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Incest मां और मैं

Sangya

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जब मेरी नींद खुली तो पहले तो कुछ समझ नहीं आया कुछ सेकंड बाद अपने साथ नंगी लेटी हुई मौसी को देखकर याद आया कि सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक बिना कुछ खाए पिए हम दोनों लगातार चुदाई में लगे हुए थे और चुदाई भी इतनी भयंकर तरीके से की थी कि मेरी और मौसी की पता नहीं कितने दिनों की अनबुझी प्यास हमारे चुदाई के जनून से कुछ हद तक शांत हो पाई थी
मैंने बहुत ही खुलकर बिना किसी रुकावट मौसी को चोदा था और मौसी ने भी मेरा लोड़ा अपनी जीभ मम्मों और मुँह में बहुत अच्छे से पिलवाया था साथ ही साथ मौसी ने अपनी चूत का स्वाद मेरे मुंह को भी चूसने को दिया था
सोचते सोचते मैं मौसी के अपने साथ चिपके हुए मौसी के नंगे शरीर से और ज्यादा चिपक गया
मौसी कमर के बल लेटी हुई बेहोश जैसे पडी सो रही थी मौसी का घुटना एक फैला हुआ था जो मुड़कर बिस्तर पर लगा हुआ था जिससे मौसी के मोटे मोटे नितंब और ज्यादा आकर्षक लग रहे थे
मौसी की गोरी बेदाग पीठ कमरे की रोशनी में बहुत ज्यादा चमक रही थी मैंने आगे झुकते हुए मौसी की गर्दन के नीचे चुम्मी ली और चम्मच की तरह पीछे से मौसी से लिपट गया
मौसी जैसे बेहोश ही पड़ी रही मैंने मौसी से चिपकने के लिए अपने लंड को मौसी की पीठ से मिलाया तो मुझे अपने शरीर में बहुत ज्यादा थकावट महसूस हुई तब मुझे ख्याल आया थी मैंने रात से कुछ भी नहीं खाया है
सुबह मां बाप के घर से निकलते ही मैं मां बाप की रात की चुदाई का सीन याद करके मुठ मारने लगा था कि मौसी ने घर घंटी बजा कर आने का घोषणा की थी
मौसी भी रात का सफर करके सुबह सुबह पहुंची थी इसका मतलब मौसी भी रात से भूखी ही थी और हमारी उत्तेजना का हाल था कि मेरी बनाई हुई चाय ठंडी हो कर साइड में पड़ी थी और हमें सिर्फ एक दूसरे की वीर्य और काम रस चाटने का ही जोश और होश था इसके अलावा हमें कुछ भी नहीं सुझ रहा था
मैंने अपना हाथ मौसी के आगे की तरफ करते हुए मौसी की मम्मों को दबाते हुए आपकी पीठ को अपनी मौसी की पीठ से और ज्यादा दबा दिया और अपने पेट में दौड़ते चूहा की गिनती करने लगा
मुझे पता था कि मौसी भी बिल्कुल भूखी प्यासी है मौसी ने मेरा लंड चूस कर जो वीर्य पान किया था उसके अलावा मौसी के गले से कुछ भी नहीं उतरा था मेरे कसकर मौसी की छाती को दबाने के बाद भी मौसी की नींद में कोई खलल नहीं पड़ा तो मैंने थोड़ा पीछे हुए होते हुए मौसी को पीठ के बल लिटा दिया
अब मौसी के मोटे मोटे गुदाज मम्मे थोड़े नरम होकर छातियों पर बेतरतीब फैले हुए थे मौसी की टांगों के बीच में हमारा मिलाजुला काम रस टपक रहा था मौसी की केले के तनो जैसी मांसल चिकनी जांघें अभी भी बहुत आकर्षक लग रही थी मौसी के पेट पर पड़े हुए स्ट्रेच मार्क्स किसी भी जवान के लैंड को खड़ा करने के लिए पर्याप्त थे
इतनी सुंदरता होने के बाद पता नहीं क्यों मौसी इतनी ज्यादा प्यासी थी मौसा जी भी इतने बूढ़े नहीं हुए थे कि मौसी मां को चोदने में सफलता नहीं पाते हों पिछली बार जब मैं मौसी के घर गया था तो मैंने उनकी जोरदार चुदाई की आवाजें सुनी थी अब 6 महीने में ही ऐसा क्या हुआ कि मौसी की चूत बिल्कुल प्यासी हो गई थी और मेरा मौसेरा भाई संजय भी मौसी को चोदने की फिराक में रहता था पता नहीं उसको अपनी मां चोदने का मौका मिला या नहीं शायद उसने कोशिश नहीं की होगी अगर जवान बेटे का लंड मौसी को मिला होता तो शर्तिया मौसी की चूत इतनी प्यासी नहीं होती चलो जो भी हो मौसी से आराम से इस बारे में बात करूंगा अभी तो मेरे पेट में चूहे ओलंपिक रेस लगा रहे थे और लगातार कुश्ती लड़ने के कारण मेरे शरीर के सब जोड़ भी दुखने लगे थे
मेरे जवान शरीर का थकावट से यह हाल था तो इतनी भयंकर जुदाई होने के बाद मौसी के बुढा़ते हुए शरीर की क्या हालत होगी मैं इसका अंदाजा ही लगा पा रहा था

