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Incest बेटी को लंड की प्यासी रंडी बनाया

कौनसा किरदार आपको सबसे अच्छा लगा?


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    70

Shivgoyal

Faminc
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617
94

Shivgoyal

Faminc
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अब काव्या अपने काम में लग जाती हैं और थोड़ी देर में नाश्ता लेके शंकर के रूम में पहुंचती हैं और फिर दोनो साथ में नाश्ता करने लगते हैं।
अब आगे....
Update - 61 b
नाश्ता करने के बाद काव्या बर्तन लेके किचन में चली जाती हैं और वही दूसरी तरफ शंकर जल्दी से शिवम् को कॉल कर देता हैं।
शिवम्: हां बोल।
शंकर: आज काम तू देख लियो।
शिवम्: कहे तू नही आएगा क्या आज साले।
शंकर: नही बे आज काव्या घर पे अकेली हैं तो उसका ध्यान रखना हैं।
(अब यहां पे एक बात हैं के शिवम् ये बात फोन को स्पीकर पे डाल के कर रहा हैं।)
अब शिवम् दिव्या की तरफ देखता हैं और उसके चेहरे की मुस्कान देख वो समझ जाता हैं के इन दोनो की क्या बात हुई हैं और शंकर कैसे ध्यान रखने वाला हैं। अब शिवम् बोलता हैं: साले इतनी कितनी जल्दी हैं तुझे उसका ध्यान रखने की। उसके जन्म दिन पे रखियो उसका खयाल।
शंकर: साले तूने तो जैसे बहुत इंतजार किया ना दिव्या का खयाल रखने में। और जैसे तूने उसका खयाल रखा हैं वैसे ही काव्या का ध्यान मुझे रखना हैं।
शिवम्: समझ गया ये आग कहा से लगी हैं चल तू मजे कर साले।
शंकर: हां बे वही करूंगा आज मैं और काश ये आग पहले लग जाती।
शिवम्: अब लग गई न शांत रहो। मजे करो आज तुम। बाय
शंकर: बाय
अब शिवम् कॉल काट दिव्या को देखता हैं जब दिव्या उसको एक शैतानी भरी स्माइल दे कर बोलती हैं: पापा आज मम्मी और दी को भेज दो कही और जब तक निशा नही आती आप भी मेरा खयाल रख लो ना।
शिवम्: पहले तू अपनी मां से बात कर के आ इन चीजों में उसका दिमाग बहुत तेज चलता हैं वो काम कर देगी तेरा।
दिव्या खुश होकर हां बोलती हैं और दौड़ कर नुपुर के पास पहुंच जाती हैं।
(यहां पे कहानी में दिव्या की घर की बात कॉल के बाद की गई हैं। अभी दिव्या और काव्या के बीच की बात के बाद से लेके शिवम् शंकर के बीच की बात तक की स्टोरी बाद के अपडेट में आ जाएगी जब वापस दिव्या की घर की बात करेंगे अब वापस काव्या के घर चलते हैं।)
किचन में आके काव्या पायल को फोन कर देती हैं और उसको सब बता देती हैं जिसपे पायल बोलती हैं: जान आज अपने पापा का पूरा प्यार पा लेना और मेरा नाम मत खराब करना समझी ना।
काव्या: मम्मी मतलब?
