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Incest बेटी को लंड की प्यासी रंडी बनाया

कौनसा किरदार आपको सबसे अच्छा लगा?


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Shivgoyal

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अब दिव्या और नुपुर हस देती हैं और दोनो फिर नस्ते में लग जाती हैं। अब सब लोग नाश्ता बनते ही सब लोग नास्ते टेबल पे बैठ जाते हैं खाने के लिए।
अब कहानी में आते हैं वापस दिव्या के घर पे जहा पे हमने उनकी कहानी छोरी थी।
अब आगे....
Update - 62 a
खाना खाने के बाद शिवम् उठ के रूम में चला जाता हैं तयार होने और उसके पीछे पीछे दिव्या भी रूम में आ जाती हैं वही नुपुर पलक को अपने साथ काम में लगा लेती हैं। अब दिव्या आके शिवम् को kiss कर ही रही होती हैं के शिवम् का फोन बज जाता हैं। शिवम् दिव्या को छोड़ कर बोलता हैं: पता नही कौन मादरचोद लोग हैं जो मुझे मेरी जान के साथ प्यार नही करने देते हैं।
दिव्या: पापा ये सब छोड़ो और फोन उठाओ कुछ जरूरी हो सकता हैं और वैसे भी दुनिया कोई भी मादरचोद इंसान हम दोनो को रोक थोड़ी सकता हैं।
दिव्या शिवम् को एक सैतानी स्माइल के साथ आंख मार देती हैं। जिसपे शिवम् भी हस कर फोन उठा देखता हैं। वो फोन शंकर का होता है। अब दोनो के बीच वही काव्या की चुदाई की बात होती हैं और दिव्या नुपुर के पास भाग जाती हैं कुछ प्लान करने के लिए।
अब दिव्या नुपुर के पास पहुंचती हैं तो देखती हैं पलक वहा खड़ी नुपुर के साथ काम करवा रही हैं तो वो पलक को वहा से भगाने की ट्रिक सोचती हैं और इसलिए वो शिवम् को मैसेज करती हैं: Papa jaan meri mai apki badi beti ko apke paas bhej rahi hun thodi der usko sambhalo 😂😂
शिवम्: kyu usko kyu bhej rahi hain
दिव्या: aree meri jaan wo kuttiya nupur ke saath ab bolo aise mei kaise baat karun nupur se ab jab tak mai na kahun iss kuttiya ko neeche mat bhejna
शिवम्: thik hai meri jaan
अब दिव्या फोन पे मैसेज बंद कर के किचन की ओर जाती हैं और घुसते हुए ही बोलती हैं: दी आपको पापा ऊपर बुला रहे हैं।
पलक: क्यू?
दिव्या: क्यू क्या आपके साथ बातें करनी होंगी उनको प्यार भरी मुझे तो भागा दिया डाट के।
नुपुर: हां सच में। ये तो गलत हैं अब तुम मेरे पास हो रहो उनकी पसंदीदा को हो जाने दो उनके पास। जाओ पलक तुम ऊपर उस कुत्ते के पास।
दिव्या: हां दी जाओ आप उस रंडी के बच्चे के पास।
पलक: पर...
नुपुर: जाओ जान बुला रहे हैं तुम ऊपर जाओ मैं और दिव्या कर रहे हैं ये काम।
पलक अब हां में गर्दन हिला के ऊपर चली जाती हैं वही पलक के निकलते ही नुपुर पूछती हैं: अब बोल क्या हुआ, क्या बात करनी है तुझे मुझसे।
दिव्या: मम्मी आप बहुत प्यारी हो तुरंत समझ जाती हो मैं आपके पास क्यू आई हूं।
नुपुर: तू मेरी जान हैं मैं ना समझूंगी तेरे मन की बात। अब बोल तुम आज क्यू चाहती हो मुझे और पलक को घर से भगाना।
अब दिव्या आखें फाड़ के नुपुर को देखती हैं और बोलती हैं: मम्मी आपको कैसे पता मैं इसलिए आई हूं।
नुपुर: तेरी आंखों में लिखा ये सब अब वजह बता। वैसे मुझे तो पता हैं वजह पर तू बोल।
दिव्या: अच्छा इतनी होशियारी मार रही हो तो बताओ वजह।
नुपुर: मुझे क्या मिलेगा अगर वजह सही हुई तो।
दिव्या: मम्मी सब तो आपका ही हैं जो चाहो वो मांग लेना।
नुपुर: ठीक हैं फिर। तो वजह काव्या आज वो चुदने जा रही हैं ना।
दिव्या अब पूरी तरह से हैरान हो जाती हैं और बोलती हैं: मम्मी आप तो अंतर्यामी हो आप सच में ही कोई देवी हो क्या आपको सब कैसे पता होता हैं।
नुपुर हस्ते हुए: बस मेरी जान मेरे sources तेरे से तेज हैं तो तुझे पहले सारी इन्फॉर्मेशन मुझे मिल ही जाती हैं।
दिव्या: अच्छा मम्मी तो अब आपको वजह पता है आपको ये भी पता हैं मुझे क्या चाहिए तो अपनी भक्त पे कृपा करो देवी जी।
नुपुर: ठीक हैं। मेरे पास एक प्लान है मैं पलक को शॉपिंग पे लेके जाती हूं और जब तक निशा नही आती तुम पापा के साथ मजे करो निशा आए तो उसको उसके पापा से मिलके अपने पापा को मेरे पास भेज देना हम डॉक्टर के पास चले जायेंगे।
दिव्या एक दम से खुश हो जाती हैं और नुपुर से गले लग के बोलती हैं: मम्मी आप दुनिया की बेस्ट mother हो। आप बोलो क्या चाहिए आपको।
नुपुर: मेरे पास सब तो इतनी खूबसूरत और हॉट बेटी हैं और इतने प्यारा पति हैं बड़े लंड वाला जो अपनी बेटी को मेरे लिए चोद रहा हैं इस से ज्यादा क्या ही मांगू मैं किसी से मेरी बेटी और मेरा पति एक दूसरे के भी प्यार कर रहे हैं और मुझसे भी। मुझ जैसी रंडी के लिए तो ये बहुत ही ज्यादा हैं।
दिव्या: हाए मम्मी सच में आप बहुत ही ज्यादा अच्छी हो और मैं भी आपकी तरह ही एक रंडी रहना चाहती हूं जो पापा की रखैल की तरह इस घर में रहे और बस सिर्फ एक लंड की प्यास रखे और कुछ नही।
नुपुर दिव्या को चूमती हैं और बोलती हैं: मैं जैसी चाहती थी ना तू वैसी ही बन रही हैं मैं बहुत खुश हूं।
दिव्या: हां मम्मी मैं बस आपकी हूं तो जो बनाना हैं बनाओ मुझे आप। अच्छा चलो प्लान पे काम करते हैं।
नुपुर: ठीक हैं रुक।
अब नुपुर पलक को आवाज देती हैं जिसपे तुरंत दौड़ी दौड़ी पलक नीचे आ जाती हैं और नुपुर बोलती हैं: पलक तयार हो जाओ जाके।
पलक: ठीक हैं मम्मी पर कौन कौन चल रहा हैं।
नुपुर: मैने बोला तो था बस मै और तुम।
पलक: दिव्या और पापा?
नुपुर: देखो दिव्या को न घर संभालना हैं और पापा कभी भी ऑफिस चले जाएंगे और शॉपिंग तो बस तुम्हारी ही करनी हैं ना मुझे तो बस तुम और मैं।
पलक: अच्छा ठीक हैं मम्मी।
अब पलक ऊपर चेंज करने जाती हैं तो दिव्या पूछती हैं: मम्मी ये सब क्या था।
नुपुर: मुझे पहले से ही पता था तुम आओगी तो मैने प्लान पहले ही एक्जिक्यूट कर लिया था।
दिव्या: मम्मी आप सच में अंतर्यामी ही हो। हाए मैं मारी जाऊं आप पे।
नुपुर: चल चल नौटंकी अब जा तयार कर अपने सेक्स की। जा।
दिव्या: ठीक हैं पापा को बता के आती हूं।
नुपुर: ठीक हैं जाओ।
दिव्या तुरंत शिवम् के पास जाती हैं और उससे गले लग जाती हैं और kiss करने लगती हैं। Kiss करने के बाद दिव्या बोलती हैं: पापा मम्मी ने प्लान बना के एक्जिक्यूट भी कर दिया हैं। हाए मैने मम्मी जैसी कोई मां नही देखी हैं। मैं अब मम्मी की ही बातें मानूंगी उन्होंने मेरे लिए इतना कुछ किया हैं के क्या कहूं।
शिवम्: अच्छा जान तो मेरी ना सुनोगी।
दिव्या: नही ऐसा नहीं बस ये हैं के मम्मी बहुत अच्छी है उनके मन की होनी चाहिए बस और कोई ऐसी हरकत नही करनी जो उनके मन की न हो।
शिवम्: ठीक हैं जान दोनो इस बात का ध्यान रखेंगे बस। अब नीचे जाओ और दोनो को विदा कर के आओ फिर मजे करेंगे दोनो बाप बेटी।
दिव्या: ठीक हैं पापा।
अब दिव्या नीचे नुपुर के पास जाती हैं और उसके साथ kiss करने लगती है और उसकी चूत सहलाने लगती हैं। नुपुर भी सेक्स में को जाती हैं अब दोनो इस में कोई ही होते हैं तभी पलक नीचे आती हैं दोनो को रोक देती हैं। दिव्या नुपुर से बोलती हैं रुकने के बाद: मम्मी आपको मैं चेंज करवा दूं।
नुपुर: हां जान तेरे ही हाथो से पहनना है मुझे।
अब दिव्या भाग के नुपुर के कपड़े लाती हैं उसके पूरी शरीर के मजे लेते हुए उसको कपड़े पहना देती हैं फिर नुपुर दिव्या के होंठो को चूमती हैं और दिव्या को घर का खयाल रखने को बोल के बाहर निकल जाती हैं।
 
