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Incest मां और मैं

Raz-s9

No nude av/dp -XF STAFF
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Excellent story
 

Sanju@

Well-Known Member
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जब हम गोवा से घर पहुंचे तो पिताजी घर पर इंतजार कर रहे थे, हम मां बेटे के चुदाई संबंध पर शक तो उन्हें पहले से ही था, गोवा में हमारा लंबा खींचा टूर और घर पहुंचने पर मां के चेहरे पर नवविवाहिता वाला संतुष्टि के भाव देख कर उन्हें यकीन हो गया कि मां बेटे ने गोवा में खुलकर हनीमून बनाया है पर उन्होंने पहले भी कभी एतराज नहीं किया था और ना ही ज्यादा मां बेटे के संबंध में ज्यादा उत्सुकता दिखाई थी और अब भी अपनी पत्नी यानि मेरी मां की खुशी देखकर उन्हें एक प्रकार से संतुष्टि ही हुई थी
थोड़ी देर तक पिताजी हमारे से गोवा ट्रिप की डिटेल पूछते रहे और जब उन्हें लगा कि सब अच्छे से हुआ है माँ बेटे ने बहुत मजे कीये है तो पिताजी ने मां को बोला कि अब मुझे 5 दिन की छुट्टी मिल गई है, तुम वहां गोवा में मुझे मिस कर रही थी तो हम अब गोवा घूमने चलते हैं, मां बेटे के मस्ती टूर के बाद हम पति-पत्नी एक हनीमून टूर मनाते हैं
मेरी मां की सेक्स की भूख बहुत ज्यादा है जितनी बार भी उसे पति या बेटे का लंड मिल जाए मां मस्ती में खा लेती है
पिताजी के इस प्रस्ताव से मां बहुत खुश हुई और बोली कब चलना है
पिताजी बोले कल ही चलते हैं
यह सुनकर मां की योनि में फिर से उत्तेजना की चीटींयां दौड़ने लगी और बोली कि मैं अपना अटैची नहीं खोलती आप अपने चार पांच कपड़े दूसरे बैग में डाल दो और सुबह ही हम चल पड़ेंगे
इस बात पर पिताजी बहुत खुश हुए कि मां उनके लौड़े की जरूरत अभी भी महसूस करती है तो वह खुशी खुशी गोवा जाने के लिए तैयारी करने लगे और अपने जानकार को टेलीफोन करके उन्होंने गोवा की टिकट बुक कराने को कह दिया।
रात में माता-पिता के बिस्तर में से संभोग की बहुत करारी आवाजें आ रही थी मैं अपने कमरे से निकलकर माता-पिता के कमरे की खिड़की के बाहर खड़ा होकर उनकी चुदाई की बातें सुनता रहा और मां की कामुक सिसकारियां और पिताजी के धक्के लगाने की आवाजों से उत्तेजित होकर मैंने दो बार मुठ मार ली
शायद मां-बाप रात सोए नहीं और लगातार चुदाई का कार्यक्रम करते रहे मां की चूत और पिताजी का लंड बहुत मजे से एक दूसरे को संतुष्टि देने में लगे हुए थे दोनों गोवा जाने के उत्साह में होमवर्क करके प्रैक्टिस कर रहे थे
सुबह उठकर मां ने मचलते हुए पिताजी के कपड़े पैक करने लगी और अपने अटेची मैं से भी मैले सेक्सी छोटी बिकनी जैसे कपड़े निकालकर दूसरे कम सेक्सी कपड़े पैक कर लिए और फिर से गोवा में अपने पति के साथ हनीमून मनाने की खुशी में उछलने लगी
मैं माता पिता को विदा करके घर बंद करके अंदर बैठकर रात को मां बाप की चुदाई और गोवा में उनके हनीमून के बारे में सोचकर खड़े हुए अपने लंड को निकाल कर मुट्ठ मार रहा था कि दरवाजे की घंटी बजी
मुझे बहुत गुस्सा आया कि शायद कोई पड़ोसी मेरे वीर्य उत्सर्जन की आनंदायक क्रिया में बिघ्न डालने आ गया है मैंने तुरंत निकर पहनी और भुनभुनाते हुए दरवाजा खोलने के लिए बाहर आया
दरवाजा खुलते ही मेरा जोश कई गुना बढ़ गया, मैं हैरान हो गया क्योंकि दरवाजे पर मेरी प्यारी मौसी खड़ी थी
मौसी ने मुझे आलिंगन में लिया और मैं मौसी को अपनी बाहों में लेकर अपने सीने से दबाने लगा और मेरे हाथ मौसी के नितंबों पर घूमने लगे कुछ देर मेंरा साथ लेकर मासी बोली अंदर भी आने देगा या यहां दरवाजे पर ही मौसी के शरीर का स्वागत या मजा ही लेता रहेगा

