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Incest मां और मैं

Sangya

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जब चारों ओर निराशा का घना अंधेरा हो,
किसी की भी चूत का ना आसरा हो
लंड को केवल अपने हाथ का सहारा हो।
तब अपनी कल्पनाओं को लेकर विस्तार,
ख्यालों में मार लो करीना दीपिका और विद्या बालन की चूत लगातार।।

लंड का सच्चा साथी!
अपना हाथ!
किफायती!
हरदम तैयार!
रहे हमेशा आपके साथ!!
तुकबंदी कैसी लगी?
 

Sangya

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ताई ने बात जारी रखी
मां: मेरे बेटा क्या पिएगा
विशाल: दूध पीना है
मां: और क्या करेगा
बेटा : बुबु के साथ खेलूंगा
मां: और मेरा बेटा क्या करेगा
बेटा: बूबू को दबा लूंगा
मां: और मेरा बेटा
विशाल: दुद्दू को काटी काटी करूंगा, मम्मी के बुबु काटी काटी करूंगा मम्मी के बुबु दबा दबा कर दूध पी लूंगा
मां: शाबाश बेटा कहते हुए मां ने बेटे का लंड पकड़कर उमेठ दिया
ताई: बेटा, तूने मां का तंदूर देखा है
विशाल: नहीं मां, आप का तंदूर नहीं देखा आपके सिर्फ बुबु और पाव देखे हैं बड़े-बड़े से
मां तो: अरे बेटा, मेरे प्यारे बेटे ने मां का तंदूर नहीं देखा, हमेशा गर्मी रहती है, जिसमें से मम्मी का लाड प्यार निकलता है ।
विशाल ने प्रश्नवाचक निगाहों से मां को देखा तो ताई ने विशाल का हाथ पकड़कर पेटिकोट के ऊपर से अपनी योनि पर रख दिया और अपने हाथों में विशाल के हाथों को दबाकर अपनी योनि पर रगड़ने लगी विशाल : मम्मी यह तो तुम्हारी पार्किंग है इसमें तो पापा अपना ट्रक खड़ा करते थे ताई : तो मेरे बेटे ने पापा का ट्रक मम्मी की गैराज में आते जाते देखा है
विशाल: हां मम्मी कई बार
ताई: फिर मेरा बेटा क्या करता था, अपनी उस समय की छोटी सी साइकिल को मम्मी के गेराज में रखना चाहता था
विशाल : हां मम्मी, मेरा बहुत मन था कि मैं अपनी साइकिल भी तुम्हारे गेराज में रख दूं ताई: बेटा यह गैराज ट्रक के लिए है साइकिल रखने से तो गैराज को भी पता नहीं चलता और साइकिल का भी कुछ पता नहीं चलता
विशाल : तो मैं क्या करता मम्मी
ताई :वही बेटा अपने हाथों से मेहनत करके साइकिल को पहले कार बनाया, तूने अपनी साइकिल को रगड़ रगड़ कर तूने पहले कार बना दिया और जब यह ट्रक बन गई तो मैंने तेरे लिए रश्मि नाम की गैराज ला कर दी थी
विशाल: पर मम्मी वहां पर तो रश्मि के भाई का ट्रक खड़ा था
मां : रश्मि के भाई के ट्रक को वहां निकलवा देता जैसे तूने सोचा था कि है पापा के ट्रक से मां की गेराज खाली होगी तो मां के गेराज अपना ट्रक घुसा देगा
विशाल: मम्मी , रश्मि के गैराज को उसके भाई के ट्रक की आदत हो गई थी उसका भाई सारा दिन ट्रक अंदर बाहर ही घूमाता रहता है। अभी भी रश्मि अपने घर में है और दोनों भाई बहन खूब से ट्रक और गैराज का इस्तेमाल कर रहे होंगे मां