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meri marlo

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Bas yaha pe baap beti pe reham karne wala hain. Chaliye aapko kahani aachi to lag rahi hain thank you
Sach to yahi hai ki maa behan beti jab inko koi beta bhai ya baap pelta hai to wo janwaron ke jaise bahut berahmi se pelta hai
Jisse ki hum jaisi raand maa behan ya beti ko bahut dard bhi hota hai lekin maza bhi had se jayda ata
 
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अब दिव्या भाग के नुपुर के कपड़े लाती हैं उसके पूरी शरीर के मजे लेते हुए उसको कपड़े पहना देती हैं फिर नुपुर दिव्या के होंठो को चूमती हैं और दिव्या को घर का खयाल रखने को बोल के बाहर निकल जाती हैं।
अब आगे...
Update - 62 b
नुपुर के जाते ही दिव्या शिवम् को आवाज देती हैं जिसपे शिवम् रूम से बाहर आ जाता हैं और दिव्या से पूछता है: क्या हुआ आवाज क्यू दे रही हो?
दिव्या: पापा नीचे आओ।
शिवम्: क्यू?
दिव्या: पापा आज किचन और यह टेबल पर चुदाई करेंगे हम दोनो।
शिवम्: अच्छा तो यहां चुदना है मेरी जान को।
ये बोल कर शिवम् नीचे उतर आता हैं और किचन में खड़ी दिव्या के पास जाता हैं। दिव्या शिवम् के चेहरे को पकड़ के उसके होंठो को चूसने लगती हैं जैसे शिवम् का सारा रस निचोड़ने को उतावली हो अब उसमे शिवम् भी पूरा साथ देता हैं दिव्या का। शिवम् थोड़ी देर में दिव्या के होंठ छोड़ उसके कंधो को चाटने और चूमने लगता हैं। दिव्या भी मस्त आहे भरने लगती हैं तो शिवम् भी एक जंगली जानवर की तरह उसको काटने लगता हैं।
ये दर्द पे दिव्या भी और तेज आहे लेने लगती हैं। शिवम् अब खड़े और गले को चूमने और काटते दिव्या की चुचियों की ओर बढ़ता है और उनको भी बेरहमी से काटने लगता दिव्या भी एक बाजारू रंडी शिवम् के चेहरे को दबा दबा के उकसा रही होती और बेरहम होने के लिए।
अब दिव्या को उठा के किचन की स्लैप पे बैठाल देता हैं और फिर उसकी नाभी में जीभ डाल देता हैं और चलाने लगता हैं। जिससे दिव्या भी बिलकुल काबू के बाहर हो जाती हैं और बोलती हैं: आआह्ह्ह्ह्ह आआआआ आआआआह्ह्ह् पाआआ पापाआ ऐसे ही करो अच्छा लग रहा हैं खा जाओ मुझे आआआआआआआ आआआह्ह्ह्ह।
दिव्या की बात सुन के शिवम् दिव्या की पैंटी फाड़ देता हैं और उसकी खून से सनी चूत को उंगली से मसलने लगता हैं जिससे दिव्या की चूत और पानी छोड़ने लगती हैं जिससे से खून बहुत गिरने लगता हैं जमीन पे और शिवम् दिव्या की चुचियों को एक के बाद एक खा रहा होता हैं। दिव्या अपने पापा के जानवर को देख और पागल हो जाती हैं और शिवम् के मुंह को दाबने लगती हैं। शिवम् मुंह पीछे हटाता हैं और दिव्या को स्लैप पे ही घूमा देता हैं और घुटनो पे खड़ा कर देता हैं और दिव्या दीवार की ओर मुंह कर सहारा ले लेती हैं। और उसकी गांड शिवम् की तरफ होती हैं। शिवम् एक भूखे जानवर की तरह उसकी गांड पे टूट पड़ता है और जीभ उसकी गांड की छेद में घुसा देता हैं और उसके मोटे मोटे पिछवाड़े को दोनो हाथो से दबाने लगता हैं। थोड़ी देर ये कर शिवम् दिव्या की गांड पे तमाचे करने लगता हैं जोर जोर से। इतना तेज के पूरे के पूरे घर में आवाज गूंजने लगती हैं और दिव्या भी बहुत तेज आहे भरने लगती हैं। तमाचो के बाद शिवम् दिव्या को जोर से नीचे खींचता हैं और उसके नीचे आते ही उसके पैर फैला कर मुंह को स्लैप पे दबा देता हैं और अपना लंड एक झटके में अन्दर डाल देता हैं।
दिव्या चिल्लाती हैं तो शिवम् और जोर से दबा के और जोर का झटका मरने लगता हैं। अब शिवम् उसके बाल पकड़ कर अपनी तरफ खींचता हैं और बोलता है: साली तू हर वक्त तड़पती है आज ऐसा तूझे चोदूंगा रंडी के तू चलना भी भूल जायेगी।
दिव्या: आआह्ह्ह पापा बहुत अच्छा लग रहा हैं और मारो अपनी रंडी को।
शिवम्: आह साली बहुत बड़ी रांड हैं तू तुझे अभी बताता हूं।
अब शिवम् दिव्या के अंदर से लंड निकलता हैं और उसको घुमा के चूमता हैं और फिर उसको दीवार से चिपका के उसकी गांड को जोर से मरने लगता हैं। अब दिव्या को थोड़ी देर तक ऐसे ही चोदने के बाद शिवम् उसको पलटता हैं और उसका मुंह पकड़ अपने लंड के पास ले जाता हैं और उसका मुंह चोदने लगता हैं।
दिव्या भी शिवम् के हाथो के काबू में ही हो जाती हैं और फिर मुंह चुदवा के शिवम् दिव्या को वापस उठता है टेबल की तरफ ले जाता हैं और उसको टेबल पे झुका के वापस चोदने लगता हैं।
दिव्या भी इस चुदाई के पूरे मजे ले ही रही होती हैं और थोड़ी देर में दरवाजे की बेल बजती हैं।
 