मैंने मासी को थोड़ा अंदर आने दिया और दरवाजा बंद करके दोबारा वही मौसी से लिपट गया और मौसी का मुंह चूमने लगा मौसी ने भी तुरंत अपनी जीभ मेरे मुंह में दाग दी और मैं कसकर मासी को अपने शरीर पर दबाने लगा मेरे हाथ मासी की पीठ और चूतड़ों कर सैर करने लगे बहुत मजा आ रहा था फिर जैसे मौसी को होश आया वो बोली क्या कर रहा था
तेरी मां अभी तक नहीं आई! कहां है? सो रही है क्या? मैंने कहा नहीं मां अपने हनीमून पर गई है!!!
क्या तू घर पर अकेला है मैंने मासी को चूमा और बोला :मौसी आपका प्यारा बेटा आपका नन्हा लेकिन बड़े लंड वाला आपका सेवक बेटा आपकी तन मन से सेवा करने के लिए अकेला ही घर पर हाजिर है
मासी बोली मैंने चिट्ठी लिखी थी पर कोई जवाब नहीं आया !! क्या तेरी मां को चिट्ठी नहीं मिली
इसपर मैं मासी को चुमते हुए घर के कमरे के अंदर लेकर गया पलंग पर बिठाकर बोला कि हम घर पर नहीं थे इसलिए हो सकता है चिट्ठी किसी ने भी ना देखी हो
मौसी बोली : घर पर नहीं थे! क्या मतलब? तो मैंने पूरी कहानी बताई कि पिताजी को छुट्टी नहीं मिलने के कारण पहले मुझे और मां को घूमने जाना पड़ा और वापस आते ही पापा मां की खुलकर लेने के लिए माँ को लेकर अपनी ठरक मिटाने चल पड़े हैं और अभी एक हफ्ते बाद ही वापस आएंगे
मौसी बहुत खुश होकर मेरे को चूमने लगी और बोली बहुत अच्छा हुआ मेरे बेटे मैं भी तेरे साथ अकेले में कुछ समय बिताना चाहती थी
मैंने थोड़ा झुककर मौसी के सामने मौसी की दोनों टांगों के बीच में अपने घुटन फँसाकर मौसी के टांगे फैलाते हुए कहा कि मौसी तुम्हारा बेटा भी तुम्हारे साथ फुरसत के कुछ पल बिताना चाहता है हम सराय में जोश में मिले उसकी याद करके मेरा मन बहुत अच्छा महसूस करता है
मौसी ने मेरे को चिकोटि काटी और बोली हां बेटा मां जैसी मौसी की चुदाई करने को मिल गई वह समय तो बार-बार याद आएगा पर ये बात की गोवा में तू और तेरी माँ अकेले थे तेरी माँ भी बहुत ठरकी है ऊपर से वो भी लंड की प्यासी , जरूर तूने वणः मौका मिलते ही अपनी मदारचोदी वाली हरकत कर दी होगी और तेरी माँ टूटे पेड़ जैसे तेरे लंड पर अपना भोंसड़ा डालकर चुद गई होगी
मैंने बात बदलते हुए मासी के ऊपर लगभग लेटते हुए मौसी के शरीर को अपने शरीर से दबाया और बोला कि मौसी भी तो मेरे से मिलने को उतनी ही बेताब लगती है
मौसी ने मेरे होंठों को चूमा और बोली हां बेटा आग तो दोनों तरफ बराबर ही लगी हुई है और देखो आग बुझाने के लिए तुम्हारा पाइप और मेरी पानी की टंकी दोनों ही बड़े पूरी तैयारी के साथ मौजूद हैं
मौसी की बात सुनते-सुनते मैंने जल्दी में पहना हुआ अपना निक्कर उतार दिया और बिल्कुल नंगा हो गया मौसी ने मेरे नंगे दंड को पकड़ा और सहलाने लगी मैंने अपने हाथों से मौसी के ब्लाउज के बटन खोल दिए और ब्रा को थोड़ा ऊपर सरका दिया तो मौसी की सूचक मेरे मुंह में पानी भरने लगे मैंने घप से मौसी के चूचक को अपने मुंह में भर लिया नीचे मौसी की मुनिया भी कुनकुनाने लगी थी और मौसी की टांगे मेरी टांगों से रगड़ खाने लगी
इतना सुनते ही मैंने हाथ नीचे करके मौसी साड़ी पेटीकोट समेत ऊपर करनी शुरू की और मौसी ने अपने चूतड़ों को हल्का सा ऊपर उठाकर साड़ी पेटीकोट के घेरे को आपनी कमर के गिर्द चढ़ने दिया इस तरह से मौसी नीचे से पुरी नंगी हो गई
मैंने खुद को टेढा करते हुए मौसी के ब्लाउज के ऊपर के नंगे दिख रहे मम्मों को जीभ से चाटने लगा तो मौसी बोली कुछ सब्र कर ले सफर से आई हूं रास्ते की धूल मिट्टी लगी होगी
मैं बोला “ मेरी रसभरी पर चाट मसाला लगा हुआ है, मुझे तो और ज्यादा मजा आएगा
मौसी मैं मेरे डंडे को पकड़कर जोर-जोर से हिलाया और बोली तुझे चाट मसाले वाली रसभरी चूसनी है तो चूस ले पर मुझे तो अपना गन्ना बिल्कुल साफ सुथरा ही चाहिए, तूने अपना लंड धोया हुआ है कि नहीं?
मैं बोला मौसी जब तुम आई थी तो अपने लंड को धोकर तुम्हारी सेवा के लिए उसकी मालिश कर रहा था बिल्कुल चिकना किया हुआ है जीभ लगा कर देख लो!!!
मौसी ने मेरे लंड के डंड को जोर से दबाया और पजामे के ऊपर से उसे चुम कर बोली मेरे लल्ला मुझे कैसा भी मिल जाए उसे बुलाकर दुलार कर उसका जूस पी लूंगी
बातें करते करते मैंने मौसी को बिस्तर पर धकेला और दोनों हाथों से उसकी साड़ी और पेटीकोट को एक साथ मौसी की गदर आई देवी गदर आई हुई कमर के और ऊपर ले जाकर लपेट दिया जिससे मौसी की गहरी नाभि भी नंगी हो गई मुझे देख कर बहुत अच्छा लगा कि मौसी ने मां की तरह कच्छी पहन नहीं छोड़ दी थी और मेरे से चुदवाने की तैयारी करके मौसी माँ अपनी झांटे बिल्कुल सफाचट करके अपनी चूत को गोरा चिकना करके आई थी
मैंने झुककर मौसी की चूत की चुम्मी ली और जीभ से उसे सहलाकर बोला कि मौसी अपने भतीजे के लोड़े को अपनी चूत का मजा देने के लिए बिल्कुल तैयार होकर आई हो यह कहते हुए दोबारा झुककर मैंने अपनी जीभ मौसी की चूत की फांकों के बीच में रगडनी शुरू कर दी और अपने हाथ सिर के ऊपर से ले जाते हुए मौसी के मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा
मौसी उत्तेजना से कांपने लगी थी और अपने हाथों से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी तथा हाथ नीचे करके मौसी ने मेरे लंड को पकड़ना चाहा पर मेरा पोजीशन के कारण मेरा लंड मौसी की पकड़ से बहुत दूर था
मौसी ने दोबारा से हाथ ऊपर करके मेरे गालों और सिर को मसलना शुरू किया कुछ देर बाद मौसी ने अपनी जांघें कसकर में सिर के आसपास दबा दी मैंने अपनी जीभ को लंबा करके जितनी गहराई तक हो सकता था उतनी गहराई तक मौसी की चूत में उतार दी
मौसी की सिसकारियां बढ़ने लगी और मौसी माँ अपने नितंबों को मचल कर हिलाने लगी मौसी की कसमसाहट से पता चल रहा था कि मौसी बहुत दिनों से प्यासी है
मैंने मौसी की चुत को चूसते हुए थोड़ा मुंह उठाकर पूछा की मौसी पूरी तैयारी के साथ आई थी अगर मां घर पर होती हमारी ब्लू फिल्म कैसे बनती ?
मौसी बोली मादरचोद समय खराब मत कर!! मैं तो 2 महीने से अपनी प्यासी चूत के आंसू पोछने के लिए तेरे पास आई हूं और मेरी किस्मत देख कि मुझे तेरे साथ तनहाई में खुलकर चुदवाने का मौका मिला है
मौसी के मन की इच्छा जानकर मैंने अपने हाथों से मौसी के मम्मों को जोर से रगड़ा और अपने मुंह से मौसी के नीचे होठों को रगड़ कर गीला करने लगा मौसी बोली : अपने मुंह से तो मजा ले रहा है मेरे मुंह का भी कुछ ख्याल कर
मैं मौसी माँ की बात समझ कर पलट गया और मौसी के मुँह के सामने अपना मुसल जैसा लोड़ा लगा कर अपनी दोनों जांघों के बीच में मौसी का मूंह कर लिया और अपना मुंह मौसी की जांघों के बीच में दबाकर मौसी की मलाई चाटने लगा
मौसी ने भी तुरंत मेरे मुसल पर कब्जा कर किया एक हाथ से लोड़े को पकड़ा और अपना मुंह थोड़ा सा उठाते हुए मेरे लोड़े के सुपाड़े की चमड़ी पीछे करते हुए अपनी जीभ लोड़े के छिद्र पर चलाने लगी
मौसी की इस हरकत से मेरी भी सिसकारियां निकलने लगी
मेरी आतुरता देखकर मौसी ने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में भर लिया और मैंने भी एक धक्का मार कर अपने लंड को मौसी की गर्दन तक उतार दिया
मौसी पूरी सहनशीलता से घोड़े को चूसने लगी धप धप करके हप धप करके मेरी लंबी कुल्फी को पिघलाकर लंड की मलाई को चाटने की कसरत में जुट गई

