मैंने मौसी को आलिंगन में ले लिया और जोर जोर से चूमने लगा
मौसी भी मेरे से कसकर लिपट गई और मेरे चुंबन का जवाब मेरे मुंह को चूम कर इस तरह से दे रही थी जैसे हम जनम-जनम के प्यासे प्रेमी मिल रहे हो
हम दोनों ही बड़बड़ा रहे थे मेरी प्यारी सुषमा, मेरी प्यारी मौसी, मेरी मां, बहुत तरसाया है तूने मुझे, मेरी मौसी, तेरे लिए कितना तरसा हूं, तेरे लिए कितना तड़पा हूं, तड़प- तड़प कर मेरे इस नाग ने तेरे बिल में घुसने के लिए कितने आंसू बहाए हैं
मेरी सुषमा मेरी मौसी, आहा हा हम्म, आजा मौसी, अपने बेटे को शांत कर,
उधर मौसी मेरे लाल, मेरे लाडले, तेरी लुल्ली को मैंने बचपन में कितनी बार नहलाया है, तेरी बढ़ती जवानी, तेरा हथियार, मेरी कितनी रातों की नींद उड़ा चुका है, आजा मेरे बेटे, आजा, मेरे बेटे, कर दे मौसी को शांत, मौसी बहुत प्यासी है, इस मिले हुए मौके पर मौसी के साथ यादगार बना, मौसी की योनि तेरे डंडे को बहुत याद करती है, बहुत तड़पती है मेरी गुफा, इस शेर को अपने अंदर आराम देने के लिए, और मत तड़पा मेरे बेटे, कर दे शांत, पेल दे अपना डंडा, लूट ले मेरी इज्जत, अपनी मर्दानगी से जोर-जोर से निचोड़ दे, तोड़ दे मेरा बदन अपनी फौलादी बाहों से, आजा मेरे बेटे,
मैं भी होश में नहीं था, हां , मेरी मां, आजा मेरी मां, ले ले अपने बेटे का खड़ा हुआ लौड़ा, अपनी योनि में, यह मेरा लौड़ा तेरी योनि के लिए बहुत प्यासा है, यह तेरी योनि में बारिश करना चाहता है, ले - ले इस को, पूरी तरह से शांत करूंगा मां तुझे, यह कहते हुए मैं अपने हाथों से मौसी के मम्मे निचोड़ने लगा
मौसी अपने दोनों हाथों से मेरा अंडकोष और लिंग जोर-जोर से दबाने लगी
मौसी ने मेरी उत्तेजना बढ़ाने के लिए बोलना शुरू किया आज उसी तरह से करते हैं जैसे तेरे मम्मी पापा घर में कर रहे होंगे
मैं बोला मम्मी पापा को चुदाई* करते हुए साफ-साफ कभी भी नहीं देख पाया हूं अंधेरे में उनकी छाया ही दिखती है और बहुत कामुक आवाजें आती हैं
मासी बोली मैंने तो दिन में भी जिज्जी और जीजा को चुदाई** करते देखा है। जब उनकी नई नई शादी हुई थी, दोनों मौका मिलते ही दिन में भी धक्का पेल कर लेते थे 1 बार जब दीदी मायके आई हुई थी और मैं स्कूल से जल्दी वापस आई तो मैंने देखा कि मम्मी तो रसोई में है और जीजी कमरे में जीजा का मोटा लौड़ा चूस रही है मैंने पहली बार नंगे लंड को देखा था
तेरे पापा का लोड़ा तब से मेरे दिमाग में बस गया था और मैं कुतूहल से उनकी यौन क्रिया को देखने लगी
मौसी बड़े जोश में मम्मी पापा की चुदाई* का किस्सा बताने जा रही थी पर मैं बोला मौसी मेरा लंड बहुत फंनफना रहा है तुम चुदाई* का किस्सा बताओगी तो सारा माल बाहर ही निकल जाएगा
एक बार झटपट से अपनी प्यास बुझा लेते हैं उसके बाद तसल्ली से उत्तेजक ढंग से चुदाई करेंगे ताकि हमारी मन की सारी इच्छाएं पूरी हो जाए अभी तो मेरा लिंग बिल्कुल फटने के आसार पर है यह कहते-कहते मैंने अपना हाथ मौसी की योनि पर लगाया तो मौसी की योनि में बहुत ज्यादा रस टपकता हुआ पाया।
मौसी भी चुदने के लिए झड़ने की सीमा पर ही पहुंची हुई थी शायद कई सालों की मेरे से चुदने की अनबुझी प्यास और अभी चुदाई*** की इच्छा पूरी होते दिखने की संभावना से ही हम दोनों इतने उत्तेजित हो गए थे कि आलिंगन से ही झडने के करीब पहुंच गए थे हमारे नंगे बदन एक दूसरे को रगड़ रहे थे मौसी पीठ के बल बिस्तर पर लेट गई और टांगें खोलकर घुटने अपनी छाती की तरफ मोड़ लिए और बहुत ही कामुक अंदाज में मुस्कुराते हुए इशारा किया।
मैंने आगे बढ़ कर लिंग को अपने हाथ में पकड़ कर मौसी की चूत* की तरफ बढ़ाया मौसी ने भी हाथ आगे करके मेरे लिंग के सुपाड़े को योनि के मुहाने पर रास्ता दिखा दिया
हम दोनों के रस बहे जा रहे थे पिंकी और पप्पू के मिले-जुले रस की पूरी चिकनाई के कारण हमें एक दूसरे में समाने में कोई दिक्कत नहीं हुई
मेरा पप्पू एक ही झटके में पिंकी की आखरी दीवार तक पहुंच गया
मौसी उत्तेजना में कसमसा रही थी कामुक सिसकारियां ले रही थी वाह, मेरे बेटे, कर ले मौसी को अपने वश में, पेल दे मौसी को, शाबाश, और जोर जोर से, घुस जा बेटा, घुसा दे अपना, वाह, क्या हथियार है, भर दिया तूने तो मेरे को , मेरी पिंकी तेरे पप्पू से पूरी तरह भर गई है , शाबाश बेटा शाबाश, मां समझते हुए मां समझ के मौसी को पेल बेटा......