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दिव्या भी इस चुदाई के पूरे मजे ले ही रही होती हैं और थोड़ी देर में दरवाजे की बेल बजती हैं।
अब आगे....
Update - 63
बेल बजती हुए शिवम् दिव्या का सिर छोर देता हैं और पीछे हो जाता हैं दिव्या भी सीधी खड़ी हो जाती हैं और शिवम् की ओर देखती हैं और बोलती हैं: लगता हैं तुम्हारी रंडी बेटी आ गई साली चुदाई का सुख भी नही लेने देती हैं।
शिवम्: अच्छा निशा।
दिव्या: हम्मम वो ही होगी अब क्या करना हैं।
शिवम् आस पास में देखता हैं तो सब बिखरा हुआ होता हैं और पूरा किचन और डाइनिंग हॉल सब जगह पे खून होता हैं।
शिवम्: यहां तो बहुत गंदा इतनी जल्दी कैसे समेटे।
दिव्या: हम्मम पापा आज नही तो कल इसको पता चलना ही हैं तो आज ही इसको दिखा देती हूं सब। अब आप ऊपर जाओ कपड़े पहन लो।
शिवम्: पर वो क्या सोचेगी।
दिव्या: उसकी आप मुझपे छोड़िए।
अब दिव्या भी बाहर की तरफ पड़ा हुआ एक कपड़ा उठाती हैं और अपने डाल कर दरवाजा खोलने चल पड़ती हैं। दरवाजा खोलती है तो सामने निशा होती हैं जो दिव्या को देख हैरान रह जाती हैं। दिव्या के बाल बिलकुल बिखरे हुए होते हैं और होंठो पे कटे का निशान शरीर पे बस एक कपड़ा जिस से बस शरीर का कुछ ही हिस्सा छुप रहा होता हैं। नीचे उसके घुटने छिले हुए होते हैं। ऐसा हाल देख कर निशा डर जाती हैं और उसको लगता हैं पता नही दी के साथ किसी ने क्या कर और अंदर कोई है तो नही जिसने दी का ये हाल किया हो। अब इसी को सोच सोच निशा डरने लगती हैं और उसका गला सूखने लगता हैं के अंदर क्या हुआ होगा कौन कौन होगा अंदर मुझे क्या करना चाहिए। अब दिव्या निशा का डर भाप लेती हैं और हस्ते हुए बोलती हैं: क्या सोच रही हैं?
निशा घबराते हुए: कू...कुछ भी तो नहीं दी। मैं जाती हूं।
दिव्या हस्ते हुए: पागल लड़की इतना क्यू घबरा रही हैं। तू जितना डर रही हैं उससे तेरा भरोसा नही हैं के बाहर जाके पुलिस ना बुला ले तू।
निशा: दी आप हस रही हो और मुझे बोल रही हो के घबरा रही हूं आप अपना हाल देखो क्या बना हुआ हैं। कोई भी आपको देख के डर जायेगा आपके साथ ये क्या हुआ हैं किसने किया दी ये सब आपके साथ।
दिव्या हस्ते हुए: अब तुझे क्या बताऊं अपना गम मेरी बहन किसी कुत्ते ने इस लड़की को एक बाजारू रंडी बना के चोदा हैं। तू नही समझेगी क्या हुआ हैं मेरे साथ और किसने किया हैं।
निशा: छी दी कितनी गंदी language का आप इस्तेमाल कर रही हो।
दिव्या: लो भला इसमें क्या गंदा हैं अब रंडी को रंडी न बोलूं तो देवी बोलूं हैं! ये बोलूं की किसी ने मुझे देवी बना के चोदा हैं। बोल बुद्धू लड़की।
निशा: नही दी पर ये क्या रंडी और चोदा बोल रही हो आपको आराम नही आ रही हैं क्या।
दिव्या: अब जो हुआ उनको इसी शब्दों से ही बता सकती तू कोई न शब्द बता दे मुझे वो बोल देती हूं।
निशा: दी आप को क्या हुआ आप कभी इस तरह से बात नहीं करती थी आप तो बहुत अच्छी थी।
दिव्या: हाए मेरी जान चल मैं सब बताती हूं पहले अब तू अंदर आ और सुन अंदर का हाल और बुरा हैं तो डरना नहीं ठीक हैं बाकी सब बताती हूं।
अब निशा दिव्या के पीछे पीछे अंदर आ जाती हैं और देखती हैं खून गिरा होता हैं तो और डर जाती हैं तो दिव्या उसका डर देख बोलती हैं: डरो मत ये मेरा खून हैं मेरे पीरियड चल रहे हैं।
निशा: ठीक दी।
अब इतने में शिवम् नीचे आ जाता हैं जिसको देख निशा का पूरा फ्यूज ही उड़ जाता हैं क्युकी घर में शिवम् भी हैं और दिव्या और घर का ये हाल हैं। अब वो समझ ही नही पा रही होती हैं के घर में क्या हुआ हैं। दिव्या निशा के सारे आव भाव देख रही होती हैं। अब दिव्या भी निशा को और परेशान करने के लिए शिवम् के पास जाती हैं निशा के सामने शिवम् के होंठो पे kiss कर के बोलती है: पापा देखो निशा आई हैं।
शिवम्: अच्छा और बेटा कैसी हो।
निशा को कुछ समझ नही आ रहा होता हैं के यहां क्या चल रहा हैं और वो डरते डरते बोलती हैं: मौसाजी नमस्ते। मैं ठीक हूं।
शिवम्: चलो फिर ठीक हैं मैं चलता हूं दिव्या तुम निशा का खयाल रखो ठीक।
दिव्या: ठीक हैं जल्दी आना और मम्मी को लेके आना और बताना डॉक्टर ने क्या बोला मैं इंतजार कर रही हूं।
शिवम्: ठीक हैं।
अब इतना बोल शिवम् निशा को एक स्माइल देता हैं जिसको देख निशा और हिचक जाती हैं और शिवम् घर से बाहर निकल जाता हैं। शिवम् के जाते ही दिव्या दरवाजा बंद कर के आती हैं तो निशा तुरंत पूछ पड़ती हैं: दी ये सब क्या चल रहा हैं मुझे सब सच सच बताओ।
दिव्या मुस्कुराते हुए बोलती हैं: बताती हूं जान बताती हूं दो मिनट तू बैठ तो मैं पैंटी और पैड पहन लूं।
दिव्या अपनी पैंटी और पैड पहन लेती हैं और ऊपर से एक लंबी टी शर्ट डाल के आ जाती हैं। अब दिव्या निशा के सामने बैठती हैं तो निशा उसको गुस्से में देख रही होती हैं जिसपे दिव्या और मुस्कुरा देती हैं और बोलती हैं: जान क्या लेगी बोल।
निशा गुस्से में: दी जवाब वो भी सच सच।
दिव्या मुस्कुराते हुए: तो मैंने कब कहां मैं झूठ बोलूंगी भाईसाहब। मैं तो सच ही कहूंगी तुझसे तू जहा बोलेगी हाथ रख के कसम भी खा लूंगी। और सुन झूठ बोलना होता तो तू दरवाजा पिटती रहती मैं तब भी न खोलती सब सही करके ही खोलती दरवाजा। पर मैने सोचा तू मेरी बहन तुझे क्या छुपाना इसलिए तो खोल दिया।
निशा: दी आप क्या कर रही हो?
दिव्या: बताती हूं सब कुछ पर तू पहले कुछ काम कर ये घर गंदा हो गया हैं और मम्मी ने देखा के मैने इतना गन्दा कर दिया तो मार डालेंगे मुझे तो तू मेरे साथ सफाई करवा। समझी।
निशा: दी छी आप ये सब साफ करवाओगी।
