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Incest बेटी को लंड की प्यासी रंडी बनाया

कौनसा किरदार आपको सबसे अच्छा लगा?


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अब दोनो हां में गर्दन हिला देती हैं और नूपुर प्रिंसिपल से बात करने चली जाती हैं।
अब आगे...
Update - 72b
नूपुर स्कूल में घुसती हैं तो देखती हैं टीचर्स खड़े हुए बच्चो को देख रहे हैं अब उसकी नजर टीचर्स की नजर का पीछा करती हैं तो वो पाती हैं एक लड़की ने बड़े नेट वाले कपड़े पहने होते हैं जिनके नीचे उसने कुछ नही पहना होता हैं बस एक पैंटी को छोर। ये देख नूपुर हैरान रह जाती हैं के अचानक से कुछ ही दिन में ये क्या होगया जिस स्कूल में दिव्या एक गधी लड़की थी वो अचानक से ऐसा कैसे होगया। अब नूपुर की जिज्ञासा का साबर खतम हो चुका था।
अब यहां पे मैं एक बात बताना चाहता हूं के जैसे मैने बोला हैं के ये कहानी भविष्य पे आधारित हैं। इसलिए हम बस ये मान रहे है के ये भी हो सकता हैं आगे के जमाने में के स्कूलों में बच्चे नंगे घुम्हे। ये बस एक कल्पना ही हैं।
अब नूपुर प्रिंसिपल ऑफिस में घुसती हैं वहां का हाल भी देख नूपुर बिलकुल अचंभित रह जाती हैं। वहां पे प्रिंसिपल एक लड़के का लंड मुंह में ले होती हैं। जो के वो नूपुर को देख के भी नही निकलती हैं। और वो जरा सा चूस के लड़के से बोलती है: तुम अब से स्कूल में शरारत मत करना वरना पनिशमेंट मिलेगी।
जिसपे वो लड़का प्रिंसिपल को एक स्माइल के साथ हां बोल के वैसे ही नंगा निकल जाता हैं क्लास की तरफ। अभी प्रिंसिपल नूपुर एक सामने बस एक ब्रा और पैंटी में होती हैं। अब नूपुर का दिमाग फटने को हो जाता हैं क्युकी इस ही प्रिंसिपल से लास्ट टाइम जब नूपुर मिली थी तो ये साड़ी भी ऐसे पहनती थी के उसका पेट भी न दिखे और सब बच्चो को सुधरती थी और वो ही औरत आज बस एक ब्रा पैंटी में थी। अब नूपुर के लिए सब माजरा बिलकुल बदल चुका था उसको लगा था यहां ड्रामा होगा वो धमकी दे के अपनी बेटियो को डालेगी और उसकी लड़की सब बच्चो को बिगड़ेंगी पर यहां तो कुछ और ही चल रहा था। अब नूपुर तंग आ के जुझलाते हुए पूछती हैं: आखिरकार यहां चल क्या रहा हैं?
प्रिंसिपल: क्या ma'am आप कहना क्या चाह रही हैं?
नूपुर: आप अच्छे से जानती हैं मैं क्या कहना चाहती हूं यहां ये बच्चे कैसी ड्रेस में हैं। मतलब सब नंगे कैसे हैं?
प्रिंसिपल: ma'am अच्छा आप इस सब की बात कर रही हैं तो हमने अब ड्रेस कोड हटा दिया हैं और बच्चो को फ्रीडम दी हैं के वो जो पहन ना चाहे पहने।
नूपुर: पर ये बच्चे कुछ नही पहने हैं।
प्रिंसिपल: वो ma'am उनकी और उनके पेरेंट्स की मर्जी हैं और बॉडी को नंगा रखने से हम अपनी बॉडी को आराम दे सकते हैं। इसलिए अब बच्चे और पैरेंट्स कपड़ो से दूर रहना चाह रहे हैं। पर ma'am आप इतने गुस्से में क्यों है आपको ये कल्चर नही पसंद आया क्या? जबसे हमने ये कल्चर स्टार्ट किया हैं हमारी डिमांड बढ़ गई हैं।
नूपुर धीरे से (अरे हां मैं कैसे भुल गई ये भी तो एक बिजनेस ही तो हैं।): अच्छा ma'am ये सब कब से स्टार्ट हुआ है?
प्रिंसिपल: अभी दो दिन पहले एक प्रोग्राम था स्कूल में वहां कुछ बच्चे बिना कपड़ो के आए थे तो वही पे देखा के पैरेंट्स भी खुश थे और बाकी बच्चे भी और उसकी शिकायत नही आई थी तो उसी दिन अनाउंस कर दिया था हमने और सब पैरेंट्स और बच्चो ने तहे दिल से इसको स्वीकार भी किया तो अब हम सेक्स से ही बच्चो को सुधारते हैं।
नूपुर: अच्छा इतना कुछ होगया। अब तो आप लोग इंसेस्ट को भी प्रमोट कर रहे होंगे?
प्रिंसिपल: नो ma'am, हम प्रमोट तो नही करते हैं पर घर में अपनी बॉडी को ओपन रखने की बात जरूर कहते हैं। और अगर फैमिली इंसेस्ट हैं तो उनको कुछ छुपाने का डर भी नही हैं पर यहां।
नूपुर: गुड मतलब अब ये मेरी बेटियों के लिए बेस्ट स्कूल हैं। बस मुझे ये एक और चीज पूछनी थी अगर मेरी बिटिया नंगी आए यहां तो कोई लड़का या लड़की उनके साथ जबरदस्ती तो नही करेगी क्या?
