11:00 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने अपने आप को चाची के साथ चाची के कमरे में बिस्तर पर लिपटा हुआ पाया। सीधा उठकर देखा तो चाची संतुष्टि भरी मुस्कान लिए गहरी नींद में थी चाची पीठ के बल लेटी हुई थी और मैं करवट के बल अपनी एक जांग उसकी जांघों के ऊपर चढ़ा कर लेटा हुआ था मुझे चाची की भोली मुस्कान पर बहुत प्यार आया और मैंने नहीं चाहते हुए भी चाची की चुम्मी लेनी शुरू कर दी मेरे चुंबन से चाची की नींद खुल गई और उसने भी उठते हुए मेरे को गिरफ्त में लेकर अपना मुंह मेरी तरफ करके मुख चूमने में सहयोग देने लगी अब चाची ने मेरी और करवट ले ली अब हम दोनों लिप किसिंग व्यस्त हो गए और मेरे हाथों ने चाची के नितंबों को रगड़ना करना शुरू किया चाची भी मेरी पीठ को मसल रही थी मेरी लुल्ली बड़ी होकर चाची की जांघों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगी चाची ने भी अपनी जांघ को थोड़ा सा ऊपर ले आई ताकि पिंकी और पप्पू एक ही स्तर पर आपस में वार्तालाप कर सकें
मेरा पप्पू एकदम से बड़ा होने लगा तथा पिंकी खुशी के आंसू बरसने लगे उत्तेजना बढ़ती रही मैंने उसे अपनी और खींचा और खुद पीठ के बल लेट गया। चाची मेरे ऊपर आ गई थी । चाची ने अपने को थोड़ा सा उठाया और पिंकी को पप्पू के एकदम ऊपर करके पप्पू को पिंकी जी गिरफ्त में लेने लगी
पप्पू के पिंकी पिंकी में गहरा धंसते ही दुबारा से हमारी वासना की रेल शुरू हो गई थी और अभी कंट्रोल चाची के हाथ में था इसलिए वह पूरे जोश के साथ मेरे लिंग पर उछल कूद मचा रही थी धीरे धीरे चाची की योनि की पकड़ मेरे लिंग पर कश्ती गई और सांसे भारी होने लगी मेरा शरीर भी पूरे तनाव में आ गया और जैसे ही चाची के शरीर में कांपना शुरू किया मेरे लिंग में वीर्य के बरसात चाची की योनि में कर दी चाची एकदम मेरी छाती पर लेट गई और मैंने अपनी बाजू की गिरफ्त में चाची को घेरकर चुम्मियां लेनी शुरू कर दी।
कुछ देर बाद हमें होश आया हो जाने की वजह पेट में उछल कूद मचा रहे चूहे थे पेट में उछल कूद मचा रहे चूहों की वजह से हमें होश आया तो चाची का ध्यान मेरे पास चेहरे पर गया और बोली चल भूख लगी है खाना बनाती हूं तेरे लिए मैं बोला चाची नहीं आज सिर्फ चुदाई करेंगे दोपहर का खाना तो मां मेरे लिए बना गई है वही हम दोनों खा लेंगे। फटाफट चाची हमारे किचन में गई और खाना गर्म करके ले आई और अपने हाथों से मुझे खिलाने लगी मैंने भी चाची को अपने हाथों से खिलाया और खाना खाकर हम फिर फर्श पर ही ले गए। ठंडा फर्श बहुत सुकून दे रहा था साथ में दोनों के नंगे शरीर एक दूसरे को आकर्षित कर रहे थे चाची की छोटी-छोटी कमसिन चूचियां तथा पतली कमर मुझे अपनी स्कूल की लड़कियों की याद दिला रही थी और मेरे लिंग में फिर अकड़ना शुरू कर दिया और मेरे हाथों ने चाची की पिंकी सहलानी शुरू कर दी चाची फिर से सिसकारियां लेने लगी और मेरे से चिपकने लगी मेरे पप्पू को बस इतना ही इशारा काफी था मैंने चाची को पीठ के बल कर लिया और मिशनरी पोजिशन की बजाए चाची के घुटने उसकी छातियों से मिलाए तो चाची की चूत मेरे सामने खुल गई और मैंने अपना लिंग पूरी तरह से चाची की पिंकी में ठेल दिया मेरे पप्पू का एहसास पाकर चाची की पिंकी ने प्रेम बरसा शुरू कर दी और हम दोनों में घमासान गुत्थम गुत्था शुरू हो गई चाची नीचे से बहुत आनंदित महसूस कर रही थी और कामुक आवाज निकाल कर आहा और पेल चाची को !! कर अंदर तक!!! ले ले मजा पूरी तरह !!! खोल दे चाची की!!; कह कर मेरा जोश बढ़ा रही थी मैंने दुगने उत्साह के साथ चाची की पिंकी को बजाना शुरू कर दिया सुबह से हम तीन बार कर चुके थे इसलिए मैच लंबा खींच रहा था और दोनों पसीना पसीना हो गए ना मेरी स्पीड कम हो रही थी और ना चाची का उत्साह
घुटने चाची की छाती से मिलाकर चाची की पिंकी को बिल्कुल सामने करके अपने पप्पू से मिलवाने का यह मेरा पहला अवसर था और इसमें मेरा पप्पू बहुत गहराई तक पिंकी के अंदर जा रहा था चाची को बहुत संतुष्टि मिल रही थी और मेरे अंडकोष चाची के पिंकी के आसपास एक संगीत बजा रहे थे हर सुखद चीज का अंत होता है यह चुदाई के खेल में भी हमारा हमारे शरीर में लहू तेज गति से बहने लगा शरीर में कंपन आने लगा और मैंने एक झटके से अपना लिंग बाहर निकाल कर चाची के पेट और सूचियों पर बरसा दिया और उसी समय अपनी उंगलियां चाची की पिंकी में डालकर अंगूठे से उसके भरोसे को मसलने लगा चाची बिल्कुल मेरे से मिलकर दोहरी होने लगी और कुछ देर में शांत हो गई शांत होते ही चाची ने पैर सीधे किए और करवट के बल लेट गई मैंने भी चाची को आलिंगन में लिया और धीरे-धीरे हम दोनों फिर से नींद के आगोश में समा गए अगला अपडेट शाम की चाय तथा डिनर के समय हमारे मिलन का होगा सुबह से ना तो घर में सफाई की थी ना ही हम दोनों नहाते थे और खाना भी सुबह जो मां बना कर गई थी वही खा लिया था पेट से दो अंगुल नीचे वाले अंगों की शांति के सामने पेट तथा अन्य की किसी चीज का कोई महत्व नहीं होता