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Incest मां और मैं

Nevil singh

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हमारे खड़े होने का अंदाज इस तरह था कि मौसी रेलिंग पर झुकी हुई थी तथा मैं जैसे पीछे से उसको आलिंगन करते हुए उसके नितंबों पर अपने लिंग का दबाव बनाते हुए तथा अपने हाथों से उसके पेट तथा उरोजो को छूते हुए उसकी पीठ पर सवार था हमेशा की तरह मौसी ने सिर्फ मैक्सी पहनी हुई थी उसके नीचे ना तो बनियान थी और ना ही कच्छी मैंने भी पजामा तथा बनियान पहना हुआ था मैं पजामे के नीचे कच्छा नहीं पहनता अगर कच्छा पहनता था तो पजामा नहीं पहनता था
इस तरह से इस भूमिका के अनुसार मेरे लिंग तथा मौसी के चूतड़ों के बीच में सिर्फ मेरे पजामे तथा मौसी की मैक्सी का महीन कपड़ा ही था और चिपट कर खड़े रहने के कारण मेरे लिंग में तनाव आ गया था जिससे मेरा लिंग नितंबों की दरार के बीच में से मौसी को की गांड पर पूरा जोर डाल रहा था
आगे से मेरे हाथों के मैंने रेलिंग पकड़ी हुई थी और मेरे हाथों के ऊपर मौसी झुक कर खड़ी थी जिससे उसके पेट व मम्मों का दवाब मेरे हाथों पर पढ़ रहा था
बिल्कुल सही में सूखी चूदाई का कार्यक्रम बना हुआ था नीचे मदारी बंदर को अपनी ससुराल जाने की बात कह कर रहा था और ऊपर मौसी ने अपनी कमर को दायें बाएं हिलाकर मेरे लिंग को अपने नितंबों पर अच्छे से महसूस कर रही थी मेरे को तो और क्या चाहिए था
मै स्वर्ग की आनंद स्वर्ग की दहलीज पर खड़ा था मौसी मेरे लिंग के दबाव को महसूस तो कर रही थी पर उसने तनिक सा भी रिएक्शन नहीं दिया पता नहीं या तो वह मुझे निरा बच्चा समझती थी या फिर बहुत शातिर ठरकी जवान
जो भी हो मैं भी मौसी के हिलने ढूंढने का जवाब अपने लिंग का दवाब मौसी की गांड के ऊपर लंड दबा कर दे रहा था
जब मौसी सांस लेने के लिए थोड़ा पीछे हुई तो मैंने अपने हाथ रेलिंग से उठाकर सीधे करके रेलिंग के ऊपर रख दिए

मौसी जब दोबारा झुकी तो मौसी के मम्मे मेरे पंजों में आ गए और मेरी उंगलियां मौसी के बड़े बड़े बड़े गुदाज मम्मों को सहला रही थी एक बार मेरा मन हुआ कि उंगली और अंगूठे से मौसी के निप्पल को मसल दूं पर ऐसा करने से जो हम अनजान होने का नाटक कर रहे थे उस पर से पर्दा उठ जाता इसलिए मैंने उतना ही आनंद को लेना जारी रखा है

बंदर का तमाशा देखते हुए मौसी मेरे से बोली तू भी अपनी ससुराल ऐसे जाएगा
मैं बोला मौसी अपनी ससुराल तो पता नहीं कब जाऊंगा पर जब तुम्हारी ससुराल जाता हूं तो ऐसे ही खुशी से जाता हूं क्योंकि तुम्हारे से मिलना मुझे बहुत अच्छा लगता है
मौसी ने गर्दन घुमा कर मेरे गाल पर पप्पी दी और बोली मेरा पाला राजा बेटा कित्ता सुंदर कित्ता प्यारा है
मैंने भी मौसी के गालों पर चुम्बन लिया मौसी फिर से मेरे लिंग पर अपनी कमर का दवाब डालने लगी और मैंने भी अपनी कमर को आगे बढ़ाया और अपने लंड को मौसी के नितंबों की दरार में धकेल छोडा, कुछ थोड़ा आगे और पीछे धकेला इस तरह से काफी देर हमारी धक्कम पेल से मेरा लौड़ा फड़फड़ाने लगा था और मैंने देखा कि मौसी भी वहीं खड़े खड़े अपनी जांघों को आपस में रगड़ रही है मौसी बहुत ही कामातुर लग रही थी मौसी के गाल भी कामवासना के कारण लाल हो गए थे और सांसे तेज होती जा रही थी मैं थोड़ा सा नीचे झुका जिससे मेरा लिंग पजामे के तंबू के अंदर से मौसी की दोनों जांघों के बीच में टिक गया था और दोबारा ऊपर हुआ तो मेरा लिंग मौसी की बूर के ऊपर रगड़ने लगा था पर चूत और लिंग के बीच में हम दोनों के कपड़े बाधा बन रहे थे
मैं अपना एक हाथ मौसी के उरोजों से हटाकर नीचे की तरफ लाया तथा रेलिंग के निचले हिस्से को पकड़ लिया जिससे मेरा अंगूठा मौसी की चूत के ऊपर से मेक्सि को छूने लगा था मैंने अंगूठे को थोड़ा हिलाया तो मैक्सी के ऊपर मुझे कुछ गीलापन लगा
मैं समझ गया मौसी की चूत ने रस छोड़ना शुरू कर दिया है इस पर मैंने अपने हाथ के पंजे से मौसी जी योनि के आसपास के हिस्से को हल्के से दबा दिया मौसी एकदम सरसराती हुई आगे हुई और मेरे पंजे को अपनी चूत के दवाब से अपनी चूत व ग्रील के बीच में दबा दिया तो मैंने अपनी उंगलियों को थोड़ा थोड़ा सीधा करके मैक्सी के ऊपर से ही मौसी की योनि को कुरेदना शुरू किया इससे जैसे मौसी उत्तेजना से पागल सी हो गई और आगे पीछे होने के साथ-साथ ही मैं थोड़ा सा ऊपर नीचे भी होने लगी जिससे मेरा लिंग मौसी के नितंबों के बीच में होता हुआ रगड़ खाने लगा तथा मेरी उंगलियां मौसी की योनि के लबों को सहलाने लगी
सहलाने क्या लगी कुरेदने लगी फिर अचानक मौसी ने कंपकंपाना शुरू कर दिया मौसी इतनी जोर से कांप रही थी कि मौसी के मोटे मोटे उरोज मेरे हाथों पर मेरे पंजे के में बहुत जोर से रगड़ खाने लगे और मौसी ने थोड़ा आगे बढ़कर मेरे अंगूठे को अपनी योनि के अंदर दबा लिया
गहरी सांसें , कंपकंपाता हुआ शरीर
माथे पर पसीने की बूंदें और मेरे अंगूठे पर अचानक आया हुआ गीलापन सब सहजता से बता रहे थे कि मौसीजी झड़ गई है
कुछ देर मौसी जी का शरीर कांपता रहा फिर मौसी ने अपनी सांसे दुरुस्त की फिर मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और बड़ी मासूमियत से बोली : पता नहीं बेटा क्यों एकदम घबराहट सी हो गई थी! चल बेटा! अंदर चल कर बैठते हैं!
स्थिति ऐसी थी की मेरा तना हुआ लिंग मौसी के नितंबों पर वीर्यपात करने के लिए लगभग तैयार था किंतु मौसी ने हमारे सूखे संभोग को शर्म के पर्दे में ही रखना उचित समझा और मैंने मौसी के इस निर्णय में मौसी का साथ दिया ताकि आगे हमारा कामुकता से भरा हुआ रिश्ता मासूम भी बना रहे
इस घटना के बाद कई बार साथ में लेटे लेटे मौसी और मैंने चिपक कर कपड़ों के ऊपर ही संभोग का आनंद लिया और हर बार मौसी और मैं पूरी तरह से संतुष्ट हुए पर हमने एक दूसरे को धोखे में रखते हुए एक दूसरे के सामने अपने कामुक रिश्ते पर बचपन के प्यार का भ्रम बनाए रखा
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Nevil singh

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हम कई बार एक दूसरे को संतुष्ट कर चुके थे हम एक दूसरे को संतुष्ट करने का खेल अक्सर खेलते रहते थे उन दिनों मौसी मुझे वैसे ही अपनी गोद में ले लेती और ऐसे ही मेरे से चिपक कर बैठ जाती थी।
एक बार मां और मौसी बाजार गए सुबह से शाम हो गई थी और दोनों शाम को देर से खरीदारी करके घर पर आई।
आते ही दोनों में समान के थैले एक तरफ रखें और बिस्तर पर पसर कर लेट गई उनकी शक्ल बता रही थी कि वह दोनों थक कर चूर हो गई है फिर भी मां ने वात्सल्य से पूछा बेटा खाने में क्या खाएगा, रात के खाने में क्या बनाऊं
मैं बोला मां तुम दोनों थक गई हो आज खाने की छुट्टी करते हैं और मैं बाहर से डोसा ले आता हूं हम तीनों मिलकर डिनर में डोसा ही खा लेते हैं
खाना बनाने से छुट्टी पाने का एहसास पाकर मां बहुत ही खुश हुई और बोली वाह मेरे बेटा कितना ख्याल करता है, मां का !

