मुझे अपनी मां पर मां के शरीर पर पूरा हक इसलिए भी मिल गया था कि मेरा भाई हॉस्टल में रहता था और बचपन में ही उसने पड़ोस की एक लड़की को पटा कर अपनी सेक्स लाइफ शुरु कर दी थी जबकि मैं उससे बड़ा होने के बावजूद मां की नजर में बहुत इंटेलिजेंट और सीधा बच्चा था.
उसके होस्टल जाने से पहले जब हम दोनों भाई मां के साथ इकट्ठे सोते थे तब मां के नितंबों पर लुल्ली रगड़ने पेट और नाभि पर हाथ मसलने करने का आनंद, भाई ने भी बराबर लिया था।
थोड़ा बड़ा होने पर जब उसकी अपने लिए एक चूत का इंतजाम हो गया था तो मां ने भी उसको सेक्सुअल फेवर देना बंद कर दिया था और ना ही वह मां से कुछ चाहता था, हां, उसने मेरे से जरूर एक दो बार कहा था कि मां की इच्छा का ध्यान रखना और मौका मिलते ही मां की पेल देना।
जब कभी वह छुट्टियों में आता या फिर मेरे साथ अच्छे से गपशप मारता तो मेरे और मां के संबंधों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करता मैंने उसे यह अभी तक नहीं बताया था कि मैंने मां को चोद दिया है मां ने अपनी चूत मेरे को दे दी है मैंने अपना ल** मां की चूत में डाल कर अच्छे से चोदने का आनंद लिया है और ना ही पूरे नंगे होकर मां के साथ सोने की बात उसे बताई थी सिर्फ इतना कहा था कि कभी कबार जब मैं मां के साथ लेटता हूं तो मैं मां के नितंबों पर अपना ल** रगड़ता हूं एक दो बार मा जब गहरी नींद में थी तो मैंने अपना ल** कच्छे से निकाल कर भी मां के चूतड़ों पर रगड़ा है।
भाई : मां ने कभी मना नहीं किया
मैं :, मां को शायद पता नहीं है, क्योंकि वह ज्यादातर समय सो रही होती है
भाई : अबे चुतिया! यह तो हमारी बहुत समझदार मां है! वैसे भी, किसी औरत को अगर तुम अपना कोई भी अंग छू दो तो औरत के शरीर में करंट दौड़ जाता है और वह एकदम चैतन हो जाती है, ऐसा हो ही नहीं सकता की मां को पता ना चले कि तू मां की गांड में ल** लग रहा है भाई मुझे लगता है कि मां भी तेरे लंड का मजा लेती है शायद उसे पिताजी का लंड पूरा नहीं पड़ता इसलिए तेरे से मजे लेती है।
मैं बोला, अगर मां को पापा का ल** पूरा नहीं पड़ रहा होता तो जब मैं उसकी गांड पर अपना लिंग रगड़ता हूं तो वह पलट कर अपनी चूत में मेरे लोड़े को डलवा लेती।
भाई: औरत को हमेशा लन्ड को चूत में डलवाने की जरूरत नहीं पड़ती, अच्छा यह बता, जब तू अपने लंड को मां की गांड पर रगड़ता है तो क्या बहुत देर तक दबा कर रखता है और मां के पेट पर बाहें डालकर आलिंगन भी करता है।
मैंने बोला हां, मैं मां को कसकर जकड़ लेता हूं और अपना हाथ मां की नाभि पर रखता हूं और कभी कभी अपनी टांग मां की टांगों पर भी टिका देता हूं
भाई बोला मां का पेटीकोट इतना पतला होता है और अभी तो तू पतले वाले कच्छे पहनता है तो मां को पक्का तेरे लौड़े का एहसास होता होगा और शायद उस रगड़ा रगड़ी में मां भी झड़ जाती होगी या वैसे ही तेरी मजबूत पकड़ और रगड़ से और अपनी जांघों से चूत पर दवाब डालकर मां झढ़ कर शांत हो जाती होगी, पिताजी तो हफ्ते में एक बार ही आते हैं, कभी कभी भी नहीं भी आते, मुझे लगता है मां को तेरे से मरवाने में कोई एतराज नहीं है अगर तू मां की चूत पर लौड़ा रगड़ेगा तो मां स्वागत ही करेगी, अभी मां सिर्फ शर्म का पर्दा रख रही है इसलिए कुछ अपने मुंह से बोलती नहीं है पर अंदर से अपने बेटों का लंड चूत में पिलवाना चाहती है, बच्चों से चूत मरवाना सुरक्षित है इसमें बाहर बदनामी का डर नहीं लगता, तू ट्राई कर!