दिव्या: अच्छा ये सब गंदा हैं तेरे लिए तू ऐसे बोल रही हैं तुझे नही आते हैं पीरियड्स। चलो चुप चाप काम पे लगो और मैं किचन साफ करके तुम्हारे लिए चाय बना देती हूं फिर सब बता दूंगी।
निशा: ठीक हैं दी।
अब निशा डाइनिंग हॉल साफ करने लगती हैं वही दिव्या किचन साफ कर रही होती है अब दिव्या स्लैप साफ करते हुए उसको देख देख मुस्कुराने लगती हैं जिसको निशा देख लेती हैं तो पूछती हैं: दी क्या हुआ ऐसे क्यू मुस्कुरा रही हो।
दिव्या: कुछ नहीं जान बस आज इस जगह पे इतना प्यार मिला न के तू सोच नही सकती। वही याद आ गया था इसलिए मुस्कुरा रही थी।
निशा: दी ऐसा क्या हुआ था यहां?
दिव्या: हुआ था सब बताती हूं पहले तू बात मौसी कैसी हैं।
निशा: ठीक हैं मम्मी अभी एक दिन यहां आई तो थी मम्मी उस दिन मम्मी बहुत खुश घर आई थी।
दिव्या: हम्मम अपनी बहन से मिली थी ना।
निशा: वो तो रोज मिलती थी उस दिन ऐसा क्या हुआ?
दिव्या: रोज दोनो बहने एक अच्छी औरतों की तरह मिलती थी उस दिन वो दोनो बड़े दिनों बाद बिगड़ी हुई लड़कियों की तरह मिली थी।
निशा: मतलब दी। जब से मैं आई हूं पता नही यहां क्या हो रहा हैं आप पता नही क्या बोल रही हो आज कुछ नही समझ आ रहा हैं।
दिव्या: सब समझ आएगा बस थोड़ा इंतजार करो जान।
अब दिव्या किचन साफ कर देती हैं और चाय चढ़ा देती हैं उतनी देर में निशा भी सफाई कर के दिव्या के पास खड़ी हो जाती हैं आके। निशा दिव्या से बोलती हैं: दी अब बता दो क्या कर रही आप?
दिव्या: हम्मम अब तू शांत हुई हैं अब बताती हूं सब बात पर तू सब ऐसे ही सुनेगी गुस्सा नही करेगी वरना कुछ समझ नही आयेगा तुझे ठीक।
निशा: ठीक हैं दी।
अब दिव्या बोलती हैं: हम्मम तो सुन सच बोलूं तो कल तक मैं तुझे ये सब नही बताने वाली थी पर आज कुछ हालत ऐसे बन गए के तुझे सब दिखाना ही पड़ गया। पर अब बिना कुछ छुपाए तुझे सब बता दूंगी।
निशा: हां दी अब बोल दो क्या हो रहा था यहां पे जो मैं सोच रही हूं वो तो नही है ना।
दिव्या: वही हैं मेरी जान। अच्छा शुरू से बताती हूं। हुआ यू के कुछ दिन पहले मेरी मां की नजरे मेरे लिए गंदी हुई।
निशा: गंदी हुई मतलब।
अब दिव्या निशा को नुपुर की सारी बात बता देती हैं के नुपुर ने उसको कैसे बिगड़ा और दोनो दो तीन दिन क्या क्या किया और पलक कैसे मिली। इसको सुनके निशा की आंखे फटी की फटी रह जाती हैं। निशा बोलती हैं: दी मौसी ने सब किया और आप ने भी ये सब कितना गलत ये सब पाप हैं आप मौसाजी के सामने कैसे।
दिव्या: पाप वाप कुछ नही हैं समझी ज्यादा न बोल ये प्यार हैं हम लोगो का और मैं तो गलत नही मानती किसी चीज को क्युकी इसमें ही सुख हैं।
निशा: पर दी ये सब करना शोभा देता हैं क्या।
दिव्या: तो क्या करना शोभा देता किसी लड़के को पटा के उसके नीचे सोना बोल। फिर वो लौंडा जो चाहे वो करे फिर तुम्हारी जिंदगी बरबाद करे तुम्हे ब्लैकमेल करे। मतलब गैर मर्द कुछ करे सब शोभा देता हैं पर जो मेरे अपने हैं मेरे पापा जो एक मिनट के लिए भी मेरा बुरा नही सोच सकते मैं उनसे प्यार मांगूंगी तो ये शोभा देता है ये सवाल आएगा। और निशा सच बोलूं ये कुछ दुनिया के लिए तो कर नही रही हूं ये मेरी दुनिया के लिए सब तो उनके साथ करने में कोई शर्म नही मुझे और जो दुनिया को बोलना हैं बोले मुझे। मैं तो खुद अपने आप को रंडी, बाजारू औरत, पापा की रखैल बोलती हूं तो दुनिया क्या ही बोलेगी। और मैं हूं भी वही तो मुझे शर्म नही शर्म तुम जैसियों को आती हैं जिनको कोई राह चलता मर्द आके चोद जाता हैं तो खुश हो जाती हो पर वही फिर तुम जैसीयो का इस्तेमाल करता हैं। मुझ जैसियो को पता होता हैं हमारा काम क्या हैं और हमें लंड से ही प्यार हैं भले किसी का भी हो और दूसरी चीज अपने पिता का लंड सबको नही मिलता और उनके उस प्यार के लिए तो मैं दुनिया की सबसे बड़ी रांड बनने को भी तयार हूं। उसके लिए किसी के भी नीचे जा सकती हूं मैं।
निशा ये सब सुन रही होती हैं चुप चाप। दिव्या आगे और बोलती हैं: निशा तुझे पता हैं पापा मेरी गांड मरते हैं और जब तू आई थी तो भी हम दोनो यही कर रहे थे। आज पापा ने कितनी चोटें तू देख रही दी हैं पर पता मुझे जरा भी दर्द नही हो रहा हैं इसका। ये होता हैं प्यार। उन्होंने मुझे प्यार में दी है ये चोटें और हर चोट और उसका दर्द बस खुशी देता है दर्द नही क्युकी गैर मर्द का पता होता है वो दर्द देने के लिए ये कर रहा था या फिर अपने मजे के लिए पर जो अपने होते हैं उनके साथ यही दर्द दुनिया सबसे बड़ा सुख होता हैं क्युकी उन्होंने आप की खुशी के लिए दर्द दिया होता हैं समझी।
निशा: दी सच में ये सब गलत नही होता।
दिव्या: नही बिलकुल नहीं। प्यार प्यार होता हैं और रिश्तों में बंधोगी तो मर जाओगी पर प्यार नही पा पाओगी।
दिव्या की बात से अब निशा धीरे धीरे संतुष्ट हो रही होती हैं। फिर वो बोलती हैं: दी अगर आपकी बात पे गौर करू तो आप तो वैसे भी लकी हो मौसाजी बहुत अच्छे हैं और प्यारे हैं पर मेरे पापा तो बहुत बुरे हैं वो मम्मी को भी खुश नही रखते हैं मुझे कहा रख पाएंगे।
दिव्या: हम्मम तो वो बस एक लौते मर्द तो है नही तेरे घर में तेरे पास तो एक भाई भी हैं।
निशा: वो वो कुत्ता उसके बारे में तो मैं मरते दम तक न सोचूं। दी मैं वर्जिन मर जाऊंगी किसी सड़क छाप कुत्ते से चुदवा लूंगी पर उसको न दूंगी अपनी वर्जिनिटी।
दिव्या हस्ते हुए: तुम दोनो ना चल उसके अलावा तेरे असली पापा भी तो हैं उनसे प्यार ले ले।
निशा: असली पापा?
दिव्या: हां चल सुन।
अब दिव्या निशा को प्राची की पूरी बात बता देती हैं जिसपे निशा को गुस्सा आने लगता हैं प्राची पे। अब निशा के मन में शिवम् को लेके ही खयाल भी आने लगते हैं जिसको देख दिव्या खुश हो जाती हैं।
 

