मां और रचना की धमाधम मस्त चुदाई करने के बाद नया संतुष्ट होकर अपने-अपने पार्टनर यानी कि मैं अपनी नहीं अलमाई गदराए शरीर वाली सुंदर मां और दिनेश अपनी कमसिन पतले शरीर और छोटे-छोटे मम्मों वाली कुंवारी रचना बहन की बाहों में लिपटकर पड़े रहे हम चारों में से किसी को न तो खाने की होश थी और ना ही जाने के प्लान की चिंता, खिड़की से आती फड़फड़ाती हुई समंदर की हवा हमारे शरीर को सहला रही थी
मेरा लंड छुआरा बना हुआ टट्टों के ऊपर टिका हुआ था और मां का हाथ मेरे लिंग को सहला रहा था मेरा हाथ मां के मम्मों के ऊपर आराम से रखा हुआ था मां के निप्पल भी सिकुड़ कर अंगूर जैसे बने हुए थे मैं मां के साइड में लेटा हुआ मां के शरीर को महसूस कर रहा था पर दिनेश पीठ के बल लेटी बहन की टांगों के बीच में औंधा पड़ा उसकी छाती ढक रहा था जिससे मुझे रचना की सुंदरता पूरी तरह नहीं दिख रही थी
अचानक ही मेरी निगाहें रचना की खुली आंखों से मिली रचना ने मुझे जागते पाकर खूबसूरती से इशारा किया कि वह अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट को हुई है| एक भरपूर मस्त चुदाई के बाद का एहसास मेरे शरीर में भी दौड़ रहा था मैंने फिर रचना को देखकर उसे चुंबन का इशारा दिया
कुछ ही देर में दिनेश व मां भी उठ गए अब वासना का भूत उतरने के बाद सभी एक दूसरे को नंगा देखकर अजीब महसूस कर रहे थे तो औरतों ने जल्दी से ढूंढ कर अपने अपने ऊपर मैक्सी ओढ़ ली और मां मेरे को बोली मेरे बच्चे अब तू थोड़ा बड़ा हो गया है रचना बहन के सामने पजामा नहीं तो कम से कम कच्छा ही पहन कर अपने डंडे को ढक ले
दिनेश ने मां का इशारा समझा और कच्छा पहन लिया मैंने भी अपना वी शेप का अंडरवियर पहनकर मां को तसल्ली दी कि मेरा लौड़ा सिर्फ मां की चूत को ही देखकर सलामी देगा रचना की योनि की चिकनाहट में नहीं फिसलेगा
हमारा लाया खाना ठंडा होकर एक तरफ रखा था मैंने सब से पूछा कि खाना है तो मां मैं बोला कि मुझे बहुत तेज भूख लगी है पहले भी मैं खाना खाने लगी थी तो तुमने अपना कार्यक्रम चला दिया और मैं भी तुम्हारे साथ चोदम चोदी के खेल में शामिल होकर खाना भूल गई
रचना ने मां का साथ देते हुए कहा कि भूख से तो मेरी जान निकली जा रही है
मैं बोला : दो दो भाइयों का लोड़ा खाकर भी तेरी भूख शांत नहीं हुई
मां ने मुझे रोकते हुए बोला क्यों बेचारी को छेड़ रहा है इसमें कोई अलग से ही थोड़े ना लौड़े खाए हैं तेरी मां ने भी तो दो बार अपने नीचे के होठों में लौड़ा खाया है ।
रचना ने मेरा पक्ष लेते हुए कहा कि दिनेश ठीक कहते हैं मैंने तो 2-2 लौड़े खाए हैं आपको तो एक ही मिला है
मां गुस्से से बोली मुझे भी तो दो मिल रहे थे वह तो मैं ही एक से काम चला रही हूं भला मुझे लौड़ों की क्या कमी
रचना को इस उम्र में कच्ची उम्र में सास जैसी औरतों से लौड़े का कंपटीशन करना पड़ रहा था! ठीक है और माहौल माहौल की बात है, यही कोई कॉलेज के अनजान लड़कों को पटाने की बात होती तो रचना बहन के सामने चकाचक मस्त जवान लौड़े लाइन खड़े होते!!!! यहां घर में तो मां के लिहाज के कारण मैं मां से ज्यादा ध्यान रचना को नहीं दे पा रहा था
हमने सब ने खाना खाया और बैठ कर बातें करने लगे बातें फिर से घूम कर कर मां बेटे और भाई बहन के चुदाई संबंधों पर आ गई
