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Incest मां और मैं

Guri006

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मां और रचना की धमाधम मस्त चुदाई करने के बाद नया संतुष्ट होकर अपने-अपने पार्टनर यानी कि मैं अपनी नहीं अलमाई गदराए शरीर वाली सुंदर मां और दिनेश अपनी कमसिन पतले शरीर और छोटे-छोटे मम्मों वाली कुंवारी रचना बहन की बाहों में लिपटकर पड़े रहे हम चारों में से किसी को न तो खाने की होश थी और ना ही जाने के प्लान की चिंता, खिड़की से आती फड़फड़ाती हुई समंदर की हवा हमारे शरीर को सहला रही थी

मेरा लंड छुआरा बना हुआ टट्टों के ऊपर टिका हुआ था और मां का हाथ मेरे लिंग को सहला रहा था मेरा हाथ मां के मम्मों के ऊपर आराम से रखा हुआ था मां के निप्पल भी सिकुड़ कर अंगूर जैसे बने हुए थे मैं मां के साइड में लेटा हुआ मां के शरीर को महसूस कर रहा था पर दिनेश पीठ के बल लेटी बहन की टांगों के बीच में औंधा पड़ा उसकी छाती ढक रहा था जिससे मुझे रचना की सुंदरता पूरी तरह नहीं दिख रही थी
अचानक ही मेरी निगाहें रचना की खुली आंखों से मिली रचना ने मुझे जागते पाकर खूबसूरती से इशारा किया कि वह अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट को हुई है| एक भरपूर मस्त चुदाई के बाद का एहसास मेरे शरीर में भी दौड़ रहा था मैंने फिर रचना को देखकर उसे चुंबन का इशारा दिया

कुछ ही देर में दिनेश व मां भी उठ गए अब वासना का भूत उतरने के बाद सभी एक दूसरे को नंगा देखकर अजीब महसूस कर रहे थे तो औरतों ने जल्दी से ढूंढ कर अपने अपने ऊपर मैक्सी ओढ़ ली और मां मेरे को बोली मेरे बच्चे अब तू थोड़ा बड़ा हो गया है रचना बहन के सामने पजामा नहीं तो कम से कम कच्छा ही पहन कर अपने डंडे को ढक ले
दिनेश ने मां का इशारा समझा और कच्छा पहन लिया मैंने भी अपना वी शेप का अंडरवियर पहनकर मां को तसल्ली दी कि मेरा लौड़ा सिर्फ मां की चूत को ही देखकर सलामी देगा रचना की योनि की चिकनाहट में नहीं फिसलेगा
हमारा लाया खाना ठंडा होकर एक तरफ रखा था मैंने सब से पूछा कि खाना है तो मां मैं बोला कि मुझे बहुत तेज भूख लगी है पहले भी मैं खाना खाने लगी थी तो तुमने अपना कार्यक्रम चला दिया और मैं भी तुम्हारे साथ चोदम चोदी के खेल में शामिल होकर खाना भूल गई
रचना ने मां का साथ देते हुए कहा कि भूख से तो मेरी जान निकली जा रही है
मैं बोला : दो दो भाइयों का लोड़ा खाकर भी तेरी भूख शांत नहीं हुई
मां ने मुझे रोकते हुए बोला क्यों बेचारी को छेड़ रहा है इसमें कोई अलग से ही थोड़े ना लौड़े खाए हैं तेरी मां ने भी तो दो बार अपने नीचे के होठों में लौड़ा खाया है ।
रचना ने मेरा पक्ष लेते हुए कहा कि दिनेश ठीक कहते हैं मैंने तो 2-2 लौड़े खाए हैं आपको तो एक ही मिला है
मां गुस्से से बोली मुझे भी तो दो मिल रहे थे वह तो मैं ही एक से काम चला रही हूं भला मुझे लौड़ों की क्या कमी
रचना को इस उम्र में कच्ची उम्र में सास जैसी औरतों से लौड़े का कंपटीशन करना पड़ रहा था! ठीक है और माहौल माहौल की बात है, यही कोई कॉलेज के अनजान लड़कों को पटाने की बात होती तो रचना बहन के सामने चकाचक मस्त जवान लौड़े लाइन खड़े होते!!!! यहां घर में तो मां के लिहाज के कारण मैं मां से ज्यादा ध्यान रचना को नहीं दे पा रहा था
हमने सब ने खाना खाया और बैठ कर बातें करने लगे बातें फिर से घूम कर कर मां बेटे और भाई बहन के चुदाई संबंधों पर आ गई
रचना ने पूछा: पहली बार कैसे हुआ था तो मां बोली सब्र कर लड़की तेरी चूत में भी चींटियाँ सरसराती रहती हैं मेरी बातें सुनते सुनते कहीं अपनी चूत में उंगली मत करने लगना जरूरत पड़े तो मेरे दो दो जवान बेटे हैं अपने उन भाइयों में से एक का लौड़ा चूस लेना और दूसरे का अपनी चूत में पिलवा लेना
रचना ने नहले पर दहला मारा माँ जी वह तो मुझे कल से ही आपकी आज्ञा मिली हुई है और आप के बड़े बेटे का लौड़ा तू पहले ही दिन मेरी चूत में धमाल मचा रहा है आप इसे मेरी शादी कर दो फिर मजा रहेगा यह अपनी बहन और मां दोनों की एक साथ एक ही बिस्तर पर लिया करेगा और इसका साला भी कभी-कभी इसके सामने इसकी बीवी की हवाई करके इसके लंड को आराम देता रहेगा

मां ने जोर से रचना को बोला अब किस्सा भी सुनेगी या अपनी बातें चोदती रहेगी
रचना: मां, सच बताओ आपने आकाश को पटाया था या आकाश ने लगातार लाइन मार कर आपको अपना पेटीकोट उठाने और ब्लाउज खोलने के लिए मजबूर कर दिया था

मॉ ने कहा अच्छा तो मेरा किस्सा सुनना चाहती है ले सुन;

आकाश बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में व्यस्त रहने वाला और दुनिया से बेखबर प्यारा बच्चा रहा है
कि हमेशा से ही मां मेरे को ज्यादा प्यार देती थी और हर तरह से मेरा ख्याल रखना चाहती थी और मेरे पढ़ाकू और सीधे व्यवहार के कारण मां मुझे बाहर की लड़कियों और औरतों से सुरक्षित रखना चाहती थी,
मां यह बात रचना को बता रही थी और मैं मन में सोच रहा था कि मां को सच्ची बात पता ही नहीं की मां से पहले मैं चाची को चोद चुका था और पापा और मां की चुदाई के दौरान भी कितनी बार असली ब्लू फिल्म देखते देखते मैं और भाई आपस में गुल्ली डंडा खेल चुके थे मां को पता ही नहीं था कि जिसे वह पढ़ाकू बच्चा समझती है वह चूत में उंगली करके मलाई खाने वाला शैतान है

मेरे मन को पढ़ते हुए माँ आगे बोली मुझे पता है इसकी शैतानियां, यह मकान मालकिन चाची पर भी डोरे डाल रखा था और वह भी अपना पेटीकोट उठाकर इसको अपनी रसीली चूत दिखाती रहती थी और मुझे यह भी पता है कि यह दोनों भाई अपने मां बाप की रोज रात की चुदाई बड़े मजे से देखते हैं और आपस में मां को चोदने के सपने देखते हैं पर मैंने तो संजोकर रखी अपनी चूत आकाश के लिए रखी थी

मां ने कहाँ जारी रखा : मेरे पति के परदेस में रहने के कारण भए मेरे की शरीर की अपनी जरूरतें भी अपनी जगह खड़े होकर मां को विवश कर रही थी कि मां किसी पुरुष शरीर में का सहारा ले इधर मां मेरे जवान होते शरीर को की जरूरतों को भी समझ रही थी और मेरे मन में भी मां के लिए सेक्सी विचार आते थे जिनको मां मेरे कच्छे में खड़े-बड़े डंडे और मेरे बाकी व्यवहार के कारण भी मां को महसूस हो रहा था कि मेरा जवान होता शरीर स्त्री सुख तलाश में है इसलिए मां ने मेरे साथ और ज्यादा नंगा व्यवहार करना शुरू कर दिया जैसे की मां ने मैक्सी पहननी बंद करके बिना ब्रा और कच्छी के पतले कपड़े के झीने से पेटिकोट और ब्लाउज पहनती थी
पेटीकोट में भी नाड़ा बांधने की जगह पर लंबा सा कट काफी खुला रखी थी जिससे मुझे मां का शरीर क निचला हिस्सा ना केवल दिखता रहे बल्कि मां के ग़दराए हुए शरीर को मैं ललचा कर आलिंगन करता रहूं!!
मां ने आगे बताया कि मां का यह प्लान बहुत ही सुरक्षित और सहज ढंग से चल रहा था क्योंकि मैं भी उन दिनों मां से ज्यादा लिपटने चिपकने लगा था और मां को नंगा देखने के लिए बाथरूम कपड़े धोने के दौरान मां की मदद के लिए कपड़े खंगालने के बहाने से मां के सामने बैठकर मां के लगभग नंगे मम्मे देखता रहता था और घुटनों तक चढ़ा मां का पेटीकोट बीच-बीच में मुझे झांटों भरी योनि के भी दर्शन करा देता थी
प्रतिक्रिया में मेरे कच्छे के अंदर तनाव लेते लौड़े को देखकर मां आश्वस्त हो जाती थी कि उसका प्लानिंग ठीक चल रहा है
इस तरह से रोजमर्रा के काम में मां ने मुझे अपने साथ बैठने लेट चिपटने चुम्मी लेने को इतना नेचुरल बना दिया था कि मुझे कुछ भी अटपटा नहीं लगने लगा था
आलिंगन के दौरान जब मेरा लौड़ा मां के नितंबों के बीच में टक्कर मारता तो मां मेरे को और ज्यादा मजे देने के लिए अपने शरीर का दवाब मेरे लौड़े पर बढ़ा देती थी मां को पता था कि मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं मां ऐसा जानबूझकर मुझे खुश करने के लिए कर रही है
हमारा लिपटना चिपकना इतना ज्यादा बढ़ा हुआ था कि संभोग सिर्फ नाम मात्र की दूरी पर था क्योंकि कई बार आलिंगन में लेटे हुए कपड़ों के ऊपर से ही जोर-आजमाइश करके मां बेटे दोनों स्खलित हो चुके थे, हम दोनों का काम रस एक दूसरे के शरीर से चिपककर बह चुका था !!! माँ बेटे का कामरस दोनों ने एक दूसरे के लंड और चूत पर जोर लगा कर निकाला और दोनों ही सोच रहे थे कि शायद सामने वाले को उसके इरादों की जानकारी नहीं है यह अलग तरह का ही मजा था
मां मुझे अपने जाल में लेकर मेरे नीचे लेटना चाहती थी और धमाधम चुदाई का मजा लेना चाहती थी और मैं भी मां की चूत का बाजा बजाना चाहता था चोदते हुए मैं भी मां के मस्त मम्मे जोर से मसलते हुए मां की चूत में अपने मजबूत लौड़े को पेलते हुए मां के शरीर के कस बल निकालना चाहता था