भाई आगे बोला : मुझे पक्का यकीन है बाकी, अगर तू डरता है तो खतरा मत उठा धीरे-धीरे कदम उठा अगली बार जब मां के साथ लेटेगा तो किसी तरह से मां का पेटीकोट उसके नितंबों से ऊपर कर दियो और अपने कच्छे के अंदर से ही अपने लन्ड को मां की गांड पर रगढ़ एक दो बार ऐसा करके मां की रिएक्शन देखना, शांत रहे और पिलाई का आनंद चुपचाप से लेती रहे तुझे मना ना करे और ना ही अपनी गांड दूर करे तो उससे अगले कदम में तू कच्छे से लंड अपना बाहर निकालकर मां की नंगी गांड पर अपना नंगा लंड रगड़ देना और अगर मां थोड़ा गनगनाए या आपत्ति दिखाए तो तू सोने की एक्टिंग करना और ऐसा जाहिर करना कि नींद में ही तेरे कच्छे से तेरा लंड बाहर निकल आया है। मां को भी पता है की वी शेप अंडरवियर तने हुए लंड को अपने अंदर नहीं संभाल सकता। यह कहते कहते भाई एकदम मेरे चूतड़ों पर अपना हाथ ठोका और बोला, साले मेरे से झूठ तो नहीं बोल रहा है? जब तुम मां की गांड पर अपना लिंग रगड़ता है तो फूला हुआ लौड़ा कच्छे के अंदर कैसे रहता होगा तो जरूर तू अपना नंगा लंड मां की गांड रगड़ता है और मुझसे छुपा रहा है!!
मैं बोला, नहीं भाई, तेरे से क्या छुपाना मां की नंगी गांड नहीं, अभी तक तो सिर्फ़ तेरी गांड पर ही मैंने अपना ल** रगड़ा है और तूने भी तो मेरी गांड पर ही अपने ल** की प्रैक्टिस की हुई है, तो तेरे से क्या छुपाना।
भाई बोला, अबे सच-सच बता दे, मैं कोई तेरे से मां की चूत का हिस्सा नहीं मांग रहा,तेरे को गाइड करना मेरा फर्ज बनता है ताकि तू और मां दोनों मज़े ले सकें
मैं बोला, नहीं भाई, जब मेरा लन्ड खड़ा होने लगता है तो मैं उसे ऊपर की तरफ करके सैट कर लेता हूं पर जब पानी छुटने लगता है तो कभी कभी लंड बाहर निकल आता है
भाई: फिर तो मां के पेटीकोट पर तेरा वीर्य लग जाता होगा
मैं : हां, पर मैं उसे तुरंत पौंछ देता हूं, और मां का पेटीकोट तो कभी उठाने का सोचा भी नहीं
भाई बोला: साले गांड़ू, अब बता रहा है, इसका मतलब मां सब जानती है और तूझे वह देती है, चल कोई बात नहीं, अब मां का पेटीकोट उठा कर अपने लंड को नंगा करके मां की गांड पर नीचे की तरफ रगड़ना, मुझे लग रहा है कि तू धीरे-धीरे बढ़ेगा तो अपनी जन्मभूमि में अपने मजबूत डंडे को गाढ़ ही देगा।
यह कहते-कहते भाई ने मेरे लंड को टटोला। मां के शरीर का ध्यान रखते रखते मेरा लौड़ा तनकर बड़ा हो चुका था, बात करते-करते भाई ने मेरे लंड को कसकर मुठियाने लगा और बोला बाप रे, तेरा तो मेरे से ज्यादा बड़ा हो गया है, कच्छे में से साफ़ साफ़ दिखाई देता है, मां सारा दिन इसको अपने अंदर लेने के सपने देखती होगी, इसलिए तेरे सामने खासतौर पर आधी नहीं बल्कि पौनी नंगी घूमती रहती है और तू हरामी मां को तरसा रहा है, साले अगली बार मेरे आने तक अगर तुने मां को नंगा करके ना चोदा तो मैं अपना लौड़ा बिना तेल के ही तेरी गांड में बेदर्दी से ठोक दूंगा।
मैने भी उसके लौड़े को पकड़ कर उसके कच्छे से बाहर निकाला और चुभलाने लगा उसका लगभग बराबर ही था पर मुझे उत्साहित करने के लिए भाई तारीफ कर रहा था, और मैंने भाई को वायदा किया कि मैं अगले हफ्ते तक मां की चूत में अपना झंडा फहरा दूंगा