अपनी बची हुई ताकत समेटकर मैं उठकर किचन में गया सबसे पहले तो दूध गर्म करके कमरे में ले आएगा और मौसी को उठाने लगा मौसी अभी भी बेसुध पड़ी हुई थी
मैंने मौसी के मुंह होठों को चूसा चुम्मा और मौसी की चूत में उंगली की तो मौसी थोड़ा कसमसाई और हिली
लगातार मौसी को उत्तेजित करने से मौसी का शरीर होश में आने लगा और जागने पर मैंने मौसी को पूछा,तो मौसी बोली बहुत कमजोरी लग रही है और तेज भूख लगी है

उस हालत में भी मौसी ने मेरे लंड को पकड़ा जोर से दबाया अपना गाल मेरे लंड पर रगड़ते हुए बोली: मेरे राजा, मेरे को कुछ पिला दे ताकि मेरे में उठने की हिम्मत बने
मैंने आगे झुककर दूध का गिलास मौसी के हाथ में दिया और बोला कि पहले भैंस का दूध पी लो फिर अपने बेटे के थन में से ताजी मलाई वाला दूध निकाल कर पी लेना तो पूरी ताकत आ जाएगी
मौसी ने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में दबा कर जवाब दिया सुबह से इसी की मलाई चाट रही हूं जिससे हिम्मत बनी हुई है पर अब भैंस का दूध पीती हूं फिर तेरे लिए नाश्ता बनाती हूं
मैंने मौसी से कहा कि मेरा नाश्ता को तुम्हारी पावरोटी खाकर भी भर जाएगा हो जाएगा और तुम मेरा यह पनीर रोल खा लो

