अब दिव्या कॉल रख देती हैं और दोनो लड़किया शिवम् का इंतजार करने लगती हैं और एक दूसरे के साथ मजे करने में लग जाती हैं।
अब आगे....
Update - 65
दिव्या और निशा एक दूसरे को चूम रहे होते हैं तभी दिव्या निशा से बोलती हैं: जान तू तो बहुत मस्त हैं। अब तो मुझे ये लग रहा हैं तू इतनी मस्त हैं तो मेरा छोटा भाई कितना मस्त होगा।
निशा: दी सही बोल रही हो भैया कितना मस्त दिखते हैं सच में उनका बड़ा होगा और अच्छे से चोदेंगे हमे।
दिव्या: सच में जान वैसे तुझे याद हैं कुछ। कुछ वक्त बाद रक्षाबंधन आ रहा हैं।
निशा: हां दी याद हैं।
दिव्या: तो तू हमहारे भाई को कहा पे रखी बंधेगी।
निशा: मतलब दी?
दिव्या: राखी कहा बंधेगी मतलब कलाई पे बंधेगी या कही और।
निशा: दी कलाई पे ही बंधूंगी। और कहा बांधते हैं।
दिव्या: मैं तो मेरे भाई के लंड पे बांधूंगी। फिर उसपे उचलूंगी।
निशा: ओह अच्छा तो मैं भी वही बांधूंगी राखी। बाकी दी सच कहूं थोड़ी देर पहले तक मैं सोच रही थी उस के साथ इस बार राखी नही बनाऊंगी। पर इतनी सी देर में अपने मुझे वजह दे दी मेरे भाई के साथ ये त्योहार बनाने की। थैंक यू दी।
दिव्या: हट पागल। कुछ भी बोलती हैं इसमें थैंक यू क्या मैं नही जानती क्या मेरे भाई बहन कितना लड़ते हैं पर मैं तो दोनो में बस प्यार देखना चाहती हूं। अच्छा तू निशांत से क्या मांगेगी राखी पे।
निशा: हम्मम भैया से मैं ना उनका लंड मांगूंगी पूरे दिन उनसे चुदूंगी बस।
दिव्या: कमिनी तू अगर चुदेगी पूरा दिन तो मेरी इस चूत का क्या होगा।
निशा: दी आप भी ना मैं अगर चुदूंगी तो आपको भी तो चुदवाऊंगी हम दोनो बहने मिलकर निशांत भैया की सारी मलाई को निचोड़ के खा जायेंगे।
दिव्या: हां सच में निशांत के लंड पे इतना कूदेंगे इतना कूदेंगे के अगले कई दिन तक उसका लंड चोदने के नाम से डर जायेगा।
अब दोनो लड़किया हसने लगती हैं तभी निशा के फोन पे एक मैसेज आता हैं। निशा फोन को देखती हैं तो प्राची का मैसेज होता हैं।
प्राची: beta sorry maine aapse itni badi baat chhupai par mujhe ye khushi hain ke meri beti ne apni asli family ko apna liya hai. Aap apni behan ke saath rehna aur saare maje karna
निशा: mummy aap bhi na itni emotional kyu hogayi I love you aap meri jaan ho aur rahi baat ye sabki to chalo jab pata chalana tha pata chal hi gaya. Aur mummy ab mai soch rahi hun bas bhaiya ko bhi hum log apne saath le le phir hum teeno yaha apni family ke saath rahe.
प्राची: tu sahi keh rahi hai meri jaan tum aur tumhari kuch dino baad aana phir nishant ko bhi nanga kar dena phir hum log wahi rahenge apne parivar ke saath.
निशा: thik hai mummy par ek baat hain aap bol rahi ho na bhaiya ko nanga karne ka par jab tak wo nange nahi ho rahe tab mujhmei aag lagi hui hain mujhe unko dekhna hain.
प्राची: usko dekhna hain ya uska dekhna hain. Aacha chalo ye chhoro aur mai tumhe koshish karti hun ke nangi tasveer uski tumhe bhej dun thik hain.
निशा: mummy you are great I love you



mai bhaiya se chudwane se pehle aapko aur nupur mummy ko jarur chudwaungi bhaiya se.