ताई बोली हां बेटा पर मुझे लगता था जैसे तू छुप छुप कर मेरे को अपने पापा को देखा था और कभी आते जाते मेरे दोनों पाव के बीच की दरार में अपनी छुरी जैसी लुल्ली से मक्खन लगाने का प्रयास करता था
विशाल: मां
ताई ने विशाल का पजामा नीचे किया और बोली मेरे बेटे का ट्रक तो तेरा बहुत जोरदार लगता है पर इस मुसल को ओखली कूदने की टूटने की इतनी आदत क्यों नहीं पड़ी
विशाल मां आपने मौका ही नहीं दिया मां भेजिए जब तेरा बापू कभी-कभी ओखली को साइड में रख देता था अपना मुंह से लेकर दाएं बाएं होता था तो तू ट्राई कर लेता मां बाप की चुदाई को तो बहुत ध्यान से देखता था
विशाल जी आपको पता था मैं आपको देखता हूं आप और पापा की चुदाई देखता हूं
ताई: मां को सब पता होता है, मुझे पता है बेटा! मेरी पावरोटी के बीच में अपना लौड़ा रखकर इतनी बार तू मेरे पीछे सोया है। बाथरूम में मेरी कच्छी और ब्रा के बीच में कितनी बार तुने मुठ मारी है? कभी सारा दिन कैसे ललचाई निगाहों से मेरे दूध की थैलियां देखकर गर्म होता है
यह सब मां को पता है और मैं इंतजार करती है कि कब मेरा बेटा आकर मुझे सिड्यूस करेगा पटाएगा इसीलिए मां बेटे से फ्लर्ट करती रहती है
कभी पल्लू नीचे गिराती है, कभी मालिश करवाती है, अक्सर जवान बेटे के सामने कपड़े बदलती है और कभी आते जाते, कभी टी वी देखने के समय अपने नितंब बेटे के लिंग पर रगड़ देती है
विशाल बेटा समझ भी जाता है पर मां के डर से आगे बढ़ने में संकोच करता है
ताई यह भी एक कला होती है मां की इच्छा को जानकर आधा-आधा कदम बढ़ा कर मां की चूत में अपना लौड़ा डालने की कला कुछ ही बच्चों को आती है और मां जब देखती है कि बेटा मां को चोदने की दहलीज पर आ गया है तब बिना किसी हिल हवाले के बहुत खुशी से अपनी चूत बेटे के हवाले करती है ।
विशाल भैया बोले: मां, मैं तो हमेशा से तुम्हारे दूध मोटे मोटे दूध गहरी नाभि और थिरकते चूतड़ को देखकर अपने खड़े हुए लंड को हाथों से शांत करता था
कभी तुम्हारी पेंटी या ब्रा मिल जाती थी तो उसमें तुम्हारी खुशबू को महसूस करते हुए लंड को पैंटी में तुम्हारी योनी की गर्मी को लेकर को शांत करता था
ताई बेटा तूने सोचते सोचते ही कितने साल निकाल दिए जबकि मां अपनी चूत तेरे को देने को तैयार थी पर तू मां को पटाकर अपने लंड से मां की चूत नहीं चोद पाया। आज भी अब सफाई देने में लगा हुआ है, मां इतनी गरम है और इतना अच्छा भी मत बना कर।
मेरे बेटे औरत चाहती है कि मर्द उसे पटाए उसकी तारीफ करें और अपने हौसले प्यार और अधिकार से उसे हासिल करे
औरत चाहे मां हो, पत्नी हो या बहन हो, समझ ले बेटा
विशाल ने बात समझी और मां को चूमने लगा मेरी मां प्यारी मां मैं समझ ही नहीं पाया रश्मि से भी मैं उम्मीद रखता था कि वह मेरे मोटे लोड़े की ताकत को समझ कर भाई को भूल कर अपनी गुफा में मेरे शेर का अधिकार मान लेगी
 

