अब नुपुर प्राची को कॉल लगा देती हैं वही दूसरी तरफ शिवम् और पलक बतियाते बतियाते नीचे पहुंच जाते हैं और शिवम् नीचे एक सोफे पे बैठ जाता हैं और पलक ऑर्डर करने के लिए रिसेप्शन पर जाती हैं।
Update - 41
अब आगे...
नुपुर प्राची को कॉल लगा देती हैं तो दिव्या नुपुर से पूछती हैं: नुपुर ये बताओ मौसी ने भी अपने बच्चो से चुदवाया होगा क्या?
नुपुर: पता नही क्यू?
दिव्या: मौसी अपने से मुझे चुदने नही देंगी न अगर वो सुधार गई होंगी तो।
नुपुर: ये कॉल उठा ले तब पता चल जायेगा सब।
इधर प्राची कॉल उठाती हैं।
प्राची: हेलो।
नुपुर: हां प्राची कैसी हो क्या कर रही हो।
प्राची: इतनी रात को मेरी बहन को हाल चाल लेने का कैसे सुझा।
नुपुर: क्या मैं हाल चाल नही पूछ सकती हूं तेरा।
प्राची: तू तो न ही पूछे तो सही है मेरी वर्जिनिटी जबरदस्ती करवा के लूज करवा दी।
नुपुर: फिर वही बात तेरे पास कोई और गाली नही है मुझे देने के लिए यही दिया करती हैं।
प्राची: तो और क्या दूं अच्छा खासा मेरा पहला सेक्स जीजू के साथ हो सकता था पर तेरे चक्कर में मुझे एक रंदुआ चोद गया पहले।
नुपुर: अगर उस दिन उसने न चोदा होता न तो तुझे तेरे जीजू का लंड भी न मिल पता क्युकी हम दोनो हमहेशा दुश्मन ही रहते।
प्राची: वो सब मैं नहीं जानती तूने उस वक्त बस गलत किया था ये मैं जानती हूं।
नुपुर: कुछ भी।
प्राची: कुछ भी क्या तू कांड करती रहे हम उसको समेटे। आज सुबह मीटिंग में तूने जो गांड मराई थी वो तो जीजू ने संभाल लिया वरना गया था कॉन्ट्रैक्ट। तू हमेशा फसाती हैं रंडी साली अगर जीजू न होते कुछ ना होता अपना। तुझे पता नही मीटिंग के दौरान भी हिलाना था। इतनी कितनी हवस थी तेरे में रात में चुद नही पाई थी क्या जीजू से।
नुपुर: अरे वो सॉरी मैं हिला नही रही थी सॉरी कुछ वजह थी जिस वजह से सब हो गया।
प्राची: हां हां आपकी वजह होती हैं हर बार और झेलना हमने पड़ता हैं जीजू ही बचाते हैं वो इतने अच्छे हैं इसलिए बिजनेस चल रहा हैं और तू भी वरना हो जाना था काम अपना।
नुपुर: तू ज्यादा जीजू जीजू नही कर रही हैं उनका लंड चूत में तेरी फसा हुआ हैं साली चुदना हैं उनसे तो सीधा बोल ऐसे मेरे सामने मेरे पति के गुण गा रही हो चूत में खुजली हो रही क्या तेरे।
प्राची: तुम ना हुम्हेशा यही सब सोचो। मेरे को चूत में खुजली नही है।
नुपुर: लग तो रही हैं के खुजली हैं और ज्यादा हो रही है खुजली तो अपने पति से बोलो मिटाएगा क्युकी उसके साथ ही खुश रहती हो तुम ना बहन की याद आती हैं ना कुछ ना बहन को उसके लंड नीचे लिया मैने तो फर्ज निभाए तूने कोई न निभाया।
प्राची अब चुप हो जाती हैं फिर वो हल्के से बोलती हैं: चलो दीदी ये सब छोड़ो और बताओ आप कैसी हो।
नुपुर: अब तू बता तुझे क्या हुआ हैं। हुम्हेशा इस टॉपिक पे तू चुप क्यों हो जाती हैं क्या प्राब्लम हैं तुझे।
प्राची: दी ऐसा कुछ नही हैं कोई प्राब्लम नही है।
नुपुर: नही हैं ना प्रोब्लम तो तू अपनी सेक्स लाइफ बता कैसी हैं।
प्राची: दी कुछ और बात करते हैं।
नुपुर: नही तू सच बताएगी तुझे मेरी कसम। बोल सच।
प्राची: अरे यार दी कुछ नही बस ये न...