प्राची: I love you too jaan aur tu bhi chudna hum log bhi chudenge thik chal maje kar apni di ke saath byee.
निशा: byee mummy
अब निशा फोन रख देती हैं और दिव्या की ओर देखती हैं जो के घड़ी की ओर देख रही होती हैं तो निशा उस से पूछ लेती है: दी क्या हुआ क्या देख रही हो इतनी गौर से।
दिव्या: यार क्या बोलूं पापा का इंतजार अब नही हो रहा हैं इतनी देर लग गई उनको पता नही क्यों।
निशा: दी इतना मत सोचो पापा को काम आ गया होगा कोई इसलिए लेट हो रहे होंगे अभी आ जायेंगे।
दिव्या: अगर लेट हो रहे हैं तो बता भी तो सकते हैं ना।
निशा: दी घुसा मत हो आप कॉल कर लो उनको।
दिव्या: नही अब मैं ना कॉल करूंगी ना ही उनके साथ सेक्स करूंगी उनको भी तो परवाह होनी चाहिए मेरी मैं उनकी रंडी बन रही हूं तो मतलब ऐसे ट्रीट करेंगे मुझे। साला मैं कोई सड़क पे पड़ी चुदने वाली डोल हूं जिसको जब चाहो इस्तेमाल करो फिर फेक दो पड़े रहने दो।
निशा: दी आप अब बेफरजी का घुसा कर रही हो लाओ अपना फोन दो मैं पापा से बात करती हूं। कही टाइम लग गया होगा आप इतना बोल रही हो।
अब दिव्या निशा को फोन देती ही हैं के घर के दरवाजे पे घंटी बजती हैं जिसको सुन दिव्या के चेहरे पे एक प्यारी सी मुस्कान आ जाती हैं और इसपे निशा बोलती हैं: लो आ गए पापा आप बेफर्जी में ही बोल रही थी इतना अनाप शनाप पापा को।
दिव्या: चलो मैं जाती हूं दरवाजा खोलने।
निशा: नही दी मैं जाऊंगी आज पापा को अपनी छोटी बेटी का भी तो जिस्म देखने दो। आप यही रहो।
दिव्या: ठीक हैं पर पापा को ऊपर ही लाना नीचे ही अपनी कुंवारी चूत का उद्घाटन मत करवा लेना।
निशा हस्ते हुए: नही दी पहली मेरी बड़ी बहन की चूत खुलेगी फिर मेरी इतनी तो ईमानदार हूं मैं।
दिव्या निशा को चूमते हुए: मुझे पता हैं मेरी जान तू सबसे प्यारी हैं चल जा पापा वरना दरवाजा तोड़ देंगे।
अब निशा हस्ते हुए नीचे चली जाती हैं दरवाजे पे जाके वो दो मिन रुक कर हिम्मत बटोरती हैं और फिर दरवाजा खोलती हैं। दरवाजे पे सामने शिवम् खड़ा होता हैं जो निशा को ऊपर से नीचे तक निहार रहा होता हैं और तभी निशा बोलती हैं: पापा निहार लिया हो अपनी बेटी को तो अंदर आओ और कपड़े उतार के दी के पास चलो। वो और मैं आपका कबसे इंतजार कर रहे हैं।
शिवम्: पापा! मतलब दिव्या ने सब सीखा दिया तुम्हे।
निशा: हां मेरे पापा सब बात दिया और शिखा दिया दी ने मुझे और खुद ही सोचो अगर सब ना जानती होती तो अपने पापा के सामने ऐसे आती।
शिवम्: हाए तेरे मुंह से पापा कितना प्यार लग रहा मेरी जान।
निशा: पापा जब आप मुझे चोदोगे न तो जब मैं पापा पापा चिलाऊंगी तो वो और भी प्यारा लगेगा आपको।
शिवम्: तेरी कामिनी बहन ने तुझे बहुत अच्छी ट्रेनिंग दी हैं।
निशा हस्ते हुए: अब पापा आप भी ना कपड़े उतारो जल्दी ऊपर मजे करने।