मौसी बोली अब सब्र से, पहले थोड़ा नाश्ता करते हैं, फिर आराम करेंगे उसके बाद लंच में चुदाई का धुआंधार कार्यक्रम अच्छे से करेंगे
बेटा जैसी चुदाई तूने आज की है मेरी ऐसी भयंकर और लगातार चुदाई कभी नहीं हुई
मैंने पूछा क्यों मौसा का लंड कमजोर है या फिर मन भर गया है, शुरू में तो रोज ही तुम्हें पेलते होंगे तुम्हारे सुंदर शरीर पर दिन में कई कई बार सवारी करते होंगे
मौसी बोली: नहीं, तेरे मौसा बहुत पुराने विचारों के हैं, शादी के बाद एक साल तक तो कई बार एक दिन में मुझे दो तीन बार भी चोद देते थे पर उनका तरीका बहुत सीधा था जब उनका लंड खड़ा होता है या चोदने का मन करता है तो मेरे पास लेट कर मुझसे चुम्मा चाटी करते हैं मेरे निपल्स मसलते हैं फिर मेरी चूत में उंगली करके मुझे गीला करते हैं और उसके ऊपर मेरे ऊपर चढ़कर रेलगाड़ी की तरह धमाधम चोद देते थे
अब फर्क सिर्फ इतना है या है कि पहले कभी कभी रात में दो तीन बार चोद देते थे अब 15 -20 दिन में एक बार मेरे ऊपर चढ़ते हैं
मैं मौसी के गाल को चूमता हुआ बोला अब समझा क्यों आज आप अपने बेटे पर इतना मेहरबान हो रही थी मेरे को तो आपकी भूख के कारण जन्नत मिल गई, मेरे लंड से कभी भी लगातार इतनी बार चूत का स्वाद एक बार में नहीं मिला और यहां तो चूत के साथ आपकी मम्मों और मुंह का स्वाद भी उसको मिल गया आज का दिन मेरे लिए बहुत अच्छा चढ़ा है
मौसी हंसी और बोली तेरा दिन अच्छा चढ़ा है और आज सुबह से तू मेरे ऊपर बहुत अच्छी तरह चढ़ा है दोनों को मजा आ गया चल अब लंच में हम चुदाई का पकवान किसी और ढंग से बना कर और ज्यादा मजा लेंगे
मैं भी मौके का फायदा उठाते हुए पूछा मौसी संजय भी तो तुम्हें बहुत प्यार करना चाहता है उसे मौका क्यों नहीं देती वह जवान लड़का का सारा दिन अपनी मां और बहन के ही सपने देखता रहता है और बाथरूम में तुम्हारे सजना के कपड़े सुंघकर ही अपनी भूख शांत करने का प्रयास करता है
यह सुनकर मौसी हक्की बक्की रह गई और बोली: अच्छा!!!!!
मैंने जवाब दिया: हां मासी, जब मैं तुम्हारे यहां गया था तो मैंने उसको खिड़की में से तुम्हारी और मौसी की चुदाई देखते हुए पाया था और बाद में मैंने उसपर नजर रखी तो पाया कि वो तुम्हारे नंगे बदन को ताड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ता है
मौसी : मैं ही पागल हूं, अपने मासूम बेटे का मेरे लिए उमड़ रहा जवानी का प्यार ही नहीं समझ पाई और अपने व अपने बेटे को एक दूसरे के मां बेटे वाले असली प्यार से वंचित रखा
तेरे से उस धर्मशाला में चुदाई करवाने के बाद भी मुझे ख्वाब तक नहीं आया कि मैं संजय बेटे के खड़े लौड़े वाले प्यार को देख सकूं और आज जब तुने जो मुझे अपने और अपनी मां के संबंध के बारे में बताया तो भी मुझे सोचना चाहिए था
मैं बोला, मौसी आज तो हमें सांस लेने की भी फुर्सत नहीं मिली, खैर अब आराम से मैं तुम्हें संजय की इच्छा बताऊंगा, पहले नाश्ता हो जाए
दूध खत्म करके मौसी बाथरूम में गई झटपट नहाने लगी मैं भी बाथरूम में मौसी के साथ घुस गया और मौसी को बोला पहले मेरे को भी नहला दो मौसी में मुझे छोटे बच्चों की तरह पटरे पर बिठाकर नहलाया, नहलाने के दौरान मौसी ने मेरा लंड पकड़ कर करके उसे भी साबुन लगाया तो मेरा लंड दोबारा खड़ा हो रहा था, इसके बाद मौसी बोली तेरी बारी है अब तू मुझे नहला, मैंने भी मौसी को अच्छे से साबुन लगाकर पीछे खड़े होकर मौसी के मम्मों पर दोनों हाथों से साबुन लगाया और अपनी कमर पर साबुन लगा कर मौसी की गांड और उसके नीचे का हिस्सा भी अच्छी तरह से रगड़ा और उसके बाद एक दूसरे से लिपटते हुए हम दोनों गरम तो हो रहे थे पर थकावट के कारण उस समय बाथरूम में चुदाई करने की हिम्मत नहीं हुई इसलिए हम दोनों नहाने का ही मजा लेते हुए अपने को समझा रहे थे कि बिल्कुल नए ढंग की चुदाई हम लंच में करेंगे
यह सोचकर हम दोनों ने एक दूसरे को अच्छे से पौंछा
मौसी ने मां की पतली सी मैक्सी निकालकर अपने नंगे शरीर पर डाल ली और मैंने भी एक पतला कच्छा अपनी कमर पर बांध लिया और हम दोनों किचन में आ गए

आगे की कहानी अगले अपडेट में....
 