उस दिन जब हम रात को सोने लगे तो भाई शरारती अंदाज में मां से बोला बहुत दिन से हम दोनों इकट्ठे तेरे साथ नहीं सोए हैं आज हम तीनों इकट्ठे सोयंगे
मां बोली पूछने की क्या बात है हम जमीन पर बिस्तर बिछा लेते हैं और मां अपने दोनों बेटों के साथ आराम-आराम से प्यार करते-करते सो जाएगी। मां के इस उत्तर से हम दोनों भाई बहुत खुश हुए और झटपट फर्श साफ करके उस पर चटाई और गद्दा बिछा दिए। मैं समझ गया भाई मुझे तथा मां को खोलना चाहता है पर मां तो पूरी खेली खाई थी और मैं भी सैक्स के खेल का मनोविज्ञान समझता था इसलिए अंदरुनी बात की भाई को कोई भनक भी नहीं लगने दी
खाना खाने के बाद मां को बुलाकर थोड़ी देर उधर ही बातें की फिर लूडो खेलने लगे। लूडो के खेल में हम आमने सामने बैठे हुए थे मां जब गोटी चलने के लिए झुकती तो उसके ब्लाउज में से उसकी चूचियां पूरी तरह से दिखाई दे जातीं गर्मी के दिन से पसीना भी आ रहा था मैंने तो हमेशा की तरह सिर्फ कच्छा पहना हुआ था भाई क्योंकि हॉस्टल में रहता था इसलिए उसे पजामे और बनियान की आदत हो गई थी मां ने उसे बोला तुझे गर्मी नहीं लग रही क्या? आराम से कपड़े उतार कर बैठ!
भाई ने झटपट अपना पजामा तथा बनियान उतार दिया तो हम तीनों ही अधनंगी अवस्था में लूडो खेलते रहे
कुछ देर बाद मां उसके मसल्स देखकर बोली तू होस्टल में कुछ एक्सरसाइज द्वारा भी करता है या नहीं भाई बोला मैं तो रोजाना कसरत करता हूं इससे पूछ यह कभी बाहर जा कर घूमता भी है या घर में किताबें लेकर ही बैठा रहता है
मां : इसको तो पढ़ाई से फुर्सत नहीं है कसरत कब करेगा
मैं : नहीं चैलेंज है पंजा लड़ाने में मैं भाई को हरा दूंगा
मां: तुझे तो मैं ही हरा दूंगी, बल्कि तुम दोनों को तो मैं ही हरा सकती हूं कहते-कहते हमारी शर्त लग गई और हमने पंजा लड़ाने का विचार बनाया सबसे पहले मां ने है भाई को पंजा लड़ाने का आमंत्रण दिया हम आगे झुक पालथी मारकर बैठे। मां का शरीर लगभग पूरा नंगा दिखाई दे रहा था।
मां और भाई आगे सरकने लगे, पता नहीं कैसे इस बीच में मां के ब्लाउज के दो हुक खुल गए थे, शायद मां ने ही अपना सुंदर बदन प्रदर्शित करने और हमें नयनसुख पहुंचाने के लिए ऐसा किया हो।
अब मां ऊपर से लगभग नंगी हो रही थी मां के उरोज बिल्कुल स्पष्ट दिख रहे थे उसके मां की खुली दुध की थैलियों को देखकर मेरा और भाई का लंड टनटनाने लगा और हमारे कच्छे में से साफ दिखने लगा।
मां ने हमारे ऊपर निगाह डाली और एक शातिर मुस्कान उसके चेहरे पर आ गई अब मां ने भाई का पंजा पकड़कर जायजा लिया और मुकाबला शुरू किया, मां की निगाहें भाई के डंडे पर और भाई की निगाहें मां की छातियों पर। कभी भाई का हाथ मां के छातियों को लगता और कभी मां का हाथ भाई के छाती पर, एक बार भाई ने अपना हाथ ढीला छोड़ा तो मां ने पंजा दबाकर भाई की गोदी में अपने हाथ को खड़े लंड को छुआ तुरंत भाई ने वापस मुकाबला किया और मां की छाती की तरफ मां का और अपना हाथ ले गया। मां ने भाई को अच्छे से मुकाबला दिया पर अंत में जीत भाई की हुई जीतने पर भाई बोला मेरा इनाम मां ने बोला "मां अपने बेटे को गले से लगाती है वही उसका ईनाम होता है"