Sangya

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ताई ने पूरी बात बताई


ताई वही तो तेरी गलती रही बेटा पर अभी सुधर सकती है सीख ले कैसे औरत को पटाते हैं कैसे मां और बहन को धीरे-धीरे कदम बढ़ा कर फ्लर्ट करके चोदने के कगार पर लाते हैं और कैसे बीवी के चूत पर अपने अधिकार को अपना झंडा गाड़ कर अपनी ताकत से औरत सील बंद करते हैं कि वह सबसे ज्यादा तुम्हें चाहे तुम्हारी ही लोड़े को अपनी योनि में रखने की आदत डाल ले।
विशाल बोला: परंतु मां अगर ऐसा हुआ तो औरत और आदमी हमेशा एक ही खूंटे से बंधे रहेंगे
ताई बोली बेटा वह एक ही खूंटे में बंधने की स्थिति आदर्श स्थिति होती है, हर इंसान को कुछ परिवर्तन चाहिए इसलिए प्रेमी प्रेमिका, देवर भाभी, मां बेटे, भाई बहन, चाची भतीजा मामी भांजा का प्यार भी प्रचलित है सिर्फ ध्यान रखना होता है कि परिवर्तन के चक्कर में अपने पति या पत्नी के शरीर की भूख अधूरा ना छोड़ा जाए अगर पति या पत्नी को प्यासा छोड़ देते हैं तो गृहस्थी नहीं टिकती
पहले तुम अपने अधिकार वाली चूत मिलते ही औरत मिलते ही उसके मन और शरीर पर छा जाओ और अगर कोई स्त्री या पुरुष तुम्हारे जीवन साथी के दिमाग पर छाया हुआ है तो अपनी ताकत अपने अठखेलियां रोमांस फ्लर्ट सेक्स अपील से अपना प्रभाव बढ़ा लो
फिर देखो घर के खाने का भी मजा और परिवर्तन कर दी
विशाल यह सुनते सुनते जोश में आकर अपनी मां की होंठ चूमने लगा था अपनी जीभ से विशाल भैया ने बेदर्दी से ताई के गाल को चाट चाट कर लाल कर दिया था
ताई बोली शाबाश मेरे बेटा ऐसे ही सीख मां पर प्रयोग करके औरत को वश में करना सीख फिर थोड़े समय बाद रश्मि को लाकर उसे इस तरह से पेल कि उसकी गैराज उसके अपने भाई का ट्रक पुराना लगने लगे
शाबाश मेरे बेटा बात करते-करते ही ताई ने अपना पेटिकोट नीचे सरका कर अपने नितंब और योनि को नंगा कर लिया था
विशाल का पजामा ताई पहले ही उतार चुकी थी अब दोनों मां बेटा बिल्कुल नंगे एक दूसरे के साथ एक ही बिस्तर में लेटे हुए अपने अपने शरीर को दूसरे से रगड़ रहे थे
आगे की कहानी ताई के शब्दों में:
पुष्पा क्या बताऊं मुझे अंदाजा नहीं था कि विशाल इतना सीधा है, वह तो जब मेरी चूचियां देठता था, कभी मुझे झुकते हुए देखकर मेरे दूध को देखकर मुझे चोदने की निगाहों से देखता था या आते जाते मेरे नितंबों और मम्मों को रगड़ देता था तो मुझे लगता था कि मौका मिलते ही विशाल मुझे पेल देगा पर लड़का तो बहुत शरीफ है
ताई आगे बोली: इतना भी शरीफ क्या कि अपने पत्नी के दिमाग से उसके भाई का नशा ना उतार पाए
मैं तो तभी हैरान हो गई थी जब बहू विशाल के सामने अपने भाई से चुदाई की तुलना कर रही थी पर मैं इंतजार कर रही थी कि विशाल संभाल लेगा
मैं भी बहुत आग में जली हूं और तू भी पुष्पा जब हमारे पति मौका मिलते ही अपनी मां को ठोक बजा देते थे ताकि मां संतोष रहे तो हमें पता होने के बाद भी हम चुप रहते हैं और जब कभी मां को चोदने के बाद हमारे पति सीधा हमारी हमारे ऊपर आकर चढ़ जाते थे तो हमें एक खुशी मिलती थी की मां को की जरूरत हो तो पूरा करना बेटे का फर्ज है पर हमारे फुद्दू पति मां की जरूरत के साथ साथ पत्नी के पालन में भी कोई कसर नहीं छोड़ते हैं