मैं :। तू सच में मेरी मां है, मेरा पप्पू- यह मेरा हथियार मेरी मां की खुशी के लिए सब कुछ करेगा, ले मेरी मां, यह हथियार गया तेरे अंदर, ले शाबाश मेरी मां और ले संभाल, तेरे लिए ही है, मां को पूरी तरह से खुश करना ही मेरे इस भारी डंडे का काम है, ले मेरी मां, मेरी प्यारी सुषमा मौसी, ले कहते हुए मैंने जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए, कमर पीछे करके लिंग पूरी तरह से बाहर निकाला और दुबारा झटके से पूरी गहराई में चूत के अंदर ठोक दिया, मौसी बहुत कसमसा रही थी और तड़फड़ा रही थी, तड़प रही थी, मौसी ने दोनों हाथ मेरे नितंबों पर रखकर, मुझे कसकर अपने अंदर लेने का प्रयास कर रही थी
मैंने भी मौसी की के कंधों को दबाकर अपने सीने से लगा हुआ था और कमर उचका कर धक्के मार रहा था
मौसी भी उसी ताल में कमर ऊपर नीचे करके मेरे धक्कों का जवाब दे रही थी और अपनी चूत में मेरे लंड को स्वीकार कर रही थी
मौसी की सांसे तेज होती जा रही थी और मुझे भी उत्तेजना का तेज दौरा चढ़ा हुआ था
हर एक शाॅट में हम तेजी से एक दूसरे को अपने अंदर समेट कर एकाकार होने का प्रयास कर रहे थे
ले मेरी मां, मेरी मौसी,
याह याह मेरे बेटा, मेरे प्यारे बेटे, शाबाश बेटा, ठोक दे
हम दोनों बहुत ज्यादा जोर से बोले थे तो अचानक मुझे ख्याल आया कि हमारी आवाज बाहर काउंटर पर ना चली जाए तो मैंने अपने होंठ मौसी के होठों से जोड़ दिए और तेजी से धक्के मारने लगा
होंठ जुड़े होने के कारण हम दोनों की आवाज बंद हो गई पर हमारी जांघों के आपस में टकराने की आवाज आ रहे थे की आवाज आवाज आ रही थी बहुत तेजी से धक्के मारते मारते अचानक मौसी ने मुझे अपने से पूरी तरह से एकाकार लिया और नीचे से थाप देनी बंद कर दी
मौसी की योनि में लिंग के आसपास कस गई मैं समझ गया कि मौसी झड़ने वाली है मैंने उसी तरह से धक्कों की स्पीड बनाए रखी और कुछ देर में मौसी ने गहरी सांस लेते हुए अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया
मैंने अभी भी मैंने अपनी गति बनाए रखी और कुछ धक्कों के बाद मुझे भी महसूस हुआ कि मेरा सारा खून मेरे लिंग की तरफ बह रहा है और मेरा लिंग मौसी की मौसी के झड़ने से निकले हुए रस के बावजूद भी योनि में फंसकर जा रहा था तो मैंने भी कसकर मौसी को पकड़ लिया धक्के मारने बंद कर दिए और अपना पूरा जोर पप्पू पिंकी लंड चूत के मिलन स्थल पर लगा दिया
एकदम से मेरा लिंग फैलने सिकुड़ने लगा और उसके बाद मेरे लिंग ने मौसी की योनि में जब झमाझम बारिश कर दी
मासी को लिंग की बारिश से एक सिहरन हो उठी और उसने अपने दोनों पैर मेरे नितंबों के आसपास लपेट दिए अभी तक मेरा लिंग बारिश ही करता जा रहा था मौसी ने हाथ नीचे करके योनि के ऊपर ही लोड़े को पकड़ा और उसको दबा दबा कर निचोड़ने लगी
जितनी संतुष्टि मुझे पहली बार मां की चुदाई* करने में मिली थी, मां को चोदते समय पहली बार मुझे ऐसा ही महसूस हुआ था वही एहसास मौसी के झड़ने के समय भी हुआ
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैंने पहली बार चुदाई** की हो जबकि मैं मां और मकान मालकिन चाची को ना जाने कितनी बार चोद चुका था
जब हमारी सांसे दुरुस्त हुई एक दूसरे को आलिंगन मुक्त किया और अच्छे से चूमने लगे फिर मैंने मैंने नीचे देखा कि मेरे वीर्य और मौसी के कामरस से चादर पूरी तरह गीली हो गई थी
हम दोनों उठकर बाथरूम में गए और लिंग और योनि के अच्छे से सफाई की और चादर के जिस हिस्से पर वीर्य लगा हुआ था हमारा काम रस लगा हुआ था उस हिस्से को भी हमने हल्के से धो दिया अगर वापस बिस्तर पर लेट गए