रचना ::: ऐसा कितने दिनों तक चलता रहा
मां ने जवाब दिया लगभग 8-10 महीने तक, मां बिना ब्रा और कच्छी के सिर्फ पतले से ब्लाउज और पेटीकोट में व बेटा सिर्फ एक छोटी सी कच्छी पहनकर कर बिस्तर पर आपस में लिपट सोने की एक्टिंग करते
आकाश मेरे नितंबों के बीच में अपना लोड़ा सटाकर मेरे को सोता हुआ समझकर मेरे नितंबों के बीच में अपना लौड़ा रगड़ता था
जब काफी दिन तक सूखी चुदाई का खेल चलता रहा दो फिर मैंने एक दिन अंतिम सीमा पार करने का निर्णय ले ही लिया मैंने आकाश को अपनी नंगी चूत सौंपने का निर्णय कर ही लिया

उस दिन में काफी थकी हुई थी और निढाल होकर बिस्तर पर पड़ी थी आकाश स्वाभाविक हमदर्दी के कारण मुझे आराम देने की कोशिश करने लगा तो मैंने पूरी तरह से नंगी होने का बहाना बनाने के लिए आकाश से मालिश करने को कहा
आकाश ने सोचा नहीं था कि उसे मां के टांगों के बीच की जन्नत मिल जाएगी और मुझे भी नहीं पता था कि उस दिन आकाश का दमदार और इमानदार लोड़ा मेरी चूत के नसीब में चार चांद लगा देगा


एक बार मैं घर में फिसल गई थी जिससे मेरे हाथ और कमर में बल पड़ गया था और इसके पापा दूसरे शहर में ड्यूटी पर थे चार-पांच दिन के लिए मैं हिल भी नहीं पा रही थी तो मेरे राजा बेटे ने मेरी सहायता करके मेरी सेवा सुश्रा की, नहलाया धुलाया मेरे पैर की पट्टी की और मालिश भी की थी

अब तुम सब समझ गए कि सरसों के तेल में सने हुए हाथों ने जांघों से फिसल कर झांटों तक की दूरी कैसे पूरी की और कैसे झांटों में लिपटी हुई चूत ने अपना मुंह खोल कर अपने बेटे आकाश की जवानी का स्वागत किया होगा फिर भी विस्तार में सुनो
आकाश मुझे उठा कर बाथरूम ले जाता मेरी मैक्सी ऊपर करके टॉयलेट में मुझे बैठाता मुझे लगभग नंगी करके नहलाता और मेरी पीठ कमर में तेल लगाता था
एक दिन जब मैं उठी तो मेरी मैक्सी कमर से ऊपर थी और आकाश मेरे सामने आकाश मेरे सामने बैठा हुआ एकटक से मेरी झांटों भरी चूत को देख रहा था मैंने मजाक में इससे बोला कि आकाश रोज तो तू इतने करीब से मां की योनि को देख और नहला रहा है अब इसमें क्या दिख रहा है ?
आकाश ने बोला कि "मां की चूत देख रहा हूं", हर बार यह नया रूप दिखाती है, मां की चूत की बात ही निराली होती है, मैं बचपन से इसमें वापिस घुसने का सपना देखता हूं
मैंने भी हंसते हुए उसको जवाब दिया बेटा तू इसमें घुसेगा तो मां की फट जाएगी इसलिए बेटा सुन : औरत अपने बेटे को वापस अंदर महसूस करने का मजा ले ले इसके लिए प्रकृति ने अच्छी व्यवस्था की हुई है
आकाश एकदम बोला सच में मां तुम मुझे अंदर महसूस करना चाहती हो तो मैंने बिना किसी लाग लपेट के और बिना किसी झोलझाल के आकाश को अपनी सहमति दे दी
आकाश वैसे ही आगे बढ़ कर मेरी जांघों को चूमने लगा यह पहली बार था जब आकाश ने मुझे साफ-साफ सेक्सी डॉल की तरह छुआ था
मैं भी उत्तेजित हो गई थी फिर आकाश मेरे साथ लेट गया और उसने मैक्सी का किनारा उठाकर मेरी कमर को सहारे उठाते हुए मैक्सी मेरी गर्दन तक ले आया मैं पूरी नंगी आकाश के सामने चुदने के लिए तैयार दिख रही थी
पिछले हफ्ते में नहलाते समय कई बार आकाश मेरे शरीर के हर एक अंग पर साबुन लगाया था और अपने हाथ से साफ भी किया था पर उस समय वह मन और अपने लंड की बातें साफ बयान नहीं कर सकता था हर बार कच्छे में इसका मैंने खड़ा लंड महसूस किया था एक दो बार आगे पीछे होते हुए अपनी गांड और जांघे बेटे के लौड़े से सटाई थी, सब ऐसे किया था कि सब साधारण लगे अब तो आकाश मेरे निमंत्रण के बाद मुझे नंगा करके मेरे साथ लेटा हुआ था मेरा इशारा पाकर आकाश में मौका समझते हुए अपना वी-शेप अंडरवियर भी उतार दिया था तो उसका तना हुआ लंड मेरी जांघ पर घंटे की तरह बज रहा था वाह मेरे आकाश बेटा पहली बार में ही मां की जान ऊपर लंड लपेटकर तूने मां को ठरकी बना दिया था आकाश ने आगे बढ़ाते हुए मेरे निपल्स को अपने अंगूठे और उंगली के बीच में दबाया और मसाले लगा और अपने होंठ मेरे गालों पर लाकर पहले वालों की पुचिया लेने लगा उसके बाद मेरे होठों से अपने होंठ जोड़कर गहरा चुंबन लेने लगा चुंबन के दौरान ही आकाश मेरे ऊपर चढ़ गया मेरी कमर पर ज्यादा जोर ना पड़े आकाश ने अपना वजन मेरे छाती के आसपास अपने हाथ रख कर उन पर डाला हुआ था पर आकाश का लोड़ा मेरी नंगी चूत के लबों पर रगड़ खा कर सनसनी फैला रहा था
आकाश में उठते हुए मेरे दोनों निप्पल को बारी-बारी चूसना शुरू किया तो मैंने अपने दोनों हाथ नीचे करते हुए आकाश के लौड़े को पकड़ा और उसे अपनी चूत मसलने लगी अचानक आकाश के लौड़े नहीं झाड़झाड़ा कर वीर्यपात कर दिया
मैंने मां की बात को समझाते हुए कहा कि जब मैं मां के पास लेटा तो मां को चोदने की है सहमति मिलने के बाद मेरे मन में किसी प्रकार की दुविधा नहीं थी और मैं और मेरा लौड़ा पूरी तरह से मां की चूत में गोते लगाने को तैयार हो गए थे अपने ख्यालों में मैं इतना डूबा की मेरी उत्तेजना सीमा पार कर गई और मेरे लंड ने मेरी जन्मभूमि और अब कर्म भूमि पर धीरे से सिंचाई कर दी थी मुझे भी समझ नहीं आया था कि क्या हुआ है
मां ने वापस बात कहानी को अपने हाथ में लेते हुए कहां थी झड़ने से आकाश अकबका गया था पर मैं अपने अनुभव से समझ गई थी कि बच्चे के लंड को पहली बार किसी औरत ने छुआ है तो यह अपने एक बार काबू नहीं कर सका
कोई बात नहीं मैंने इसको तसलली देते हुए कहा कि ज्यादा भूख लगी हो तो एक ग्रास खाना खाने से पेट में अफारा आ जाता है , खाली पेट हमेशा ही सहज से खाना खान चाहिए , चल अब दूसरी बार थाली परोसती हूं यहाँ थाली से मेरा मतलब अपनी चूत परोसने से था
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Guri006