Lib am

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जब मेरी नींद खुली तो पहले तो कुछ समझ नहीं आया कुछ सेकंड बाद अपने साथ नंगी लेटी हुई मौसी को देखकर याद आया कि सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक बिना कुछ खाए पिए हम दोनों लगातार चुदाई में लगे हुए थे और चुदाई भी इतनी भयंकर तरीके से की थी कि मेरी और मौसी की पता नहीं कितने दिनों की अनबुझी प्यास हमारे चुदाई के जनून से कुछ हद तक शांत हो पाई थी
मैंने बहुत ही खुलकर बिना किसी रुकावट मौसी को चोदा था और मौसी ने भी मेरा लोड़ा अपनी जीभ मम्मों और मुँह में बहुत अच्छे से पिलवाया था साथ ही साथ मौसी ने अपनी चूत का स्वाद मेरे मुंह को भी चूसने को दिया था
सोचते सोचते मैं मौसी के अपने साथ चिपके हुए मौसी के नंगे शरीर से और ज्यादा चिपक गया
मौसी कमर के बल लेटी हुई बेहोश जैसे पडी सो रही थी मौसी का घुटना एक फैला हुआ था जो मुड़कर बिस्तर पर लगा हुआ था जिससे मौसी के मोटे मोटे नितंब और ज्यादा आकर्षक लग रहे थे
मौसी की गोरी बेदाग पीठ कमरे की रोशनी में बहुत ज्यादा चमक रही थी मैंने आगे झुकते हुए मौसी की गर्दन के नीचे चुम्मी ली और चम्मच की तरह पीछे से मौसी से लिपट गया
मौसी जैसे बेहोश ही पड़ी रही मैंने मौसी से चिपकने के लिए अपने लंड को मौसी की पीठ से मिलाया तो मुझे अपने शरीर में बहुत ज्यादा थकावट महसूस हुई तब मुझे ख्याल आया थी मैंने रात से कुछ भी नहीं खाया है
सुबह मां बाप के घर से निकलते ही मैं मां बाप की रात की चुदाई का सीन याद करके मुठ मारने लगा था कि मौसी ने घर घंटी बजा कर आने का घोषणा की थी
मौसी भी रात का सफर करके सुबह सुबह पहुंची थी इसका मतलब मौसी भी रात से भूखी ही थी और हमारी उत्तेजना का हाल था कि मेरी बनाई हुई चाय ठंडी हो कर साइड में पड़ी थी और हमें सिर्फ एक दूसरे की वीर्य और काम रस चाटने का ही जोश और होश था इसके अलावा हमें कुछ भी नहीं सुझ रहा था
मैंने अपना हाथ मौसी के आगे की तरफ करते हुए मौसी की मम्मों को दबाते हुए आपकी पीठ को अपनी मौसी की पीठ से और ज्यादा दबा दिया और अपने पेट में दौड़ते चूहा की गिनती करने लगा
मुझे पता था कि मौसी भी बिल्कुल भूखी प्यासी है मौसी ने मेरा लंड चूस कर जो वीर्य पान किया था उसके अलावा मौसी के गले से कुछ भी नहीं उतरा था मेरे कसकर मौसी की छाती को दबाने के बाद भी मौसी की नींद में कोई खलल नहीं पड़ा तो मैंने थोड़ा पीछे हुए होते हुए मौसी को पीठ के बल लिटा दिया
अब मौसी के मोटे मोटे गुदाज मम्मे थोड़े नरम होकर छातियों पर बेतरतीब फैले हुए थे मौसी की टांगों के बीच में हमारा मिलाजुला काम रस टपक रहा था मौसी की केले के तनो जैसी मांसल चिकनी जांघें अभी भी बहुत आकर्षक लग रही थी मौसी के पेट पर पड़े हुए स्ट्रेच मार्क्स किसी भी जवान के लैंड को खड़ा करने के लिए पर्याप्त थे
इतनी सुंदरता होने के बाद पता नहीं क्यों मौसी इतनी ज्यादा प्यासी थी मौसा जी भी इतने बूढ़े नहीं हुए थे कि मौसी मां को चोदने में सफलता नहीं पाते हों पिछली बार जब मैं मौसी के घर गया था तो मैंने उनकी जोरदार चुदाई की आवाजें सुनी थी अब 6 महीने में ही ऐसा क्या हुआ कि मौसी की चूत बिल्कुल प्यासी हो गई थी और मेरा मौसेरा भाई संजय भी मौसी को चोदने की फिराक में रहता था पता नहीं उसको अपनी मां चोदने का मौका मिला या नहीं शायद उसने कोशिश नहीं की होगी अगर जवान बेटे का लंड मौसी को मिला होता तो शर्तिया मौसी की चूत इतनी प्यासी नहीं होती चलो जो भी हो मौसी से आराम से इस बारे में बात करूंगा अभी तो मेरे पेट में चूहे ओलंपिक रेस लगा रहे थे और लगातार कुश्ती लड़ने के कारण मेरे शरीर के सब जोड़ भी दुखने लगे थे
मेरे जवान शरीर का थकावट से यह हाल था तो इतनी भयंकर जुदाई होने के बाद मौसी के बुढा़ते हुए शरीर की क्या हालत होगी मैं इसका अंदाजा ही लगा पा रहा था