मौसी ने मेरे को आंख मारी और बोली मां का ही नहीं मौसी का भी ख्याल रखता है
मां एकदम से हकबकाइ कि कहीं मौसी, मेरे और मां के चुदाई वाले संबंध को जान तो नहीं गई
मैंने माहौल को सामान्य करने के लिए बोला कि मेरे लिए मां और मौसी दोनों बराबर हैं !
चलो। खाना बाद में खाएंगे पहले तुम दोनों के पैर दबा देता हूं
मां का मन मेरे हाथों से मालिश करवाने का हो रहा था, मां बोली ठीक है बेटा, रसोई से तेल की कटोरी लेकर आ और मालिश कर दे
मैंने कहा, बाहर के कपड़ों में तेल लगने से कपड़े खराब ना हो जाए
मां ने नहीं लेटे लेटे ही अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउज पेटीकोट में अधनंगी होकर लेट गई
पेटिकोट को मां ने घुटनों से ऊपर तक चढ़ा लिया और बोली मैंने तो कपड़े बदल गई है अब घर के कपड़ों में आ गई हूं तू बेपरवाह होकर मालिश कर
मौसी ने सूट और पजामी पहनी हुई थी इसलिए पजामी को ऊपर नहीं चढ़ा सकती थी
कुर्ती के लंबे चाक में से मौसी की मोटी मोटी जांघें कसे हुए कपड़े में बहुत आकर्षित कर रही थी
मैंने सोचा मालिश करवाने के लिए पजामी किस तरह से खुलेगी, वह भी मां के सामने ?
मौसी भी कम चालाक नहीं थी लेटे-लेटे बोली मेरी मैक्सी ला दे
मैंने अलमारी खोलकर मैक्सी निकाली और मौसी को देते हुए बोला इतना आलस ठीक नहीं है अब मैक्सी पहनने के लिए तो उठना ही पड़ेगा
मौसी में रुठने की एक्टिंग की और बोली यहां बाहर का कौन है? तू तो मेरा राजा बेटा है! तेरे से क्या परदा ! तू थोड़ा मुंह उधर घुमा ले तो मैं कपड़े बदल दूंगी
मां हंसते हुए बोली जब छोटा था तो मौसी तुझे सारा दिन गोद में लेकर घूमती थी अभी भी तुझे अपना छोटा बच्चा ही समझती है मौसी को नहीं पता कि उसका नन्ना मुन्ना कितना बड़ा हो गया है
मौसी बोली नन्ना चाहे कितना भी बड़ा हो जाए क्या मैं देखती नहीं हूं कि इसका नन्ना बड़ा हो गया है
मौसी का द्विर्थी शब्द सुनकर में सन रह गया
मौसी आगे बोली मेरा मुन्ना बड़ा हो गया है पर मेरे सामने मेरा छोटा बेटा ही है और दीदी जैसे यह तुम्हें आदर सम्मान देता है ऐसा ही मेरे साथ
बेटा छोटा ही है इससे क्या पर्दा इसको तो हमने दूध पिलाया है
यह कहकर मौसी ने मेरे को बोला: चल मुंह घुमा करके खड़ा हो जा
मैंने अलमारी की तरफ मुंह किया तो देखा कि अलमारी के शीशे में पलंग पर लेटी हुई मौसी का पूरा शरीर दिख रहा था या तो मौसी ने ख्याल नहीं किया या जानबूझकर अनदेखा कर रही थी
मां का मुंह दूसरी तरफ था तो मां की निगाहें शीशे पर नहीं थी
मौसी उठ कर बैठी और कमीज का निचला कोना पकड़कर अपनी गर्दन के ऊपर से निकाल दिया मौसी ऊपर से नंगी हो गई थी ब्रा में कसे हुए मोटे मोटे मम्मे ब्रा से बाहर उछलने को आतुर हो रहे थे
मौसी ने हाथ पीछे करके ब्रा का हुक खोला , खुलते ही दोनों सफेद कबूतर छलछला कर बाहर कूद पड़े
वाहा क्या आनंददायक दृश्य था
मौसी ने पजामी का नाड़ा खींचकर खोला और थोड़ा उठकर अपने चूतड़ों के नीचे से पजामी निकाली फिर दोबारा से लेकर पैर उपर किए और पजामी को पैरों से भी निकाल दिया
मौसी ने कच्छी नहीं पहनी हुई थी मौसी पूरी नंगी बिस्तर पर लेटी हुई थी और उसने अपने तलवे बिस्तर पर रखे थे घुटने उपर थे जिससे मौसी के जांघों के बीच में योनि का एहसास हो रहा था
फिर मौसी ने मैक्सी उठाई और गले में डाल कर खींच कर फिर अपने चूतड़ थोड़े से ऊपर कीए और मेक्सि को घुटनों तक खींच दिया
एक ही बिस्तर पर ब्लाउज और पेटीकोट में मां और सिर्फ एक पतली सी मैक्सी पहन कर मौसी लेटी हुई थी मैं कुछ देर उनको निहारता रहा फिर रसोई में जाकर एक कटोरी में सरसों का तेल ले आया
मेरा मन था कि पहले मौसी को की मालिश कर दूं किंतु ऐसा करने से मां के नाराज होने का खतरा था इसलिए मैं आकर मां के पैरों के पास बैठ गया और पैर पकड़ कर अपने हाथों से पैरों को पिंडलियों को दबाने लगा मेरे हाथों में का एहसास पाकर मां ने अपने घुटने ऊपर किए तो मां की पिंडलियां मालिश करवाने वाली अवस्था में आ गई इस प्रक्रिया में मां का पेटीकोट जांघों से फिसल कर मां की कमर के आस पास इकट्ठा हो गया था बीच में एक छोटे से झोल के कारण मां की योनि पेटिकोट की कपड़े से ढक गई थी बाकी सब मुझे दिख रहा था
मैंने अपनी उंगलियां तेल में डूबाई और मां की मालिश करने लगा पिंडलियों पर नसें उलझी हुई लग रही थी उनको मैंने मालिश कर दिया
अपनी हथेलियों में तेल लगाकर घुटने के ऊपर घुटने के कप पर मालिश होने से मां को जोड़ों में आराम मिला तो मां बोली ऊपर जांघ से भी खुश्की हो रही है थोड़ा ऊपर भी मालिश कर दे
मैंने अपनी उंगलियां तेल में डुबोकर मां की जांघों पर अच्छे से तेल की मालिश की
जब मेरे हाथ मां की जांघों से मां के नितंबों की तरफ जाते तो मां सरसरा उठती थी
हाथों के स्ट्रोक मां की जांघों पर लगाते लगाते मैंने बड़ी एतिहात से योनि पर ढका हुआ कपड़ा हटा दिया अब मां की नग्न योनि पूरी तरह से मेरे मेरी आंखों के सामने थी
मैं जब नीचे की तरफ स्ट्रोक लगाता तो मेरी उंगलियां मां की योनि के लबों को छू जाती थी धीरे-धीरे मैंने अपनी अंगुली योनि के अंदर डालनी शुरू कर दी
कुछ देर तो मां को मजा आया पर साथ में मौसी के लेट होने के कारण मां ने अपने पर काबू किया और मेरे को आंखों से इशारा किया
मैं स्थिति समझ कर रुक गया और मां के पैरों की मालिश करके मां से बोला कि मां पीठ की भी मालिश कर देता हूं
मां बोली हां थोड़ा सा पीठ पर भी हाथ मार दे
फिर मां औंधी होकर लेट गई मैंने हाथ से मां का पेटीकोट कमर से नीचे खिसका दिया तथा कमर पर थोड़ा नीचे की तरफ होकर बैठ गया तथा ब्लाउज और पेटीकोट के नाड़े के बीच की जगह को अपनी हथेलियों से मरने लगा मेरे हाथों के दवाब तथा गांड पर लंड की रगड़ से मां की वासना भड़क गई और मां ने तकिए में मुंह दबाकर सिसकारियां लेने लगी अपनी जांघों को आपस में रगड़ने लगी और कुछ देर बाद शांत हो गई
इस बीच मौसी कनखियों से मेरे को देख रही थी उसे लगा मैंने मां की मालिश करने में कुछ आनंद ले लिया है पर मां की हरकतों को मौसी समझी नहीं
यह देख कर अपने अंदाज में मौसी ने मेरी तरफ तिरछी मुस्कान दी और अपनी और आने का इशारा किया
इतने में ही मां बोल पड़ी बेटा मेरी मालिश हो गई अब मौसी के पैर मल दे
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Nevil singh