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शाम को मां जब घर से वापस आई तब तक मैं चाची को दो बार चोद कर अपने कमरे में आकर पढ़ाई में व्यस्त हो गया था
पिछले दो दिनों में दो समझदार मैच्योर अनुभवी चूतें मिलने के कारण मैं बहुत ही उत्साहित था चाहे उनमें से मां की चूत मुझे दया भाव या मां के वात्सल्य, प्यार के कारण मिली हो या चाची की चूत मुझे उस बेचारी के अकेलेपन, मिर्गी के दौरे तथा अंदर की कुंठा के कारण मिली हो पर मेरा लंड 2 चूतों में था और सिर मम्मों के बीच में, ऐसे में पढ़ाई में बहुत मन तो नहीं लग रहा था किंतु फिर भी मैं जैसे तैसे आपने कंपटीशन की तैयारी करने में लगा हुआ था। रात को जब मां बिस्तर पर लेटी तो मैं अपनी पढ़ाई पूरी करके मैं उसके पीछे जाकर आलिंगन करके लेट गया मैंने अपना एक हाथ उसके पेट पर रखा और दूसरा ब्लाउज की तरफ ले जाने लगा मां ने मेरा हाथ पकड़ कर वहीं रोककर पेट पर ही दबा दिया और बोली , आज नहीं बेटा, यह खेल रोज-रोज नहीं करना, तेरे को कमजोरी आ जाएगी कभी कबार जब बहुत मन करे तो मेरी चूत मार लेना और जब मुझे भूख लगेगी तो मैं तेरा लंड मांग लूंगी पर रूटीन में ऐसा नहीं करना।
मियां बीवी भी एक टाइम के बाद रोज-रोज नहीं करते हैं और मैंने तो तेरा ध्यान भटकने से रोकने के हिसाब से तुझे अपनी प्यारी योनि दी है। मैं समझ गया कि मेरे और मां के रिश्ते में संयम बहुत जरूरी है और हमें बिल्कुल मां बेटे वाला व्यवहार ही रखना है मां की चूत मस्ती के लिए ना लेकर केवल ऐसे ही लेनी है जैसे भूख लगने पर रोटी खानी है मन तो कभी नहीं भरता, भगवान श्री रजनीश ओशो ने एक थ्योरी दी थी कि चुदाई इतनी कर लो और इस तरह से ठोक ठोक कर, लंड चूत जो भी मिले, जिसका भी मिले, जिस पर भी मन करे उसको दे दो या उसे ले लो, भोग में इतने लिप्त हो जाओ कि तुम्हारा मन रूप से भर जाए।
जैसे मिठाई खाने से होता है किंतु मैंने मुठ मारने की मेराथन के बाद भी अनुभव किया था कि कितनी बार भी चूत ले लो या मुट्ठ मार लो कुछ घंटे या एक दिन के लिए तो लंड खड़ा नहीं होता किंतु उसके बाद वापस भूख लग जाती थी और लंड सपनों में ही किसी की चूत मारता था या मुझे जागते हुए हस्त मैथुन करना पड़ता था। इसलिए मां की सीख ठीक लगी कि जरूरी होने 1 नियम से ही हम आपस में चुदाई करें।
मां ने नियमित रूप से बिना कच्छी और ब्रा के पेटिकोट और ब्लाउज पहनना जारी रखा झाड़ू पोछा करते समय मां की थिरकती हुई गांड और जब पसीने से या पानी के सीटों से पेटीकोट थोड़ा सा गीला हो जाता था तो बीच की दरार और गांड के गाल बिल्कुल साफ दिखते थे।
जब कभी मैं अंदर होता था और मां दरवाजे के पास या रोशनी के सामने होती थी तो मुझे उस के पेटीकोट में से छनकर आती रोशनी से उसकी पिंडलियों जांघों और झांटों का एहसास हो जाता था।
जब मां पोछा लगाने के लिए नीचे झुकती थी तब उसके 40 साइज की मम्मी ब्लाउज से बाहर छलकते थे और मां सामने से मुझे अपने लन को कच्छे के अंदर सेट करते हुए देख कर मुस्कुरा देती है
मां जब जब कपड़े धोती थी तब पेटीकोट ब्लाउज पूरी तरह से गीले हो जाते थे तो उसके निप्पल और चूचक बिल्कुल साफ दिखते थे पेटिकोट जांघों से ऊपर उठा रहता था जिससे मेरा जन्मस्थान यानी कि मां की योनि झांटों में लिपटी हुई बहुत साफ दिखती थी पर मां ने पहले भी कभी इस प्रदर्शन को अस्वाभाविक मानकर ना तो इसको छिपाने की कोशिश और ना ही मेरे या भाई के द्वारा खुले दर्शन में कोई बिगर नहीं डाला मां का अपने शरीर का पूरा खुला प्रदर्शन हम दोनों भाइयों के लिए ही आरक्षित था जब कोई मेहमान या कोई अन्य व्यक्ति घर में होता था तो मां साड़ी लपेट लेती थी या मैक्सी पहन लेती थी।
मेरे को चूत देने के बाद भी मां ने उसी तरह से व्यवहार चालू रखा। मैं भी घर में कच्छे में ही घूमता था जिसमें मेरा लौड़ा दाएं बाएं झूमता रहता था जब तंबू बन जाता था तब मां को साफ दिख जाता था और मां हंस कर कहती थोड़ा शरारती हो रहा है इसको काबू कर।
मैंने निश्चय किया कि आगे से मैं मां से चूत हफ्ते में एक ही बार मांगूंगा और बड़े ध्यान से मां के इस प्रस्ताव को ग्रहण करके अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे दूंगा।
आमतौर पर शनिवार को पिताजी और भाई घर आ जाते थे इसलिए शनिवार और इतवार की रात मां की चूत मारना संभव नहीं था बाकी किसी दिन में हम लंड चूत का खेल, खेल सकते थे यह सोचते सोचते मैं पता नहीं कब नींद के आगोश में चला गया ।
अगले दिन पुराना ढर्रा शुरू हुआ मैं स्कूल गया वापस आने पर देखा की मां मेरा खाना रखकर नानी के घर गई हुई है और उधर घर में चाची अकेली थी। चाची अपने कमरे में कुछ साफ सफाई कर रही थी मैं खाना खाकर चाची के कमरे में गया तो देखा कि चाची कमरे में कुछ साफ सफाई कर रही है चाची : आ गया तू
मैं : हां चाची, तुम्हारी खुशबू ने मुझे खींच लिया,
चाची : तूने मेरे को ठीक करने का जिम्मा लिया है, मुझे पता है तू यह काम तू मेरी चुदाई मजे के लिए नहीं पर मेरी दवा के तौर पर कर रहा है
मैंने चाची को गले लगाया और कहा: नहीं चाची तुम्हारा इलाज तो जरूरी है ही पर मैंने तुम्हारा साथ देने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं, चाची, मां की तरह, इसलिए चाहे मुझे अपना खून भी तुम्हें देना पड़े तो भी मैं दे दूंगा।
चाची अरे कब तक करेगा जब तेरी शादी हो जाएगी तो तू अपनी बीवी की चुदाई में लग जाएगा और चाची को भूल जाएगा
मैं तब तक तुम ठीक हो चुकी होगी और चाची को हस्तमैथुन भी सिखा दूंगा, कभी कबार जरूरत पड़ेगी तो हम चुदाई भी कर लेंगे। शादी के बाद तो मुझे अपनी बीवी को संतुष्ट करना ही पड़ेगा नहीं तो मेरी बीवी भी तुम्हारी तरह परेशान रहेगी।
चाची: नहीं नहीं ऐसा कुछ भी मत करना, अपनी बीवी को पूरा प्यार देना आपने लंड से उसकी चूत बराबर बजाना और उसकी तन मन से ढपली बजाना, तुझे मेरी कसम है, अगर तुने मेरे चक्कर में अपनी बीवी की चुदाई नहीं की तो।
मुझे किसी की बद्दुआ नहीं लेनी, बस अभी मेरी आग थोड़ी बहुत शांत कर दिया कर
मैंने कहा : चाची बेफिक्र रहो मैं तुम्हारा साथ दूंगा और अपनी बीवी के लिए भी अपना पूरा कर्तव्य निभाऊंगा, बीवी की नई नकोर चूत को पूरा आदर दूंगा और अगर कहीं पहले से भी चुद कर आई होगी तो भी उसे पूरे सम्मान के साथ स्वीकार कर लूंगा। चाची: चल , अब भाग, मुझे सफाई करने दे
मैं :चाची कल दो बार में ही थक गई, अब मन नहीं कर रहा क्या?
चाची : दवाई की गोली नियम से लेनी चाहिए यह नहीं कि जब मौका मिले तब ले ली, तेरा लंड भी मैं थोड़ा थोड़ा दवा के हिसाब से ही अपनी चूत के लिए मांगुगी। जब भी हम चुदाई करेंगे तब भी बहुत आराम से, प्यार से और समर्पण भाव से करेंगे मेरी चूत पूरे दिल से मैं तुझे समर्पित करूंगी और मुझे पता है तू एक डॉक्टर की तरह चूत की मालिश करेगा

