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Serious *महफिल-ए-ग़ज़ल*

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TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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बहुत से लोग थे मेहमान मेरे घर लेकिन,
वो जानता था कि है एहतमाम किसके लिए।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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मशरूफ रहने का अंदाज़ तुम्हें तन्हा ना कर दे,
रिश्ते फुर्सत के नहीं तवज्जो के मोहताज़ होते हैं।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूँ मैं वो शख़्स नहीं,
वो शायर हूँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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ज़ख़्म खरीद लाया हूं बाज़ार-ए-इश्क़ से,
दिल ज़िद कर रहा था मुझे इश्क चाहिए।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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वो पत्थर कहाँ मिलता है बताना जरा ए दोस्त,
जिसे लोग दिल पर रखकर एक दूसरे को भूल जाते हैं।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं,
साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं।
 
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TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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हर नजर में मुमकिन नहीं है बे-गुनाह रहना,
वादा ये करें कि खुद की नजर में बेदाग रहें।
 

VIKRANT

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कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूँ मैं वो शख़्स नहीं,
वो शायर हूँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है।
Beautiful lines bro. :applause: :applause: :applause:
 
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TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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ख्वाब से निकल कर रूबरू मिला कीजिए।
पास रह कर अब यूॅ न फांसिला कीजिए।।

कोई चाहत कोई हसरत कोई आरज़ू क्या है,
हम बताऍगे नहीं आप खुद पता कीजिए।।

हमको भी कभी नसीब-ए-विसाले यार हो,
हुज़ूर हमारे वास्ते बस यही दुवा कीजिए।।

एक मुद्दत से मरीज़ ए इश्क़ हुए बैठे हैं हम,
थाम कर बाहों में इस दिल की दवा कीजिए।।

इस दर्द से हमें कोई गिला तो नहीं है मगर,
सौगात ए हिज्र अब और न अता कीजिए।।


__________शुभम कुमार
 
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