ताई आगे बोली: पुष्पा पूरी तरह से मां की सेवा करके आए और उसी रात में जब हमारे पति अपने ताकतवर मुसल से हमारी पिलाई करते थे दो तूने मेरी और मैंने तेरी कसमसाहट कामुक आवाजें बहुत सुनी है
मुझे विशाल से भी ऐसी ही उम्मीद थी कि वह पत्नी को अच्छे से पेल देगा हां मैंने विशाल को कभी अपनी पिच पर खेलने नहीं दिया पर विशाल को अपने शरीर पर लुभाती रही थी
मां बोली थी भाभी मुझे भी बहुत अच्छा लगता था जब जेठ जी तुम्हारी और शंभू मेरी चूत का बाजा बजाते थे
जेठजी तो इतनी जोर से तुम्हें चोदते थे कि पूरे घर में आवाजें आती थी
तुम्हें बताया तो था एक बार तुम्हारी आवाज में सुनकर मां भी तुम्हारे दरवाजे पर खड़ी होकर अपनी बुर में उंगली कर रही थी जबकि वह आधा घंटा पहले ही जेठ जी से पानी निकलवा कर हटी थी
ठीक कहती है पुष्पा: इनका तो डंडा इतनी गहराई में जाकर मेरे जाले साफ करता था कि मुझे कुछ और सोचने की जरूरत ही नहीं पड़ी खैर जितना नसीब मीठा उतना उनका साथ मिला
विशाल उस रात मेरे साथ छेड़खानी करता रहा मेरी तरफ से हरी बत्ती का इशारा पाकर मैं खुलकर खेलना चाहता था पर उसे चुदाई की बहुत ज्यादा आदत नहीं थी इसलिए मैंने उसे और तरसाने का निर्णय किया ताकि विशाल बोल्ड बन सके थोड़ा ज्यादा और ताकत से स्त्री के शरीर और मन को जीतने का प्रयास करे
इसलिए मैंने अपने हाथ से उसके लोड़े को जोर जोर से मसलती रहे कुछ ही देर में विशाल का शरीर कांपने लगा था और उसकी सांस बहुत तेज हो रही थी
विशाल बोला मम्मी जी मम्मी जी मैं निकल रहा हूं मेरा निकल रहा है मम्मी जी मुझे संभालो
विशाल ने मेरे को जोर से पूरी ताकत से अपनी बाहों में जकड़ लिया और मैंने अपनी उंगलियों के जादू से विशाल के लिंग को चरम तक पहुंचाना जारी रखा
पुष्पा क्या बताऊं विशाल के लोड़े से वीर्य की लंबी लंबी धारा निकलने लगी मेरा सारा पेट मेरे मम्मे और गले तक भी वीर्य फैल गया इतनी तेज और चाहत इकट्ठा हो गई थी मेरे विशाल के लौड़े में कि वीर्य स्खलन के बाद भी विशाल मुझे चूमता चाटता रहा फिर थोड़ा नीचे होकर मेरे दूध पीने लगा
अपने हाथ से मेरी योनि को रगड़ने लगा मेरी योनि बहुत ज्यादा गीली हो चुकी थी विशाल की उंगलियां मेरी गुफा में ऐसे अंदर बाहर हो रही थी जैसे पार्किंग में स्कूटर अंदर बाहर आ जा रहे हैं मुझे भी बहुत अग्नि का ताप चढ़ गया था पर मैं विशाल को स्त्री पटाने के गुण सिखाना चाहती थी इसलिए मैंने विशाल के लोड़े को अपनी चूत के पास फटकने नहीं दिया बल्कि हाथ से मसल मसल कर दुबारा खड़ा करने लगी जब विशाल का लंड बुरी तरह से तन गया और विशाल मेरी नाभि में अपनी जीभ डालकर मेरे शहद को चाट रहा था,
विशाल के हाथ मेरे नितंबों और योनि को चला रहे थे विशाल ने हाथ से मेरी टांगें खोलकर टांगों के बीच में आने का प्रयास किया तो मैंने बोला बेटा आज मैंने थक गई है अभी बुबू पीकर सो जा विशाल बोला मेरी मां इतनी सुंदर है इतनी प्यारी है मुझे अपनी मां को सेवा का मौका तो दे
मैं बोली : आज नहीं बेटा कल, यह कहकर बहुत कंट्रोल रखते हुए मैंने अपनी योनि को विशाल के लिंग से दूर रखा
ताकि अगले दिन मैं देखूं कि विशाल कितने अच्छे से मेरी बताएं बताई बातें समझ पा रहा है
हमारी नंगे होकर इकट्ठे सोने की पहली रात हस्तमैथुन रुक गई विशाल सो गया तो मैंने बाथरूम में जाकर विशाल का लंड सोचकर मैंने अपनी उंगलियों से अपनी कामाग्नि शांत की
 