मैं: आज तो एक बार दे दो
चाची: चल, ठीक है, ले ले, पर पहले यह अलमारी की सफाई कर दूं।
मैं: क्या चाची, तुम मम्मी की तरह घर में पेटीकोट ब्लाउज में क्यों नहीं रहती? काम करने के समय साड़ी गंदी भी हो जाती है, तुम्हें गर्मी भी लगती होगी तथा पल्लू से काम करने में दिक्कत भी होती है।
चाची: बदमाश लड़के, क्यों मेरी छोटी सी काया पर ललचा रहा है? तेरी मां की तो मोटी मोटी गांड और बहुत बड़े 40साइज के मम्मे हैं मेरी चूचियां तो सिर्फ 32 नंबर की हैं
मैं: नहीं चाची, तुम एक बिल्कुल कमसिन लड़की लगती हो, तुम्हारा अलग मजा है। चाची: अलग मजा? क्या मतलब? तूने मोटी चूचियों और गांड का भी मजा लिया है क्या?
अरे नहीं चाची, ऐसे ही बोल रहा हूं वैसे मम्मी के मम्मी और मस्त गांड देखकर मेरा लैंड खड़ा हो जाता है पर मां है पेल नहीं सकता, चाची एक कुटिल मुस्कान देकर साड़ी उतार दी और साथ में झाड़न लेकर अलमारी के ऊपर रखा सामान उतारने लगी, चाची का हाथ नहीं जा रहा था, मैंने कहा,चाची, जल्दी काम करते हैं तुम नीचे वाले खाने की सफाई करो मैं ऊपर वाले की करता हूं। मैं चाची के पीछे खड़ा हुआ चाची अपनी छाती के लेवल के समान को झाड़ने लगी और मैं हाथ ऊपर करके अलमारी के ऊपर रखे सामान को टटोल रहा था
चाची बोली, ध्यान से ऊपर एक शहद की जार रखी है, टूट ना जाए,
मैंने कहा शहद का जार तो नीचे रखते हैं और यहां भी नीचे लग रहा है, ऊपर क्यों और कौन सा शहद का जार रख दिया
चाची: ध्यान से कर, मैंने चाची के पीछे चिपककर चाची की गांड की दरार में लौड़ा दबा दिया और ऊपर हाथों से सामान देखने लगा, मेरी छाती चाची के कंधों पर लगी हुई थी और चाची भी अपनी गांड को पीछे करके मेरे लन्ड को जकड़ रही थी
चाची : ऊपर का शहद मिला क्या? मैं बोला अभी नहीं, फिर मेरे को एकदम से ख्याल आया और मैंने अपना मुंह आगे करके चाची के होठों से अपने होंठ मिला रही है और जीभ उसके मुंह के अंदर डाल दी और बोला चाची शहद क्या, यहां तो अमृत है, और नीचे का शहद चाची के जार के अंदर मेरा छोटा पप्पू भैया ढूंढ रहा है।
मैं ऊपर और कुछ ढूंढ रहा था। और छोटा बाबू अमृत और शहद को ढूंढ और चाट रहे थे मैंने दोनों हाथ चाची के आगे लाकर चाची के नंगे पेट से ऊपर सरकाते हुए दोनों हाथ ब्लाउज के अंदर डाल दिए और नंगी चूचियां अपने हाथों में पकड़ कर बड़े प्यार से मखमली ढंग से चाची को गुलगुली करने लगा चाची जब हंसी तो उसकी गांड के हिली और उसने मेरे लन पर जबरदस्त गुलगुली कर दी। चाची अलमारी के सामने खड़े खड़े डस्टिंग करने का एक्टिंग कर रही थी और मैंने दोनों हाथों ब्लाउज जींद से निकाला और उसकी कमर पर रखकर दोनों हाथों से चाची को जमीन से थोड़ा ऊपर उठा दिया चाची ने अपनी गांड का जोर मेरे लंड पर बनाए रखा। मैं बोला चाची! यहां तो शहद नहीं मिला, चल कहीं और चल के ढूंढते हैं, चाची बोली तुम्हारा यह सख्त औजार शहद के आसपास ही तो है इसे ढूंढने दे।
मैं बोला,। यहां नहीं, आराम से बैठकर ढूंढते हैं
चाची को गोद में उठाकर मैं सोफे की तरफ ले आया, खुद सोफे पर बैठा और चाची को अपने ऊपर बिठा लिया ऊपर बिठाने के दौरान में मैंने पीछे से चाची का पेटीकोट ऊपर कर दिया था और अपना लन कच्छे के साइड से बाहर निकाला हुआ था चाची की नंगी गांड में लंड पर लगी और मेरे दोनों हाथ चाची की छातियों पर अपना आंदोलन कर रहे थे।
चाची तू इस तरह से रोज मुझे झड़ झड़ाएगा तो मुझे आदत पड़ जाएगी और मैं रोज-रोज तेरा लंड मांगूंगी।
तेरी पढ़ाई का हर्ज होगा और तेरे चाचा या तेरी मां को शक पड़ गया तो तुम मकान खाली करके चले जाओगे मैं फिर से दुखी हो जाऊंगी।
मैं चाची चिंता मत करो, अभी इलाज शुरू हुआ है, कुछ दिन ज्यादा दवाई खानी है उसके बाद हम एतिहात से काम लेंगे
चाची ने अपना शरीर मेरे ऊपर लाद दिया मैंने अपने हाथों से चाची का ब्लाउज खोला और आगे से उसकी छातियां नंगी कर दी अपना गाल आगे करके चाची के गाल छूने लगा चाची ने भी थोड़ा मुंह पीछे किया तो हमारे होंठ मिल गए और लिप किसिंग का दौर शुरू हो गया
चाची ने थोड़ी करवट ली और मेरी तरफ घूम गई चाची की चूत, लन्ड पर रगड़ रही थी, हमारे होंठ मिले हुए थे चाची की चूचियां मेरी छाती पर रगड़ खा रही थी चाची के हाथ मेरी पीठ पर खरोंचे मार रहे थे चाची पूरी तरह से उत्तेजित हो गई थी मुझे भी अपना लंड संयम से बाहर जाता लग रहा था और चूसते चूसते मैंने चाची को अच्छे से रगड़ना शुरू किया अपनी छाती से ही चाची की चूचियों को दबाने लगा और चाची ने आपने हाथ नीचे करके अपनी चूत को मेरे लंड पर थोड़ा सेट किया एक हाथ से मेरा लंड अपनी योनि द्वार पर रखा और मसकते हुए लंड के सुपाड़े को अंदर कर लिया मैंने भी थोड़ा आगे बढ़कर अपना लौडा चाची की बूर में पूरा घुसा दिया
आप छक छक थक थक फक* फक* आ उच आ उच आ उई ओह आह हम धन दम छम छम रेल चल पड़ी जब जब तक की रेल ने पूरी स्पीड नहीं पत्ती तब तक चाची की सिसकारियां तेज होती जा रही थी मुझे डर था कि कहीं पड़ोस के घर तक आवाज ना जा रही हो मैंने चाची के मुंह पर हाथ रख दिया और गोदी में चाची मेरे ऊपर उछल उछल कर मेरे लिंग को अपनी चूत में घप घप करके डाल रही थी उसकी चूड़ियों की खनखन पायल की छम छम एक मधुर संगीत बजा रही थी अब चाची ने सिसकारियों पर काबू पाया और अपने दोनों हाथ मेरे कंधे पर रखकर होंठ चूसने लगी मेरा लन कभी चूत से बाहर निकलता है तो चाची हाथ नीचे करके निशाना बना कर फिर अपनी चूत को लंड के खंबे ऊपर गिरा देती थी जिससे उसकी चूत धड़धड़ाती हुई मेरे लन को जड़ तक अपने अंदर समा लेत थी उसकी गर्म मखमली रजाई जैसी चूत मेरे सख्त गरम लौड़े को एक बहुत ही सुखद मीठा एहसास दे रही था बीच-बीच में चाची मेरे निप्पल को भी चूम लेती थी और मैं अपने हाथों से उसकी चूची की कुंडलियों को मसल रहा था और चाची पूरे जोश के साथ, पूरी ताकत के साथ, पूरे आनंद में सरोवर होकर मेरे लन पर खेल कूद मचा रही थी
मेरा फूला हुआ लंड चाची की चूत में पूरी तरह से फंस कर जा रहा था फिर मुझे लगा कहीं चाची थक तो नहीं रही मैंने चाची की चूत में लंड डाले डाले ही उसको उठाकर पलंग पर लिटाया अपने पैर फर्श पर रखे और चाची की गांड के नीचे एक तकिया सरका दिया अब मेरा लोड़ा और चाची की चूत एक लेवल पर थे और मैंने भरपूर ताकत से अपने लोड़े से चाची की चूत पर हमला करना शुरू कर दिया चाची ने दोनों पैर मोड़कर मेरे नितंबों पर कस दिए है और जब मैं पीछे होता तो चाची के घुटने खुलते और मैं आगे होता तो वापस चाची अपनी एडियो से मेरे नितंबों पर जोर डालकर मुझे पूरा का पूरा अपनी चूत में भरने का प्रयास करती एक अलग ही समा बंधा हुआ था और हम दोनों पसीना पसीना हो गए थे मेरे शरीर का सारा रस मेरे लिंग की ओर प्रवाहित होने लगा और मैंने बहुत तेजी से अपनी अपनी स्पीड को तेज करते हुए चाची के योनि प्रदेश पर हमला जारी रखा और चाची ने भी मुझे अपने पैरों और हाथों से अपनी और ज्यादा खींचना शुरू कर दिया अब चाची का शरीर भी अकड़ने लगा था और मेरे शरीर के सारा सारे रोम रोम झन झन करते हुए मेरे लिंग की और अपने प्रभाव को धकेल रहे थे फिर लगा कि क्षण के किसी हिस्से के लिए दुनिया रुक गई है और फिर मेरे लिंग से लावा फूटने लगा जो चाची को अंदर में बच्चेदानी की तरफ जाता हुआ महसूस हुआ होगा क्योंकि चाची ने मुझे खींच कर अपने ऊपर लेटा लिया। अब चाची के पैर पलंग से नीचे घुटनों से मुड़कर फर्श पर रखे थे तथा मेरी जांघें चाची की जांघों पर रखी थी और नीचे का हिस्सा हवा में था मैं चाची के शरीर के ऊपर हवाई जहाज बन कर लेटा हुआ था को अवस्था में हम दोनों कुछ देर जाम होकर पड़े रहे और जब वासना के वेग की तीव्रता कम हुई तो हम अलग होकर लेट गए संभलने के बाद चाची ने मेरे गाल पर एक गहरी चुम्मी ली और मैंने भी चाची को कसकर जकड़ लिया एक बिल्कुल अलग अनुभूति हो रही थी हम दोनों के बिल्कुल नंगे शरीर एक दूसरे से चिपके हुए थे और हमारा काम ज्वार ठंडा पड़ गया था ऐसे ही लेटे लेटे हम नींद में चले गए 5- 10 मिनट बाद एक दम से मेरी तंद्रा खुली तो देखा कि 3:30 बज गए हैं मैंने चाची को हल्के से छुआ और कहा मां के आने का समय हो गया है अपने कमरे में जाता हूं चाची को भी होश आया और चाची ने कहा कि मेरे से उठा नहीं जा रहा मैं सोती हूं, तू मेरा कमरा थोड़ा सा समेट दे और मेरे को पेटीकोट ब्लाउज पहना दे मैंने चाची के तथा अपने शरीर को पौंछकर, उस समय मुझे चाची का शहद चाटने का मन नहीं किया, चाची को कपड़े पहनाए और अपना कच्छा पहनकर अपने कमरे में आकर किताब खोल कर बैठ गया