प्रिंसिपल: ma'am इतने दिन में हमने ये तो समझा हैं के अब अगर कपड़े नही रहेंगे और सब सब कुछ कर सकते हैं और कोई किसी चीज को माना नही करेगा तो जबरदस्ती तो नही हो सकती हैं और बाकी हम ये भी ध्यान रखते हैं के कोई बच्चा ही क्या कोई टीचर भी रेप को सपोर्ट ना करे पर अगर किसी बच्चे को सेक्स करना हैं तो छुपके भी न करे। मतलब अगर नंबर चाहिए तो खुद जा के सेक्स करो टीचर के साथ और उसपे आप रेप का इल्जाम मत लगाओ।
नूपुर: हां समझ गई आप नंगी अगर किसी टीचर के पास गई हो नंबर बढ़वाने तो आप कुछ सोच के ही गई होगी तो उसको रेप ना बोलो। क्युकी आप नंगी हो तो मर्द वही करेगा जो आप चाह रही हो आप भी सीधी नही होगी वहा इस हालत में जाएगी तो। यही ना ma'am।
प्रिंसिपल: हां। अब हमारी बहुत प्रॉब्लम्स ऐसे ही खतम हुई हैं।
नूपुर: बस एक सवाल और था मेरी बिटिया सब कर देंगी बस चूत में लंड लेने के तो कोई उनको परेशान तो नही करेगा ना?
प्रिंसिपल: ma'am दिव्या स्कूल की बेस्ट स्टूडेंट हैं और मेरी फेवरेट भी हैं आप अगर कहेंगी तो उसका खयाल मैं रखूंगी।
नूपुर: that's so nice of you. वैसे मेरी बिटिया आपका भी खयाल रखेंगी they are the lesbian girls.
प्रिंसिपल: ma'am बिटिया मतलब?
नूपुर: वो निशा 11th में जो हैं वो भी मेरी ही बेटी हैं उसके फादर्स नेम को हम्हे चेंज भी करवाना था स्कूल में।
प्रिंसिपल: ma'am मैं कर दूंगी पर अभी नहीं कर पाऊंगी।
नूपुर: कोई नही वैसे मेरी दोनो बेटियों ने आज बहुत शॉर्ट स्कूल ड्रेस ही पहनी हुई हैं। बाकी मैं कल उन दोनो ठीक से कपड़े दे दूंगी यहां के लिए। बाकी कुछ हो तो सॉरी।
प्रिंसिपल: no problem ma'am. आपकी दोनो बेतिया मेरी जिम्मेदारी है स्कूल में।
अब नूपुर भी शांत हो जाती हैं क्युकी आखिरकार उसको सब मंजरा पता भी चल गया होता हैं और वो दोनो के लिए यही स्कूल चाह भी यही होती हैं जहा उनको कपड़े उतारने सिखाए जाए ना के पहने। अब नूपुर उन दोनो को कॉल कर के बुलाती हैं तो दिव्या कॉल पे नूपुर को बोल देती हैं के उसकी दोस्त भी बिना कपड़ो के ही स्कूल में गई तो वो दोनो भी कपड़े उतार के स्कूल में जा रहे है जिसपे नूपुर भी सहमत हो जाती हैं। अब दोनो लड़किया प्रिंसिपल ऑफिस में आती नूपुर दोनो को प्रिंसिपल को दे के ऑफिस निकल जाती हैं वही प्रिंसिपल रूम बंद करके एक राउंड दिव्या और निशा के साथ सेक्स करती हैं।
सेक्स के बाद निशा और दिव्य में और फुर्ती आ जाती हैं दोनो वैसे ही क्लास में चली जाती हैं। अब नूपुर पूरी बात पायल को बताती हैं निकलते ही तो वो भी काव्य को स्कूल भेज देती हैं और दिव्य और काव्य क्लास में साथ में बैठ के मजे लेती हैं एक दूसरे के।
 
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सेक्स के बाद निशा और दिव्य में और फुर्ती आ जाती हैं दोनो वैसे ही क्लास में चली जाती हैं। अब नूपुर पूरी बात पायल को बताती हैं निकलते ही तो वो भी काव्य को स्कूल भेज देती हैं और दिव्य और काव्य क्लास में साथ में बैठ के मजे लेती हैं एक दूसरे के।
अब आगे...
Update - 72c
अब क्लासेज चलने लगती हैं वहां पे कभी दिव्या काव्य की चूत में उंगली करती हैं तो कभी काव्य दिव्या के।
अब जैसे ही पहला पीरियड चालू होता हैं तो उसमें एक सीनियर टीचर आती हैं जो के पूरी धकी होती हैं। दिव्य उनको देख के सोचती हैं के सब नंगे हुए ये क्यों नही हुई? तब ही पीछे से दिव्या की दोस्त बोलती हैं: क्या सोच रही हैं?
दिव्य: यार साची, मैं सोच रही हूं सब बच्चे नंगे हैं प्रिंसिपल नंगी हो रखी हैं सब टीचर्स भी नंगे हैं ये क्यों नही नंगी हुई हैं?