अपनी बची हुई ताकत समेटकर मैं उठकर किचन में गया सबसे पहले तो दूध गर्म करके कमरे में ले आएगा और मौसी को उठाने लगा मौसी अभी भी बेसुध पड़ी हुई थी
मैंने मौसी के मुंह होठों को चूसा चुम्मा और मौसी की चूत में उंगली की तो मौसी थोड़ा कसमसाई और हिली
लगातार मौसी को उत्तेजित करने से मौसी का शरीर होश में आने लगा और जागने पर मैंने मौसी को पूछा,तो मौसी बोली बहुत कमजोरी लग रही है और तेज भूख लगी है

उस हालत में भी मौसी ने मेरे लंड को पकड़ा जोर से दबाया अपना गाल मेरे लंड पर रगड़ते हुए बोली: मेरे राजा, मेरे को कुछ पिला दे ताकि मेरे में उठने की हिम्मत बने
मैंने आगे झुककर दूध का गिलास मौसी के हाथ में दिया और बोला कि पहले भैंस का दूध पी लो फिर अपने बेटे के थन में से ताजी मलाई वाला दूध निकाल कर पी लेना तो पूरी ताकत आ जाएगी
मौसी ने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में दबा कर जवाब दिया सुबह से इसी की मलाई चाट रही हूं जिससे हिम्मत बनी हुई है पर अब भैंस का दूध पीती हूं फिर तेरे लिए नाश्ता बनाती हूं
मैंने मौसी से कहा कि मेरा नाश्ता को तुम्हारी पावरोटी खाकर भी भर जाएगा हो जाएगा और तुम मेरा यह पनीर रोल खा लो