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मैंने मौसी के पैरों पर बैठकर मौसी के दोनों पैर अपनी गोदी में रखें और हाथों में तेल लगाकर मौसी की पिंडलियों की मालिश करने लगा मौसी ने मैक्सी घुटने तक उठाई
मां ने इस चीज का नोटिस लिया कि मौसी मुझे अपनी चिकनी मांसाल जांघें नहीं दिखा रही और संतुष्टि महसूस की कि मुझे मौसी का नंगा बदन नहीं दिख रहा है मैंने मौसी की मालिश करते करते उंगलियां जांघों तक ले गया मेरे हाथ आगे जाने पर मां को शक हो जाता और मौसी भी थोड़ी ज्यादा सावधान थी इसलिए मैंने थोड़ी देर मालिश करवाने के बाद मौसी ने कहा बस अब मैं ठीक महसूस कर रही हूं
मैं: आपकी कमर की मालिश करनी है क्या?
मां एकदम उठ गई क्योंकि मौसी की पीठ पर मालिश करने के लिए मुझे मौसी की मैक्सी ऊपर तक उठानी पड़ती जो कि मां को स्वीकार्य नहीं था
मौसी ने भी मां की चुस्की नोट की और बोली नहीं सिर्फ पैर ही ठीक है अब थोड़ा मेरी पीठ पर सिर्फ मुक्के मार दे कहकर मौसी ने करवट और लेट गई तो मैंने मैक्सी के ऊपर से ही मौसी की पीठ को दबाकर मौसी को आराम दिया पर मेरे दबाव के कारण उस समय जब मैं मौसी की पीठ दबा रहा था मेरा लंड मौसी के नितंबों को छू रहा था
मौसी भी थोड़ी गर्म हो गई थी पर मां के द्वारा देखे जाने का खतरा समझते हुए हम आगे नहीं बड़े पर मासी की कामवासना जाग गई थी यह मुझे एहसास हो गया था।
जाए मौसी बोली अभी थकावट नहीं है मेरे बेटे ने मेरे थकावट मेरी मालिश करके मुझे तरोताजा कर दिया है अभी जब दोबारा थक जाऊंगी तो तेरे को बोल कर मालिश करवा दूंगी
मौसी जी ने मां के मनोभावों को समझ कर अपना शरीर मेरे सामने नंगा नहीं कर रही थी और आंख मार कर इशारा कर दिया कि बाद में मालिश करवा लेगी मौसी के नंगे शरीर पर मालिश करने का सपना देखते देखते मैं बाहर गया और होटल रेस्टोरेंट से डोसे पैक करवा कर ले आया
आकर देखा दोनों बहने बेसुध सोई हुई थी तो मैंने उनको जगाना ठीक नहीं समझा और वही उनके बीच में जाकर लेट गया मेरा एक हाथ मां के नंगे पेट पर नाभि के आसपास सहलाने लगा और दूसरे हाथ से मैं औंधी पड़ी मौसी के नितंबों को मैक्सी के ऊपर से ही दबाने लगा मेरे सहलाने से बारी बारी दोनों की नींद खुल गई और बोली खाना ले आया तो अभी खा लेते हैं नहीं तो ठंडा हो जाएगा
हमने वही बिस्तर पर ही बैठ कर कि खाना खा लिया खाने के बाद दोनों बहने फिर से बिस्तर पर पसर गई और मां ने मेरा हाथ पकड़ कर कहा तू भी यहीं सो जा
मैं जगह देखकर उनके बीच में ही लेट गया कुछ देर में दोनों के खर्राटों की आवाज आने लगी पर मैं मां के सामने मौसी के शरीर से खेलने का खतरा नहीं उठाना चाहता था इसलिए मैंने दोनों हाथ मां के पेट पर रखें और नरम नरम शरीर को महसूस करते हुए पेट को सहलाने लगा फिर मैंने अपने हाथ थोड़े से ऊपर करके मां के ब्लाउज के अंदर नीचे से ब्लाउज के अंदर डाल दिए और मां की नंगी चूचियां को दबाने लगा मां गर्म होने लगी थी पर उसने मेरा हाथ पकड़ कर ब्लाउज से बाहर निकाल दिया और हाथ दबा कर इशारा किया कि मौसी हमारे संबंध के बारे में ना जान ले इसलिए सावधानी रख
मैंने भी जैसे मां की आज्ञा का पालन किया और सीधे करके सोने की एक्टिंग करने लगा
जब दोबारा मां के खर्राटों आवाज आने लगी तो मैंने अपने हाथ मौसी की मैक्सी के ऊपर फेरना शुरू कर दिए और अपने पैरों के अंगूठे से मौसी की मेक्सि को धीरे-धीरे ऊपर करने लगा मौसी ने नींद में ही अपने दोनों पैर थोड़ा सा उठा लिया जिससे मौसी की मिक्सी घुटनों तक आ गई शायद मौसी ने जानबूझकर मुझे रास्ता दिखाने के लिए मैक्सी ऊपर की हो अब मैंने नंगे घुटने व जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे हाथ जांघों के जोड़ की तरफ ले गया मौसी बहुत गर्म हो चुकी थी मौसी ने भी हाथ बढ़ाकर पजामे के ऊपर से मेरा लौड़ा पकड़ना चाहा पर सही एंगल नहीं बन पा रहा था फिर मौसी मैं उठ कर बाहर बाथरूम में गई और वापस आकर मेरे को इशारा किया जिससे मैं किनारे पर हो गया और मौसी मां और मेरे बीच में करवट लेकर लेट गई इस समय मौसी की पीठ मेरी तरफ से थी लेटते समय मौसी ने अपनी मैक्सी के निचले हिस्से को उठाकर पीछे से कमर तक उठा लिया था जिससे मौसी के नंगे नितंब मेरी तरफ थे मैंने भी करवट ली और अपना पजामा थोड़ा सा नीचे लाकर अपना लिंग बाहर निकाल लिया और मौसी की नंगी गांड पर चिपका दिया।
गांड की दरार में फंसा हुआ मेरा लौड़ा मौसी के थोड़ा सा उचकने के कारण मौसी की गांड पार करके चूत से सटा हुआ आगे को निकल रहा था जब मेरा लौड़ा मौसी की गांड पर रगड़ रहा था तो मैंने महसूस किया कि वहां कुछ ज्यादा चिकनाहट है शायद मौसी बाथरूम से अपनी गांड और चूत* के आसपास तेल लगा कर आई थी ताकि मौसी और मेरे लंड और मौसी की चूत* और मेरे लंबे लिंग को ज्यादा घर्षण ना करना पड़े
मौसी की तैयारी देख कर मुझे बहुत हैरानी हो रही थी मुझे थोड़ा ऊपर की और सरकी और उसने आपने पैर घुटनों से मोड़ लिए
मैंने भी उसी तरह पीछे से अपनी करवट ली और मैं मौसी से चम्मच की तरह चिपक गया मेरा लौड़ा पूरी तरह से तनकर लोहे की गर्म सलाख जैसा हो गया था और मौसी को मेरे लोड़े की गर्मी तथा शक्ति दोनों साफ-साफ महसूस हो रही थी
मौसी ने हाथ नीचे करके मेरे सुपारी को अपनी चूत के आसपास रगड़ा व रास्ता दिखाया तो मैं और निडर होकर मौसी की गांड पर घस्से मारने लगा और मेरे हाथों का दवाब मौसी के मम्मों पर बढ़ता रहा है
इस तरह काफी देर धक्के मारने के बाद मौसी ने अपना हाथ दुबारा नीचे करके मेक्सिको आगे से भी ऊपर कर लिया और अपने हाथ से मेरे लोड़े को अपनी चूत* पर दबाने लगी अचानक मेरे लोड़े को गीलापन महसूस हुआ और पता चला की मौसी झड़ गई है तब तक मेरा लौड़ा भी फुफकार मारने लगा था और एकदम से मेरे लन्ड ने मौसी के हाथ पर पिचकारिया मारनी शुरू कर दी मेरा वीर्य इधर उधर ना लगे इसलिए सारा वीर्य मौसी ने अपने अंजुली में भर लिया और धीरे से उठकर बाथरूम में चली गई
मैं भी उठ कर बाहर बाथरूम में आया मासी मैक्सी ऊपर करके अपनी चूत को धो रही थी मैंने भी वही साइड में खड़े होकर लंड हिलाया और मौसी को बोला है मौसी इस केले को खा लो
मौसी बोली: डार्लिंग यह केला नहीं है इसको मैं अभी नहीं खा सकती यह तो बहुत बड़ा है मौका मिलने पर इसको जन्नत की सैर करवाउंगी
Excellent update dost
 
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कुछ दिन बाद मौसी ने वापस अपने घर जाने का कार्यक्रम बनाया और बोली शनिवार पापा के आने पर बोली: आकाश को मेरे साथ भेज दो यह मुझे छोड़ आएगा
हमारे यहां से मौसी के घर जाने में बस से 5 घंटे लगते थे
मां ने कहा कल सुबह चले जाना, आकाश तुझे छोड़ आएगा
मां ने इतवार को मुझे मौसी के साथ भेज कर पिताजी से पूरा दिन घर में चुदने का प्रोग्राम अपने लिए बना लिया था
पापा बोले : तुम सोमवार सुबह चले जाना
मौसी बोली : नहीं।
मौसी ने मन में सोचा कि अगर आज रात को नहीं जाएंगे तो मां का बनाया हुआ चुदाई का प्रोग्राम बेकार हो जाएगा
इसलिए मौसी बोली : नहीं जीजा जी मुझे कल पहुंचना ही है इसलिए मैं अभी रात को ही चली जाती हूं कह कर हमने जल्दी से सामान बांधा और बस स्टैंड पर की तरफ चले गए
हम लोग बस स्टैंड पहुंचे तो पता चला कि आखिरी बस निकल गई है और अगली बस सुबह 6:00 बजे मिलेगी
घर जाने के बारे में सोचा तो मौसी बोली
आज बहुत दिनों बाद दीदी और जीजाजी को अकेले में मनोरंजन का समय मिला है हम घर जाएंगे तो उनकी रात खराब हो जाएगी
मैं बोला: पर मौसी उधर हम पूरी रात बाहर बैठे रहे तो हमारी तबीयत खराब हो जाएगी
मौसी बोली: लल्ला रे, मौसी कोई इतनी बुद्धू है कि तुझे बाहर खुले में सोने को बोलेगी, चल, सामने धर्मशाला में रात काटने की कुछ व्यवस्था करते हैं, हम आराम से कमरे में सो जाएंगे और उधर जीज्जी को जीजा के साथ अच्छा समय मिल जाएगा।