साची: अबे ये बूढ़ा गई हैं प्रिंसिपल ने सब बूढ़े टीचर्स को निकाल दिया हैं क्युकी उनका जिस्म देखने लायक नही था तो सब नए आए हैं बस इनको इसलिए रखा हैं ये 12th में पढ़ा रही हैं और हमले इस सब्जेक्ट को कंप्लीट करने तक इनका रिटायरमेंट हैं। बस इसलिए इस कपड़ो वाली औरत को रखा हैं।
दिव्य: यार कितना कुछ होगया इतने दिनो में।
साची: हां और नही तो क्या देख तुम दोनो भी नंगी होली जैसे कोई नॉर्मल बात हो तुम दोनो के लिए। हम जिस दिन बिना कपड़ों के आए थे उस दिन हम पूरा दिन जिस्म छुपा रहे थे और तुम दोनो को देखो कोई फरक ही नही पड़ रहा हैं।
दिव्य: लंबी कहानी है हमारी इस क्लास के बाद बताती हूं।
अब सब लोग क्लास करने लगते हैं। थोड़ी देर में ये क्लास खत्म होती हैं। फिर दिव्या पीछे मुड़ती हैं। उस सीट पे दिव्या और काव्य की दो दोस्त बैठी होती हैं।
पहली साची: ये स्टार्टिंग से ही सेक्स और दूसरी चीज में इंवॉल्व होती हैं पर इसको पढ़ाई लिखाई का भी शौक होता हैं। इसकी क्लास में बाकी लड़कियों से इसलिए नहीं बनती हैं क्युकी इसको सब लड़कियां हरामी लगती हैं। इसका एक बॉयफ्रेंड भी है जो रोज इसकी चूत चोदता है पर अब ये उसके लंड से बोर होके कई दूसरे लडको से भी चुदके अपनी प्यास बुझती हैं। ये इस शहर में अकेली रहती हैं एक रूम लेके।
दूसरी हैं कोमल: ये दिव्या और काव्य जितनी ही सीधी थी पर साची इसको बिगड़ने की कोशिश में ही रहती थी। ये ड्रेस वाली चीज से सबसे ज्यादा प्रभावित यही हुई थी पर साची के जिद्द के बाद इसने अपने कपड़े उतार दिए थे दो दिन तक नंगी रहने के बावजूद इसको अभी भी शर्म आती थी। इसके मां बाप साल में एक दो दिन के लिए ही इसके पास रहते हैं इसलिए ये अब साची के रूम में ही रहने लग गई हैं और इसी के चलते इसके मां बाप ने अपने इस शहर के घर को बेच के दूसरी जगह घर ले लिया है।
अब दिव्या बोलती हैं: यार कोमल तुम चूत पे हाथ क्यूं रखी हो?
दिव्य के मुंह से चूत सुन के साची हैरान रह जाती है और बोलती हैं: तूने ये सब कब और कहा सीखा?
अब दिव्या बोलती हैं: सुनो पहले सबसे पीछे वाली सीट पे चलते हैं वहां पे बताएंगे क्या क्या हुआ।
हैरानी की बात ये भी हो जाती हैं दोनो के लिए क्युकी दिव्य काव्य अपनी सबसे आगे की सीट कभी नहीं छोड़ती थी आज दोनो को लास्ट सीट पे जाना था। पर फिर भी चारो लड़कियां सबसे पीछे चली जाती हैं और दिव्या अपनी सारी बातें दोनो को बता देती हैं। साची जहां पे ये सब सुनके एक्साइटेड हो जाती हैं वही कोमल को ये सब अजीब लगता हैं।
 

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हैरानी की बात ये भी हो जाती हैं दोनो के लिए क्युकी दिव्य काव्य अपनी सबसे आगे की सीट कभी नहीं छोड़ती थी आज दोनो को लास्ट सीट पे जाना था। पर फिर भी चारो लड़कियां सबसे पीछे चली जाती हैं और दिव्या अपनी सारी बातें दोनो को बता देती हैं। साची जहां पे ये सब सुनके एक्साइटेड हो जाती हैं वही कोमल को ये सब अजीब लगता हैं।
अब आगे...
Update - 72d
दिव्या की बात सुन के साची बोलती हैं: यार सच में तेरी मां तुझे चुदाई करने के लिए बोलती हैं और सच में तुम दोनो के पापा ने तुम्हारी गांड चोदी हैं।
दिव्य: हां यार मैं तो रोज चुदवाती हूं अपनी गांड बड़ा मजा आता हैं।
साची: हां आता ही होगा जब मैं गैर मर्दों से चुदवाती हूं वो भी मर्द क्या कहूं वो लौंडे ही होते तो मुझे मजा आता हैं तो तेरे पापा तो वैसे भी एक दम जोरदार मर्द हैं और तेरे बाप भी है तो उनके साथ तो अलग ही मजा आता होगा तुम्हे। मैं तो सोच के ही एक्साइटेड हो रही हूं।
दिव्य: यार मेरा भी यही होता हैं जब भी याद करती हूं सेक्स तो चूत पानी खुद बा खुद छोर देती हैं। यार अब मम्मी ने कहां हुआ है के मुझे एक रण्डी बनना हैं न के सुधरी होसियार संस्कारी।
साची: यार तू बहुत लकी हैं तेरी मां सच में तुझे रंडी जो बना रही हैं। काश मेरी मादरचोद रंडी मां मुझे भी ये सब करने देती। पर साली कुत्तिया सड़क के कुत्तों से चुद जाए रंडी। साली मुझे ये सबसे रोक देती हैं। मेरा बाप कितना स्ट्रॉन्ग हैं उस रंडी को कुत्तिया की तरह चोदता हैं और वो साली पूरा मजा खुद लेती हैं मेरी चूत का सोचती भी नही हैं।
दिव्य: अबे तू गुस्सा मत कर होती हैं ऐसी झांटू रंडिया जो अपने अलावा किसी लड़की को खुश नही देख सकती हैं। वैसे तूने अपनी मां बाप की चुदाई देखी हैं।
साची: देखी हैं? साली उन दोनो की वीडियो भी बनाई हैं साला मन तो करता है ब्लैकमेल करके चुदवा लूं पर अभी कर नही रही हूं।
दिव्य: साली ब्लैकमेल मत करना बस अपने बाप को दिखा के बोलना पापा आप ऐसे ही मेरे साथ करो मेरी चूत मांगती हैं आपका लंड। देखना वो चोद देंगे तुम्हे।
साची: हां सही बोली तू मैं यही करूंगी।
दिव्या: वैसे साली दिखाएगी नही तेरा बाप कैसे चोदता हैं तेरी मां को।
साची: साली रण्डी मेरे मां बाप की चुदाई देखनी हैं अपनी तो दिखाई नही आज तक तूने भी बनाई होगी वीडियो दिखा तू भी।
दिव्य: लाइव दिखाऊंगी तुझे कामिनी आज घर चालियो।
साची: सच में तू सही में बहुत अच्छी दोस्त हैं।
दिव्य: बस तुझे एक काम करना होगा। तुझे मुझे चोदना होगा। बोल मुझे चोदेगी?