पायल: दिव्या ने जितने प्यार से चुदाई की थी ना शिवम् से उतने ही अच्छे से तुम्हे भी करना हैं ये न हो के जैसे पहले तुमने किया था वैसे ही अब भी चिला के नुपुर के सामने मेरा नाम खराब कर दो।
काव्या: सॉरी मम्मी पहले बहुत गंदी बेटी बनी थी मैं जो आपकी बातें नही मानी थी मैने पर अब दिव्या से भी प्यार से चुदूंगी मतलब कितना भी दर्द होगा न तो भी मैं अपने चेहरे पे भी नही आने दूंगी चिलाना तो दूर की बात है।
पायल: वाह मेरी जान तुमसे यही उम्मीद थी मुझे। जाओ फतेह करो अपने पापा के लंड पे। उनको अपनी गांड का दस बना लेना जब तक मैं आऊ समझी।
काव्या: हां मेरी जान समझ गई आज ऐसे चुदवाऊँगी वो तुम्हारी चूत और गांड की तरफ देखेगा भी नही और मेरी गांड का ऐसा दीवाना हो जायेगा के इस गांड के अलावा कोई छेद नही मांगेगा।
पायल हस्ते हुए: ओह तो मेरा पत्ता साफ करने की तयारी हैं। चलो ठीक हैं ये भी कर लो पर अगर तुम्हारी गांड के अलावा उस कुत्ते का लंड कही और खड़ा हुआ तो समझ लेना।
काव्या: ठीक अगर ऐसा हुआ तो जो तुम कहोगी वो हार जाऊंगी। पर आज मैं ऐसी चुदाई करवाऊंगी न ये कुत्ता बस मेरी ही गांड सुंघेगा।
पायल: हाए बस मेरी जान यही करियो जल्दी जल्दी जाओ आराम से चुदना और आज बस उसको अपना बना लो। गुड लक।
काव्या: थैंक यू जान।
अब काव्या कॉल रख कर तुरंत शंकर के पास जाती और देखती है के वहा पर खुशी से लंड सहला रहा होता है। जैसे ही शंकर की नजर दरवाजे पे खड़ी काव्या पे पड़ती हैं वो अपने हाथ को मुंह के पास लाता हैं और काव्या को देखते हुए उसपे थूक कर उस हाथ से वापस लंड सहलाने लगता हैं। जिसपे काव्या शर्माती है और बोलती हैं: पापा आप ये क्या कर रहे हो?
शंकर: तेरा इंतजार जान। तेरा ध्यान रखना हैं ना।
काव्या: हम्म तो आप मुझे पहले ही बुला लेते।
अब काव्या शंकर के लंड को देखते हुए कमरे में आती हैं। संकर काव्या को जवाब देता हैं: जान बस इसलिए नही बुलाया के मैं तयार हो जाऊं तेरा खयाल रखने के लिए पहले।
काव्या अब शंकर के लंड को पकड़ती है और बिस्तर पे बैठ के उस से बोलती हैं: तो पापा आप तयार होगए हो अब?
संकर: तुझे क्या लगता हैं जान?
काव्या: मुझे तो लगता मेरी जरूरत हैं आपको तयार होने में।
शंकर: तो करदो तयार अपने पापा को अपने लिए।
काव्या मुस्कुराते हुए शंकर को देखती हैं और तुरंत अपना मुंह उसके लंड के पास ले के जाती हैं और उसपे अपना गरमा गरम थूक बिखरा देती हैं और अपने हाथ से उसको मलते हुए संकर के होंठ चूमने लगती हैं। थोड़ी देर में वो अपने होंठ पीछे लेती हैं और एक दम तरसी हुई आंखों के साथ जो के पूरी सुर्ख लाल हो चुकी है और तड़पती हुई आवाज के साथ बोलती हैं: हम्मम पापा आज मेरे जिस्म को अपना सुख दे दो ताकि कभी मैं किसी की ना हो सकूं सिर्फ आपकी ही दासी की तरह जिंदगी गुजारूं।