मेरे मन में भी आशा की किरण जागी और मैं बोला कि मौसी धर्मशाला में कमरा मिल जाएगा क्या?
मौसी बोली: हम अपने को मां- बेटा बोल देंगे तो कोई शक नहीं करेगा और आराम से कमरा मिल जाएगा
यह कहकर मौसी ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे धर्मशाला की तरफ चलने का इशारा किया मैंने दूसरे हाथ में मौसी का अटैची उठाया और चल पड़ा
धर्मशाला के दफ्तर में एक बूढ़ा क्लर्क बैठा हुआ था
मौसी ने जाकर उसको समस्या बताई कि हम लोगों को दूसरे शहर से आकर यहां से बस बदलनी थी किंतु आखरी बस निकल गई है अतः सुबह तक के लिए ठिकाना चाहिए
क्लर्क ने हम दोनों को देखा और अंदाजा लगाया कि हम प्रेमी प्रेमिका तो नहीं हो सकते फिर उसने पूछा एक कमरा चाहिए या दो ?
मौसी बोली हम दोनों मां- बेटे को एक ही कमरा चाहिए
मां बेटा शब्द सुनकर क्लर्क के मन में मुख पर आश्वस्त होने के भाव आए और बोला कि एक रात कमरे के ₹100 लगेंगेओर सुबह 10:00 बजे तक कमरा खाली करना होगा
मौसी: हमारी बस तो 6:00 बजे है, हम समय से ही निकल जाएंगे पर देखिए कुछ किराया कम हो सके तो ?
क्लर्क बोला कि अगर रजिस्टर में एंट्री नहीं करते और 5:00 बजे तक निकल जाते हैं तो ₹50 दे देना
मौसी ने खुशी जाहिर की और बोली हां बिल्कुल ठीक रहेगा
मोलभाव के कारण क्लर्क को तसल्ली हो गई थी हम सच में ही मां बेटा है
वह एक कमरे की चाबी देकर बोला कि यह सबसे अच्छा वाला कमरा है जिसमें बाथरूम अटैच है सुबह 5:00 बजे से पहले तक खाली जरूर कर देना नहीं तो मैनेजर आ जाएगा और मेरी नौकरी को खतरा होगा
मैंने धन्यवाद बोला और और चाबी संभाली कमरे की लोकेशन पूछी।
क्लर्क काउंटर बरामदे पर हमारे साथ आया वाले कमरे की तरफ इशारा करके किया इंगित किया
हम कमरे में घुसे अच्छे से साफ सुथरा था एक कोने में तखत लगे हुए थे उन पर रूई वाला गद्दा तथा साफ चादर बिछी हुई थी
कमरे में घुसते ही मौसी ने अपने कपड़े ढ़ीले किए और बाथरूम की तरफ जाने लगी
मैंने पानी का जग उठाया और बाहर आकर क्लर्क से पूछा तो उसने कोने में रखे वाटर कूलर की तरफ इशारा किया मैं जग भर कर कमरे में ले आया और कमरे का दरवाजा अच्छी तरह से अंदर से बंद कर दिया ......आगे फिर
Kaatil update mitr
 