रचना ने पूछा: पहली बार कैसे हुआ था तो मां बोली सब्र कर लड़की तेरी चूत में भी चींटियाँ सरसराती रहती हैं मेरी बातें सुनते सुनते कहीं अपनी चूत में उंगली मत करने लगना जरूरत पड़े तो मेरे दो दो जवान बेटे हैं अपने उन भाइयों में से एक का लौड़ा चूस लेना और दूसरे का अपनी चूत में पिलवा लेना
रचना ने नहले पर दहला मारा माँ जी वह तो मुझे कल से ही आपकी आज्ञा मिली हुई है और आप के बड़े बेटे का लौड़ा तू पहले ही दिन मेरी चूत में धमाल मचा रहा है आप इसे मेरी शादी कर दो फिर मजा रहेगा यह अपनी बहन और मां दोनों की एक साथ एक ही बिस्तर पर लिया करेगा और इसका साला भी कभी-कभी इसके सामने इसकी बीवी की हवाई करके इसके लंड को आराम देता रहेगा
मां ने जोर से रचना को बोला अब किस्सा भी सुनेगी या अपनी बातें चोदती रहेगी
रचना: मां, सच बताओ आपने आकाश को पटाया था या आकाश ने लगातार लाइन मार कर आपको अपना पेटीकोट उठाने और ब्लाउज खोलने के लिए मजबूर कर दिया था
मॉ ने कहा अच्छा तो मेरा किस्सा सुनना चाहती है ले सुन;
आकाश बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में व्यस्त रहने वाला और दुनिया से बेखबर प्यारा बच्चा रहा है
कि हमेशा से ही मां मेरे को ज्यादा प्यार देती थी और हर तरह से मेरा ख्याल रखना चाहती थी और मेरे पढ़ाकू और सीधे व्यवहार के कारण मां मुझे बाहर की लड़कियों और औरतों से सुरक्षित रखना चाहती थी,
मां यह बात रचना को बता रही थी और मैं मन में सोच रहा था कि मां को सच्ची बात पता ही नहीं की मां से पहले मैं चाची को चोद चुका था और पापा और मां की चुदाई के दौरान भी कितनी बार असली ब्लू फिल्म देखते देखते मैं और भाई आपस में गुल्ली डंडा खेल चुके थे मां को पता ही नहीं था कि जिसे वह पढ़ाकू बच्चा समझती है वह चूत में उंगली करके मलाई खाने वाला शैतान है
मेरे मन को पढ़ते हुए माँ आगे बोली मुझे पता है इसकी शैतानियां, यह मकान मालकिन चाची पर भी डोरे डाल रखा था और वह भी अपना पेटीकोट उठाकर इसको अपनी रसीली चूत दिखाती रहती थी और मुझे यह भी पता है कि यह दोनों भाई अपने मां बाप की रोज रात की चुदाई बड़े मजे से देखते हैं और आपस में मां को चोदने के सपने देखते हैं पर मैंने तो संजोकर रखी अपनी चूत आकाश के लिए रखी थी
मां ने कहाँ जारी रखा : मेरे पति के परदेस में रहने के कारण भए मेरे की शरीर की अपनी जरूरतें भी अपनी जगह खड़े होकर मां को विवश कर रही थी कि मां किसी पुरुष शरीर में का सहारा ले इधर मां मेरे जवान होते शरीर को की जरूरतों को भी समझ रही थी और मेरे मन में भी मां के लिए सेक्सी विचार आते थे जिनको मां मेरे कच्छे में खड़े-बड़े डंडे और मेरे बाकी व्यवहार के कारण भी मां को महसूस हो रहा था कि मेरा जवान होता शरीर स्त्री सुख तलाश में है इसलिए मां ने मेरे साथ और ज्यादा नंगा व्यवहार करना शुरू कर दिया जैसे की मां ने मैक्सी पहननी बंद करके बिना ब्रा और कच्छी के पतले कपड़े के झीने से पेटिकोट और ब्लाउज पहनती थी
पेटीकोट में भी नाड़ा बांधने की जगह पर लंबा सा कट काफी खुला रखी थी जिससे मुझे मां का शरीर क निचला हिस्सा ना केवल दिखता रहे बल्कि मां के ग़दराए हुए शरीर को मैं ललचा कर आलिंगन करता रहूं!!