शंकर: हां जान आज मैं तुझे सारे सुख दूंगा आज अपना फर्ज मैं निभा दूंगा जान।
काव्या: हां पापा हां अब आप तयार हो अब देर मत करो मेरी जवान की आग को कम करो पापा।
शंकर: ठीक हैं जान तू अब घोड़ी बन जा।
काव्या पलट जाती हैं और गांड शंकर को तरफ कर देती है और अपना मुंह बिस्तर पे लगा लेती हैं वही शंकर काव्या की गांड को चाटता है जीभ घुसा घुसा के जिसपे करहाती हुए काव्या बोल पड़ती हैं: आआह्ह पापा क्या कर रहे हो मुझे चटवाना नही चुदवाना हैं पहले वो करो ना।
शंकर: जान तेरी गांड की खुशबू इतनी प्यारी हैं के मन कर रहा हैं चाटता ही रहूं।
काव्या: पापा आप भी ना सब बाप एक जैसे ही होते हैं बिलकुल कुत्ते की तरह मतलब बेटी की गांड बस सूंघते ही रहते हैं चाटते ही रहते हैं। अब मुझे पहले चोदो वरना समझ लो मैं चली जाऊंगी यह से।
शंकर: ठीक हैं जान।
अब शंकर घुटनो के बल बैठ जाता हैं और अपना लंड काव्या की गांड पे रगड़ने लगता हैं और उसपे काव्या भी गांड हिलाने लगती हैं। थोड़ी देर ऐसे करने के बाद शंकर अपना लंड काव्या की गांड के छेद पे रखता हैं और बोलता हैं: जान अब मैं डालने का रहा हूं तो बहुत दर्द हो सकता हैं तुम चाहो तो वहा से क्रीम ले आओ मैं पहले लगा देता हूं।
काव्या: नही पापा मैं पूरा दर्द झेलूंगी बस आप बिना रुके डालना पूरा भले ही कितने झटके मरने पड़े। मैं ना ही आपको रोकूंगी न ही चिलाउंगी बस तब तक मत रुकना जब तक अपना लंड मेरी गांड में जड़ तक न घुस जाए।
शंकर: पर...
काव्या: प्लीज पापा बात मानो न।
अब शंकर भी काव्या की बात मानते हुए अपना लंड एक बार में डालने की कोशिश करता हैं पर उसका लंड फिसल जाता हैं। वो फिरसे जोर से ताकत लगता हैं जिसमें बस शंकर के लंड का टोपा ही अंदर घुस पता हैं। लंड के अंदर जाते ही काव्या को बहुत तेज दर्द होता हैं पर वो बिस्तर को कस के पकड़ लेती हैं और दबाते हुए अपने चेहरे पे भी वो दर्द को आने से रोकने लगती हैं और होठों को चबाते हुए बोलती हैं: पापा पूरा अंदर डालो जल्दी से मैं और नही से पाऊंगी।
शंकर उसकी बात सुनकर तुरंत एक और जोरदार झटका लेता है और उसका आधा लंड अंदर चला जाता और वो तुरंत ही ताकत बटोर के अगले झटके में लंड पूरा अंदर घुसा देता हैं अब पूरा सुखा लंड अंदर जाते ही काव्या को इतना दर्द होता के उसमें चिलाने की भी ताकत नहीं बचती हैं और वो निढाल होकर बिस्तर पर गिर जाती हैं।