मौसी बोली अब सब्र से, पहले थोड़ा नाश्ता करते हैं, फिर आराम करेंगे उसके बाद लंच में चुदाई का धुआंधार कार्यक्रम अच्छे से करेंगे
बेटा जैसी चुदाई तूने आज की है मेरी ऐसी भयंकर और लगातार चुदाई कभी नहीं हुई
मैंने पूछा क्यों मौसा का लंड कमजोर है या फिर मन भर गया है, शुरू में तो रोज ही तुम्हें पेलते होंगे तुम्हारे सुंदर शरीर पर दिन में कई कई बार सवारी करते होंगे
मौसी बोली: नहीं, तेरे मौसा बहुत पुराने विचारों के हैं, शादी के बाद एक साल तक तो कई बार एक दिन में मुझे दो तीन बार भी चोद देते थे पर उनका तरीका बहुत सीधा था जब उनका लंड खड़ा होता है या चोदने का मन करता है तो मेरे पास लेट कर मुझसे चुम्मा चाटी करते हैं मेरे निपल्स मसलते हैं फिर मेरी चूत में उंगली करके मुझे गीला करते हैं और उसके ऊपर मेरे ऊपर चढ़कर रेलगाड़ी की तरह धमाधम चोद देते थे
अब फर्क सिर्फ इतना है या है कि पहले कभी कभी रात में दो तीन बार चोद देते थे अब 15 -20 दिन में एक बार मेरे ऊपर चढ़ते हैं
मैं मौसी के गाल को चूमता हुआ बोला अब समझा क्यों आज आप अपने बेटे पर इतना मेहरबान हो रही थी मेरे को तो आपकी भूख के कारण जन्नत मिल गई, मेरे लंड से कभी भी लगातार इतनी बार चूत का स्वाद एक बार में नहीं मिला और यहां तो चूत के साथ आपकी मम्मों और मुंह का स्वाद भी उसको मिल गया आज का दिन मेरे लिए बहुत अच्छा चढ़ा है
मौसी हंसी और बोली तेरा दिन अच्छा चढ़ा है और आज सुबह से तू मेरे ऊपर बहुत अच्छी तरह चढ़ा है दोनों को मजा आ गया चल अब लंच में हम चुदाई का पकवान किसी और ढंग से बना कर और ज्यादा मजा लेंगे
मैं भी मौके का फायदा उठाते हुए पूछा मौसी संजय भी तो तुम्हें बहुत प्यार करना चाहता है उसे मौका क्यों नहीं देती वह जवान लड़का का सारा दिन अपनी मां और बहन के ही सपने देखता रहता है और बाथरूम में तुम्हारे सजना के कपड़े सुंघकर ही अपनी भूख शांत करने का प्रयास करता है
यह सुनकर मौसी हक्की बक्की रह गई और बोली: अच्छा!!!!!
मैंने जवाब दिया: हां मासी, जब मैं तुम्हारे यहां गया था तो मैंने उसको खिड़की में से तुम्हारी और मौसी की चुदाई देखते हुए पाया था और बाद में मैंने उसपर नजर रखी तो पाया कि वो तुम्हारे नंगे बदन को ताड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ता है
मौसी : मैं ही पागल हूं, अपने मासूम बेटे का मेरे लिए उमड़ रहा जवानी का प्यार ही नहीं समझ पाई और अपने व अपने बेटे को एक दूसरे के मां बेटे वाले असली प्यार से वंचित रखा
तेरे से उस धर्मशाला में चुदाई करवाने के बाद भी मुझे ख्वाब तक नहीं आया कि मैं संजय बेटे के खड़े लौड़े वाले प्यार को देख सकूं और आज जब तुने जो मुझे अपने और अपनी मां के संबंध के बारे में बताया तो भी मुझे सोचना चाहिए था
मैं बोला, मौसी आज तो हमें सांस लेने की भी फुर्सत नहीं मिली, खैर अब आराम से मैं तुम्हें संजय की इच्छा बताऊंगा, पहले नाश्ता हो जाए
दूध खत्म करके मौसी बाथरूम में गई झटपट नहाने लगी मैं भी बाथरूम में मौसी के साथ घुस गया और मौसी को बोला पहले मेरे को भी नहला दो मौसी में मुझे छोटे बच्चों की तरह पटरे पर बिठाकर नहलाया, नहलाने के दौरान मौसी ने मेरा लंड पकड़ कर करके उसे भी साबुन लगाया तो मेरा लंड दोबारा खड़ा हो रहा था, इसके बाद मौसी बोली तेरी बारी है अब तू मुझे नहला, मैंने भी मौसी को अच्छे से साबुन लगाकर पीछे खड़े होकर मौसी के मम्मों पर दोनों हाथों से साबुन लगाया और अपनी कमर पर साबुन लगा कर मौसी की गांड और उसके नीचे का हिस्सा भी अच्छी तरह से रगड़ा और उसके बाद एक दूसरे से लिपटते हुए हम दोनों गरम तो हो रहे थे पर थकावट के कारण उस समय बाथरूम में चुदाई करने की हिम्मत नहीं हुई इसलिए हम दोनों नहाने का ही मजा लेते हुए अपने को समझा रहे थे कि बिल्कुल नए ढंग की चुदाई हम लंच में करेंगे
यह सोचकर हम दोनों ने एक दूसरे को अच्छे से पौंछा
मौसी ने मां की पतली सी मैक्सी निकालकर अपने नंगे शरीर पर डाल ली और मैंने भी एक पतला कच्छा अपनी कमर पर बांध लिया और हम दोनों किचन में आ गए

