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Beautiful poetry bro.ज़माने भर की निगाहों में जो खुदा सा लगे;
वो अजनबी है मगर मुझ को आशना सा लगे;
न जाने कब मेरी दुनिया में मुस्कुराएगा;
वो शख्स जो ख्वाबों में भी खफा सा लगे।
Greattt bro. Beautiful poetry.गम-ए-जिंदगी को इस कदर सँवार लेते हैं,
जाम होंठो से जिगर तक उतार लेते हैं;
तबाह होने की चाह में क्या-क्या करें हम,
एक रोग नया तेरे इश्क का आज़ार लेते हैं;
माना कि फांसलों से ही नजदीकीयाँ अपनी मगर,
दिल कहे, सुनेंगे कभी, एक दफा पुकार लेते है;
एक भी काम ना आया मशवरा तुझे भुलने का,
मगर, तेरी याद के लम्हें वक्त से बेशुमार लेते हैं;
ये मय ही तो हमदर्द , हमसफर मेरा अब साक़ी,
दर्द मिटाने को दवा कहा इश्क के बीमार लेते हैं!