(आप सभी को मैं ये बताना चाह रहा हूं के पीछले एक दो अपडेट से शायद मैं शंकर गलत तरीके से लिख रहा था जो के मैने इसमें सही किया हैं। तो मेरी ऐसी गलतियों को माफ करे।)
 
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Shivgoyal

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शंकर उसकी बात सुनकर तुरंत एक और जोरदार झटका लेता है और उसका आधा लंड अंदर चला जाता और वो तुरंत ही ताकत बटोर के अगले झटके में लंड पूरा अंदर घुसा देता हैं अब पूरा सुखा लंड अंदर जाते ही काव्या को इतना दर्द होता के उसमें चिलाने की भी ताकत नहीं बचती हैं और वो निढाल होकर बिस्तर पर गिर जाती हैं।
अब आगे....
Update - 61 c
काव्या के ऐसे गिरने पे शंकर डर कर रुक जाता हैं और बिना ज्यादा हिले काव्या के ऊपर जाकर उसके कान के पास बोलता हैं: जान ठीक हो तुम।
काव्या अब थोड़ा हिम्मत करके थोड़ा हिलती हैं और बोलती हैं: पा..पापा...
शंकर: हां मेरी जान।
काव्या: आह..पा...पापा..आ..आज..ना..
शंकर: हम्मम बोल आगे जान।
काव्या अब थोड़ी हिम्मत कर पाती हैं क्युकी अब दर्द कुछ ठीक हो रहा होता हैं। अब उस हिम्मत में वो बोलती हैं: पापा आज ना अपनी अपनी जान की जान ले ली हैं।
शंकर: मेरी जान को बहुत दर्द हुआ क्या सॉरी जान। मैं तो के रहा था न क्रीम लगा लो कुछ दर्द कम होता।
काव्या: पापा आपकी गलती नही मैं ही अच्छी बेटी नहीं हूं। दिव्या ने भी ऐसे ही चुदाई की थी पर वो ऐसे नही गिरी थी।
शंकर: ऐसा नहीं है तुम बहुत प्यारी बिटिया हो हमारी और किसी से क्यू ही कंपेयर करना खुद को जान।
अब शंकर काव्य के गले को चूमने लगता हैं और अपने एक हाथ से काव्या की एक चूची को मसलता हैं और दूसरे हाथ से उसकी चूत सहलाने लगता हैं ताकि काव्या वापस गरम हो सके जिस से उसके दिमाग से एक तो ये बात जाए और दूसरा दोनो मजे कर पाए अच्छे से।
काव्या: पापा पर मैने पहले भी आपको और मम्मी को निराश किया हैं और आज भी मम्मी से कहा था मैं अच्छे से सब करूंगी पर मुझसे इतना भी नही खेला गया।
शंकर: जान तुमने झेला तो देखो एक बार नही चीखी तुम वो बहुत बड़ी बात हैं।
काव्या: पर...
शंकर: पर वर कुछ नहीं तुम अब हिम्मत करो अब मजे नही करने हैं तुम्हे। क्या पापा को खुश नही करना चाहती हो।
काव्या: वही तो करना हैं पापा आपको खुश।
शंकर: तो बस अब ये सब बातें छोरो और मुझे एक प्यारी kiss दो।
अब काव्या की भी मुस्कुराते हुए शंकर को kiss करने लगती हैं और शंकर धीरे धीरे काव्या को गरम करने लगता हैं अब थोड़ी देर में काव्या भी गांड हिलाने लगती हैं। जिसपे शंकर भी हल्के हल्के धक्के देना शुरू कर देता हैं। थोड़ी देर में काव्या का पूरा दर्द खत्म हो जाता हैं और वो पूरी तरह गरम हो जाती हैं। अब वो kiss करना बंद करती हैं और बोलती हैं: पापा अब मुझे तमीज से चोदो आप।
शंकर: हां ठीक हैं पर अब क्रीम लगा लो जान।
काव्या: नही पापा ऐसे ही करो ना अब झेल लूंगी आपके लंबे धक्के।