मां ने आगे बताया कि मां का यह प्लान बहुत ही सुरक्षित और सहज ढंग से चल रहा था क्योंकि मैं भी उन दिनों मां से ज्यादा लिपटने चिपकने लगा था और मां को नंगा देखने के लिए बाथरूम कपड़े धोने के दौरान मां की मदद के लिए कपड़े खंगालने के बहाने से मां के सामने बैठकर मां के लगभग नंगे मम्मे देखता रहता था और घुटनों तक चढ़ा मां का पेटीकोट बीच-बीच में मुझे झांटों भरी योनि के भी दर्शन करा देता थी
प्रतिक्रिया में मेरे कच्छे के अंदर तनाव लेते लौड़े को देखकर मां आश्वस्त हो जाती थी कि उसका प्लानिंग ठीक चल रहा है
इस तरह से रोजमर्रा के काम में मां ने मुझे अपने साथ बैठने लेट चिपटने चुम्मी लेने को इतना नेचुरल बना दिया था कि मुझे कुछ भी अटपटा नहीं लगने लगा था
आलिंगन के दौरान जब मेरा लौड़ा मां के नितंबों के बीच में टक्कर मारता तो मां मेरे को और ज्यादा मजे देने के लिए अपने शरीर का दवाब मेरे लौड़े पर बढ़ा देती थी मां को पता था कि मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं मां ऐसा जानबूझकर मुझे खुश करने के लिए कर रही है
हमारा लिपटना चिपकना इतना ज्यादा बढ़ा हुआ था कि संभोग सिर्फ नाम मात्र की दूरी पर था क्योंकि कई बार आलिंगन में लेटे हुए कपड़ों के ऊपर से ही जोर-आजमाइश करके मां बेटे दोनों स्खलित हो चुके थे, हम दोनों का काम रस एक दूसरे के शरीर से चिपककर बह चुका था !!! माँ बेटे का कामरस दोनों ने एक दूसरे के लंड और चूत पर जोर लगा कर निकाला और दोनों ही सोच रहे थे कि शायद सामने वाले को उसके इरादों की जानकारी नहीं है यह अलग तरह का ही मजा था
मां मुझे अपने जाल में लेकर मेरे नीचे लेटना चाहती थी और धमाधम चुदाई का मजा लेना चाहती थी और मैं भी मां की चूत का बाजा बजाना चाहता था चोदते हुए मैं भी मां के मस्त मम्मे जोर से मसलते हुए मां की चूत में अपने मजबूत लौड़े को पेलते हुए मां के शरीर के कस बल निकालना चाहता था
रचना ::: ऐसा कितने दिनों तक चलता रहा
मां ने जवाब दिया लगभग 8-10 महीने तक, मां बिना ब्रा और कच्छी के सिर्फ पतले से ब्लाउज और पेटीकोट में व बेटा सिर्फ एक छोटी सी कच्छी पहनकर कर बिस्तर पर आपस में लिपट सोने की एक्टिंग करते
आकाश मेरे नितंबों के बीच में अपना लोड़ा सटाकर मेरे को सोता हुआ समझकर मेरे नितंबों के बीच में अपना लौड़ा रगड़ता था
जब काफी दिन तक सूखी चुदाई का खेल चलता रहा दो फिर मैंने एक दिन अंतिम सीमा पार करने का निर्णय ले ही लिया मैंने आकाश को अपनी नंगी चूत सौंपने का निर्णय कर ही लिया
उस दिन में काफी थकी हुई थी और निढाल होकर बिस्तर पर पड़ी थी आकाश स्वाभाविक हमदर्दी के कारण मुझे आराम देने की कोशिश करने लगा तो मैंने पूरी तरह से नंगी होने का बहाना बनाने के लिए आकाश से मालिश करने को कहा
आकाश ने सोचा नहीं था कि उसे मां के टांगों के बीच की जन्नत मिल जाएगी और मुझे भी नहीं पता था कि उस दिन आकाश का दमदार और इमानदार लोड़ा मेरी चूत के नसीब में चार चांद लगा देगा
एक बार मैं घर में फिसल गई थी जिससे मेरे हाथ और कमर में बल पड़ गया था और इसके पापा दूसरे शहर में ड्यूटी पर थे चार-पांच दिन के लिए मैं हिल भी नहीं पा रही थी तो मेरे राजा बेटे ने मेरी सहायता करके मेरी सेवा सुश्रा की, नहलाया धुलाया मेरे पैर की पट्टी की और मालिश भी की थी
अब तुम सब समझ गए कि सरसों के तेल में सने हुए हाथों ने जांघों से फिसल कर झांटों तक की दूरी कैसे पूरी की और कैसे झांटों में लिपटी हुई चूत ने अपना मुंह खोल कर अपने बेटे आकाश की जवानी का स्वागत किया होगा फिर भी विस्तार में सुनो
आकाश मुझे उठा कर बाथरूम ले जाता मेरी मैक्सी ऊपर करके टॉयलेट में मुझे बैठाता मुझे लगभग नंगी करके नहलाता और मेरी पीठ कमर में तेल लगाता था
एक दिन जब मैं उठी तो मेरी मैक्सी कमर से ऊपर थी और आकाश मेरे सामने आकाश मेरे सामने बैठा हुआ एकटक से मेरी झांटों भरी चूत को देख रहा था मैंने मजाक में इससे बोला कि आकाश रोज तो तू इतने करीब से मां की योनि को देख और नहला रहा है अब इसमें क्या दिख रहा है ?
