आइए दोस्तों अब थोडा present मे चलते है देखते है यहा क्या हो रहा है ।
सुधिया और कल्लू पर आया दूखों का तूफान शांत तो नही हुआ था लेकिन अपना गाॅव छोडकर सुधिया सुरक्षित महसूस कर रही थी और करती भी क्यूँ ना जहा उसके पति और बेटे की हत्या हुई हो वो गाॅव उसके और उसके एकमात्र सहारे अर्थात उसके बेटे कल्लू के लिए सुरक्षित कैसे हो सकता था भला । दोनो माॅ बेटे अपना गाॅव पीछे छोडकर एक जाने पहचाने गाॅव चले आये थे जो सुधियाँ का मायका था, दिल मे बदले की आग थी किसी भी तरह लाला और उसके आदमियों से हरिया से बदला लेना था, बस इंतजार था शक्ति एकत्रित करने का अपनी ताकत बढने का इंतजार था दोनो माॅ बेटे को ।
सुधिया और कल्लू घर पहुचते है , घर काफी समय से बंद पडा था दोनो माॅ बेटे घर की साफ सफाई मे जूट जाते है तभी पड़ोस मे रहनेवाली मीना भाभी की नजर उन दोनो पर पडती है और वो सुधिया से मिलने चली आती है
(सुधिया का मायका मीना की ससुराल थी, थे तो दोनो पडोसी लेकिन दोनो पक्की सहेलियां थी और रिश्ता था ननद भाभी का )
मीना- का ही ननद रानी, कब आई हो ?
(यह आवाज सुनते ही सुधिया की ऑखे भर आती है और वो फौरन मीना से लिपटकर रोने लगती है )
मीना - का हुआ बन्नो, क्यू रो रही हो ........और इ का ....इ तोरी मांग काहे सूनी है , बेचन बाबू कहा है ...?
मीना सुधिया की हालत देखकर अधीर होने लगी और सुधियाँ के जवाब का इंतजार करने लगी , अपनी माॅ को रोता देख कल्लू भी रोने लगा , इस तरह दोनो माॅ बेटों को रोता देख मीना के मन मे जो सवाल थे कही हद तक उन सवालो को जवाब उसे मिल चुका था
सुधिया- (रोते हुए ) भाभी ........सब बर्बाद हो गया भाभी ,
मै कही की नही रही सब बर्बाद हो गया , कल्लू के
बापू और मल्लू को मार दिया भाभी , उन
जालिमों ने मार दिया( इतना कहकर सुधिया मीना
से लिपटकर रोने लगी )
मीना- (रोते हुए) बात क्या हुई है बताओ सुधिया किसने
मारा बेचन बाबू को
( सुधिया ने सारी आप बीती मीना को बताई कि कैसे हरिया ने उसके पति और बेटे की हत्या की आसपास के मुहल्ले की सारी औरतों की भीड इकठ्ठा हो चुकी थी लोग सांत्वना और दिलासा दिए जा रहे थे , इसी तरह कुछ दिन बीत गए मीना रोज सुधियाँ के घर आती दुख के समय वह उसे अकेला नही छोड़ना चाहती थी )
एक शाम .....
सुधिया- अरे भाभी आओ बैठो , मै चाय बनाती हू
मीना- ना बन्नो चाय रहने दे, मुझे जरूरी बात करनी है
तोसे..
सुधिया- हा भाभी बोलिए ना का बात है
मीना- गाॅव वाले कहते है ...तोरे परिवार को बूरी नजर लग गई अच्छा भला हसता खेलता परिवार था और सब बर्बाद हो गया , और तू लाला से बदला लेना चाहती है कैसे लेगी बदला , मैने सूना है लाला बहुत ताकतवर है ।
सुधिया- हा भाभी बात तो सही है लेकिन मै अपने बेटे और पति के साथ हुए अपराध के लिए लाला को और उसके कुत्तो को सजा देना चाहती हू और ये काम और कोई नही मेरा बेटा कल्लू करेगा
मीना- कल्लू करेगा ! तू उसकी जान भी खतरे मे डालना चाहती है , शरीर देख अपने बेटे का कितना कमजोर हो गया है वो लाला का आदमियों से लडेगा! मेरी एक सलाह मानेगी
सुधिया- कैसी सलाह भाभी
मीना- देख बन्नो मुझसे ये तेरा दुख देखा नही जाता और विधवा होने का दर्द क्या होता है ये मुझसे अच्छा कौन जान सकता है , मै तेरी और कल्लू बेटे की खूशी चाहती हू इसलिए मना मत करना
सुधिया- हा भाभी बात क्या है बताइए
मीना- देख बन्नो मुझे लगता है तेरे हँसते खेलते परिवार को किसी की बूरी नजर लग गई है और इसलिए मै चाहती हू तू मेरे साथ कल जंगल चलेगी
सुधिया- जंगल क्यू भाभी ?
मीना- जंगल मे एक बंगाली बाबा आए है दो साल से वही पर रहते है और उनके पास हर समस्या का निवारण है और मुझे यकीन है उनसे मिलने के बाद तेरे परिवार मे भी खुशियाँ आएंगी।
सुधिया- ठीक है भाभी , आप कहती है जो जरूर चलूंगी
मीना- कल दोपहर को तू और कल्लू बेटा तैयार रहना मै आऊंगी बुलाने
सुधिया- ठीक हे दीदी।