शंकर: बेटा इसलिए नही बोल रहा हूं के तुम नही झेल पाऊंगी। बल्के मैं इसलिए बोल रहा हूं क्युकी तुम्हारी बहुत टाइट हैं और उसमें बार बार करूंगा तो दोनो को घाव हो जायेंगे। अब वैसे भी तुम्हारी जिद पूरी होगाई हैं तो लगालो क्रीम।
काव्या: अच्छा पापा तो क्रीम नही लगानी हैं मुझे उसकी जगह कुछ और भी तो कर सकते हैं ना।
शंकर: क्या कर सकते हैं?
काव्या: हम्मम मम्मी ने बोला था कुछ क्रीम मत इस्तेमाल करा करो उसकी जगह कुछ और भी बताया था वो आपके साथ वही इस्तेमाल करती हैं चुदाई में आप भी याद करो क्या हैं वो।
शंकर: तू इस वक्त मुझसे उम्मीद मत रख मैं तो बस इस सुख में ही खोया हुआ हूं मुझे कुछ याद नहीं अब मेरी बेटी के सिवा।
काव्या शर्माते हुए: पापा आप भी ना। चलो मैं याद करती हूं।
थोड़ी देर सोचने के बाद काव्या बोलती हैं: हां याद आया।
अब शंकर इस वक्त उसके कंधे को चूमने में व्यस्त होता हैं तो काव्या उसके चेहरे को हिलाते हुए बोलती हैं: पापा सुनो ना।
शंकर: हां बोल मेरी जान।
काव्या: आप ना बहुत गंदे हो सब काम मुझे दे के बस चूमे पड़े हो।
शंकर: अच्छा जान सॉरी अब बताओ क्या करना मुझे।
काव्या: मम्मी ने बोला था के हमेशा अच्छी रंडिया थूक का इस्तेमाल करती हैं चुदते हुए ना की क्रीम का।
शंकर: हां ये तो पता हैं।
काव्या गुस्से में देखते हुए: आपको पता हैं तो इतनी देर से ये सब क्या कर रहे थे बताया क्यू नही पहले।
शंकर: मुझे लगा तुम कुछ और बोल रही हो पायल ने कुछ और भी पढ़ाया हो तुम्हे जो मुझे न पता हो। वरना थूक का इस्तेमाल तो इस चुदाई से पहले भी तुमने किया था तो तुम कैसे भुल गई।
काव्या थोड़ा हस्ते हुए: वो पापा दर्द में दिमाग से सब निकल गया चलो सॉरी अब शुरू करे।
शंकर: मैं तो कबसे तयार हूं मेरी जान।
काव्या: ठीक हैं ऊपर से उठो और अपना लंड बाहर निकालो और मेरी गांड पे अच्छे से थूको आप।
शंकर: जो हुकुम मेरी रानी।
काव्या थोड़ा छिड़ते हुए: रानी नही रंडी ये सब भी आपको शिखाना पड़ेगा क्या।
शंकर: अच्छा सॉरी मेरी प्यारी रंडी।
अब काव्या खुश हो जाती और शंकर काव्य को एक हल्की kiss कर के उसके ऊपर से उठ जाता हैं और अपना लंड निकाल लेता हैं। अब लंड निकाल के वो अपने हाथो के सहारे से काव्या को उठाता है और उसको बैठाल देता हैं और उसके होठों को वापस चूमने लगता हैं। काव्या अपना एक हाथ शंकर के लंड पे रखके उसको सहलाने लगती हैं। अब चूमते चूमते शंकर जोर से काव्या की चूची को हाथ में भर के दबा देता हैं जिसपे काव्या अपने होंठ हटा लेती हैं और एक तेज आह भरती हैं और बोलती हैं: पापा की कमीने हो आप ऐसे कौन करता हैं अपनी बेटी के साथ।
शंकर: इसमें क्या गलत मेरी जान।
काव्या: पापा कोई बाप अपनी के ऐसे नही दबाता हैं बिलकुल कुत्तों की तरह कर रहे हो।
शंकर: जान पहली बात तो बहुत कम बाप होते जो अपनी बिटिया को ये सुख देते और दूसरी बात तू मैं तेरे लिए सच में कुत्ता ही बन ना चाहता हूं तेरा। बनाले ना।
काव्या: बना लिया चलो जो करना हैं करो कभी नही रोकूंगी और वैसे भी आप सच कह रहे हो दुनिया में मेरे पापा जितने अच्छे पापा काम ही होते हैं जो अपनी बेटी को इतने नाजों से पालते हैं और बहुत जोर से पेलते भी हैं।