मां: तुझे क्या चाहिए, बेटा बोल
भाई बोला मां तू मुझे गले लगा लेगी वही मेरे लिए सबसे बड़ा इनाम होगा
मां : वह तो मैं हमेशा ही तुझे अपने गले लगाती हूं
भाई : नहीं मां, मुकाबला जीतने पर स्पेशल गले लगाना चाहिए
मां खड़ी हुई और बोली आजा, मेरे बेटे, आजा, मेरे राजा, तूने मां को हरा दिया, तेरे को शाबाशी शाबाशी भरा आशीर्वाद तो बनता है।
भाई ने मां के पास जाकर मां को अपने बांहों में बांध लिया और मां ने भी भाई को अपनी बाहों में ले लिया
मां की चूचियां भाई के सीने में दब रही थी और भाई का लन्ड मां के पेट के ऊपर रगड़ रहा था।
मां के हाथ भाई की पीठ पर थे और भाई के हाथ मां के नितंबों पर, बहुत देर ऐसे आलिंगन चला तो मां ने भाई के मुंह पर पप्पी दे कर बोली "बेटा सांस तो लेने दे" भाई बोला मन नहीं भरता कितने कितने दिन बाद तो हम मिलते हैं, कितने दिनों बाद आज तेरा आशीर्वाद मिला है
मां बोली "अब तो छुट्टियों में एक महीना पूरा घर पर है जी भर के आशीर्वाद ले ले" यह सुनकर भाई ने मेरे को आंख मारी।
अब भाई का मेरे से पंजा लड़ाने का नंबर आया तो भाई ने कुछ ही देर में मुझे पस्त कर दिया। मेरे से जीतकर भाई मां से बोला "मां मेरा इनाम" मां बोली "जिस को तू ने हराया है, उसी से ले,
भाई ने कहा यह क्या बात बनी हम दोनों तेरे बेटे हैं, दोनों की हार जीत तेरी ही तो है मां ने फिर से भाई को कसकर गले से लगा लिया और फिर दोनों बहुत देर तक आलिंगन में बंधे खड़े रहे अब मेरा मां से पंजा लड़ाने का नंबर था मैंने मां से पढ़ाना शुरू किया मां के हाथ मेरे हाथों में बहुत सुखद लग रहे थे काफी जोर आजमाइश के बाद मैंने मां को हरा दिया मां बोली अब तू भी इनाम का हकदार हो गया है पर मैं थक गई हूं तू ऐसे लेट कर ही अपना इनाम ले ले। कहकर मां गद्दे पर लेट गई, मैं भी मां के सामने करवट के बल लेट गया और मां की कमर के नीचे से हाथ निकालकर मां को अपने सीने पर दबाने लगा स्वाभाविक रूप से मेरा तना हुआ लौड़ा अभी मां की चूत के ऊपर दस्तक देने लगा मां ने मेरे लंड को महसूस किया और मुझे कसकर अपने सीने से लगा लिया और अपनी जांघों को मेरे गिर्द बांध दिया जिससे मेरी लुल्ली पुरी तरह से मां की पेटीकोट में ढकी योनि पर दवाब डालने लगी जिससे मेरा शरीर झुरझुरी लेने लगा, यह देखकर भाई मां से बोला मां तू बड़े को ज्यादा बड़ा इनाम दे रही है और मुझे 2 मुकाबले जीतने के बाद भी कम देर तक इनाम दिया है, मां बोली चल आ जा मेरे नन्हें बेटे, तेरे को क्यूं कम प्यार मिले? तू भी थकी हुई मां की शरण में आ जा। भाई झटपट से मां के पीछे लेट गया और हम दोनों भाइयों ने अपने बीच में करवट के बल लेटी हुई मां को बांध लिया।
आप कल्पना कीजिए, दो बेटों ने सिर्फ कच्छे पहने हुए हैं और उन दोनों के बीच मां अधखुले ब्लाउज में दबी हुई है तीनों वासना से सुलग रहे हैं और एक बेटा आगे से चूत पर प्रहार कर रहा है दूसरा पीछे से पकड़ कर गांड पर लंड रगड़ रहा है।