4:30 बजे मां ने दरवाजा खटखटाया मैंने खोला तो अंदर आ गई चाची का दरवाजा ढका हुआ था मां ने उधर ध्यान नहीं दिया और आकर अपने बिस्तर पर लेट गई और मेरे को बोली मेरा बदन दुख रहा है मैं कुछ देर सोना चाहती हूं पर तू से पहले मेरे शरीर को दबा दें मां ने साड़ी उतारी और पेटीकोट ब्लाउज में पेट के बल लेट गई।
मैंने साइड में बैठकर मां की पिंडलियां दवानी शुरू की, हल्के से तलवे मले और फिर वापस पिंडलियों मलते मलते गांड को दबाना शुरू किया मां बोलती है बहुत अच्छा लग रहा है तू इस पर लगातार दबाव डाल तू मेरे जांघों पर बैठकर मेरी पीठ को दबा मैं समझ गया कि मां गरम है और उसे मेरा लंबा वाला डंडा चाहिए मां की सेवा करने का मौका मैं छोड़ने वाला नहीं था अतः मैंने मां के पेटीकोट को थोड़ा सा ऊपर किया उसकी जांघें नंगी हुई तो उस पर बैठ गया और झुकते हुए मां की पीठ को दबाने लगा और झुक कर मैंने अपने हाथ मां के पीठ से होते हुए कंधों तक ले गया इस प्रयास में मैं पूरा मां के ऊपर लेट गया था और मेरा डंडा ‌ मां की गांड को छूने लगा था मैंने कंधों को मसलना शुरू किया और वापिस पीठ को दबाने लगा आज मां के ब्लाउज के हुक पीछे की तरफ से मैंने पीछे से ब्लाउज के हुक खोल दिए और मां की पीठ को बिल्कुल नंगी कर दिया
मां बोली शैतानी कर रहा है
मैंने कहा नहीं, वहां ठीक तरह से पीठ को ठीक से दबाना है मां चुप हो गई
मैंने पीठ पर हाथ दबाते दबाते शरीर पर फिर पूरा लेट गया फिर मैं मां से दूर होकर फिर वापस मां के ऊपर लेट गया इस तरह से मैं मां के ऊपर दंड बैठक कर रहा था बार-बार लेटने पर मेरा डंडा मां के नितंबों में घुस जाता और मेरे हाथ मा के कंधों को पकड़ लेते फिर मैंने धीरे धीरे उठने के प्रयास में अपने हाथों को मां के साइड से निकालते हुए उसके चूचियों को मसलना शुरू किया अब मां सिसकारियां लेने लगी थी और जब मेरा हाथ नीचे आया तो मैंने धीरे-धीरे पेटीकोट को नीचे सरकाया।
पेटिकोट का नाड़ा ढीला बंधा हुआ था इसलिए आराम से मां का पेट के नीचे कमर से नीचे हुआ और नितंबों पर आकर अटक गया मां ने अपने नितंबों को थोड़ा ऊपर उठाया तो मैंने पेटीकोट एक झटके में निकालकर घुटनों से नीचे कर दिया अब मां लगभग पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी मैंने भी अपना कच्छा उतार दिया और मां की जांघों के बीच में से लेट कर मां की कमर तथा पीठ को दबाता हुआ कंधों पर जाने लगा आप क्योंकि हम दोनों बिल्कुल नंगे थे मेरा खड़ा हुआ लिंग मां के नितंबों पर अच्छे से वार कर रहा था जब मां को मेरा लिंग अपनी योनि के आसपास महसूस हुआ तो मां ने अपने पैर थोड़े और खोल दिए जिससे मेरा सुपाड़ा मां की योनि के लोगों को छूने लगा था अब मैंने जब अंधों की तरफ हाथ किए तो अपना कमर को और आगे की तरफ झटका दिया जिससे मेरा लिंग आधे से ज्यादा मां की गुदाज गुफा में घुसने लगा मेरे से कुछ बूंदें छलक पड़े जिससे मां की च** चिकनापन लगने लगा मैंने दोनों हाथों से मां के पेट कमर और कंधे को दबाना जारी रखा और अपनी जानू से मां के नेताओं और नीचे के जानू और जानू के बीच छुपी हुई जो को दबाता रहा फिर मेरे को मां की चौकी पर ढीलेपन का एहसास हुआ मैं समझ गया कि मैं तैयार है मैंने बैठे हुए मां की टांगों को और खोला तथा एक हाथ से अपना पकड़ कर मां के पास ले गया और और कमर तथा दूध को दबाते हुए कंधों की तरफ ही उठ गया मैं एक हाथ से ही मां की कमर पर पीठ को दबा रहा था मां समझ गई कि मैं दूसरे हाथ से अपना लन्ड पकड़ कर उसकी चूत में घुसाने वाला हूं इसलिए उसने अपनी टांगे खोल दी थी और जैसे ही मैं लेटा मेरा सुपाड़ा मां की चूत के अंदर घुस गया मैंने फिर कमर से और थोड़ा जोर लगा कर आपने लंबे डंडे को मां की गहरी गुफा में अंदर तक झोंक दिया और अपना दूसरा हाथ भी मां के कंधों पर रख दिया अब मेरे दोनों हाथ मा के कंधों पर दे और मेरा लन मां की गहरी लंबी टाइट और मखमली चूत के अंदर टिक गया था कुछ समय ना मैंने कुछ हरकत की और ना ही मां ने
हम दोनों एक दूसरे के विशेष अंगों को एक दूसरे के फिर से सटा हुआ पाकर आनंद की तरंगों का को महसूस कर रहे थे फिर जैसे ही सांस आई मैंने अपनी कमर पीछे की लोगों को बाहर निकाला और झटके से वापिस अंदर भर दिया फिर लगातार बाहर किया या अंदर किया मेरे सुपाड़े की चमड़ी चमड़ी बार-बार खुलती और बंद होती और मां की योनि में भी बार-बार मेरा लौड़ा निकलता और फिर से उसे पूरी तरह से भर देता।
शक्ति और नरमी का मिलन कितना आनंददायक होता है यह हम दोनों पूरी तरह से महसूस कर रहे थे । अंदर बाहर करते करते हम लॉक हो जाते फिर अंदर बाहर करते-करते हम दोनों निहाल हो गए थोड़ी सांस लेते और फिर से स्पीड पकड़ ली मां इस बीच पहली बार मां बोली मेरे राजा बेटा मैं झड़ने वाली हूं मैंने कहा ना मैं भी झढ़ने वाला हूं । मां बोली, कोई बात नहीं मेरा मासिक धर्म रुक गया है तू बेफिक्री से अंदर डाल दिया कर। मेरी आनंद की कोई सीमा ना रही जोर से धक्के मार मार कर अपनी भरी पिचकारी को मां के अमृतबान में भरने लगा और मेरा सारा मक्खन मां की शहद भरे मर्तबान में मिलने लगा और जब थोड़ी देर बाद मेरी सांस वापस आई तो मैंने अपने आपको मां के ऊपर उठाया मेरी हरकत महसूस करके मां सीधी हुई और मैं फिर से मां के ऊपर लेट गया।
मैंने मां की पप्पी ली और हम दोनों नींद के आगोश में चले गए नींद खुली तो देखा कि रात के 9:00 बज गए थे ।
मां हड़बड़ाई और मां को लगा कि शायद चाची को कुछ महसूस अटपटा महसूस ना हो इसलिए मां बोलती है कि मैं लेटी ही रहूंगी तू बाहर चाची से कहकर दाल और रोटी बनवा दे कह दे कि मां की तबीयत अच्छी नहीं है
मुझे लगा की मां कवर करना चाहती है और मुझे भी शक था कि चाची सच जान लेगी पर अपने मुंह से मां के सामने मेरा चाची से संबधं तथा चाची के सामने मां से अपने संबंध को मैं किसी तरह से स्वीकार नहीं करूंगा चाहूंगा इसलिए थोड़ी देर पढ़ाई करके करने बैठ गया फिर चाची हमारे कमरे की तरफ आई और बोली, क्या बात है भाभी, कुछ खाना वाना नहीं बनाओगे मम्मी ने सोने की एक्टिंग की और मैंने अपने पढ़ाई की टेबल से बोला कि मैं तो आते ही सो गई थी मैं पढ़ने में लगा हुआ हूं चाची ने छूकर देखा और कहा इनको तो बुखार लग रहा है। भाभी आप आराम करो मैं खाना बना देती हैं
चाची को सामान्य देखकर मैंने चैन की सांस ली और बाद में चाची का खाना खाकर हम मां बेटा आलिंगन में सो गए