इस बात पे दोनो हसने लगते हैं और फिर शंकर काव्य से कहता हैं: जान पहले तुम इसको थूक से निल्हा दो फिर मैं तुम्हारी गांड में थूक के इसको घुसा दूंगा।
काव्या तुरंत हां में गर्दन हिलाती हैं और तुरंत वापस शंकर के लंड पे अपना गरम गरम थूक गिराने लगती हैं उसकी थूक की गर्मी से शंकर का फटने लगता हैं। अब काव्या थूक को मालती हैं पूरे लंड पे फिर अपने हाथ को उसपे से हटा के थोड़ा चाटती हैं और फिर शंकर के मुंह के ले जाती हैं वही दूसरे हाथ से लंड सहलाना चालू रखती। काव्या के हाथ शंकर तुरंत पकड़ लेता हैं और उसको चाटता हैं जिसपे काव्या बोलती हैं: पापा ऐसे पकड़ के क्यू चाट रहे हो मैं कही भाग नही रही हूं।
शंकर: मैं जानता हूं तुम ये हाथ क्यू लाई हो सामने मुझे चिढ़ाने के लिए इसलिए अब मैं इसको आराम से चाटूंगा।
काव्या: आप बहुत बदमाश हो। वैसे पापा आपको एक बात बोलूं। आप बुरा तो नहीं मानोगे।
शंकर: जो हो बोल दो मैं अपनी जान की किसी बात का अपनी जिंदगी कभी बुरा नही मानूंगा।
काव्या: पापा वो न मुझे कुछ अजीब सा लगता हैं आपके साथ।
शंकर: अजीब सा मतलब तुम्हे ये सब नही पसंद क्या मेरी जान।
काव्या: वो नही पापा वो वाला अजीब नही दूसरा वाला। आपको कैसे समझाऊं। ऐसा कह लीजिए जो चीज मुझपे जबरदस्ती थोपी गई थी कभी अब वो अच्छी लगती हैं। पर इसलिए नही उसमें मजा आती हैं पर इसलिए क्युकी उसमें आप हो। आप समझ रहे हो ना क्या कहना चाह रही हूं।
शंकर अनजान बनते हुए: नही मैं नही समझ सही बोलो जो भी बोलना हैं पहेली मत भुजाओं।
काव्या: पापा आप बहुत बड़े कुत्ते हो पर चलो बोल देती हूं आपको तो समझ आ ही गया सब वैसे भी।
शंकर: नही आया मेरी जान कुछ समझ।
काव्या: मैं आपको जानती हूं। ठीक हैं तो झूठ मत बोलो। और मेरी बात का ये मतलब हैं I have feelings for you मेरी जान। और सीधा सीधा bolu to I love you
शंकर: अच्छा।
काव्या: हां और आप बताओ अब मुझे पता हैं पायल पसंद हैं आपको और मुझे उस से दिक्कत भी नही है कोई बस आप ये बताओ आप मुझे अपनी रखैल बनाओगे या नहीं।
शंकर: क्या?
काव्या: हां जान अगर मुझे तुम जरा सा भी प्यार करते हो तो मुझे अपनी रखैल बना लो ना मैं तुम्हारे लिए सब करूंगी।
शंकर काव्य की गर्दन को अपनी तरफ खींचता हैं और उसको kiss करता हैं और फिर बोलता हैं: जान मैं तो तुम्हे अपनी पत्नी बनाना चाहता हूं तुम ये मांग रही हो। किसलिए
काव्या: वो इसलिए मेरी जान क्युकी अपना पति मेरी पायल मुझे दिया है तो मैं उस से वो नही छीन सकती हूं बस जो तुम्हारी बन सकती हूं वही मांग रही हूं अब बोलो हां या ना।
शंकर: जान हां।
और अब दोनो एक दूसरे के होंठो को चूसने लगते हैं अब थोड़ी देर में काव्या बोलती है: जान अगर अपनी सुहागरात की तारीख पहले से तय ना की होती ना तो आज ही तुमसे चुद जाती।
शंकर: चलो वो नही तो जो सी चाहिए वो ही चुदाई करते हैं।
काव्या: हां रुको इसको अच्छे से नेल्हा देती हूं।