आगे की कहानी अगले अपडेट में....
बहुत ही खूबसूरत अपडेट। अब संजय भी अपनी माँ की प्यास बुझा पायेगा। माँ और पापा की भी डिटेल्स दे दीजिए।
 

Raz-s9

No nude av/dp -XF STAFF
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Awesome
 

vbhurke

Active Member
502
751
94
Osssssum
 

Yamanadu

Member
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Bhai ma kidhr hai abb story m
 

Meenabhabhi

New Member
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मेरे प्यारे भैया
कहानी आगे तो बढ़ाओ
मौसी की धुंआधार बज रही है मज़े को बीच में KLPD मत करो
 

Sangya

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अब आपको क्या कहूं?
भाभी या प्यारी बहना!
कहानी लिखने में कुछ विलंब चल रहा है इसके पीछे KLPD GCPD (गीली चूत पर धोखा) करने का इरादा नहीं बल्कि नौकरी की मजबूरियां हैं
जल्दी ही अपडेट आ रहा है
 
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Sangya

Member
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Bhai ma kidhr hai abb story m
दुबारा मां चोदने की कहानी प्रबल इच्छा है?
तुम्हारे कष्ट को समझ रहा हूं
पर अभी मौसी को पेल रहा हूं
उसके तुरंत बाद मौसी के बेटे के मुंह से उसकी मां को चोदने का पूरा किस्सा पढ़ने में आपको incest का पूरा आनंद मिलेगा
 
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Pardhan

Ak 47
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मां ने मुझे शारीरिक और मानसिक रूप से संतुष्ट किया
बचपन से मैं अपनी मां के बहुत निकट रहा, पिताजी दफ्तर के काम में व्यस्त रहते थे
मैं और मेरा छोटा भाई सैक्स वाली उम्र के हुए नहीं होंगे तभी से हमने मां के साथ लिपटकर सोने में बहुत आनंद महसूस करते थे
यह आनंद उस आनंद के मुकाबले बहुत ज्यादा था जो कि हमें आपस में गले मिलकर सोने में या अपने मकान मालिक की बेटी के साथ घर-घर खेलते हुए गले मिलने में आता था
शायद मां का गदराया हुआ शरीर हमें अधिक आनंदित करता है
घर पर मां हमारे सामने सिर्फ बिना कच्छी के पेटीकोट तथा बिना ब्रा के ब्लाउज पहनती थी। सिर्फ जब कभी घर में कोई मेहमान आया होता था तो साड़ी लपेट लेती थी।
मां के साथ सोते-सोते हम अपनी अपनी छोटी सा नोनी कच्छी के अंदर से ही मां के पेटीकोट के उपर से मां के भारी चौड़ै नितंबों पर रगड़ते थे तो एक अलग मजा आता था
बीच-बीच में मां के नंगे पेट पर हाथ फेरना नाभि में उंगली डालना तथा कसकर अपनी छोटी सी लुल्ली को मां के चूतड़ों के बीच में डालकर हम दोनों भाई बहुत खुश हुआ करते थे। इस सब में हमें बहुत ही मजा आता था तक हमें यह नहीं पता था कि यह कोई वर्जित क्रिया है
दोपहर को सोते हुए मां से लिपटना मां की चूतड़ों में लुल्ली करना और इसी तरह से सो जाना क्या मजे के दिन थे और हैरानी की बात यह थी कि मां भी हमारे इस खेल को कभी भी नहीं रोकती थी बल्कि हरेक दिन मौका मिलते ही हमें अपने साथ लेटने और खेलने का पूरा अवसर एवं अधिकार देने का प्रयास करती थी
इस वजह से भी हम दोनों भाई मां के नितंबों व पेट पर बिना किसी शर्म या रोक-टोक के अपने अंगों को दबाते हुए मज़े लेते रहते थे
Great story
 
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