साची: तुझे तो सड़कछाप रंडी की तरह चोदूंगी कुत्तिया।
दिव्य: वैसे तुझे तेरे बाप से चुदना हैं न तो एक काम कर। आज से चुदाई बंद करदे और न ही चूत में उंगली कर बस पोर्न देख और अपने बाप के बाप में सोच कुछ दिनों में इतनी हवस और तड़प आ जायेगी तेरे अंदर के तू अपने बाप से बिना डरे चुदने को कहेगी और चूत में लंड ले लेगी।
साची: सही बोल रही हैं तू अब यही करूंगी।
अब एक टीचर पढ़ाने आता है वो नया होता तो दिव्या और काव्य को उसके बारे में कुछ नही पता होता हैं। अब साची बताती हैं उनको: यार ये बहुत मादरचोद है। लड़कियों को उठाता है कुछ भी उल्टा सीधा सवाल पूछता है फिर सबके सामने चुचियों को खीच लेता है और चूत पे तमाचा मार के उसपे लंड से मरता है और उसको तो पनिशमेंट में ब्लोजॉब भी करवाया था सबके सामने।
दिव्य: अच्छा ठीक है समझ गई।
अब टीचर कोई सवाल पूछता है तो सब लड़कियां चुपचाप मुंह झुका के बैठ जाती हैं क्युकी आंसर के सही होने पर भी वो वही सब करता। पर दिव्या मुस्कुरा कर हाथ खड़ा कर देती हैं और टीचर उसको उठाता है और उसके पास आके खड़ा हो जाता हैं और दिव्य जवाब दे देती हैं। पर वो टीचर दिव्या के जिस्म को निहार रहा होता हैं जिसको देख दिव्या को समझ आ जाता है उसको भी ये पनिशमेंट देगा। तो वो तुरंत आंसर खतम करते ही बोलती हैं: सिर मेरा जिस्म अगर अच्छा लग रहा हैं तो आंखों से मत चोदिए मैं ब्लोजॉब खुद दे ही दूंगी पर पहले सच बोलिए आंसर सही हैं के गलत।
अब टीचर उसको देखता हैं फिर बोलता है: तेरा आंसर सही था अब तू बोल पनिशमेंट या ईनाम।
दिव्य तुरंत घुटनों पे जाती हैं और बोलती हैं: ईनाम।
और उसका लुंड मुंह में लेके चूसने लगती है। वो बिलकुल मस्तियां जाता हैं। अब दिव्या बहुत जोर से लंड दबाते हुए चूसती हैं जैसे के पूरा रस निचोड़ लेगी और पूरा माल अपने ऊपर गिरती है और उसके लंड पे लगा हुआ चाट के सिर को आंख मार देती है। उसके सिर इस पे बोलते हैं: बेटा तू तो बहुत अच्छा चुस्ती हैं।
दिव्य: वो तो हैं और आज का आपका सारा माल निकाल दिया हैं तो अब दूसरी लड़कियों को पनिशमेंट मत दीजिएगा और अगर हो तो मुझे इनाम के लिए बुला लीजिएगा।
उसका टीचर समझ जाता है के ये एक किस्म की रंडी है तो वो उसको kiss करके क्लास में पढ़ाने लग जाता हैं और फिर ऐसे ही लौंडो के सामने रंडी वाली हरकते करते दिन खतम हो जाता है स्कूल का और दिव्या निशा को उसकी क्लास से लेती हुई बाहर आ जाती है स्कूल से।
 
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उसका टीचर समझ जाता है के ये एक किस्म की रंडी है तो वो उसको kiss करके क्लास में पढ़ाने लग जाता हैं और फिर ऐसे ही लौंडो के सामने रंडी वाली हरकते करते दिन खतम हो जाता है स्कूल का और दिव्या निशा को उसकी क्लास से लेती हुई बाहर आ जाती है स्कूल से।
अब आगे...