हम दोनों पूरी तरह गरम हो चुके थे मुझे लग रहा था कि मौसी मेरे मुंह में ही झड़ जाएगी और मैं भी रात भर मां की चुदाई देखने के बाद जल्दी है अपना वीर्य एक कसी हुई चूत में छोड़ना चाहता था इसलिए मैंने आसन बदलते हुए पलटी खाई और अपनी कमर मौसी की जांघों के बीच में लाते हुए अपना मुसल मौसी की तंग मुंहाने वाली गुफा के ऊपर टिका दिया
मैं एक झटके से अपना लंड मौसी की चूत के अंदर करना चाहता था उससे पहले ही मौसी ने कमर उचका कर एक झटके हैं मैं अपनी मेरा लौड़ा आपनी चूत की गहराइयों में उतार दिया लिया मौसी की जल्दबाजी को देखकर मेरी उत्तेजना बढ़ गई और मैं घपा घप मौसी की चूत के ऊपर धक्के मारने लगा इस तरह से हमारे उस दिन की पहली चुदाई बहुत जल्दबाजी में और मजे से शुरू हुई
एक बार मेरा लड़ा मेरी मौसी मां की चूत में घुसा तो मौसी ने मुझमें उत्साह भरते हुए कहा बेटा अपनी प्यासी मौसी मां की प्यास बुझा दे !!! पूरे जोर से धक्के मार !!! शाबाश बेटा !!! पूरी ताकत से धक्के मार !!! प्यासी मौसी अपने बेटे के पास अपनी चूत की प्यास बुझाने आई मेरा राजा बेटा मार ली मेरी चूत !!! और जोर से !!! शाबाश बेटा !!! बहुत प्यारा बेटा है !!! लगा दे लगा दे मौसा की प्रॉपर्टी पर अपना झण्डा लगा दे !!! हा हा हा हा बेटा !!! बेटा शाबाश बेटा !!! शाबाश पेल दे मौसी को अच्छे से !!! कहकर मौसी जोर-जोर से आहें भरते हुए कामुक आवाज निकालने लगी
मौसी की कामुकता भरी आवाजों ने मेरे अंदर जोश भर दिया और मैं रेल गाड़ी की स्पीड से मौसी को चोदता रहा है | लो तुम्हारे बेटे का है चोदना जारी रखा
थोड़ी देर में मौसी का शरीर सख्त होने लगा और मेरे शरीर में भी करंट दौड़ने लगा मौसी ने अपने पैरों की कैंची बनाकर मेरी कमर के गिर्द लपेट भी और मैंने भी अपने हाथ मौसी की पीठ पर खींचते हुए मौसी को अपने से चिपका लिया इस तरह से मैं और मौसी इकट्ठे झड़ गए और झरने के बाद भी ऐसे ही मैं मौसी से लिपटा रहा और मौसी ने भी मुझे कसकर अपने ऊपर लिटाए रखा
मौसी की चूत में से मेरा लंड सिकुड़ते हुए बाहर निकला उसके साथ ही हम दोनों का वीर्य मां की चूत से निकलता हुआ नीचे चादर भिगोने लगा पर हम दोनों :मेरी रात भर की प्यास और मौसी की पता नहीं कितने दिनों की प्यास जाने के बाद संतुष्ट होकर पड़े रहे काफी देर बाद मैं थोड़ा हिल कर मुझे अपने से ऊपर से उठ गया हम दोनों नंदन बिस्तर पर बैठकर फिर से आलिंगनबंद्ध हो गए और दुबारा से एक दूसरे को चुमने लगे चूमते चूमते ही मेरा लंड दुबारा सख्त हो गया
सरकते सरकते मौसी का हाथ ने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया
मौसी ने जैसे ही मेरे लोड़े की शक्ति को महसूस किया तो मौसी मेरे आगे आकर मेरी गोदी में चढ़ गई
मौसी और मैं बिस्तर के किनारे पर पैर नीचे लटका कर बैठे थे और मौसी ने अपने दोनों हाथ मेरे कंधे के नीचे से निकालते हुए अपनी छाती को मेरी छाती से जोड़ दिया और मेरे बड़े लंड का लक्ष्य लेते हुए अपनी चूत को मेरे लंड के सिरे पर दिखा कर टीका कर नीचे सरकने लगी और मौसी की चूत मेरे लंड पर एक दस्ताने की तरह चढ़ती चली गई मौसी की चूत की गर्मी का कर मेरा लंड अपने आप चूत के अंदर झटके खाने लगा और मैंने अपने हाथ नीचे करते हुए मौसी को नितंबों से मौसी के नितंबों को अपने हाथों पर समेट लिया और पूरी ताकत से मौसी के नितंबों को उठाते हुए मौसी की चूत को अपने लंड पर पोल डांस करवाने लगा बैटरी पोजीशन में बैठी हुई पोजीशन में मेरा लंड मौसी की चूत की गहराई को अलग ढंग से रगड़ रहा था जिससे मौसी की उत्तेजना सभी सीमाएं पार कर गई और मौसी बोलने लगी मादरचोद पेल अपनी मौसी को बहनचोद अपनी मौसी की चूत का हलवा बना दे रगड़ दे मौसी की चूत को मां की चूत की तरह मौसी की चूत के अंदर अपनी निशानी छोड़ दे पेल बेटा पेल मौसी की चूत मौसी के सारे कल निकाल दे और मैं मौसी तेरा बेटा बैंड बजाएगा पिलवाले अपने बेटे से अपनी चूत बेटे का लोड़ा मौसी की चूत के लिए ही तो है करते हुए मैं गद्दे पर और उछलते हुए मौसी की चूत की गहराइयों में अपना लैंड चढ़ाने लगा और मौसी जी जवाब में पूरी तरह से उछल उछल कर बहुत तालमेल के साथ अपनी चूत मेरे लोड़े पर कश्ती जा रही थी यह वासना का तूफान बहुत देर तक चलता रहा हम दोनों पसीना पसीना हो गए मेरे हाथ मौसी के नितंबों को मौसी का भार उसके नितंबों से उठाते हुए खत में लगे थे तो मैं बिस्तर पर पीठ के बल लुढ़क गया और मौसी ने थोड़ा आगे होते हुए मेरे लंड पर सवारी करनी शुरू कर दी हम दोनों की तरफ से मौसी कमर के आसपास अपने मेरे लोड़े पर अपनी टांगे मोड़ पर मेरे लोड़े पर वह चल रही थी और मैं भी कमर उसका कर मौसी की चूत में अपना हल चला रहा था काफी देर बाद मौसी नहीं निढाल होते हुए अपने को दोहरा करते हुए मेरी छाती पर लेट गई और मैंने भी मौसी को कसकर अपने से चिपका लिया और 24 गहरे दमदार झटके मार्केट अपना भी रे वीर्य मौसी की चूत में छोड़ दिया और हम दोबारा से निढाल होकर लेटे रहे एक दूसरे की बाहों में लिपटे हुए लेटे रहे

बहुत देर बाद मौसी को जगाते हुए मैंे कहा मौसी चाय पी लो नाश्ता कर लो
मौसी नाश्ता तो हो गया अब तो लंच करना है!!!!
मैंने भी हंसते हुए कहा कि मौसी बेटे का नंग धड़ंग लंच! किचन का कुछ नाश्ता करने के बाद ही कर पाएंगे, मौसी तुम लेटी रहो सफर से थक कर आई हो मैं तुम्हारे लिए चाय और टोस्ट बना देता हूं

मौसी सेक्स के खुमार में पलट कर बिस्तर पर लेट गई और मैं किचन में जाकर चाय बनाने लगा

अगले अपडेट में मेरा और मौसी का नंग धड़ंग लंच का किस्सा कोशिश करके कल ही दे दूंगा
Nice update
 

Sangya

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मौसी की तुरंत फुरंत में एक और चुदाई करने के बाद भी ना मौसी का मन भरा था और ना ही मेरा
हम दोनों की चूत और लंड में एक अनभुजी प्यास धड़क रही थी सुबह से बिना कुछ खाए पिए हम लोग सिर्फ चुदाई में ही लगे हुए थे और हर बार मेरा लंड झड़ने के बाद तुरंत ही दुबारा खड़ा हो जाता था और मौसी की चूत लगातार काम रस की वर्षा करने के बाद भी झर झर कर बहती जा रही थी
आज से पहले जब भी मौसी की चुदाई हुई थी सराय में तो पहली बार थी और थोड़ा गेस्ट हाउस में डर था कि कहीं आस पड़ोस के कमरे वाले या काउंटर पर मुंशी हमारी कामुक आवाज ना सुन ले दूसरी बार मौसी के घर में झटपट चुदाई की थी उस चुदाई में भी मजा तो बहुत आया था पर बहुत जल्दबाजी में थे
आज हम घर पर अपने घर पर बिल्कुल अकेले बेफिक्र थे ना किसी के आने का डर और ना ही किसी के हमारी चुदाई की आवाजें सुन कर हमे परेशान करने की आशंका
मौसी ने सुबह के नाश्ते में तीन बार मेरा लंड खाया था और अब लंच में लंड चूत चटाई का एक दौर हो चुका था और मैं अपने खड़े लंड को सहलाता हुआ मौसी की चूत पर दोबारा हमला करने के लिए तैयार था