अगला अपडेट चाची के घर में आए मेहमानों के बारे में होगा
shaaandaar
 
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Sangya

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मैंने मां की बात को समझाते हुए कहा कि जब मैं मां के पास लेटा तो मां को चोदने की है सहमति मिलने के बाद मेरे मन में कोई कन्ट्रोल नहीं रहा और मैं मां को छूने से ही झड़ने लगा
मां बातों का सुत्र हाथ में लेकर बोली:
झड़ने से आकाश अकबका गया था पर मैं अपने अनुभव से समझ गई थी कि बच्चे के लंड को पहली बार किसी औरत ने छुआ है तो यह अपने एक बार काबू नहीं कर सका
कोई बात नहीं मैंने इसको तसलली देते हुए कहा कि ज्यादा भूख लगी हो तो एक ग्रास खाना खाने से पेट में अफारा आ जाता है , खाली पेट हमेशा ही सहज से खाना खान चाहिए , चल अब दूसरी बार थाली परोसती हूं यहाँ थाली से मेरा मतलब अपनी चूत परोसने से था

अब आगे
इस पर आकाश ने बड़ा सुंदर जवाब दिया था ना अभी तो तुम बीमार हो तुम ऐसे ही लेटी रहो मैं अपना खाना खुद गरम करके थाली परोस लेता हूं और अभी खुद खाने के साथ-साथ आपको भी खिलाऊंगा
वाह मेरे बेटे, एक बार वैसे ही झड़ने के बाद, अब तू खुद भी गरम होगा और माँ को भी गर्म करके अच्छे से चुदाई करेगा
आकाश ने साइड से कपड़ा उठाकर अपने लंड और मेरी चुत को अच्छे से पौंछा और मेरी मैक्सी का किनारा पकड़कर गर्दन से उतारकर मुझे बिल्कुल नंगा कर दिया
आकाश खुद तो पहले से ही पूरा नंगा हो चुका था अब मेरे बेटे ने साइड में से क्रीम की डिब्बी उठाई और धीरे-धीरे मेरे पैरों और जांघों पर मलने लगा इसके हाथों के जादू से मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा था
जांघों पर क्रीम लगाते-लगाते आकाश मेरे मम्मी पीने लग गया था मैंने अपने हाथ से छुहारा बने हुए इसके छोटे से नोनू लौड़े को सहलाना शुरू किया अपने अंगूठे से देश के इस की लुल्ली के छिद्र को दबाती खोलती लौड़े की त्वचा को आगे पीछे करती रही जिससे इसके लौड़े में तनाव आने लगा और यह भी तेज तेज सिसकारियां लेने लगा इसमें मेरे मम्मों पर जोर बढ़ा दिया था और अपने हाथों से मेरी चूत को मसलते हुए अपनी उंगली मेरी योनि में पेल दी
इसकी हरकत से मैंने के जवाब में मैंने इसके लंड को अच्छे से मरोड़ दिया और आगे मुंह करके इसके छोटे से निप्पल पर जीभ रगड़ने लगी थी
ऐसा करने से इसकी लुल्ली फनफनाकर लोड़ा बन गई और दोबारा से मेरी चूत में घुसने को आतुर हो गई थी
अब हम दुबारा से आलिंगन में लेट गए
मेरे साथ चिपक कर लेटे हुए आकाश के हाथ मेरे पीठ पेट और ब्लाउज के ऊपर से मेरे को मालिश कर रहे थे और पीछे मेरे साथ चम्मच की तरह चिपटने के कारण आकाश का आप बिल्कुल तन चुका लोड़ा मेरे नितंबों की दरार में दस्तक दे रहा था
मैं भी थकावट के कारण अलमस्त पड़ी हुई थी आकाश के मुझे कामुक तरीके को से छूने के कारण मेरे अंदर वासना हिलोरे मारने लगी मैंने थोड़ा सा पीठ को थोड़ा सा बल देते हुए अपने नितंबों का दबाव आकाश के लंड पर बढ़ा दिया तो आकाश में अपने हाथ का जवाब मेरे बलाउज पर सख्त दिया कर दिया
मेरे निप्पल सख्त होने लगे थे जिसका एहसास आकाश को भी हुआ जो आकाश में ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे निप्पल पहले तो अपनी मुट्ठी में भरे फिर धीरे से उंगली और अंगूठे के बीच में दबाकर छुआरा बने अंगूरों को दबाने लगा इतने भर से ही मेरी वासना के संयम पर रखा ताला खुलने लगा था मैंने अपना एक हाथ आकाश के हाथ पर रखा और उसके हाथ को आपने पेटीकोट में नाड़ा बांधने की खुली जगह के कट पर रख दिया आकाश चुपचाप मेरे इशारों पर चलता रहा और मेरे पेट के सबसे निचले हिस्से जहां पर पेटिकोट खुला होने के कारण उसका हाथ जा रहा था अपनी उंगलियों से मेरी चुत के आसपास सहलाने लगा
कर आकाश दूसरा हाथ ब्लाउज के ऊपर रख दिया और मेरे गोल गोल मम्मों को दबाने लगा
उस दिन पहली बार आकाश ने मेरे नंगे मम्मों को मेरे को चोदने से पहले रागड़ रहा था और मेरी पेट के निचले हिस्से को दूसरे हाथ दे सहला रहा था इससे मुझे और मजा आने लगा और मैंने अपने नितंब की दरार को एडजस्ट करके आकाश के लौड़े के अपनी दरार को सेट कर दिया
आकाश का लौड़ा भी जगह मिलते ही मेरी दरार पर खूब आसानी से फिट हो गया आकाश मेरे से ज्यादा से ज्यादा चिपकने की कोशिश कर रहा था आकाश बेटे को मालूम नहीं था कि आज मां की चूत उसको सच में बहुत मजे देगी, माँ की चूत पूरे पूरे मजे देगी
आकाश बोला कि मां पहले सो जाते उसके बाद मालिश करते तो ज्यादा अच्छा लगता ,मैंने उसका हौसला बढ़ाते हुए कुछ लालच दिया और बोला कि बोली कि बेटा सोने से पहले मालिश करेंगे फिर मन बन गया तो पहलवानों वाली कुश्ती भी कर लेंगे उसके बाद सोने का अलग ही मजा आएगा
कुश्ती की बात सुनकर आकाश का मुंह खुला का खुला रह गया था और बोल ला मम्मी तुम थकी हुई हो तुम्हारी नंगे शरीर पर अच्छे से मालिश कर देता हूं आराम मिलेगा तो कुश्ती भी कर लेंगे वैसे हम दोनों कपड़े पहनकर तो रोज ही कुश्ती करते हैं आज तुम मालिश के बाद आराम कर लेना
मैं मन में हंस रही थी कि आकाश को एक बार जल्दी झड़ जाने से डर लग रहा है कि दुबारा चुदाई को टाल रहा है फिर भी कितनी भक्ति भाव से मां की सेवा के भाव से मालिश करने को तैयार हो गया है
मालिश का सिलसिला शुरू करने के लिए आकाश को मैंने बोला कि पहले मेरे बाजू पर मालिश कर दे मैं बिस्तर पर आकाश के बिल्कुल सामने बैठ गई आपका और अपने हाथ आकाश के कंधों पर रख दिए आकाश में दोनों हाथों में तेल लगाया और पूरी ताकत से मेरे बाजुओं पर तेल मालिश करने लगा मेरे दोनों हाथ आकाश के कंधों पर थे तो आकाश का सिर मेरी बाजू में बीच में से मेरे मम्मों की गहरी घाटी को टटोल रहा था
आकाश फिर हाथ तेल में भिगोकर मेरी गर्दन के नीचे से मालिश करते हुए अपने दोनों हाथ मेरे दाएं और बाएं मम्मों को रगड़ने लगा और फिर अपने अंगूठे और अंगुली से मेरे चूचक मरोड़ने लगा जिससे मेरी तेज तेज सिसकारियाँ निकलने लगी मैंने हाथ बढ़ाकर आकाश के लोडे को जकड़ लिया और सीधी होकर लेट गई
आकाश मेरी टांगों के बीच में लेटकर मेरे मम्मों पर तेल मलता रहा इस तरह लेटने से उसका लंड मेरी चूत पर दस्तक देने लगा फिर धीरे से आकाश ने उठकर मेरे होंठों को अपने होंठों से जोड़ लिया और मेरे मुँह में अपनी जुबान सरका दि
मैं उसके मुखरस को चूसने लगी और हाथ नीचे करके अपने बेटे के नितंबों पर थप देने लगी जिससे आकाश थोड़ा सा और ऊपर होकर मेरे ऊपर सीधा लेट गया अब उसका लोडा मेरी चूत को पूरी तरह से मसल रहा था
आकाश को मेरे ऊपर लेटे होते हुए उसका लोडा मेरी चूत पर पूरी तरह से सटा होने के बावजूद भी अनुभव ना होने के कारण मेरे बेटे को मेरी चूत में लंड डालने में कुछ दिक्कत लग रही थी आकाश मेरी योनि का छेद ढूँढने की कोशिश कर रहा था पर उसे मेरी चूत का मुहाना ही नहीं मिल रहा था
बेटे की परेशानी भांपकर मैंने उसके लिंग को अपनी उंगलियों में पकड़ा और अपनी योनि के मुहाने पर टिका दिया
चूत की चिकनाई से आकाश के लिंग का सुपाडा मेरी योनि में घुसता चला गया तो मैंने अपनी कमर उचका कर आकाश के लिंग को अपनी योनि में समेट लिया फिर एक ही झटका मारकर आकाश बेटे ने रही सही कसर पूरी करके अपना मूसल जैसा लंड अपनी मां की चूत में डाल दिया और धमाधम कमर उठा कर खट खट से मां की चूत का बाजा बजाने लगा
मेरे को भी बहुत मजा आ रहा था पिछले साल से हर बार अपने प्यारे बेटे से सुखी चुदाई करवा कर मेरा मन नहीं भर रहा था और आज आकाश का मोटा ताजा लंड मेरे बेटे का जवान भरपूर ताकत से भरा हुआ मेरी प्यासी चूत में रगड़ मार रहा था जिससे मेरे आनंद की कोई सीमा नहीं की
मैंने अपने पैर खोले तो मेरा बेटा ठीक से पोज़िशन लेकर अपने दोनों हाथ मेरी बगलों के पास रखकर पूरी ताकत से लंड़ अंदर घुसाता और बाहर निकालता 1 मिनट में ही कितनी बार लंड़ अंदर घुसाता और बाहर निकालता
जब मेरे बेटे का लोड़ा मेरी चूत के अंदर होता तो मेरा मन करता है कि चूत को कसकर उसे अपने अंदर ही सजोंए रखो पर लंड और चूत के अंदर बाहर जाने का घर्षण ही तो असली चुदाई का मजा है इस तरह से आकाश अपनी मां को चोदने का पूरा मजा ले रहा था
फिर आकाश ने अपने हाथ मेरे चूतड़ों के नीचे रखे वह पूरी ताकत से मुझे मेरे चूतड़ों को अपनी कमर पर दबाकर अपने लंड को मेरी चूत की जड़ तक पहुंचाता रहा
आकाश बेटा अपनी मां की ओखली में अपना मोटा मुसल डालकर मां के सारे मसाले कूट रहा था और माँ भटकते धड़कते अपनी प्यासी चूत को आराम देने के लिए मोटे मुसल की मार अपनी चूत की गहराइयों में महसूस कर रही थी मेरा बेटा, मेरा ताकतवर बेटा, मेरा प्यारा बेटा, आपनी प्यासी माँ की चूत की आग को बुझाने के लिए आपने पाइप जैसे लंबे लंड से को लेकर बारिश करने आ गया था
इस तरह से मैं भी अपने बेटे के भूखे लंड को तरावत देने के लिए अपनी मखमली थैली उसके लंड के आसपास लपेटकर उसको एक सुखद गर्मी और नरमी का एहसास दे रही थी
मुझे चोदते हुए आकाश बार-बार बोल रहा था : बहुत अच्छा मम्मी मेरी प्यारी मां मजे करा दिए, ऐसी जन्नत !!!! तो मुझे नहीं पता थी कि तुम्हारी टांगों के बीच में जन्नत है मैं तो तुम्हारे नितंबों को ही जन्नत समझकर अपना डंडा उनपर रगड़ता रहता था मेरी प्यारी मां
मेरे को भी बहुत आनंद आ रहा था: मेरे प्यारे बेटे, मेरे राजा बेटे, तेरी मां तेरे लिए अपनी इस गुफा को झाड़ पोंछकर तेरी लंड़ को लेने के लिए बैठी है
आजा पहले मेरे बेटे अंदर तक इसकी गहराई नाप ले और मजे ले ले बेटा तेरी मां ने यह खजाना तेरे लिए रखा है, पेल दे ले ले बेटा, बहुत अच्छे से पेल मेरे बेटा,
मुझे लगा कि आकाश दोबारा जल्दी से ना झड़ जाए तो मैंने उसे रोकते हुए पीठ के बल लेटने का इशारा किया ओर आकाश के लेटते ही मैंने अपने दोनों पैरों उसकी कमर के दाएं बाएं रखकर अपनी चूत का निशाना उसके लंड़ के मुहाने पर रखकर सरकते हुए धीरे धीरे आकाश के लंड पर बैठती चली गई मेरी तंग चूत आकाश के मोटे लंड को रगड़ती हुई लंड को ढक रही थी और मेरे चीखें निकल रही थी
हां मेरे बेटा जियो मेरे बेटे और आकाश ने अब नीचे से कमर उठा कर अपना लंड मेरी चूत में ऊपर चढ़ा दिया एक बार लंड चूत में फँसने के बाद आकाश को नीचे सीधा लेटाकर मैं धमाधम करके उसके लंड पर कूदने लगी जोर डालते हुए पूरी तरह से लंड को बाहर नहीं निकलने देती थी थोड़ा सा बाहर आते ही फिर से धाम करके लंड पर बैठ जाती थी
इस तरह से हम दोनों मां बेटा मस्ती से चुदाई कर रहे थे हम दोनों अपने हाथों से एक दूसरे के नितंबों को दबाते हुए लंड और चूत को अपने अंदर समझने का प्रयास कर रहे थे कुछ देर में मैं भी सीधी होकर आकाश के ऊपर लेट गई और आकाश ने करवट लेकर फिर से मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर चढ़कर अब पूरे एक्सपोर्ट की तरह मेरी चूत मैं अपना लंड घुसाने लगा
काफी देर बाद आकाश में मुझे कस कर पकड़ा मैंने भी अपने पैरों की कैंची आकाश के जांघों के आसपास बनाई और हम दोनों मां बेटा एक साथ झड़ गए काफी देर हम ऐसे ही सुस्त पड़े रहे
थोड़ी देर बाद मुझे अपनी चूत में आकाश के लंड अपने बेटे के लंड के सख्ल होने का एहसास हुआ तो मैंने आकाश के होठों को चूस कर उसे और ज्यादा उत्तेजित करने की प्रयास किया आकाश भी अपने हाथों से मेरे मम्मे पूटने लगा और जब उसका लंड पुरा सख्त हो गया तो दोबारा से उसने मेरे ऊपर अपने लंड का पूरा जोर डालते हुए मेरी चूत में दोबारा से चुदाई का खेल शुरू कर दिया हम दोनों मां बेटा एक दूसरे को चोदते-चोदते पसीना-पसीना हो गए और पूरे मजे लेते हुए दुबारा एक दूसरे की बाहों में पड़े-पड़े सो गए

सुना लिया रचना !!!! यह था मां बेटे की पहली चुदाई का किस्सा अब हुई ना तसल्ली !!!!
रचना बोली: हाँ मां !!!!!!! मुझे पता है आकाश लगातार तीन चार बार भी चोद सकता है इसीलिए मैं कहती हूं कि मुझे अपनी बहू बना लो, आकाश तुम्हें और मुझे दोनों को संतुष्ट कर देगा
माँ बोली : तुम मुझे पसंद तो है पर अभी आकाश की अभी पढ़ाई पूरी नहीं हुई है बीवी की चुत तो ठोक लेगा पर उसके खर्च उठा सके इसकी अवस्था नहीं है
हमने इतने दिन तक गोवा कर ली अब सुबह ही हमैं वापस जाना है तुम्हारा क्या प्रोग्राम है?
रचना बोली हम भी शाम को वापस जा रहे हैं
मां बोली चलो ठीक है अपने-अपने घर जाकर मां बेटे बहन भाई की चुदाई में हम सब व्यस्त हो जाएंगे और गोवा की यादों को अपने पास रखेंगे
रचना ने आगे कहा : धन्यवाद माँ जी आपके कारण मेरी झिझक दूर हुई नहीं तो अभी तक में भाई से चुदवाती तो जरूर थी पर मन में एक ग्लानि भरी रहती थी अब आपने मुझे बता दिया कि भाई बहन का प्यार इस तरह से भी बहुत अच्छा है इस तरह से से भाई बहन, मां बेटे की चुदाई बहुत आनंददायक होती है और इसमें कुछ भी गलत नहीं होता तो मेरे मन में जो गलत भावना थी वह निकल गई और मैंने बहुत ही खूबसूरती से खुलकर अपने भाई से चुदाई का आनंद लिया धन्यवाद मां कहकर रचना माँ से लिपट गई
रचना बोली अब हमें चलना चाहिए आपको पॅकिंग करनी हे फिर एयरपोर्ट के लिए निकलेंगे और हमें भी शाम को निकलना है
दिनेश बोला हम अपने कमरे में जाकर कुछ नींद लेंगे और तो साथ गोवा के अपने आखिर 6-7 घंटों को और यादगार बनाने की कोशिश करेंगे
मां बोली मानभर चुदाई करना साथ ही ध्यान रखना कि गोवा ही नहीं बल्कि आगे की पूरी जिंदगी में तुम दोनों एक दूसरे का ध्यान रखना और साथ ही तुम्हारे लाइफ-पार्टनर कभी भी तुम्हारे से असंतुष्ट ना हूं
दोनों अपने-अपने पति या पत्नी की पूरी तसल्ली करने के साथ साथी भाई बहन को चुदाई का आनंद देना तभी मजा आता है, जैसे मैं अपनी पति की सेवा में कोई भी कसर नहीं छोड़ते हुए अपने बेटे का पूरा ध्यान रखती हूं वैसे ही तुम दोनों अपने-अपने पति और पत्नी को पूरी तरह से संतुष्ट करते हुए एक दूसरे की चुदाई का पूरा आनंद लेना
इसके साथ ही हमारी गोवा यात्रा खत्म हुई और हम अगले दिन दोपहर को घर पहुंचे

घर पर पिताजी हमारा इंतजार कर रहे थे हमें हमारे चेहरे पर मस्ती की आभा देखकर पिताजी ने कुछ नोट किया होगा और बोले की चलो अच्छा हुआ तुम दोनों मां बेटा घूम आए अब मुझे छुट्टी मिली है तुम मेरे साथ मेरे साथ दुबारा गोवा चलो
मां का मन बल्लिया उछलने लगा और चूत रस बरसाने लगी कि अभी गोवा में बेटे के साथ मस्ती कर के घर पहुंची ही थी कि पति उसे वापिस चोदने के लिए गोवा ले जा रहा है
अगले दिन माँ बाप के गोवा जाते ही मौसी अकेली ही हमारे घर पर आ गई तो मेरी चांदी हो गई
घर पर अकेले में मौसी से सुहागरात मनाने का विवरण अगले अपडेट में.......
 