Update - 73a
अब स्कूल के बाहर खड़े होके दिव्या नूपुर को कॉल करती हैं। उसके साथ साची काव्य और कोमल भी होते हैं। नूपुर कॉल उठा के बोलती हैं: जान बस 5 मिनट रुको एक कांड भी होगया जो तुम्हे और निशा को बताना है। बस 5 मिनट रुको।
दिव्य: क्या हुआ मम्मी?
नूपुर: मैं बस आ गई हूं सामने बताऊंगी तुम दोनो को।
अब तुरंत ही नूपुर गाड़ी से आ जाती हैं स्कूल के बाहर जहां सब खड़े होते हैं। नूपुर दिव्या की दोस्तों को देख के दिव्या से इशारे में पूछती हैं के सब बता दिया? जिसपे दिव्या हां में इशारा कर देती हैं। अब नूपुर बोलती हैं सब से: जान तुम लोगो के पैरेंट्स कहां हैं?
साची: आंटी मैं और कोमल यहां पे एक रूम में रहते हैं क्युकी हमहारे पैरेंट्स आउट ऑफ स्टेशन रहते हैं।
नूपुर: ओह तो मैं तुम दोनों को भी तुम्हारे रूम पे छोर देती हूं।
दिव्य: मम्मी ये दोनो आज साथ चलेंगी मेरी और पापा की लाइव चुदाई देखने।
नूपुर: ओह! वैसे जान इसी चीज पे कुछ बात करनी थी दो मिनट दोनो जरा साइड चलोगी।
ये सुनके दोनो हां बोल देती हैं और नूपुर के साथ एक तरफ को चल देती हैं। वहां पे पहुंच के नूपुर बोलती हैं: जान एक गड़बड़ हो गई हैं और मैं सब बताऊंगी पर तुम दोनो गुस्सा नही करेगी मुझे ये प्रोमिस करो।
अब निशा और दिव्य थोड़े घबरा जाते हैं के क्या हुआ और उसी बात को जानने के लिए दोनो हां भी बोल देते हैं। तभी नूपुर बोलती हैं: यार आज से कुछ दिन कुछ नही हो पाएगा।
दिव्य: मतलब मम्मी?
नूपुर: कोई सेक्स नही हो सकता हैं अब कुछ दिन।
निशा: क्यू मम्मी?
दिव्य: हां क्या हुआ मम्मी हम सेक्स क्यों नही कर सकते हैं?
नूपुर: वो हुआ ये तुम्हारी बुआ का कॉल था तो वो तुम्हारे बर्थडे का बोल रही थी।
दिव्य: हां।
नूपुर: फिर उसने बोला वो हर बर्थडे घर आती थी तो पता नहीं क्या हुआ मैने उसको बोल दिया आ जाओ और ये भी बोल दिया तुम्हे कुछ दिन रुकना होगा। उस वक्त मुझे याद नहीं था के आज तुम्हारे बर्थडे गिफ्ट में तुम्हे पापा चोदने वाले थे और मैने उसको बुला लिया अब जितने दिन वो रहेगी उतने दिन हम सबको पहले की तरह रहना हैं।
दिव्य: क्या कह रही हो मम्मी ये क्या किया आज मैं स्वर्ग पाने वाली थी और आपने सब बर्बाद कर दिया।
निशा: दी मम्मी को मत बोलो उन्होंने कुछ जानभूज के नही किया हैं और वो आपसे ज्यादा दुखी हैं।
दिव्य: हां तू सही कह रही हैं सॉरी मम्मी आपकी गलती नही हैं हो जाता हैं ये सब। अब आज नही तो बाद में चुद जाऊंगी और वैसे भी मेरी बहन आ रही हैं उसके साथ हम दोनो खेलेंगे और बहुत मस्ती करेंगे।
अब नूपुर सॉरी बोलती हैं जिसपे उसकी दोनो बिटिया उसको प्यार से kiss करती हैं और फिर गाड़ी के पास पहुंच के दिव्या अपनी दोस्तो से बोलती हैं: यार घर पे गेस्ट आ रहे हैं तो आज नही किसी और दिन घर ले चलूंगी अपने अभी तुम सबको तुम्हारे घर छुड़वा देते हैं।
नूपुर: चलो तुम सब बैठ जाओ।
अब नूपुर सबको उनके घर पे छोर देती हैं और फिर दिव्या और निशा को लेके एक मॉल में जाती हैं और दोनो को एक एक अच्छी ड्रेस दिला के पहना देती हैं। क्युकी उसने श्रद्धा के साथ शिवम को घर भेजा होता हैं जिस वजह से घर के कपड़े दोनो नही पहन सकती हैं क्युकी स्कूल में नंगी आई होती हैं।
 
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abhayincest

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उसका टीचर समझ जाता है के ये एक किस्म की रंडी है तो वो उसको kiss करके क्लास में पढ़ाने लग जाता हैं और फिर ऐसे ही लौंडो के सामने रंडी वाली हरकते करते दिन खतम हो जाता है स्कूल का और दिव्या निशा को उसकी क्लास से लेती हुई बाहर आ जाती है स्कूल से।
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Update - 73a
अब स्कूल के बाहर खड़े होके दिव्या नूपुर को कॉल करती हैं। उसके साथ साची काव्य और कोमल भी होते हैं। नूपुर कॉल उठा के बोलती हैं: जान बस 5 मिनट रुको एक कांड भी होगया जो तुम्हे और निशा को बताना है। बस 5 मिनट रुको।
दिव्य: क्या हुआ मम्मी?