meri marlo

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वो वो कुत्ता उसके बारे में तो मैं मरते दम तक न सोचूं। दी मैं वर्जिन मर जाऊंगी किसी सड़क छाप कुत्ते से चुदवा लूंगी पर उसको न दूंगी अपनी वर्जिनिटी
Please shiygoyal ji nisha ko usi ke bhai se chudwao aur aise hi nhi ki wo chod de nisha ko uski rakhail banawa do itni buri tarah chudwao ki halat kharab ho jaye
Aur haan sirf gaand ya chut nhi dono ek hi saath fadwao taki ye sali sabse badi raand banjaye
Uske baad iska gangbang karwai uske bhai aur divya aur kavya ke dad se
 
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Rakesh1999

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अपडेट प्लीज.....👌👌👌👌👌
 
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Shivgoyal

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अब दिव्या निशा को प्राची की पूरी बात बता देती हैं जिसपे निशा को गुस्सा आने लगता हैं प्राची पे। अब निशा के मन में शिवम् को लेके ही खयाल भी आने लगते हैं जिसको देख दिव्या खुश हो जाती हैं।
अब आगे...
Update - 64
अब थोड़ा सोचने के बाद निशा को वापस ये सब गलत लगने लगता हैं। और दिव्या से एक भोले अंदाज में पूछती हैं: दी वैसे तो ये सब गलत ही है ना।
दिव्या: हम्मम तू कह तो सही रही है के ये सब गलत हैं। अच्छा मैं एक काम कहती हूं तू बस उतना कर उसके बाद भी अगर तुझे गलत लगेगा ना तो मैं भी ये सब छोर दूंगी। करेगी मेरा काम।
निशा: हम्मम ठीक हैं दी आप जो बोलोगी वो करूंगी।
दिव्या: अच्छा तो पहले आंख बंद कर और जो मैं बोलती हूं वो कर। ठीक हैं।
निशा: ठीक हैं दी।
अब निशा आंख बंद करलेती हैं और दिव्या उसको बोलती हैं: अब तू ये सोच के निशांत तेरे साथ बैठा हुआ।
निशा (आंख खोल के): दी मैं उस कुत्ते के बारे में क्यों सोचूं।
दिव्या: जो बोल रही हूं कर।
निशा: ठीक हैं दी।
अब निशा वापस आंख बंद कर लेती हैं। और दिव्या के बोले अनुसार सोचने लगती हैं। अब दिव्या बोलती हैं: अच्छा सोच तू और निशांत एक दूसरे को kiss कर रहे हो। और बहुत गहरी kiss हैं ये।
निशा अब थोड़ा उस scenario को सोचने लगती हैं और उसके चेहरे के रंग बदलने लगते है। अब दिव्या अपना हाथ निशा की चुचियों पे रखते हुए बोलती हैं: अब सोच निशांत तेरी इन मुलायम सी कोमल सी चुचियों को अपने कड़े मजबूत हाथो से दबा रहा हैं।
अब निशा निशांत के खयालों में खोने लगती हैं। अब दिव्या कहती हैं: सोच तेरा अपना सागा भाई तेरे गले को चूम रहा हैं।
अब निशा के होंठो से एक आह निकलती हैं जिसके साथ वो बोल पड़ती हैं: आह... भैया....
अब ये आवाज सुन दिव्या एक कामिनी मुस्कान मुस्कुराती है और मन में सोचती है: अब ये आ गई मेरे काबू में।
अब वो और धीरे से बोलती हैं निशा के कान के पास: अब सोच तेरा भाई तेरे जिस्म को नंगा करना चाह रहा हैं पर...
निशा: आह... भैया... मुझे नंगा करो ना।
दिव्या: तेरा भाई तुझसे नाराज हैं और तू अगर उसको खुश करना चाहती हैं तो तुझे खुद अपने कपड़े उतारने होंगे क्या तू अभी तेरे सजे भाई के लिए ये करेगी।
अब निशा अपनी सोच में पूरी तरह से डूब चुकी होती हैं और अपने उन खयालों से बाहर नहीं आना चाहती होती हैं तभी वो अपने हाथ नीचे ले जाके आंखे बंद करे करे ही अपनी टी शर्ट उतार देती हैं और फिर अपनी पैंट्स भी उतार देती हैं और फिर देखते ही देखते पूरी नंगी हो जाती हैं।
अब दिव्या बोलती हैं: निशा तू अपने भैया के सामने नंगी खड़ी है और वो आज तुझे उसके लिए हिलाते हुए देखना चाहता हैं क्या तू करेगी उसके लिए।
अब निशा बोलती है: आह भैया आपके लिए मैं सब करूंगी आह्ह्ह।
अब निशा निशांत का नाम लेते हुए हिलाने लगती हैं और दिव्या अब चुप चाप उसको देख रही होती हैं थोड़ी देर बाद निशा एक दम कापते हुए झड़ जाती हैं और बिस्तर पर गिर जाती हैं अब दिव्या उसके चूमते हुए बोलती हैं: जान आंख खोलो और बताओ कैसा लगा।
निशा आंख खोल दिव्या को देखती और तुरंत उसको याद आता हैं के अभी क्या क्या हुआ हैं जिसको वो सोच कर शर्मा जाती हैं और बोलती हैं: दी आप सही थी इसमें कुछ गलत नही हैं।
दिव्या मुस्कुराते हुए: वो तो मुझे पता ही है मेरी जान के मैं सही हूं। और सुनो हम दोनो इस घर की रानियां है और रंडिया भी हमहरी दोनो मां हमको सिर्फ सुख देंगी और हमने बिना सोचे बस अपने मर्दों के आगे टांगे खोलनी हैं तू बता अपनी दी का साथ देगी ना ये फर्ज निभाने में।
निशा: हां दी अब जब मैं समझ गई हूं तो निशांत हो या हमारे पापा मैं दोनो के नीचे सोऊंगी।
दिव्या: हमहरे पापा कौन हैं जरा नाम तो बोलो।
निशा: अरे दी हमहारे पापा शिवम् है बस।
दिव्या: तुझे पता हैं आज मैं बहुत खुश हूं क्युकी पापा के लिए इतनी प्यारी रंडी मैने आज तयार की है।
निशा: हम्मम दी तयार तो कर दि अपने पर नीचे कब भेजोगी।
दिव्या: तू अभी तो बिगड़ी हैं थोड़ा दिन तो ये चूत को तड़पा। देख मेरी तो अभी भी तड़प रही हैं।
निशा: दी एक शर्त पे इसको तड़पाऊंगी के आप रोज मुझे अपने पास बुलाओगे और मेरे साथ सेक्स करोगे और पापा को भी उस वक्त बुला के मुझे आप दोनो की चुदाई भी दिखाओगे और मुझसे पापा का लंड भी चुदवाओगी।
दिव्या: ठीक हैं अबसे तू मेरी मैं रोज तुझे चोदूंगी बस खुश।
निशा खुश होकर दिव्या के गले लग जाती हैं और बोलती हैं: दी एक राउंड आप और मैं करे।
दिव्या: ठीक है जान।
अब दिव्या निशा के होंठ चूमने लगती हैं और बोलती हैं: वैसे अपने भाई से होंठ चुसवा के कैसा लगा था।