अब काव्या शंकर के लंड को चाटने लगती हैं फिर मुंह में भर के एक दो बार ऊपर नीचे करती हैं फिर उसपे बहुत सारा थूक निकाल देती हैं फिर लंड को सहला के अपनी गांड को शंकर की ओर कर देती हैं। अब शंकर काव्य की गांड में थूकता हैं और उस थूक को अंदर करने के लिए अपनी उंगली डाल देता हैं और ऊपर से थूकना जारी रखता हैं अब थोड़ी देर उंगली अंदर बाहर करने और गांड में थूकने के बाद वो अपना लंड काव्या की गांड पे सेट करता है और अपनी थूक से सनी उंगली को काव्या के मुंह में डाल देता हैं जिसको काव्या बड़े प्यार से लॉलीपॉप की तरह चूसने लगती हैं। वही पीछे शंकर ताकत लगाकर एक झटका मरता हैं जिसमें उसका लंड आधे से ज्यादा घुस जाता हैं। काव्या को दर्द होता हैं पर ये पहले से बहुत कम होता हैं इसलिए वो आराम से उंगली ही चूस रही होती हैं तभी शंकर दोबारा लंड बाहर निकलता हैं और थोड़ा दोबारा थूकता हैं और अब की बार ज्यादा ताकत लगाके काव्या की गांड में अपना लंड घुसा देता हैं और इस बार में पूरा लंड जड़ तक उसकी गांड में घुस जाता हैं इस बार के दर्द में काव्या के मुंह से एक आह निकलती हैं जिसको सुन शंकर खुश हो जाता हैं।
अब शंकर काव्य की गांड को पेलना शुरू करता हैं और काव्या भी आहे भरने लगती हैं। दोनो को बहुत मजा आ रही होती हैं तभी शंकर पूछता हैं काव्या से: जान कैसा लग रहा मजा आ रही हैं ना?
काव्या: आह..पा..पापा बहुत अच्छा लग रहा हैं आआह आआआआह्ह्ह्हह आप बहुत प्यारे हो पापा।
शंकर: आह जान तुम भी मैने कभी सपने में भी नही सोचा था इतनी सुंदर लड़की और इतनी प्यारी गांड मैं चोदूंगा मेरी जान। आह और वो भी मेरी बेटी होगी आह्ह्ह्ह्ह बहुत अच्छा लग रहा हैं।
काव्या: आआह्ह्हह्ह पापा मैंने भी नही सोचा था इतने बड़े लंड की सवारी करूंगी मैं आआह्ह्हह्ह आपकी तो अब मैं गुलाम हूं पापा बस चोदते रहो मुझे जिंदगी भर आआआह्हह्हह्ह आआह्ह्ह्ह पापा I love you आह्ह्ह्हह्
अब ऐसे ही दोनो चुदाई करते हैं और थोड़ी देर में शंकर झड़ने को हो जाता तो वो पूछता हैं काव्या से तो काव्या बोलती हैं: पापा मेरे चेहरे पे झड़ना आआआह्हह्ह्....
तो तुरंत शंकर अपना लंड निकाल लेता है और उसके मुंह पे झड़ के बिस्तर पे गिर जाता हैं और काव्या भी उसको थोड़ा सा चटके वैसे ही शंकर के बगल में लेट जाती हैं।
शंकर वय से घिरे चेहरे को देखें बोलता हैं: जान ये ऐसे क्यू रखा अपना चेहरा।
काव्या: आपको बताने के लिए के देखो आज आपकी बेटी आपकी हो गई। और इस चेहरे की तस्वीर लेने के लिए।
शंकर: अच्छा रुको फिर सबसे पहले मेरी जान की फोटो लूंगा मैं।
शंकर तुरंत काव्या की फोटो खींचता हैं और कहता हैं: अब मेरी जान ये तो हमहेश मैं संभाल के रखूंगा।
काव्या अपने मुंह पे गिर हुए वय को साफ करते हुए बोलती हैं: पापा अपनी बेटी को भी संभालोगे ना जिंदगी भर।
शंकर: तुझे तो इन बाहों में छुपा के रखूंगा अपने पास हमहेशा।
काव्या: हाए पापा आप कितने रोमांटिक हो। मुझे बस छुपा लो आप अब फिर।
अब काव्या शंकर की बाहों में आ जाती हैं और शंकर उसको कस के जकड़ लेता है और दोनो ऐसे ही सो जाते हैं थोड़ी देर में।
 