आकाश ने बोला कि "मां की चूत देख रहा हूं", हर बार यह नया रूप दिखाती है, मां की चूत की बात ही निराली होती है, मैं बचपन से इसमें वापिस घुसने का सपना देखता हूं
मैंने भी हंसते हुए उसको जवाब दिया बेटा तू इसमें घुसेगा तो मां की फट जाएगी इसलिए बेटा सुन : औरत अपने बेटे को वापस अंदर महसूस करने का मजा ले ले इसके लिए प्रकृति ने अच्छी व्यवस्था की हुई है
आकाश एकदम बोला सच में मां तुम मुझे अंदर महसूस करना चाहती हो तो मैंने बिना किसी लाग लपेट के और बिना किसी झोलझाल के आकाश को अपनी सहमति दे दी
आकाश वैसे ही आगे बढ़ कर मेरी जांघों को चूमने लगा यह पहली बार था जब आकाश ने मुझे साफ-साफ सेक्सी डॉल की तरह छुआ था
मैं भी उत्तेजित हो गई थी फिर आकाश मेरे साथ लेट गया और उसने मैक्सी का किनारा उठाकर मेरी कमर को सहारे उठाते हुए मैक्सी मेरी गर्दन तक ले आया मैं पूरी नंगी आकाश के सामने चुदने के लिए तैयार दिख रही थी
पिछले हफ्ते में नहलाते समय कई बार आकाश मेरे शरीर के हर एक अंग पर साबुन लगाया था और अपने हाथ से साफ भी किया था पर उस समय वह मन और अपने लंड की बातें साफ बयान नहीं कर सकता था हर बार कच्छे में इसका मैंने खड़ा लंड महसूस किया था एक दो बार आगे पीछे होते हुए अपनी गांड और जांघे बेटे के लौड़े से सटाई थी, सब ऐसे किया था कि सब साधारण लगे अब तो आकाश मेरे निमंत्रण के बाद मुझे नंगा करके मेरे साथ लेटा हुआ था मेरा इशारा पाकर आकाश में मौका समझते हुए अपना वी-शेप अंडरवियर भी उतार दिया था तो उसका तना हुआ लंड मेरी जांघ पर घंटे की तरह बज रहा था वाह मेरे आकाश बेटा पहली बार में ही मां की जान ऊपर लंड लपेटकर तूने मां को ठरकी बना दिया था आकाश ने आगे बढ़ाते हुए मेरे निपल्स को अपने अंगूठे और उंगली के बीच में दबाया और मसाले लगा और अपने होंठ मेरे गालों पर लाकर पहले वालों की पुचिया लेने लगा उसके बाद मेरे होठों से अपने होंठ जोड़कर गहरा चुंबन लेने लगा चुंबन के दौरान ही आकाश मेरे ऊपर चढ़ गया मेरी कमर पर ज्यादा जोर ना पड़े आकाश ने अपना वजन मेरे छाती के आसपास अपने हाथ रख कर उन पर डाला हुआ था पर आकाश का लोड़ा मेरी नंगी चूत के लबों पर रगड़ खा कर सनसनी फैला रहा था
आकाश में उठते हुए मेरे दोनों निप्पल को बारी-बारी चूसना शुरू किया तो मैंने अपने दोनों हाथ नीचे करते हुए आकाश के लौड़े को पकड़ा और उसे अपनी चूत मसलने लगी अचानक आकाश के लौड़े नहीं झाड़झाड़ा कर वीर्यपात कर दिया
मैंने मां की बात को समझाते हुए कहा कि जब मैं मां के पास लेटा तो मां को चोदने की है सहमति मिलने के बाद मेरे मन में किसी प्रकार की दुविधा नहीं थी और मैं और मेरा लौड़ा पूरी तरह से मां की चूत में गोते लगाने को तैयार हो गए थे अपने ख्यालों में मैं इतना डूबा की मेरी उत्तेजना सीमा पार कर गई और मेरे लंड ने मेरी जन्मभूमि और अब कर्म भूमि पर धीरे से सिंचाई कर दी थी मुझे भी समझ नहीं आया था कि क्या हुआ है
मां ने वापस बात कहानी को अपने हाथ में लेते हुए कहां थी झड़ने से आकाश अकबका गया था पर मैं अपने अनुभव से समझ गई थी कि बच्चे के लंड को पहली बार किसी औरत ने छुआ है तो यह अपने एक बार काबू नहीं कर सका