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मैंने मां की बात को समझाते हुए कहा कि जब मैं मां के पास लेटा तो मां को चोदने की है सहमति मिलने के बाद मेरे मन में कोई कन्ट्रोल नहीं रहा और मैं मां को छूने से ही झड़ने लगा
मां बातों का सुत्र हाथ में लेकर बोली:
झड़ने से आकाश अकबका गया था पर मैं अपने अनुभव से समझ गई थी कि बच्चे के लंड को पहली बार किसी औरत ने छुआ है तो यह अपने एक बार काबू नहीं कर सका
कोई बात नहीं मैंने इसको तसलली देते हुए कहा कि ज्यादा भूख लगी हो तो एक ग्रास खाना खाने से पेट में अफारा आ जाता है , खाली पेट हमेशा ही सहज से खाना खान चाहिए , चल अब दूसरी बार थाली परोसती हूं यहाँ थाली से मेरा मतलब अपनी चूत परोसने से था

अब आगे
इस पर आकाश ने बड़ा सुंदर जवाब दिया था ना अभी तो तुम बीमार हो तुम ऐसे ही लेटी रहो मैं अपना खाना खुद गरम करके थाली परोस लेता हूं और अभी खुद खाने के साथ-साथ आपको भी खिलाऊंगा
वाह मेरे बेटे, एक बार वैसे ही झड़ने के बाद, अब तू खुद भी गरम होगा और माँ को भी गर्म करके अच्छे से चुदाई करेगा
आकाश ने साइड से कपड़ा उठाकर अपने लंड और मेरी चुत को अच्छे से पौंछा और मेरी मैक्सी का किनारा पकड़कर गर्दन से उतारकर मुझे बिल्कुल नंगा कर दिया
आकाश खुद तो पहले से ही पूरा नंगा हो चुका था अब मेरे बेटे ने साइड में से क्रीम की डिब्बी उठाई और धीरे-धीरे मेरे पैरों और जांघों पर मलने लगा इसके हाथों के जादू से मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा था
जांघों पर क्रीम लगाते-लगाते आकाश मेरे मम्मी पीने लग गया था मैंने अपने हाथ से छुहारा बने हुए इसके छोटे से नोनू लौड़े को सहलाना शुरू किया अपने अंगूठे से देश के इस की लुल्ली के छिद्र को दबाती खोलती लौड़े की त्वचा को आगे पीछे करती रही जिससे इसके लौड़े में तनाव आने लगा और यह भी तेज तेज सिसकारियां लेने लगा इसमें मेरे मम्मों पर जोर बढ़ा दिया था और अपने हाथों से मेरी चूत को मसलते हुए अपनी उंगली मेरी योनि में पेल दी
इसकी हरकत से मैंने के जवाब में मैंने इसके लंड को अच्छे से मरोड़ दिया और आगे मुंह करके इसके छोटे से निप्पल पर जीभ रगड़ने लगी थी
ऐसा करने से इसकी लुल्ली फनफनाकर लोड़ा बन गई और दोबारा से मेरी चूत में घुसने को आतुर हो गई थी
अब हम दुबारा से आलिंगन में लेट गए
मेरे साथ चिपक कर लेटे हुए आकाश के हाथ मेरे पीठ पेट और ब्लाउज के ऊपर से मेरे को मालिश कर रहे थे और पीछे मेरे साथ चम्मच की तरह चिपटने के कारण आकाश का आप बिल्कुल तन चुका लोड़ा मेरे नितंबों की दरार में दस्तक दे रहा था
मैं भी थकावट के कारण अलमस्त पड़ी हुई थी आकाश के मुझे कामुक तरीके को से छूने के कारण मेरे अंदर वासना हिलोरे मारने लगी मैंने थोड़ा सा पीठ को थोड़ा सा बल देते हुए अपने नितंबों का दबाव आकाश के लंड पर बढ़ा दिया तो आकाश में अपने हाथ का जवाब मेरे बलाउज पर सख्त दिया कर दिया
मेरे निप्पल सख्त होने लगे थे जिसका एहसास आकाश को भी हुआ जो आकाश में ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे निप्पल पहले तो अपनी मुट्ठी में भरे फिर धीरे से उंगली और अंगूठे के बीच में दबाकर छुआरा बने अंगूरों को दबाने लगा इतने भर से ही मेरी वासना के संयम पर रखा ताला खुलने लगा था मैंने अपना एक हाथ आकाश के हाथ पर रखा और उसके हाथ को आपने पेटीकोट में नाड़ा बांधने की खुली जगह के कट पर रख दिया आकाश चुपचाप मेरे इशारों पर चलता रहा और मेरे पेट के सबसे निचले हिस्से जहां पर पेटिकोट खुला होने के कारण उसका हाथ जा रहा था अपनी उंगलियों से मेरी चुत के आसपास सहलाने लगा
कर आकाश दूसरा हाथ ब्लाउज के ऊपर रख दिया और मेरे गोल गोल मम्मों को दबाने लगा
उस दिन पहली बार आकाश ने मेरे नंगे मम्मों को मेरे को चोदने से पहले रागड़ रहा था और मेरी पेट के निचले हिस्से को दूसरे हाथ दे सहला रहा था इससे मुझे और मजा आने लगा और मैंने अपने नितंब की दरार को एडजस्ट करके आकाश के लौड़े के अपनी दरार को सेट कर दिया
आकाश का लौड़ा भी जगह मिलते ही मेरी दरार पर खूब आसानी से फिट हो गया आकाश मेरे से ज्यादा से ज्यादा चिपकने की कोशिश कर रहा था आकाश बेटे को मालूम नहीं था कि आज मां की चूत उसको सच में बहुत मजे देगी, माँ की चूत पूरे पूरे मजे देगी
आकाश बोला कि मां पहले सो जाते उसके बाद मालिश करते तो ज्यादा अच्छा लगता ,मैंने उसका हौसला बढ़ाते हुए कुछ लालच दिया और बोला कि बोली कि बेटा सोने से पहले मालिश करेंगे फिर मन बन गया तो पहलवानों वाली कुश्ती भी कर लेंगे उसके बाद सोने का अलग ही मजा आएगा
कुश्ती की बात सुनकर आकाश का मुंह खुला का खुला रह गया था और बोल ला मम्मी तुम थकी हुई हो तुम्हारी नंगे शरीर पर अच्छे से मालिश कर देता हूं आराम मिलेगा तो कुश्ती भी कर लेंगे वैसे हम दोनों कपड़े पहनकर तो रोज ही कुश्ती करते हैं आज तुम मालिश के बाद आराम कर लेना
मैं मन में हंस रही थी कि आकाश को एक बार जल्दी झड़ जाने से डर लग रहा है कि दुबारा चुदाई को टाल रहा है फिर भी कितनी भक्ति भाव से मां की सेवा के भाव से मालिश करने को तैयार हो गया है
मालिश का सिलसिला शुरू करने के लिए आकाश को मैंने बोला कि पहले मेरे बाजू पर मालिश कर दे मैं बिस्तर पर आकाश के बिल्कुल सामने बैठ गई आपका और अपने हाथ आकाश के कंधों पर रख दिए आकाश में दोनों हाथों में तेल लगाया और पूरी ताकत से मेरे बाजुओं पर तेल मालिश करने लगा मेरे दोनों हाथ आकाश के कंधों पर थे तो आकाश का सिर मेरी बाजू में बीच में से मेरे मम्मों की गहरी घाटी को टटोल रहा था
आकाश फिर हाथ तेल में भिगोकर मेरी गर्दन के नीचे से मालिश करते हुए अपने दोनों हाथ मेरे दाएं और बाएं मम्मों को रगड़ने लगा और फिर अपने अंगूठे और अंगुली से मेरे चूचक मरोड़ने लगा जिससे मेरी तेज तेज सिसकारियाँ निकलने लगी मैंने हाथ बढ़ाकर आकाश के लोडे को जकड़ लिया और सीधी होकर लेट गई
आकाश मेरी टांगों के बीच में लेटकर मेरे मम्मों पर तेल मलता रहा इस तरह लेटने से उसका लंड मेरी चूत पर दस्तक देने लगा फिर धीरे से आकाश ने उठकर मेरे होंठों को अपने होंठों से जोड़ लिया और मेरे मुँह में अपनी जुबान सरका दि
मैं उसके मुखरस को चूसने लगी और हाथ नीचे करके अपने बेटे के नितंबों पर थप देने लगी जिससे आकाश थोड़ा सा और ऊपर होकर मेरे ऊपर सीधा लेट गया अब उसका लोडा मेरी चूत को पूरी तरह से मसल रहा था
आकाश को मेरे ऊपर लेटे होते हुए उसका लोडा मेरी चूत पर पूरी तरह से सटा होने के बावजूद भी अनुभव ना होने के कारण मेरे बेटे को मेरी चूत में लंड डालने में कुछ दिक्कत लग रही थी आकाश मेरी योनि का छेद ढूँढने की कोशिश कर रहा था पर उसे मेरी चूत का मुहाना ही नहीं मिल रहा था
बेटे की परेशानी भांपकर मैंने उसके लिंग को अपनी उंगलियों में पकड़ा और अपनी योनि के मुहाने पर टिका दिया
चूत की चिकनाई से आकाश के लिंग का सुपाडा मेरी योनि में घुसता चला गया तो मैंने अपनी कमर उचका कर आकाश के लिंग को अपनी योनि में समेट लिया फिर एक ही झटका मारकर आकाश बेटे ने रही सही कसर पूरी करके अपना मूसल जैसा लंड अपनी मां की चूत में डाल दिया और धमाधम कमर उठा कर खट खट से मां की चूत का बाजा बजाने लगा
मेरे को भी बहुत मजा आ रहा था पिछले साल से हर बार अपने प्यारे बेटे से सुखी चुदाई करवा कर मेरा मन नहीं भर रहा था और आज आकाश का मोटा ताजा लंड मेरे बेटे का जवान भरपूर ताकत से भरा हुआ मेरी प्यासी चूत में रगड़ मार रहा था जिससे मेरे आनंद की कोई सीमा नहीं की
मैंने अपने पैर खोले तो मेरा बेटा ठीक से पोज़िशन लेकर अपने दोनों हाथ मेरी बगलों के पास रखकर पूरी ताकत से लंड़ अंदर घुसाता और बाहर निकालता 1 मिनट में ही कितनी बार लंड़ अंदर घुसाता और बाहर निकालता
जब मेरे बेटे का लोड़ा मेरी चूत के अंदर होता तो मेरा मन करता है कि चूत को कसकर उसे अपने अंदर ही सजोंए रखो पर लंड और चूत के अंदर बाहर जाने का घर्षण ही तो असली चुदाई का मजा है इस तरह से आकाश अपनी मां को चोदने का पूरा मजा ले रहा था
फिर आकाश ने अपने हाथ मेरे चूतड़ों के नीचे रखे वह पूरी ताकत से मुझे मेरे चूतड़ों को अपनी कमर पर दबाकर अपने लंड को मेरी चूत की जड़ तक पहुंचाता रहा
आकाश बेटा अपनी मां की ओखली में अपना मोटा मुसल डालकर मां के सारे मसाले कूट रहा था और माँ भटकते धड़कते अपनी प्यासी चूत को आराम देने के लिए मोटे मुसल की मार अपनी चूत की गहराइयों में महसूस कर रही थी मेरा बेटा, मेरा ताकतवर बेटा, मेरा प्यारा बेटा, आपनी प्यासी माँ की चूत की आग को बुझाने के लिए आपने पाइप जैसे लंबे लंड से को लेकर बारिश करने आ गया था
इस तरह से मैं भी अपने बेटे के भूखे लंड को तरावत देने के लिए अपनी मखमली थैली उसके लंड के आसपास लपेटकर उसको एक सुखद गर्मी और नरमी का एहसास दे रही थी
मुझे चोदते हुए आकाश बार-बार बोल रहा था : बहुत अच्छा मम्मी मेरी प्यारी मां मजे करा दिए, ऐसी जन्नत !!!! तो मुझे नहीं पता थी कि तुम्हारी टांगों के बीच में जन्नत है मैं तो तुम्हारे नितंबों को ही जन्नत समझकर अपना डंडा उनपर रगड़ता रहता था मेरी प्यारी मां
मेरे को भी बहुत आनंद आ रहा था: मेरे प्यारे बेटे, मेरे राजा बेटे, तेरी मां तेरे लिए अपनी इस गुफा को झाड़ पोंछकर तेरी लंड़ को लेने के लिए बैठी है
आजा पहले मेरे बेटे अंदर तक इसकी गहराई नाप ले और मजे ले ले बेटा तेरी मां ने यह खजाना तेरे लिए रखा है, पेल दे ले ले बेटा, बहुत अच्छे से पेल मेरे बेटा,
मुझे लगा कि आकाश दोबारा जल्दी से ना झड़ जाए तो मैंने उसे रोकते हुए पीठ के बल लेटने का इशारा किया ओर आकाश के लेटते ही मैंने अपने दोनों पैरों उसकी कमर के दाएं बाएं रखकर अपनी चूत का निशाना उसके लंड़ के मुहाने पर रखकर सरकते हुए धीरे धीरे आकाश के लंड पर बैठती चली गई मेरी तंग चूत आकाश के मोटे लंड को रगड़ती हुई लंड को ढक रही थी और मेरे चीखें निकल रही थी
हां मेरे बेटा जियो मेरे बेटे और आकाश ने अब नीचे से कमर उठा कर अपना लंड मेरी चूत में ऊपर चढ़ा दिया एक बार लंड चूत में फँसने के बाद आकाश को नीचे सीधा लेटाकर मैं धमाधम करके उसके लंड पर कूदने लगी जोर डालते हुए पूरी तरह से लंड को बाहर नहीं निकलने देती थी थोड़ा सा बाहर आते ही फिर से धाम करके लंड पर बैठ जाती थी
इस तरह से हम दोनों मां बेटा मस्ती से चुदाई कर रहे थे हम दोनों अपने हाथों से एक दूसरे के नितंबों को दबाते हुए लंड और चूत को अपने अंदर समझने का प्रयास कर रहे थे कुछ देर में मैं भी सीधी होकर आकाश के ऊपर लेट गई और आकाश ने करवट लेकर फिर से मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर चढ़कर अब पूरे एक्सपोर्ट की तरह मेरी चूत मैं अपना लंड घुसाने लगा
काफी देर बाद आकाश में मुझे कस कर पकड़ा मैंने भी अपने पैरों की कैंची आकाश के जांघों के आसपास बनाई और हम दोनों मां बेटा एक साथ झड़ गए काफी देर हम ऐसे ही सुस्त पड़े रहे
थोड़ी देर बाद मुझे अपनी चूत में आकाश के लंड अपने बेटे के लंड के सख्ल होने का एहसास हुआ तो मैंने आकाश के होठों को चूस कर उसे और ज्यादा उत्तेजित करने की प्रयास किया आकाश भी अपने हाथों से मेरे मम्मे पूटने लगा और जब उसका लंड पुरा सख्त हो गया तो दोबारा से उसने मेरे ऊपर अपने लंड का पूरा जोर डालते हुए मेरी चूत में दोबारा से चुदाई का खेल शुरू कर दिया हम दोनों मां बेटा एक दूसरे को चोदते-चोदते पसीना-पसीना हो गए और पूरे मजे लेते हुए दुबारा एक दूसरे की बाहों में पड़े-पड़े सो गए