नूपुर: मैं बस आ गई हूं सामने बताऊंगी तुम दोनो को।
अब तुरंत ही नूपुर गाड़ी से आ जाती हैं स्कूल के बाहर जहां सब खड़े होते हैं। नूपुर दिव्या की दोस्तों को देख के दिव्या से इशारे में पूछती हैं के सब बता दिया? जिसपे दिव्या हां में इशारा कर देती हैं। अब नूपुर बोलती हैं सब से: जान तुम लोगो के पैरेंट्स कहां हैं?
साची: आंटी मैं और कोमल यहां पे एक रूम में रहते हैं क्युकी हमहारे पैरेंट्स आउट ऑफ स्टेशन रहते हैं।
नूपुर: ओह तो मैं तुम दोनों को भी तुम्हारे रूम पे छोर देती हूं।
दिव्य: मम्मी ये दोनो आज साथ चलेंगी मेरी और पापा की लाइव चुदाई देखने।
नूपुर: ओह! वैसे जान इसी चीज पे कुछ बात करनी थी दो मिनट दोनो जरा साइड चलोगी।
ये सुनके दोनो हां बोल देती हैं और नूपुर के साथ एक तरफ को चल देती हैं। वहां पे पहुंच के नूपुर बोलती हैं: जान एक गड़बड़ हो गई हैं और मैं सब बताऊंगी पर तुम दोनो गुस्सा नही करेगी मुझे ये प्रोमिस करो।
अब निशा और दिव्य थोड़े घबरा जाते हैं के क्या हुआ और उसी बात को जानने के लिए दोनो हां भी बोल देते हैं। तभी नूपुर बोलती हैं: यार आज से कुछ दिन कुछ नही हो पाएगा।
दिव्य: मतलब मम्मी?
नूपुर: कोई सेक्स नही हो सकता हैं अब कुछ दिन।
निशा: क्यू मम्मी?
दिव्य: हां क्या हुआ मम्मी हम सेक्स क्यों नही कर सकते हैं?
नूपुर: वो हुआ ये तुम्हारी बुआ का कॉल था तो वो तुम्हारे बर्थडे का बोल रही थी।
दिव्य: हां।
नूपुर: फिर उसने बोला वो हर बर्थडे घर आती थी तो पता नहीं क्या हुआ मैने उसको बोल दिया आ जाओ और ये भी बोल दिया तुम्हे कुछ दिन रुकना होगा। उस वक्त मुझे याद नहीं था के आज तुम्हारे बर्थडे गिफ्ट में तुम्हे पापा चोदने वाले थे और मैने उसको बुला लिया अब जितने दिन वो रहेगी उतने दिन हम सबको पहले की तरह रहना हैं।
दिव्य: क्या कह रही हो मम्मी ये क्या किया आज मैं स्वर्ग पाने वाली थी और आपने सब बर्बाद कर दिया।
निशा: दी मम्मी को मत बोलो उन्होंने कुछ जानभूज के नही किया हैं और वो आपसे ज्यादा दुखी हैं।
दिव्य: हां तू सही कह रही हैं सॉरी मम्मी आपकी गलती नही हैं हो जाता हैं ये सब। अब आज नही तो बाद में चुद जाऊंगी और वैसे भी मेरी बहन आ रही हैं उसके साथ हम दोनो खेलेंगे और बहुत मस्ती करेंगे।
अब नूपुर सॉरी बोलती हैं जिसपे उसकी दोनो बिटिया उसको प्यार से kiss करती हैं और फिर गाड़ी के पास पहुंच के दिव्या अपनी दोस्तो से बोलती हैं: यार घर पे गेस्ट आ रहे हैं तो आज नही किसी और दिन घर ले चलूंगी अपने अभी तुम सबको तुम्हारे घर छुड़वा देते हैं।
नूपुर: चलो तुम सब बैठ जाओ।
अब नूपुर सबको उनके घर पे छोर देती हैं और फिर दिव्या और निशा को लेके एक मॉल में जाती हैं और दोनो को एक एक अच्छी ड्रेस दिला के पहना देती हैं। क्युकी उसने श्रद्धा के साथ शिवम को घर भेजा होता हैं जिस वजह से घर के कपड़े दोनो नही पहन सकती हैं क्युकी स्कूल में नंगी आई होती हैं दोनो।
Ufff yrrrr next update please mmmm birthday gift kb degi baap ko Divya mmmm
 
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Shivgoyal

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Ab story uski pakad kho rahi hai
Bematlablambi karne ki koshish matr hai
आपकी टिप्पणी का बहुत बहुत धन्यवाद मैं बस ये कह सकता हूं के ये कहानी किसी भी तरीके अपनी फीलिंग से नही जायेगी तब तक जब तक ये कहानी मैं मन लगाके ना लिखूं। ये कहानी को किसी भी तरीके से सोच समझके लंबा नही किया जा रहा हैं बस यहां पे खुद मुझे अंदर से लगा के इस मोड़ पे आना चाहिए तो मैं आ गया।
 

Shivgoyal

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अब नूपुर सबको उनके घर पे छोर देती हैं और फिर दिव्या और निशा को लेके एक मॉल में जाती हैं और दोनो को एक एक अच्छी ड्रेस दिला के पहना देती हैं। क्युकी उसने श्रद्धा के साथ शिवम को घर भेजा होता हैं जिस वजह से घर के कपड़े दोनो नही पहन सकती हैं क्युकी स्कूल में नंगी आई होती हैं।​
अब आगे...