नुपुर: ये क्या चोद नही पाते हैं क्या?
प्राची: हम्म दी आज तक इनसे मैं चुद नही पाई। आपका वो रंदुआ जो था उसका भी इनके सामने ठीक था लंड। इनका मेरी चूत में भी जाता हैं और खड़ा नही हो पाता है।
नुपुर: तो तू कैसे चला रही हैं।
प्राची: दी अब आदत हो गई हैं पहले दिक्कत थी तो आपके पास आ जाती थी और जीजू के साथ चुद लेती थी। पर फिर दोनो बच्चो के बाद मैने सेक्स छोर दिया।
नुपुर: और बच्चे?
प्राची: इनके नही हैं। सच कहूं इनकी औकात भी नही है बच्चे पैदा करने की। ये किसी और के हैं।
नुपुर: तो तू मुझे पहले नही बता पा रही थी के मेरे पति से दो स्पर्म लिए है तूने।
प्राची: क्या आपको कैसे पता?
नुपुर: इतनी डफर तो नही हूं मैं।
अब नुपुर दिव्या की तरफ देखती है जो उसको घर रही होती हैं तो बोलती है: हां ठीक हैं मैं हूं डफर अभी समझ आया था के तू जब जब चुद के गई उसके बाद ही प्रेग्नेंट हुई थी मैं तब गोर नहीं किया था कुछ। पर तू मुझे सब बता देती मैं मना करती क्या तुझे?
प्राची: नही दी आप माना नही करती पर मुझे शर्म आ रही थी के आपको पता चलेगा मेरा पति कैसा हैं तो हसोगी मुझपे।
नुपुर: तू न गधी हैं एक नंबर की। मैं क्यों हसूंगी उल्टा मैं तो और तुझे अपने पास रखती।
प्राची: दी आपकी और कोमल की लाइफ में तो अच्छे पति आए मेरी में नही आए तो इसलिए और लगता था। अब कोमल का पति भी उसको खुश रखता हैं और उसका लंड भी अच्छा खासा बड़ा हैं। बस मेरी ही किस्मत ऐसी थी।
नुपुर: एक तो तू पागल तेरा पति ये भी तो सोच कौन चुन के लाए थे हमहारे मां बाप अपनी बेटियो को ये सुख उन्होंने दिया जो उनका चुना हुआ लड़का देता। तू इतना निभा गई उसको पता हैं के वो नपुंसक हैं।
प्राची: नही दी मैंने शुरू से लेके अब तक उनको कुछ पता नहीं लगने दिया उसको तो ये तक समझ नही आया के मैं वर्जिन नही हूं। ऐसा हैं अब आप सोच लो।
नुपुर: तो तू बोली क्यों नहीं किसी से कुछ।
प्राची: दी अगर कुछ बोलती तो मम्मी पापा का नाम खराब होता। और भले हम दोनो ही उनसे गुस्सा हैं पर दी हम दोनो प्यार भी तो नहीं से करते हैं। अपने भी तो उनको कोमल की शादी के बाद से अपने घर पे रखा बस वैसे ही सोचो मैने भी कुछ ना बोला।
नुपुर: जान तू पागल हैं दुनिया से नही तो तेरी दी या जीजू से बोल सकती थी तू।
प्राची: ठीक हैं ना दी कोई न अब हो गया जो होना था। आप बताओ कॉल क्यू किया।
नुपुर: वैसे वो रंदुआ सच में बेकार था।
प्राची: मैं तो जानती हूं और बोलती भी हूं आपको ही प्रेम था उस से आज अचानक से हिद्रे परिवर्तन कैसे?
नुपुर: आज उसके साथ सेक्स किया तो समझ आया।
प्राची: जीजू को धोखा देती हो तुम बहुत बुरी बात हैं दी।
नुपुर: कुत्तिया अगली बार ये बोला तो तू मुझे भी पिटेगी और तेरे जीजू से भी और अगर मुझे गुस्सा आया ना तो याद है ना जबरदस्ती वो जीजू तेरे साथ करेंगे और मैं करवाऊंगी सोचले।
प्राची: अगर जीजू कर रहे हैं तो करवा दो दीदी मेरी प्यास कम हो जायेगी।
नुपुर: ठीक इंतजाम करती हूं तेरा भी। वैसे तू सुधार गई या आज भी वैसी हैं।
प्राची: मतलब दी?