सुना लिया रचना !!!! यह था मां बेटे की पहली चुदाई का किस्सा अब हुई ना तसल्ली !!!!
रचना बोली: हाँ मां !!!!!!! मुझे पता है आकाश लगातार तीन चार बार भी चोद सकता है इसीलिए मैं कहती हूं कि मुझे अपनी बहू बना लो, आकाश तुम्हें और मुझे दोनों को संतुष्ट कर देगा
माँ बोली : तुम मुझे पसंद तो है पर अभी आकाश की अभी पढ़ाई पूरी नहीं हुई है बीवी की चुत तो ठोक लेगा पर उसके खर्च उठा सके इसकी अवस्था नहीं है
हमने इतने दिन तक गोवा कर ली अब सुबह ही हमैं वापस जाना है तुम्हारा क्या प्रोग्राम है?
रचना बोली हम भी शाम को वापस जा रहे हैं
मां बोली चलो ठीक है अपने-अपने घर जाकर मां बेटे बहन भाई की चुदाई में हम सब व्यस्त हो जाएंगे और गोवा की यादों को अपने पास रखेंगे
रचना ने आगे कहा : धन्यवाद माँ जी आपके कारण मेरी झिझक दूर हुई नहीं तो अभी तक में भाई से चुदवाती तो जरूर थी पर मन में एक ग्लानि भरी रहती थी अब आपने मुझे बता दिया कि भाई बहन का प्यार इस तरह से भी बहुत अच्छा है इस तरह से से भाई बहन, मां बेटे की चुदाई बहुत आनंददायक होती है और इसमें कुछ भी गलत नहीं होता तो मेरे मन में जो गलत भावना थी वह निकल गई और मैंने बहुत ही खूबसूरती से खुलकर अपने भाई से चुदाई का आनंद लिया धन्यवाद मां कहकर रचना माँ से लिपट गई
रचना बोली अब हमें चलना चाहिए आपको पॅकिंग करनी हे फिर एयरपोर्ट के लिए निकलेंगे और हमें भी शाम को निकलना है
दिनेश बोला हम अपने कमरे में जाकर कुछ नींद लेंगे और तो साथ गोवा के अपने आखिर 6-7 घंटों को और यादगार बनाने की कोशिश करेंगे
मां बोली मानभर चुदाई करना साथ ही ध्यान रखना कि गोवा ही नहीं बल्कि आगे की पूरी जिंदगी में तुम दोनों एक दूसरे का ध्यान रखना और साथ ही तुम्हारे लाइफ-पार्टनर कभी भी तुम्हारे से असंतुष्ट ना हूं
दोनों अपने-अपने पति या पत्नी की पूरी तसल्ली करने के साथ साथी भाई बहन को चुदाई का आनंद देना तभी मजा आता है, जैसे मैं अपनी पति की सेवा में कोई भी कसर नहीं छोड़ते हुए अपने बेटे का पूरा ध्यान रखती हूं वैसे ही तुम दोनों अपने-अपने पति और पत्नी को पूरी तरह से संतुष्ट करते हुए एक दूसरे की चुदाई का पूरा आनंद लेना
इसके साथ ही हमारी गोवा यात्रा खत्म हुई और हम अगले दिन दोपहर को घर पहुंचे

घर पर पिताजी हमारा इंतजार कर रहे थे हमें हमारे चेहरे पर मस्ती की आभा देखकर पिताजी ने कुछ नोट किया होगा और बोले की चलो अच्छा हुआ तुम दोनों मां बेटा घूम आए अब मुझे छुट्टी मिली है तुम मेरे साथ मेरे साथ दुबारा गोवा चलो
मां का मन बल्लिया उछलने लगा और चूत रस बरसाने लगी कि अभी गोवा में बेटे के साथ मस्ती कर के घर पहुंची ही थी कि पति उसे वापिस चोदने के लिए गोवा ले जा रहा है
अगले दिन माँ बाप के गोवा जाते ही मौसी अकेली ही हमारे घर पर आ गई तो मेरी चांदी हो गई
घर पर अकेले में मौसी से सुहागरात मनाने का विवरण अगले अपडेट में.......
Nice chudai
 
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dirty-u.k

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Meenabhabhi

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Are Bhai,

Just read night wala update n still feeling excited.
May be writer needs some time between updates despite reader's (our) wish to continue reading n visualising our incest choices 24*7

I also request the lovely writer to extend the incest story line with updates ASAP
 
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जबरदस्त अपडेट है । गोआ में माँ के साथ कि गई मस्ती का खुमार अभी उतरा भी नही की मौसी की चुदाई का मौका मिल गया । अगले अपडेट का इंतजार रहेगा जब मौसी की पलंगतोड़ चुदाई होगी
 
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Sangya

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Jordaar update dost
Thanks,
Your many comments encouraged me to write pre sex emotional discussions in details .
मां से संभोग करने से पहले भुमिका में जो बातें होती है वह मुझे बहुत उत्तेजित करती है और मां भी इन बातों को बहुत मजे से सुनकर द्विअर्थी पर मन में गहरे उतरने वाले नंगे जवाब देती है
 
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