मेरी प्यारी मौसी लंच में अब क्या खाएगी
मौसी मेरे लंड को हाथ से छूकर बोली मुझे अपना यह मोटा वाला पनीर रोल खिला दे बिल्कुल गरम गरम लगता है
मैंने पूछा ऊपर के होठों से खाएगी या नीचे के होठों से ?
मौसी बोली पहले ऊपर के होठों से स्वाद देख लेती हूं फिर नीचे के थैली भर लेती हूं उसमें ज्यादा मजा आएगा
मैंने कहा जैसी मेरी मौसी की इच्छा मौसी जी निकालकर हाथ से मेरे लंड के उपाय की चमड़ी को पीछे किया और जीभ निकालकर सुपारी को आइसक्रीम की तरह चाटने लगी फिर होंठ खोलकर मौसी ने लंड के सुपारे को आपने होंठों में कस लिया और होंठों में दबे लंड के अगले हिस्से पर जीभ फेर कर मेरी उत्तेजना बढ़ाने लगी
मौसी पलंग के किनारे बैठे थी और मैं मौसी के सामने जमीन पर खड़ा था, मेरे हाथ सहज ही मौसी के 40 नंबर के मम्मों पर चल रहे थे सुबह से ही दोनों बिल्कुल नंग धड़ंग अपने अपने बर्थडे सूट में एक दूसरे से लिपटे हुए थे
मौसी की मोटी गोरी जांघे रोशनी में चमक रही थी और मौसी के सख्त मम्मों पर मेरे दांतों के निशान लाल निशान दिख रहे थे
मैंने अपने हाथों से मौसी के मम्मों का आटा गुंधना बंद करके मौसी के अंगूर जैसे निप्पल को छुहारे जैसा लंबा कर दिया था
मौसी भी कसमसा रही थी मेरे राजा बेटा मौसी की प्यास तो मिटा ले
मौसी मेरा खीरा चूस इस खीरे को चूस-चूस कर इसमें से रस निकाल ले और मौसी तनमान्यता से बिना जवाब दिए मेरे लोड़े को चुस्ती जा रही थी मौसी की बंद आंखों और चेहरे पर संतुष्टि के भाव से लग रहा था की मौसी लोड़े को चूस कर जन्नत महसूस कर रही है
मैं थोड़ा आगे होकर अपना घुटना मौसी की चूत पर रख कर रगड़ने लगा तो मौसी थोड़ा और आगे होकर मेरे से लिपट गई मेरे लोड़े पर गोल घूमी हुई मौसी जीभ कहर बरसा रही थी
मौसी मां के निप्पल और मम्मे मेरे हाथ में पूरी तरह समा नहीं रहे थे और मैं पूरों कोशिश से मौसी के मम्मों को रगड़ने की कोशिश कर रहा था
हम दोनों की सांसें भारी होती जा रही थी जैसे फिर से चुदाई का समय आ गया हो
मैं बोला मौसी तुमने खीरा चख् लिया हो तो अपनी रोल तुम्हारे नीचे के होठों को भी चखा देता हूं
मौसी बिना बोले सीधी हुई और ऐसे ही बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई मैंने मौसी के पैर फर्श से उठाकर अपनी कमर के इर्द-गिर्द लपेटे और अपना मौसी की चूत का प्यासा लोड़ा मौसी की चूत के दरवाजे पर टिका दिया
मौसी की चूत चिकनी बनी हुई थी और मेरे लोड़े पर अपनी लार लगाकर मौसी के उसे चिकना कर दिया था मेरा लौड़ा बहुत आराम से मौसी की चूत में घुसता चला गया
मौसी की टांगे मेरे नितंबों के इर्द गिर्द लिपटी हुई थी जब मैं मौसी की चूत पर धक्का मारता तो मौसी अपने पैरों की ताकत से मेरे धक्के की गति बढ़ा देती थी
धकाधक चुदाई चल रही थी मैंने मौसी के मम्मों उमेठे और बोला मौसी तुम्हारे मम्मों कितने बड़े हैं और कितने बड़े होते हुए भी बहुत सख्त हैं जैसे कच्चे पपीते
जब तुम ब्लाउज पहनकर झुकती हो तो इनके भार से दोनों मम्मों के बीच में गहरी खाई बन जाती है जिसके बीच में ही लंड पेलने का मन करता है
मौसी हंसी और बोली जब तेरे बाप की शादी हुई थी तो वह लगातार मेरे मामा के बीच में ही घूरता रहता था और एक बार तेरी मां को चोदते समय बोला भी था कि सरिता के मम्मों के बीच में लंड डालकर चोदने में कितना मजा आएगा इस बात पर तेरी मां नाराज हो गई थी बोली कि मुझे चोदते हुए तुम्हें मेरी बहन के मम्मे याद आ रहे हैं !!!! क्या मेरे मम्मों अच्छे नहीं हैं?
तेरे पापा ने बचते हुए तेरी मां की तारीफ की और तेरी मां के बीच मम्मों के बीच में ही लंड डालकर तेरी माँ के मम्मों की चुदाई की
मौसी , यह बात है मौसी मेरे पापा तेरे मम्मों को चोदना कहते है तो मैं भी आज तुम्हारे मम्मों को चोदे बिना नही छोडूंगा
मौसी हंस कर बोली !!! आजा मेरे लाल
मैंने मौसी को बिस्तर के ऊपर खींच लिया और मौसी के पेट के ऊपर बैठकर अपने लंड का निशाना मौसी के मम्मों के बीच में लगाया मौसी ने अपने दोनों हाथों से मम्मों को दबा दिया और दोनों मम्मों के बीच में दरार में लंड डालकर मैं अपनी कमर आगे पीछे करने लगा
मौसी ने मम्मों के बीच की जगह बहुत टाइट थी और मौसी ने अपने हाथों से मम्मों को दबाकर मम्मों के नीचे वाली क्लीवेज को और ज्यादा टाइट कर दिया था जिससे मुझे मौसी के मम्मों चोदने में बिल्कुल चूत चोदने से भी ज्यादा आनंद लग रहा था
मेरा लंड बहुत रगड़ खाकर मौसी के नरम गुदाज बड़े-बड़े मम्मों के बीच में आगे पीछे हो रहा था और मौसी को चोद रहा था
मौसी बोली और मजे करने हैं मैंने पूछा कैसे मौसी बोली घूम कर मेरे मुंह की तरफ अपने चूतड़ कर दे
मैंने अपनी पोजीशन बदली और मौसी के मुंह के ऊपर अपने चूतड़ रखकर आगे को खिसका और अब ऊपर वाली क्लीवेज से मौसी के हाथों में दबे हुए मम्मों के बीच में दोबारा लंड पेलने लगा
मौसी ने अपना मुंह झुका कर जीभ लंबी करके अपने मुँह की तरफ मेरे निकले हुए मेरे टट्टों को चाटने लगी
वाह मौसी वाह तुम मेरे वीर्य को स्टोर को प्यार कर रही हो
मौसी मां बोली मेरे प्यारे लाल तेरी इन टट्टों से ही तो तेरे अंदर चोदने की इच्छा जागती है इनको प्यार नहीं करूं तो किससे करूं
मौसी के मम्मों चोदते-चोदते मैं आगे झुककर मौसी की चूत चाटने लगा अब हमारा चुदाई का दौर बहुत मजे से चल रहा था
मौसी मेरी टट्टे चाट रही थी और मैं मौसी की चूत चाट रहा था और मौसी के को मसलते हुए अपनी और मौसी की संतुष्टि कर रहा था
मेरे हाथ मौसी की जांघों के अंदरूनी हिस्से को मालिश कर रहे थे मेरी मौसी को मजा आ गया
मेरी मौसी मेरी प्यारी मासी
आजा मेरे बेटे मेरे प्यारे बेटे पेल दे,मौसी को !!!!
अपना मक्खन मौसी के मम्मों के ऊपर उड़ेल दे
अरे रुक रुक रुक अभी तो तूने मुझे अपने पनीर रोल का स्वाद चखाना है
मैं थोड़ा पीछे होकर अपने लंड को मौसी के मुँह की तरफ लाया और मैंने अपना लंड मौसी के मुंह में पेल दिया और 69 पोजीशन में मौसी की चूत चाटने लगा
सच में इतना मजा चुदाई का इतना मजा कभी नहीं आया था
मौसी को पेल पेल कर मेरी सांस चढ़ने लगी थी मौसी भी बहुत गर्म हो कर बार-बार मेरे लंड को कुतरने लगती इस तरह से हम दिल भर कर चुदाई करते रहे मेरा वीर्य निकलने वाला था मौसी मैं झड़ने वाला हूं रबड़ी कहां खाओगी
मुँह में लंड फसा होने के कारण मौसी खो खो खो करके बोली मेरे प्यारे लाल मेरे बेटे मुंह में ही डाल दे मेरे मुंह में ही झड़ जाना सीधा तेरी कड़छी से ही मलाई चाट लूंगी
हाँ मेरी मौसी मजे कर दिए मौसी ने बातें बंद करके अपने होंठ और गाल दबाकर घपा घप मेरे लंड पर अपने होठों को चूत जैसा दवाब बना कर मजे लेने में जुट गई मैंने भी अपना मुंह मौसी की जांघों के बीच में गहराई तक दबा दिया और मां मौसी मां की हांडी में से रबड़ी चाटने लगा
वाह मेरी मौसी जबरदस्त मलाई है शाबाश मेरी मौसी!!! बोलने में मुझे कई बार रुकना पड़ता पर फिर मैं जीभ लंबी करके मौसी की चूत में डालता है और मौसी की चूत को खंगालने लगता
मौसी ने अपनी जांघें मेरे मुंह के इर्द-गिर्द कस दी और थर थर कर कांपने लगी और फिर एकदम से मेरे मुंह में मौसी के अमृत कुंड से झड़ा हुय मौसी का काम रस भर गया, मैंने होठों को गोल कर के मौसी की हंडिया से सारा मक्खन अपने गले में खींच लिया मौसी ने कुछ गहरी सांसे ली
और फिर से अपने मुंह को मेरे लंड से चुदवाने लगी मैं भी उत्तेजना के उत्कर्ष पर पहुंचा हुआ था मौसी की जीभ होंठ और गाल मिलकर मेरे लंड पर जादू कर रहे थे कुछ ही देर में मैं झड़ने लगा और मौसी ने घपा-घप मेरे काम रस को अपने गले में उतार लिया
हम दोनों सीधे हुए मौसी बोली यह तूने अब प्रोटीन भरा सूप मेरे गले में उतारा है मैंने बोला मासी तूने भी तो अपने कुंड में से, अपनी हांडी में से मेरे को अपनी स्वादिष्ट रबड़ी चटा दी है
मौसी बोली अभी लंच चालू रखते हैं
मैं मौसी की लोड़े की इटिनी तेज भूख को देखकर हैरान था पर मौसी को क्या बोलता मेरा अपना लंड भी वीर्य छोड़ने के बाद दोबारा से मौसी की चूत में घुसने के लिए बेकरार हो जाता था
मैंने अपने दुबारा से सख्त होते लंड अपने हाथ में लेकर कहा अब कहां पर लोगी
मेरे बेटे अब सीधा चूत में ही उतार दे !!!
हां मौसी मम्मे तो चोद दीए है मुंह भी भर दिया है अब चूत का नंबर तो आना ही चाहिए बोल कैसे चुदाएगी
बेटा!!! अब मैं तेरे सामने गोदी में बैठकर ऊपर से अपनी चूत से लंड पर सरकाती हुई तेरे लाँड़ पर बैठ जाऊँगी और तू नीचे बैठ हुय मेरे नितंबों पर हाथ से पकड़कर डालकर मुझे अपनी लंड पर उछालना!!!! मेरे बेटे
ठीक है मौसी !!!
मैं बिस्तर पर पैर लंबे करके बैठ गया मौसी मेरे सामने मेरी तरफ मुँह करके पैरों के बल बैठ गई और धीरे-धीरे मेरी लंड का निशाना लेकर अपनी चूत को मेरे लंड के सुपाड़े पर टिका कर नीचे सरकने लगी
मैंने अपने बाजू मौसी की पीठ पर कसकर अपने आलिंगन में ले लिए मौसी की पपीते जैसी छातियां, मम्मे मेरी छाती में दबकर मुझे रोमांच दे रहे थे और मौसी के मेरे लंड़ पर रगड़ बढ़ा रहे थे इधर मौसी थोड़ा सा एडजेस्ट होने के बाद धम्म से मेरे लंड पर कूद गई और फिर मौसी ने अपने पैर खोलते हुए मेरे चूतड़ों के साइड से निकाल दिए
मैंने अपने हाथों मौसी के चूतड़ों के नीचे रखे और मौसी को अपने लंड पर उछालने लगा
मौसी ने तभी मेरे को कसकर अपने आलिंगन में ले लिया तो जब मैं मौसी को ऊपर उठाट तो हमारी छाती आपस में रगड़ती थी और लंड भी धीरे से मौसी की चूत से बाहर निकलता और घप से दुबारा मौसी की चूत में बैठ जाता
घपा घप चुदाई के दौरान हमने फिर से अपने होंठ जोड़ लिए और मौसी ने मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल दी