अब शिवम् निशा के सामने पूरा नंगा हो जाता हैं और निशा शिवम् के लंड को देखके उसमें खो जाती हैं और मन में सोचती हैं: हाए पापा का कितना बड़ा हैं इतना तो पोर्न में भी नही दिखता हैं जल्दी। हाए पापा जब इस लंड से मुझे चोदेंगे तो मेरी सारे जन्मों की प्यास मिट जायेगी। अब समझ आया मेरी दोनो मां और बहने पापा की इतनी दीवानी क्यू हैं।
अब शिवम् निशा को देखता हैं जो एक टक शिवम् के लंड को देख रही होती हैं। शिवम् निशा को टोकते हुए बोलता हैं: जान कहा खो गई।
निशा शिवम् की आवाज सुनके हड़बड़ाते हुए होश में आती हैं और बोलती हैं: का..कही नही पापा।
शिवम्: अरे शरमाओ नही मैं जानता हूं तुम क्या सोच रही थी।
निशा शर्माते हुए: क्या सोच रही थी पापा।
शिवम्: तुम यही सोच रही थी ना के पापा का कितना बड़ा ये तो मेरी जन्मों की प्यास भुजा देगा और अब समझ में आया मम्मी और दीदी इस लंड की क्यू दीवानी हैं। हैना यही सोच रही थी ना तुम।
निशा शिवम् को घूर के देखती हैं क्युकी उसने सच में उसके मन की बात बता दी और फिर हार मानते हुए बोलती हैं: हां पापा यही सोच रही थी पर आपको कैसे पता चला।
शिवम्: जान तजुर्बा हैं तुम्हारे पापा को।
निशा: हां पापा दिख रहा हैं अब बस उसे तजुर्बे से अपनी इस बेटी की कुंवारी चूत को भी जवान बना देना।
शिवम्: बिलकुल मेरी जान चले अब ऊपर तेरी बहन के पास।
निशा: हां पापा चलो।
अब निशा ऊपर जाने के लिए मुड़ती ही हैं तो शिवम् उसका हाथ पकड़ के उसको अपनी तरफ खींच लेता हैं और उसको पेट से पकड़ लेता हैं जिस से उसका निशा की गांड की दरार में जा रहा होता हैं जिसपे तुरंत निशा बोलती हैं: आह्ह्ह् पापा क्या कर रहे हो ऊपर चलो ना।
शिवम्: इसीलिए तो मैने अपनी जान को अपने पास खींचा हैं। आज मेरी इस बेटी को मैं गोद में उठा के लेके जाऊंगा ऊपर तक।
निशा: क्या पापा सच में।
अब शिवम् निशा को अपनी गोद में उठा लेता हैं और बोलता हैं: हां जान सच में। वैसे तुमको एक चीज पता हैं तुम बहुत भरी हो।
निशा शिवम् की बात पे शर्माती हैं और बोलती हैं: पापा नीचे उतर दो।
शिवम्: नही मेरी जान तुमको पता हैं तुम बचपन से ही मेरी प्यारी बिटिया रही हो और तुमको पहले भी मैं ऐसे ही लेके घूमता था पर तब न पता था तुम मेरी ही बेटी हो तो अब मैं अपनी बेटी को अपना पूरा प्यार दूंगा।
निशा आंखें नीचे झुका लेती हैं और धीरे से बोलती हैं: पापा मुझे हमेशा ही आप से प्यार था इतना था के आपसे एक वक्त शादी भी करना चाहती थी मैं। क्युकी आपने मुझे इतना दुलार दिया जितना उस आदमी ने ना दिया जिसको हम पापा बोलते थे। और आज ये जबसे पता चला हैं आप ही मेरे असली पापा हो मैं बहुत खुश हूं। वैसे पापा आप से सच में मैं शादी करना चाहती हूं करोगे क्या अपनी इस बेटी से शादी।
शिवम्: मेरी बेटी के लिए मैं सब कुछ करूंगा।
निशा: पापा आई लव यू।
अब शिवम् और निशा कमरे में पहुंचते हैं। दिव्या दोनो को देखती हैं और एक कामिनी मुस्कान मुस्कुराती है।