Sangya

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आगे अगले दिन का किस्सा ताई की जुबानी



अगले दिन मैंने घर में सिर्फ एक मैक्सी पेटीकोट ब्लाउज ही पहना और सुबह देर से उठकर अपने और विशाल के लिए चाय बनाई और विश्व अपने ब्लाउज पर थोड़ा पानी छिड़ककर विशाल के को उठाने लगी विशाल अलसाया सा उठा तो उसके सामने मेरे भीगे हुए ब्लाउज में से छलकते हुए मोटे मोटे मम्मे दूर दिख रहे थे
मैंने विशाल के ऊपर झुकते हुए उसे अपनी क्लीवेज दिखाइऔर लगभग उसकी छाती पर अपने बूब्स दबाते हुए उसके गाल पर एक पप्पी ली और बोली बेटा किसके सपनों में खोया है
विशाल ने समझदारी से काम लेते हुए मेरे को अपनी बाहों में जकड़ लिया और मेरे होठों को चूमते हुए बोला आखिरी मां के शहतूती रसीले होठों को चूसने का मन है मैंने बोला कौन से वाले होंठ
विशाल मेरी ठरको समझ गया और बोला मां अभी तो ऊपर वाले होंठ दिख रहे हैं पर तेरा बेटा मेहनत करके आज ही तेरे नीचे वाले होठों को भी इनाम में चूस लेगा कहकर विशाल ने अपने हाथ थोड़ा नीचे किए और मेरे पैरों को उठाकर उसने मेरे शरीर को अपने ऊपर लेटा लिया
मैं बोली बेटा पहले चाय पी ले विशाल
मेरे चूतड़ मचलता हुआ बोला आज पहले मां का रस पियूंगा
मैंने बोला आज बेटे को बहुत मस्ती चढ़ी है
विशाल बोला मां, लड़कियों को बस में करने के तरीके जो तूने रात को सिखाए है तवह पहले बताती तो आज मेरे नीचे रश्मि होती और ऊपर तू होती
हम तीनों गुत्थम गुत्था होकर स्वर्ग का आनंद ले रहे होते
मैं बोली बेटा रश्मि को नीचे करता तो हम दोनों के वजन से उसकी मौसमी जैसी चूचियां दबकर फूट सकती हैं मैं नीचे लेट लूंगी तू मेरे ऊपर और रश्मि तेरे ऊपर सभी तीनों आनंद से चुदाई ले पाएंगे चूत लंड और मम्मों का मजा ले पाएंगे
मैंने महसूस किया कि विशाल का लंड पेटीकोट के ऊपर से मेरी योनि को रगड़ रहा है
मैंने अपना हाथ दोनों के बीच में करके विशाल के मोटे मुसल को अपनी योनि पर रगड़ने लगी
विशाल ने अपने हाथों से मेरा पेटीकोट कर दिया और मेरे बिल्कुल नंगे हो गए और विशाल के हाथ से हाथ मेरे नितंबों की दरार को पर फिसलते हुए मेरी योनि तक पहुंच गए मैं सिसकने लगी
विशाल ने मेरे होठों को अपने होंठों में दबा लिया और जोर जोर से चूसने लगा मेरी प्यारी मां मेरी मां
मेरी चुदक्ड़ मां : तूने पहले क्यों नहीं बताया, मैं बोली बेटा मुझे लगता था कि तू मुझे बचपन से मुठमार कर एक्सपर्ट हो गया है जैसे हर समय तू अपनी मां के शरीर को ताड़ता रहता है और अपनी बहन की कच्छियां अपने कमरे में ले जाकर उन पर लंड रगड़ता था तो मैं सोचा कि अगर मां को चोदने की इच्छा तेरे मन में है तो तू मां को पकड़ के रगड़ ही देगा मैंने तो तेरे मन को समझते हुए हमेशा ही खुला इशारा सहमति देती रहती थी
आ जा, मुझे चोदना चाहता है तो चोद ले पर तू हमेशा ही डरता रहा
विशाल मचल कर बोला मां मैं हिचकता नहीं था, डरता था
मैं : अबे भोसड़ी के, मां के ग्रीन सिग्नल के बाद भी डरता रहा और बीवी ने जब खुलकर तेरा लंड* मांगा तभी भी डरता रहा उठा अपना मुसल, उठा अपना डंडा और ठोक दे अपनी जन्मभूमि में और जब भी भी सामने हो तो अपना मुसल बीबी की ओखली में डालकर उसे सांस लेने मत देना इतना पेलना इतना पेलना की बीवी भाई का लौड़ा भूलकर तेरे लोड़े की माला जपने लगे‌
 