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Nevil singh

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हमारा कमरा क्लर्क व कूलर से काफी दूर था और आसपास के दोनों कमरों में बाहर से ताला लगा हुआ था इसका मतलब वह भी खाली थे
यह देख कर मुझे तसल्ली हुई थी अगर हम कुछ बात करते हैं, मैं और मौसी खुराफात करते हैं, मौसी अगर संभोग का मौका देगी तो हमारी आवाजों से आस-पास में कोई दिक्कत नहीं होगी
दरवाजे की चिटकनी लगा कर जैसे ही मैं मुड़ा तो देखा कि मौसी ने साड़ी उतार दी थी और सिर्फ पेटीकोट व ब्लाउज में ही पलंग के कोने पर बैठी हुई थी
मैंने पानी का जग स्टूल पर रखा और मौसी के साथ जुड़ कर बैठ गया
मौसी बोली कैसा लग रहा है
मैं बोला पहली बार इस तरह किसी कमरे में रूका हूं तुम्हें कैसा लग रहा है? मौसी बोली तेरे मौसा जी के साथ कई बार यात्रा के समय धर्मशाला होटल में रुकने का मौका मिलता रहा है तो मुझे बहुत अच्छा लगता है कि हम खुलकर बातें कर सकते हैं
मैं मुस्कुराया और बोला कि खुलकर क्या सिर्फ बातें ही करते हैं?
मौसी ने मुझे आंख मारी और बोली लल्ला तू समझदार तो है, अब जब मैं तेरे मम्मी पापा को खुलकर बातें करने का मौका दे रही हूं तो क्या मुझे तू सिखाएगा की अकेले बंद कमरे में खुलकर बातें ही होती है या पति पत्नी को चोदने का अच्छा मौका मिल जाता है
मैं बोला मम्मी पापा के खुल कर मजे लेने की बात करके मौसी तुम मेरे मन में आग भड़का रही हो
मौसी बोली तेरे मन में आग तो हमेशा ही भड़कती रहती है
मैं : तुम्हें कैसे पता?
मौसी: जब तेरे मन में आग भड़कती है तो तेरी चुन्नी ऊपर होकर धुआ निकालने लगती है
मैं: तुम मेरी लुल्ली ही देखती हो? मौसी : लुल्ली नहीं तेरा हथियार देखती हूं साथ ही तेरे मन के भावों को भी पूरी तरह से पढ़ती हूं , मुझे पता है तू मौसी और अपनी मां के बारे में क्या क्या सोचता है
मैं : तो मौसी उधर मम्मी पापा खुलकर अपने मन की करेंगे तो इधर हम दोनों मां-बेटे भी खुलकर मन की बातें कर लेंगे
मौसी: सिर्फ मन की बात ही करनी है
मैं बोला : मन की बात नहीं, मन के सारे अरमान खुलकर करने हैं
मौसी अभी तो तुम मुझे मां बोल रहा है और मन के अरमान भी पूरे करने की सोच रहा है
मैं : मां के साथ अरमान तो होते ही हैं, वहां से पूरे नहीं हो रहे तो मां जैसी मौसी अपने भतीजे अपने बेटे के अरमान पूरे करवा देगी
मौसी : मेरे प्यारे लल्ले जितने लाड़ मौसी से चाहता है या जो तेरे लाड मां से पूरे नहीं हुए वह सब इच्छाएं मैं पूरे करने की कोशिश करूंगी
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मैंने कहा मौसी उस दिन तुम्हारी पीठ की मालिश रह गई थी आज कर देता हूं
मौसी हंसी और बोली मेरे भोले बच्चे, मालिश?, तू ने अपने डंडे से पीठ के नीचे तो अच्छे से खलबली मचा दी थी अब पीठ को छोड़ आज असली मुनिया पिंकी रानी की सेवा करने का मौका है
मैं बोला मौसी वहां डरते डरते कुछ भी नहीं हो पा रहा था
मौसी बोली क्या करना चाहता है
मैं बोला मैं इतना छोटा बच्चा नहीं रहा मेरा भी मन करता है कि तुम्हारे साथ खुलकर खेलूं
मौसी तेरी शादी करनी पड़ेगी
मैं : शादी एक परीक्षा है उसकी तैयारी तो करवा दो
मौसी ने झटपट मेरे मुख को चूम लिया और कहा मेरा प्यारा बच्चा है आज तुझे सुहागरात की ट्रेनिंग दे देती हूं
यह कहकर मौसी पर पर बैठ गई और मैं मौसी को निहारने लगा मौसी ने शर्मा करा कर आंखें नीचे कर ली
मैंने मौसी को अपने आलिंगन में लेकर एक पप्पी दी और फिर आलिंगन में ले लिया और मौसी को कसकर अपने सीने से लगा लिया
मौसी ने भी अपनी बाहों का घेरा मेरे गिर्द डाल दिया और मेरे होठों पर चुंबन देने लगी मौसी के चुंबन का जवाब मैंने मौसी के निचले होंठ को अपने दांतो से दबा कर दिया
मैंने अपनी जीभ मौसी के मुंह में डाल दी फिर बोला मौसी मैं तुम्हारे को तुम्हारे साथ अकेले में समय बिताना चाहता था तुमने तो आज मेरे मन की मुराद पूरी कर दी
मौसी बोली लल्ला मैं, तेरा तना हुआ तंबू देखकर और तेरे कच्छे के अंदर हरकत करते हुए तेरे पिस्टन को देखकर हमेशा ही सोचती थी की मैं तेरे मन की प्यास कब बुझा पाऊंगी तू मेरा प्यारा बेटा है और अगर तू मेरे सामने भूखा रहेगा तो मेरा मन दुखी होगा ही
मैं बोला मासी मेरा डंडा तो तुम्हारे को देखते ही फनफनाने लगता है मेरा सांप तुम्हारे बिल में जाने के लिए बहुत आतुर रहता है पर तुमने इसको अपने बिल के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं दी सिर्फ तुम्हारी पहाड़ जैसी मोटी ऊंची चूचियां देख कर इसका मन तुम्हारी तलहटी की गहराइयों में डूबने का करता है
मौसी: शायर बन रहा है , मौके का फायदा उठा !! हम घर वापस इसलिए नहीं जाएगी तुम्हारी मम्मी के मन का प्रोग्राम खराब ना हो।
रात को उसने हमें हमें भेजने का प्रोग्राम इसीलिए बनाया कि वह पूरी तरह से नंगी होकर तेरे बाप का लंड अपनी चूत* गांड और मुंह में ले सके और जितना चाहे शोर मचाए
तेरे पापा भी पिछली बार जब घर आए थे तो ठीक से ना चोद पाने की बात कर रहे थे
मैं बोला क्या तुम चुपचाप उनकी बात सुन रही थी मौसी बोली जासूसी तो करनी ही पड़ती है तुम्हारे मां बाप की जल्दबाजी वाली चुदाई देखकर मेरी मुनिया ने रस बहाना शुरू कर दिया था, बड़ी मुश्किल से खीरा डालकर इसको शांत कर पाई थी
मैं बोला: शर्म नहीं आई मौसी, घर में भतीजे का डंडा होते हुए तुम खीरे से चुदाई मार रही थी और मैं तुम्हारी चूत* के सपने देखता हुआ हाथ या तकिए से अपना पानी निकलता था
हम दोनों एक ही छत के नीचे अपने अपने ढंग से अपने को शांत कर रहे थे
मौसी बोली हर एक चीज का समय होता है , मैंने अपनी चूत को तेरे लिए बहुत से देने का कार्यक्रम बनाया हुआ था हड़बड़ी में जल्दी से चूत* देती तो तुझे मजा नहीं आता
पहली बार तुझे चूत* मारनी है तो ढंग से मार कहीं जल्दबाजी में चूत* का सत्यानाश कर दे कहते हैं ना कि
अनाड़ी का चोदना चूत का सत्यानाश मैं बोला : मेरी प्यारी प्यारी मौसी, आज मुझे चोदना सिखाएगी इससे अच्छी बात और क्या होगी
मौसी बोली बातें तो ऐसे कर रहा है जैसे चुदाई का एक्सपर्ट हो
मैं बोला नहीं मौसी, चुदाई की बात तो बहुत दूर है, मैंने कभी दोनों टांग के बीच वाले बिल को भी ठीक से नहीं देखा है, कभी कबार तुम्हारी या मां की बुर को उठते बैठते जब तुम्हारी मैक्सी या पेटिकोट अस्त व्यस्त होते है तो मैंने बालों के बीच में सिर्फ झलक देखी है और अपने लंड* को मुट्ठी का घेरा बनाकर ही चूत* का एहसास दिलवाया है
"आज फिर तुम पर प्यार आया है बेहद और बेहिसाब आया है"
मौसी बोली: एकदम से कैसे प्यार उमड़ रहा है
मैं बोला एकदम नहीं बरसों से तुम्हारी मुनिया में अपना पप्पू डालने की सोच रहा हूं मौसी बोली यह मुनिया नहीं मॉडर्न वाली पिंकी है।
मुनिया और पिंकी का फर्क तुझे मालूम होना चाहिए तूने तो दोनों को देखा है तेरी मां की मुनिया है मेरी है पिंकी
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मैं बोला मौसी एक्सपर्ट होना तो दूर की बात है मैंने तो कभी ढंग से च** के दर्शन भी नहीं किया है कभी कबार तुम्हारी मैक्सी के ऊपर से ही एहसास लिया है या फिर जब मम्मी का पेटीकोट थोड़ा दाएं बाएं होता है थोड़ा ऊपर की तरफ खड़ा होता है तो बैठने के समय मुझे अपने जन्म स्थान के दर्शन हुए हैं
मौसी : कोई बात नहीं बेटा आज तुझे तेरे मौसा जी के कर्म स्थान के अच्छे से दर्शन करवा देती हैं
मैं हंसा और बोला पहली बार तुम्हारी चूत के दर्शन होने हैं मन तो करता है कि उसकी पहले धूप बत्ती जला कर आरती करूं
मौसी बोली : बहनचोद धूपबत्ती अपनी गांड में घुसा , तेरे पास सफेद रंग वाली पिचकारी है उससे चूत के अंदर कलाकारी कर दे, तो तेरा और मेरा दोनों का कुछ फायदा होगा
मैं बोला मासी तुम तो मुझे उकसा कर कच्छे में ही मेरा झाड़ दोगी
मौसी बोली कच्छे में तो तब झढ़ता है जब तू खिड़की के पास काम लगा कर मां बाप की चुदाई* की बातें सुनता है
मैं बोला तुझे कैसे पता मौसी मासी बोली मैंने भी अपने मां बाप और तेरे मां-बाप की चुदाई** होते हुए देखी भी है और उनकी आवाजें भी सुनी है
पर तुम कैसे काबू करती हो मैं तो सुनते सुनते ही झड़ जाता हूं
मौसी बोली मैं भी उंगलियों से काम चला लेती हूं और मुझे तो लगता है घर में जब तेरे मौसा जी मुझे पेल रहे होते हैं तो तेरे मौसेरे भाई बहन भी हमारी आवाज में सुनते होंगे और कहीं वह तेरा भाई अपनी बहन को ना चोदता हो क्योंकि मुझे अपनी बेटी भी बहुत चुदक्कड़ लगती है
मैंने ठंडी सांस भरी और बोला मैं तेरा बेटा होता तो तेरी बेटी को जरूर चोद देता पर यहां तो मेरा भाई है हम दोनों सिर्फ लंड का झंडा ही मिला पाते हैं
मौसी बोली : कहीं मेरे घर जाकर अपनी मौसेरी बहन को ही चोदने मत जाना, लड़की चुदाई से में जिसको अपना तन मन और चूत सोंपती है पहले उसके बारे में पूरी तरह से आश्वस्त होती है तभी आगे समर्पण करती है बढ़ाती है नहीं तो वह जरा सी आशंका महसूस करती है तो अपनी चूत* को अच्छे से छिपा देती है
अब मैं भी तेरे भोलेपन और विश्वास के कारण ही तुझे शांत करने का मन बना कर यहां धर्म शाला में आई हूं
बात करते करते हैं मौसी ने मेरे कच्छे के अंदर हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ा और उमेठने लगी
मैंने मौसी के ब्लाउज के पर हाथ रखकर रखा तो पाया कि साड़ी उतारने के साथ-साथ मौसी ने अपनी ब्रा भी उतार दी थी और मासी अब मेरी मां की स्टैंडर्ड ड्रेस सिर्फ एक पेटीकोट और ब्लाउज में मेरे सामने चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार होकर मेरे सामने बैठी थी
मैंने मौसी के मम्मे दबाना शुरू किया मेरे भोले बलम एक घंटा तो तूने बकवास में बर्बाद कर दिया सुबह 5:00 बजे निकलना है इसलिए जो भी करना है शुरू कर
मैं बोला मेरी मास्टरनी मुझे बताओ कैसे शुरू करना है
मौसी बोली पहले मेरे कपड़े उतार
मैंने जैसे ही अपना हाथ मौसी के ब्लाउज के हुक की तरफ बढ़ाया तो मौसी ने मेरा हाथ झटक दिया और बोली मादरचोद, बहन के लोड़े रंडी समझा है क्या?
मैं सकपकाया तो मौसी ने मेरे नितंबों पर चपत मारी और बोली बेटा सेक्स का पहला नियम समझ औरत बहुत शर्मीली होती हैं सब काम धीरे-धीरे सहज से करना होता है
मैंने इशारा समझा और मौसी को गले से लगाया और मौसी के होठों को चूमने लगा और अपनी जीभ मौसी के मुंह में डाल दी
मौसी मेरे चुंबन का जवाब दे रही थी तो मैंने अपने हाथों से चुपचाप ब्लाउज के हुक खोलने शुरू कर दिए और कुछ सेकंड में ही मौसी के ब्लाउज के दोनों पल्ले अलग हो गए मेरे सामने दोनों मम्मे झलक रहे थे
फिर मैंने अपने अंगूठे और उंगली के बीच में निप्पल को पकड़ा और धीरे से उनको मसलने लगा मौसी के मुंह से एक कामुक आवाज आई फिर मैंने नीचे झुक कर मासी के चूचक अपने मुंह में डाल लिए और चुसने लगा
मौसी ने दोनों हाथों से मेरे बालों को सहलाना शुरू किया और मैंने अपने दोनों हाथ नीचे करके मौसी के पेटीकोट का नाडा खींच दिया जिससे मौसी का पेटीकोट नीचे फर्श पर गिर गया उसी अवस्था में मौसी ने एक कदम लेकर अपने पेटीकोट से दूर हो गई
मैं अपने हाथों मौसी के योनि प्रदेश को सहलाने लगा और मौसी का दूध पीता रहा मौसी ने भी हाथ नीचे करके मेरे कच्छे का नाडा खोल दिया मैंने भी उसी प्रकार से कच्छे का अपने पैरों से अलग कर दिया अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे होकर एक दूसरे को चूम रहे थे
मौसी की कसमसाहट बढ़ रही थी मैं एक हाथ से में मौसी की योनि को मसल रहा था और दूसरे हाथ से मौसी के उरोज रगड़ रहा था और अपने मुंह से मौसी के होठों को चूम रहा था
मौसी के हाथ मेरे नितंबों के ऊपर मालिश कर रहे थे ऐसे खड़े-खड़े ही मौसी ने थोड़ा जोर डाला तो हम दोनों बिस्तर पर लुढ़क गए पर हमारा आलिंगन बदस्तूर बना रहा
मैंने भी अपने दोनों हाथों से मौसी के नितंबों को दबाकर मौसी की योनि को अपने लिंग के आसपास दबा दिया मौसी चुपचाप लेटी हुई मेरी हरकतों का आनंद ले रही थी मुझे मां को चोदने का अच्छा खासा अनुभव था पर मैं मौसी के सामने जाहिर नहीं करना चाहता था इसलिए मैंने चुदाई* की तरफ पहला कदम नहीं बढ़ाया
मैं भी बीच-बीच नितंबों को मसल रहा था और कभी मौसी के उरोजों को चूस लेता और कभी मुंह और गर्दन की चुम्मियां ले लेता
मासी ने मुझे अनाड़ी समझ कर अपनी पोजीशन बदली और मुझे अपनी टांगों के बीच में ले लिया मेरा लिंग मौसी की योनि के ऊपरी हिस्से पर रगड़ खा रहा था और मेरे तने हुए लिंग का एहसास होते ही मौसी में हाथ नीचे करके मेरे लन्ड* को अपनी चूत* के मुहाने पर रख दिया
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Nevil singh