मम्मे से मम्मे मिले
छाती से छाती मिली
छेद से डंडा मिला
और निकला सफेद सफेद

इस तरह से मौसी और मेरे लंच का दूसरा दौर पूरा हुआ हमारे रबड़ी जैसे कामरस को मैंने और मौसी ने महसूस किया फिर मौसी और मैं पीठ के बल बिस्तर पर लेट गए
मुझे मजा आ गया खुल कर दे दी मौसी तुमने
मजा आ गया है मासी मेरी प्यारी मां तेरी चूत तो मक्खन की हंडिया है
मजा तो तेरे लंड का है बेटा जितना मस्त लंड उतना ज्यादा मजा
तुम्हारी चूत भी बहुत टाइट है
मौसी टाइट चूत में मोटा लंड रगड़ने का मजा ही अलग है मजा है
हां मासी ऐसे ही चलने दो तुम देती रहो मैं लेता रहूँ
बाद मैं लेटी हुई मौसी के ऊपर लेट कर मौसी के शरीर को अपने शरीर से सहलाने लगा कैसा रहा लंच का यह वाला दौर मेरी मौसी
बेटा तू लंच बहुत अच्छे से करवा रहा है
मौसी तुम इतनी सुंदर थाली परोस रही हो मैं तो मजे से लंच कर रहा हूं
अच्छा मौसी तुमने कितनी बार माँ पापा को चुदाई करते देखा है मैं मौसी बोली आपने शादी से पहले जब मैं जवान थी और तेरे पापा अक्सर घर आते थे तो उनको अलग कमरा मिलता था
मेरी जवानी ki उमंगे और चूत में उंगली करने का नया नया शौक मुझे मजबूर करता था कि मैं तेरे मां-बाप की बातें सुनूँ और तेरे माँ बाप की चुदाई देखूँ !!! मैं रात भर उस कमरे की खिड़की के पास बैठकर तेरी मां बाप की चुदाई देखती थी और उनकी कामुक बातें सुनती भी थी !!!
तब तो मौसी तुम्हें चूत में उंगली करने में बहुत मजा आता होगा
अरे बेटा उंगली से काम नहीं चलता था खीरा ककड़ी बैंगन सब कुछ अपनी चूत में डालती थी तब कुछ शांति होती थी तेरा बाप कभी कभी जब मेरी तारीफ करते हुए उचक उचक कर तेरी मां को चोदता था तो मैं आंखें बंद करके अपने जीजा के लंड के सपने देखते हुए बैंगन अंदर करती रहती थी
तुम उसी कभी भी पापा से सच्ची में नहीं चुदी ?
नहीं बेटा!!! मैं तो तेरे पापा के लंड के सपने देख देख कर ही जवान से अधेड़ हो गई हूं
पर अभी तक मुझे तेरे पापा का लंड नहीं मिला तेरे पापा भी मेरी चूत मारने के चक्कर में बूढ़े हो गए हैं
अरे मौसी पापा अब तुम्हारी चूत क्या मारेंगे उनसे तो अपनी बीवी यानि मेरी मां की चूत भी पूरी तरह से नहीं मारी जाती उनके हिस्से का चूत मारने का काम और अपनी माँ को संतुष्टि देने के लिए मैं अपनी मां की चूत मारता हूं !!! अब तो मां को मेरा लंड किए बिना तो तसल्ली भी नहीं होती
शाबाश बेटा दो अपने बाप की जिम्मेवारी भी पूरी करता है और मौसा की भी !!!
तेरे मौसा लंड अब उतना खड़ा नहीं होता बस महीने में एक दो बार मुझे रगड़ पाते हैं!
फिक्र क्यों करती हो मासी मैं हूं ना
मौसी हंसी और बोली ज्यादा शाहरुख खान मत !!!!! बन देख तेरा लंड भी तेरी टांगों के बीच में मुरझाया पड़ा है
अरे मौसी उसको सांस तो लेने दो अभी देखो तुमरी मलाई निकाल कर इस पर लगाता हूं फिर देखो कैसे टन टना टन करके तुम्हारी चूत में घुसने के लिए तैयार हो जाता है
मेरे बेटे तू क्यों मेहनत करता है तेरा यह डंडा तो आज मेरी सेवा कर रहा है आज तेरे लंड को बार-बार तंदुरुस्त करने की मेरी जिम्मेदारी है
जिओ मौसी जिओ तो करो ना फिर!!!!! मेरा मन एक बार फिर हुमक हुमक कर तुम्हारी चूत मारने का कर रहा है और यह लंड इंतजार कर रहा है कि तुम अपने हाथों से इसको प्यार करके खड़ा करो
बिना कुछ बोले मौसी ने छुपकर मेरे मुरझाए हुए लंड को अपने मुंह में ले लिया और जीभ से उसको सहलाने लगी साथ मौसी ने एक हाथ की उंगलियां अपनी चूत में डाल कर चूत की रबड़ी निकाली और रबड़ी सने हाथ को मेरे लंड पर मसलने लगी
मौसी और मेरी मिली-जुली रबड़ी और मौसी के हाथ की गर्मी ने जैसे जादू के जोडर पर मेरे लंड को गर्मी देकर खड़ा कर दिया
एक हाथ से मौसी मेरे लंड को मुठिया रही थी और दूसरे हाथ से आपने चूत में उंगली या देकर चुत को पनिया रही थी
मौसी की चूत की तरफ मैंे अपना हाथ बढ़ाया और मौसी की उंगली के साथ-साथ मैंने भी अपनी दो उंगलियां मौसी की चूत में डाल दी
मौसी के चूत में जैसे पानी की नदियां बह रही हूं और मेरा लंड भी अकड़ कर मौसी की चूत में घुसने के लिए उतावला हो गया था अब समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं थी मैंने बिस्तर के सामने खड़े होकर मौसी के पैरों को अपने कंधों पर रखा अपनी जांघें मौसी के चूतड़ों से चिपकाकर और एक ही झटके में अपना लंड मौसी की चूत में पेल दिया
मौसी ने उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत में गहराई तक संभाल लिया मौसी के गद्देदार चूतड़ मेरी जांघों पर थपकी दे रहे थे और मैं जोरदार धक्कों से मौसी की चूत में अपने लंड से खुदाई कर रहा था थोड़ी ही देर में मेरे धक्कों की स्पीड बहुत तेज हो गई जमीन पर खड़े होने के कारण मैं पूरी ताकत से मौसी की चूत पर अपने लंड का हमला बोल पा रहा था और मेरा लंड पूरी गहराई मौसी की चूत में पूरी लंबाई से मौसी की चूत को अंदर तक खोद रहा था
मेरे लंड का झटका अंदर होते ही मौसी सिसकारी लेती वाह मेरी मां मार दिया रे और जोर से मार
मजा आ गया बेटा
अपनी मौसी को पेल मौसी को मजा दे मेरे बेटे
मैं हर धक्के के साथ ले मेरी मौसी मा मेरी प्यारी मां बेटे का लंड दे बेटे की ताकत को महसूस कर ले मेरी मौसी मां बेटे का लंड
शाबाश मेरे बेटे तेरा लंड तो मौसा से भी ज्यादा धमाल मचा रहा है आज मेरे बेटे वाह मेरे बेटे शाबाश पेल दे मौसी को हां बेटा ऐसे ही शाबाश

