जब हम गोवा से घर पहुंचे तो पिताजी घर पर इंतजार कर रहे थे, हम मां बेटे के चुदाई संबंध पर शक तो उन्हें पहले से ही था, गोवा में हमारा लंबा खींचा टूर और घर पहुंचने पर मां के चेहरे पर नवविवाहिता वाला संतुष्टि के भाव देख कर उन्हें यकीन हो गया कि मां बेटे ने गोवा में खुलकर हनीमून बनाया है पर उन्होंने पहले भी कभी एतराज नहीं किया था और ना ही ज्यादा मां बेटे के संबंध में ज्यादा उत्सुकता दिखाई थी और अब भी अपनी पत्नी यानि मेरी मां की खुशी देखकर उन्हें एक प्रकार से संतुष्टि ही हुई थी
थोड़ी देर तक पिताजी हमारे से गोवा ट्रिप की डिटेल पूछते रहे और जब उन्हें लगा कि सब अच्छे से हुआ है माँ बेटे ने बहुत मजे कीये है तो पिताजी ने मां को बोला कि अब मुझे 5 दिन की छुट्टी मिल गई है, तुम वहां गोवा में मुझे मिस कर रही थी तो हम अब गोवा घूमने चलते हैं, मां बेटे के मस्ती टूर के बाद हम पति-पत्नी एक हनीमून टूर मनाते हैं
मेरी मां की सेक्स की भूख बहुत ज्यादा है जितनी बार भी उसे पति या बेटे का लंड मिल जाए मां मस्ती में खा लेती है
पिताजी के इस प्रस्ताव से मां बहुत खुश हुई और बोली कब चलना है
पिताजी बोले कल ही चलते हैं
यह सुनकर मां की योनि में फिर से उत्तेजना की चीटींयां दौड़ने लगी और बोली कि मैं अपना अटैची नहीं खोलती आप अपने चार पांच कपड़े दूसरे बैग में डाल दो और सुबह ही हम चल पड़ेंगे
इस बात पर पिताजी बहुत खुश हुए कि मां उनके लौड़े की जरूरत अभी भी महसूस करती है तो वह खुशी खुशी गोवा जाने के लिए तैयारी करने लगे और अपने जानकार को टेलीफोन करके उन्होंने गोवा की टिकट बुक कराने को कह दिया।
रात में माता-पिता के बिस्तर में से संभोग की बहुत करारी आवाजें आ रही थी मैं अपने कमरे से निकलकर माता-पिता के कमरे की खिड़की के बाहर खड़ा होकर उनकी चुदाई की बातें सुनता रहा और मां की कामुक सिसकारियां और पिताजी के धक्के लगाने की आवाजों से उत्तेजित होकर मैंने दो बार मुठ मार ली
शायद मां-बाप रात सोए नहीं और लगातार चुदाई का कार्यक्रम करते रहे मां की चूत और पिताजी का लंड बहुत मजे से एक दूसरे को संतुष्टि देने में लगे हुए थे दोनों गोवा जाने के उत्साह में होमवर्क करके प्रैक्टिस कर रहे थे
सुबह उठकर मां ने मचलते हुए पिताजी के कपड़े पैक करने लगी और अपने अटेची मैं से भी मैले सेक्सी छोटी बिकनी जैसे कपड़े निकालकर दूसरे कम सेक्सी कपड़े पैक कर लिए और फिर से गोवा में अपने पति के साथ हनीमून मनाने की खुशी में उछलने लगी
मैं माता पिता को विदा करके घर बंद करके अंदर बैठकर रात को मां बाप की चुदाई और गोवा में उनके हनीमून के बारे में सोचकर खड़े हुए अपने लंड को निकाल कर मुट्ठ मार रहा था कि दरवाजे की घंटी बजी
मुझे बहुत गुस्सा आया कि शायद कोई पड़ोसी मेरे वीर्य उत्सर्जन की आनंदायक क्रिया में बिघ्न डालने आ गया है मैंने तुरंत निकर पहनी और भुनभुनाते हुए दरवाजा खोलने के लिए बाहर आया
दरवाजा खुलते ही मेरा जोश कई गुना बढ़ गया, मैं हैरान हो गया क्योंकि दरवाजे पर मेरी प्यारी मौसी खड़ी थी
मौसी ने मुझे आलिंगन में लिया और मैं मौसी को अपनी बाहों में लेकर अपने सीने से दबाने लगा और मेरे हाथ मौसी के नितंबों पर घूमने लगे कुछ देर मेंरा साथ लेकर मासी बोली अंदर भी आने देगा या यहां दरवाजे पर ही मौसी के शरीर का स्वागत या मजा ही लेता रहेगा
मैंने मासी को थोड़ा अंदर आने दिया और दरवाजा बंद करके दोबारा वही मौसी से लिपट गया और मौसी का मुंह चूमने लगा मौसी ने भी तुरंत अपनी जीभ मेरे मुंह में दाग दी और मैं कसकर मासी को अपने शरीर पर दबाने लगा मेरे हाथ मासी की पीठ और चूतड़ों कर सैर करने लगे बहुत मजा आ रहा था फिर जैसे मौसी को होश आया वो बोली क्या कर रहा था
तेरी मां अभी तक नहीं आई! कहां है? सो रही है क्या? मैंने कहा नहीं मां अपने हनीमून पर गई है!!!