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Monty853

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Bhai aap bura na mane ye samaj kar likh raha hu
Kahani app ki thik hai aur containt bhi accha hai lekin agar aap update chahe 2 din me 1 bhi diya to chalega lekin thoda bada de sakte hai to dekh lijiye nahi to kahani to waise bhi chal hi rahi hai
Thanx
 
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Sangya

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Bhai aap bura na mane ye samaj kar likh raha hu
Kahani app ki thik hai aur containt bhi accha hai lekin agar aap update chahe 2 din me 1 bhi diya to chalega lekin thoda bada de sakte hai to dekh lijiye nahi to kahani to waise bhi chal hi rahi hai
Thanx
आपकी सलाह सर माथे
पूरी कोशिश से एक संभोग की कथा एक ही बार में लिखने का पूरा प्रयास रहेगा..
 
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Sangya

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ताई ने कहना जारी रखा

विशाल एक हाथ से मेरी चूत रगड़ रहा था और दूसरे हाथ से मेरे मम्मे मसल रहा था विशाल का जोर से चूची और चूत रगड़ना मुझे अच्छा लग रहा था और मैं टांगें खोलकर विशाल का मोटा लौड़ा अपनी योनि में डलवाना डलवाने को राजी हो गई थी विशाल का सुबह का खड़ा लोड़ा मुझे बहुत आकर्षित कर रहा था

पर मैंने फिर भी खेल को लंबा खेलने का इरादा बनाया और विशाल के लोड़े को अपने हाथ से पकड़ कर धीरे से चलाने लगी

वाह मेरे चुदक्कड़ बेटे आज पहले दिन ही सबक याद कर लिया है

विशाल की आंखों में लाल डोरे तैरने लगे थे बोला मम्मी अभी हाथ से नहीं अपनी गुफा में डलवा कर जाले साफ करवा ले

मैंने बोला नहीं बेटा पहले नहा लेते हैं साफ-सुथरे होकर एक दूसरे को चाटने का मजा आएगा पहले मुख-मैथुन करेंगे

उसके बाद पति पत्नी वाला असली प्यार मैं अपने बेटे को दो-तीन दिन में ही इतना एक परफेक्ट कर दूंगी कि तेरी बीवी तेरे डंडे के अलावा कुछ सोच भी नहीं पाएगी

अपनी बीवी को याद करके करते हुए विशाल के लोड़े में हलचल हुई और उसने कसकर मेरे को जकड़ लिया और होंठ चूसते -चूसते उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी

इस बीच विशाल ने मेरे ब्लाउज के बटन खोल दिए गीला ब्लाउज तो वैसे भी ना के बराबर ही था अब नंगे निप्पल विशाल की छाती से मैं करंट भर रहे थे

विशाल ने दोनों हाथ ऊपर करके मम्मों को दबाया और बोला मां दूध पिला दे और दोबारा हमारे होंठ चिपक गए

विशाल ने अपनी उंगली और अंगूठे से मेरे निप्पल की कुंडलियां मरोड़ता रहा और मेरे किशमिश जैसे निप्पल छुआरे से भी बड़े हो गए

विशाल नीचे होकर मैं इशारा किया तो मैं बैठ गई

विशाल मेरी गोदी में लेटकर चुसक- चुसक कर मेरा दूध पीने लगा

मेरे बिना दूध वाले मम्मों की भरपूर चुसाई से मेरे शरीर में भी करंट दौड़ रहा था मैंने विशाल का पजामा उतार दिया और उसके लोड़े को जोर-जोर से अपनी मुट्ठी में हिलाने लगी