हम दोनों भाई बारी बारी से मां के आगे और पीछे अपने-अपने लंड का प्रहार करने लगे हम दोनों के साथ मां को अपनी अपनी और खींच रहे थे मैं पीछे था मेरा लंड मां के गांड में चुभ रहा था और मेरे हाथ मां के मम्मों को मसल रहे थे भाई आगे से मां को की चूत पर लंड रगड़ रहा था और उसके हाथ मां की जांघों को मसल रहे थे इसी प्रकार से हम दोनों भाई मां को सैंडविच बना कर अपने तनाव को बढ़ा रहे थे मां भी मजे ले रही थी ऐसे करते करते ही पता नहीं कब मां के ब्लाउज के सारे हुक खुल गए और मां आगे से बिल्कुल नंगी हो गई इधर भाई ने भी घुटने से मां का पेटीकोट धीरे-धीरे ऊपर करके उसकी कमर के गिर्द लपेट दिया था मैंने भी थोड़ा पीछे हट कर मां के नितंबों से पेटीकोट ऊपर किया अब हम दोनों के कच्छौं में ढके लंड मां की नंगी गांड और नंगी चूत पर रगड़ खा रहे थे और बीच-बीच में हमारे लंड सुपाड़े आपस में भी एक दूसरे से टकरा जाते थे भाई ने हाथ जांघों से उठाकर मेरी पीठ पर और मैंने भी अपने हाथ बढ़ाकर भाई को आलिंगन में कर लिया इससे मां हम दोनों भाइयों के बीच में सैंडविच बन गई।
हम दोनों के मां की चूत और गान्ड को पूरी तरह से टटोल रहे थे मां बिल्कुल गरम हो गई थी मां के दोनों तरफ से पूरा दबाव पड़ रहा था और मां की सांसें भारी होने लगी थी हम दोनों भाइयों की उत्तेजना भी अत्यंत बढ़ रही थी पर हम दोनों इकट्ठे ही मां को संभोग नहीं करना चाहते थे स्थिति ऐसी बन गई थी कि मां शर्म लिहाज छोड़कर कामुक आवाज़ें निकाल कर आज हम दोनों भाइयों से इकठ्ठा चुद जाती पर फिर भी हम तीनों ने संयम रखा।
हम अपना-अपना पानी बहने रोक कर मां की रगड़ाई कर रहे थे फिर जब भाई का छूटने वाला था तो भाई उठने लगा पर मां मदमस्त आवाज में बोली, कहां जा रहा है, लेटा रह, अच्छा लग रहा है, यह सुनकर भाई ने एकदम से मां को जकड़ लिया और अपने कच्छे में ही वीर्य पात करने लगा जब उसकी सांस ठीक हुई तब तक मेरी सांस भारी हो गई थी अब मैंने मां को जकड़ लिया और अपनी पूरी ताकत से अपना लंड को मां के नितंबों में पेल दिया कुछ ही सेकंड मैं मेरा पानी छूट गया पर हम दोनों भाइयों ने ध्यान दिया की मां अभी भी हमारे बीच में मचल रही है तो हमने अपना दवाब मां के ऊपर बनाए रखा कुछ ही देर में मां भी गहरी सांस लेकर शांत हो गई फिर हमने अपना आलिंगन खत्म किया हमारे गीले कच्छों से मां की नंगी जांघों पर हमारा वीर्य लग रहा था पर मां सब जानते हुए भी चुप रही और मां पीठ के बल लेट गई हम तीनों को पता था कि हमने क्या किया है पर शर्म के पर्दे को बरकरार रखते हुए अपने मुंह से कुछ नहीं बोला
कुछ देर बाद मां बिल्कुल सामान्य ढंग से बोली, बहुत देर हो गई है दोनों बच्चे दूध पीकर सो जाओ, मैं बोला मां दूध ताजा पीना अच्छा लगता है, मां बोली बक-बक मत कर, तेरी शादी हो जाएगी तो तू जो मर्जी करना, ताजा दूध पीना या शहद चाटना, अभी भैंस का दूध पतीले में रखा है मैं गर्म करके लाती हूं, पी लो।
