बहुत ही बढ़िया अपडेट था । अब माँ और चाची दोनो के साथ सामुहिक चुदाई वाला अपडेट होना चाहिए
महोदय आप कदरदान पाठक हैं और मैं एक नवोदित ठरकी लेखक जो कि अपनी आपबीती को कुछ छुपा कर कुछ ढककर आपके सामने प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूं
मुझे आपका सुझाव की कद्र करनी चाहिए और अपनी कहानी में समावेश करना चाहिए किंतु जैसा कि मैंने निवेदन किया है यह मेरी आपबीती है तो मैं जो घंटा उसे लगभग उसी ढंग से आपके सामने रख रहा हूं दूसरा अब दूसरा पक्ष थोड़ा व्यक्तिगत है मैं यह समझता हूं कि सेक्स दो आत्माओं के बीच की चीज है इसमें सिर्फ प्यार तथा एक दूसरे को समझने का प्रयास होता है जिससे दोनों शरीर और मन एक दूसरे में समा जाते हैं।
अब चाहे मेरी मां ने मुझे अपना शरीर मेरे को बाहर भटकने से रोकने के लिए दिया हो या अपनी भूख को थोड़ा सा शांत करने के लिए किंतु इसमें प्यार तो है ही और मां कभी नहीं चाहती कि उसका और मेरे बीच का प्यार इस तरह से बटे, इसी तरह चाची से जो मेरा संबंध शुरू हुआ वह चाची की कुंठा और अकेलेपन को दूर करने का मेरी ओर से प्रयास था चाची ने भी मेरे ऊपर पूरा विश्वास करके अपना शरीर और मन मेरे हवाले कर दिया था, मैंने खुद ही देखा था चाची के भतीजे भांजे भी आकर चाची के ऊपर लाइन मारते थे, किंतु चाची ने किसी को घास नहीं डाली, मेरे द्वारा चाची की सेवा का प्रसाद था, या मेरे भाव तथा मेरे मन से चाची के प्रति प्यार मने ही चाची को इतना निडर बनाया होगा कि चाची ने अपना सबकुछ मेरे को अर्पित कर दिया।
अब अगर मैं मां और चाची शायद दोनों को पता भी हो, स्त्रियों छठी इंद्री इतनी जागृत होती है कि बिना कुछ किए भी व्यक्ति के मनोभावों को पकड़ लेती हैं अब चाहे मां को पता हो कि मैं चाची को ठोकता हूं या चाची से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं (प्यार का पक्ष तो पक्का ही पता होगा) और ठोकने का शक होगा लेकिन मां को शायद यकीन नहीं होगा की चाची ने अपना सब कुछ मुझे सौंप दिया है, इसी प्रकार चाची भी शायद कभी यकीन ना कर पाए कि मैंने मां से अंतरंग संबंध बना लिए हैं और मां ने मुझे अपनी सबसे मूल्यवान चीज दे दी है।
इसलिए उनके मनोभावों को का आदर करते हुए मैं कभी भी उन दोनों को आमने-सामने नहीं करूंगा ना ही एक के सामने दूसरे से संबंधों को स्वीकार करूगां इसलिए बहुत ही एतिहात और समझदारी के साथ मुझे यह खेल जारी रखना लग रहा था। यह उस समय की बात है।
अब मूल विषय यह है कि जब कोई स्त्री किसी पुरुष को अपना तन मन देती है तो यह उससे दगा करना होगा कि उसको किसी दूसरी स्त्री के सामने नंगा किया जाए इसलिए और भी क्योंकि सेक्स दो आत्माओं का मिलन है इसलिए मैं दोनों के साथ सामुहिक संभोग के बारे में कभी नहीं सोच सकता। यह मेरा व्यक्तिगत विचार है ।
हो सकता है आपको यह बहुत पसंद हो पर सेक्स इतना गूढ़ विषय है कि सब लोग अपनी अपनी अलग दुनिया बनाए रखते हैं। मैं आपकी भावनाओं का आदर करता हूं पर अपना पक्ष आपके सामने रखते हुए क्षमा चाहता हूं कि मैं मां और चाची को एक दूसरे के सामने ठोकने की कहानी बनाकर पाठकों के सामने नहीं रख सकता। कृपया साथ में बने रहिए कहानी में बहुत सारे मोड़ हैं, बहुत सारे नए पात्र आपके सामने आएंगे और मां के मेरे साथ संबंध एक अलग ऊंचाई पर पहुंचेंगे तथा चाची को बिल्कुल स्वस्थ होते हुए देखकर आपको भी शायद अच्छा लगेगा।
अपनी भावनाओं से अवगत कराते रहिए यदि संभव होगा तो मैं समावेश करूंगा।