नुपुर: मतलब आज भी इनसेस्ट के बारे में सोचती हैं अपनी बेटी को उसके बाप से चुदवाना चाहती और बेटे से खुद चुदना चाहती है या नही।
प्राची: नही दी आपके पीछे पीछे मै भी सुधार गई थी तो नही वैसे ये आज अचानक से कैसे।
नुपुर: अगर चुदवाना हो तो चुदवा लो ये समझना था।
प्राची: अपनी बेटी को तो उस नपुंसक से कभी न चुदवाऊ मैं।
नुपुर: तो उसके असली बाप से चुदवा ले।
प्राची: दी आप सीधे सीधे सब बातो क्या चल रहा हैं आपके दिमाग में।
नुपुर: ठीक तो तेरी भांजी दिव्या भी रंडी बन गई है और कुछ दिनों में अपने पापा के लंड के नीचे आने वाली हैं और उसी ने बोला था के शायद तेरे बच्चे अग्रवाल जी के हैं। तो तू भी ये सब करना चाहेगी क्युकी इसको तेरी भी जरूरत हैं। मेरी रंडी बनने की वजह तू ही हैं ना।
प्राची: अच्छा वो कितना बिगड़ी हैं।
दिव्या: मौसी मैं इतना बिगड़ गई हूं की नंगी सड़क पे निकल के मर्दों से बतिया सकती हूं और एक लिफ्ट मन का लंड चूस चुकी हूं और कूड़ा उठाने वाले को अपनी अदाएं दिखा चुकी हूं वो भी नंगी हो के।
प्राची: तू सब सुन रही थी कामिनी। सही हैं बहुत बिगड़ गई तू चल फिर मेरे यहां कुछ दिनों में आ जा तेरे मौसा बाहर जा रहे हैं और इन दोनो बच्चो को भी बाहर कर दूंगी तो हम दोनो मजे करेंगे।
दिव्या: पर उनको क्यू भेज रही हो उनके साथ करेंगे ना।
प्राची: गधी दो दिन हम दोनो मजे करेंगे ठीक फिर उनको आराम से साथ में बिगड़ेंगे फिर उनके साथ करेंगे मजे वैसे भी दोनो तेरे से छोटे हैं तो उनको आराम से बिगड़ेंगे।
नुपुर: क्या ये नही आ सकती हैं ये कैसे जायेगी यहां इसको चुदना हैं अपने पापा से और फिर ये जायेगी तो इसके पापा और मेरा क्या होगा ये नही जायेगी तू आ जा।
प्राची: अरे दीदी। मैं कौनसा के रही हूं अभी आ जाए जीजू से वर्जिनिटी लूज कर के ही आए।
दिव्या: और नुपुर दी है तो वो संभल लेंगी आप दोनो को।
प्राची: ये दी कौन हैं।
नुपुर: अच्छा ये लंबी स्टोरी हैं तू कल आ घर फिर बताती हूं सब कुछ।
प्राची: तो नंगा होके आना है।
नुपुर: तू कपड़े पहन के ही घर से निकलेगी तो वैसे ही निकलना यहां हम उतार देंगे और कहेगी तो कल तुझे शिवम् से भी चुदवा दूंगी।
प्राची: नही दी कल नही मैं फिर से सिर्फ चुदने के लिए ही आऊंगी।
नुपुर: ठीक है कोई नी तू कल आ तब बतियाते है और एक चीज़ और के तूने मेरे पति के स्पर्म चोरी किए हैं।
प्राची: अरे दी सॉरी।
नुपुर: तू भी ऐसे ही मुझे सुनती हैं ना तो अबसे मैं भी सुनाऊंगी तुझे।
प्राची: अच्छा सॉरी नही बोलूंगी कुछ माफ कर दो दी।
नुपुर: चल माफ किया तू भी क्या याद रखेगी कितने बड़े दिल वाली दी मिली है तुझे।
दिव्या नुपुर की चुचियों को मसलते हुए: बड़े दिल वाली तो नही बड़े आमों वाली तो जरूर ही मिली हैं।
प्राची: ये सही कहा दिव्या।
नुपुर दिव्या को हल्का सा तमाचा मारके बोलती हैं: इस बड़े दिल से ही तुझे पाला हैं कुत्तिया।
दिव्या नुपुर की पूरी चूची एक हाथ में भरके के दबा देती हैं जोर से और दूसरे हाथ से दूसरी चूची को मसलते हुए बोलती हैं: पर पोसा तो इन बड़ी चुचियों से ही हैं ना मां।
और उसकी चूची को चूसने लगते हैं जिसपे नुपुर बहुत तेज आहे भरने लगती हैं। नुपुर की आहे सुन प्राची भी गरम हो जाती हैं अपने फोन के साथ बाथरूम में जाके चूत सहलाने लगती हैं।