कोई बात नहीं मैंने इसको तसलली देते हुए कहा कि ज्यादा भूख लगी हो तो एक ग्रास खाना खाने से पेट में अफारा आ जाता है , खाली पेट हमेशा ही सहज से खाना खान चाहिए , चल अब दूसरी बार थाली परोसती हूं यहाँ थाली से मेरा मतलब अपनी चूत परोसने से था
मेरा लंड छुआरा बना हुआ टट्टों के ऊपर टिका हुआ था और मां का हाथ मेरे लिंग को सहला रहा था मेरा हाथ मां के मम्मों के ऊपर आराम से रखा हुआ था मां के निप्पल भी सिकुड़ कर अंगूर जैसे बने हुए थे मैं मां के साइड में लेटा हुआ मां के शरीर को महसूस कर रहा था पर दिनेश पीठ के बल लेटी बहन की टांगों के बीच में औंधा पड़ा उसकी छाती ढक रहा था जिससे मुझे रचना की सुंदरता पूरी तरह नहीं दिख रही थी
अचानक ही मेरी निगाहें रचना की खुली आंखों से मिली रचना ने मुझे जागते पाकर खूबसूरती से इशारा किया कि वह अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट को हुई है| एक भरपूर मस्त चुदाई के बाद का एहसास मेरे शरीर में भी दौड़ रहा था मैंने फिर रचना को देखकर उसे चुंबन का इशारा दिया
कुछ ही देर में दिनेश व मां भी उठ गए अब वासना का भूत उतरने के बाद सभी एक दूसरे को नंगा देखकर अजीब महसूस कर रहे थे तो औरतों ने जल्दी से ढूंढ कर अपने अपने ऊपर मैक्सी ओढ़ ली और मां मेरे को बोली मेरे बच्चे अब तू थोड़ा बड़ा हो गया है रचना बहन के सामने पजामा नहीं तो कम से कम कच्छा ही पहन कर अपने डंडे को ढक ले
दिनेश ने मां का इशारा समझा और कच्छा पहन लिया मैंने भी अपना वी शेप का अंडरवियर पहनकर मां को तसल्ली दी कि मेरा लौड़ा सिर्फ मां की चूत को ही देखकर सलामी देगा रचना की योनि की चिकनाहट में नहीं फिसलेगा
हमारा लाया खाना ठंडा होकर एक तरफ रखा था मैंने सब से पूछा कि खाना है तो मां मैं बोला कि मुझे बहुत तेज भूख लगी है पहले भी मैं खाना खाने लगी थी तो तुमने अपना कार्यक्रम चला दिया और मैं भी तुम्हारे साथ चोदम चोदी के खेल में शामिल होकर खाना भूल गई
रचना ने मां का साथ देते हुए कहा कि भूख से तो मेरी जान निकली जा रही है
मैं बोला : दो दो भाइयों का लोड़ा खाकर भी तेरी भूख शांत नहीं हुई
मां ने मुझे रोकते हुए बोला क्यों बेचारी को छेड़ रहा है इसमें कोई अलग से ही थोड़े ना लौड़े खाए हैं तेरी मां ने भी तो दो बार अपने नीचे के होठों में लौड़ा खाया है ।
रचना ने मेरा पक्ष लेते हुए कहा कि दिनेश ठीक कहते हैं मैंने तो 2-2 लौड़े खाए हैं आपको तो एक ही मिला है
मां गुस्से से बोली मुझे भी तो दो मिल रहे थे वह तो मैं ही एक से काम चला रही हूं भला मुझे लौड़ों की क्या कमी
रचना को इस उम्र में कच्ची उम्र में सास जैसी औरतों से लौड़े का कंपटीशन करना पड़ रहा था! ठीक है और माहौल माहौल की बात है, यही कोई कॉलेज के अनजान लड़कों को पटाने की बात होती तो रचना बहन के सामने चकाचक मस्त जवान लौड़े लाइन खड़े होते!!!! यहां घर में तो मां के लिहाज के कारण मैं मां से ज्यादा ध्यान रचना को नहीं दे पा रहा था
हमने सब ने खाना खाया और बैठ कर बातें करने लगे बातें फिर से घूम कर कर मां बेटे और भाई बहन के चुदाई संबंधों पर आ गई