ऐसे ही धक्के मारते-मारते मैं और मौसी यह चुदाई करते रहे
फिर अचानक से मौसी ने धकाधक मेरे लंड से सारा रस झाड़ कर अपनी चुत में भर लिया और खुद भी थरथराकर झड़ गई इस तरह से एक बार फिर से हम दोनों अच्छे से झड़ गए और लंड पिलाई, चूत चटाई, चुदाई के इतने दौर होने के बाद हम थककर नंगे ही एक दूसरे से लिपटे हुए पता नहीं कब सो गए
 

Lib am

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मौसी की तुरंत फुरंत में एक और चुदाई करने के बाद भी ना मौसी का मन भरा था और ना ही मेरा
हम दोनों की चूत और लंड में एक अनभुजी प्यास धड़क रही थी सुबह से बिना कुछ खाए पिए हम लोग सिर्फ चुदाई में ही लगे हुए थे और हर बार मेरा लंड झड़ने के बाद तुरंत ही दुबारा खड़ा हो जाता था और मौसी की चूत लगातार काम रस की वर्षा करने के बाद भी झर झर कर बहती जा रही थी
आज से पहले जब भी मौसी की चुदाई हुई थी सराय में तो पहली बार थी और थोड़ा गेस्ट हाउस में डर था कि कहीं आस पड़ोस के कमरे वाले या काउंटर पर मुंशी हमारी कामुक आवाज ना सुन ले दूसरी बार मौसी के घर में झटपट चुदाई की थी उस चुदाई में भी मजा तो बहुत आया था पर बहुत जल्दबाजी में थे
आज हम घर पर अपने घर पर बिल्कुल अकेले बेफिक्र थे ना किसी के आने का डर और ना ही किसी के हमारी चुदाई की आवाजें सुन कर हमे परेशान करने की आशंका
मौसी ने सुबह के नाश्ते में तीन बार मेरा लंड खाया था और अब लंच में लंड चूत चटाई का एक दौर हो चुका था और मैं अपने खड़े लंड को सहलाता हुआ मौसी की चूत पर दोबारा हमला करने के लिए तैयार था

