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aajkal khat nahi whatsup me sms aate hai, video call ki bhi suvidha uplabdh hai ..Wanha mohobbat ka pura dariya hi baha diya jata hai lekin sharir ke kisi alag hisse se
aajkal khat nahi whatsup me sms aate hai, video call ki bhi suvidha uplabdh hai ..Wanha mohobbat ka pura dariya hi baha diya jata hai lekin sharir ke kisi alag hisse se
Greattt bro. Such a beautiful poetry.बुझा है दिल तो ग़मे-यार अब कहाँ तू भी।
मिसाले साया-ए-दीवार अब कहाँ तू भी।।
बजा कि चश्मे-तलब भी हुई तही कीस,
मगर है रौनक़े-बाज़ार अब कहाँ तू भी।।
हमें भी कारे-जहाँ ले गया है दूर बहुत,
रहा है दर-पए आज़ार अब कहाँ तू भी।।
हज़ार सूरतें आंखों में फिरती रहती हैं,
मेरी निगाह में हर बार अब कहाँ तू भी।।
उसी को अहद फ़रामोश क्यों कहें ऐ दिल,
रहा है इतना वफ़ादार अब कहाँ तू भी।।
मेरी गज़ल में कोई और कैसे दर आए,
सितम तो ये है कि ऐ यार अब कहाँ तू भी।।
जो तुझसे प्यार करे तेरी नफ़रतों के सबब,
‘फ़राज़’ ऐसा गुनहगार अब कहाँ तू भी।।
kabhi mohhbbat wali taklif se gujar kar b dekhiye, alag he sakun hain us takleef me bएक नफरत ही नहीं दुनिया में दर्द का सबब फ़राज़,
मोहब्बत भी सकूँ वालों को बड़ी तकलीफ़ देती है।।
itna b gussa kyu ho, waqt bitne do sajda khud kar logeगुज़र गया वो वक़्त जब तेरी हसरत थी मुझको;
अब खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करूँ..
itni beijjti mohbbat ki, itni buri b nahi hoti mohhbbatतुम भी कर के देख लो मोहब्बत किसी से;
जान जाओगे कि हम मुस्कुराना क्यों भूल गए।