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मैंने मौसी को आलिंगन में ले लिया और जोर जोर से चूमने लगा
मौसी भी मेरे से कसकर लिपट गई और मेरे चुंबन का जवाब मेरे मुंह को चूम कर इस तरह से दे रही थी जैसे हम जनम-जनम के प्यासे प्रेमी मिल रहे हो
हम दोनों ही बड़बड़ा रहे थे मेरी प्यारी सुषमा, मेरी प्यारी मौसी, मेरी मां, बहुत तरसाया है तूने मुझे, मेरी मौसी, तेरे लिए कितना तरसा हूं, तेरे लिए कितना तड़पा हूं, तड़प- तड़प कर मेरे इस नाग ने तेरे बिल में घुसने के लिए कितने आंसू बहाए हैं
मेरी सुषमा मेरी मौसी, आहा हा हम्म, आजा मौसी, अपने बेटे को शांत कर,
उधर मौसी मेरे लाल, मेरे लाडले, तेरी लुल्ली को मैंने बचपन में कितनी बार नहलाया है, तेरी बढ़ती जवानी, तेरा हथियार, मेरी कितनी रातों की नींद उड़ा चुका है, आजा मेरे बेटे, आजा, मेरे बेटे, कर दे मौसी को शांत, मौसी बहुत प्यासी है, इस मिले हुए मौके पर मौसी के साथ यादगार बना, मौसी की योनि तेरे डंडे को बहुत याद करती है, बहुत तड़पती है मेरी गुफा, इस शेर को अपने अंदर आराम देने के लिए, और मत तड़पा मेरे बेटे, कर दे शांत, पेल दे अपना डंडा, लूट ले मेरी इज्जत, अपनी मर्दानगी से जोर-जोर से निचोड़ दे, तोड़ दे मेरा बदन अपनी फौलादी बाहों से, आजा मेरे बेटे,
मैं भी होश में नहीं था, हां , मेरी मां, आजा मेरी मां, ले ले अपने बेटे का खड़ा हुआ लौड़ा, अपनी योनि में, यह मेरा लौड़ा तेरी योनि के लिए बहुत प्यासा है, यह तेरी योनि में बारिश करना चाहता है, ले - ले इस को, पूरी तरह से शांत करूंगा मां तुझे, यह कहते हुए मैं अपने हाथों से मौसी के मम्मे निचोड़ने लगा
मौसी अपने दोनों हाथों से मेरा अंडकोष और लिंग जोर-जोर से दबाने लगी
मौसी ने मेरी उत्तेजना बढ़ाने के लिए बोलना शुरू किया आज उसी तरह से करते हैं जैसे तेरे मम्मी पापा घर में कर रहे होंगे
मैं बोला मम्मी पापा को चुदाई* करते हुए साफ-साफ कभी भी नहीं देख पाया हूं अंधेरे में उनकी छाया ही दिखती है और बहुत कामुक आवाजें आती हैं
मासी बोली मैंने तो दिन में भी जिज्जी और जीजा को चुदाई** करते देखा है। जब उनकी नई नई शादी हुई थी, दोनों मौका मिलते ही दिन में भी धक्का पेल कर लेते थे 1 बार जब दीदी मायके आई हुई थी और मैं स्कूल से जल्दी वापस आई तो मैंने देखा कि मम्मी तो रसोई में है और जीजी कमरे में जीजा का मोटा लौड़ा चूस रही है मैंने पहली बार नंगे लंड को देखा था
तेरे पापा का लोड़ा तब से मेरे दिमाग में बस गया था और मैं कुतूहल से उनकी यौन क्रिया को देखने लगी
मौसी बड़े जोश में मम्मी पापा की चुदाई* का किस्सा बताने जा रही थी पर मैं बोला मौसी मेरा लंड बहुत फंनफना रहा है तुम चुदाई* का किस्सा बताओगी तो सारा माल बाहर ही निकल जाएगा
एक बार झटपट से अपनी प्यास बुझा लेते हैं उसके बाद तसल्ली से उत्तेजक ढंग से चुदाई करेंगे ताकि हमारी मन की सारी इच्छाएं पूरी हो जाए अभी तो मेरा लिंग बिल्कुल फटने के आसार पर है यह कहते-कहते मैंने अपना हाथ मौसी की योनि पर लगाया तो मौसी की योनि में बहुत ज्यादा रस टपकता हुआ पाया।
मौसी भी चुदने के लिए झड़ने की सीमा पर ही पहुंची हुई थी शायद कई सालों की मेरे से चुदने की अनबुझी प्यास और अभी चुदाई*** की इच्छा पूरी होते दिखने की संभावना से ही हम दोनों इतने उत्तेजित हो गए थे कि आलिंगन से ही झडने के करीब पहुंच गए थे हमारे नंगे बदन एक दूसरे को रगड़ रहे थे मौसी पीठ के बल बिस्तर पर लेट गई और टांगें खोलकर घुटने अपनी छाती की तरफ मोड़ लिए और बहुत ही कामुक अंदाज में मुस्कुराते हुए इशारा किया।
मैंने आगे बढ़ कर लिंग को अपने हाथ में पकड़ कर मौसी की चूत* की तरफ बढ़ाया मौसी ने भी हाथ आगे करके मेरे लिंग के सुपाड़े को योनि के मुहाने पर रास्ता दिखा दिया
हम दोनों के रस बहे जा रहे थे पिंकी और पप्पू के मिले-जुले रस की पूरी चिकनाई के कारण हमें एक दूसरे में समाने में कोई दिक्कत नहीं हुई
मेरा पप्पू एक ही झटके में पिंकी की आखरी दीवार तक पहुंच गया
मौसी उत्तेजना में कसमसा रही थी कामुक सिसकारियां ले रही थी वाह, मेरे बेटे, कर ले मौसी को अपने वश में, पेल दे मौसी को, शाबाश, और जोर जोर से, घुस जा बेटा, घुसा दे अपना, वाह, क्या हथियार है, भर दिया तूने तो मेरे को , मेरी पिंकी तेरे पप्पू से पूरी तरह भर गई है , शाबाश बेटा शाबाश, मां समझते हुए मां समझ के मौसी को पेल बेटा......
मैं :। तू सच में मेरी मां है, मेरा पप्पू- यह मेरा हथियार मेरी मां की खुशी के लिए सब कुछ करेगा, ले मेरी मां, यह हथियार गया तेरे अंदर, ले शाबाश मेरी मां और ले संभाल, तेरे लिए ही है, मां को पूरी तरह से खुश करना ही मेरे इस भारी डंडे का काम है, ले मेरी मां, मेरी प्यारी सुषमा मौसी, ले कहते हुए मैंने जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए, कमर पीछे करके लिंग पूरी तरह से बाहर निकाला और दुबारा झटके से पूरी गहराई में चूत के अंदर ठोक दिया, मौसी बहुत कसमसा रही थी और तड़फड़ा रही थी, तड़प रही थी, मौसी ने दोनों हाथ मेरे नितंबों पर रखकर, मुझे कसकर अपने अंदर लेने का प्रयास कर रही थी
मैंने भी मौसी की के कंधों को दबाकर अपने सीने से लगा हुआ था और कमर उचका कर धक्के मार रहा था
मौसी भी उसी ताल में कमर ऊपर नीचे करके मेरे धक्कों का जवाब दे रही थी और अपनी चूत में मेरे लंड को स्वीकार कर रही थी
मौसी की सांसे तेज होती जा रही थी और मुझे भी उत्तेजना का तेज दौरा चढ़ा हुआ था
हर एक शाॅट में हम तेजी से एक दूसरे को अपने अंदर समेट कर एकाकार होने का प्रयास कर रहे थे
ले मेरी मां, मेरी मौसी,
याह याह मेरे बेटा, मेरे प्यारे बेटे, शाबाश बेटा, ठोक दे
हम दोनों बहुत ज्यादा जोर से बोले थे तो अचानक मुझे ख्याल आया कि हमारी आवाज बाहर काउंटर पर ना चली जाए तो मैंने अपने होंठ मौसी के होठों से जोड़ दिए और तेजी से धक्के मारने लगा
होंठ जुड़े होने के कारण हम दोनों की आवाज बंद हो गई पर हमारी जांघों के आपस में टकराने की आवाज आ रहे थे की आवाज आवाज आ रही थी बहुत तेजी से धक्के मारते मारते अचानक मौसी ने मुझे अपने से पूरी तरह से एकाकार लिया और नीचे से थाप देनी बंद कर दी
मौसी की योनि में लिंग के आसपास कस गई मैं समझ गया कि मौसी झड़ने वाली है मैंने उसी तरह से धक्कों की स्पीड बनाए रखी और कुछ देर में मौसी ने गहरी सांस लेते हुए अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया
मैंने अभी भी मैंने अपनी गति बनाए रखी और कुछ धक्कों के बाद मुझे भी महसूस हुआ कि मेरा सारा खून मेरे लिंग की तरफ बह रहा है और मेरा लिंग मौसी की मौसी के झड़ने से निकले हुए रस के बावजूद भी योनि में फंसकर जा रहा था तो मैंने भी कसकर मौसी को पकड़ लिया धक्के मारने बंद कर दिए और अपना पूरा जोर पप्पू पिंकी लंड चूत के मिलन स्थल पर लगा दिया
एकदम से मेरा लिंग फैलने सिकुड़ने लगा और उसके बाद मेरे लिंग ने मौसी की योनि में जब झमाझम बारिश कर दी
मासी को लिंग की बारिश से एक सिहरन हो उठी और उसने अपने दोनों पैर मेरे नितंबों के आसपास लपेट दिए अभी तक मेरा लिंग बारिश ही करता जा रहा था मौसी ने हाथ नीचे करके योनि के ऊपर ही लोड़े को पकड़ा और उसको दबा दबा कर निचोड़ने लगी
जितनी संतुष्टि मुझे पहली बार मां की चुदाई* करने में मिली थी, मां को चोदते समय पहली बार मुझे ऐसा ही महसूस हुआ था वही एहसास मौसी के झड़ने के समय भी हुआ
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैंने पहली बार चुदाई** की हो जबकि मैं मां और मकान मालकिन चाची को ना जाने कितनी बार चोद चुका था
जब हमारी सांसे दुरुस्त हुई एक दूसरे को आलिंगन मुक्त किया और अच्छे से चूमने लगे फिर मैंने मैंने नीचे देखा कि मेरे वीर्य और मौसी के कामरस से चादर पूरी तरह गीली हो गई थी
हम दोनों उठकर बाथरूम में गए और लिंग और योनि के अच्छे से सफाई की और चादर के जिस हिस्से पर वीर्य लगा हुआ था हमारा काम रस लगा हुआ था उस हिस्से को भी हमने हल्के से धो दिया अगर वापस बिस्तर पर लेट गए
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पहली घनघोर जुदाई के बाद तनाव कम हो गया था और हम दोनों ने एक दूसरे को वात्सल्य भरी नजरों से देखा और गले लग गए
अभी भी हम दोनों ने कपड़े नहीं पहने हुए थे और जन्मजात नंगे थे
हमारा इतनी चुदाई* के बाद भी मन में एक दूसरे में समा जाने की इच्छा थी
हम दोनों बाथरूम के बाहर खड़े होकर खड़े लिपट कर चूमा चाटी कर रहे थे और दोनों के हाथ एक दूसरे की पीठ पर मसाज कर रहे थे।
मेरे छाती में मौसी के बड़े बड़े दूध ठोस मम्मे समाए हुए थे
मेरा लिंग दुबारा से खड़ा होकर मौसी की योनि पर दस्तक दे रहा था
हमारे घुटने एक दूसरे से मिले हुए थे टांगे एक दूसरे में फंसी हुई थी और धीरे से मौसी ने अपनी जुबान मेरे मुंह में सरका दी
मैं मौसी की जीभ को चाट कर मौसी के मुंह का मुख्य रस का आनंद ले रहा था
मेरे हाथ फिसल कर नीचे मौसी के नितंबों पर आ गए और मैंने दोनों हाथों में मौसी के चूतड़ दबाते हुए अपनी एक उंगली नितंबों की दरार में फेरनी शुरू कर दी जिससे मौसी सिसकारियां भरने लगी और मेरे कान में बोली बदमाश अभी से दोबारा तैयार हो गया है
मैं बोला तुम हो ही इतनी सुंदर की तुम्हें तो दिन रात पीने के बाद भी मन नहीं भरेगा मौसा किस्मत अच्छी है कि तुम्हें तुम्हारी चूत को अपने हक से रोज भोग लेते हैं
चुलबुलापन दिखाते हुए मौसी बोली हां वह तो है मौसा जी हक से चोदते हैं और तूने प्यार के हक से ही मेरी चूत मार ली है और मन पर कब्जा कर लिया है
पता नहीं कब से तेरे साथ नंगी लिपट कर सोने का मन था जो आज पूरा हुआ है
मैं: मौसी, मेरी बरसों की तमन्ना थी कि तुम्हें अपने नीचे लिटा कर खूब पेलूं अपने डंडे को तुम्हारी योनि में डालकर अच्छे से रगड़ दूं
तुम्हारे गालों पर पपिया लूं तुम्हारे नग्न मम्मों पर अपने हाथ अच्छे से रगड़ूं
अपनी उंगली और अंगूठे के बीच में तुम्हारे चूचक मसल दूं और यह इच्छा अभी शुरू ही हुई है पूरी तो जन्म जन्मांतर तक नहीं होगी
बूढ़ा होने तक भी तुम्हारी चूत, तुम्हारा शरीर अगर मुझे मिलता रहे तब भी मुझे नहीं लगता कि मेरी इच्छा पूरी होगी
मन भर नहीं पाएगा, तुम तो हमेशा के लिए एक अमृत कलश हो जिसमें से तुम्हारी जवानी का रस पीकर मैं भी निहाल होता रहूंगा
मौसी बोली: बेटा, मौसी को ही चुतिया बना रहा है, मौसी तेरे से कम से कम 15 साल बड़ी है मौसी की चूचियां ढलने लगी भी कुछ दिनों में ढीली हो जाएगी इसमें से दो बच्चे पहले ही निकल चुके हैं और तू उसकी झूठी तारीफ कर रहा है