मेरी प्यारी मौसी लंच में अब क्या खाएगी
मौसी मेरे लंड को हाथ से छूकर बोली मुझे अपना यह मोटा वाला पनीर रोल खिला दे बिल्कुल गरम गरम लगता है
मैंने पूछा ऊपर के होठों से खाएगी या नीचे के होठों से ?
मौसी बोली पहले ऊपर के होठों से स्वाद देख लेती हूं फिर नीचे के थैली भर लेती हूं उसमें ज्यादा मजा आएगा
मैंने कहा जैसी मेरी मौसी की इच्छा मौसी जी निकालकर हाथ से मेरे लंड के उपाय की चमड़ी को पीछे किया और जीभ निकालकर सुपारी को आइसक्रीम की तरह चाटने लगी फिर होंठ खोलकर मौसी ने लंड के सुपारे को आपने होंठों में कस लिया और होंठों में दबे लंड के अगले हिस्से पर जीभ फेर कर मेरी उत्तेजना बढ़ाने लगी
मौसी पलंग के किनारे बैठे थी और मैं मौसी के सामने जमीन पर खड़ा था, मेरे हाथ सहज ही मौसी के 40 नंबर के मम्मों पर चल रहे थे सुबह से ही दोनों बिल्कुल नंग धड़ंग अपने अपने बर्थडे सूट में एक दूसरे से लिपटे हुए थे
मौसी की मोटी गोरी जांघे रोशनी में चमक रही थी और मौसी के सख्त मम्मों पर मेरे दांतों के निशान लाल निशान दिख रहे थे
मैंने अपने हाथों से मौसी के मम्मों का आटा गुंधना बंद करके मौसी के अंगूर जैसे निप्पल को छुहारे जैसा लंबा कर दिया था
मौसी भी कसमसा रही थी मेरे राजा बेटा मौसी की प्यास तो मिटा ले
मौसी मेरा खीरा चूस इस खीरे को चूस-चूस कर इसमें से रस निकाल ले और मौसी तनमान्यता से बिना जवाब दिए मेरे लोड़े को चुस्ती जा रही थी मौसी की बंद आंखों और चेहरे पर संतुष्टि के भाव से लग रहा था की मौसी लोड़े को चूस कर जन्नत महसूस कर रही है
मैं थोड़ा आगे होकर अपना घुटना मौसी की चूत पर रख कर रगड़ने लगा तो मौसी थोड़ा और आगे होकर मेरे से लिपट गई मेरे लोड़े पर गोल घूमी हुई मौसी जीभ कहर बरसा रही थी
मौसी मां के निप्पल और मम्मे मेरे हाथ में पूरी तरह समा नहीं रहे थे और मैं पूरों कोशिश से मौसी के मम्मों को रगड़ने की कोशिश कर रहा था
हम दोनों की सांसें भारी होती जा रही थी जैसे फिर से चुदाई का समय आ गया हो
मैं बोला मौसी तुमने खीरा चख् लिया हो तो अपनी रोल तुम्हारे नीचे के होठों को भी चखा देता हूं
मौसी बिना बोले सीधी हुई और ऐसे ही बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई मैंने मौसी के पैर फर्श से उठाकर अपनी कमर के इर्द-गिर्द लपेटे और अपना मौसी की चूत का प्यासा लोड़ा मौसी की चूत के दरवाजे पर टिका दिया
मौसी की चूत चिकनी बनी हुई थी और मेरे लोड़े पर अपनी लार लगाकर मौसी के उसे चिकना कर दिया था मेरा लौड़ा बहुत आराम से मौसी की चूत में घुसता चला गया
मौसी की टांगे मेरे नितंबों के इर्द गिर्द लिपटी हुई थी जब मैं मौसी की चूत पर धक्का मारता तो मौसी अपने पैरों की ताकत से मेरे धक्के की गति बढ़ा देती थी
धकाधक चुदाई चल रही थी मैंने मौसी के मम्मों उमेठे और बोला मौसी तुम्हारे मम्मों कितने बड़े हैं और कितने बड़े होते हुए भी बहुत सख्त हैं जैसे कच्चे पपीते
जब तुम ब्लाउज पहनकर झुकती हो तो इनके भार से दोनों मम्मों के बीच में गहरी खाई बन जाती है जिसके बीच में ही लंड पेलने का मन करता है
मौसी हंसी और बोली जब तेरे बाप की शादी हुई थी तो वह लगातार मेरे मामा के बीच में ही घूरता रहता था और एक बार तेरी मां को चोदते समय बोला भी था कि सरिता के मम्मों के बीच में लंड डालकर चोदने में कितना मजा आएगा इस बात पर तेरी मां नाराज हो गई थी बोली कि मुझे चोदते हुए तुम्हें मेरी बहन के मम्मे याद आ रहे हैं !!!! क्या मेरे मम्मों अच्छे नहीं हैं?
तेरे पापा ने बचते हुए तेरी मां की तारीफ की और तेरी मां के बीच मम्मों के बीच में ही लंड डालकर तेरी माँ के मम्मों की चुदाई की
मौसी , यह बात है मौसी मेरे पापा तेरे मम्मों को चोदना कहते है तो मैं भी आज तुम्हारे मम्मों को चोदे बिना नही छोडूंगा
मौसी हंस कर बोली !!! आजा मेरे लाल
मैंने मौसी को बिस्तर के ऊपर खींच लिया और मौसी के पेट के ऊपर बैठकर अपने लंड का निशाना मौसी के मम्मों के बीच में लगाया मौसी ने अपने दोनों हाथों से मम्मों को दबा दिया और दोनों मम्मों के बीच में दरार में लंड डालकर मैं अपनी कमर आगे पीछे करने लगा
मौसी ने मम्मों के बीच की जगह बहुत टाइट थी और मौसी ने अपने हाथों से मम्मों को दबाकर मम्मों के नीचे वाली क्लीवेज को और ज्यादा टाइट कर दिया था जिससे मुझे मौसी के मम्मों चोदने में बिल्कुल चूत चोदने से भी ज्यादा आनंद लग रहा था
मेरा लंड बहुत रगड़ खाकर मौसी के नरम गुदाज बड़े-बड़े मम्मों के बीच में आगे पीछे हो रहा था और मौसी को चोद रहा था
मौसी बोली और मजे करने हैं मैंने पूछा कैसे मौसी बोली घूम कर मेरे मुंह की तरफ अपने चूतड़ कर दे
मैंने अपनी पोजीशन बदली और मौसी के मुंह के ऊपर अपने चूतड़ रखकर आगे को खिसका और अब ऊपर वाली क्लीवेज से मौसी के हाथों में दबे हुए मम्मों के बीच में दोबारा लंड पेलने लगा
मौसी ने अपना मुंह झुका कर जीभ लंबी करके अपने मुँह की तरफ मेरे निकले हुए मेरे टट्टों को चाटने लगी
वाह मौसी वाह तुम मेरे वीर्य को स्टोर को प्यार कर रही हो
मौसी मां बोली मेरे प्यारे लाल तेरी इन टट्टों से ही तो तेरे अंदर चोदने की इच्छा जागती है इनको प्यार नहीं करूं तो किससे करूं
मौसी के मम्मों चोदते-चोदते मैं आगे झुककर मौसी की चूत चाटने लगा अब हमारा चुदाई का दौर बहुत मजे से चल रहा था
मौसी मेरी टट्टे चाट रही थी और मैं मौसी की चूत चाट रहा था और मौसी के को मसलते हुए अपनी और मौसी की संतुष्टि कर रहा था
मेरे हाथ मौसी की जांघों के अंदरूनी हिस्से को मालिश कर रहे थे मेरी मौसी को मजा आ गया
मेरी मौसी मेरी प्यारी मासी
आजा मेरे बेटे मेरे प्यारे बेटे पेल दे,मौसी को !!!!
अपना मक्खन मौसी के मम्मों के ऊपर उड़ेल दे
अरे रुक रुक रुक अभी तो तूने मुझे अपने पनीर रोल का स्वाद चखाना है
मैं थोड़ा पीछे होकर अपने लंड को मौसी के मुँह की तरफ लाया और मैंने अपना लंड मौसी के मुंह में पेल दिया और 69 पोजीशन में मौसी की चूत चाटने लगा
सच में इतना मजा चुदाई का इतना मजा कभी नहीं आया था
मौसी को पेल पेल कर मेरी सांस चढ़ने लगी थी मौसी भी बहुत गर्म हो कर बार-बार मेरे लंड को कुतरने लगती इस तरह से हम दिल भर कर चुदाई करते रहे मेरा वीर्य निकलने वाला था मौसी मैं झड़ने वाला हूं रबड़ी कहां खाओगी
मुँह में लंड फसा होने के कारण मौसी खो खो खो करके बोली मेरे प्यारे लाल मेरे बेटे मुंह में ही डाल दे मेरे मुंह में ही झड़ जाना सीधा तेरी कड़छी से ही मलाई चाट लूंगी
हाँ मेरी मौसी मजे कर दिए मौसी ने बातें बंद करके अपने होंठ और गाल दबाकर घपा घप मेरे लंड पर अपने होठों को चूत जैसा दवाब बना कर मजे लेने में जुट गई मैंने भी अपना मुंह मौसी की जांघों के बीच में गहराई तक दबा दिया और मां मौसी मां की हांडी में से रबड़ी चाटने लगा
वाह मेरी मौसी जबरदस्त मलाई है शाबाश मेरी मौसी!!! बोलने में मुझे कई बार रुकना पड़ता पर फिर मैं जीभ लंबी करके मौसी की चूत में डालता है और मौसी की चूत को खंगालने लगता
मौसी ने अपनी जांघें मेरे मुंह के इर्द-गिर्द कस दी और थर थर कर कांपने लगी और फिर एकदम से मेरे मुंह में मौसी के अमृत कुंड से झड़ा हुय मौसी का काम रस भर गया, मैंने होठों को गोल कर के मौसी की हंडिया से सारा मक्खन अपने गले में खींच लिया मौसी ने कुछ गहरी सांसे ली
और फिर से अपने मुंह को मेरे लंड से चुदवाने लगी मैं भी उत्तेजना के उत्कर्ष पर पहुंचा हुआ था मौसी की जीभ होंठ और गाल मिलकर मेरे लंड पर जादू कर रहे थे कुछ ही देर में मैं झड़ने लगा और मौसी ने घपा-घप मेरे काम रस को अपने गले में उतार लिया
हम दोनों सीधे हुए मौसी बोली यह तूने अब प्रोटीन भरा सूप मेरे गले में उतारा है मैंने बोला मासी तूने भी तो अपने कुंड में से, अपनी हांडी में से मेरे को अपनी स्वादिष्ट रबड़ी चटा दी है
मौसी बोली अभी लंच चालू रखते हैं
मैं मौसी की लोड़े की इटिनी तेज भूख को देखकर हैरान था पर मौसी को क्या बोलता मेरा अपना लंड भी वीर्य छोड़ने के बाद दोबारा से मौसी की चूत में घुसने के लिए बेकरार हो जाता था
मैंने अपने दुबारा से सख्त होते लंड अपने हाथ में लेकर कहा अब कहां पर लोगी
मेरे बेटे अब सीधा चूत में ही उतार दे !!!
हां मौसी मम्मे तो चोद दीए है मुंह भी भर दिया है अब चूत का नंबर तो आना ही चाहिए बोल कैसे चुदाएगी
बेटा!!! अब मैं तेरे सामने गोदी में बैठकर ऊपर से अपनी चूत से लंड पर सरकाती हुई तेरे लाँड़ पर बैठ जाऊँगी और तू नीचे बैठ हुय मेरे नितंबों पर हाथ से पकड़कर डालकर मुझे अपनी लंड पर उछालना!!!! मेरे बेटे
ठीक है मौसी !!!
मैं बिस्तर पर पैर लंबे करके बैठ गया मौसी मेरे सामने मेरी तरफ मुँह करके पैरों के बल बैठ गई और धीरे-धीरे मेरी लंड का निशाना लेकर अपनी चूत को मेरे लंड के सुपाड़े पर टिका कर नीचे सरकने लगी
मैंने अपने बाजू मौसी की पीठ पर कसकर अपने आलिंगन में ले लिए मौसी की पपीते जैसी छातियां, मम्मे मेरी छाती में दबकर मुझे रोमांच दे रहे थे और मौसी के मेरे लंड़ पर रगड़ बढ़ा रहे थे इधर मौसी थोड़ा सा एडजेस्ट होने के बाद धम्म से मेरे लंड पर कूद गई और फिर मौसी ने अपने पैर खोलते हुए मेरे चूतड़ों के साइड से निकाल दिए
मैंने अपने हाथों मौसी के चूतड़ों के नीचे रखे और मौसी को अपने लंड पर उछालने लगा
मौसी ने तभी मेरे को कसकर अपने आलिंगन में ले लिया तो जब मैं मौसी को ऊपर उठाट तो हमारी छाती आपस में रगड़ती थी और लंड भी धीरे से मौसी की चूत से बाहर निकलता और घप से दुबारा मौसी की चूत में बैठ जाता
घपा घप चुदाई के दौरान हमने फिर से अपने होंठ जोड़ लिए और मौसी ने मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल दी