मैं बोला: मैं गर्म करता हूं और उठकर रसोई में गया तथा तीन गिलास दूध ले आया वापस आने पर देखा कि मां बिस्तर पर भाई के साथ आलिंगन करके लेटी हुई है मैंने गिलास वहीं रखे और मां के पीछे जाकर आलिंगन करके लेट गया अब हम दोनों भाइयों ने मां हम दोनों भाइयों के बीच में दुबारा सैंडविच बनकर लेटी हुई थी और हम दोनों भाई मां के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे मां को शायद हमारी भावनाओं का एहसास हो गया था मेरे से तो मां को कोई आपत्ति नहीं थी पर भाई से मां कभी चुदी नहीं थी इसलिए मां थोड़ा सा असहज महसूस करने लगी थी पर भाई का लिंग पूरी तरह से मां की चूत के ऊपर दस्तक दे रहा था बीच में कसमसाते हुए एक समय ऐसा भी आया जब हम दोनों भाइयों के लिंग आपस में टकराए।
दूध ठंडा हो रहा है, पहले दूध पी लो हम तीनों ने दूध पिया अब मां मेरी तरफ मुंह करके लेट गई और भाई को मां के पिछवाड़े पर ही संतोष करना पड़ा हम तीनों ने वापस से आलिंगन किया हम दोनों के लंड मां की चूत तथा गांड पर लगे हुए थे मां की छातियां मेरी छाती में दब रही थी और भाई अपने हाथ से मां की जांघों के ऊपर हाथ फेर रहा था मेरे हाथ भाई की पीठ को छूने लगे थे अब स्थिति की कल्पना कीजिए हम दोनों भाई सिर्फ कच्छे में मां अपने खुले ब्लाउज तथा बिल्कुल पतले से पेटीकोट को पहने हुए हम दोनों के बीच में लेटी हुई थी हम तीनों में वासना का ज्वार चल गया था पर मां तो मां होती है दोनों बच्चों के सामने एक दम से कैसे अपना भोंसड़ा खोल देती इसलिए उसने तरकीब से काम लेते हुए सांस लेने की बात कहकर पीठ के बल लेट गई गई अब हम दोनों भाइयों ने अपनी-अपनी एक-एक जांघ मां की जांघ के ऊपर रखी तथा दोनों भाई एक एक हाथ से मम्मी के एक-एक मम्मे को सहलाने लगे दोनों का दूसरा हाथ मां के पेट पर सैर कर रहा था जिससे मां की वासना का ज्वार और बढ़ता जा रहा था मां की सांसें भारी होने लगी थी हम दोनों के लिंग में भी बहुत ज्यादा तनाव आ गया था मुझे लगा कि मेरा वीर्य छूटने वाला है तो मां ने कसकर हम दोनों को जकड़ लिया और इतनी जोर से कस कर पकड़ा की मां का कंपन मुझे स्पष्ट सुनाई दे रहा था मैंने कच्चे के साइड में से अपना लिंग बाहर निकाला मां का पेटीकोट के उपर से अपना लिंग दबा दिया और मां को कसकर अपने से लिपटा लिया मां और भाई करीब-करीब इकठ्ठे छुट्टे। भाई और मां दोनों समझ गए कि पानी छोड़ दिया है फिर भाई मेरी तरफ देख कर मुस्कुराया और हम दोनों भाई ऐसे ही मां के पेट पर हाथ रखकर सो गए सुबह जब हमारी नींद खुली तो मां को रसोई में काम करते पाया।
अगले दिन भाई मेरे को बोला मैंने कहा था ना कि मां को ठरक चढ़ी हुई है, कल देखा नहीं था मां कैसे हम दोनों के लंड की सवारी करना चाह रही थी पर किसी शर्म से रुक गई मुझे पक्का यकीन है कि तू मौका मिलते ही मां की चूत में अपना झंडा गाड़ सकेगा जब तक मैं हूं तब तक हम दोनों मिलकर मां को गर्म करते रहेंगे मैंने मन में सोचा कि कहीं भाई को हमारी असलियत पता ना चल जाए पर भाई मुझे बहुत भोला समझता था इसलिए वह मेरी बातों पर यकीन करके मुझे मां की चूत दिलवाने का जतन कर रहा था मैं भी भाई के साथ इस खेल को भोला लौड़ा बनकर खेल रहा था।
भाई के होस्टल तक हम दोनों भाई मां को ऊपर से ही चोदते रहे मां को जब मौका मिलता मेरे लंड को शांत कर देती इस बीच में पापा भी दो बार आए और मां ने पापा के लंड की भी अच्छे से सेवा की।