मैं हंसते हुए बोला: मौसी झूठी तारीफ कहां? तुमने खुद ही तो मेरे लोड़े को बड़ी शक्ति से अपनी सखत चूत में जाते हुए महसूस किया है तो तुम्हारी चूत ढ़ीली कहां से हुई
मौसी ने मेरे नितंब पर एक चपथ मारी और बोली : अच्छा, अब मौसी को लाजवाब करना चाहता है
मैंने मौसी के नितंबों को मुट्ठी में भरा और दबाव डालकर बोला मौसी तुम असीम सुंदरी हो, मेरी मां सुंदर है और तुम उसका छोटा रूप हो इसलिए और ज्यादा कमसिन सुंदर हो
मेरे मन में तुम्हारी सुंदरता की छवि बहुत गहरे तक बैठी हुई है मां का नाम सुनकर मौसी फिर से और बोली बेटा तू मां पर कुछ ज्यादा ही नजर रखता है कहीं कभी ठोक तो नहीं दिया
मैं बोला सच्ची ठोकने का मन तो बहुत है पर हिम्मत नहीं पड़ी, वैसे तो मां अपना उघड़ा शरीर दिखाती रहती है पेटिकोट पहनकर जब घर में घूमती है तो कई बार पीछे आती रोशनी से मां की झांटे तक दिखाई देती है
मां के जांघों के कटाव और नितंबों की थिरकन तो हमेशा ही दिखती रहती है और कभी कभी मां कपड़े धोने या सफाई करने के समय नीचे बैठ कर अपने पेटिकोट को जांघों के ऊपर मोड़ लेती है तब मां की योनि का सुंदर रूप दिख जाता है
मासी बोली उस दिन जब तू मालिश कर रहा था तभी तो तूने मां की योनि की झलक पाई थी
सच में मौसी वह तो मालिश करने का इनाम होता है, पर कभी छू कर नहीं देख पाया, मालिश में सिर्फ घुटनों के ऊपर तक जांघों के निचले हिस्से तक ही हाथ ले जा पाता हूं, आगे डर लगता है
मौसी बोली, बेटा डरने की बात नहीं है अगर तेरी मां पेटिकोट को इतना ऊपर करके तुझ से मालिश करवाती है तो साफ है कि वह तुझे अपनी योनि देखने और छूने का निमंत्रण दे रही होती है, अगली बार जब तू मां की मालिश करे तब हाथ थोड़ा सा आगे बढ़ा कर योनि को एक बार छू कर देखना,
अगर मां की इच्छा तेरे से अपनी योनि मसलवाने की होगी तो वह अपने शरीर को संकुचित नहीं करेगी बल्कि सहज से तेरे स्पर्श को अनदेखा करके तुझे और ज्यादा छूने के लिए प्रोत्साहित करेगी और अगर तेरी मां अपने पैर सिकोड़ ले या योनि को तेरी पहुंच से दूर करने का प्रयास करें तो समझ लेना कि मां की इच्छा तेरे से योनि मालिश करवाने की नहीं है
तब तू ऐसे जाहिर करना कि अचानक ही तेरा हाथ गलती से योनि को छू गया हैऔर वापिस अपना हाथ मां के घुटनों के आसपास ले आना

मैं बोला इसमें तो काफी खतरा है मां नाराज हो गई तो अभी मालिश में मां के शरीर को रगड़ने का जो मौका मिलता है वह भी हाथ से ना चला जाए
मौसी बोली : खतरा तो उठाना ही पड़ेगा यही तो परंपरा है "वीर भोग्यऔर अब मेरी च** पर कब्जा क्षमा कर बैठा है वसुंधरा" जो वीर हैं वही लोग भोग सकते हैं