Update - 73b
अब नूपुर मॉल लेके जाती हैं दोनो को और उन दोनो को गाड़ी में छोर के जल्दी से जा के उन दोनो के लिए कुछ कपड़े ले आती हैं। अब दोनो लड़किया वो कपड़े पहन के तयार हो जाती हैं। इस वक्त दोनो ही लड़कियों ने इनरवियर नही पहने होते हैं। अब नूपुर गाड़ी स्टार्ट करती हैं घर निकलने को तो दिव्या नूपुर से बोलती हैं: मम्मी बुआ के साथ शीला भी आई हैं क्या?
नूपुर: हां मेरी जान वो भी आई हैं।
अब यहां पे एक बात बता दूं के दिव्या अपनी सिर्फ दो ही बहनों से जी जान से ज्यादा प्यार करती हैं। एक निशा और दूसरी शीला। निशा और शीला दिव्या को हुम्हेशा ही अपनी सगी बहनों जैसी लगती थी। निशा का शिवम की बेटी होना दिव्या के लगाव का एक जवाब तो था पर शीला के लिए लगाव का कारण उसको नही पता था। और निशा के बाद से ही उसको ये सवाल कभी कभी जेहन में अटकता था: क्या शीला भी मेरी सगी बहन है? आज दिव्या को इस जेहन के सवाल को नूपुर के सामने रखने का सब सही समय लग रहा था। तो वो इंतजार किए बिना पूछती हैं: मम्मी क्या शीला भी पापा की बेटी हैं?
नूपुर ये सवाल तुरंत हैरान हो जाती हैं और गाड़ी पे ब्रेक मार देती हैं और बोलती हैं: क्या बोला तुमने?
दिव्य: मम्मी कुछ तो हैं। मुझे लगता है शीला भी निशा की तरह ही पापा की बेटी हैं।
नूपुर: तुम्हे ऐसा क्यों लगता है?
दिव्य: मेरी सब cousins में सिर्फ निशा और शीला ही मेरी जैसी हैं और मेरे क्लोज हैं। कुछ तो है मम्मी?
अब नूपुर भी सोच में पड़ जाती हैं। तभी दिव्या पूछती हैं: मम्मी शीला के जन्म को लेके भी कुछ बात हैं न जो बचपन में होती थी?
नूपुर: हां बात तो है। असलियत में श्रद्धा का पति शीला को अपनी बेटी नही मानता हैं वो कहता हैं इसने किसी और का पाप जना हैं। क्युकी ये दोनो शादी के तुरंत बाद ही अलग हो गए थे।
दिव्य: तो उस हिसाब से कोई बुआ से सवाल नही करता के शीला कैसे पैदा हुई?
नूपुर: श्रद्धा का अपना तर्क हैं। वो कहती है के एक दिन उसका पति नशे में आया था उसके घर और उसके साथ बहुत जबरदस्ती की पूरी रात और इस वजह से शीला पैदा हुई।
दिव्य: जबरदस्ती हुई तो पैदा क्यों की। उनकी याद को रखा ही क्यों?
नूपुर: वो कहती हैं के बस एक सहारा चाहिए था तो वो शीला के रूप में मिल गया मुझे।
दिव्य: आपको कितना सच लगता हैं ये मम्मी?
नूपुर: सच बोलूं तो आज तक ये सब सच लगता था पर तुम्हारे सवाल से मैं भी सोच रही हूं के कुछ और भी हैं डाल में। क्युकी सच में वो इसके साथ जबरदस्ती नहीं कर सकता था। और साथ में अलग होने की वजह कही न कही उसका नपुंशक होना हो था। तो कैसे एक रात की जबरदस्ती में कोख भर गई।
दिव्य: अब अगर ये किसी और मर्द की होती बेटी तो वो अब तक तो पता चल चुका होता। तो शायद ये लड़की भी चोरी की हुई तो नही हैं मम्मी?
नूपुर: पर श्रद्धा सगी बहन है। प्राची तो साली थी तो उसका हो सकता था पर श्रद्धा तो बहुत संस्कारी है।
दिव्य: मम्मी एक बार अपने मुझे बताया था के पापा और बुआ में इंसेस्ट की बातें होती थी। पापा ही इंसेस्ट थे पर बुआ को भी सब पता था। तो आपको नही लगता के एक बार संस्कार छोरे जा सकते है अपनी प्यास के लिए। और मैं और निशा भी तो सगी ही हैं। हम तो सगी बिटिया हैं।
नूपुर: चलो रात तक पता करते हैं हम तीनो मिलके। और ये शक हो या न हो तुम दोनो को अभी शीला को बिगड़ना होगा किसी भी तरीके से क्यों ना हो मैं श्रद्धा से ये बात बुलवाती हूं। एक बार अगर ये सच हुआ तो आज तेरे बर्थडे पे तू अपनी पूरी फैमिली के सामने चुदेगी।
दिव्य: हां मम्मी। चलो अब चलते हैं वहां पे प्लान भी एक्जिक्यूट करना है।
अब नूपुर गाड़ी स्टार्ट कर के घर की ओर निकल जाती हैं और कुछ ही वक्त में तीनों घर पे होते हैं।​
 

abhayincest

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अब नूपुर सबको उनके घर पे छोर देती हैं और फिर दिव्या और निशा को लेके एक मॉल में जाती हैं और दोनो को एक एक अच्छी ड्रेस दिला के पहना देती हैं। क्युकी उसने श्रद्धा के साथ शिवम को घर भेजा होता हैं जिस वजह से घर के कपड़े दोनो नही पहन सकती हैं क्युकी स्कूल में नंगी आई होती हैं।​
अब आगे...
