमन का दिल किया कि दोनों चूतड़ को फैलाकर अपना मुँह बीच में घुसेड़ दे और अपनी जीभ को अपनी बहन की गाँड़ के छेंद तक पहुंचा कर चाटे।
"कैसी लगी मेरे गन्दू भइय्या को दीदी की गाँड।

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कोमल को पता था कि उसका भाई उसकी गांड को ही ताड़ रहा होगा।
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अमन अपनी अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने दोनों हाथों से अपनी दीदी के दोनों गोल गुम्बदों को पकड़ लिया।
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अमन ने अपने पंजो को अपनी बहन की गाँड पर जैसे ही कसा कोमल की मदमस्त मुलायम गाँड में उसके भाई की उंगलियां धंसती चली गई,अमन को ऐसा लगा जैसे उसने रुई के फाओ को पकड़ लिया हो उसके होंठ इन मुलायम चूतड़ों से मिलने से अपने आप को नही रोक पाये,ये पहला मौका था जब कोमल के किसी प्राइवेट पार्ट पर उसके भइय्या के होंठ पहुंचे थे।अमन ने अपने पूरा खोल कर अपनी बहन के दाहिने चूतड़ के माँस को दाँतो में भींच लिया और अपने पंजो का दबाव अपने मुँह के मुताबिक बढ़ा दिया।अपने छोटे भइय्या के मुँह के प्रहार को कोमल का नाज़ुक बदन झेल नही पा रहा था अपनी गाँड में गढ़ते अपने भइय्या के दाँत से कोमल के पैर थरथराने लगे।

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अपनी दीदी की सीत्कार सुनकर अमन ने अपने दाँतो का दबाव माँस पर से कम कर दिया और धीरे धीरे अपने दाँतो को गाँड से हटा लिया।अपने चेहरे को पीछे करके अमन ने दीदी की गाँड को देखा।गोरी गाँड़ पर अमन के दाँतो के निशान बिल्कुल सुर्ख हो गए थे।
"उफ्फ्फ कितनी मुलायम है दीदी आपकी गाँड।
अमन ने अपने द्वारा बनाये निशान पर अपनी जीभ रख दी और उसपर धीमे धीमे जीभ चलाने लगा जैसे अपने द्वारा दिये ज़ख्म पर मरहम लगा रहा हो।
कोमल अपने भाई के प्यार की दीवानी होती जा रही थी,उसको अमन का दिया दर्द भी भा रहा था और उसके द्वारा उस दर्द का इलाज भी भा रहा था।काफी देर तक निशान पर अपनी जीभ से मरहम लगाने के बाद अमन ने अपनी बहन से पूछा।
"अब कैसा लग रहा है दीदी।
"काफी सुकून है गन्दू भइय्या तुमने तो काट ही लिया दीदी की गाँड को।
"उफ्फ्फ दीदी मेरा बस चले तो पूरी गांड को खा जाऊ।
"तो रोका किसने है गन्दू भइय्या खा जाओ।
"पक्का खा जाऊ फिर ना कहना।
"खा लेना गन्दू भइय्या मेरा सब कुछ तुम्हारा है पर गाँड से पहले कुछ और भी है जो तुम्हारे होंठो और हाथो का इंतज़ार कर रहे है।
अमन अपनी बहन की बात सुनकर खड़ा हो गया और अपनी दीदी का चेहरा अपनी तरफ घूमा कर बोला।
"तुम देखना दीदी तुम्हारा भईया तुम्हारे जिस्म के हर हिस्से को अपने होंठो से चूस जायेगा।
"मुझको यकीन है भइय्या पर अभी तो आपकी बहन के इन मैं काफी दर्द हो रहा है क्या इनका इलाज नही करोगे तुम।

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कोमल ने अपनी गुदाज़ छातियों को तान कर कहा।
"क्यों नही दीदी आपका छोटा भाई इनका भी इलाज करेगा पर पहले ये बताओ इनको क्या कहते है।
"गन्दू भइय्या इनको ब्रेस्ट कहते है।
"नही दीदी ये अपनी डॉक्टरों वाली लैंगुएज अपने पास रखो अपने भइय्या को देसी भाषा में बताओ इनको क्या कहते है।
"ओहो मेरे भाई को फील नही आ रही अंग्रेज़ी में अपनी दीदी को पूरा गंदा बना कर छोड़ोगे।
"छोडूंगा नही दीदी करेक्ट योर स्पेलिंग चो....।
"हूऊऊऊ गंदे भइय्या कोई अपनी बड़ी बहन से ऐसे बात करता है भला।
"अगर किसी की बहन मेरी बहन के जैसी माल हो और वो अपनी बहन से ऐसी बात ना करे तो मैं कहूंगा वो बेवकूफ है।
"क्या मेरा छोटा भाई सच में अपनी बड़ी दीदी को चो...चाहता है।छी छी मुझसे तो बोला भी नही जायेगा।
"क्या मेरी बहन नही चाहती?
????????????????????



कहानी जारी है दोस्तो आपके कीमती सुझाव प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।
Bahot behtareen shaandar
Garma garam update
 
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