विशाल मेरी गोदी में लेटकर बारी-बारी से दोनों मम्मे चूस और मसल रहा था

हम दोनों मां-बेटे को जैसे दुनिया का सबसे बड़ा आनंद मिल रहा था

विशाल विशाल दूध पीते पीते बोला मम्मी दूध पी रहा हूं अब अमृत भी पिला दे।

मैंने बोला तू अमृत पीना चाहता है और मैं तेरे गन्ने का रस निचोड़ना चाहती हूं। सुनते ही विशाल सीधा हो गया और मैंने पलटी मार कर विशाल के लोड़े को अपने मुंह में भर लिया विशाल ने भी मेरे अपनी उंगली से मेरी चूत को फैलाते हुए अपनी जीभ मेरी योनि में डाल दी

मेरे सब्र का बांध टूट रहा था मेरे प्यारे बेटे मैं मुंह में लौड़ा होने के कारण गनगना रही थी और विशाल मेरी चूत को चुसकते हुए मजे ले रहा था कुछ ही देर में हम दोनों झड़ गए

विशाल मेरे ऊपर लेटा रहा और मेरे दूध दूब और नितंबों को मचलता रहा अपनी झील मेरी नाभि में घुमाता रहा मुझे लगा कि मैं फिर से गर्म हो जाऊंगी और विशाल का लोड़ा भी कुछ हरकत करने लगा था मैं मैं विशाल के लोड़े को अपनी चूत में पूरी ताकत से महसूस करना चाहती थी इसलिए मैंने विशाल से दोपहर के मजे लेने के लिए ताकत बचाए रखने के लिए उठ गई और विशाल के आधे खड़े लोड़े को खींच कर बोली आजा बेटा पहले नहा ले

फिर नाश्ता में भैंस का दूध पीना उसके बाद फिर से मम्मी तुझे अपना दूध पिलाएगी विशाल भोलेपन से बोला मम्मी मैंने तेरा अमृत पी लिया है मुझे तो अभी कुछ भूख नहीं है

मैं बोली मैंने भी तो तेरे गन्ने का रस निचोड़ कर किया है पर मुझे भूख लग रही है चल उठ नहा ले

विशाल अलसाया सा लेटा रहा और मैं नंगी ही रसोई में जाकर दोबारा चाय बनाने लगी

चाय लेकर आई तब तक तब भी विशाल लेटा हुआ था मैंने बिस्तर पर बैठ गई और विशाल को अपनी छाती के सहारे बिठा दिया हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और एक दूसरे की गर्मी को महसूस करते हुए हमने चाय पी और उसके बाद उठकर मैं और विशाल बारी-बारी से नहा लिए।



नहाने के बाद भी हम दोनों ने कपड़े नहीं पहने थे मैं जब मैक्सी पहने लगी तो विशाल बोला मां आज हम नंगा दिवस मनाते हैं
मैं बोली यह क्या होता है
विशाल बोला जिसमें स्त्री पुरुष पूरा दिन बिल्कुल नंगे रहते हैं और जब जैसे भी चाहे जब मन करें जिस में छेद में मन करे डालकर संतुष्ट हो जाते हैं
मैंने विशाल के नितंबों पर चपत मारी और बोली ज्यादा तेज मत बन तेरी मां हूं संभोग तो सिर्फ तुझे तेरे जन्म स्थान पर ही करने दूंगी



विशाल बोला रश्मि तो अपने भाई से सब छेद पिलवा चुकी है

मैं : वह भाई बहन है तू भी अपनी बहन को पटा लेगा तो सारे छेद में अपना मूसल भर देना

शादी के बाद मेरी बेटी भी बहुत चुदकड़ हो गई लगती है

अच्छा सच बता उसकी शादी से पहले क्या कभी तुम दोनों ने इक्ट्ठे अपने मां-बाप को चुदाई करते देखा था या दीदी को मम्मी पापा की चुदाई करते देखा या महसूस किया था

मैं बोला नहीं मां इकट्ठे तो कभी नहीं देखा पर कभी-कभी मुझे लगता था कि वह अपने कमरे से तुम्हारी चुदाई की आवाजें सुनकर अपनी चूत में बैंगन चला रही है पर दीदी की चूत छोड़ो

मुझे मादरचोद ही बनने दो उसके बाद बीवी की चूत टाइट करने के बाद दीदी की चुदाई के बारे में सोच लूंगा

मां बेटी की चूत एक सी ही होती है तुम्हारी मार ली तो समझो समझूंगा की दीदी की भी मार ली

बहनचोद, मां क्या कम है ? जो जरा सा उकसाने पर दीदी की गांड और मम्मों के सपने देखने लगा है! मैं हंसने लगी !!