Update - 73b
अब नूपुर मॉल लेके जाती हैं दोनो को और उन दोनो को गाड़ी में छोर के जल्दी से जा के उन दोनो के लिए कुछ कपड़े ले आती हैं। अब दोनो लड़किया वो कपड़े पहन के तयार हो जाती हैं। इस वक्त दोनो ही लड़कियों ने इनरवियर नही पहने होते हैं। अब नूपुर गाड़ी स्टार्ट करती हैं घर निकलने को तो दिव्या नूपुर से बोलती हैं: मम्मी बुआ के साथ शीला भी आई हैं क्या?
नूपुर: हां मेरी जान वो भी आई हैं।
अब यहां पे एक बात बता दूं के दिव्या अपनी सिर्फ दो ही बहनों से जी जान से ज्यादा प्यार करती हैं। एक निशा और दूसरी शीला। निशा और शीला दिव्या को हुम्हेशा ही अपनी सगी बहनों जैसी लगती थी। निशा का शिवम की बेटी होना दिव्या के लगाव का एक जवाब तो था पर शीला के लिए लगाव का कारण उसको नही पता था। और निशा के बाद से ही उसको ये सवाल कभी कभी जेहन में अटकता था: क्या शीला भी मेरी सगी बहन है? आज दिव्या को इस जेहन के सवाल को नूपुर के सामने रखने का सब सही समय लग रहा था। तो वो इंतजार किए बिना पूछती हैं: मम्मी क्या शीला भी पापा की बेटी हैं?
नूपुर ये सवाल तुरंत हैरान हो जाती हैं और गाड़ी पे ब्रेक मार देती हैं और बोलती हैं: क्या बोला तुमने?
दिव्य: मम्मी कुछ तो हैं। मुझे लगता है शीला भी निशा की तरह ही पापा की बेटी हैं।
नूपुर: तुम्हे ऐसा क्यों लगता है?
दिव्य: मेरी सब cousins में सिर्फ निशा और शीला ही मेरी जैसी हैं और मेरे क्लोज हैं। कुछ तो है मम्मी?
अब नूपुर भी सोच में पड़ जाती हैं। तभी दिव्या पूछती हैं: मम्मी शीला के जन्म को लेके भी कुछ बात हैं न जो बचपन में होती थी?
नूपुर: हां बात तो है। असलियत में श्रद्धा का पति शीला को अपनी बेटी नही मानता हैं वो कहता हैं इसने किसी और का पाप जना हैं। क्युकी ये दोनो शादी के तुरंत बाद ही अलग हो गए थे।
दिव्य: तो उस हिसाब से कोई बुआ से सवाल नही करता के शीला कैसे पैदा हुई?
नूपुर: श्रद्धा का अपना तर्क हैं। वो कहती है के एक दिन उसका पति नशे में आया था उसके घर और उसके साथ बहुत जबरदस्ती की पूरी रात और इस वजह से शीला पैदा हुई।
दिव्य: जबरदस्ती हुई तो पैदा क्यों की। उनकी याद को रखा ही क्यों?
नूपुर: वो कहती हैं के बस एक सहारा चाहिए था तो वो शीला के रूप में मिल गया मुझे।
दिव्य: आपको कितना सच लगता हैं ये मम्मी?
नूपुर: सच बोलूं तो आज तक ये सब सच लगता था पर तुम्हारे सवाल से मैं भी सोच रही हूं के कुछ और भी हैं डाल में। क्युकी सच में वो इसके साथ जबरदस्ती नहीं कर सकता था। और साथ में अलग होने की वजह कही न कही उसका नपुंशक होना हो था। तो कैसे एक रात की जबरदस्ती में कोख भर गई।
दिव्य: अब अगर ये किसी और मर्द की होती बेटी तो वो अब तक तो पता चल चुका होता। तो शायद ये लड़की भी चोरी की हुई तो नही हैं मम्मी?
नूपुर: पर श्रद्धा सगी बहन है। प्राची तो साली थी तो उसका हो सकता था पर श्रद्धा तो बहुत संस्कारी है।
दिव्य: मम्मी एक बार अपने मुझे बताया था के पापा और बुआ में इंसेस्ट की बातें होती थी। पापा ही इंसेस्ट थे पर बुआ को भी सब पता था। तो आपको नही लगता के एक बार संस्कार छोरे जा सकते है अपनी प्यास के लिए। और मैं और निशा भी तो सगी ही हैं। हम तो सगी बिटिया हैं।
नूपुर: चलो रात तक पता करते हैं हम तीनो मिलके। और ये शक हो या न हो तुम दोनो को अभी शीला को बिगड़ना होगा किसी भी तरीके से क्यों ना हो मैं श्रद्धा से ये बात बुलवाती हूं। एक बार अगर ये सच हुआ तो आज तेरे बर्थडे पे तू अपनी पूरी फैमिली के सामने चुदेगी।
दिव्य: हां मम्मी। चलो अब चलते हैं वहां पे प्लान भी एक्जिक्यूट करना है।
अब नूपुर गाड़ी स्टार्ट कर के घर की ओर निकल जाती हैं और कुछ ही वक्त में तीनों घर पे होते हैं।​
Next part plz
 
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