एक रात पापा जब घर में थे तो रात को हम दोनों भाई मां के कमरे के दरवाजे पर कान लगा कर बैठ जाते और एक दूसरे को लंड को पकड़ कर मां बाप की चुदाई की बातें आवाजें सुनकर गर्म होते तथा मुट्ठ मार कर या एक दूसरे की गांड पर अपने लंड रगड़ कर पानी निकालते और सो जाते हैं अगले दिन मां जब हम दोनों के कच्छौं पर वीर्य लगा देती तो मुस्कुरा कर देखती और कभी हल्की चपत लगा कर काम में जुट जाती। एक दिन वह मेरे को बोली भाई के साथ क्या खेल खेलता रहता है, तूने उसे हमारे बारे में तो कुछ नहीं बताया
मैं बोला नहीं मां मैं उसे क्यों कुछ बताऊंगा तभी तो वह भी आपके साथ मेरी तरह प्यार करना चाहता है
मां बोली उसे मेरे प्यार की इतनी जरूरत नहीं है उसने बचपन से ही रेखा की लेनी शुरू कर दी थी खैर तू थोड़ा ध्यान से रहा कर कहीं तेरे भाई को शक हो गया तू वह भी मेरी लेने की कोशिश करेगा।
और यह क्या? मैंने महसूस किया है जब तेरे पिताजी घर पर होते हैं तो तुम दोनों भाई दरवाजे पर कान लगाकर हमारे जासूसी करते हो, यह तो ठीक नहीं है बेटा
मैं बोला मान तुम्हारी बातें सुननी अच्छी लगती है पापा के साथ तुम खुलकर आवाजें निकालती हो
मां: बेटा तू नहीं समझेगा, मेरा धर्म है अपने पति की तन-मन से सेवा करना और तू मेरा बेटा है, मैं तेरे साथ जो करती हूं वह तेरी भलाई के लिए नहीं तो तू भी किसी पड़ोसन के चक्कर में पड़कर अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं देगा
मैं :फिर भी कभी-कभी मेरा मन करता है कि मैं तुम्हें बिल्कुल खुलकर अच्छे से चूम लूं
मां: क्या बेटा? जब भी तेरा मन करता है, तू मेरे ऊपर चढ़ जाता है इससे ज्यादा क्या लेगा मैं तुम पापा के साथ जिस प्रकार से बातें करती हो करती हो उसका मुझे अलग आनंद महसूस होता है
मां: बेटा, एक बार हमारा रिश्ता खुल गया तो हमारा मां बेटे का नैसर्गिक प्यार खत्म हो जाएगा अभी तो हम मां बेटे वाला तथा प्रेमी प्रेमिका वाला, पति पत्नी वाला दोनों ही प्यार कर पा रहे हैं यह कहकर मां मेरे से लिपट गई और मुझे चूमने लगी शायद मेरे साथ बात करते-करते से मां को ठरक चढ़ गई थी, मां ने चुपके-चुपके ही मेरे लिंग को हाथ में पकड़ा और चुभलाना शुरु कर दिया मैंने भी अपने घुटने से मां का पेटीकोट ऊपर किया और खड़े-खड़े जी अपने घुटने पर जांघों से मां की योनि पर रगड़ने लगा
मां बोली, सब्र कर बेटा एक-दो दिन में तुझे खुल कर दे दूंगी अभी मेरा मन नहीं बन रहा कहकर मां ने और हाथ से मचोड़कर मेरा पानी निकाल दिया मैंने कहा मां मुझे तो तूने शांत कर दिया मेरा भी फर्ज है तुम्हारा पानी निकाल दूं मां कुछ नहीं बोली तो मैंने नीचे बैठकर अपनी उंगलियों से मां की योनि में सेवा शुरू कर दी मां ने खड़े-खड़े मेरे सिर पर हाथ फेरना शुरू कर लिया और मुझे कसकर अपनी टांगों के बीच में लेने लगी मैंने फिर एक बार मां का पेटीकोट उठाकर मां की योनि को सहलाता और अपनी जीभ से मां की योनि चाटने लगा कुछ ही देर में मां का पानी निकल गया और मां भी संतुष्ट लगने लगी