क्या तू घर पर अकेला है मैंने मासी को चूमा और बोला :मौसी आपका प्यारा बेटा आपका नन्हा लेकिन बड़े लंड वाला आपका सेवक बेटा आपकी तन मन से सेवा करने के लिए अकेला ही घर पर हाजिर है
मासी बोली मैंने चिट्ठी लिखी थी पर कोई जवाब नहीं आया !! क्या तेरी मां को चिट्ठी नहीं मिली
इसपर मैं मासी को चुमते हुए घर के कमरे के अंदर लेकर गया पलंग पर बिठाकर बोला कि हम घर पर नहीं थे इसलिए हो सकता है चिट्ठी किसी ने भी ना देखी हो
मौसी बोली : घर पर नहीं थे! क्या मतलब? तो मैंने पूरी कहानी बताई कि पिताजी को छुट्टी नहीं मिलने के कारण पहले मुझे और मां को घूमने जाना पड़ा और वापस आते ही पापा मां की खुलकर लेने के लिए माँ को लेकर अपनी ठरक मिटाने चल पड़े हैं और अभी एक हफ्ते बाद ही वापस आएंगे
मौसी बहुत खुश होकर मेरे को चूमने लगी और बोली बहुत अच्छा हुआ मेरे बेटे मैं भी तेरे साथ अकेले में कुछ समय बिताना चाहती थी
मैंने थोड़ा झुककर मौसी के सामने मौसी की दोनों टांगों के बीच में अपने घुटन फँसाकर मौसी के टांगे फैलाते हुए कहा कि मौसी तुम्हारा बेटा भी तुम्हारे साथ फुरसत के कुछ पल बिताना चाहता है हम सराय में जोश में मिले उसकी याद करके मेरा मन बहुत अच्छा महसूस करता है
मौसी ने मेरे को चिकोटि काटी और बोली हां बेटा मां जैसी मौसी की चुदाई करने को मिल गई वह समय तो बार-बार याद आएगा पर ये बात की गोवा में तू और तेरी माँ अकेले थे तेरी माँ भी बहुत ठरकी है ऊपर से वो भी लंड की प्यासी , जरूर तूने वणः मौका मिलते ही अपनी मदारचोदी वाली हरकत कर दी होगी और तेरी माँ टूटे पेड़ जैसे तेरे लंड पर अपना भोंसड़ा डालकर चुद गई होगी
मैंने बात बदलते हुए मासी के ऊपर लगभग लेटते हुए मौसी के शरीर को अपने शरीर से दबाया और बोला कि मौसी भी तो मेरे से मिलने को उतनी ही बेताब लगती है
मौसी ने मेरे होंठों को चूमा और बोली हां बेटा आग तो दोनों तरफ बराबर ही लगी हुई है और देखो आग बुझाने के लिए तुम्हारा पाइप और मेरी पानी की टंकी दोनों ही बड़े पूरी तैयारी के साथ मौजूद हैं
मौसी की बात सुनते-सुनते मैंने जल्दी में पहना हुआ अपना निक्कर उतार दिया और बिल्कुल नंगा हो गया मौसी ने मेरे नंगे दंड को पकड़ा और सहलाने लगी मैंने अपने हाथों से मौसी के ब्लाउज के बटन खोल दिए और ब्रा को थोड़ा ऊपर सरका दिया तो मौसी की सूचक मेरे मुंह में पानी भरने लगे मैंने घप से मौसी के चूचक को अपने मुंह में भर लिया नीचे मौसी की मुनिया भी कुनकुनाने लगी थी और मौसी की टांगे मेरी टांगों से रगड़ खाने लगी
इतना सुनते ही मैंने हाथ नीचे करके मौसी साड़ी पेटीकोट समेत ऊपर करनी शुरू की और मौसी ने अपने चूतड़ों को हल्का सा ऊपर उठाकर साड़ी पेटीकोट के घेरे को आपनी कमर के गिर्द चढ़ने दिया इस तरह से मौसी नीचे से पुरी नंगी हो गई
मैंने खुद को टेढा करते हुए मौसी के ब्लाउज के ऊपर के नंगे दिख रहे मम्मों को जीभ से चाटने लगा तो मौसी बोली कुछ सब्र कर ले सफर से आई हूं रास्ते की धूल मिट्टी लगी होगी
मैं बोला “ मेरी रसभरी पर चाट मसाला लगा हुआ है, मुझे तो और ज्यादा मजा आएगा
मौसी मैं मेरे डंडे को पकड़कर जोर-जोर से हिलाया और बोली तुझे चाट मसाले वाली रसभरी चूसनी है तो चूस ले पर मुझे तो अपना गन्ना बिल्कुल साफ सुथरा ही चाहिए, तूने अपना लंड धोया हुआ है कि नहीं?