मेरा लन मौसी की योनि को टक्कर मार रहा था मेरी उत्तेजना फिर से बढ़ने लगी थी और मौसी भी कामुक आवाज निकालने लगी थी मौसी ने मेरे नितंबों को और जोर से दबा कर मेरे मोटे लंबे लोड़े को आपने चूत के आसपास और ज्यादा जोर से रगड़ा मौसी के हिलने डुलने से भी मेरे लंड पर मौसी की चूत* के लोगों का घर्षण हो रहा था जो कि मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था
मैंने वही खड़े खड़े अपने हाथ से मौसी का एक पैर उठाकर अपनी कमर के गिर्द लपेट लिया जिससे मौसी की योनि खुलकर मेरे लौड़े के पर संपर्क में आ गई थी
मौसी एक पैर पर खड़ी थी और मासी का लगभग सारा वजन मेरे ऊपर आ गया था मैंने दोनों हाथों से मौसी के नितंबों के नीचे झूला बना कर मौसी को अपने हाथों में उठा लिया तो मौसी की योनि मेरे लिंग को रगड़ने लगी और मेरा सुपाड़ा मौसी की योनि पर रगड़ खाने लगा
मौसी ने बीच में हाथ डालकर मेरे लोड़े को अपनी योनि का रास्ता दिखाया तो मैंने एक जोरदार धक्का मार कर लोड़े को मौसी की चूत की गहराइयों में उतार दिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा मौसी का पूरा वजन मेरे लोड़े पर पड़ रहा था जिससे लौड़ा गहराइयों में और ज्यादा आनंद महसूस कर रहा था
मैंने अपने हाथों का दबाव कम ज्यादा करते हुए मौसी की चूत के लबों को अपने लिंग पर दबाना और फैलाना जारी रखा जिससे हमारे लंड और चूत का घर्षण बहुत बढ़ गया था और मौसी भी आनंद के अतिरेक से मेरे से चिपकती जा रही थी
खड़े होने के कारण मेरा लिंग मौसी के चूत* के बहुत संवेदनशील हिस्सों को रगड़ रहा था जिससे मौसी ने आनंद के अतिरेक में मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए और मेरे होठों की चूसते हुए अपने दांतो से मेरे होठों को काटने लगी
मेरे लिंग के तनाव और बहुत ज्यादा स्पीड के कारण मुझे भी असीम आनंद की अनुभूति हो रही थी और मौसी की तंग योनि ने तो मेरे लिंग को जैसे मुट्ठी में जकड़ लिया हो
खड़े-खड़े मेरे पैरों में दर्द होने लगा था इसलिए मैंने एक कदम आगे बढ़ा कर मौसी की पीठ को दीवार से टिकाया और मौसी के दूसरे पैर को अपनी कमर के गिर्द लपेटने का इशारा किया
मौसी ने जब दोनों पैर मेरी कमर के गिर्द लपेट दिया और अपनी पीठ पर दीवार का सहारा पाया तो मौसी भी अपनी चूत* के धक्के मेरे लंड* पर मारने लगी
हम दोनों पसीना पसीना हो गए थे दोनों ऐसे हांफ रहे थे जैसे मिलों की दौड़ लगा ली हो
इस तरह से हम लोग जुदाई का आनंद लेते रहे और मैंने महसूस किया कि मेरे लिंग में तनाव बढ़ने लगा है शायद मैं झड़ने के करीब जा रहा था
मैं मौसी के कान में फुसफुसाया मैं झड़ने वाला हूं
लगे रहो बेटा, लगे रहो मेरे बेटा, मैं भी झड़ने वाली हूं
आज तरीके से पूरा लौड़ा मिला है इतना मजा तो मुझे पहले किसी चुदाई में नहीं आया
मैं मासी अपने जवान भतीजे से तुम्हें चुदने का मौका मिला है और मुझे पहली ही बार चूदाई के लिए चूत मिली है
मौसी की सांसे तेज होती गई, मौसी कुछ नहीं बोली और मेरे से लिपट गई मैंने भी मौसी को कस के आलिंगन में लिया और अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी कुछ ही क्षणों में हम दोनों एक साथ ही झड़ने लगे हम दोनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ लिया और धक्के बंद हो गए और हम स्थिर होकर एक दूसरे में एकाकार होने का प्रयास करने लगे हम दोनों के शरीर वीर्य प्रवाह के कारण कंपकंपा रहे थे
हमारे कांपते शरीरों ने एक दूसरे को जकड़ कर अत्यधिक आनंद लेने का चरम सुख प्राप्त किया और दो कदम आगे बढ़ा कर बिस्तर पर ऐसे ही गुथम गुत्था, होकर लेट गए
जब हमारा आनंद का चरम एहसास कम हुआ तो मौसी मेरे कान में बोली मेरे राजा बेटा तूने मुझे एक नई दुनिया की दिखाइए चुदाई* का मजा तो होता है यह मैं 20 साल से जानती हूं पर जो मजा तूने आज दिया है वह बिल्कुल अलग था
तूने कहां से सीखा मैं बोला तुम्हें और मां को चोदने के सपने देखते देखते मैंने कुछ रिसर्च भी की कुछ पत्रिकाएं देखी
विदेशों में अलग-अलग तरीकों से चुदाई के फोटो फोटो होते हैं
बहुत बार कल्पना में तुम्हें और मां को अच्छी तरह से चोदा है मौसी खिलखिलाई और बोली हम दोनों को ही?
मौसी ने अपना हाथ मेरे से खड़े हुए लंड पर रखा और छेड़ते हुए बोली तेरा घोड़ा तो मकान मालकिन चाची सरिता को देख कर भी फड़कता था
मैं सकपकाया और बोला तुमने यह भी नोट किया है मौसी!
मौसी बोली मैंने ही नहीं तेरी मां की मां ने भी तुझे सरिता चाची की जांघों के बीच में और मम्मौं को देखते हुए अपना लोड़ा हिलाते हुए देखा है
हम दोनों को पता है कि तू सरिता को चोदने के चक्कर में था और सरिता अपने पति और लोक लाज के कारण तुझे मौका देने में हिचक रही थी
मैंने मन में सोचा की औरतें बहुत सयानी बनती है पर इन दोनों को यह एहसास नहीं है कि मैंने सरिता चाची को कितनी बार चौदा है और मौसी लगातार हमारे साथ रहकर भी यह अंदाजा नहीं लगा पाई की मैं और मां लगातार एक दूसरे को चोद रहे हैं मुझे लगातार मां को चोदने का सौभाग्य मिला हुआ है
चलो कुछ गलतफहमियां खुशियां रहनी चाहिए जैसे मासी सोच रही हो कि मैं ने पहली बार सिर्फ मौसी को ही चोदा है
जैसे कि मौसी को ही मेरा कुमार्य भंग करने का सौभाग्य मिला हो
मौसी को नहीं पता कि मैं मौसी से पहले 3 बहुत मजेदार चूतों का पूरे समर्पण से आनंद ले चुका हूं
खैर जो भी हो मौसी की चुदाई* मैं उस तरफ से कर रहा था जैसे पहली बार किसी को चोद रहा हूं उसमें मौसी भी खुश और मेरे को भी ज्यादा मजा आ रहा था
मौसी बोली असली चुदाई में क्या क्या देखा
मैं बोला मां बाप की चुदाई** की छाया देखी है उसमें कभी और जो आवाजें आती थी उनको सुनकर बहुत बार मुठ मारी है मौसी ने कहा तेरे मां-बाप तो बहुत बड़े चुदक्कड़ हैं मैंने इनकी शादी के बाद बहुत बार इन की चुदाई** रोशनी में होते देखी है तेरे पापा, मेरे जीजा का लौड़ा* तो वास्तव में बहुत बड़ा हथियार है और उनका स्टैमिना भी बहुत ज्यादा है
तेरी मां तो उन दिनों तेरे पापा के लंड के दर्द* से बहुत शोर मचाती थी
मैं बोला : हां शोर तो अभी भी मचाती है मौसी: तेरी मां बड़ी सफाई से अपने मुंह में पूरा का पूरा लंड घप्प से भर लेती थी और तेरे पापा तेरी मां की घनघोर चुदाई* करने के बाद दुबारा से अपना टनटनाता हुआ लौड़ा* लेकर चोदने को तैयार हो जाते थे और तेरी मां भी दोनों पैर खोल कर तेरे पापा के लोड़े का रथ अपने महल में घुसा लेती थी
मैं बोला क्या उन दिनों कभी मम्मी पापा ने चुदाई के समय तुम्हारी सुन्दरता बात करते थे?
मौसी : नहीं वह इतने हुए खुले हुए नहीं थे पर बाद में कई सालों बाद एक बार मैंने सुना जब चुदते समय तेरी मां ने बोला कि क्या मुझे सुषमा समझ कर चोद रहे हो
तो तेरे पापा ने बोला कि नहीं वह तो छोटी बहन जैसी है उसको देखकर उत्तेजित तो हो सकता हूं पर चोदने का ख्याल मन में नहीं आता है
मैं बोला एक दिन मैंने मां बाप को बात करते सुना था वह तुम्हारे शरीर की गोलाइयों की बहुत तारीफ कर रहे थे कह रहे थे "सुषमा का शरीर बहुत मेंटेन है" उसके मम्मी देख बिल्कुल परफेक्ट साइज के सैक्सी हैं, सुरेश अपनी बीवी को चोदने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता होगा
मौसी अपनी तारीफ सुनकर खुश हुई और मेरे से और ज्यादा चिपक गई
मैंने बोला मौसी एक नया खेल खेलते हैं मौसी बोली क्या मैंने बोला मैं तुम्हारी चाटना चाहता हूं उसमें मेरा क्या तेरी चाहते हैं मौसी बोली उस में नया क्या तेरे मौसा जी भी बहुत बार मेरी बुद्धि को चाटते हैं और अपनी जीभ से मेरा रस निकाल देते हैं मैं बोला उसमें नया यह है कि जब मैं तुम्हारी चूत चाट रहा हूंगा उस समय तुम मेरा लंड चूस रही होगी
मौसी बड़ी खुसी से बोली दोनों काम इकट्ठे सही में यह तो मजा आएगा इसको 69 पर बोलते हैं
यह कहकर हमने आपस में बहुत मजे लिए तथा जब हमारा तनाव बढ़ गया तब मैंने मौसी को पीठ के बल लिटा दिया और
भरपूर चुदाई करते करते सो गए
Amazing update mitr
 
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