निशा: दी तुम बहुत कामिनी हो बिचारे ने इन होंठो को छुआ भी नहीं हैं और तूने साली मुझे एक तरीके से उस से चुदवा भी दिया।
दिव्या: तो तू चुद तो जायेगी ही न अब इसलिए तुझे खयालों में चुदवाया ताकि तू समझ सके ये सब कितना अच्छा होता।
निशा: दी तुम सही कह रही हो और मैं भी तेरी तरह ही चूदूंगी दोनो अपने बाप से भी और भाई से भी।
दिव्या: अच्छा अपने भाई से चुदते हुए क्या बोलेगी।
निशा: दी मैं बोलूंगी आह... भैया मैं तुम्हारी रंडी हूं तुम इस बेचारी सी चूत को अपने लंड की गुलाम बना लो। मैं जिंदगी भर तुम्हारे सामने झुक के रहूंगी।
दिव्या: अगर उसने मना कर दिया तो।
निशा: दी अगर भैया ने छोर दिया ना तो इस चूत उसके लिए कर के बस नंगी ही घूमूंगी और फिर किसी से चूत नही मराऊंगी जब तक भैया को तरस नही आता हैं अपनी छोटी बहन पे।
दिव्या: किसी से नही तो पापा का क्या होगा।
निशा: दी पापा का खयाल रखूंगी पर भैया की भी तो गुलाम बनना हैं ना तो।
दिव्या: हम्म्म सही कह रही हैं मैं भी निशांत के आगे नंगी रहूंगी तब तक जब तक वो हम दोनो को पटक पटक के नही चोदता हैं।
निशा: हां दी साथ में चूदेंगे उस से।
दिव्या: हां बिल्कुल और सुन तू मुझे गाली भी दे रही हैं तू भी बोल रही हैं।
निशा: अरे सॉरी दी गलती से बोल दिया।
दिव्या हस्ते हुए: अरे मैं ये बोल रही थी के जब इतना सब कर रही हैं तो दी क्यू बोल रही हैं मेरी जान मैं तो तेरी रंडी हूं तू या तो अबसे रंडी बोलेगी या फिर मेरे नाम से बुलाएगी हम दोनो में कोई इज्जत वाली चीज नही होगी।
निशा: ठीक हैं मेरी रंडी। अब से तुझे मैं नंगा ही रखूंगी और अपने दोस्तो को बेचूंगी भी।
दिव्या: अच्छा बच्चू ये याद रख अगर मैं अपने पे आई तो मैं तुझे आराम से बेच दूंगी।
निशा: तो बेच देना मेरी प्यारी दिव्या मैं तो तेरी ही हूं।
दिव्या: हाए इतनी प्यारी बहन उस प्राची की चूत से क्यू पैदा हुई।
निशा: जान चूत अलग हैं पर लंड तो एक ही हैं ना तो अब इसे मत सोच बस अब तू मेरी चूत चाट के बता मेरी चूत मेरी मम्मी और प्राची से अच्छी तो हैं ना स्वाद में।
दिव्या: मम्मी हाए तू तो बहुत फास्ट निकली इतनी जल्दी मेरी सगी बहन बन गई।
निशा: तो और क्या मैं हूं तो शिवम् और नुपुर की ही प्राची ने तो चोरी किया था तो ऐसे मेरी मां तो नुपुर ही हैं और तू मेरी सही बहन।
दिव्या: तो तू यही अब रह।
निशा: पर
दिव्या: प्राची को मैं बोल दूंगी और घर पे तो कोई दिक्कत हैं नही और कुछ दिन में मेरी एक बार चुदाई हो जाए पापा से फिर मैं तेरे घर चलूंगी तब निशांत को भी अपने परिवार में जोड़ लेंगे और फिर प्राची और निशांत को भी यही ले आयेंगे। बोल क्या कहती हैं।
निशा: ठीक हैं दिव्या। अब तेरी ही हूं जो तू बोलेगी वही करूंगी।
दिव्या: हाए चल ठीक सब sort होगया हैं मैं नुपुर को बोल दूंगी पहले तुझे चाट के शांत कर दूं उसके बाद।
अब दिव्या निशा को चाटने लगती हैं और निशा पूरे मजे ले रही होती हैं ऐसे ही थोड़ी देर में निशा झड़ के बिस्तर पे गिर जाती हैं जिसपे दिव्या उसको बोलती हैं: सुन अब तू सो जा अभी मम्मी से मैं बात कर के आती हूं।
निशा: दी आप यही बात करो मैं भी सुन न चाहती हूं मम्मी क्या कह रही हैं।
दिव्या: ठीक हैं।
अब दिव्या नुपुर को फोन करती हैं और नुपुर को सुबह से लेके अब तक की सारी बात बता देती हैं जिसपे नुपुर खुश हो जाती हैं और निशा के रुकने पे हामी भर देती हैं और बोलती हैं: जान वैसे तेरी चुदाई बीच में अधूरी रह गई थी ना तो मैं सोच रही हूं के मैं और पलक कोई मूवी देख आते हैं उसका मन था और मैं पापा को घर भेज देती हूं तू अपनी कसर पूरी कर ली।
दिव्या: मम्मी आप कौनसी देवी हो। आप कितना करती हो मेरे लिए।
नुपुर: चुप मैं कोई देवी नही हूं और मैं दोनो या कह लो तीनो बेटियो के लिए कर रही हूं। अब पलक का मन था मूवी का कोई जबरदस्ती नहीं लेके जा रही हूं उसको। दूसरा तेरी चुदाई भी पूरी होनी चाहिए और तीसरी तेरी हमारी सबसे छोटी बेटी को भी तो सब देखना हैं तो अपनी तीनो बेटियो के लिए कर रही हूं।
दिव्या: थैंक यू मम्मी। आप मूवी देखो और मैं एक अच्छी सी मूवी बना के आपको भेजती हूं।
नुपुर: हम्म् मुझे हाई क्वालिटी मूवी पसंद वैसे ही बनाना और वो threesome होना चाहिए।
दिव्या: हां मेरी जान सब होगा उसमें बस चूत की चुदाई छोर।
नुपुर: उतना चलेगा। चल अब मैं जाती हूं पलक के पास।
दिव्या: ठीक हैं। अच्छा मम्मी ये तो बताओ डॉक्टर ने क्या कहा।
नुपुर: बस इतना कहा के दिव्या से कहो के वो बड़ी बहन बनने वाली हैं और उसके भाई को एक बहन भी चाहिए होगी आगे चल के तो दिव्या को भी जल्दी मां बनना होगा।
दिव्या खुश होते हुए: सच में मम्मी मैं बहुत खुश हूं और हां मेरा ये भाई ही होगा और मैं जल्द ही पापा से चुदके उसके लिए एक बहन उसको दूंगी।
नुपुर: that's my girl। अच्छा निशा अपने भाई के लिए क्या करेगी उस से पूछो।
अब निशा तुरंत जवाब देती हैं क्युकी कॉल स्पीकर पे होती हैं।
निशा: मम्मी मैं भी अपने भाई के लिए एक बहन दूंगी उसको। आप बोलो तो अभी तयारी कर देती हूं बहन की उसके लिए। जब दिव्या के ये पीरियड्स खतम होंगे तब तक मेरे भाई के लिए एक छोटी बहन तो मैं अपनी कोख में लाई ही दूंगी।
नुपुर हस्ते हुए: शांत रहो पहले दिव्या फिर तुम समझी। पर मुझे खुशी हैं इसकी दोनो बहन इसको कितना प्यार करती हैं। हाए चलो मैं जाती हूं।
दिव्या: ठीक हैं मम्मी जल्दी जाओ पापा को भेजो मूवी देख के आओ घर आपकी बिटिया आपका इंतजार कर रही हैं।
नुपुर: ठीक हैं मेरी जान byee
दिव्या: byee
अब दिव्या कॉल रख देती हैं और दोनो लड़किया शिवम् का इंतजार करने लगती हैं और एक दूसरे के साथ मजे करने में लग जाती हैं।
 