मैं बोला मौसी जब तुम आई थी तो अपने लंड को धोकर तुम्हारी सेवा के लिए उसकी मालिश कर रहा था बिल्कुल चिकना किया हुआ है जीभ लगा कर देख लो!!!
मौसी ने मेरे लंड के डंड को जोर से दबाया और पजामे के ऊपर से उसे चुम कर बोली मेरे लल्ला मुझे कैसा भी मिल जाए उसे बुलाकर दुलार कर उसका जूस पी लूंगी
बातें करते करते मैंने मौसी को बिस्तर पर धकेला और दोनों हाथों से उसकी साड़ी और पेटीकोट को एक साथ मौसी की गदर आई देवी गदर आई हुई कमर के और ऊपर ले जाकर लपेट दिया जिससे मौसी की गहरी नाभि भी नंगी हो गई मुझे देख कर बहुत अच्छा लगा कि मौसी ने मां की तरह कच्छी पहन नहीं छोड़ दी थी और मेरे से चुदवाने की तैयारी करके मौसी माँ अपनी झांटे बिल्कुल सफाचट करके अपनी चूत को गोरा चिकना करके आई थी
मैंने झुककर मौसी की चूत की चुम्मी ली और जीभ से उसे सहलाकर बोला कि मौसी अपने भतीजे के लोड़े को अपनी चूत का मजा देने के लिए बिल्कुल तैयार होकर आई हो यह कहते हुए दोबारा झुककर मैंने अपनी जीभ मौसी की चूत की फांकों के बीच में रगडनी शुरू कर दी और अपने हाथ सिर के ऊपर से ले जाते हुए मौसी के मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा
मौसी उत्तेजना से कांपने लगी थी और अपने हाथों से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी तथा हाथ नीचे करके मौसी ने मेरे लंड को पकड़ना चाहा पर मेरा पोजीशन के कारण मेरा लंड मौसी की पकड़ से बहुत दूर था
मौसी ने दोबारा से हाथ ऊपर करके मेरे गालों और सिर को मसलना शुरू किया कुछ देर बाद मौसी ने अपनी जांघें कसकर में सिर के आसपास दबा दी मैंने अपनी जीभ को लंबा करके जितनी गहराई तक हो सकता था उतनी गहराई तक मौसी की चूत में उतार दी
मौसी की सिसकारियां बढ़ने लगी और मौसी माँ अपने नितंबों को मचल कर हिलाने लगी मौसी की कसमसाहट से पता चल रहा था कि मौसी बहुत दिनों से प्यासी है
मैंने मौसी की चुत को चूसते हुए थोड़ा मुंह उठाकर पूछा की मौसी पूरी तैयारी के साथ आई थी अगर मां घर पर होती हमारी ब्लू फिल्म कैसे बनती ?
