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Ufff yrrrr next update please mmmm birthday gift kb degi baap ko Divya mmmmउसका टीचर समझ जाता है के ये एक किस्म की रंडी है तो वो उसको kiss करके क्लास में पढ़ाने लग जाता हैं और फिर ऐसे ही लौंडो के सामने रंडी वाली हरकते करते दिन खतम हो जाता है स्कूल का और दिव्या निशा को उसकी क्लास से लेती हुई बाहर आ जाती है स्कूल से।
अब आगे...
Update - 73a
अब स्कूल के बाहर खड़े होके दिव्या नूपुर को कॉल करती हैं। उसके साथ साची काव्य और कोमल भी होते हैं। नूपुर कॉल उठा के बोलती हैं: जान बस 5 मिनट रुको एक कांड भी होगया जो तुम्हे और निशा को बताना है। बस 5 मिनट रुको।
दिव्य: क्या हुआ मम्मी?
नूपुर: मैं बस आ गई हूं सामने बताऊंगी तुम दोनो को।
अब तुरंत ही नूपुर गाड़ी से आ जाती हैं स्कूल के बाहर जहां सब खड़े होते हैं। नूपुर दिव्या की दोस्तों को देख के दिव्या से इशारे में पूछती हैं के सब बता दिया? जिसपे दिव्या हां में इशारा कर देती हैं। अब नूपुर बोलती हैं सब से: जान तुम लोगो के पैरेंट्स कहां हैं?
साची: आंटी मैं और कोमल यहां पे एक रूम में रहते हैं क्युकी हमहारे पैरेंट्स आउट ऑफ स्टेशन रहते हैं।
नूपुर: ओह तो मैं तुम दोनों को भी तुम्हारे रूम पे छोर देती हूं।
दिव्य: मम्मी ये दोनो आज साथ चलेंगी मेरी और पापा की लाइव चुदाई देखने।
नूपुर: ओह! वैसे जान इसी चीज पे कुछ बात करनी थी दो मिनट दोनो जरा साइड चलोगी।
ये सुनके दोनो हां बोल देती हैं और नूपुर के साथ एक तरफ को चल देती हैं। वहां पे पहुंच के नूपुर बोलती हैं: जान एक गड़बड़ हो गई हैं और मैं सब बताऊंगी पर तुम दोनो गुस्सा नही करेगी मुझे ये प्रोमिस करो।
अब निशा और दिव्य थोड़े घबरा जाते हैं के क्या हुआ और उसी बात को जानने के लिए दोनो हां भी बोल देते हैं। तभी नूपुर बोलती हैं: यार आज से कुछ दिन कुछ नही हो पाएगा।
दिव्य: मतलब मम्मी?
नूपुर: कोई सेक्स नही हो सकता हैं अब कुछ दिन।
निशा: क्यू मम्मी?
दिव्य: हां क्या हुआ मम्मी हम सेक्स क्यों नही कर सकते हैं?