मम्मे से मम्मे मिले
छाती से छाती मिली
छेद से डंडा मिला
और निकला सफेद सफेद

इस तरह से मौसी और मेरे लंच का दूसरा दौर पूरा हुआ हमारे रबड़ी जैसे कामरस को मैंने और मौसी ने महसूस किया फिर मौसी और मैं पीठ के बल बिस्तर पर लेट गए
मुझे मजा आ गया खुल कर दे दी मौसी तुमने
मजा आ गया है मासी मेरी प्यारी मां तेरी चूत तो मक्खन की हंडिया है
मजा तो तेरे लंड का है बेटा जितना मस्त लंड उतना ज्यादा मजा
तुम्हारी चूत भी बहुत टाइट है
मौसी टाइट चूत में मोटा लंड रगड़ने का मजा ही अलग है मजा है
हां मासी ऐसे ही चलने दो तुम देती रहो मैं लेता रहूँ
बाद मैं लेटी हुई मौसी के ऊपर लेट कर मौसी के शरीर को अपने शरीर से सहलाने लगा कैसा रहा लंच का यह वाला दौर मेरी मौसी
बेटा तू लंच बहुत अच्छे से करवा रहा है
मौसी तुम इतनी सुंदर थाली परोस रही हो मैं तो मजे से लंच कर रहा हूं
अच्छा मौसी तुमने कितनी बार माँ पापा को चुदाई करते देखा है मैं मौसी बोली आपने शादी से पहले जब मैं जवान थी और तेरे पापा अक्सर घर आते थे तो उनको अलग कमरा मिलता था
मेरी जवानी ki उमंगे और चूत में उंगली करने का नया नया शौक मुझे मजबूर करता था कि मैं तेरे मां-बाप की बातें सुनूँ और तेरे माँ बाप की चुदाई देखूँ !!! मैं रात भर उस कमरे की खिड़की के पास बैठकर तेरी मां बाप की चुदाई देखती थी और उनकी कामुक बातें सुनती भी थी !!!
तब तो मौसी तुम्हें चूत में उंगली करने में बहुत मजा आता होगा
अरे बेटा उंगली से काम नहीं चलता था खीरा ककड़ी बैंगन सब कुछ अपनी चूत में डालती थी तब कुछ शांति होती थी तेरा बाप कभी कभी जब मेरी तारीफ करते हुए उचक उचक कर तेरी मां को चोदता था तो मैं आंखें बंद करके अपने जीजा के लंड के सपने देखते हुए बैंगन अंदर करती रहती थी
तुम उसी कभी भी पापा से सच्ची में नहीं चुदी ?
नहीं बेटा!!! मैं तो तेरे पापा के लंड के सपने देख देख कर ही जवान से अधेड़ हो गई हूं
पर अभी तक मुझे तेरे पापा का लंड नहीं मिला तेरे पापा भी मेरी चूत मारने के चक्कर में बूढ़े हो गए हैं
अरे मौसी पापा अब तुम्हारी चूत क्या मारेंगे उनसे तो अपनी बीवी यानि मेरी मां की चूत भी पूरी तरह से नहीं मारी जाती उनके हिस्से का चूत मारने का काम और अपनी माँ को संतुष्टि देने के लिए मैं अपनी मां की चूत मारता हूं !!! अब तो मां को मेरा लंड किए बिना तो तसल्ली भी नहीं होती
शाबाश बेटा दो अपने बाप की जिम्मेवारी भी पूरी करता है और मौसा की भी !!!
तेरे मौसा लंड अब उतना खड़ा नहीं होता बस महीने में एक दो बार मुझे रगड़ पाते हैं!
फिक्र क्यों करती हो मासी मैं हूं ना
मौसी हंसी और बोली ज्यादा शाहरुख खान मत !!!!! बन देख तेरा लंड भी तेरी टांगों के बीच में मुरझाया पड़ा है
अरे मौसी उसको सांस तो लेने दो अभी देखो तुमरी मलाई निकाल कर इस पर लगाता हूं फिर देखो कैसे टन टना टन करके तुम्हारी चूत में घुसने के लिए तैयार हो जाता है
मेरे बेटे तू क्यों मेहनत करता है तेरा यह डंडा तो आज मेरी सेवा कर रहा है आज तेरे लंड को बार-बार तंदुरुस्त करने की मेरी जिम्मेदारी है
जिओ मौसी जिओ तो करो ना फिर!!!!! मेरा मन एक बार फिर हुमक हुमक कर तुम्हारी चूत मारने का कर रहा है और यह लंड इंतजार कर रहा है कि तुम अपने हाथों से इसको प्यार करके खड़ा करो
बिना कुछ बोले मौसी ने छुपकर मेरे मुरझाए हुए लंड को अपने मुंह में ले लिया और जीभ से उसको सहलाने लगी साथ मौसी ने एक हाथ की उंगलियां अपनी चूत में डाल कर चूत की रबड़ी निकाली और रबड़ी सने हाथ को मेरे लंड पर मसलने लगी
मौसी और मेरी मिली-जुली रबड़ी और मौसी के हाथ की गर्मी ने जैसे जादू के जोडर पर मेरे लंड को गर्मी देकर खड़ा कर दिया
एक हाथ से मौसी मेरे लंड को मुठिया रही थी और दूसरे हाथ से आपने चूत में उंगली या देकर चुत को पनिया रही थी
मौसी की चूत की तरफ मैंे अपना हाथ बढ़ाया और मौसी की उंगली के साथ-साथ मैंने भी अपनी दो उंगलियां मौसी की चूत में डाल दी
मौसी के चूत में जैसे पानी की नदियां बह रही हूं और मेरा लंड भी अकड़ कर मौसी की चूत में घुसने के लिए उतावला हो गया था अब समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं थी मैंने बिस्तर के सामने खड़े होकर मौसी के पैरों को अपने कंधों पर रखा अपनी जांघें मौसी के चूतड़ों से चिपकाकर और एक ही झटके में अपना लंड मौसी की चूत में पेल दिया
मौसी ने उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत में गहराई तक संभाल लिया मौसी के गद्देदार चूतड़ मेरी जांघों पर थपकी दे रहे थे और मैं जोरदार धक्कों से मौसी की चूत में अपने लंड से खुदाई कर रहा था थोड़ी ही देर में मेरे धक्कों की स्पीड बहुत तेज हो गई जमीन पर खड़े होने के कारण मैं पूरी ताकत से मौसी की चूत पर अपने लंड का हमला बोल पा रहा था और मेरा लंड पूरी गहराई मौसी की चूत में पूरी लंबाई से मौसी की चूत को अंदर तक खोद रहा था
मेरे लंड का झटका अंदर होते ही मौसी सिसकारी लेती वाह मेरी मां मार दिया रे और जोर से मार
मजा आ गया बेटा
अपनी मौसी को पेल मौसी को मजा दे मेरे बेटे
मैं हर धक्के के साथ ले मेरी मौसी मा मेरी प्यारी मां बेटे का लंड दे बेटे की ताकत को महसूस कर ले मेरी मौसी मां बेटे का लंड
शाबाश मेरे बेटे तेरा लंड तो मौसा से भी ज्यादा धमाल मचा रहा है आज मेरे बेटे वाह मेरे बेटे शाबाश पेल दे मौसी को हां बेटा ऐसे ही शाबाश

ऐसे ही धक्के मारते-मारते मैं और मौसी यह चुदाई करते रहे
फिर अचानक से मौसी ने धकाधक मेरे लंड से सारा रस झाड़ कर अपनी चुत में भर लिया और खुद भी थरथराकर झड़ गई इस तरह से एक बार फिर से हम दोनों अच्छे से झड़ गए और लंड पिलाई, चूत चटाई, चुदाई के इतने दौर होने के बाद हम थककर नंगे ही एक दूसरे से लिपटे हुए पता नहीं कब सो गए
आखिर मौसी के दिल की तमन्ना पूरी हो गयी । बहुत ही कामुक अपडेट।
 

Jassybabra

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Nice update
 
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