मौसी बोली मादरचोद समय खराब मत कर!! मैं तो 2 महीने से अपनी प्यासी चूत के आंसू पोछने के लिए तेरे पास आई हूं और मेरी किस्मत देख कि मुझे तेरे साथ तनहाई में खुलकर चुदवाने का मौका मिला है
मौसी के मन की इच्छा जानकर मैंने अपने हाथों से मौसी के मम्मों को जोर से रगड़ा और अपने मुंह से मौसी के नीचे होठों को रगड़ कर गीला करने लगा मौसी बोली : अपने मुंह से तो मजा ले रहा है मेरे मुंह का भी कुछ ख्याल कर
मैं मौसी माँ की बात समझ कर पलट गया और मौसी के मुँह के सामने अपना मुसल जैसा लोड़ा लगा कर अपनी दोनों जांघों के बीच में मौसी का मूंह कर लिया और अपना मुंह मौसी की जांघों के बीच में दबाकर मौसी की मलाई चाटने लगा
मौसी ने भी तुरंत मेरे मुसल पर कब्जा कर किया एक हाथ से लोड़े को पकड़ा और अपना मुंह थोड़ा सा उठाते हुए मेरे लोड़े के सुपाड़े की चमड़ी पीछे करते हुए अपनी जीभ लोड़े के छिद्र पर चलाने लगी
मौसी की इस हरकत से मेरी भी सिसकारियां निकलने लगी
मेरी आतुरता देखकर मौसी ने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में भर लिया और मैंने भी एक धक्का मार कर अपने लंड को मौसी की गर्दन तक उतार दिया
मौसी पूरी सहनशीलता से घोड़े को चूसने लगी धप धप करके हप धप करके मेरी लंबी कुल्फी को पिघलाकर लंड की मलाई को चाटने की कसरत में जुट गई
हम दोनों पूरी तरह गरम हो चुके थे मुझे लग रहा था कि मौसी मेरे मुंह में ही झड़ जाएगी और मैं भी रात भर मां की चुदाई देखने के बाद जल्दी है अपना वीर्य एक कसी हुई चूत में छोड़ना चाहता था इसलिए मैंने आसन बदलते हुए पलटी खाई और अपनी कमर मौसी की जांघों के बीच में लाते हुए अपना मुसल मौसी की तंग मुंहाने वाली गुफा के ऊपर टिका दिया
मैं एक झटके से अपना लंड मौसी की चूत के अंदर करना चाहता था उससे पहले ही मौसी ने कमर उचका कर एक झटके हैं मैं अपनी मेरा लौड़ा आपनी चूत की गहराइयों में उतार दिया लिया मौसी की जल्दबाजी को देखकर मेरी उत्तेजना बढ़ गई और मैं घपा घप मौसी की चूत के ऊपर धक्के मारने लगा इस तरह से हमारे उस दिन की पहली चुदाई बहुत जल्दबाजी में और मजे से शुरू हुई
एक बार मेरा लड़ा मेरी मौसी मां की चूत में घुसा तो मौसी ने मुझमें उत्साह भरते हुए कहा बेटा अपनी प्यासी मौसी मां की प्यास बुझा दे !!! पूरे जोर से धक्के मार !!! शाबाश बेटा !!! पूरी ताकत से धक्के मार !!! प्यासी मौसी अपने बेटे के पास अपनी चूत की प्यास बुझाने आई मेरा राजा बेटा मार ली मेरी चूत !!! और जोर से !!! शाबाश बेटा !!! बहुत प्यारा बेटा है !!! लगा दे लगा दे मौसा की प्रॉपर्टी पर अपना झण्डा लगा दे !!! हा हा हा हा बेटा !!! बेटा शाबाश बेटा !!! शाबाश पेल दे मौसी को अच्छे से !!! कहकर मौसी जोर-जोर से आहें भरते हुए कामुक आवाज निकालने लगी
मौसी की कामुकता भरी आवाजों ने मेरे अंदर जोश भर दिया और मैं रेल गाड़ी की स्पीड से मौसी को चोदता रहा है | लो तुम्हारे बेटे का है चोदना जारी रखा
थोड़ी देर में मौसी का शरीर सख्त होने लगा और मेरे शरीर में भी करंट दौड़ने लगा मौसी ने अपने पैरों की कैंची बनाकर मेरी कमर के गिर्द लपेट भी और मैंने भी अपने हाथ मौसी की पीठ पर खींचते हुए मौसी को अपने से चिपका लिया इस तरह से मैं और मौसी इकट्ठे झड़ गए और झरने के बाद भी ऐसे ही मैं मौसी से लिपटा रहा और मौसी ने भी मुझे कसकर अपने ऊपर लिटाए रखा