नूपुर: वो हुआ ये तुम्हारी बुआ का कॉल था तो वो तुम्हारे बर्थडे का बोल रही थी।
दिव्य: हां।
नूपुर: फिर उसने बोला वो हर बर्थडे घर आती थी तो पता नहीं क्या हुआ मैने उसको बोल दिया आ जाओ और ये भी बोल दिया तुम्हे कुछ दिन रुकना होगा। उस वक्त मुझे याद नहीं था के आज तुम्हारे बर्थडे गिफ्ट में तुम्हे पापा चोदने वाले थे और मैने उसको बुला लिया अब जितने दिन वो रहेगी उतने दिन हम सबको पहले की तरह रहना हैं।
दिव्य: क्या कह रही हो मम्मी ये क्या किया आज मैं स्वर्ग पाने वाली थी और आपने सब बर्बाद कर दिया।
निशा: दी मम्मी को मत बोलो उन्होंने कुछ जानभूज के नही किया हैं और वो आपसे ज्यादा दुखी हैं।
दिव्य: हां तू सही कह रही हैं सॉरी मम्मी आपकी गलती नही हैं हो जाता हैं ये सब। अब आज नही तो बाद में चुद जाऊंगी और वैसे भी मेरी बहन आ रही हैं उसके साथ हम दोनो खेलेंगे और बहुत मस्ती करेंगे।
अब नूपुर सॉरी बोलती हैं जिसपे उसकी दोनो बिटिया उसको प्यार से kiss करती हैं और फिर गाड़ी के पास पहुंच के दिव्या अपनी दोस्तो से बोलती हैं: यार घर पे गेस्ट आ रहे हैं तो आज नही किसी और दिन घर ले चलूंगी अपने अभी तुम सबको तुम्हारे घर छुड़वा देते हैं।
नूपुर: चलो तुम सब बैठ जाओ।
अब नूपुर सबको उनके घर पे छोर देती हैं और फिर दिव्या और निशा को लेके एक मॉल में जाती हैं और दोनो को एक एक अच्छी ड्रेस दिला के पहना देती हैं। क्युकी उसने श्रद्धा के साथ शिवम को घर भेजा होता हैं जिस वजह से घर के कपड़े दोनो नही पहन सकती हैं क्युकी स्कूल में नंगी आई होती हैं दोनो।
Bhai Divya ka bday manega bhi aur usko gift milega bhi jald hiUfff yrrrr next update please mmmm birthday gift kb degi baap ko Divya mmmm
आपकी टिप्पणी का बहुत बहुत धन्यवाद मैं बस ये कह सकता हूं के ये कहानी किसी भी तरीके अपनी फीलिंग से नही जायेगी तब तक जब तक ये कहानी मैं मन लगाके ना लिखूं। ये कहानी को किसी भी तरीके से सोच समझके लंबा नही किया जा रहा हैं बस यहां पे खुद मुझे अंदर से लगा के इस मोड़ पे आना चाहिए तो मैं आ गया।Ab story uski pakad kho rahi hai
Bematlablambi karne ki koshish matr hai
Next part plzअब नूपुर सबको उनके घर पे छोर देती हैं और फिर दिव्या और निशा को लेके एक मॉल में जाती हैं और दोनो को एक एक अच्छी ड्रेस दिला के पहना देती हैं। क्युकी उसने श्रद्धा के साथ शिवम को घर भेजा होता हैं जिस वजह से घर के कपड़े दोनो नही पहन सकती हैं क्युकी स्कूल में नंगी आई होती हैं।अब आगे...
Update - 73b
अब नूपुर मॉल लेके जाती हैं दोनो को और उन दोनो को गाड़ी में छोर के जल्दी से जा के उन दोनो के लिए कुछ कपड़े ले आती हैं। अब दोनो लड़किया वो कपड़े पहन के तयार हो जाती हैं। इस वक्त दोनो ही लड़कियों ने इनरवियर नही पहने होते हैं। अब नूपुर गाड़ी स्टार्ट करती हैं घर निकलने को तो दिव्या नूपुर से बोलती हैं: मम्मी बुआ के साथ शीला भी आई हैं क्या?
नूपुर: हां मेरी जान वो भी आई हैं।
अब यहां पे एक बात बता दूं के दिव्या अपनी सिर्फ दो ही बहनों से जी जान से ज्यादा प्यार करती हैं। एक निशा और दूसरी शीला। निशा और शीला दिव्या को हुम्हेशा ही अपनी सगी बहनों जैसी लगती थी। निशा का शिवम की बेटी होना दिव्या के लगाव का एक जवाब तो था पर शीला के लिए लगाव का कारण उसको नही पता था। और निशा के बाद से ही उसको ये सवाल कभी कभी जेहन में अटकता था: क्या शीला भी मेरी सगी बहन है? आज दिव्या को इस जेहन के सवाल को नूपुर के सामने रखने का सब सही समय लग रहा था। तो वो इंतजार किए बिना पूछती हैं: मम्मी क्या शीला भी पापा की बेटी हैं?