रचना ने पूछा: पहली बार कैसे हुआ था तो मां बोली सब्र कर लड़की तेरी चूत में भी चींटियाँ सरसराती रहती हैं मेरी बातें सुनते सुनते कहीं अपनी चूत में उंगली मत करने लगना जरूरत पड़े तो मेरे दो दो जवान बेटे हैं अपने उन भाइयों में से एक का लौड़ा चूस लेना और दूसरे का अपनी चूत में पिलवा लेना
रचना ने नहले पर दहला मारा माँ जी वह तो मुझे कल से ही आपकी आज्ञा मिली हुई है और आप के बड़े बेटे का लौड़ा तू पहले ही दिन मेरी चूत में धमाल मचा रहा है आप इसे मेरी शादी कर दो फिर मजा रहेगा यह अपनी बहन और मां दोनों की एक साथ एक ही बिस्तर पर लिया करेगा और इसका साला भी कभी-कभी इसके सामने इसकी बीवी की हवाई करके इसके लंड को आराम देता रहेगा
मां ने जोर से रचना को बोला अब किस्सा भी सुनेगी या अपनी बातें चोदती रहेगी
रचना: मां, सच बताओ आपने आकाश को पटाया था या आकाश ने लगातार लाइन मार कर आपको अपना पेटीकोट उठाने और ब्लाउज खोलने के लिए मजबूर कर दिया था
मॉ ने कहा अच्छा तो मेरा किस्सा सुनना चाहती है ले सुन;
आकाश बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में व्यस्त रहने वाला और दुनिया से बेखबर प्यारा बच्चा रहा है
कि हमेशा से ही मां मेरे को ज्यादा प्यार देती थी और हर तरह से मेरा ख्याल रखना चाहती थी और मेरे पढ़ाकू और सीधे व्यवहार के कारण मां मुझे बाहर की लड़कियों और औरतों से सुरक्षित रखना चाहती थी,
मां यह बात रचना को बता रही थी और मैं मन में सोच रहा था कि मां को सच्ची बात पता ही नहीं की मां से पहले मैं चाची को चोद चुका था और पापा और मां की चुदाई के दौरान भी कितनी बार असली ब्लू फिल्म देखते देखते मैं और भाई आपस में गुल्ली डंडा खेल चुके थे मां को पता ही नहीं था कि जिसे वह पढ़ाकू बच्चा समझती है वह चूत में उंगली करके मलाई खाने वाला शैतान है
मेरे मन को पढ़ते हुए माँ आगे बोली मुझे पता है इसकी शैतानियां, यह मकान मालकिन चाची पर भी डोरे डाल रखा था और वह भी अपना पेटीकोट उठाकर इसको अपनी रसीली चूत दिखाती रहती थी और मुझे यह भी पता है कि यह दोनों भाई अपने मां बाप की रोज रात की चुदाई बड़े मजे से देखते हैं और आपस में मां को चोदने के सपने देखते हैं पर मैंने तो संजोकर रखी अपनी चूत आकाश के लिए रखी थी
मां ने कहाँ जारी रखा : मेरे पति के परदेस में रहने के कारण भए मेरे की शरीर की अपनी जरूरतें भी अपनी जगह खड़े होकर मां को विवश कर रही थी कि मां किसी पुरुष शरीर में का सहारा ले इधर मां मेरे जवान होते शरीर को की जरूरतों को भी समझ रही थी और मेरे मन में भी मां के लिए सेक्सी विचार आते थे जिनको मां मेरे कच्छे में खड़े-बड़े डंडे और मेरे बाकी व्यवहार के कारण भी मां को महसूस हो रहा था कि मेरा जवान होता शरीर स्त्री सुख तलाश में है इसलिए मां ने मेरे साथ और ज्यादा नंगा व्यवहार करना शुरू कर दिया जैसे की मां ने मैक्सी पहननी बंद करके बिना ब्रा और कच्छी के पतले कपड़े के झीने से पेटिकोट और ब्लाउज पहनती थी
पेटीकोट में भी नाड़ा बांधने की जगह पर लंबा सा कट काफी खुला रखी थी जिससे मुझे मां का शरीर क निचला हिस्सा ना केवल दिखता रहे बल्कि मां के ग़दराए हुए शरीर को मैं ललचा कर आलिंगन करता रहूं!!