मौसी की चूत में से मेरा लंड सिकुड़ते हुए बाहर निकला उसके साथ ही हम दोनों का वीर्य मां की चूत से निकलता हुआ नीचे चादर भिगोने लगा पर हम दोनों :मेरी रात भर की प्यास और मौसी की पता नहीं कितने दिनों की प्यास जाने के बाद संतुष्ट होकर पड़े रहे काफी देर बाद मैं थोड़ा हिल कर मुझे अपने से ऊपर से उठ गया हम दोनों नंदन बिस्तर पर बैठकर फिर से आलिंगनबंद्ध हो गए और दुबारा से एक दूसरे को चुमने लगे चूमते चूमते ही मेरा लंड दुबारा सख्त हो गया
सरकते सरकते मौसी का हाथ ने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया
मौसी ने जैसे ही मेरे लोड़े की शक्ति को महसूस किया तो मौसी मेरे आगे आकर मेरी गोदी में चढ़ गई
मौसी और मैं बिस्तर के किनारे पर पैर नीचे लटका कर बैठे थे और मौसी ने अपने दोनों हाथ मेरे कंधे के नीचे से निकालते हुए अपनी छाती को मेरी छाती से जोड़ दिया और मेरे बड़े लंड का लक्ष्य लेते हुए अपनी चूत को मेरे लंड के सिरे पर दिखा कर टीका कर नीचे सरकने लगी और मौसी की चूत मेरे लंड पर एक दस्ताने की तरह चढ़ती चली गई मौसी की चूत की गर्मी का कर मेरा लंड अपने आप चूत के अंदर झटके खाने लगा और मैंने अपने हाथ नीचे करते हुए मौसी को नितंबों से मौसी के नितंबों को अपने हाथों पर समेट लिया और पूरी ताकत से मौसी के नितंबों को उठाते हुए मौसी की चूत को अपने लंड पर पोल डांस करवाने लगा बैटरी पोजीशन में बैठी हुई पोजीशन में मेरा लंड मौसी की चूत की गहराई को अलग ढंग से रगड़ रहा था जिससे मौसी की उत्तेजना सभी सीमाएं पार कर गई और मौसी बोलने लगी मादरचोद पेल अपनी मौसी को बहनचोद अपनी मौसी की चूत का हलवा बना दे रगड़ दे मौसी की चूत को मां की चूत की तरह मौसी की चूत के अंदर अपनी निशानी छोड़ दे पेल बेटा पेल मौसी की चूत मौसी के सारे कल निकाल दे और मैं मौसी तेरा बेटा बैंड बजाएगा पिलवाले अपने बेटे से अपनी चूत बेटे का लोड़ा मौसी की चूत के लिए ही तो है करते हुए मैं गद्दे पर और उछलते हुए मौसी की चूत की गहराइयों में अपना लैंड चढ़ाने लगा और मौसी जी जवाब में पूरी तरह से उछल उछल कर बहुत तालमेल के साथ अपनी चूत मेरे लोड़े पर कश्ती जा रही थी यह वासना का तूफान बहुत देर तक चलता रहा हम दोनों पसीना पसीना हो गए मेरे हाथ मौसी के नितंबों को मौसी का भार उसके नितंबों से उठाते हुए खत में लगे थे तो मैं बिस्तर पर पीठ के बल लुढ़क गया और मौसी ने थोड़ा आगे होते हुए मेरे लंड पर सवारी करनी शुरू कर दी हम दोनों की तरफ से मौसी कमर के आसपास अपने मेरे लोड़े पर अपनी टांगे मोड़ पर मेरे लोड़े पर वह चल रही थी और मैं भी कमर उसका कर मौसी की चूत में अपना हल चला रहा था काफी देर बाद मौसी नहीं निढाल होते हुए अपने को दोहरा करते हुए मेरी छाती पर लेट गई और मैंने भी मौसी को कसकर अपने से चिपका लिया और 24 गहरे दमदार झटके मार्केट अपना भी रे वीर्य मौसी की चूत में छोड़ दिया और हम दोबारा से निढाल होकर लेटे रहे एक दूसरे की बाहों में लिपटे हुए लेटे रहे
बहुत देर बाद मौसी को जगाते हुए मैंे कहा मौसी चाय पी लो नाश्ता कर लो
मौसी नाश्ता तो हो गया अब तो लंच करना है!!!!
मैंने भी हंसते हुए कहा कि मौसी बेटे का नंग धड़ंग लंच! किचन का कुछ नाश्ता करने के बाद ही कर पाएंगे, मौसी तुम लेटी रहो सफर से थक कर आई हो मैं तुम्हारे लिए चाय और टोस्ट बना देता हूं
मौसी सेक्स के खुमार में पलट कर बिस्तर पर लेट गई और मैं किचन में जाकर चाय बनाने लगा
अगले अपडेट में मेरा और मौसी का नंग धड़ंग लंच का किस्सा कोशिश करके कल ही दे दूंगा