विशाल भी हंसते हुए बोला देखेंगे मां, तुम ट्रेनिंग दे दो और कुछ दिन बाद देखना जब तुम चिल्ला चिल्ला कर दूसरे छेद में भी बेटे का झंडा गाड़ने को बोलोगी

मैंने विशाल की नाक पकड़ कर दवाई और बोली ज्यादा इधर-उधर मत झांक सिर्फ मातृभूमि पर ध्यान दें और उसके बाद अपनी कर्मभूमि लाकर अच्छे से जुताई करना

मै नंगी ही पूरे घर में घूम फिर रही थी मेरे भारी-भरकम बूब्स काम करते हुए हिलडुल रहे थे मैंने विशाल से बोला मैं झाड़ू लगा देती हूं तू पौंछा कर दे

विशाल मान गया मैं झाड़ू लगाने के लिए झुकती थी तो विशाल मेरे से पीछे से आकर चिपक कर अपना लौड़ा मेरे नितंबों के बीच में लगा देता था और अपने हाथ से मेरे बूब्स पर चलने लगते

मेरे हिलते हुए बूब्स देखकर उसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने बोला बेटा ऐसे तो कोई काम नहीं होगा
विशाल बोला मां काम को छोड़ो मुझे मां चोदने दो

मैंने हथियार डाल दिए और हमने कमरे में जाकर बिस्तर की चादर झाड़ी और एक दूसरे को आलिंगन में ले कर बिस्तर पर गिर गए फिर हमारा धमाकेदार जुदाई का दौर हुआ कि मेरे कई सालों के अरमान निकल गए विशाल ने भी इतना हुमक हुमक कर मेरे को चोदा कि उसके वीर्य की भी लंबी लंबी धार निकल कर मेरी योनि में भर गई।

उस दिन के बाद से विशाल मुझे लगभग हर रोज चोद देता है विशाल ने चुदाई के सारे आसन सीख लिए हैं और इस बीच में दो बार जाकर अपनी बीवी को भी मिल आया है

मुझे लगता है मौका देख कर विशाल अपनी बीवी को इतना पेलेगा इतना पेलेगा की उसकी बीवी अपने भाई का लोड़ा भूलकर विशाल पूरी तरह से विशाल के लंड के नीचे आ जाएगी

मां बोली :भाभी, रश्मि के आने के बाद तो तुम्हारे को मुश्किल होगी, तुम फिर से अपने बेटे के डंडे से, अपने बेटे के प्यार से वंचित हो जाओगी

ताई हंस कर बोली ऐसा कुछ नहीं होगा।

जब मेरा बेटा अपनी बीवी को उसके भाई से चुदने की अनुमति देगा तो क्या उसकी बीवी विशाल को मना करेगी की मां को नहीं चोदो

मेरी भी जरूरत है मेरे शरीर की भी जरूरत है यह रश्मि को समझ आ गया होगा और जब रश्मि सुनेगी थी विशाल को चुदाई में मैंने टरेंड किया है तो वह खुशी से विशाल का लोड़ा और प्यार मेरे से बांट लेगी।

मुझे लोड़ा चाहिए भी कितना? कभी कबार और मुझे इतना तो ख्याल रहेगा कि विशाल पहले अपनी बीवी की चूत भर दे उसके बाद ही मां की चूत में अपना लोड़ा घुसाए

ताई की कहानी सुनते सुनते मेरे लोड़े में तनाव आ गया था मां भी समझ रही थी कि मैं सोने की एक्टिंग कर रहा हूं और मैंने ताई और विशाल का सारा चुदाईखाना समझ लिया है
 
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