Shivgoyal

Faminc
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Please shiygoyal ji nisha ko usi ke bhai se chudwao aur aise hi nhi ki wo chod de nisha ko uski rakhail banawa do itni buri tarah chudwao ki halat kharab ho jaye
Aur haan sirf gaand ya chut nhi dono ek hi saath fadwao taki ye sali sabse badi raand banjaye
Uske baad iska gangbang karwai uske bhai aur divya aur kavya ke dad se
कहानी में मैं पूरी कोशिश करूंगा के आप लोगो की पसंद के अनुसार रहे।
 

Rinkp219

DO NOT use any nude pictures in your Avatar
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Nice
 

Shivgoyal

Faminc
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अब दिव्या कॉल रख देती हैं और दोनो लड़किया शिवम् का इंतजार करने लगती हैं और एक दूसरे के साथ मजे करने में लग जाती हैं।
अब आगे....
Update - 65
दिव्या और निशा एक दूसरे को चूम रहे होते हैं तभी दिव्या निशा से बोलती हैं: जान तू तो बहुत मस्त हैं। अब तो मुझे ये लग रहा हैं तू इतनी मस्त हैं तो मेरा छोटा भाई कितना मस्त होगा।
निशा: दी सही बोल रही हो भैया कितना मस्त दिखते हैं सच में उनका बड़ा होगा और अच्छे से चोदेंगे हमे।
दिव्या: सच में जान वैसे तुझे याद हैं कुछ। कुछ वक्त बाद रक्षाबंधन आ रहा हैं।
निशा: हां दी याद हैं।
दिव्या: तो तू हमहारे भाई को कहा पे रखी बंधेगी।
निशा: मतलब दी?
दिव्या: राखी कहा बंधेगी मतलब कलाई पे बंधेगी या कही और।
निशा: दी कलाई पे ही बंधूंगी। और कहा बांधते हैं।
दिव्या: मैं तो मेरे भाई के लंड पे बांधूंगी। फिर उसपे उचलूंगी।
निशा: ओह अच्छा तो मैं भी वही बांधूंगी राखी। बाकी दी सच कहूं थोड़ी देर पहले तक मैं सोच रही थी उस के साथ इस बार राखी नही बनाऊंगी। पर इतनी सी देर में अपने मुझे वजह दे दी मेरे भाई के साथ ये त्योहार बनाने की। थैंक यू दी।
दिव्या: हट पागल। कुछ भी बोलती हैं इसमें थैंक यू क्या मैं नही जानती क्या मेरे भाई बहन कितना लड़ते हैं पर मैं तो दोनो में बस प्यार देखना चाहती हूं। अच्छा तू निशांत से क्या मांगेगी राखी पे।
निशा: हम्मम भैया से मैं ना उनका लंड मांगूंगी पूरे दिन उनसे चुदूंगी बस।
दिव्या: कमिनी तू अगर चुदेगी पूरा दिन तो मेरी इस चूत का क्या होगा।
निशा: दी आप भी ना मैं अगर चुदूंगी तो आपको भी तो चुदवाऊंगी हम दोनो बहने मिलकर निशांत भैया की सारी मलाई को निचोड़ के खा जायेंगे।
दिव्या: हां सच में निशांत के लंड पे इतना कूदेंगे इतना कूदेंगे के अगले कई दिन तक उसका लंड चोदने के नाम से डर जायेगा।
अब दोनो लड़किया हसने लगती हैं तभी निशा के फोन पे एक मैसेज आता हैं। निशा फोन को देखती हैं तो प्राची का मैसेज होता हैं।
प्राची: beta sorry maine aapse itni badi baat chhupai par mujhe ye khushi hain ke meri beti ne apni asli family ko apna liya hai. Aap apni behan ke saath rehna aur saare maje karna
निशा: mummy aap bhi na itni emotional kyu hogayi I love you aap meri jaan ho aur rahi baat ye sabki to chalo jab pata chalana tha pata chal hi gaya. Aur mummy ab mai soch rahi hun bas bhaiya ko bhi hum log apne saath le le phir hum teeno yaha apni family ke saath rahe.
प्राची: tu sahi keh rahi hai meri jaan tum aur tumhari kuch dino baad aana phir nishant ko bhi nanga kar dena phir hum log wahi rahenge apne parivar ke saath.
निशा: thik hai mummy par ek baat hain aap bol rahi ho na bhaiya ko nanga karne ka par jab tak wo nange nahi ho rahe tab mujhmei aag lagi hui hain mujhe unko dekhna hain.
प्राची: usko dekhna hain ya uska dekhna hain. Aacha chalo ye chhoro aur mai tumhe koshish karti hun ke nangi tasveer uski tumhe bhej dun thik hain.
निशा: mummy you are great I love you 😘😘😘 mai bhaiya se chudwane se pehle aapko aur nupur mummy ko jarur chudwaungi bhaiya se.
प्राची: I love you too jaan aur tu bhi chudna hum log bhi chudenge thik chal maje kar apni di ke saath byee.
निशा: byee mummy
अब निशा फोन रख देती हैं और दिव्या की ओर देखती हैं जो के घड़ी की ओर देख रही होती हैं तो निशा उस से पूछ लेती है: दी क्या हुआ क्या देख रही हो इतनी गौर से।
दिव्या: यार क्या बोलूं पापा का इंतजार अब नही हो रहा हैं इतनी देर लग गई उनको पता नही क्यों।
निशा: दी इतना मत सोचो पापा को काम आ गया होगा कोई इसलिए लेट हो रहे होंगे अभी आ जायेंगे।
दिव्या: अगर लेट हो रहे हैं तो बता भी तो सकते हैं ना।
निशा: दी घुसा मत हो आप कॉल कर लो उनको।
दिव्या: नही अब मैं ना कॉल करूंगी ना ही उनके साथ सेक्स करूंगी उनको भी तो परवाह होनी चाहिए मेरी मैं उनकी रंडी बन रही हूं तो मतलब ऐसे ट्रीट करेंगे मुझे। साला मैं कोई सड़क पे पड़ी चुदने वाली डोल हूं जिसको जब चाहो इस्तेमाल करो फिर फेक दो पड़े रहने दो।