मां ने आगे बताया कि मां का यह प्लान बहुत ही सुरक्षित और सहज ढंग से चल रहा था क्योंकि मैं भी उन दिनों मां से ज्यादा लिपटने चिपकने लगा था और मां को नंगा देखने के लिए बाथरूम कपड़े धोने के दौरान मां की मदद के लिए कपड़े खंगालने के बहाने से मां के सामने बैठकर मां के लगभग नंगे मम्मे देखता रहता था और घुटनों तक चढ़ा मां का पेटीकोट बीच-बीच में मुझे झांटों भरी योनि के भी दर्शन करा देता थी
प्रतिक्रिया में मेरे कच्छे के अंदर तनाव लेते लौड़े को देखकर मां आश्वस्त हो जाती थी कि उसका प्लानिंग ठीक चल रहा है
इस तरह से रोजमर्रा के काम में मां ने मुझे अपने साथ बैठने लेट चिपटने चुम्मी लेने को इतना नेचुरल बना दिया था कि मुझे कुछ भी अटपटा नहीं लगने लगा था
आलिंगन के दौरान जब मेरा लौड़ा मां के नितंबों के बीच में टक्कर मारता तो मां मेरे को और ज्यादा मजे देने के लिए अपने शरीर का दवाब मेरे लौड़े पर बढ़ा देती थी मां को पता था कि मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं मां ऐसा जानबूझकर मुझे खुश करने के लिए कर रही है
हमारा लिपटना चिपकना इतना ज्यादा बढ़ा हुआ था कि संभोग सिर्फ नाम मात्र की दूरी पर था क्योंकि कई बार आलिंगन में लेटे हुए कपड़ों के ऊपर से ही जोर-आजमाइश करके मां बेटे दोनों स्खलित हो चुके थे, हम दोनों का काम रस एक दूसरे के शरीर से चिपककर बह चुका था !!! माँ बेटे का कामरस दोनों ने एक दूसरे के लंड और चूत पर जोर लगा कर निकाला और दोनों ही सोच रहे थे कि शायद सामने वाले को उसके इरादों की जानकारी नहीं है यह अलग तरह का ही मजा था
मां मुझे अपने जाल में लेकर मेरे नीचे लेटना चाहती थी और धमाधम चुदाई का मजा लेना चाहती थी और मैं भी मां की चूत का बाजा बजाना चाहता था चोदते हुए मैं भी मां के मस्त मम्मे जोर से मसलते हुए मां की चूत में अपने मजबूत लौड़े को पेलते हुए मां के शरीर के कस बल निकालना चाहता था
रचना ::: ऐसा कितने दिनों तक चलता रहा
मां ने जवाब दिया लगभग 8-10 महीने तक, मां बिना ब्रा और कच्छी के सिर्फ पतले से ब्लाउज और पेटीकोट में व बेटा सिर्फ एक छोटी सी कच्छी पहनकर कर बिस्तर पर आपस में लिपट सोने की एक्टिंग करते
आकाश मेरे नितंबों के बीच में अपना लोड़ा सटाकर मेरे को सोता हुआ समझकर मेरे नितंबों के बीच में अपना लौड़ा रगड़ता था
जब काफी दिन तक सूखी चुदाई का खेल चलता रहा दो फिर मैंने एक दिन अंतिम सीमा पार करने का निर्णय ले ही लिया मैंने आकाश को अपनी नंगी चूत सौंपने का निर्णय कर ही लिया
उस दिन में काफी थकी हुई थी और निढाल होकर बिस्तर पर पड़ी थी आकाश स्वाभाविक हमदर्दी के कारण मुझे आराम देने की कोशिश करने लगा तो मैंने पूरी तरह से नंगी होने का बहाना बनाने के लिए आकाश से मालिश करने को कहा
आकाश ने सोचा नहीं था कि उसे मां के टांगों के बीच की जन्नत मिल जाएगी और मुझे भी नहीं पता था कि उस दिन आकाश का दमदार और इमानदार लोड़ा मेरी चूत के नसीब में चार चांद लगा देगा
एक बार मैं घर में फिसल गई थी जिससे मेरे हाथ और कमर में बल पड़ गया था और इसके पापा दूसरे शहर में ड्यूटी पर थे चार-पांच दिन के लिए मैं हिल भी नहीं पा रही थी तो मेरे राजा बेटे ने मेरी सहायता करके मेरी सेवा सुश्रा की, नहलाया धुलाया मेरे पैर की पट्टी की और मालिश भी की थी
अब तुम सब समझ गए कि सरसों के तेल में सने हुए हाथों ने जांघों से फिसल कर झांटों तक की दूरी कैसे पूरी की और कैसे झांटों में लिपटी हुई चूत ने अपना मुंह खोल कर अपने बेटे आकाश की जवानी का स्वागत किया होगा फिर भी विस्तार में सुनो
आकाश मुझे उठा कर बाथरूम ले जाता मेरी मैक्सी ऊपर करके टॉयलेट में मुझे बैठाता मुझे लगभग नंगी करके नहलाता और मेरी पीठ कमर में तेल लगाता था
एक दिन जब मैं उठी तो मेरी मैक्सी कमर से ऊपर थी और आकाश मेरे सामने आकाश मेरे सामने बैठा हुआ एकटक से मेरी झांटों भरी चूत को देख रहा था मैंने मजाक में इससे बोला कि आकाश रोज तो तू इतने करीब से मां की योनि को देख और नहला रहा है अब इसमें क्या दिख रहा है ?