नूपुर ये सवाल तुरंत हैरान हो जाती हैं और गाड़ी पे ब्रेक मार देती हैं और बोलती हैं: क्या बोला तुमने?
दिव्य: मम्मी कुछ तो हैं। मुझे लगता है शीला भी निशा की तरह ही पापा की बेटी हैं।
नूपुर: तुम्हे ऐसा क्यों लगता है?
दिव्य: मेरी सब cousins में सिर्फ निशा और शीला ही मेरी जैसी हैं और मेरे क्लोज हैं। कुछ तो है मम्मी?
अब नूपुर भी सोच में पड़ जाती हैं। तभी दिव्या पूछती हैं: मम्मी शीला के जन्म को लेके भी कुछ बात हैं न जो बचपन में होती थी?
नूपुर: हां बात तो है। असलियत में श्रद्धा का पति शीला को अपनी बेटी नही मानता हैं वो कहता हैं इसने किसी और का पाप जना हैं। क्युकी ये दोनो शादी के तुरंत बाद ही अलग हो गए थे।
दिव्य: तो उस हिसाब से कोई बुआ से सवाल नही करता के शीला कैसे पैदा हुई?
नूपुर: श्रद्धा का अपना तर्क हैं। वो कहती है के एक दिन उसका पति नशे में आया था उसके घर और उसके साथ बहुत जबरदस्ती की पूरी रात और इस वजह से शीला पैदा हुई।
दिव्य: जबरदस्ती हुई तो पैदा क्यों की। उनकी याद को रखा ही क्यों?
नूपुर: वो कहती हैं के बस एक सहारा चाहिए था तो वो शीला के रूप में मिल गया मुझे।
दिव्य: आपको कितना सच लगता हैं ये मम्मी?
नूपुर: सच बोलूं तो आज तक ये सब सच लगता था पर तुम्हारे सवाल से मैं भी सोच रही हूं के कुछ और भी हैं डाल में। क्युकी सच में वो इसके साथ जबरदस्ती नहीं कर सकता था। और साथ में अलग होने की वजह कही न कही उसका नपुंशक होना हो था। तो कैसे एक रात की जबरदस्ती में कोख भर गई।
दिव्य: अब अगर ये किसी और मर्द की होती बेटी तो वो अब तक तो पता चल चुका होता। तो शायद ये लड़की भी चोरी की हुई तो नही हैं मम्मी?
नूपुर: पर श्रद्धा सगी बहन है। प्राची तो साली थी तो उसका हो सकता था पर श्रद्धा तो बहुत संस्कारी है।
दिव्य: मम्मी एक बार अपने मुझे बताया था के पापा और बुआ में इंसेस्ट की बातें होती थी। पापा ही इंसेस्ट थे पर बुआ को भी सब पता था। तो आपको नही लगता के एक बार संस्कार छोरे जा सकते है अपनी प्यास के लिए। और मैं और निशा भी तो सगी ही हैं। हम तो सगी बिटिया हैं।
नूपुर: चलो रात तक पता करते हैं हम तीनो मिलके। और ये शक हो या न हो तुम दोनो को अभी शीला को बिगड़ना होगा किसी भी तरीके से क्यों ना हो मैं श्रद्धा से ये बात बुलवाती हूं। एक बार अगर ये सच हुआ तो आज तेरे बर्थडे पे तू अपनी पूरी फैमिली के सामने चुदेगी।
दिव्य: हां मम्मी। चलो अब चलते हैं वहां पे प्लान भी एक्जिक्यूट करना है।
अब नूपुर गाड़ी स्टार्ट कर के घर की ओर निकल जाती हैं और कुछ ही वक्त में तीनों घर पे होते हैं।