निशा: दी आप अब बेफरजी का घुसा कर रही हो लाओ अपना फोन दो मैं पापा से बात करती हूं। कही टाइम लग गया होगा आप इतना बोल रही हो।
अब दिव्या निशा को फोन देती ही हैं के घर के दरवाजे पे घंटी बजती हैं जिसको सुन दिव्या के चेहरे पे एक प्यारी सी मुस्कान आ जाती हैं और इसपे निशा बोलती हैं: लो आ गए पापा आप बेफर्जी में ही बोल रही थी इतना अनाप शनाप पापा को।
दिव्या: चलो मैं जाती हूं दरवाजा खोलने।
निशा: नही दी मैं जाऊंगी आज पापा को अपनी छोटी बेटी का भी तो जिस्म देखने दो। आप यही रहो।
दिव्या: ठीक हैं पर पापा को ऊपर ही लाना नीचे ही अपनी कुंवारी चूत का उद्घाटन मत करवा लेना।
निशा हस्ते हुए: नही दी पहली मेरी बड़ी बहन की चूत खुलेगी फिर मेरी इतनी तो ईमानदार हूं मैं।
दिव्या निशा को चूमते हुए: मुझे पता हैं मेरी जान तू सबसे प्यारी हैं चल जा पापा वरना दरवाजा तोड़ देंगे।
अब निशा हस्ते हुए नीचे चली जाती हैं दरवाजे पे जाके वो दो मिन रुक कर हिम्मत बटोरती हैं और फिर दरवाजा खोलती हैं। दरवाजे पे सामने शिवम् खड़ा होता हैं जो निशा को ऊपर से नीचे तक निहार रहा होता हैं और तभी निशा बोलती हैं: पापा निहार लिया हो अपनी बेटी को तो अंदर आओ और कपड़े उतार के दी के पास चलो। वो और मैं आपका कबसे इंतजार कर रहे हैं।
शिवम्: पापा! मतलब दिव्या ने सब सीखा दिया तुम्हे।
निशा: हां मेरे पापा सब बात दिया और शिखा दिया दी ने मुझे और खुद ही सोचो अगर सब ना जानती होती तो अपने पापा के सामने ऐसे आती।
शिवम्: हाए तेरे मुंह से पापा कितना प्यार लग रहा मेरी जान।
निशा: पापा जब आप मुझे चोदोगे न तो जब मैं पापा पापा चिलाऊंगी तो वो और भी प्यारा लगेगा आपको।
शिवम्: तेरी कामिनी बहन ने तुझे बहुत अच्छी ट्रेनिंग दी हैं।
निशा हस्ते हुए: अब पापा आप भी ना कपड़े उतारो जल्दी ऊपर मजे करने।
अब शिवम् निशा के सामने पूरा नंगा हो जाता हैं और निशा शिवम् के लंड को देखके उसमें खो जाती हैं और मन में सोचती हैं: हाए पापा का कितना बड़ा हैं इतना तो पोर्न में भी नही दिखता हैं जल्दी। हाए पापा जब इस लंड से मुझे चोदेंगे तो मेरी सारे जन्मों की प्यास मिट जायेगी। अब समझ आया मेरी दोनो मां और बहने पापा की इतनी दीवानी क्यू हैं।
अब शिवम् निशा को देखता हैं जो एक टक शिवम् के लंड को देख रही होती हैं। शिवम् निशा को टोकते हुए बोलता हैं: जान कहा खो गई।
निशा शिवम् की आवाज सुनके हड़बड़ाते हुए होश में आती हैं और बोलती हैं: का..कही नही पापा।
शिवम्: अरे शरमाओ नही मैं जानता हूं तुम क्या सोच रही थी।
निशा शर्माते हुए: क्या सोच रही थी पापा।
शिवम्: तुम यही सोच रही थी ना के पापा का कितना बड़ा ये तो मेरी जन्मों की प्यास भुजा देगा और अब समझ में आया मम्मी और दीदी इस लंड की क्यू दीवानी हैं। हैना यही सोच रही थी ना तुम।
निशा शिवम् को घूर के देखती हैं क्युकी उसने सच में उसके मन की बात बता दी और फिर हार मानते हुए बोलती हैं: हां पापा यही सोच रही थी पर आपको कैसे पता चला।
शिवम्: जान तजुर्बा हैं तुम्हारे पापा को।
निशा: हां पापा दिख रहा हैं अब बस उसे तजुर्बे से अपनी इस बेटी की कुंवारी चूत को भी जवान बना देना।
शिवम्: बिलकुल मेरी जान चले अब ऊपर तेरी बहन के पास।
निशा: हां पापा चलो।
अब निशा ऊपर जाने के लिए मुड़ती ही हैं तो शिवम् उसका हाथ पकड़ के उसको अपनी तरफ खींच लेता हैं और उसको पेट से पकड़ लेता हैं जिस से उसका निशा की गांड की दरार में जा रहा होता हैं जिसपे तुरंत निशा बोलती हैं: आह्ह्ह् पापा क्या कर रहे हो ऊपर चलो ना।
शिवम्: इसीलिए तो मैने अपनी जान को अपने पास खींचा हैं। आज मेरी इस बेटी को मैं गोद में उठा के लेके जाऊंगा ऊपर तक।
निशा: क्या पापा सच में।
अब शिवम् निशा को अपनी गोद में उठा लेता हैं और बोलता हैं: हां जान सच में। वैसे तुमको एक चीज पता हैं तुम बहुत भरी हो।
निशा शिवम् की बात पे शर्माती हैं और बोलती हैं: पापा नीचे उतर दो।
शिवम्: नही मेरी जान तुमको पता हैं तुम बचपन से ही मेरी प्यारी बिटिया रही हो और तुमको पहले भी मैं ऐसे ही लेके घूमता था पर तब न पता था तुम मेरी ही बेटी हो तो अब मैं अपनी बेटी को अपना पूरा प्यार दूंगा।
निशा आंखें नीचे झुका लेती हैं और धीरे से बोलती हैं: पापा मुझे हमेशा ही आप से प्यार था इतना था के आपसे एक वक्त शादी भी करना चाहती थी मैं। क्युकी आपने मुझे इतना दुलार दिया जितना उस आदमी ने ना दिया जिसको हम पापा बोलते थे। और आज ये जबसे पता चला हैं आप ही मेरे असली पापा हो मैं बहुत खुश हूं। वैसे पापा आप से सच में मैं शादी करना चाहती हूं करोगे क्या अपनी इस बेटी से शादी।
शिवम्: मेरी बेटी के लिए मैं सब कुछ करूंगा।
निशा: पापा आई लव यू।
अब शिवम् और निशा कमरे में पहुंचते हैं। दिव्या दोनो को देखती हैं और एक कामिनी मुस्कान मुस्कुराती है।
 
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