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Shivgoyal

Faminc
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Aap sabhi se mai maafi maangna chahta hun ke meri iss kahani mei update late ho jate hain par meri humhesha hi koshish hoti hai ke jaise hi waqt mile kuch de dun update aap logo ko.
Waise to maine dekha ke jabse story shuru hui hain like aur comments bahut kam hote hain jis wajah se kayi baar story ko band karne ka mann karta hain par mere kuch followers jaise ki meri marlo aur dusro ki wajah se ye story karne mei mann lagta hain.
To mai apne followers se kehna chahunga ke ye aap logo story chalti rahegi bhale hi der hogi par chalti rahegi 😊😊
 

meri marlo

Please DO NOT use any nude pictures in your Avatar
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: नही पापा मैं पूरा दर्द झेलूंगी बस आप बिना रुके डालना पूरा भले ही कितने झटके मरने पड़े। मैं ना ही आपको रोकूंगी न ही चिलाउंगी बस तब तक मत रुकना जब तक अपना लंड मेरी गांड में जड़ तक न घुस जाए।
Mai bhi jab pahli baar bhai se chudwai thi to bilkul aise hi bhai ko boli thi ki bhai bina ruke bina parwah kiye jad tak poora lund (jo ki 9 inch lamba aur 3 mota tha) ghusa dena chahe kitna chillaon cheekhun but please rukna nhi
Aur bhai ne bhi meri baat mante hue oil laga kar apne lund par total 5 jhatko me poora saand jaisa lund ghusa diya tha meri chut me jisse mai behoshi ki halat me chali gyi thi aur bhai ne bhi tab bhi raham na karke poore 20 minute tak bina ruke chut fadi thi uske dosre din usse bhi buri tarah gaand bhi marwayi jisko wajah se 1 hafte tak mai bed par padi rahi thi fever aur dard se
Lekin sach kahoon to aisi hi chudai karaane me asli maja ata hai jisme ki suru me khub dard ho lekin baad me usse bhi jayda maja ata hai hum jaisi ghastiyon ko
 
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meri marlo

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अच्छी रंडिया थूक का इस्तेमाल करती हैं चुदते हुए ना की क्रीम का।
Ek dum perfect bat boli hai hum jaisi ghastiyan chudte waqt jayda se jayda thuk hi lagwati hain taki thodi der baad chapp chapp ki awaj aye jisse ki sabko pata chal sake ki kisi ghasti ki chudai ho rhi hai
 
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Shivgoyal

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अच्छी रंडिया थूक का इस्तेमाल करती हैं चुदते हुए ना की क्रीम का।
Ek dum perfect bat boli hai hum jaisi ghastiyan chudte waqt jayda se jayda thuk hi lagwati hain taki thodi der baad chapp chapp ki awaj aye jisse ki sabko pata chal sake ki kisi ghasti ki chudai ho rhi hai
Ha 😍
 

Shivgoyal

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: नही पापा मैं पूरा दर्द झेलूंगी बस आप बिना रुके डालना पूरा भले ही कितने झटके मरने पड़े। मैं ना ही आपको रोकूंगी न ही चिलाउंगी बस तब तक मत रुकना जब तक अपना लंड मेरी गांड में जड़ तक न घुस जाए।
Mai bhi jab pahli baar bhai se chudwai thi to bilkul aise hi bhai ko boli thi ki bhai bina ruke bina parwah kiye jad tak poora lund (jo ki 9 inch lamba aur 3 mota tha) ghusa dena chahe kitna chillaon cheekhun but please rukna nhi
Aur bhai ne bhi meri baat mante hue oil laga kar apne lund par total 5 jhatko me poora saand jaisa lund ghusa diya tha meri chut me jisse mai behoshi ki halat me chali gyi thi aur bhai ne bhi tab bhi raham na karke poore 20 minute tak bina ruke chut fadi thi uske dosre din usse bhi buri tarah gaand bhi marwayi jisko wajah se 1 hafte tak mai bed par padi rahi thi fever aur dard se
Lekin sach kahoon to aisi hi chudai karaane me asli maja ata hai jisme ki suru me khub dard ho lekin baad me usse bhi jayda maja ata hai hum jaisi ghastiyon ko
Bas yaha pe baap beti pe reham karne wala hain. Chaliye aapko kahani aachi to lag rahi hain thank you
 
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