आकाश ने बोला कि "मां की चूत देख रहा हूं", हर बार यह नया रूप दिखाती है, मां की चूत की बात ही निराली होती है, मैं बचपन से इसमें वापिस घुसने का सपना देखता हूं
मैंने भी हंसते हुए उसको जवाब दिया बेटा तू इसमें घुसेगा तो मां की फट जाएगी इसलिए बेटा सुन : औरत अपने बेटे को वापस अंदर महसूस करने का मजा ले ले इसके लिए प्रकृति ने अच्छी व्यवस्था की हुई है
आकाश एकदम बोला सच में मां तुम मुझे अंदर महसूस करना चाहती हो तो मैंने बिना किसी लाग लपेट के और बिना किसी झोलझाल के आकाश को अपनी सहमति दे दी
आकाश वैसे ही आगे बढ़ कर मेरी जांघों को चूमने लगा यह पहली बार था जब आकाश ने मुझे साफ-साफ सेक्सी डॉल की तरह छुआ था
मैं भी उत्तेजित हो गई थी फिर आकाश मेरे साथ लेट गया और उसने मैक्सी का किनारा उठाकर मेरी कमर को सहारे उठाते हुए मैक्सी मेरी गर्दन तक ले आया मैं पूरी नंगी आकाश के सामने चुदने के लिए तैयार दिख रही थी
पिछले हफ्ते में नहलाते समय कई बार आकाश मेरे शरीर के हर एक अंग पर साबुन लगाया था और अपने हाथ से साफ भी किया था पर उस समय वह मन और अपने लंड की बातें साफ बयान नहीं कर सकता था हर बार कच्छे में इसका मैंने खड़ा लंड महसूस किया था एक दो बार आगे पीछे होते हुए अपनी गांड और जांघे बेटे के लौड़े से सटाई थी, सब ऐसे किया था कि सब साधारण लगे अब तो आकाश मेरे निमंत्रण के बाद मुझे नंगा करके मेरे साथ लेटा हुआ था मेरा इशारा पाकर आकाश में मौका समझते हुए अपना वी-शेप अंडरवियर भी उतार दिया था तो उसका तना हुआ लंड मेरी जांघ पर घंटे की तरह बज रहा था वाह मेरे आकाश बेटा पहली बार में ही मां की जान ऊपर लंड लपेटकर तूने मां को ठरकी बना दिया था आकाश ने आगे बढ़ाते हुए मेरे निपल्स को अपने अंगूठे और उंगली के बीच में दबाया और मसाले लगा और अपने होंठ मेरे गालों पर लाकर पहले वालों की पुचिया लेने लगा उसके बाद मेरे होठों से अपने होंठ जोड़कर गहरा चुंबन लेने लगा चुंबन के दौरान ही आकाश मेरे ऊपर चढ़ गया मेरी कमर पर ज्यादा जोर ना पड़े आकाश ने अपना वजन मेरे छाती के आसपास अपने हाथ रख कर उन पर डाला हुआ था पर आकाश का लोड़ा मेरी नंगी चूत के लबों पर रगड़ खा कर सनसनी फैला रहा था
आकाश में उठते हुए मेरे दोनों निप्पल को बारी-बारी चूसना शुरू किया तो मैंने अपने दोनों हाथ नीचे करते हुए आकाश के लौड़े को पकड़ा और उसे अपनी चूत मसलने लगी अचानक आकाश के लौड़े नहीं झाड़झाड़ा कर वीर्यपात कर दिया
मैंने मां की बात को समझाते हुए कहा कि जब मैं मां के पास लेटा तो मां को चोदने की है सहमति मिलने के बाद मेरे मन में किसी प्रकार की दुविधा नहीं थी और मैं और मेरा लौड़ा पूरी तरह से मां की चूत में गोते लगाने को तैयार हो गए थे अपने ख्यालों में मैं इतना डूबा की मेरी उत्तेजना सीमा पार कर गई और मेरे लंड ने मेरी जन्मभूमि और अब कर्म भूमि पर धीरे से सिंचाई कर दी थी मुझे भी समझ नहीं आया था कि क्या हुआ है
मां ने वापस बात कहानी को अपने हाथ में लेते हुए कहां थी झड़ने से आकाश अकबका गया था पर मैं अपने अनुभव से समझ गई थी कि बच्चे के लंड को पहली बार किसी औरत ने छुआ है तो यह अपने एक बार काबू नहीं कर सका
कोई बात नहीं मैंने इसको तसलली देते हुए कहा कि ज्यादा भूख लगी हो तो एक ग्रास खाना खाने से पेट में अफारा आ जाता है , खाली पेट हमेशा ही सहज से खाना खान चाहिए , चल अब दूसरी बार थाली परोसती हूं यहाँ थाली से मेरा मतलब अपनी चूत परोसने से था